वहशत
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पागलपन, घबराया हुआ होना, जंगलीपन, दरिंदगी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
वहशत संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]
१. जंगलीपन । असभ्यता । बर्बरता ।
२. उजड्डपन ।
३. पागलपन । बावलापन ।
४. चित्त की चंचलता । अधीरता ।
५. विकलता । धबराहट ।
६. चहल- पहल या रौनक न होना । सन्नाटापन । उदासी । उ॰—ऐ खिरदमंदो मुबारक हो तुम्हें फर्जानगी । हम हों औ सहरा हो औ वहशत हो औ दीवानगी ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ४३ ।
७. डरावनापन । मुहा॰—वहशत उछलना = (१) सनक होना । खब्त होना । (२) धुन होना । वहशत बरसना = (१) उदासी छाना । करुणा या दुःख का भाव प्रकट होना । रौनक न रेहना । (२) जंगलीपन प्रकट होना ।