लेश्या

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लेश्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. जैनियों के अनुसार जीव की वह अवस्था जिसके कारण कर्म जीव को बाँधता है । यह छह प्रकार की मानी गई है—कृष्ण, नील, कपोत, पीत, पद्म और शुक्ल । विशेष—इसे जैन लोग जीव का पर्याय भी मानते हैं ।

२. प्रकाश (को॰) ।