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वाणी

विक्षनरी से

वाणी का अर्थ होता है आवाज़।

उदाहरण

  • व्यक्तित्व विकास के लिये भाषा के साथ वाणी की मधुरता भी आवश्यक है।
  • ऐसी वाणी बोलिये, मनका आपा खोय। औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय॥
  • आकाशवाणी
  • गुरुवाणी

मूल

वाणी संस्कृत मूल का शब्द है।

अन्य अर्थ

  • शब्द
  • स्वर
  • बोली

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

वाणी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. सरस्वती ।

२. मुंहसे निकले हुए सार्थक शब्द । वचन । उ॰—इसमें भी मन और भाव हैं किंतु नहीं वैसी वाणी ।—पंचवटी, पृ॰ ९ । मुहा॰—वाणी फुरना=मुँह से शब्द निकलना ।

३. वाक्शक्ति । उ॰—इतनी कहत गरुड़ पर चढ़िकै तुरतहि मधु- वन आए । कंबु कपोल परसि बालक के वाणी प्रगट कराए ।—सूर (शब्द॰) ।

४. वागिंद्रिय । जीभ । रसना । उ॰—नैन निरखि चक्रित ह्वै गए । मन वाणी दोऊ थकि रए ।—सूर (शब्द॰) ।

५. स्वर ।

६. साहित्यिक रचना या कृति । ग्रंथ (को॰) ।

७. प्रशंसा । स्तवन ।स्तुति (को॰) ।

८. एक छंद (को॰) ।

९. बुनाई [को॰] ।