वश्य
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
वश्य ^१ वि॰ [सं॰]
१. वश में आनेवाला । ताबे होनेवाला ।
२. किसी की इच्छा के अधीन । दूसरी की आज्ञा या कहने में रहनेवाला । वश में रहनेवाला । उ॰—तुम्हारा धन है मान अवश्य; किंतु हूँ मैं तो यों ही वश्य ।—साकेत, पृ॰ ४४ ।
वश्य ^२ संज्ञा पुं॰
१. दास । सेवक ।
२. मातहत ।
३. मार्कंडेयपुराण के अनुसार अग्नीध्र का पाँचवाँ पुत्र ।
४. लवंग । लौंग (को॰) ।