विकङ्कत
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विकंकत संज्ञा पुं॰ [सं॰ विकङ्कत] एक जंगली वृक्ष का नाम । यक्षादि में स्त्रुवा इसी का बनता था । विशेष—इसे कटाई, किंकिणी और बंज कहते हैं । इसके पत्ते छोटे छोटे और डालियों में काँटे होते हैं । इसके फल बेर के आकार के तथा पकने पर मीठे होते है; पर अधपकी अवस्था में खटमीठे होते हैं । वैद्यक में यह लधु, दीपन और पाचक तथा कमल और प्लीहा का नाशक लिखा है । यज्ञों के लिये स्त्रुवा इसी की लकड़ी का बनाने का विधान है । पर्या॰—ग्रंथिल । सुवावृक्ष । स्वादुकंटक । कंटकी । व्याघ्रपाद । कंटकारी । वृतिकंट । स्त्रुग्दारु । मधुपर्णो । बहुफल । गोपघटी । दंतकाष्ठ । ब्रह्मपादप । हिमक । पिंडार । पृथुवीज । रावण । पादरोहण । सुधावृक्ष, इत्यादि ।