वर्षण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ वर्षित] १. वृष्टि । बरसना । उ॰— भाव बदला हुआ—पहले की घनघटा वर्षण बनी हुई ।— अपरा, पृ॰ १४३ । २. छिड़कना । नीचे किसी पर डालना या फेंकना । जैसे, द्रव्यवर्षण, पुष्यवर्षण (को॰) ।