वतनी संज्ञा पुं॰ [अ॰ वतन] अपने देश का निवासी । उ॰—एते जीव ज्याचे वतनी सो ऐसा राजा त्रिभुवन घनी ।—दक्खिनी॰, पृ॰ ३० ।