वंदनवार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वंदनवार संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वन्दनमाल] वह माला जो सजावट के लिये घरों के द्वार पर या मंडप के चारों ओर उत्सव के समय बाँधी जाती है । उ॰—सेजहि सुधारै एक, रोशनी उज्यारैं एक, बाँधती वंदनवारैं झारै फूल क्यारी को । —राम (शब्द॰) । विशेष—इस माला में फूल पत्तियाँ गुथी रहती हैं । यज्ञादि के अवसर पर इसमें आम के पल्लव गूँथे जाते हैं ।