वास्तु
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वास्तु संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. शुभ निवासयोग्य स्थान । वह स्थान जिसपर घर उठाया जाय । डीह । विशेष—घर बनाने के पहले वास्तु या डीह के शुभाशुभ का विचार किया जाता है । बृहत्संहिता में वास्तुगृह के उत्तम, मघ्यम, आदि क्रम से पाँच भेद कहे गए हैं ।
२. घर । गृह । मकान ।
३. इमारत ।
४. कक्ष । कमरा (को॰) ।
५. दे॰ 'वास्तूक'—१, २ ।
६. आठ वस्सुओं में से एक का नाम (को॰) ।
७. एक प्रकार का अन्न (को॰) ।