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वत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. खेद ।

२. अनुकंपा ।

३. संतोष ।

४. विस्मय ।

५. आमंत्रण ।

वत ^२ अव्य॰ [सं॰] शब्दों एवं विचारों पर जोर देने के लिये प्रयुक्त शब्द । विशेष दे॰ 'बत' । विशेष—हिंदी में इसका प्रयोग नहीं मिलता है ।