वाजी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वाजी ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वाजिन्]
१. घोड़ा ।
२. वासक । अड़ूसा ।
३. फटे हुए दूध का पानी । विशेष—वैद्यक में इसे रुचिकर तथा तृष्ण, दाह, रक्तपित्त और ज्वर का नाशक लिखा है ।
४. हवि ।
५. वाण । तीर (को॰) ।
६. वह जो वाजसनेयी शाखा का अनुयायी हो (को॰) ।
७. आदित्य । सूर्य (को॰) ।
८. इंद्र ।
९. बृहस्पति (को॰) ।
१०. पक्षी (को॰) ।
११. सात की संख्या (को॰) ।
१२. लगाम । वल्गा (को॰) ।
वाजी ^२ वि॰
१. तीव्र । वेगयुक्त । तेज ।
२. सुद्दढ़ । मजबूत ।
३. अन्नवाला । जिसके पास अन्न हो ।
४. पंखोंवाला । पक्षयुक्त [को॰] ।