लोकायत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लोकायत संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह मनुष्य जो इस लोक में अतिरिक्त दूसरे लोक को न मानता हो ।

२. चार्बाक दर्शन, जिसमें परलोक या परोक्षवाद का खंडन है ।

३. किसी किसी के मत से टुर्मिल नामक छंद का एक नाम ।