वकालत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वकालत संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]
१. दूसरे के किसी काम का भार लेना । दूसरे के स्थानापन्न होकर काम करना ।
२. दूसरे का सँदेसा जोर देकर कहना । दूतकर्म ।
३. दूसरे के पक्ष का मंडन दूसरे की ओर से उसके अनुकूल बातचीत करना । जैसे,—उन्हें जो कुछ कहना होगा आप कहेंगे, तुम क्यों उनकी ओर से वकालत करते हो ।
४. अदालत या कचहरी में किसी मामले में वादी या प्रतिवादी की ओर से प्रश्नोत्तर या वादविबाद करने का काम । मुकदमे में किसी फरीक की तरफ से बहस करने का पेशा । मुहा॰—वकालत चलना या चमकना = वकालत के पेशे में आमदनी होना । वकालत जमना = वकालत के पेशे में लाभ होने लगना । यौ॰—वकालतनामा ।