वजूद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वजूद संज्ञा पुं॰ [अ॰]
१. सत्ता । स्थिति । अस्तित्व । उ॰—नाहीं खबर वजूद की मैं फकीर दिवाना ।—मलूक॰ बानी, पृ॰ ७ ।
२. शरीर । देह । उ॰—वजूद खजाना अलह का, जर अंदर अरि वाहि । रज्जब पीर खजानची, दसत न सकई बाहि ।—रज्जब॰, पृ॰ १८ ।
३. सृष्ट ।
४. प्रकट या घटित होना । अभिव्यक्ति । मुहा॰—वजूद पकड़ना=प्रकट होना । अस्तित्व में आना । वजूद में आना=उत्पन्न होना । प्रकट होना । वजूद में लाना= उत्पन्न करना ।