वसुदेव

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वसुदेव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. यदुवंशियों के शूर कुल के एक राजा जो श्रीकृष्ण के पिता थे । विशेष—इनके पिता का नाम देवमीढ़ और माता का मारिषा था । इनके जन्म के समय स्वर्ग में र्दुदुभि का शब्द सुनाई पड़ा था इससे ये 'आनकदुंदुभी' कहलाते थे । ये अपने पिता के ज्येष्ठ पुत्र थे । इनकी बारह स्त्रियाँ थीं—पौरवी, रोहिणी, मदिरा, धरा, वैशाखी, भद्रा, सुनाम्नी, सहदेवा, शांतिदेवा, सुदेवा, देवरक्षिता और देवकी । इन पत्नियों के अतिरिक्त इनके सुतनु और बड़वा नाम की दो परिचारिकाएँ भी थीं । रोहिणी के गर्भ से बलराम और देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था । वसुदेव की बहन कुंती थी, जिससे पांडव उत्पन्न हुए थे ।

२. एक राजा जो पहले वसुभूति का अमात्म था और पीछे उसे मारकर आप राजा हुआ ।

३. धनिष्ठा नक्षत्र ।