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वाज

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वाज ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. घृत । घो ।

२. यज्ञ ।

३. अन्न ।

४. जल ।

५. संग्राम । युद्ध ।

६. बल ।

७. वाण में का पंख जो पीछे लगा रहता है ।

८. पलक । निमेष ।

९. वेग । उ॰—अवलंबत, रव, जव, चपल, रंहसि, रय, त्वर, वाज । सहसा, सत्वर, रभ, तुरा, तुरन वेग के साज ।—नद॰ ग्रं॰, पृ॰ १०७ ।

१०. मुनि ।

११. शब्द । आवाज ।

१२. श्राद्ध में दिया जानेवाला चावल का पिंड (को॰) ।

१३. पंख । पर (को॰) ।

१४. चैत्र मास का एक नाम (को॰) ।

१५. यज्ञ के अंत में पढ़ा जानेवाला एक मंत्र (को॰) ।

१६. प्रतियोगिता में प्राप्त पुरस्कार (को॰) ।

१७. तीव्र गतिवाला घोड़ा (को॰) ।

१७. तीन ऋतुओं में से एक ऋतु (को॰) ।

१८. प्राप्ति । लाभ (को॰) ।

वाज ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰ वाज]

१. उपदेश । शिक्षा ।

२. वार्मिक व्याख्यान ।

३. घार्मिक उपदेश । कथा । क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।—होना ।