वट
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वट ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वण्ट]
१. भाग । बाँट ।
२. हँसिया आदि की मूठ । बेंट । वह ।
३. वह जिसकी पूँछ न हो या कट गई हो । लँड़ूरा । बाँड़ा ।
४. अविवाहित पुरुष ।
वट संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बरगद का पेड़ । उ॰—लेकर वट का दूध जटा प्रभु ने रची, अब सुमंत्र के लिये न कुछ आशा बची । साकेत, पृ॰ १२६ ।
२. गोली वस्तु । गेंद । गोल (को॰) ।
३. एक खाद्य । वड़ा या पकौड़ा (को॰) ।
४. साम्य । एकरूपता (को॰) ।
५. श्रृंखला । लड़ी या डोरी (को॰) ।
६. एक पक्षी (को॰) ।
७. कौड़ी । कपर्दक (को॰) ।
८. गंवक (को॰) ।
९. शून्य । सिफर (को॰) ।
१०. शतरंज का प्यादा (को॰) ।