वल्कल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वल्कल संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वृक्ष की छाल । पेड़ों के धड़ और कांड पर का आवरण । पर्या॰—त्वक् । वल्क । चोच । चोलक । शल्क । छल्लक । छल्लि । छल्ली ।

२. वृक्ष की छाल का वस्त्र, जिसे अरण्यवासी मुनि और तपस्वी पहना करते थे उ॰—वल्कल की चोली हँस हँसकर ढीली करती थी आली ।—शकुं॰, पृ॰ ५ ।

३. ऋग्वेद की वाष्कल नामक शाखा ।

४. एक प्रकार की लोध (को॰) ।

५. एक दैत्य (को॰) । यौ॰—वल्कलसंवीत=वृक्ष की छाल का परिधान धारण करनेवाला ।