वरन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वरन पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ वर्ण] दे॰ 'वर्ण' । उ॰—इनकौ अंग बोहोत सुंदर और गौर वरन है, श्री स्वामिनी जी सदृश ।— दो सौ बावन॰, भा॰

१. पृ॰ १०८ ।