लेप
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लेप संज्ञा पुं॰ [सं॰]
आवरण ।
१. गीली या पानी आदि के साथ मिली हुई वस्तु जिसकी तह किसी वस्तुओ के ऊपर फैलाकर चढ़ाई जाय । पोतने, छोपने या चुपड़ने की चीज । लेई के समान गाढ़ी गीली वस्तु । मरहम । जैसे,—जहाँ चाट लगो है, वहाँ यह लेप चढ़ा देना । क्रि॰ प्र॰—चढ़ाना ।—रखना ।—लगाना ।
२. गाढ़ी गीली वस्तु की तह जो किसी वस्तुओ के ऊपर फैलाई जाय ।
३. उबटन । बटना ।
४. लगाव । संबंध ।
५. धब्बा । दाग (को॰) ।
६. किसी वस्तु में मिट्टी लगाना । मृतिकालेपन (को॰) ।
७. नैतिक पतन या दोष । पाप ।
९. खाद्यपदार्थ ।
१०. श्रद्ध के समय पिंडदान के अनंतर हाथों में लगा हुआ पिंड का अन्न जिसे वेदी पर बिछे हुए कुशमूल में लगाते हैं । यह अन्न चौथी, पाँचवीं और छठी पीढ़ी के लेखभागी पितर प्राप्त करते हैं ।