लोला

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लोला ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. जिह्वा । जीभ ।

२. लक्ष्मी ।

३. मधु दैत्य की माता ।

४. एक योगिनी का नाम ।

५. युक्तिकल्पतरु के अनुसार एक प्रकार की नाव । ६४ हाथ चाँड़ी, ८ हाथ लंबी और ६ २/४ हाथ ऊँची नौका ।

६. चंचला स्त्री । अत्यत चपल औरत (को॰) ।

७. विद्युत । तड़ित । चपल (को॰) ।

८. एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में मगण, सगण, मगण, भगण और अंत में दो गुरु होते हैं । इसमें सात सात पर यति होती है । उ॰—मा सौमौ भग गौ रो काहु ती मुख देखे । सिहौ- री कटि जोहे हस्ती चालहिं पेखे । लोला सी मृदुबैना पूछै बाल नवीना । बोली मातु फबै ना बाणी नोति विहोना ।—छद॰॰ पृ॰ २०० ।

लोला † ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] लड़कों का एक खइलौना । यह एक डंडा होता है, जिसके दोनों सिरों पर दो लट्टु होते हैं ।