लुकना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लुकना क्रि॰ अ॰ [सं॰ लुक(=लोप)] ऐसी जगह हो रहना, जहाँ कोई देख न सके । आड़ में होना । गुप्त स्थान में हो रहना । छिपना । उ॰— कार्तिक के द्यौस कहूँ आई न्हाइबे को वह गोपिन के सग जऊ नेसुक लुकी रही ।—द्विजदेव (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—जाना ।—रहना । मुहा॰—लुक छिपकर=गुप्त रूप से । अप्रकट में । किसी के देखने में नही । जैसे,—लुक छिपकर बहुत से लोग शराब पीते हैं ।