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वार्त्ता

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वार्त्ता संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वार्त्ता, वार्ता]

१. जनश्रुति । अफवाह ।

२. संवाद । वृत्तांत । हाल ।

३. विषय । मामला । प्रसंग । बात ।

४. चार विद्यावर्गों (आन्वीक्षिकी, त्रयी, वार्ता और दंडनीति) में एक ।

५. कथोपकथन । बातचीत । यौ॰—वार्त्तालाप ।

५. वेश्य वृत्ति जिसके अंतर्गत कृषिकर्म, वाणिज्य, गोरक्षा और कुसीद हैं । यौ॰—वार्ताकर्म = कृषि, व्यापार, गोपालन आदि वैश्यों के कार्य ।

६. दुर्गा ।

७. अन्य के द्वारा क्रय विक्रय होना ।

८. ठहरना । रहना (को॰) ।

९. बैगन । भाँटा (को॰) ।

१०. वृत्ति । आजी- विका (को॰) ।