वरद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वरद ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ वरदा] वर देनेवाला । अभीष्टदाता ।
२. प्रसन्न । हर्षयुक्त (को॰) । यौ॰—वरदचतुर्थी = वरदा चतुर्थी । वरदहस्त = वर देने की मुद्रा । हाथ की वरद मुद्रा ।
वरद ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. उपकारी । कल्याणकर ।
२. पितृगणों का एक वर्ग [को॰] ।