वाच्य
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
वाच्य ^१ वि॰ [सं॰]
१. कहने योग्य । जो कथन में आवे ।
२. शब्द- संकेत द्वारा जिसका बोध हो । अभिवा द्वारा जिसका बोध हो । अभिधेय । विशेष—जिस शब्द द्वारा बोध होता है, उसे 'वाचक' कहते हैं, और जिस वस्तु या अर्थ का बोध होता है, असे 'वाच्य' कहते हैं ।
३. जिसे लोग भला बुरा कहें । कुत्सित । हीन ।
वाच्य ^२ संज्ञा पुं॰
१. अभिधेयार्थ । वाच्यार्थ । शब्दयोजना से प्राप्त अर्थ । व्यंग्य का उलटा । विशेष दे॰ 'वाच्यार्थ' । उ॰— एक में भाव वाच्य द्वारा प्रकट किया गया, दूसरे में अलंकार रूप ब्यंग्य द्वारा ।—रस॰, पृ॰ १२३ ।
४. प्रतिपादन ।