लाली
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लाली ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लाल + ई (प्रत्य॰)]
१. लाल होने का भाव । अरुणता । लालपन । सुर्खी ।
२. इज्जत । पत । आबरू । जैसे,—(क) आज आपकी ही कृपा से उनकी लाली रह गई । (ख) मेरी लाली तुम्हारे हाथ है । विशेष—कभी कभी खाली 'लाली' और कभी कभी 'मुँह की लाली' भी बोलते हैं ।
३. पीसी हुई ईटें जो चूने में मिलाई जाती हैं । सुरखी ।
लाली ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] आसाम की एक नदी का नाम ।
लाली ^३ संज्ञा स्त्री [सं॰ लालिन्] वह व्यक्ति जो स्त्रियों को बहकाकर कुमार्ग की ओर प्रवृत्त करना हो ।
लाली ^४ वि॰ दुलार करनेवाला । प्यार करनेवाला [को॰] ।
लाली ^५ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] भूत प्रेत आदि से आविष्ट होना [को॰] ।
लाली वि॰ स्त्री॰ [सं॰ नील] नीले रंग की । नीली । उ॰— बंदन शिरताटंक गंड पर रतन जटित मणि लीली ।—सूर (शब्द॰) ।