लोहू

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लोहू संज्ञा पुं॰ [सं॰ लोहित (=लाल)] रक्त । विशेष दे॰ 'लहू' । उ॰— (क) तहिया हम तुम एकै लोहू । एकै प्रान वियावल मोहू । —कवीर (शब्द॰) । (ख) राते विंव भए तेहि लोहू । परवर पाक फटे हिय गोहूँ । —जायसी (शब्द॰) । (ग) लोयिन्ह ते लोहू के प्रवाह चले जहाँ तहाँ मनहू गिरिन गेरू झरना झरत हैं । —तुलसी (शब्द॰) । (घ) माता को मांस तोहि लागतु है मीठी मुख पियत पिता को लोहू नेक न अघाति हैं ।— केशव (शब्द॰) । यौ॰— लोहू लुहान=खून से लथपथ । उ॰ 'अरे यह क्या! मनू औन नाना साहव दोनों लोहुलुहान है ।—झाँसी॰, पृ॰ २५ ।