वात्सल्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वात्सल्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. प्रेम । स्नेह ।

१. वह स्नेह जो पिता या माता के हृदय में संतति के प्रति होता है । माता पिता का प्रेम । विशेष—साहित्य में जिस प्रकार नायक नायिका के रतिभाव के वर्णन द्वारा श्रृंगार रस माना जाता है, उसी प्रकार कुछ लोग माता पिता के रतिभाव के विभाव, अनुभाव और सचारी सहित वर्णन को वात्सल्य रस मानते हैं । पर यह सर्वसंमत नहीं है । अधिकांश लोग दांपत्य रति के अतिरिक्त और प्रकार के रति भाव को 'भाव' ही मानते हैं ।