वापि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वापि, वापी] दे॰ 'वापी' । उ॰—किधौं पेट थल किधौं, वापि किधौ सागर है । जेतो जल परै, तेतो सकल समातु है ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ १२१ ।