विक्रय
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विक्रय संज्ञा पुं॰ [सं॰] मूल्य लेकर कोई पदार्थ देना । बेचना । बिक्री । उ॰ इस दलील के आधार पर क्रय विक्रय के मामूली व्यापार में दस्तंदाजी करना—अर्थात् किसी चीज के बेचने या मोल लेने की मनाई कर देना—और भी अनुचित बात होगी ।—स्वाधीनता (शब्द॰) । यौ॰—क्रय विक्रय ।
विक्रय प्रतिक्रोष्टा संज्ञा पुं॰ [सं॰ विक्रय प्रतिकोष्ट] बोली बोलकर बेचनेवाला । नीलाम करनेवाला ।