सामग्री पर जाएँ

विक्षनरी:जन्तुविज्ञान परिभाषा कोश

विक्षनरी से
  • Abactinal -- पृष्ठीय
अरतः सममित प्राणियों की मुख से विपरीत सतह से संबद्ध। शूल चर्मियों के शरीर का बिना नाल पद वाला क्षेत्र जिसमें प्रायः मेड्रीपोराइट सम्मिलित होता है।
  • A-band -- ए-पट्ट
पेशी की अनुदैर्घ्य काट के परासंचनात्मक विवरण में दृष्टिगोचर पेशीन्यास के संकुचनशील भाग का ए-जोन जिसमें मोटे और पतले दोनों प्रकार के तंतुक पाए जाते हैं। यह एच-जोन/एच-पट्ट के दोनों ओर होता है।
  • Abaxial -- अपाक्ष
अक्ष से दूर की ओर निर्दिष्ट।
  • Abdomen -- उदर
1. कशेरुकियों के शरीर में वक्ष और श्रोणि मेखला के बीच का भाग।
2. आर्थोपोडा संघ के इंसेक्टा, क्रस्टेशिया तथा एरेकनिडा वर्गों में वक्ष या शिरोवक्ष के पीछे का भाग।
  • Abdominal appendage -- उदरीय उपांग
उदर से निकलने वाले बाह्य-पाद या उन्हीं के समान संरचनाएँ।
  • Abdominal ganglion -- उदरीय गुच्छिका
आहारनाल और दीर्घ अधर-पेशियों के बीच स्थित छोटा अंडाकार तंत्रिका केंद्र, जो आम तौर पर कीट के प्रत्येक उदरीय खंड में एक होता है। कभी-कभी ये गुच्छिकाएँ संयुक्त होकर उदर के पश्च खंडों में तंत्रिकाओं की आपूर्ति कर देती हैं।
  • Abducent nerve (abducens) -- अपचालिनी तंत्रिका
कशेरुकियों में छठी युग्मित कपाल तंत्रिका। यह प्रेरक तंत्रिका चतुर्थ वेन्ट्रिकल के तल के नीचे से निकल कर आंखों की बाह्य ऋजु पेशी तक जाती है।
  • Abductor coxa -- अपवर्तनी कक्षांग
शक्तिशाली कक्षांग पेशियों में से दूसरी पेशी।
  • Abductor muscle -- अपवर्तनी पेशी
किसी अंग या अवयव को शरीर की मध्यवर्ती रेखा या मुख्य अक्ष से बाहर की ओर ले जाने वाली पेशी।
  • Abiogenesis -- अजीवात्जनन
अजीवित पदार्थ से जीवों की उत्पत्ति की एक प्राचीन मिथ्या संकल्पना। इसे स्वत: जनन (स्पॉन्टेनियस जेनेरेशन) भी कहते हैं।
  • Abiotic -- अजैव
जैव-मंडल के अजैविक घटक जिनमें वायु, भूमि और लवण आते हैं। इन अजैविक कारकों में तापक्रम, आर्द्रता, वर्षा, सूर्य का प्रकाश, वायु की गति, पी.एच. और रसायन सम्मिलित हैं जो जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
  • Abomasum -- चतुर्थ आमाशय, एबोमेसम
रोमंथी प्राणियों में आमाशय का चौथा भाग जिसे पाचन की दृष्टि से वास्तविक आमाशय कहा जा सकता है।
  • Aboral -- अपमुख
मुँह से दूर अथवा उसके सामने की ओर स्थित।
  • Abranchiate -- अक्लोमी
बिना क्लोम या गिलों वाला।
  • Abrasion -- 1. अपघर्षण, 2. खरोंच
त्वचा पर घर्षण अथवा रगड़ से होने वाली क्षति।
  • Absolute -- पूर्ण आकलन
  • Estimation -- किसी आवास में पहले से निर्धारित एकक में कीटों की संख्या की गणना।
यह प्रति इकाई गणना आयतन, क्षेत्र, प्रति पादप परपोषी, प्रति प्राणि परपोषी आदि के संदर्भ में कीटों के घनत्व का आकलन बताती है। उदाहरण के लिए मानकीकृत चूषक पाशों द्वारा वायु से नमूना लेना, पादप भागों से अचल अवस्थाओं जैसे अंडे और प्यूपों को एकत्रित करना, पादप भागों पर अशन करते लारवों को एकत्रित करना अथवा उनकी पूरी पंक्ति अथवा प्रति वर्ग मीटर से कीटों अथवा उनकी परिपक्व अवस्थाओं की गणना करना।
  • Absorption -- अवशोषण
जीवित कोशिकाओं और ऊतकों द्वारा तरल और विलेयों का अंतर्ग्रहण।
  • Acanthocephala -- एकेन्थोसिफैला
कूट प्रगी (स्यूडोसीलोमेट) प्राणियों का एक संघ जिनको सामान्य भाषा में कंटशीर्ष कृमि कहते हैं। इनके वयस्क कशेरुकियों के आंत्र-परजीवी और डिभंक संधिपाद प्राणियों के परजीवी होते हैं।
  • Acanthocephalous -- कंटशीर्ष
अंकुशित शुंडिका (proboscis) वाला।
  • Acanthozooid -- एकेन्थोज़ोयड, कंटजीवक
मेखलाभों (सेस्टोड़ों) के प्रमूर्घ( प्रोस्कोलेक्स) का पुच्छीय भाग।
  • Acari -- एकैराई
ऐरेक्निडा कुल के ऐसे संधिपाद जिनमें चिचड़ियाँ (mites) और किलनियाँ (ticks) शामिल हैं।
  • Acaricide -- चिंचड़ीनाशी
चिंचड़ीयों और किलनियों को मारने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन, उदा. डाइकोफोल, गंधक आदि।
  • Acarology -- चिंचड़ीविज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत चिंचड़ीयों का अध्ययन किया जाता है।
  • Acaudate -- अपुच्छी
बिना पुच्छ का प्राणी।
  • Accessory gland -- सहायक ग्रन्थियाँ
कीटों के जनन-तंत्र से सम्बन्धित ग्रंथियाँ जो जनन-संबंधी कुछ गौण कार्यों को भी पूरा करती हैं। इसके द्वारा अंडों के आवरण अथवा कोष बनाने वाले आसंजनशील पदार्थ का स्रवण होता है। नर में श्लेष्मा ग्रंथि स्खलनीय सहायक ग्रंथि है जो वाहिनी में खुलती हैं।
  • Accessory vein -- अतिरिक्त शिरा
अनुदैर्घ्य शिरा की एक अतिरिक्त शाखा अथवा हाइमनोप्टेरा गण में अगले पंख के पक्षांत क्षेत्र की सबसे बाद की पश्चशिरा।
  • Accessory -- सहायक, अतिरिक्त
गौण या अप्रधान रुप. से सहायता देने वाला (अंग); जैसे सहायक ग्रंथि।
  • Accommodation -- समंजन
विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को साफ-साफ देखने के लिए आँखों में स्वतः होने वाला समायोजन जो मुख्यतः लेन्स की उत्तलता में परिवर्तन के फलस्वरुप होता है।
  • Accrescent antenna -- उत्तरवर्धी श्रृंगिका
शिखाग्र की ओर धीरे-धीरे मोटी होती श्रृंगिका।
  • Acentric -- अकंद्री
ऐसा गुणसूत्र जिसमें सेन्ट्रोमियर (सूत्रकेंद्र) नहीं होता।
  • Acephalocys -- एसेफैलोसिस्ट, अशीर्षपुटी
कुछ फीताकृमियों की उदाशय (हाइडेटिड) अवस्था।
  • Acephalous -- अशीर्षी
1. सिर अथवा सिर-जैसी संरचना से रहित।
2. बिना सुस्पष्ट सिर वाला (जैसे लैमेलिब्रैंक मोलस्क या ऐम्फिऑक्सस) अथवा वक्ष में आकुंचित ह्रासित सिर वाला (जैसे डिप्टेरा गण के कुछ लारवा-कीट)।
  • Acerate -- सूच्याकार
(एकाक्ष अथवा तीक्ष्णांत कंटिकाओं के संदर्भ में) सूई की तरह एक ओर से नुकीली।
  • Acerous -- अश्रृंगिक
1. बिना सींगों वाला।
2. बिना श्रृंगिकाओं वाला।
3. बिना स्पर्शक वाला।
  • Acetabulum -- श्रोणी उलूखल
1. चतुष्पाद कशेरुकियों की श्रोणि मेखला में उरु अस्थि के शीर्ष के लिए चषकाकार गर्तिका जो श्रोणि-संधि बनाती है।
2. कीटों के वक्ष के कोटर जहाँ पाद लगे होते हैं।
3. लूताभों के कक्षांग की गर्तिका।
4. पर्णाभ तथा फिता कृमियों और जोंकों के चूषक(अंग) जिनसे वे परपोषी पर संलग्न होते हैं।
5. शीर्षपादों की भुजा पर पाये जाने वाले चूषक (अंग)।
  • Acetyl choline -- ऐसीटिल कोलीन
तंत्रिका कोशिका द्वारा स्रवित एक ऐसा तंत्रि-रसायन जो अंतर्ग्रथन तथा तंत्रिपेशीय संधि पर विमोचित होता है। इसके अणु कोलीनेस्टरेज की क्रिया द्वारा तुरंत निम्नीकृत हो जाते हैं और इस प्रकार तंत्रिका फिर से नए आवेग को ग्रहण करने के लिए सक्षम हो जाती है।
  • Acetyl coenzyme a -- ऐसीटिल सहएन्जाइम ए.
सह-एन्जाइम ए. का एक ऐसीटिल थायोएस्टर जो कार्बोहाइड्रेटों के अपचयन तथा अम्लों के बीटा-ऑक्सीकरण के दौरान बनता है। यह अनेक उपापचयी अभिक्रियाओं में अंतरण कर्मक का काम करता है।
  • Achactous -- अशूक
बिना शूकों वाला।
  • Achiasmatic meiosis -- अकिऐज्मी अर्धासूत्रण
अर्धसूत्रि विभाजन जिसमें किऐज्मा नहीं बनता।
  • Achromasia -- एक्रोमेसिया
अभिरंजकों के प्रति कोशिकाओं अथवा ऊतकों की सामान्य प्रतिक्रिया का अभाव।
  • Achromatic figure (mitotic apparatus) -- अवर्णक आकृति
सूत्री विभाजन के दौरान बनने वाली एक संरचना जिसमें तारक युग्म, तर्कु तथा उस के अनेक कर्षण रेशे शामिल होते हैं।
  • Achromatic spindle -- अवर्णक तर्कु
कोशिका-विभाजन में ऐसे आभासी सूत्रों का तंत्र, जो केंद्रक के ध्रुवों की ओर मिलते हुए मध्य रेखा की ओर बढ़ते हुए दिखाई देते हैं।
  • Achromatin -- एक्रोमेटिन
केंद्रक का वह पदार्थ जो क्षारकीय अभिरंजकों द्वारा आसानी से नहीं रंगा जा सकता। (विप – क्रोमैटिन)
  • Acicle -- सूची
काँटे जैसा नौश्रृंग (scaphocerite), जैसे पैगुरिडी के प्राणियों (साधु केकड़ों) में।
  • Acicular -- सूच्याकार
सूई जैसी संरचना जिसमें एक लंबी, पतली नोंक होती है।
  • Aciculum -- सूचिका
कीटोपोडा के पार्श्वपाद (पैरापोडियम) में कड़ा आधारी शूक।
  • Acid gland -- अम्ल-ग्रंथि
हाइमेनोप्टेरा गण के कीटों की अम्ल-स्रावी ग्रंथि।
  • Acidophil (acidophile) -- अम्लरागी
अम्लरंजकों द्वारा भलीभांति रंगी जा सकने वाली संरचनाएँ, जैसे कुछ अंगक या कोशिका। उदा. रुधिर की इओसिनरागी कोशिकाएँ (इओसिनोफिल)।
  • Acoelomate -- अगुहिक
बिना प्रगुहा (सीलोम) वाले प्राणियों के लिए प्रयुक्त; जैसे प्लैटीहेलमिन्थीज, नेमैटोडा, रॉटिफ़ेरा तथा कुछ अन्य सरल अकशेरुकी।
  • Acoelous -- 1. अगुहिक 2.अगर्ती
1. वास्तविक प्रगुहा यानी सीलोम से रहित (प्राणी)।
2.चपटे कशेरुकाय (सेन्ट्रम) वाला कशेरुक।
  • Acontium -- एकांशियम, सूत्रवर्ध
ऐक्टीनियन प्राणियों (समुद्री एनीमोन) में आंत्रयोजनी तंतुओ की धागे जैसी संरचनाओं में से एक जो दंश कोशिकाओं से लैस होती है और प्राणी को छेड़ने पर उनकी सुरक्षा के लिए उनके मुंह या विशेष छिद्रों द्वारा एकदम बाहर निकल आती है।
  • Acquired character -- उपार्जित लक्षण
जीव द्वारा वातावरण या अंगों के उपयोग व अनुपयोग के परिणामस्वरुप अपने जीवन काल में प्राप्त किए जाने वाले लक्षण या विशेष संरचनाएँ।
  • Acquired variation -- उपार्जीत विभिन्नता
सामान्य से अलग व्यवहार, संरचना या अंग जो जीव के परिवर्धन के साथ-साथ अधिकाधिक स्पष्ट रुप से प्रकट होता जाता है।
  • Acquired -- उपार्जित
जीव को आनुवंशिक रुप में नहीं बल्कि स्वयं अपने प्रयत्नों से प्राप्त होने वाला (गुण या लक्षण) अथवा जन्म के बाद उत्पन्न होने वाला (रोग, इत्यादि)।
  • Acrania -- ऐक्रेनिया
कुछ वर्गीकरण पद्धतियों के अनुसार कॉर्डेटा का एक प्रभाग जिसमें हेमिकॉर्डेटा, यूरोकॉर्डेटा और सेफैलोकॉर्डेटा प्राणी आते हैं। वास्तविक सिर और मस्तिष्क या करोटि का न होना इनका विशिष्ट लक्षण है।
  • Acraspedote -- अविच्छद
1. बिना गुंठिका (वीलम) वाले (सीलेन्टरेट) प्राणी।
2.एक्रैस्पिडा प्रभाग का अथवा उससे संबंधित।
3.फीताकृमियों के ऐसे शरीर-खंड जिनके सिरे एक दूसरे पर बैठते हैं।
  • Acroblast -- अग्रकोरक
प्रशुक्राणु (स्पर्मेटिड) में गॉल्जी काय द्वारा घिरा हुआ इडियोप्लाज्म का पुंज जिससे अग्रपिंडक (ऐक्रोसोम) बनता है।
  • Acrocentric chromosome -- अग्रकेंद्री गुणसूत्र
गुणसूत्र जिसका सूत्रकेंद्र एक सिरे पर होता है। मानव में ये गुणसूत्रों की उन लघु भुजाओं पर अनुषंगी होते हैं जिसमें राइबोसोमी आर.एन.ए. जीन मौजूद होते हैं।
  • Acrocyst -- शिखरपुटी
कुछ हाइड्रॉइड प्राणियों में प्रावरक (गोनोथीका) के शिखर पर पॉलिप (गोनोफ़ोर) की काइटिनमय गोल पुटी-जैसी संरचना।
  • Acrodont -- अग्रदंती
हनु-अस्थि के किनारों पर जुड़े दाँत (जैसे, कुछ सरीसृपों में)।
  • Acromion process -- अंसकूट प्रवर्ध
अनेक उच्चतर कशेरुकियों में अंसफलक के कटक का अधर प्रसार जो मानव में कंधे का बाहरी कोण बनाकर अंस उलूखल की रक्षा करते हुए जत्रुक से मिलता है।
  • Acron -- एक्रोन
1. कीटों का मुखपूर्वी क्षेत्र।
2. तरुण ट्राइलोबाइट का अग्र अखंडित भाग।
  • Acrorhagus -- शिखरपुच्छ, एक्रोरैगस
एक्टिनेरिया के कुछ प्राणियों के शरीर के उपांत के निकट की गुलिका, जिसमें विशेष दंशकोशिकाएँ (निमेटोसिस्ट) होती हैं।
  • Acrosome -- अग्रपिंडक, एक्रोसोम
शुक्राणु के सिर का वह भाग जो गॉल्जी संमिश्र से व्युत्पन्न होता है और केंद्रक के अग्र सिरे को ढकता है। इसमें हायल्यूरोनिडेज़, प्रोटीएज़ और अम्ल फ़ॉस्फ़ेटेज़ जैसे अनेक एन्ज़ाइम होते हैं।
  • Acrotrophic ovariole -- अग्रपोषी अंडाशयक
पुटक नलिका के सिर पर स्थित पोषक कोशिकाओं वाले अंडाशयकों में से एक। कुछ कीटों में पाए जाने वाले ये अंडाशयक जीवद्रव्यीय सूत्रकों की सहायता से वर्धमान अंडों से जुड़े रहते हैं और अंडे ज्यों-जेयों अंडवाहिनी की ओर बढ़ते हैं त्यों-तेयों ये लंबे होते जाते हैं।
  • Acrotrophic eggtube -- अग्रपोषी अंडनली
अंडनलिका का वह प्रकार जिसमें पोषी कोशिकाएँ अग्रकोष्ठक तक सीमित रहती है।
  • Actin -- ऐक्टिन
पेशी तथा कोशिक पंजर के सूक्ष्मतंतुओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन। यह गोलिकामय (जी. ऐक्टिन) तथा रेशेदार (एफ. ऐक्टिन) इन दो रुपों में मिलता है।
  • Actinal -- मुखदिशी
अरीय सममित प्राणि का वह भाग अथवा उससे संबंधित भाग जिससे स्पर्शक या शाखाएँ निकलती हैं और जहाँ मुँह स्थित होता है।
  • Actine -- एक्टीन
तारकाकार कंटिका (spicule)।
  • Actinoblast -- एक्टिनोब्लास्ट, अरकोरक
वह मातृ कोशिका, जिससे कंटिका परिवर्धित होती है, जैसे पोरीफेरा में।
  • Actinopharynx -- अरग्रसनी
समुद्री ऐनीमोन की ग्रसिका (gullet)।
  • Actinopterygii -- ऐक्टिनॉप्टेरिजिआई
मछलियों का उपवर्ग या प्रभाग जिसमें कॉड, हेरिंग, सर्पमीन (ईल), सॉमन आदि सामान्य मछलियों के अतिरिक्त स्टर्जियन व गार पाइक कहलाने वाली गैनॉइड मछलियाँ भी आती हैं। इनके युग्मित पखों में केवल श्रृंगी अरों का कंकाल होता है और कोई भी अस्थिल या उपस्थिल संरचना नहीं होती।
  • Actinostome -- अरमुख, ऐक्टिनोस्टोम
समुद्री ऐनीमोन का मुख; तारामीन का 5-अरीय मुख-छिद्र।
  • Actinula -- ऐक्टिन्यूला, अरडिंभ
ट्युबुलेरिया-जैसे निवह (कॉलोनी) वाले कुछ सीलेन्टरेट प्राणियों का रेंगने वाला डिंभक। स्पर्शकों से परिपूर्ण यह डिंभक छोटे पॉलिप की तरह दिखाई देता है और जनक पॉलिप (गोनोफोर) के चषक में परिवर्धित होता है।
  • Activated charcoal -- सक्रियित काष्ठकोयला, सक्रियित चारकोल
उच्च कोटि का बहुत बारीक पिसा हूआ चारकोल जो तरल पदार्थ और गैसों का अवशोषण आसानी से कर लेता है।
  • Activation -- सक्रियण
ऐसे परिवर्तन का क्रम जिनसे अंडा इस अवस्था में पहुँचता है कि आगे विदलन की क्रिया शुरु हो सकती है। इस प्रक्रिया के फलस्वरुप अंडे में पहले ही स्थित दूत आर एन ए (mRNA) प्रोटीन संश्लेषण को क्रियान्वित करता है। प्रोटीन के संश्लेषण से पॉलीराइबोजोम संरचनाएँ बनती हैं।
  • Activator -- सक्रियक
ऐसा प्रोटीन जो प्रायः किसी विशिष्ट डी.एन.ए. अनुक्रम के 5′ सिरे पर संलग्न होकर उसके अनुलेखन को प्रश्रय अथवा बढ़ावा देता है।
  • Active ingredient -- सक्रिय अवयव
पीड़कनाशी का आविषालु तत्व (रसायन) जो जीवों को मारता है।
  • Active resistance -- सक्रिय प्रतिरोध
परपोषी पर आक्रमण के पश्चात् होने वाली सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया।
  • Active transport -- सक्रिय अभिगमन
सांद्रण प्रवणता की विपरीत दिशा में आयनों अथवा उपापचयजों का अभिगमन। इसमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह प्रायः विशिष्ट अभिगमनी प्रोटीनों के माध्यम से होता है।
  • Acute dermal toxicity -- तीव्र त्वचीय आविषालुता
पीडकनाशी की वह मात्रा जो त्वचा पर से शरीर में अवशोषित होने पर विषाक्त हो जाती है।
  • Acute dosage -- तीव्र मात्रा
पीड़कनाशी के सक्रिय घटक (संरुपित पदार्थ नहीं) की वह मात्रा जिसका किसी क्षेत्र अथवा लक्ष्य पर अनुप्रयोग किया जाता है।
  • Acute inhalation toxicity -- तीव्र अंतःश्वसन आविषालुता
पीड़कनाशी की वह मात्रा जो श्वास द्वारा फेफड़ों में पहुँचने पर विषाक्त हो जाती है।
  • Acute oral toxicity -- तीव्र मुखीय आविषालुता
मुख द्वारा लिए गए रसायन की एक ही मात्रा से होने वाली आविषालुता।
  • Acute poisioning -- तीव्र विषाक्तन
पीड़कनाशी की एक ही मात्रा के प्रभाव से होने वाला विषाक्तन।
  • Acutiplanter -- शितगुल्फ
ऐसे गुल्फ से युक्त (पक्षी, आदि) जिसका पश्चतर भाग तेज नोक वाला हो।
  • Adambulacral ossicle -- अभिवीथि अस्थिका
तारामीन (स्टारफिश) में नालपदों के समीप वीथि खाँचों के दोनों और स्थित छोटी कंकाली पट्टिका।
  • Adaptation -- अनुकूलन
वह प्रक्रम जिसके द्वारा कोई जीव अपने बाहरी व भीतरी वातावरण के प्रति अनुरुप बनने की क्षमता प्राप्त करता है या अपने को वातावरण के अनुकूल ढाल लेता है। इस प्रक्रम के परिणामस्वरुप उत्पन्न संरचना, स्वभाव या व्यवहार।
  • Additive resistance -- योज्य प्रतिरोध
एक से अधिक जीन के द्वारा नियंत्रित प्रतिरोध। इनमें से प्रत्येक जीन स्वतंत्र रुप से अभिव्यक्त हो सकता है, किन्तु अतिरिक्त जीन की अभिव्यक्ति से उसकी क्षमता बढ़ जाती है।
  • Additive -- योज्य, योगात्मक
किसी द्रव्य (जैसे, पीड़कनाशी) में मिलाए जाने वाला पदार्थ, यह आवश्यक नहीं कि यह पदार्थ क्लेदक (wetting) या पृष्ठसाक्रियक (surfactant) हो।
  • Adductor muscle -- अभिवर्तनी पेशी
1. वह पेशी जो किसी अंग या अवयव को शरीर के मुख्य अक्ष की ओर खींचती है।
2. वह पेशी जो दो भागों को परस्पर मिलाती है; जैसे सीपी में कवच के दोनों कपाटों को मिलानी वाली पेशी।
  • Adecticous pupa -- अक्रियचिबुक कोशित
ऐसे कोशित जिनमें असंधित (हसित चिबुकाँग होते) हैं। इनकी दो मुख्य किस्में हैं: अबद्ध अक्रियचिबुक कोशित और आबद्ध अक्रियचिबुक कोशित।
  • Adelphoparasitism -- एडेल्फो-परजीविता
परजीवी हाइमेनोप्टेरा के कुल एफीलिनिडी में मिलने वाली परजीविता जहाँ मादा प्राथमिक परजीव्याभ (parasitoid) होती है जबकि उसी जाति के नर द्वितीयक अथवा पराप्तरजीवी (hyperparsite) होते हैं। जब अमैथुनी मादा अनिषेचित अंडे कोक्सिड परपोषी में निक्षेपित करती है तब इन अंडों से केवल नर पैदा होते हैं। ये नर अविकल्पी द्वितीयक परजीवी/परजीव्याभ बन जाते हैं।
  • Adenosine triphosphate(atp) -- एडीनोसीन ट्राइफास्फेट (ए टी पी)
एडेनीन, राइबोस तथा फॉस्फेट ग्रुपों से बना यौगिक जो सजीव कोशिकाओं में उपापचयी अभिक्रियाओं के लिए ऊर्जा और फॉस्फेट ग्रुप का प्रमुख स्रोत है। इसमें से क्रमश: एक-एक फॉस्फेट अपघटित होने पर ए.डी.पी. और ए.एम.पी बनते हैं।
  • Adenosine -- ऐडेनोसिन
ऐडेनीन (एक प्यूरीन क्षारक) और राइबोस/ डिऑक्सीराइबोस (पेन्टोस शर्फरा) के ग्लाइकोसिडिक आबंध द्वारा जुड़ने से बना एक न्यूक्लिओसाइड। यह ए.टी.पी. जैसे उच्च-ऊर्जा यौगिकों तथा न्यूक्लीक अम्लों के संघटक न्यूक्लिओटाइडों (ऐडेनिलिक अम्ल) का प्रमुख रचक है।
  • Adenovirus -- ग्रंथिविषाणु
आवरण झिल्ली से रहित डी.एन.ए. विषाणु जिनका व्यास 70 से लेकर 90 नैनोमीटर तक होता है। इनकी विंशफलकीय सममिति वाली पेटिकाएँ 252 पेटिकाशकों से बनी होती हैं। ये मुख्यतः स्तनियों और पक्षियों की कोशिकाओं पर संक्रमण करते हैं।
  • Adfrontal area -- अभिललाट क्षेत्र
लेपिडोप्टेरा गण के डिंभक के सिर पर वह क्षेत्र जिस पर एक जोड़ी संकरे तिरछे कटक (sclerites) होते हैं।
  • Adhesion -- आसंजन
दो असमान पिंडों के संपर्क में आने पर उनमें परस्पर उत्पन्न आकर्षण बल जिसके कारण वे चिपक जाते हैं।
  • Adipocyte (fat cell) -- वसाणु (वसा-कोशिका)
कोशिका विशेष जिसके कोशिकाद्रव्य में एक बड़ी वसा-गोलिका होती है। सामूहिक रुप से यह वसा-ऊतक ता निर्माण करती है जो वृक्क, आंत्रयोजनी आदि के चारों तरफ तथा त्वचा के नीचे पाया जाता है। ऊर्जा-संचय, ऊष्मा-रोध और स्थूलन में इसका महत्व होता है।
  • Adipoleucocyte -- वसा-श्वेताणु
वसा-बिंदुओं या मोम से भरा हुआ श्वेताणु; जैसे कुछ कीटों की रुधिर-कोशिकाएँ।
  • Adipose body -- वसा-पिंडक
1. उभयचर प्राणियों में जनन ग्रंथियों से संबद्ध वसा-गोलिकाओं से भरी संरचनाएँ।
2. कीटों के पूरे शरीर के भीतर फैले हुए मध्यवर्ती ऊतक जो संभवतया पोषण पदार्थ के संग्रह का काम करते हैं।
  • Adipose fin -- वसा-पख
सामन और प्रारुपिक अशल्क मीनों-जैसी कुछ मछलियों में पश्च पृष्ठ पख का परिवर्धित कोमल, मांसल और अरहीन रुप।
  • Adipose tissue -- वसा-ऊतक
एक तरह का संयोजी ऊतक जिसकी बड़ी-बड़ी कोशिकाओं में वसा की बूंदें जमा होती हैं।
  • Adjuvant -- सहवर्धी
पदार्थ जो प्रतिरक्षा-अनुक्रिया को बढ़ता है तथा उसे सतत रुप में बनाए रखता है। उदाहरणतः फिटकरी और एल्यूमिनियम हाइड्रोक्साइड आदि।
  • Adoral -- अभिमुखीय
मुख के निकट या उससे संबंधित सतह, संरचना आदि के लिए प्रयुक्त।
  • Adp (adenosine diphoshate) -- ए.डी.पी. (ऐडेनोसीन डाइफॉस्फेट)
ऐडेनोसीन और दो फॉस्फेट समूहों का एक यौगिक जो ए.टी.पी. से एक फॉस्फेट समूह के अपचय द्वारा बनता है।
  • Adradius -- अभ्यर, अभि-अर
सीलेन्टेरेटा प्राणियों में परि-अर (per-radius) और अंतरा-अर (inter-radius) के बीच स्थित संरचना।
  • Adrectal -- अधिमलाशयी
मलाशय के समीप स्थित या उससे जुड़ी हुई संरचना। इसका प्रयोग विशेष रूप से कुछ मोलस्कों की उस ग्रंथि के संदर्भ में होता है जिससे एक प्रकार का तरल पदार्थ निकलता है और जो प्रकाश के संपर्क में आने पर नील लोहित हो जाता है।
  • Adrenal (gland) -- अधिवृक्क (ग्रंथि)
वृक्क से लगी हुई अंतःस्रावी ग्रंथि जिससे एड्रिनेलिन नामक महत्वपूर्ण हार्मोन निकलता है।
  • Adrenaline -- एड्रिनेलिन
अधिवृक्क (एड्रिनल) के केंद्रीय भाग (मेडुला) से निकलने वाला हार्मोन जो ग्लाइकोजन को ग्लूकोस में बदलने में सहायक होता है।
  • Adsorption -- अधिशोषण
वह प्रक्रम जिसके द्वारा पदार्थों को सतह पर इस ढंग से आबद्ध रखा जाता है कि रसायन धीमी गति से उपलब्ध होता रहे। कई बार चिकनी मिट्टी अथवा कार्बनिक मिट्टीयों में पीड़कनाशी के अवशोषण की प्रवृत्ति होती है।
  • Adsorptive endocytosis -- अधिशोषी अंतःकोशिकता
अंतःकोशिकता का ऐसा प्रक्रम जिसमें अंतर्गृहीत पदार्थ की सांद्रता उस पदार्थ की झिल्ली से आबद्ध होने की क्षमता पर निर्भर करती है।
  • Adult -- प्रौढ़, वयस्क
वृद्धि के फलस्वरुप पूर्ण आकार तथा जननक्षमता प्राप्त कर लेने वाला प्राणी।
  • Adventitious regeneration -- उपस्थानिक पुनर्जनन
अपसामान्य स्थल की कोशिका से अंगों का विभेदन।
  • Aedeagal apodeme -- लिंगाग्रिका आंतरवर्ध (ऐपोडीम)
नर कीट में लिंगाग्रिका की अंतरवृद्धि।
  • Aedeagus -- लिंगाग्रिका
नर कीट का मैथुन अंग। स्खलन वाहिनी का अंतिम भाग अधर देहभित्ति से उत्पन्न अंगुली-जैसे अंतर्वलन से घिरा रहता है, जिससे नर का प्रवेशी अंग बनता है।
  • Aerial -- वायव
1. धरातल से ऊपर
2. वायवीय
  • Aerobic respiration -- वायुश्वसन
गैसीय अथवा जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपस्थिति में होने वाला श्वसन। तु. Anaerobic respiration- अवायु-श्वसन।
  • Aerobe -- वायुजीव
जीव जिन्हें जीवन-क्रियाओं के संपादन के लिए आण्विक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। ये ऑक्सीजन का उपयोग इलेक्ट्रॉन अभिगमन श्रृंखला के अंतस्थ इलेक्ट्रॉन ग्राही के रुप में करते हैं। जिन जीवों में ऊर्जा पारक्रमण की इसके अतिरिक्त कोई अन्य विधि नहीं होती वे अविकल्पी वायुजीव तथा जिन जीवों में इसकी अन्य क्रियाविधि होती है वे विकल्पी वायुजीव कहलाते हैं।
  • Aerobic -- वायवीय
वायु की उपस्थिति में जीवित तथा सक्रिय रहने वाला जीव। (तु. Anaerobic अवायवीय)
  • Aeropyle -- वायुद्वार
कीटों के अंडों में उपस्थित प्रणाल जिनके द्वारा गैस भरी परत अंडे के बाहरी पर्यावरण से संपर्क करती है।
  • Aerosol -- वायु-विलय, ऐरोसोल
पीड़कनाशी का वह संरुपण जिसका प्रकीर्णन अनुप्रयोग के समय अतिसूक्ष्म बंदों के रुप में होता है। ये दाबीकृत प्रक्षेपक होते हैं। इनमें पीड़कनाशी की सूक्ष्म मात्रा रहती है जिसे उच्च दाब पर रासायनिक प्रक्रिया से निष्क्रिय गैस द्वारा एक सूक्ष्म छद्र से निकाला जाता है। इन सूक्ष्म बंदों का आकार 0.1 से 50 माइक्रोन व्यास के बीच होता है।
  • Aestivation -- ग्रीष्मनिष्क्रियता
अत्यधिक गर्म और शुष्क जलवायु की अवधि बताने के लिए कुछ प्राणियों में एक प्रकार की सुप्तावस्था जिसमें उनकी उपापचय क्रियाएँ धीमी पड़ जाती हैं।
  • Afferent -- अभिवाही
1. ऐसी तंत्रिकाएँ जो आवेगों को मेरुरज्जु या मस्तिष्क की ओर ले जाती हैं।
2. ऐसी रुधिर-वाहिकाएँ जिनके द्वारा रक्त किसी विशेष अंग की ओर जाता है।
  • Affinity -- बंधुता
जातियों, वंशों या अन्य प्राकृत वर्गों में संरचनात्मक समानता जिससे उनके साँझा पूर्वज होने की संभावना प्रकट होती है।
  • Agamete -- अयुग्मक
अलिंगी जनन-कोशिका (जैसे बीजाणु या खंडजाणु) जो युग्मक संलयन (syngamy) के बिना ही वयस्क प्राणि बन जाती है। उदा. कुछ प्रोटोजोआ।
  • Agamic -- अयुग्मनी
अनिषेकजनन द्वारा अथवा बिना संगम के संततियों की उत्पत्ति।
  • Agar-agar -- ऐगार-ऐगार
समुद्री शैवाल से निष्कर्षित जेलेटिन जैसा एक पदार्थ जो संवर्धन माध्यमों को जमाने के काम आता है।
  • Agglutinability -- आश्लेष्यता
लाल रुधिर कोशिका, जीवाणु, विषाणु आदि में पाई जाने वाली समूहन की क्षमता।
  • Agglutination -- आश्लेषण
कोशिकाओं का गुच्छों के रुप में संलग्न होना जिसमें उनकी परस्पर आसन्न प्रतिरक्षियों के प्रतिजन स्थलों पर द्विसंयोजी कोशिकाओं के बीच आबंधन सेतु बनते हैं। जैसे, रक्ताणु, शुक्राणु और अनेक जीवाणुओं में।
  • Agglutinogen -- एग्लुटिनोजन
एग्लुटिनिन उत्पन्न करने वाला पदार्थ अथवा प्रतिजन (antigen)।
  • Aggultinin -- एग्लूटिनिन
रुधिर कणिकाओं, जीवाणुओं आदि का समूहन करने वाला प्रतिरक्षी पदार्थ। विशेष रुप से, किसी व्यक्ति के रुधिर प्लाज्मा का वह अवयव जो दूसरे व्यक्ति के रुधिर में स्थित लाल कणिकाओं के विशिष्ट प्रतिजन (एन्टीजन) के साथ अभिक्रिया कर समूहन करता है।
  • Aglomerular -- अकेशिकागुच्छीय
केशिका-गुच्छ से रहित वृक्क (जैसे, कुछ मछलियों के वृक्क)।
  • Aglycone -- एग्लाइकॉन
एक कार्बनिक यौगिक जो फ़ीनॉल या एल्कोहॉन होता है और जिसमें ग्लाइकोसाइड का शर्करा अंश मिला होता है। इसे जल अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है।
  • Agnatha -- एग्नैथा
कार्डेटा संघ का एक उपसंघ जिसमें साइक्लोस्टोम अर्थात् चक्रमुखी प्राणी आते हैं। मछलियों से मिलती-जुलती आकृति होते हुए भी जबड़ों और युग्मित पखों का न होना इनकी प्रमुख विशेषता है। उदा. पेट्रोमाइजॉन और मिक्साइन।
  • Agranulocyte -- अकणकोशिका
वह श्वेताणु, जिसमें कोशिकाद्रव्यी कणिकाएँ नहीं होतीं; जैसे लसीकाणु या एककेंद्रकाणु।
  • Air bladder -- वायु आशय
मछलियों में गैस से भरा थैलीनुमा अंग जो प्राय: आहार नाल और कशेरुकदंड के बीच स्थित होता है। आमतौर पर इसका काम तैरने में सहायता देना है, परंतु कुछ मछलियों में यह श्वसन, श्रवण तथा ध्वनि उत्पादन में भी सहायक होता है।
  • Air sac -- वायु कोश
1. फुप्फुसों की कूपिकाएँ: स्तनधारियों और पक्षियों में फुफुसों के मुख्य भाग को बनाने वाले लाखों छोटे-छोटे कोश। जल में घुली ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड इन कूपिकाओं की भित्तियों से होकर विसरण द्वारा रुधिर में आती-जाती रहती हैं।
2. पक्षियों के वायुकोश: बड़ी-बड़ी थैली-जैसी संरचनाएँ जो वायु आशयों का कार्य करती हैं और फुप्फुस कूपिकाओं को फुप्फुसों से तथा हड्डियों को गुहाओं से जोड़े रखती हैं। श्वसन-क्रिया के दौरान इन कोशों के संपीडन और प्रसार से वायु, फुप्फुस कुपिकाओं में तेजी से जाती है। इस प्रकार श्वसन क्रिया में वायु काफी तेजी से आती जाती है। 3. कीटों के वायुकोश: श्वास नलियों में पतली भित्तियों वाले विस्फारण, जो अपनी प्रत्यास्थता के कारण कई तेज उड़ने वाले कीटों के श्वसन-तंत्र को अधिक संवातन प्रदान करते हैं।
  • Air tube -- वायु-नलिका
नली अथवा नलियों का जोड़ा जिसका सिरा पानी के ऊपर निकला रहता है और जिसकी सहायता से पूरे समय पानी के अंदर रहने वाले कीट साँस ले सकते हैं। उदा.- मच्छर का लारवा।
  • Ala -- पक्षक
पंख के समान प्रवर्ध, प्रक्षेप या संरचना।
  • Alar -- पक्षाभ
पक्षकों से संबंधित।
  • Alary muscle -- पक्षाकार पेशी
कीट की हृदयावरणी गुहा को परिअंतरंग से अलग करने वाली झिल्ली में प्रविष्ट तिकोने पंख के समान पेशियों की श्रृंखला जिनके संकुचन से रक्त प्रवाह हृदयावरणी गुहा में होता है और छोटे छिद्र आस्य से होकर लंबे पृष्ठीय नलिकाकार हृदय में पहुँचता है।
  • Alate -- सपक्षक
प्रवासी मादा एफिड वर्ग के पंखवाले कीट।
  • Albinism -- अवर्णकता
मेलानीन के पूर्ण अभाव वाला ऐसा जन्मजात विकार जो फेनिलऐलेनिन और टाइरोसिन के उपापचय में रुकावट आ जाने से उत्पन्न होता है। यह अप्रभावी जीन द्वारा नियंत्रित एक आनुवंशिक विकार है। त्वचा, बाल और आँख में रंग की कमी, सफेद रंग के चूहे व मोर आदि इसी का परिणाम हैं।
  • Albino -- वर्णकहीन (जीव)
ऐसी जीव जिसकी त्वचा, रोम और आँखों पर वर्णकता (pigmentation) नहीं होती। यह अप्रभावी जीन (recessive gene) का प्रत्यक्ष प्रभाव है।
  • Albumen -- एल्बूमेन, श्वेतक
सरीसृप तथा पक्षियों के अंडों में भीतर का सफेद पोषक पदार्थ जो पीतक को घेरे रहता है। इसमें मुख्यतः ऐल्बूमिन होता है।
  • Alder fly -- पौरमक्षी
न्यूरोप्टेरा गण के सिलिएडी कुल के आदि कीट। इनके जलीय, परभक्षी डिंभकों में क्लोम तंतुओं (gill-filament) से झल्लरित सात या आठ जोड़ी सुस्पष्ट उदरीय उपांग (appendage) होते हैं। वयस्क कीट उड़ने में दुर्बल होते हैं तथा कम समय तक ही जीवित रहते हैं।
  • Alecithal -- अपीतकी
बिना पीतक वाला; विशेष रुप से ऐसे अंडे जिनके जीवद्रव्य में पीतक बहुत कम या बिल्कुल ही नहीं होता; जैसे अपरायुक्त स्तनियों के अंडे।
  • Alien species -- विदेशी जाति
वह कीट अथवा जीव जो किसी ऐसे प्रदेश में प्रवेश पा गया है अथवा प्रवेश्त कर दिया गया है जहाँ वह पहले उपस्थित नहीं था।
  • Alienicola -- अन्यावास
दूसरे क्षेत्र का निवासी; विशिष्ट रुप से मौसमी प्रवास करने वाली जाति का एफिड (जैसे एफिस रुमिसिस) जो द्वितीयक अर्थात् ग्रीष्मकालीन परपोषी पौधे पर रहते हुए अलैंगिक रुप से सीधे ही बच्चे उत्पन्न करता है।
  • Aliform -- पक्षरुप
पंख-जैसी या पंखों के समान फैलाव वाली (संरचना)।
  • Alimentary canal -- आहार नाल
मुँह से बृहदंत्र तक जाने वाला नलिकामय मार्ग जो भोजन के पाचन और अवशोषण तथा मल-उत्सर्जन का काम करता है। मानव में यह नाल लगभग तीस फुट लंबी होती है।
  • Alimentary system -- आहार-तंत्र
भोजन के अंतर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण तथा अवशिष्ट मल-पदार्थों के उत्सर्जन का कार्य करने वाले अंगों का समूह, जिसमें आहार-नाल और पाचक रसों का स्रवण करने वाली ग्रंथियाँ आति हैं।
  • Alinotum -- पक्षपृष्ठक
पंखदार कीटों का वक्षीय बाह्यकंकाल पट्ट, जिसस पंख जुड़े रहते हैं।
  • Alisphenoid -- पक्षजतुक, ऐलिस्फेनाइड
जतुक (अस्थि) के पंख-जैसी आकृति को बनाने वाली संरचना या उससे संबंधित अवयव।
  • Alkaloid -- ऐल्केलॉइड
कुछ पौधों में प्राकृतिक रुप से पाए जाने वाले नाइट्रोजनी पदार्थ जिनका उपयोग वनस्पति मूल के कीटनाशी तैयार करने के लिए किया जाता है। ये कीटों में परपोषी के चयन का निर्धारण करते हैं।
  • Alkylating agent -- ऐल्किलन कारक
सल्फोनिक अम्ल के ये ऐस्टर नाइट्रोजन मस्टर्डस और एजिरिडिन हैं और नर कीट बंध्यक के रुप में अत्यधिक प्रभावी हैं। उदाहरण-टेपा और एफोलेट।
  • Allantois -- अपरापोषिका
उच्चतकर कशेरुकियों की एक भ्रूणूबाह्य संरचना जो आहार-नाल के पश्च भाग से झिल्लीदार थैली के रुप में परिवर्धित होती है और पोषण अथवा श्वसन में योग देती है। स्तनियों में यह अपरा का एक भाग है।
  • Allele (allelomorphic pair) -- विकल्पी (युग्मविकल्पी)
गुणसूत्रों में समकक्ष विस्थल पर पाये जाने वाले जीनों का एक जोड़ा या समूह जो वैकल्पिक आनुवंशिक लक्षणों का नियमन करता है। जीनों के वैकल्पिक जोड़े में दोनों जीन प्रभावी, दोनों अप्रभावी या एक प्रभावी और दूसरा अप्रभावी हो सकता है। गुणसूत्रों में जब एक ही विस्थल पर दो से अधिक विकल्पी जीन होते हैं, तो उन्हें बहुविकल्पी कहते हैं।
  • Allelism -- विकल्पता (युग्मविकल्पता)
दो युग्म विकल्पियों (ऐलीलों) के बीचे का संबंध।
  • Allelochemic -- अन्योन्य रसायन
किसी एक जाति के जीव द्वारा उत्पन्न एक प्रकार का अपोषणज रसायन जो दूसरी जाति की वृद्धि, स्वास्थ और व्यवहार को प्रभावित करता है।
  • Allelopathy -- ऐलीलोपैथी
किसी जीव द्वारा पर्यावरण में मोचित रसायन से दूसरे जीव की वृद्धि अथवा उसके जनन का संदमन।
  • Allergen -- प्रत्यूर्जक, ऐलर्जन
प्रतिजन जो प्रत्यूर्जता (ऐलर्जी) प्रेरित करता है। ये पराग, जीवों और विभिन्न खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले गोलकीय प्रोटीन होते हैं।
  • Allergy -- प्रत्यूर्जता, ऐलर्जी
प्रतिजन-प्रतिरक्षी अभिक्रिया (antigen-antibody reaction) जो संवेदनशील (sensitive) व्यष्टियों में किसी पदार्थ के प्रति अत्याधिक कार्यिकीय अनुक्रिया (physiological response) के रुप में व्यक्त होती है।
  • Alligator -- ऐलीगेटर
ऐसा मगर जिसका सिर चौड़ा और प्रोथ के रुप मे निकला हुआ होता है। इसका निचले जबड़े के बढ़े हुए चौथे दाँत के लिए ऊपरी जबड़े में एक विशेष कोटरिका होती है। क्रोकोडाइलस वंश के मगर से यह अधिक सुस्त होता है।
  • Allochronic -- असमकालिक
अलग-अलग भूवैज्ञानिक काल-खंडों (युग, महाकल्प आदि) में पाई जाने वाली जातियों या वर्गक (टैक्सॉन) के लिए प्रयुक्त शब्द। विप. Synchronic समकालिक।
  • Allograft -- अपरनिरोप
आनुवंशिकता के आधार पर एक ही जाति के दो असमरुपी सदस्यों के बीच निरोप का आदान-प्रदान
  • Alloiogenesis -- एकांतरजनन
किसी जीव के जीवन-चक्र में लैंगिक तथा अलैंगिक जनन का एकांतरण।
  • Allometric growth -- सापेक्षमितीय वृद्धि
ऐसी वृद्धि जिसमें जीव के एक अंग की वृद्धि- दर दूसरे अंग की वृद्धि-दर से भिन्न होती है।
  • Allometry -- सापेक्षमिति
किसी व्यष्टि के अंग विशेष की वृद्धि दर की संपूर्ण व्यष्टि की अथवा उसके किसी अन्य अंग की वृद्धि दर से तुलना।
  • Allomone -- ऐलोमोन
एक ऐसा रसायन या रसायनों का मिश्रिण जिसे कोई जीव दूसरी जाति के जीव में अनुक्रिया उत्पन्न करने के लिए मोचित करता है। इसका लाभ मोचन करने वाले जीव को होता है, अर्थात् ये रसायन उत्पन्न करने वाले जीव के प्रतिरक्षी स्राव होते हैं जो आक्रमणकारी के लिए अविषालु या प्रतिकारी होते हैं। यह अंतराजातीय सेमियो-रसायन हैं जो उत्पादक जीव की सहायता करता है।
  • Allopatric -- विस्थानिक
एक दूसरे से भिन्न, अलग-अलग भौगोलिक वितरण-क्षेत्र वाली जातियाँ।
  • Allopatric distribution -- विस्थानिक वितरण
समष्टियों का स्थानिक वितरण जो भौगोलिक रोध द्वारा पृथक् रहता है।
  • Allopatric speciation -- विस्थानिक जातिउद्भवन
एक लंबे अंतराल के बाद भौगोलिक पृथक्करण, जैसे पर्वत श्रृंखला के कारण मूल पूर्वज-समूहों से नई जाति का उद्भव।
  • Allophore -- एलोफोर
लाल वर्णक वाली कोशिका या वर्णकी लवक जो मछलियों, उभयचरों तथा सरीसृपों की त्वचा में पाया जाता है।
  • Alloplasm -- अपद्रव्य
कोशिका-जीवद्रव्य का वह भाग जिससे स्वतंत्र कोशिकाओं का निर्माण नहीं होता।
  • Allopolyploid (alloploid) -- अपरबहुगुणित
बहुगुणित जीव जिसका गुणसूत्र-समुच्चय ऐसी दो भिन्न जातियों के जनकों के संकरण से उत्पन्न हो जिनकी गुणसूत्र-संरचना तथा संख्या एक जैसी नहीं होती।
  • Allosome -- ऐलोसोम
प्रारुपिक गुणसूत्र से भिन्न कोई भी गुणसूत्र।
  • Allosteric enzyme -- अपरस्थली एंजाइम
वे एंजाइम जिनकी त्रिविम संरचना और जैव गुण सक्रिय स्थल के अलाव अन्य स्थलों पर विशिष्ट छोटे-छोटे अणुओं के बंधन से बदल जाते हैं। दे allostery
  • Allotheria -- ऐलोथीरिया
जुरैसिक कल्प के आद्य स्तनियों का उपवर्ग। इनके अधूरे जीवाश्म अवशेष ही मिले हैं जिनके आधार पर इन्हें मोनोट्रीमों और शिशुधानी वाले प्राणियों के वर्ग में रखा गया है।
  • Allotype -- एलोटाइप, अन्यप्ररुप
नामप्ररुप (होलोटाइप) के नमूने से पृथक लिंग वाला प्रारुपिक निदर्श, विशेषत: वह जिसका मूल लेखक द्वारा नामकरण किया गया हो।
  • Alpha taxonomy -- ऐल्फा वर्गिकी
किसी जाति के नामकरण और उसकी विशेषता से संबद्ध वर्गिकी का स्तर। इसे वर्णनात्मक वर्गिक भी कहते हैं।
  • Alternate host -- एकांतर परपोषी
किसी जीव के जीवन-चक्र को पूरा करने के लिए उपयोग में आने वाली एक या दो परपोषी जातियाँ।
  • Alternation of generation -- पीढ़ी एकांतरण
वह क्रम जिसमें किसी जीव की द्विगुणित पीढ़ी (डिप्लॉइड) अलैंगिक विधि से जनन करती हुई अगुणित पीढ़ी (हैप्लॉइड) को जन्म देती है जो फिर लैंगिक विधि से जनन करती हुई पुन: द्विगुणित पीढ़ी को जन्म देती है और यह क्रम इसी प्रकार चलता जाता है; जैसे, प्राणियों में हाइड्रोजोआ वर्ग के ओबेलिया, आदि में। दे. मेटाजेनेसिस
  • Altrices (nidicolae) -- सहायापेक्षी (निडाश्रयी)
फ़ाखता (पंडुक) और कबूतर जैसे पक्षी, जिनके बच्चे बहुत अपरिपक्व अवस्था में ही पैदा होते हैं। जन्म कें समय इनमें या तो पिच्छ बिल्कुल ही नहीं होते या केवल थोड़े से कोमल पिच्छ होते हैं। ये घोसलों में ही रहते हैं और भोजन के लिए माता-पिता पर आश्रित होते हैं।
  • Altriuism -- परोपकारिता
सिलफिड भृंगों के नर और मादा द्वारा पैतृक रक्षण का कार्य। नर और मादा दोनों ही भूमि में बिल खोदने और लारवों को अशन कराने में सहयोग करते हैं।
  • Alula -- पक्षिका
पक्ष-आधार के पश्च कोण पर विशेष रुप से विकसित कलामय पालियों का एक जोड़ा। उदाहरण-डिप्टेरागण के कुछ कीट।
  • Alveolus -- कूपिका, ऐल्वियोलस
1. गुलिका (tubercle) पर उभरी हुई रोम गर्तिका अथवा शूक गर्रतिका (setal socket)।
2. फुप्फुसों में वायु गुहिका। 3. दंत-गर्त।
  • Ambrosia beetle -- ऐम्ब्रोसिया भृंग, प्रादन भृंग
स्कोलिटिडी कुल के भंग जो लकड़ी को बंधकर कवकों को भीतर ले जाते हैं ताकि उनसे अपने भृंगकों के लिये भोजन उपलब्ध करा सकें।
  • Ambulacrum -- एम्बुलेक्रम, वीथिक्षेत्र
कई शूलिचर्मियों (एकाइनोडर्मों) में मुँह से भुजा तक फैली हुई अरीय खाँच जिसमें नाल-पद (tube feet) होते हैं।
  • Ambulatory -- चलनक्षम
चलने-फिरने से संबद्ध अथवा चलने वाले अंग का या उससे संबद्ध (जैसे नाल-पद या क्रस्टेशिया के सखंड उदरीय उपांगों में से कोई)।
  • Amensalism -- ऐमनसेलिज्म
जैविक-प्रक्रिया का ऐसा प्रकार जिसमें एक जीव का दूसरे जीव द्वारा संदमन होता है, लेकिन दूसरा जीव न तो संदमित होता है और न उद्दीप्त ही होता है।
  • Ametabola -- एमेटाबोला
कीटों का एक समूह जिसमें थाइसोन्यूरा जैसे कुछ गण आते हैं और जिनमें अस्पष्ट रुप से कायांतरण होता है।
  • Ametabolus (ametamorphic) -- अकायांतरणी
पंखहीन आदिम कीट जिनमें कायांतरण नहीं होता। ये कीट डिप्लूरा, थायसेन्यूरा, कोलेम्बोला और प्रोटूरा गण के अंतर्गत आते हैं।
  • Ametoecious -- एकपोषी
अपने जीवन-चक्र के दौरान केवल एक परपोषी पर ही आश्रित रहने वाला (प्राणी)।
  • Amino acid -- ऐमीनो अम्ल
α-ऐमीनो प्रतिस्थापित कार्बोक्सिलिक अम्लों वाले कार्बनिक यौगिक जिनसे प्रोटीनों का निर्माण होता है। सामान्यत: प्रोटीनों में ऐसे 20 प्रकार के ऐमीनो अम्ल पाए जाते हैं।
  • Amino acid -- ऐमीनो अम्ल
कार्बनिक यौगिकों का एक ऐसा वर्ग जो ऐमीनो (NH2) तथा कार्बोक्सिल (-COOH) समूह युक्त होते हैं और जिसके साथ पार्श्व श्रृंखला भी लगी रहती है। यह प्रटीन की आधारगत संरचनात्मक इकाई है।
  • Amitosis -- असूत्रण, असूत्रीविभाजन
तर्कु या सूत्र-जैसी संरचनाओं के निर्माण के बिना ही केंद्रक के सीधे विभाजन के फलस्वरुप एक से दो कोशिकाओं का बनना।
  • Ammoniotelic mechanism -- अमोनिया-उत्सर्ग प्रक्रिया
अनेक अकशेरुकी प्राणियों, टिलियोस्ट मछलियों, टैडपोल आदि में मुख्यत: अमोनिया के रुप में नाइट्रोजन का उत्सर्जन।
  • Amniocentesis -- उल्बवेधन
गर्भवती महिला की उदर भित्ति में सूई डालकर गर्भाशय और उल्बतरलीय गुहा में से उल्ब-तरल प्राप्त करने की एक तकनीक। इस तरल के विश्लेषण द्वारा भ्रूण में होने वाली आनुवंशिक अपसामान्यता का पता लगाया जाता है।
  • Amnion -- उल्ब
भ्रूण से उत्पन्न और उसे घेरे रहने वाली एक भ्रूणबाह्य झिल्ली एम्नियोटा वर्ग (सरीसृप, पक्षी और स्तनी) में इस झिल्ली और भ्रूण के बीच तरल भरा होता है।
  • Amniote -- ऐम्निओट, उल्बी
ऐसा प्राणी जिसकी गर्भ-कला में उल्ब मौजूद रहता हो, जैसे सरीसृप, पक्षी तथा स्तनी।
  • Amniotic cavity -- उल्ब गुहिका
उल्ब और भ्रूण की मध्यवर्ती गुहिका जिसमें ऐसा तरल पदार्थ भरा रहता है जो भ्रूण को जलीय माध्यम प्रदान करता है।
  • Amniotic fluid -- उल्ब तरल
परिवर्धित होते भ्रूण को चारों ओर से घेरे रखने वाला तरल। यह अंड-स्फुटन के समय कीटक लारवों की सहायता करता है क्योंकि लारवा स्फुटन के समय इस तरल को निगलकर आकार में बढ़ जाते हैं और अंड-कवच को तोड़ देते हैं।
  • Amoeba -- अमीबा
प्रोटोजोआ संघ के ऐसे प्राणियों का एक वंश जिनकी आकृति पादाभों के बनने बिगड़ने के कारण सदा बदलती रहती है और जिनमें स्थायी अंगक (या सहायक संरचनाएँ) नहीं होते। ये प्राणियों के सरलतम रुप समझे जाते हैं।
  • Amoebiasis -- अमीबता
अमीबा द्वारा उत्पन्न रोग, विशेषत: मनुष्य की बड़ी आँत में अमीबाओं के संक्रमण से होने वाला रोग।
  • Amoebicide -- अमीबानाशी
अमीबाओं, विशेषतया परजीवी अमीबाओं को मारने वाला पदार्थ।
  • Amoebocyte -- अमीबाणु
अमीबा-जैसी अनिश्चत एवं परिवर्तनशील आकृति की और उसी तरह संचलन करने वाली कोशिका; जैसे कुछ श्वेत रुधिर कोशिकाएँ।
  • Amoeboid -- अमीबीय, अमीबाभ
अमीबा की तरह का – विशेषतया आकृति, लक्षणों अथवा गति में।
  • Amoebula (pseudopodiospore) -- अमीबुला (पादाभबीजाणु)
1. छोटा अमीबा।
2. अमीबा की आकृति वाला कोई छोटा जीव या कोशिका (जैसे, मिक्सोमाइसिटीज या ग्रगेराइनों के जीवन-चक्र की कुछ अवस्थाएँ)।
  • Amorphous matrix -- अक्रिस्टलीय आधात्री, रवाहीन आधात्री
ऐसी अंतरकोशिक पदार्थ जिसका सामान्यत: निश्चित आकार और रुप तो नहीं होता, लेकिन जिसमें प्राय: विशेष एककोशिक शैवाल या जीवाणु अंत: स्थापित होते हैं।
  • Amphiaster -- उभयतारक
1. ऐसी स्पंज कंटिका जिसके दोनों सिरों पर तारों जैसी संरचनाएँ होती हैं।
2. समसूत्रण द्वारा कोशिका-विभाजन के दौरान निर्मित अवर्णक तर्कु (achromatic spindle) से जुड़े हुए दो तारक।
  • Amphibia -- ऐम्फ़ीबिया
कशेरुकियों का वह वर्ग, जो मछलियों और सरीसृपों के बिच में आता है। अनियत-तापिता, चिकनी मुलायम गीली त्वचा, हृदय में दो अलिंद व एक निलय, दो अनुकपाल कंद (ऑक्सिपिटल कॉन्डाइल), पसलियों का उरोस्थि से जुड़ा न होना, लारवों में गिलों द्वारा और कायांतरण के बाद वयस्कों में फेफड़ों द्वारा श्वसन होना, इन प्राणियों की प्रमुख विशेषताएँ हैं। मेंढ़क, सैलामैन्डर, न्यूट आदि इस वर्ग के उदाहरण हैं।
  • Amphibian -- जलस्थलचर, उभयचर (उभचर)
ऐम्फ़ीबिया वर्ग का या उससे संबंधित।
  • Amphibious -- जलस्थली, उभयचरी
भूमि और जल दोनों तरह के वातावरण में जीवन बिताने वाले (जीव) जैसे, मेंढक, मगर, ऊदबिलाव आदि।
  • Amphiblastula -- ऐम्फिब्लैस्टुला, उभकोरक
कुछ स्पंजों में परिवर्धन की एक अवस्था जिसमें गेंदनुमा खोखले कोशिका पिंड के आधे भाग में कशाभी कोशिकाएँ और शेष आधे भाग में बड़ी कणिकामय कोशिकाएँ होती हैं।
  • Amphicoelous -- उभयगर्ती
कशेरुक का एक प्रकार जिसमें सेंट्रम दोनों ओर अवतल होता है; जैसे मेंढ़क का आठवां कशेरुक और मछलियों के सभी कशेरुक।
  • Amphicondylous -- उभयकंदी
दो अनुकपाल अस्थिकंदों से युक्त (करोटि)।
  • Amphid -- द्विक, एम्फ़िड
कुछ सूत्रकृमियों (नेमेटोडों) में शरीर के अग्र सिरे पर दाएँ-बाएँ स्थित गोलाकार गर्तों की क जोड़ी जो संभवतः रस-संवेदी अंगों का काम करती है।
  • Amphidelphic -- उभय-अंडाशयी
दो अंडाशयों वाली ऐसी मादा जिसमें एक अंडाशय आगे की ओर तथा दूसरा पीछे की ओर स्थित होता है।
  • Amphidiploid -- उभद्विगुणित
ऐसा संकर जीव जिसमें दोनों जनकों के जीनोम द्विगुणित अवस्था में पाये जाते हैं।
  • Amphidromous -- उभयगामी
प्रजनन-काल को छोड़कर जीवन-चक्र की किसी भी अवस्था में अलवण जल से खारे जल में जाने वाला (प्राणी)।
  • Amphikaryon -- उभयकेंद्रक, ऐम्फीकेरियॉन
ऐसा कंद्रक जिसमें दो अणुसूत्रों का समूह होता है।
  • Amphimixis -- उभयमिश्रण, ऐम्फ़िमिक्सिस
निषेचन की क्रिया में नर और मादा प्राक्केंद्रकों के मिलने से एक ही व्यष्टि में विभिन्न मातृ और पितृ लक्षणों का सम्मिलन।
  • Amphineura -- ऐम्फिन्यूरा
द्विपार्श्व सममिति वाले समुद्री मोलस्कों का एक वर्ग जिसमें काइटन और उससे संबंधित प्राणी आते हैं। इनमें कवच और पाद या तो नहीं होते या फिर आठ कपाट वाला कवच और चौड़ा व चपटा पाद होता है।
  • Amphioxus -- ऐम्फिऑक्सस
ब्रैंक्योस्टोमा वंश का छोटा पारदर्शी समुद्री प्राणि जिसके दोनों सिरे नुकीले होते हैं और अग्र सिरे पर नीचे की और कुरलों (सिराई) से घिरा मुखरंध्र होता है। पृष्ठ तथा गुद पख का होना किंतु पादों का अभाव, पृष्ठरज्जु और पृष्ठ तल पर तंत्रिकारज्जु का होना किंतु पूर्ण मस्तिष्क का अभाव, रुधिर-वाहिका तंत्र का होना पर हृदय का अभाव,नेत्र के स्थान पर मध्य वर्णक बिन्दु का होना, श्रवण अंग का अभाव और केवल घ्राण अंग का होना, इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसको प्राय: रज्जुकी कार्डेटों का सरलतम रुप समझा जाता है।
  • Amphiplatyan -- ऐम्फिप्लेटियन
कशेरुक का एक प्रकार जिसमें सेंट्रम दोनों तरफ चपटा होता है। उदा. स्तनियों के कशेरुक।
  • Amphipneustic -- उभयरंध्री
ऐसा अल्परंध्री लारवा जिसमें केवल अग्रवक्षीय और पश्च-उदरीय श्वसन-रंध्र होते हैं।
  • Amphistylic -- उभयनिलंबित, ऐम्फिस्टाइलिक
ऊपरी जबड़े के आंशिक रुप से करोटि से मुक्त होने तथा कंठिका चिबुक उपास्थि से निलंबित होने (जैसे कुछ आद्य शार्कों में) की स्थिति।
  • Amphistyly -- उभयलंबता, ऐम्फिस्टाइली
जबड़ों के निलंबन का एक प्रकार जिसमें ऊपरी जबड़ा आगे से तो कपाल के खाँचे में फिट बैठता है किंतु पीछे से कंठिका-चिबुक उपास्थि द्वारा निलंबित रहता है। कुछ आद्य शार्कों में यह स्थिति पाई जाति है।
  • Amphitoky -- उभनिषेकजनन
अनिषेकजनन से नर और मादा दोनों ही संततियों का उत्पन्न होना।
  • Amplification -- प्रवर्धन
(दे.gene amplification)
  • Ampulla -- ऐम्पुला, तुंबिका
किसी वाहिनी का फूला हुआ थैली-जैसा भाग; जैसे स्तनियों के कान की अर्धवृत्ताकार नलिकाएँ या शूलचर्मी (एकाइनोडर्म) नालपदों की संरचनाएँ।
  • Ampullaceous -- तुंबिकासम
(संवेदिका के संबंध में) फ्लास्क के आकार की।
  • Ampulliform -- तुंबिकारुपी
फ्लास्करुपी संरचना।
  • Amylase -- ऐमिलेज
मंड को माल्टोस में बदलने वाला एंजाइम। यह एंजाइम लार, अग्न्याशयिक रस इत्यादि विविध प्राणिस्रावों व ऊतकों तथा अंकुरित होते हुए बीजों, पत्तियों और पौधों के अन्य भागों में पाया जाता है।
  • Anabiosis -- प्रसुप्तजीवन
शुष्कन के परिणामस्वरुप निलंबित सजीवन की एक अवस्था जो जल से संपर्क होने पर समाप्त हो जाती है।
  • Anabolism -- उपचय
जीवों में रासायनिक परिवर्तनों की रचनात्मक प्रक्रिया जिसमें सरलतर पदार्थों से जटिलतर पदार्थों के निर्माण के साथ-साथ ऊर्जा जमा होती है। इसी प्रक्रिया से शरीर में वृद्धि संभव होती है।
  • Anacanthini -- ऐनाकेन्थिनी
निओप्टेरिजाई मछलियों का एक गण जिसमें कॉड, हेक, हैडक, आदि टिलिओस्ट मछलियाँ आती हैं। मध्य पख तथा श्रोणि पख की सभी अरों का मुलायम तथा संधियुक्त होना, श्रोणि पख का काफी आगे वक्ष श्रेत्र में होना, और बिना वाहिनी वाला वायु-आशय इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Anadromous -- समुद्रापगामि, उद्गामी
ऐसी समुद्री मछलियों के लिए प्रयुक्त जो अंडे देने के लिए समुद्र (लवणजल) से नदियों (अलवण जल) में चली आती हैं।
  • Anaerobe -- अवायुजीव
जीव जिन्हें जीवन क्रियाओं के सम्पादन के लिए आक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती। अविकल्पी अवायुजीव ऑक्सीजन की उपस्थिति मे मर जाते हैं, किंतु विकल्पी अवायुजीव ऐसे पर्यावरण में भी पनपते हैं। (तु.-Aerobe-वायुजीव)
  • Anaerobic -- अवायवीय
वायु के अभाव में (जैसे आँतों के भीतर) जीवित अथवा सक्रिय रहने वाला जीव; ऐसे जीव से संबंधित अथवा उससे प्रेरित।
  • Anaerobic respiration -- अवायु-श्वसन
श्वसन का वह प्रकार जिसमें जीव उन अभिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करता है जिनमें मुक्त ऑक्सीजन का संयोग नहीं होता; जैसे आँतों में पाए जाने वाले फीताकृमियों की श्वसन-क्रिया।
  • Anaerobiosis -- अवायुजीवन
वायु अथवा ऑक्सीजन के अभाव में भी वनस्पति तथा प्राणियों की जीवन-क्रियाओं का चालू रहना।
  • Anal aperture -- गुद छिद्र
आहार नाल का बाहरी पश्च द्वार।
  • Anal cell -- पक्षांत कोशिका
कीट पंख के पक्षांत क्षेत्र की एक कोशिका।
  • Anal cerci -- गुदलूम
कीटों के पश्च उदरीय कायखंड (सामान्यतया ग्यारहवें काय-खंड) के उपांग जो जीवन भर बने रहते हैं।
  • Anal gland -- गुद ग्रंथि
गुदा के निकट एकल, युग्मित अथवा सामूहिक रुप में स्थित ग्रंथियाँ, जो कुछ प्राणियों में मलाशय में खुलती हैं, जैसेः (क) स्कंक (skunk) की युग्म ग्रंथि जो एक अरुचिकर स्राव उत्पन्न करती है;(ख) म्यूरेक्स वंश के मोलस्क प्राणियों की ग्रंथि जो रंगाई में काम आने वाले एक बैंगनी पदार्थ का स्रवण करती है, और (ग) मसी ग्रंथि।
  • Anal lobe -- 1. पक्षांत पालि 2. गुद पालि
1. हाइमेनोप्टेरा गण वाले कीटों के पंखों की पश्च पालि।
2. डिप्टेरा में पंख की गुद शिरा के पीछे वाला आधारीय भाग।
  • Anal loop -- पक्षांत पाश
ड्रेगन फ्लाई के पिछले पंख में सीयू-2, 1ए और 2ए के बीच कोशिकाओं का एक समूह जो गोल, लंबा अथवा पादरुपी हो सकता है।
  • Anal pit -- गुद गर्त
भ्रूण की आदि रेखा (primitive streak) का पश्च उपांत भाग।
  • Anal plate -- गुद पट्टिका
1. कच्छप में अधरवर्म (प्लैस्ट्रन) की पश्च हड्डी।
2. अधिकांश सांपों में गुदा के सामने वाला बड़ा शल्क।
3. प्रारंभिक भ्रूणीय बाह्यचर्म तथा अंतश्चर्म के मिलने से बना पट्ट, जिससे होकर बाद में गुदा का स्फुटन होता है।
  • Anal vein -- पक्षांत शिरा
मध्योत्तर तथा जुगल क्षेत्र के बीच की सभी शिराएँ (कॉम्सटॉक-निधम तंत्र के अनुसार इन शिराओं को पश्चमध्योत्तर तथा पंखाभिखाएँ भी कहा जाता है।
  • Anal -- 1. गुद 2.पक्षांत
1.उदर का अंतिम खंड जिस पर गुदा स्थित होती है।
2.पंख का अंतिम छोर जहाँ प्रायः पक्षांत कोशिका होती है।
  • Analogous organs -- समवृत्ति अंग
कार्य में समान किंतु उद्भव में भिन्न अंग। उदा. पक्षी और चमगादड़ के पंख। तु. Homologous organs समजात अंग।
  • Analogous -- समवृत्तिक
वे संरचनाएँ जिनके कार्य तो समान होते हैं परंतु विकास के मूल भिन्न होते हैं, जैसे-कीट-नखर (पंजा) और मनुष्य के हाथ।
  • Analogue -- समवृत्ति
एक व्यष्टि के किसी भाग या अंग का किसी अन्य व्यष्टि के भाग या अंग से प्रकार्य में समान किंतु उत्पत्ति में भिन्न होना।
  • Analogy -- समवृत्तिता
कार्य में समान किंतु उद्भव में भिन्न होने की स्थिति, जैसे पक्षी और कीट के पंख।
  • Anamniota -- एनैम्निओटा (अनुल्बी वर्ग)
ऐसे कशेरुकियों का प्राकृतिक समूह जिनके भ्रूणों में उल्ब नहीं होता; जैसे साइक्लोस्टोम, मछलियाँ और उभयचर।
  • Anamorphosis -- अधिकायांतरण
1. विभिन्न प्राणि-समूहों के विकास के दौरान धीरे-धीरे होने वाले प्रोगामी परिवर्तनों द्वारा एक जाति अथवा प्रकार का दूसरे में परिवर्तन।
2.संधिपादों में स्फुटन के बाद अतिरिक्त शरीर खंडों का बनना।
  • Anaphase -- पश्चावस्था
समसूत्रण अथवा अर्धसूत्रण II की मध्यवस्था के बाद प्रत्येक गुणसूत्र के अर्धसूत्रों का वियोजन होकर तर्कु-ध्रुवों की ओर जाना अथवा अर्धसूत्रण-I की पश्चावस्था के दौरान युग्मित गुणसूत्रों का युगली अथवा बहुयुगली गुणसूत्रों के रुप में अलग हो जाना
  • Anaphase -- पश्चावस्था, ऐनाफ़ेज़
कोशिका-विभाजन की तीसरी प्रमुख अवस्था जिसमें प्रतिकृत गुणसूत्र मध्यवर्ती रेखा में विपरीत ध्रुवों की ओर चले जाते हैं।
  • Anapolysis -- अमोचन
कुछ फ़ीताकृमियों में परिपक्व देहखंडों का शरीर से आजीवन जुड़ा रहना।
  • Anapophysis -- पश्चवर्ध
कीट-कशेरुकों में अनुप्रस्थ प्रवर्ध के आधार से पृष्ठ तल पर निकलने वाला छोटा प्रवर्ध।
  • Anaspid -- ऐनेस्पिड, अछिद्रकरोटि
ऐसे सरीसृपों के लिए प्रयुक्त जिनकी करोटि में शंख छिद्र नहीं होते।
  • Anastomosis -- शाखामिलन
किसी तंत्र की शाखाओं की अंत:संबंद्धता।
  • Anatomy -- शारीर
जीवविज्ञान की वह शाखा, जिसमें विच्छेदन आदि की सहायता से जीव की स्थूल संरचना का अध्ययन किया जाता है। यह आकारिकी की एक उपशाखा है।
  • Anconal (anconeal) -- 1. कफोणिक 2. पक्षपृष्ठक
1. कोहनी की या उससे संबंधित।
2. पक्षियों के पंख की ऊपरी सतह से संबंधित।
  • Androconia -- पुंगंध शल्क
रुपांतरित पंख-शल्क, जो कुछ नर तितलियों में लैंगिक दृष्टि से आकर्षक खुशबू उत्पन्न करते हैं।
  • Androgen -- ऐंड्रोजन, पुंजन
नर हार्मोन अर्थात् व रासायनिक स्राव जिनमें नर के लक्षण विकसित करने की क्षमता होती है; जैसे वृषण हार्मोन।
  • Anadrogenesis -- पुंजनन
निषेचन की क्रिया में अंड केंद्रक के भाग न लेने के कारण केवल पैतृक गुणसूत्रों वाले भ्रूण का परिवर्धन।
  • Androsterone -- ऐन्ड्रोस्टेरोन
अधिवृक्क के वल्कुट में पाया जाने वाला नर हार्मोन जो टेस्टोस्टेरोन की तुलना में बहुत कम सक्रिया होता है।
  • Androtype -- पुंप्ररुप
किसी प्राणि-जाति के नर का प्ररुप-निदर्श (type specimen)।
  • Anemoplankton -- वातोढ़प्लवक
वायु-वाहित सूक्ष्म जीवों का समूह।
  • Anemotaxis -- वातानुचलन
1. पंखों वाले कुछ कीटों में उस वायु प्रवाह की ओर उड़ने की प्रवृति का होना जो स्रोत विशेष से मादा वयस्कों के सेक्स फ़ीरोमोन गंध अणुओं को लाता है। गंध के स्रोत की ओर पहुँचने के लिए वयस्कों के उड़ने में अवरक्त विकिरण (infrared radiation) सहायक होता है।
2. रेंगने वाले कीटों, चींटियों और कुछ कीटों की लारवा अवस्थओं में भोजन-स्रोतों और आश्रयस्थलों की ओर पथ का अनुसरण करना।
  • Aneuploid -- असुगुणित
ऐसी कोशिका या जीव जिसमें उसके कायिक गुणसूत्रों की संख्या की अपेक्षा एक या एक से अधिक गुणसूत्र, कम या अधिक होते हैं।
  • Anuploidy -- असुगुणिता
गुणसूत्र संख्या में एक या अधिक गुणसूत्र के घट या बढ़ जाने से उत्पन्न कोई अपसामान्य स्थिति।
  • Angling -- बंसी लगाना
बंसी से मछली फंसाने का काम जिसमें काँटे और डोर से मछली पकड़ी जाती हैं।
  • Angular bone -- कोणीया
स्तनियों को छोड़कर अधिकांश कशेरुकियों में निचले जबड़े के निम्न पश्च भाग में स्थित कलास्थि (कला अस्थि)। स्तनियों के विकास के दौरान यह हड्डी जबड़े से अलग होकर कर्ण पटहास्थि के रुप में परिवर्धित हो जाती है।
  • Angulliform -- कुंचिकाकार, कुंचित
सर्पमीन की आकृति वाला।
  • Angulo-splenial -- एंग्यूलो-स्प्लीनियल
उभयचरों में चिबुक के अधिकांश भीतरी और निम्न भाग को बनाने वाली अस्थि।
  • Animal cell -- जंतु-कोशिका, प्राणकोशिका
प्राणियों के शरीर की संरचनात्मक और प्रकार्यात्मक इकाई या कोशिका। इसमें कोशिका भित्ति, हरितलवक और धानियाँ नही होती। कोशिकाद्रव्य में तारककेंद्रों का पाया जाना इन्हें उच्च कोटि के पादपों की कोशिकाओं से, तथा हिस्टोन से संबद्ध डी.एन.ए. युक्त सुस्पष्ट कंद्रक की उपस्थिति इन्हें प्राक् केंद्रकों से विभेदित करते हैं।
  • Animal electricity -- प्राणि विद्युत
प्राणियों के शरीर में घर्षण द्वारा उत्पन्न विद्युत् खासकर विद्युत् मीन आदि मछलियों में विशेष रुप से अनुकूलित अंगों द्वारा उत्पन्न विद्युत् जिसका प्रयोग इनके द्वारा मुख्यतः आक्रमण या प्रतिरक्षा के लिए किया जाता है।
  • Animal kingdom -- प्राणि-जगत्
सजीव सृष्टि के पाँच जगतों में से एक जगत्, जिसमें आर्थ्रोपोडा, मोलस्का कॉर्डटा आदि शामिल है। इनके विशिष्ट लक्षण हैं संचलन के द्वारा गति और प्राणिसन-भोजिता, आदि।
  • Animal pole -- सक्रिय ध्रुव
अंडाणु का वह प्रक्षेत्र जिसमें विखंडन अपेक्षाकृत तीव्र गति से होता है। इस भाग में सबसे कम पीतक होता है और अर्धसूत्रण के दौरान केंद्रक से ध्रुवकाय बाहर निकलता है। (विप. Vegetal pole- अल्पक्रिय ध्रुव)
  • Animal -- जंतु, प्राणि
जीवधारियों के दो प्रमुख समुदायों – वनस्पति तथा प्राणि समुदायों में से एक। पौधों के विपरीत, स्वतः गतिमान होने की क्षमता, जैव भोजन, तथा पर्णहरित (क्लोरोफिल) का अभाव इनकी प्रमुख विशेषताएँ हैं।
  • Animalcule -- जंतुक
ऐसा सूक्ष्म जंतु, जो किसी उपकरण की सहायता के बिना खाली आँख से नहीं दिखाई देता। उदा. अमीबा, पैरामीशियम, वोर्टीसेला आदि।
  • Animalculist -- जंतुकविज्ञानी
जंतुकों के बारे में विशेष जानकारी रखने वाला व्यक्ति।
  • Animalia -- ऐनिमेलिया
जंतुकों के बारे में विशेष जानकारी रखने वाला व्यक्ति।
  • Ankylosis -- अस्थिसमेकन
दो या अधिक पृथक् अस्थियों का अन्य कठोर भागों के साथ सिर्फ जुड़ने से एक हड्डी या संरचना का निर्माण।
  • Annelida -- ऐनेलिडा
द्विपार्श्व सममिति वाले देहगुहायुक्त मेटाजोआ प्राणियों का संघ जिसमें केंचुआ, नेरीस और जोंक आदि आते हैं। सखंड शरीर, सिर का न होना, वृक्कक का होना, नर-मादा अंगों का प्राय: एक ही प्राणि में होना यानी उभयलिंगी व्यवस्था, इनके विभेदक लक्षण हैं।
  • Annulation -- वलय, वलयन
क्यूटिकलीय सतह पर आड़े क्रमों के बीच का दबा हुआ भाग जो वलयांशों जैसा दिखाई देता है।
  • Annulus -- वलयिका
गोल छल्ले की आकृति-जैसी कोई संरचना, जैसे: 1. केंचुओं के शरीर के गोल खंड। 2. जोंक के एक ही खंड में बाहर से दिखने वाले कई छल्ले।
  • Anoestrous -- निर्मदचक्र
स्तनी प्राणियों में दो लैंगिक सक्रियता की अवस्थाओं के बीच मदचक्र की विरामावस्था।
  • Anoplura -- एनोप्लूरा
दे. साइफनकुलेटा
  • Anoxia -- ऐनॉक्सिया, अनॉक्सिता
ऑक्सीजन-रहित पर्यावरण।
  • Anoxybiosis -- अनॉक्सीजीविता
जीव की वह अवस्था जिसमें पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण उसकी उपापचयी क्रिया घट जाती है।
  • Anteclypeus -- अग्र मुखपालि
मुखपाली के खंडों का अग्र भाग।
  • Antecosta -- पूर्वपर्शुक
प्राथमिक अंतरखंडीय वलय से संगत पृष्ठक या अधरक पट्टिका के आंतरिक पृष्ठ पर स्थित अग्र उपसीमांतीय या सीमांतीय कटक जिस पर विशेष रूप से अनुदैर्ध्य पेशियाँ लगी रहती हैं।
  • Antecostal suture -- पूर्व-पर्शुक सीवन
पूर्वपर्शुक की वाह्य सीवन
  • Antecoxal piece -- अग्रकक्षांग भाग
एक प्रकार का भीतरी कठक जो प्रायः एकल या विभक्त संधिकठक और अधिअधरक के बीच में संधिकठक और अग्रकक्षांग सेतु के बीच पाया जाता है।
  • Antecoxal sclerite -- अग्रकक्षांग कठक
पश्चाधरक का एक कठक जो पश्चकक्षांगों के ठीक आगे होता है।
  • Antefurca -- अग्रद्विशिख
कीटों में अग्र वक्षीय खंड का चिमटानुमा प्रवर्ध अथवा अधरकीय आंतरवर्ध (apodeme)।
  • Antelabrum -- ऐन्टीलेब्रम
विभेदित रहने पर कीटों के लेब्रम का अग्र भाग।
  • Antenna -- श्रृंगिका
आर्थोपोडा प्राणियों के शीर्ष में सखंड युग्मित उपांग। क्रस्टेशिया वर्ग में इनके दो युग्म होते हैं जिनमें से पहली जोड़ी को लघुश्रृंगिका और दूसरी को श्रृंगिका कहते हैं। इनका कार्य संवेदनाएँ ग्रहण करना है।
  • Antennal fossa -- श्रृंगिक खात
कीटों के सिरे में पायी जाने वाली गुहा या गर्त जिसमें श्रृंगिकाएँ स्थित होती हैं।
  • Antennifer -- श्रंगिकाधर
संधिपाद प्राणियों में श्रृंगिका की गर्तिका।
  • Antennule -- लघुश्रृंगिका
छोटी श्रृंगिका, विशेषतः क्रस्टेशिया वर्ग के प्राणियों में प्रथम युग्मित श्रृंगिका। इनका कार्य प्राय: संवेदना-ग्रहण होता है।
  • Anteriad -- अग्रदिशी
आगे की ओर निर्देशित।
  • Anterior cross vein -- अग्र अनुप्रस्थ शिरा
डिप्टेरा गण के पंखों की वह अनुप्रस्थ शिरा जो पंख के मध्य में रेडियस से मिडिया तक फैली रहती है।
  • Anterior -- अग्र
शरीर के अगले सिरे अर्थात् सिर की तरफ स्थित अंग, संरचना, क्षेत्र आदि।
  • Anterodorsal -- अग्रपृष्ठीय
कीट-शरीर की आगे, शीर्ष या ऊपर की तरफ की स्थिति।
  • Anteromesal -- अग्रमध्यवर्ती
कीट शरीर के आगे और मध्य रेखा की समवर्ती स्थिति।
  • Anteroventral -- अग्राधर
कीट शरीर के आगे, नीचे या निचले भाग की स्थिति।
  • Antesternite -- पूर्व अधरकांश
कीटों का अग्र अधरक कठक।
  • Anthelminthic -- कृमिनाशक
कोई यौगिक जो कृमियों का नाश करता हो।
  • Antibiosis -- प्रतिजीविता
दो जीवों के बीच परस्पर-विरोधी साहचर्य जिसमें एक की सामान्य वृद्धि और विकास पर दूसरे का हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
  • Antibiotic -- एन्टीबायोटिक
सूक्ष्म जीवों द्वारा उत्पन्न रासायनिक यौगिक और उनसे मिलते जुलते कृत्रिमतः संश्लेषित या अर्थसंश्लेषित पदार्थ जो कम सांद्रता में भी अन्य सूक्ष्म जीवों को मारने या उनकी वृद्धि रोकने में सक्षम होते हैं।
  • Antibody -- प्रतिरक्षी
रुधिर प्लाज्मा में रहने वाले या संक्रमण की प्रतिक्रिया के रुप में बनने वाले उन विशिष्ट पदार्थों में से एक पदार्थ जो जीवाणु, विषाणु आदि के प्रभाव को नष्ट करके उनसे शरीर की रक्षा करते हैं।
  • Antidote -- प्रतिविष, प्रतिकारक
विषाक्तता के समय तुरंत दिया जाने वाला व्यावहारिक पदार्थ जो विष के प्रभाव को नष्ट करता है।
  • Antienzyme -- प्रतिएन्जाइम, प्रतिकिण्व
एन्जाइम की क्रियाओं को कम या बंद करने वाला पदार्थ या प्रतिरक्षी जैसे ऐन्टीट्रिष्सिन, ऐंटीप्रोटिएस।
  • Antifeedant -- अशन-रोधी
ऐसा यौगिक जो पीड़क की अशन-क्रिया में अवरोध उत्पन्न करता है।
  • Antifeeding compound -- प्रति-अशन यौगिक
वह पदार्थ जो किसी जीव के भोजन-स्रोत (जैसे फसलीय पादप) को प्रतिकर्षित अथवा विषालु किए बिना ही अशन से रोकता है।
  • Antigen -- प्रतिजन
अणु जो इम्यूनोग्लोबुलिन अणु के विशिष्ट योजीस्थल के साथ स्थायी अन्योन्य-क्रिया करने पर प्रतिरक्षी उत्पन्न करता है। प्रतिजन अणु विलयन में मुक्त रुप से अथवा कोशिकीय झिल्ली के एक भाग के रुप में पाया जा सकता है।
  • Antimetabolite -- प्रतिउपापचयज
वह यौगिक जो संरचना में उपापचयी मार्ग के माध्यमिक (जैसे उपापचयन) के समान होने के कारण प्रतिस्पर्धात्मक रुप से माध्यमिक के एन्ज़ाइमी रुपांतरण का संदमन कर सकता है जिससे उपापचय अवरुद्ध हो जाता है। इन यौगिकों का कई पीड़कों के नियंत्रण क लिए उपयोग किया जाता है।
  • Antitoxin -- ऐन्टीटॉक्सिन, प्रतिआविष
किसी जीवाणु द्वारा आविष (टॉक्सिन) के प्रति अनुक्रिया के फलस्वरुप बनने वाला प्रतिरक्षी (ऐन्टीबॉडी)।
  • Antler -- श्रृंगाभ
हिरन तथा हिरन-कुल के प्राणियों में ललाटिका से निकला हुआ अस्थिल ह्रासित उद्वर्ध। सामान्यतया ऐसी संरचनाएँ नर में ही होती हैं और पशुओं के सींगों के विपरीत ये प्रत्येक वर्ष गिर जाती हैं।
  • Aorta -- महाधमनी
शरीर की प्रमुख धमनी, जो अन्य धमनियों व उनकी असंख्य शाखाओं द्वारा रुधिर को हृदय से शरीर के अधिकांश अंगों तक ले जाती है।
  • Aortic arch -- महाधमनी चाप
कशेरुकियों में अधर महाधमनी से निकलकर पृष्ठ महादमनी से जुड़ने वाली युग्मित धमनियाँ।
मछलियों में ये अभिवाही और अपवाही क्लोम वाहिकाओं में परिवर्धित हो जाती हैं। स्थलीय प्राणियों में भ्रूणीय चापों के छह युग्म होते हैं। स्थलीय प्राणियों में भ्रूणीय चापों के छह युग्म होते हैं जिनमें पहले दो और पांचवें युग्म का प्रौढ़ अवस्था में बहुधा लोप-सा हो जाता है तथा तीसरे, चौथे और छठे युग्म क्रमश: ग्रीवा, दैहिका-चाप और फुप्फुस-चाप बन जाते हैं।
  • Ape -- कपि
वानर, विशेषतया पुरानी दुनिया में बड़े पुच्छहीन वानरों में से एक। पौंगिडी कुल में आने वाले इन प्राणियों की कुछ जातियाँ रुप तथा व्यवहार में मनुष्य से मिलती-जुलती हैं।
  • Aperture -- रंध्र, द्वारक
छिद्र अथवा खुला स्थान (जैसे, ठोस पदार्थ के भागों या खंडों के बीच का)। उदा. एक-कपाटी कवच का छिद्र।
  • Aphaniptera -- एफैनिप्टेरा
(दे.-Siphonoptera साइफ़ोनैप्टेरा)
  • Aphelenchoid oesophagus -- एफेलेनकॉयड ग्रसिका
सूत्रकृमियों की त्रिभागीय ग्रसिका जिसमें मध्य कंद पूर्ण विकसित रहता है तथा उसमें पृष्ठीय ग्रसिका ग्रंथि खुलती है।
  • Aphicide -- एफिडनाशी
एफिड़ो को नष्ट करने के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला पदार्थ या रसायन।
  • Aphid lion -- एफिड व्याघ्र
लेसविंग (क्राइसोपा कॉर्निया ) का लारवा जो दिखने में घड़ियाल जैसा और बहुत खाने वाला होता है। इसका उपयोग व्यापक रुप से एफ़िडों के नियंत्रण के लिए ग्रीन हाऊस में उगायी जाने वाली पसलों पर किया जाता है।
  • Aphid-borne -- एफिड-वाहित
ऐसे सूक्ष्म जीव जो एफिड़ों के शरीर में रोग उत्पन्न करने में सक्षम होने तक परिवर्धित होते रहते हैं।
  • Aphidicolous -- एफिडवासी
ऐफिड निवहों में स्थायी या अस्थायी रुप से रहने वाला (जैसे, चींटियों की कुछ जातियाँ)।
  • Aphidivorous -- ऐफिडाहारी, ऐफिडभक्षी
ऐफिडों से पोषण प्राप्त करने वाला (प्राणी)।
  • Aphototropic -- प्रकाशापवर्ती
प्रकाश के स्रोत से दूर भागने वाला (प्राणी)।
  • Apiary -- मधुमक्षिशाला, मधुवाटिका
मधुमक्खी पालन के लिए छत्ते अथवा अन्य पात्रों का समूह जिनका उपयोग मधुमक्खियों को रखने तथा उनके प्रजनन के लिए होता है।
  • Apicad -- शिरोन्मुख, अभ्यग्र
शीर्ष या शिखर की ओर।
  • Apical cell -- शीर्ष कोशिका
वह वृहदाकार पोषी कोशिका जो कुछ कीटों में वृषण नलिका के ऊपरी सिरे पर होती है।
  • Apiculture -- मधुमक्खीपालन
शहद की मक्खियों को पालने का धंधा।
  • Apochlorosis -- अहरितता
सामान्यत: पर्णहरित से युक्त प्राणिवर्ग के कुछ वंशों में पर्णहरित का न होना, जैसे कुछ फ्लेजेलेटा में।
  • Apocrine gland -- अपस्रावी ग्रंथि
एक प्रकार का तरल या अपस्रावी पदार्थ (अर्थात् स्रावी कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य के कुछ अंश के विघटन से उत्पन्न स्राव) उत्पन्न करने वाली उन बड़ी स्वेद-ग्रंथियों में से एक ग्रंथि जो मानव शरीर में रोम वाले क्षेत्रों में होती हैं। इनमें अम्लरागी कोशिकाद्रव्य वाली स्तंभाकार कोशिकाओं की एकल परत होती है।
  • Apocrita (clistogastra) -- एपोक्रिटा (क्लिस्टोगैस्ट्रा)
झिल्लीमय पंखी कीट जिनमें वक्ष तथा उदर के बीच पतली दंडी-जैसी संरचना होती है। इस समूह में मक्षिकाएँ (bee), चींटियाँ तथा बर्रें आती हैं।
  • Apodal (apodus, apodial) -- अपाद
बिना टाँगों या अधर पख अथवा स्तंभ वाला।
  • Apodeme -- आंतरवर्ध
दैहभित्ति की कोई घनीय अंत:वृद्धि जो सामान्यत: बहुकोशिकीय आधात्री और कभी-कभी एकल कोशिका में भी हो सकती है।
  • Apodiformes (micropodiformes) -- ऐपोडीफॉर्मीज (माइक्रोपोडीफॉर्मीज)
लंबे, संकीर्ण पंखों और दुर्बल पादों वाले पक्षियों का गण विशेषतः जिसमें बतासी (स्विफ्ट) और गुंजन पक्षी (हमिंग बर्ड) आते हैं।
  • Apodous -- अपाद
कीटों के लारवों का एक प्रकार जिसमें वक्षीय और उदरीय उपांग पूर्णतया दमित अतवा अनुपस्थित होते हैं। इस प्रकार के लारवे अधिकतर हाइमेनोप्टेरा, डिप्टेरा, कोलियोप्टेरा गणों में और लेपीडोप्टेरा के कुछ कीटों में पाए जाते हैं।
  • Apodus larva -- अपाद लारवा
पादहीन, छोटे सिर और अल्प संवेदी अंगों वाला अपह्रासित प्रकार का कीट-लारवा जो प्रायः प्रचुर भोजन वाले स्थानों में पाया जाता है। गुहमक्खी, मक्षिका और घुन लारवे इसी प्रकार के होते हैं।
  • Apodus -- अपाद, पादहीन
कीट का पादरहित लारवा।
  • Apoenzyme -- एपोएन्ज़ाइम
कोएन्ज़ाइम (सहएन्ज़ाइम) के साथ मिलकर सक्रिय एन्ज़ाइम बनाने वाले प्रोटीन का अंश।
  • Apolysis -- प्रमोचन
प्राणी द्वारा अपने जीवनकाल में पक्व देहखोंडों का परित्याग, जैसे अधिकांश फिताकृमियों में।
  • Apomixis -- असंगजनन
कायिक कोशिकाओं या अनिषेचित अंडों द्वारा अलैंगिक जनन। इस अनिषेकबीजता भी कहते हैं।
  • Apophysis -- विवर्ध
1. कशेरुकियों में हड्डी का प्रवर्ध, जो प्रायः पेशी के जुड़ने का स्थल होता है।
2. कीटों में बाह्य कंकाल का प्रवर्ध, जैसे आंतर प्रवर्ध (apodeme) अथवा बाह्य कंट (spur)।
  • Apoplast -- अपलवक
पौधों में कोशिका-भित्ति का लगभग अविच्छिन्न तंत्र जो जल-संचलन के महत्वपूर्ण मार्ग के रुप में कार्य करता है।
  • Apopyle -- अपद्वार
स्पंज शरीर के वे छिद्र जिनके द्वारा जल की धारा कशाभी कक्षों से केंद्रीय गुहा या बहिर्वाही नाल में पहुँचती है।
  • Aposematic -- अपसूचक
खतरों से आगाह करने वाले भड़कीले रंग या संरचनाएँ। दंशकीटों आदि कुछ प्राणियों में ये अपसूचक शत्रुओं से जीव की रक्षा करने में सहायक होते हैं।
  • Appendage -- उपांग
शरीर से जुड़े हुए अवयव या अंग; जैसे कीटों की श्रृंगिकाएँ, मछलियों के पख, पक्षियों के पंख, मानव के हाथ-पैर, आदि।
  • Appendicular skeleton -- उपांगी कंकाल
अक्षीय कंकाल (कशेरुक दंड व करोटि) से पृथक् पख व पाद (हाथ-पैर) की हड्डियों का ढ़ाँचा।
  • Appendicular -- उपांगीय
उपांग से संबंधित या उस पर स्थित (कोई अंग या अंग- समूह)।
  • Appendix -- परिशेषिका
शरीर के किसी भाग से निकलने वाला उद्वर्ध या प्रवर्ध; विशेष रुप से कृमिरुप परिशेषिका।
  • Appetitive behaviour -- अभिलाषी व्यवहार
कीटों के प्राकृतिक निकेत की उपयुक्त पर्यावरणी दशा में जीवन संबंधी अनिवार्य क्रिया-कलापों के संपन्न करने के लिए उनके द्वारा विशिष्ट क्रिया स्थलों की ओर तेजी से गतिमान होना। इनमें अंडनिक्षेपण, शिशु-अशन, निर्मोचन, वयस्क निर्गमन, वयस्क अशन, संगम स्थल, दिवाचर-निशाचर-क्रिया, शीतनिष्क्रियता-उपरति आदि से संबंधित स्थल की ओर जाने का व्यवहार प्रमुख है।
  • Apposition image -- स्तराधान प्रतिबिंब
वह प्रतिबिंब जिसका निर्माण उस समय होता है जब बाह्य बिंदुओं से आने वाले प्रकाश की कुछ किरणें नेत्रांशकों में प्रवेश करने पर अपवर्तनी इकाई द्वारा नीचे स्थित रैब्डोम के दूरस्थ सिरे पर फोकस हो जाति हैं। शेष सभी किरणें नेत्रांशकों को पृथक् करने वाले वर्णक द्वारा विच्छिन्न हो जाती है।
  • Apteria -- अपिच्छ क्षेत्र
कुछ कैरिनेट पक्षियों के शरीर पर पिच्छहीन या सिर्फ कोमल पिच्छ से ढके रहने वाले भाग जो देहपिच्छों की पंक्तियों के बिच स्थित होते हैं।
  • Apterous -- पक्षहीन
बिना पंखों वाला कीट।
  • Apterygiformes -- ऐप्टेरीजीफॉर्मीज
उड़ न सकने वाले थलचर पक्षियों का एक गण जिसमें न्यूजीलैंड की कीवी आती है। अवशेषी पंख, लंबी चोंच तथा छोटी आँखें इनकी प्रमुख विशेषताएँ हैं।
  • Apterygota -- एप्टेरिगोटा
पंखहीन कीटों का वह उपवर्ग जिनकी पक्षहीन दशा आदिम मानी गई है और जनमें कायांतरण कम अथवा नहीं होता। वयस्क में एक या अधिक जोड़ी अग्रजननीय (pregenital) उदरीय उपांग होते हैं तथा चिबुक (mandibles) सिर-संपुट (headcapsule) से प्रायः एक स्थान पर जुड़े होते हैं। उदाहरण-थाइसेन्यूरा, डिप्लूरा, प्रोट्यूरा और कोलेम्बोला गणों के कीट।
  • Apteryx -- ऐप्टेरिक्स
उड़ने में असमर्थ पक्षियों का वंश जिसमें ऐप्टेरिजिओफ़ॉर्मीज गण के सभी सदस्य आते हैं। कीवी इसका प्रमुख उदाहरण है।
  • Aquarist -- जलजीवज्ञ, जलशालाविद्
जलजीवशाला (जलशाला) का विशेषज्ञ।
  • Aquarium -- जलजीवशाला, जलशाला
सामान्यतया काँच की दीवारों वाला कृत्रिम जलपात्र, जिसमें जीवित प्राणि व पौधे अध्ययन, प्रदर्शन तथा मनोरंजन के लिए रखे जाते हैं।
  • Aqueous humour -- नेत्रोद, ऐक्वअस ह्यूमर
कशेरुकियों में आँख की अग्र कक्षिका में लेन्स और श्वेत मंडल (कॉर्निया) के बीच का तरल।
  • Arachnida -- ऐरेक्निडा
आर्थ्रोपोडा का बड़ा वर्ग जिसमें बिच्छू, मकड़ी, किलनी, चिंचड़ी आदि आते हैं। सिर तथा वक्ष के जुड़ने से बने शिरोवक्ष में छह जोड़े उपांगों (जिनमें से चार चलन-पाद होते हैं) का होना इनका प्रमुख लक्षण है।
  • Arboreal -- 1. वृक्षीय 2. वृक्षवासी
1. पेड़ का अथवा उससे संबंधित या पेड़-जैसी आकृति वाला।
2. पेड़ों पर रहने वाला (प्राणी)।
  • Arborescent appendage -- वृक्षसम उपांग
जल से बाहर निकलने वाली अरोही, पर्च-जैसी कुछ मछलियों के क्लोम कक्ष में पाई जाने वाली शाखायुक्त सहायक संवहनी संरचना जिससे वे हवा में सांस ले सकती हैं।
  • Arbovirus -- आर्बोवाइरस, संवाविषाणु
वह विषाणु, जो संधिपाद प्राणी में मध्यस्थ परपोषी और कशेरुकी में अंत्य परपोषी के रुप में पुनरावृत्त होता है।
  • Archaebacteria -- आद्यजीवाणु
प्राक्केंद्रकी (prokaryotic) जीवों का एक समूह जिनके झिल्ली लिपिड़ो के रसायन यूबैक्टीरिया के रसायनों से भिन्न होते हैं। ये कुछ बातों में यूबैक्टीरिया से मिलते-जुलते हैं तथा कुछ में सुकेंद्रकियों से।
  • Archaeocyte -- आद्यकोशिका
स्पंजों में बड़े केंद्रकों और कुंठित पादाभों वाले कुछ अमीबाणु जो अविभेदित भ्रूणीय कोशिकाएँ समझे जाते हैं और परिवर्धित होकर जनन-कोशिकाएँ बन जाते हैं।
  • Archaeopteryx -- आर्किऑप्टेरिक्स
सर्वप्रथम ज्ञात पक्षी जिसके जीवाश्म दर्मनी में मिले हैं।जुरैसिक काल के इस पक्षी का आकार बड़े कबूतर जितना था। लंबे जबड़ो में हड्डीदार दाँत, पंजों में तीन की बजाय चार अंगुलियाँ और लंबे उड़ने-पिच्छ इसके विशिष्ट लक्षण थे।
  • Archaeornis -- आर्किऑर्निस
उत्तर जुरैसिक काल में पाए जाने वाले पक्षियों का वंश जिनकी लंबी दुम में काफ़ी पर होते थे। इन पक्षियों में कई सरीसृपी लक्षण थे, जैसे-चोंच का अभाव, जबड़ों में दाँत और पंजों में नखरयुक्त तीन अंगुलियाँ।
  • Archaeornithes -- आर्किओर्निथीज़
पक्षियों का एक उपवर्ग जिसमें जुरैसिक कालीन सबसे पुराने तथा आद्यतम जीवाश्म-पक्षी आते हैं। इसमें आर्किओर्निस तथा आर्किओप्टेरिक्स नामक दो वंश ही आते हैं। इनमें सरीसृपों के कुछ विभेदक लक्षण भी पाए गए हैं जैसे जबड़ों में दो दाँतों का होना, ठोस हड्डियों में वायु कोश का अभाव और बिना नौतल वाली छोटी उरोस्थि। अग्र पादों में पंजों के साथ-साथ तीन नखरयुक्त अंगुलियाँ भी पाई गई हैं।
  • Archaic -- आदि, आद्य, पुराकालीन, पुरातन
1. प्रारंभिक काल से ही बिल्कुल अपरिवर्तित रुप वाला; जैसे स्फीनोडोन नामक आद्य सरीसृप।
2. प्रागैतिहासिक समय का अथवा उससे संबंधित।
  • Archenteron (gastrocoele) -- आदयंत्र
अंतश्चर्म (endoderm) की गुहिका जो कंदुकन (gastrulation) के दौरान अंतश्चर्म और मध्यजनस्तर (मेसोडर्म) कोशिकाओं के भीतर की ओर जाने से बनती है तथा अंतत: आंत्रगुहिका बन जाती है।
  • Archetype -- आद्यप्ररुप
विशेषकृत लक्षणों के विलोपन से बना एक काल्पनिक पूर्वज प्ररुप।
  • Archibenthal -- आदिनितलस्थ
नितलस्थ क्षेत्र के ऊपरी भाग का या उससे संबद्ध। उपवेलांचलीय से विलतीय तक फैले हुए इस क्षेत्र में महाद्वीपीय शेल्फ भी शामिल हैं।
  • Area opaca -- अपारदर्शी क्षेत्र
सरीसृपों व पक्षियों के भ्रूणों में कोरकचर्म (ब्लास्टोइर्म) का परिधीय श्वेतमंडल, जो केन्द्रीय पारदर्शी क्षेत्र को घेरे रहता है और पीतक से संपर्क बनाए रखता है।
  • Area pellucida -- पारदर्शी क्षेत्र
परिवर्धनशील सरीसृपों व पक्षीयों के भ्रूणों में कोरकचर्म (ब्लास्टोडर्म) का केंद्रीय स्वच्छ क्षेत्र, जो पीतक के सीधे संपर्क में नहीं रहता।
  • Aerola -- क्षेत्रिका
1.क्यूटिकल का वह क्षेत्र जो अनुप्रस्थ और अनुदैर्घ्य अंकनों द्वारा पार्श्वीय क्षेत्र में परिसीमित होता है।
2.स्तनियों में चूचुक के चारों ओर का गहरे रंग वाला क्षेत्र।
  • Argenteum -- रजताभ स्तर
मछलियों में चर्म की संयोजी ऊतक वाली परावर्ती परत, जिसमें रंगदीप्त कोशिकाएँ (इरिडोसाइट) तो होती हैं किंतु वर्णकीलवक (क्रोमेटोफोर) नहीं होते। नहीं होते। यह ग्वानीन के सूक्ष्म स्फटिकों से बनता हैं।
  • Arista -- शूक
श्रृंगिका का पतला और शूक-समान उपांग। आकारिकीय रुप से वर्तिका (style) और शूक में अंतर नहीं होता। वर्तिका सदैव अंतस्थ होती है जबकि शूक प्राय: पृष्ठीय और बिरले ही अंतस्थ होता है। साइक्लोरेफ़ा की श्रृंगिकाओं में तीन आधारीय खंड होते जिनमें तीसरा सबसे बड़ा जटिल और शूक वाला होता है। शूक नग्न, पिच्छकी अथवा कंकती हो सकते हैं। वर्गीकरण में ये बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
  • Aristotle’s lantern -- अरस्तू की लालटेन
समुद्री अर्चिन में मुख और जबड़ों का ढ़ाँचा बनाने वाली पाँच-पार्श्वीय जटिल कंकाल संरचनाएँ। इस चर्वण-अंग के भीतरी ओर पाँच गतिशील दाँत और इन्हें घुमाने के लिए अस्थियों तथा पेशियों का विस्तृत तंत्र होता है।
  • Armadillo -- आर्मेडिलो
डेसिपोडिडी कुल का बिल खोदकर रहने वाला मुख्यतया रात्रिचर स्तनी जिसमें धड़ और सिर छोटी अस्थिल पट्टिकाओं के खोल से ढके रहते हैं। छेड़े जाने पर ये इस खोल के भीतर गेंद के रुप में हो जाते हैं।
  • Arolium -- अजिनक
गद्दी के समान संरचना जो नखरों के बिच अंतिम गुल्फ खंड के शीर्ष पर या प्रत्येक गुल्फ नखर के आधार पर पाई जाती है। उदाहरण-डिप्टेरा गण की घरेलू मक्खी।
  • Arrhenotoky -- अनिषेकपुंजनन
अनिषेचित अंडों से नरों की उत्पत्ति। उदा. पुमक्षी (ड्रोन बी) आदि।
  • Arsinoitherium -- आर्सिनॉइथीरियम
अल्पनूतन युग के विलुप्त स्तनियों का वंश जिनके दो सींग तथा हाथी-जैसे पैर होते थे।
  • Arterial system -- धमनी-तंत्र
संवहन-तंत्र का वह भाग जो रुधिर को हृदय से शरीर के विभिन्न अंगों की ओर ले जाता है।
  • Arteriole -- धमनिका
कशेरुकियों की छोटी धमनी; विशेष रुप से किसी केशिका के समीपस्थ धमनी की छोटी शाखा।
  • Arteriosclerosis -- धमनीकाठिन्य
धमनियों का दीर्घकालीन रोग जिसमें वाहिका-भित्तियों के काफी मोटे और कठोर हो जाने के कारण धमनियों का लचीलापन समाप्त हो जाता है।
  • Artery -- धमनी
नलिकाकार वाहिका जो रुधिर को हृदय से शरीर के विभिन्न अंगों में ले जाती है। धमनियों की दीवारें की अपेक्षा मोटी, अधिक पेशीय तथा लचीली होती हैं।
  • Articulation -- संधि
देहभित्ति के दो दृढ़ीकृत भागों के बीच का जोड़। संधित संधि में जुड़ने वाले पृष्ठों के एक या दो जोड़ों के अनुसार ये एककंदीय (monocondylic) या द्विकंदीय (dicondylic) संधि कहे जाते हैं।
  • Artificial classification -- कृत्रिम वर्गीकरण
तक्षणों की समग्रता के मूल्यांकन की अपेक्षा एकल यादृच्छिक लक्षण पर आधारित वर्गीकरण।
  • Artiodactyle -- आर्टिओडैक्टिला (समखुरी गण)
खुरयुक्त स्तनियों का गण, जिनमें अग्र पादों और पश्च पादों की कार्यशील अंगुलियाँ संख्या में सम (सामान्यत: दो या चार) होती हैं।
इस गण में गाय-भैंस, भेड़, बकरी, बारहसिंगा, हिरण, जिराफ, ऊंट, दरियाई घोड़ा, सूअर आदि प्राणी आते हैं।
  • Ascaris -- ऐस्केरिस
ऐस्केरिडी कुल के त्रिओष्टीय मुख वाले गोल कृमियों का प्ररुपी वंश, जो आकार और बाहरी आकृति में केंचुओं से मिलते-जुलते हैं और मनुष्य के साथ-साथ कई अन्य प्राणियों में परजीवी बनकर रोग उत्पन्न करते हैं।
  • Ascending colon -- आरोही बृहदंत्र
बृहदांत्र का वह भाग जो सामान्यतया उदर के दाहिनी तरफ से ऊपर की ओर जाता है।
  • Asexual reproduction -- अलैंगिक जनन
जनन का वह प्रकार, जिसमें जनन-कोशिकाएँ (युग्मक) न बनकर जनन क्रिया प्राणि की कायिक कोशिकाओं से होती है; जैसे अमीबा में द्विखंडन, स्पंज में जेम्लूल द्वारा जनन और हाइड्रा में मुकुलन।
  • Asexual -- अलैंगिक, अलिंगी
जनन का एक प्रकार जिसमें सेक्स कोशिकाओं (युग्मकों) का युग्मन नहीं होता।
  • Asphyxiant -- श्वासरोधी
ऐसी गैस जो श्वसनी-विसरण द्वारा नाशकजीवों को मारती है।
  • Aspirator -- चूषित्र
कीटों को चूषण द्वारा पकड़ने की एक युक्ति।
  • Assay -- आमापन
किसी पदार्थ के अवयवों का गुणात्मक अथवा मात्रात्मक निर्धारण, जैसे औषध या कीटनाशी का।
  • Assimilation -- स्वंगीकरण
जीवों में भोजन के पश्चात् अवशोषित पोषक पदार्थों का अंतत: जीव द्रव्य में परिवर्तन।
  • Association neuron (internuncial neuron) -- सहबंधक तंत्रिएक
संवेदी और प्रेरक तंत्रिएकों का योजक तंत्रिएक।
  • Aster -- तारक
अधिकांश प्राणि-कोशिकाओं में तारक केंद्र से निकलने वाला छोटी सूक्ष्म नलिकाओं का ताराकार समूह जो कोशिकापंजर का महत्वपूर्ण भाग होता है।
  • Astigmatous -- श्वासाछिद्री
बिना श्वास-छिद्रों (spiracles) वाला।
  • Astrocyte -- ताराणु
कशेरुकी केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र में ग्लियल कोशिकाओं का एक प्रकार जिनका आकार तारे जैसा होता है।
  • Asymmetric cell division -- असममित कोशिका-विभाजन
कोशिका-विभाजन जिससे असमान संतति कोशिकाएँ बनती हैं।
  • Asymmetrical -- असममित
ऐसी संरचना जो दोनों तरफ एक समान नहीं होती।
  • Asymmetry -- असममित
किसी सरंचना के दोनों तरफ एक समान न होने की स्थिति।
  • Atavism -- पूर्वजता
जीनों के पुनर्योजन के कारण जीव में सुदूर पूर्वजों के ऐसे अभिलक्षण की पुनरावृत्ति जो निकटतम पूर्वजों या प्रजनकों में नहीं पाया जाता। उदा. कभी-कभी मानवशिशु में छोटी-सी पूंछ का प्रकट होना।
  • Athrocyte -- शोषणु
प्रगुहाणु जो कायद्रव से विजातीय तत्वों का अवशोषण करके उन्हें क्रिस्टल के रुप में संचित करता है।
  • Atlas -- ऐटलस, शीर्षधर
चतुष्पाद कशेरुकियों में मेरुदंड को करोटि से जोड़ने वाला कशेरुक।
  • Atomize -- कणित करना
बिंदुकों (सूक्ष्म बूंदों) में परिणत करना (फुहार तरलों के लिए प्रयुक्त)।
  • Atracheate -- अवातक, श्वासनली-हीन
श्वासनली से रहित (प्राणी)।
  • Atresia -- 1. अछिद्रता 2. जीर्णता
1. शरीर में किसी भाग अथवा छिद्र का तंग हो जाना या बिल्कुल ही न रहना।
2. अपहासन की क्रिया द्वारा किसी संरचना का लोप; जैसे स्तनी अंडाशय के पुटका।
  • Atrial -- परिकोष्ठी
परिकोष्ठ या अलिंग से संबद्ध (गुहिका, रंध्र, नाल आदि)।
  • Atrium -- 1. अलिंद 2. परिकोष्ठ
1. हृदय की अग्र गुहिका अथवा कक्ष, जिसमें रुधिर शरीर के विभिन्न अंगों से लौटकर आता है।
2. ट्यूनिकेटा और सेफेलोकार्डेटा में ग्रसनी के चारों तरफ का कक्ष।
  • Atrophy -- क्षीणता, अपुष्टि
कोशिकीय क्षय की एक प्रक्रिया जिसके परिणामस्वरुप आकार और क्रिया का ह्वास होता है।
  • Attractant -- आकर्षी
एक रसायन-विशेष या भौतिक स्रोत जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
  • Atypical -- अप्रारुपिक, अप्ररुपी
सामान्य या प्ररुप से भिन्न; जैसे चतुष्पादों में प्रथम कशेरुक यानी ऐटलस।
  • Auditory nerve -- श्रवण-तंत्रिका
कशेरुकियों की आठवीं कपाल-तंत्रिका, जो आंतरिक कर्ण से निकले आवेगों को मस्तिष्क तक ले जाती है।
  • Auditory ossicles -- श्रवण-अस्थिकाएँ
स्थलीय कशेरुकियों में कर्णपटह झिल्ली को अंडाकार गवाक्ष अथवा आंतरिक कर्णपटह से जोड़ने वाली छोटी-छोटी अस्थियाँ।
  • Augmentation -- सुवर्धन
पीड़कों के जैविक-नियंत्रण के लिए परजीवियों, परभक्षियों या रोगाणुओं का बड़े पैमाने पर संवर्धन, पालन-पोषण और स्थानिक मोचन।
  • Auricle -- 1. अलिंद 2.ऑरिकिल
1. हृदय का वह कक्ष जिसमें रुधिर शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से लौटकर आता है और वहाँ से फिर निलय (वेंट्रिकल) में चला जाता है।
2. कान-जैसी उभरी हुई कोई संरचना; जैसे प्लेनेरिया में शीर्ष के दायें-बायें उभार, समुद्री अर्चिनों में हनुकंकाल (अरस्तू की लालटेन) की परिधि के चारों ओर स्थित पाँच कैल्शियम चाप।
  • Auricularia -- कर्णकाभ
होलोथूरिया के प्राणियों में पाया जाने वाला एक प्रकार का डिंभक (larva)।
  • Autoantibody -- स्वप्रतिरक्षी
प्रतिरक्षी जो किसी व्यक्ति के शरीर के सामान्य प्रतिजन घटक के साथ विशिष्ट प्रतिक्रिया करने में सक्षम होता है और स्वयं भी उसी शरीर में बनता है। पात्रे, ऐसे प्रतिरक्षी अपने समान प्रतिजनों के साथ प्रतिक्रिया द्वारा पहचाने जाते हैं। ये प्रतिजन प्राय; दूसरी जातियों से प्राप्त किये जाते हैं।
  • Autoantigen -- स्वप्रतिजन
शरीर का प्रसामान्य घटक जो स्वप्रतिरक्षी से अभिक्रिया करता है।
  • Autocatalysis -- स्वोत्प्रेरण
ऐसा प्रक्रम जिसके द्वारा किसी अभिक्रिया का उत्पाद उसके सकारात्मक पुनर्भरण (positive feedback) को प्रभावित करने वाली अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।
  • Autocidal control -- स्वगाती नियंत्रण
किसी कीट जाति का उसके ही विरुद्ध उपयोग जिससे कि उस कीट की प्राकृतिक समष्टि को कम किया जा सके अथवा उसका उन्मूलन किया जा सके। इसे प्राय: कुछ साधनों द्वारा आनुवंशिक हेर-फेर से प्राप्त करते हैं। उदा.-बंध्य नर का मोचन।
  • Autoecology (autoecology) -- स्वपारिस्थितिकी
एकल कीट जाति के द्वारा किसी समुदाय के विशेष निकेत में रहने के लिए किए जाने वाले अनुकूलन का अध्ययन।
  • Autogamy -- स्वकयुग्मन
पैरामीसियम जैसे कुछ सिलिएटों में जनन-क्रिया के दौरान एक ही कोशिका में उत्पन्न दो युग्मक केंद्रकों का संलयन।
  • Autogenous vaccine -- स्वगत वैक्सीन
उपचारगत रोगी के शरीर से पृथक् करके संवर्धित किए गए जीवाणुओं से तैयार वैक्सीन।
  • Autograft -- स्वरोपण
एक ही जीव के शरीर के किसी अंश को निकाल कर उसे उसी जीव के शरीर के अन्य भाग में निरोपित करना।
  • Autonomic nervous system -- स्वायत्त तंत्रिका-तंत्र
केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र के साथ ही, गुच्छिकाओं और तंत्रिकओं का पृथक् उपतंत्र जो अंतरंगों की अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण करता है; विशेष रुप से (1) कशेरुकियों में तंत्रिका-तंत्र का वह भाग जो अनैच्छिक पेशियों, ग्रंथियों आदि पर नियंत्रण रखता है और अनुकंपी तथ परानुकंपी तंत्रों से मिलकर बनता है। अनुकंपी तंत्र की तंत्रिकाएँ मेरु रज्जु से अधर तल पर निकलकर कशेरुक दंड के दोनों ओर स्थित गुच्छिकाओं तक जाती हैं। (2) कीटों में अंग्रात्र से संबधित स्वायत्त तंत्रिका-तंत्र।
  • Autoparasite -- स्वपरजीवी
वह परजीवी, जो दूसरे परजीवी पर जीवन निर्वाह करता है।
  • Autophagic vacule -- स्वभोजी धानी
अंगक-भक्षी लयनकाय या एक प्रकार की पाचक धानी जिसमें कोशिका अपने अंगकों (जैसे, माइटोकोन्ड्रिया, अंतःद्रव्यी जालिका आदि) का स्वलयन करती है।
  • Autophagous -- स्वतःभोजी
जन्म से ही स्वयं पोषण प्राप्त करने में सक्षम; जैसे, कुछ पक्षी जो स्फुटन के तुरन्त बाद ही इधर-उधर दौड़कर आहार ढूंढ़ने लग जाते हैं।
  • Autophagy -- स्वतःभोजिता
1.शरीर में अंगों का भक्षण जो प्रायः अंगोच्छेदन के बाद होता है।
2. उपापचयी उत्पादों के स्वअवशोषण द्वारा जीवन-निर्वाह; जैसे खमीर (यीस्ट) द्वारा अपने ही ग्लाइकोजन का उपयोग।
  • Autopolyploidy -- स्वबहुगुणिता
किसी बहुगुणित जाति में उसकी मूल जाति के अगुणित गुणसूत्र समुच्चय के गुणन से व्युत्पन्न संजीनों के एक से अधिक समुच्चयों में होने की अवस्था।
  • Autoradiography -- स्वविकिरणी चित्रण
वैद्युत्कण संचलन आदि विधियों द्वारा पृथक्कृत कोशिकाओं, ऊतक खंडों अथवा अणुओं (प्रोटीन, न्यूक्लीक अम्लों आदि) के वितरण तथा उनमें रेडियो समस्थानिकों की उपस्थिति ज्ञात करने की तकनीक। संसाधित रेडियोसक्रिय पदार्थ को फोटेग्राफी विलयन अथवा फिल्म से ढक देते हैं और अंधेरे में लंबे समय तक उद्भासित करते हैं। इसके बाद प्रकट हुए रजत कणों अथवा रेडियो सक्रिय संपरीक्षकों को सीधे अथवा सूक्ष्मदर्शी से देखते हैं।
  • Autosome -- अलिंगसूत्र
लिंग गुणसूत्रों के अतिरिक्त, कोई भी अन्य गुणसूत्र। मनुष्य में अलिंगसूत्रों के 22 जोड़े होते हैं।
  • Autostylic -- स्वनिलंबित, आटोस्टाइलिक
कंठिका-चाप द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े रहने की बजाय कपाल से प्रत्यक्ष रुप से जुड़े जबड़ों वाला; जैसे, काइमेरा, फुप्फुस-मीन, उभयचर और उच्चतर कशेरुकियों की करोटि।
  • Autotomy -- स्वंगोच्छेदन
1. प्रतिवर्ती क्राया द्वारा किसी भाग या अंग का शरीर से स्वतः पृथक्करण; जैसे छिपकली की पूंछ का।
2. प्राणी का दो या तीन खंडों में विभाजित हो जाना; जैसे क्रस्टेशियनों, शूलचर्मियों ओर कृमियों में।
  • Autotroph -- स्वपोषी
जीव जो अपनी आवशकता के पोशक कार्बनिक पदार्थों को कार्बन डाईआक्साइड और अन्य सरल अकार्बनिक अणुओं से संश्लेषित करने में स्वयं सक्षम होता है।
  • Autotrophism -- स्वपोषण
पोषण का वह प्रकार जिसमें जीव द्वारा स्वयं अपने शरीर के भीतर अकार्बनिक पदार्थों को इस्तेमाल करके खाद्य पदार्थों का संश्लेषण किया जाता है।
  • Autozooid -- ऑटोजोआइड, स्वजीवक
ऐन्थोजोआ में सामान्य प्ररुपी पॉलिप जो अपना पोषण स्वयं प्राप्त कर सकता है।
  • Auxins -- ऑक्सिन-वर्ग
कोशिका-दीर्घन करने वाले पादप वृद्धि हार्मोंनों का एक समूह जो पौधों की जड़ों और तने के छोर में पाया जाता है।
  • Auxotroph -- विपोषी
उत्परिवर्ती सूक्ष्मजीव जिन्हें अपनी वृद्धि के लिए न्यूनतम अनिवार्य माध्यम के अतिरिक्त भी वृद्धि कारकों की आवश्यकता होती है।
  • Aves -- एवीज (पक्षिवर्ग)
कशेरुकियों का उच्चतर वर्ग जिसमें विलुप्त और विद्यमान सभी पक्षी आते हैं। इन समतापी (नियततापी) अंडप्रजक प्राणियों में परों से ढकी त्वचा, दो पश्चपाद, अग्रपादों का पंखों में परिवर्तन, हृदय में चार कक्ष, और केवल दाहिना महाधमनी-जाप होते हैं।
  • Avicide -- पक्षिनाशी
पीड़क पक्षियों को निंयत्रित करने वाला पदार्थ। यह प्रायः उनकों मारता नहीं है, बल्कि कुछ पक्षियों को दूर भगा देता है, जिससे दूसरे पक्षी भी डर कर भाग जाते हैं।
  • Axeny -- आगंतुक हीनता
आकारिकीय रोधों के बिना ही रोगाणु के प्रति पादप का प्रतिरोध।
  • Axial fibril -- अक्षीय रेशक
स्पाइरोकीटों की बाहरी कला के ठीक नीचे स्थित कशाभिका जैसी संरचना।
  • Axillars (axillaries) -- कक्षपिच्छ
कक्षक से निकलने वाले परों (पिच्छों) का समूह जो पक्षियों की उड़ान में उड्डयन पिच्छों और शरीर के बीच वाले स्थान को ढक लेता है।
  • Axillary -- कक्षीय, कक्षवर्ती
काँख या कक्षक का, उसमें स्थित य उससे संबद्ध; जैसे कक्षपिच्छ, कक्षीय कठक, आदि।
  • Axis -- अक्षकशेरूक, अक्षक
चतुष्पाद कशेरुकियों में दूसरा ग्रीवा-कशेरुक।
  • Axon -- तंत्रिकाक्ष
तंत्रिएक का एक प्रवर्ध अथवा तंत्रिका-रेशा जो एकदिशीय तंत्रिका आवेग को कोशिका-पिंड से दूर ले जाता है।
  • Axoneme -- अक्षसूत्र
पक्ष्माभ या कशाभ में गति उत्पन्न करने वाले अक्षीय रेशकों का बंडल जिसमें 9 द्विक सूक्ष्मनलिकाएँ 2 एकल सूक्ष्मनलिकाओं को घेरे रहती हैं।
  • Axostyle -- अक्षदंड
अनेक कशाभी प्राणियों में जीवद्रव्य की दंड-जैसी संरचना जो आंतरिक कंकाल का कार्य करती है।
  • Azygous vein -- अयुग्म शिरा
सरीसृपों, पक्षियों और स्तनियों में प्राय: एक ही तरफ (दाहिनी तरफ) पाई जाने वाली शिरा जो पसलियों के आस-पास का रुधिर इकट्ठा करके अग्र महाशिरा में ले जाती है।
  • Bacillus -- बैसिलस, दंडाणु
दंड-रुप, वायुजीवी बीजाणु वाले जीवाणुओं (बैक्टीरिया) का वंश जिसमें ऐसी कई जातियाँ सम्मिलित हैं जिनका उपयोग जैव पीड़कनाशियों की भांति किया जाता है। महत्वपूर्ण जातियाँ हैं- बैसिलस सीरेस, बै. लेन्टीमोर्बस, बै. पेपिली, बै. स्फेरीकस, बै. सबटेलिस और बै. थ्यूरिनजियेन्सिस।
  • Back mutation (reverse mutation) -- प्रतीप उत्परिवर्तन
उत्परिवर्ती जीन में वंशागमी प्रत्यावर्तन जिसके फलस्वरुप उस प्रकिण्व या प्रकार्य का पुनः स्थापन होता है जिसे वह तथाकथित ‘अग्र उत्परिवर्तन’ के कारण खो चुका हो।
  • Backbone (vertebral column) -- रीढ़ (कशेरुक दंड)
पीठ में स्थित कई छोटी-छोटी हड्डियों से बनी एक खोखली संरचना जो मेरुरज्जु को ढक कर सुरक्षित रखती है। यह कशेरुकियों का विशिष्ट लक्षण है।
  • Back-cross -- प्रतीप प्रसंकर
संतति का अपने जनकों में से किसी एक के साथ प्रसंकरण (तु. breeding)
  • Bacteriophage -- जीवाणुभोजी (विभोजी)
ऐसा विषाणु जो जीवाण्विक परपोषी में रहकर अपना प्रतिकृतियन करता है। उदा. लैम्डा-टी-और पी-विभोजी।
  • Bacteriophage -- जीवाणुभोजी
ऐसा विषाणु जो जीवाण्विक परपोषी पर संक्रमण करके अपना प्रतिकृतियन करता है। इसका संक्षिप्त नाम विभोजी है। उदाहरण, लैम्डा-, टी.-,और पी.-विभोजी।
  • Bacteroid -- जीवाणुसम
जीवाणु जैसी अथवा आपरिवर्तित जीवाणु-कोशिका। शिंबों (फलियों) वाले पादपों की मूल ग्रंथिकाओं में पाई जाने वाली विकृत राइज़ोबियम कोशिका।
  • Baculoviridae -- बैक्युलोविरिडी
संधिपाद-विशिष्ट विषाणुओं का समूह जिसमें केंद्रकीय पॉलीहेड्रोसिस (एन.पी.बी.) और ग्रेनुलोसिस विषाणु आते हैं।
  • Baculum -- शिश्नास्थि
चमगादड़, ह्वेल और कुछ कृंतकों, मांसाहारियों, नरवानरों आदि स्तनियों के शिश्न में मध्य रेखा पर स्थित कोमल हड्डी।
  • Baenomere -- पदधारक
कीटों में टाँग को धारण करने वाला शरीर का (वक्षीय) खंड।
  • Behaviour -- व्यवहार
भीतरी और बाहरी वातावरण में परिवर्तन के प्रति संपूर्ण जीव की अनुक्रिया; जैसे उद्दीपनों के प्रति अनुचलन, अनुवर्तन, त्वचा का रंग-परिवर्तन आदि।
  • Biat -- विलोभक
पीड़क को आकर्षित करने वाला भक्षण-योग्य पदार्थ।
  • Balanced lethal -- संतुलित घातक
तद्-रूप प्रजनन करने वाला विषमयुग्मज जिसमें युग्मित गुणसूत्रों में से प्रत्येक में विभिन्न घातक जीन इस प्रकार स्थित होते हैं किस जीन-विनिमय प्रायः नहीं होता।
  • Balancer (haltere) -- संतोलक
1. डिप्टेरा कीटों में पूरी तरह न बढ़े हुए निष्क्रिय पश्च पंख जिनकी सहायता से कीट हवा में उड़ते हुए संतुलन बनाए रखने हैं।
2. सैलामैन्डर आदि उभयचरों के लार्वों के सिर पर पाए जाने वाले युग्मित उपांग जो अग्र पादों के बनने से पूर्व संतुलन का कार्य करते हैं।
  • Baleen -- तिमि श्रृंगास्थि
कुछ ह्वेलों में तालु की श्लेष्म कला से उत्पन्न किरेटिन पट्टिकाएँ जो मुँह के भीतर पानी से खाद्य वस्तुओं को छानकर अलग कर देती हैं।
  • Ball and socket joint -- कंदुक-खल्लिका संधि
ऐसी संधि जिसमें एक हड्डी का अर्ध-गोलाकार सिरा दूसरी हड्डी के प्यालेनुमा भाग पर इस तरह बैठता है कि वह हर दिशा में थोड़ा बहुत घूम सकता है; जैसे श्रोणि-उलूखल संधि।
  • Band -- पट्टी
किसी पॉलीटीन गुणसूत्र में विद्यमान उदग्र पट्टी जो युग्मित कायिक गुणसूत्र बंडल में एक ही स्तर पर बहुत सी समजात वर्ण कणिकओं के साथ-साथ होने से बनती है।
  • Bandicoot -- बैंडीकूट, पंदिकोकु
खेत के चूहे की हृष्ट-पुष्ट और सबसे बड़ी जाति जो ऊपर से गहरे भूरे रंग की होती है। कभी-कभी ये चूहे काले, हल्के भूरे या लगभग लाल होते हैं।
  • Barb -- पिच्छक
पक्षियों के परों में पिच्छाक्ष से निकली पार्श्व शाखाएँ।
  • Barbate -- कूर्चकी, लोमगुच्छी
लंबे बालों के गुच्छे वाला या लंबे कड़े बालों वाला।
  • Barbule -- पिच्छिका
पक्षियों के परों में पिच्छिक के दोनों ओर स्थित छोटे-छोटे प्रवर्ध जिनमें पिच्छिका प्रवर्ध (बार्बीसेल) नामक अंकुश-जैसी संरचनाएँ होती हैं और जिनकी सहायता से वे परस्पर गुंथे रहते हैं।
  • Barophilic -- दाबरागी
ऐसी परिस्थिति में रहने वाला (जीव) जहाँ वातावरण का दबाव अधिक रहता है। मुख्य रुप से, गहरे साग में रहने वाले जीवधारियों के लिए प्रयुक्त।
  • Barotaxis -- दाबानुचलन
किसी जीवधारी में दबाव के उद्दीपन के फलस्वरुप होने वाली अभिविन्यासी अनुक्रिया।
  • Barotropism -- दाबानुवर्तन
वायुमंडलीय दाब में परिवर्तन के फलस्वरुप किसी पौधे या स्थावर प्राणि में होने वाला अनुवर्तन।
  • Basal -- आधारी
आधार पर स्थित।
  • Basal apodeme -- आधारी आंतरवर्ध
नर कीट के शिश्नाधार का आंतरवर्ध।
  • Basal body -- आधारी काय
सुकेंद्रकी प्राणियों की कशाभों और पक्ष्माभों का संलग्नन स्थल जो ऐक्सोनीम के आधार पर पाई जाने वाली एक बेलनाकार संरचना है। यह ऐक्सोनीम की सूक्ष्मकोओं का एकत्रण और विन्यास करती है।
  • Basal disc -- आधारी डिस्क, आधार बिंब
कुछ वृंतयुक्त स्थानबद्ध सीलेन्टेरेट प्राणियों में शरीर में फैला हुआ आधारी भाग जिसकी सहायता से वे किसी वस्तु से जुड़े रहते हैं।
  • Basal granule -- आधार कणिका
प्रत्येक कशाभ अथवा पक्ष्माभ के आधार पर स्थित सुस्पष्ट रुप से रंगा जा सकने वाला सूक्ष्म कण जिससे ब्लेफ़ेरोप्लोस्ट भी कहते हैं।
  • Basal metabolic rate -- आधारी उपापचयी दर
विराम अवस्था में उपापचय (ऑक्सीजन-व्यय) की दर। इसे सतही क्षेत्रफल के प्रतिवर्गमीटर के लिए प्रति घंटा उत्पन्न होने वाली सामान्य ऊष्मा की प्रतिशत से व्यक्त किया जाता है।
  • Basal metabolism -- आधारी उपापचय
विरामावस्था में किसी जीव की उपापचयी क्रिया की सामान्य दर।
  • Basal plate -- आधार पट्टिका
शिश्नाधार के कठक।
  • Basal sclerite -- आधारी कठक
दो पार्श्वीय, ऊर्ध्वाधार पटलिकाओं (vertical lamellae) से बना कठक जो ऊर्ध्वाधर तल पर जुड़कर एक द्रोणी (basin) बनाता है जिसमें ग्रसनी स्थित होती है।
  • Basalia -- बैसेलिया, आधारिका
मछलियों के युग्मित पखों में नीचे की ओर स्थित कंकालीय संरचनाएँ।
  • Basanale -- बैसेनेल
कीटों में गुद-शिराओं के आधार पर स्थित तीसरा कक्षीय कठक।
  • Base -- क्षारक, बेस
1. वह पदार्थ जो किसी विलयन में H+ ऑयन अथवा एक प्रोटोन ग्रहण करता है या किसी अन्य पदार्थ को एक जोड़ा इलेक्ट्रॉन प्रदान करता है।
2. न्यूक्लीक अम्लों के नाइट्रोजनी क्षारक (प्यूरीन या पिरिमिडीन) घटक अवशिष्ट।
  • Basement membrane -- आधार झिल्ली
देहभित्ति का आंतरिक-आस्तर बनाने वाली पतली झिल्ली जो बाह्य त्वचा से अधिक चिपकी रहने के कारण उसका उत्पाद ही मालूम होती है।
  • Basendite -- मूलांत पालि
क्रस्टेशियनों में विशेषीकृत युग्मित उपांगों के सिरों से जुड़ी पालियों के जोड़ों में से एक।
  • Baseost -- आधारास्थि
टिलियोस्ट मछलियों की अरास्थि (टेरिजियोफ़ोर) का दूरस्थ भाग।
  • Basic dye -- क्षारकीय रंजक
सामान्य रुप से कोशिका के ऋणावेशित केंद्रकी रचकों को रंग प्रदान करने वाला धनायनी कार्बनिक अभिरंजक।
  • Basic number -- आधारी संख्या, मूल संख्या
बहुगुणित व्यष्टि की पूर्वजीय द्विगुणित जाति की अगुणित गुणसूत्र संख्या का एक्स. (X) द्वारा निरुपण।
  • Basipodite -- दूर पादांश
अंत्य पादांश का आधारी खंड या समान्यीकृत उपांग का दूसरा खंड।
  • Basiproboscis -- आधारशुंड
कुछ कीटों में शुंड का वह झिल्लीमय भाग, जिसमें चिबुकांग (mentum), अध:चिबुकांग (sub-mentum) तथा जंभिकीय कारडोइन और स्टाइपीज होते हैं।
  • Basisphenoid -- आधारजतुक
कशेरुकी कपाल के आधार के मध्य भाग में स्थित अस्थि जो आधार पश्चकपाल और जतुकपूर्वी के बीच में रहती है।
  • Basitarsus -- आधार गुल्फ
गुल्फ का निकटस्थ उपखंड।
  • Basivalvula -- आधार प्रकठक
प्रथम प्रकठक के आधार पर स्थित छोटे कठक जिन्हें कभी-कभी भ्रम से पुटधर (valvifer) समझ लिया जाता है।
  • Basiventral -- आधारमूलक
अस्थिमय अथवा उपास्थिमय संरचनाओं का जोड़ा, जिससे कशेरुकाय (सेंट्रम) का अधर भाग और कभी-कभी पुच्छ क्षेत्र में हीमल चाप बनता है।
  • Basket cell -- करंड कोशिका
1. कुछ ग्रंथियों के आधार के चारों तरफ पाई जाने वाली पेशी-उपकला कोशिकाओं में से एक।
2. अनुमस्तिष्क में पाया जाने वाला एक प्रकार का अंतरांतत्रिओन जिसकी कोशिकाकाय परकिंजे-कोशिका परत के एकदम ऊपर स्थित होती है और उरसे प्रभावित करती है।
  • Basophil -- क्षारकरागी
कणिकायुक्त एक श्वेत रुधिर-कोशिका जो क्षारकीय रंगों से अभिरंजित होती है। संक्रमण होने पर इनसे हिस्टेमीन एवं सेरेटोनिन निकलती है।
  • Basophilic -- क्षारकरागी, क्षारकरंजी
क्षारक रंजकों के प्रति बहुत अधिक आकर्षण दिखलाने वाला (पदार्थ या कोशिका)।
  • Batesian mimicry -- बेटसी अनुहरण
किसी एक प्राणी या प्राणिजात का दूसरे हानिकर, अरुचिकर या विषैले प्राणी या प्राणिजात से रुप, रंग या आकृति की समानता जिससे पहले प्राणी की सुरक्षा हो जाती है क्योंकि परभक्षी जीव दोनों को ही मारने का प्रयत्न नहीं करते।
  • Bathypelagic -- गभीर वेलापवर्ती
महासागर में गहरे, विशेषकर सतह सैकड़ो फुट नीचे वाले जल का, उसमें रहने वाला अथवा उससे संबद्ध।
  • Beach Seine (haul Seine) -- पुलिन संपाशक (कर्षण संपाशक)
लंबा जाल जिसे तट के एक सिरे पर बांध कर मछलियों के झुंड के आसपास घुमा-फिरा कर खींच लिया जाता है।
  • Bee -- मक्षिका, भ्रमर
हाइमेनॉप्टेरा गण के झिल्लीदार पंखों वाले कीटों का सामान्य नाम। इनमें चर्वण-लेहन प्रकार के मुखांग होते हैं और ये पराग, मकरंद तथा मधु से पोषण प्राप्त करते हैं।
  • Beetle -- भृंग
कोलिऑप्टेरा गण के कीटों का सामान्य नाम। इनमें पंखों का अगला जोड़ा पक्षवर्म नामक कड़ी संरचना के रुप में होता है, जो पिछले झिल्लीमय पंखों को ढककर सुरक्षित रखता है।
  • Behavioural resistance -- व्यावहारिक प्रतिरोध
कीटों में कीटनाशियों के लिए प्रतिरोध की एक क्रियाविधि जो व्यावहारिक परिवर्तन से आती है जिससे कीट अपने आपको कीटनाशियों के संपर्क में आने से बचाता है, अर्थात्त एक सामान्य कीट जाति के कुछ व्यष्टि कीट कीटनाशी द्वारा उपचारित सतह से दूर रहते हैं।
  • Behavioural orientation -- व्यावहारिक अभिविन्यास
किसी कीट जाति की परिक्षिप्त समष्टि का दृश्य और घ्राण उद्दीपन के प्रभाव से परपोषी पादप की ओर अभिविन्यास (आना)। ये दोनों ही उद्दीपन भ्रमणशील कीट जाति के व्यष्टियों को परपोषी की तरफ घूम जाने में सहायक होते हैं।
  • Benign tumour -- सुदम्य अर्बुद
दूसरे अंगों को संक्रमित न करने वाले अर्बुद। ये पुन: प्रसामान्य लक्षण प्ररुप स्थिति में लौट सकते हैं, जबकि दुर्दम अर्बुदों में ऐसा नहीं होता। (तु.-malignant tumour)
  • Benthic -- नितलस्थ
सागर की निचली तह या तली का अथवा वहाँ पाया जाने वाला।
  • Benthos -- नितलक
समुद्र या झील की तली में रहने वाले पौधों तथा प्राणियों का सामूहिक नाम।
  • Bergman’s rule -- बर्गमैन नियम
वह सिद्धांत या मत जिसके अनुसार नियततापी प्राणियों की व्यापक रुप से फैली हुई बहुलप्ररुपी (polytypic) जातियों में, प्रत्येक भौगौलिक प्रजाति के प्राणियों का औसत आकार वातावरण के औसत तापमान के विपरीत अनुपात में बदलता रहता है।
  • Beta taxonomy -- बीटा वर्गिकी
निम्न वर्गक और उच्च वर्गक की प्राकृतिक पद्धति में जाति-विन्यास से संबंधित वर्गिकीय स्तर।
  • Bethylid wasp -- बेथिलिड बर्र
वह कीट जिसमें ट्रोकैन्टिलस (trochantellus) अल्पपरिवर्धित अथवा नहीं होता तथा पश्चवक्षों में प्राय: पक्षांतपालि (anal lobe) होती है, ये छोटे अथवा मध्यम आकार और गहरे रंग वाले, चींटी के समान कीट लेपिडॉप्टेरा और कोलियोप्टेरा के लारवों पर परजीवी होते हैं। उदा.-पेरिसीरेला, नेफेनटीडिस और गोनियोजस इन्डिकस।
  • Bicellular -- द्विकोशिक
दो कोशिकाओं वाला या उनसे बना हुआ; जैसे कुछ ग्रंथियाँ आदि।
  • Bicipital -- द्विशिरस्की, द्विशाखी
1. द्विशिरस्क (बाइसेप्स) पेशी का अथवा उससे संबद्ध।
2. कूट, पर्शुका आदि ऐसे अंगों के लिए प्रयुक्त जिनमें दो भाग या संरचनाएँ होती हैं।
  • Bicorn -- द्विश्रृंगी
दो सींगों वाला (अंग, संरचना या जीव)।
  • Bicornuate -- द्विक्षृंगी
दो सींग अथवा सींग-जैसे प्रवर्धों वाला (अंग या संरचना); जैसे गर्भाशय।
  • Bicuspid tooth -- द्वयग्री (दंत)
दो उभारों वाले अग्रचर्वणक जो मानव में रदनकों (कैनाइन) और चर्वणकों (मोलर) के बीच में स्थित होते हैं।
  • Bicuspid valve -- द्विविलनी (कपाट)
स्तनी हृदय में बाएं अलिंद-निलय छिद्र में स्थित कपाट जो दो वलनों की सहायता से बंद होता है।
  • Bidder’s organ -- बिडर अंग
कुछ भेकों (टोड़ो) के नर या मादा में से किसी में भी जननांगों के अग्र सिरे पर या वसा पिंडकों के निकट स्थित अल्पवर्धित अंडाशय।
  • Bifanged (tooth) -- द्विमूलीय (दंत)
दो जड़ों वाला (दाँत)।
  • Bifid -- द्विशाखित, द्विशाखी
एक मध्यगत विदरण द्वारा दो बराबर भागों में बँटा हुआ, जैसे सरीसृपों की जीभ।
  • Biflabellate -- द्विपंखाभ
ऐसी कीट-श्रृंगिकाओं क लिए प्रयुक्त जिनकी संधियों के दोनों ओर पंखे-जैसे प्रवर्ध हों।
  • Biflagellate -- द्विकशाभी
दो कशाभों वाला (जीव या कोशिका); जैसे द्विकशाभी चलबीजाणु (जूस्पोर)।
  • Bilateral symmetry -- द्विपार्श्व सममिति
किसी प्राणी या अंग के केवल एक ही समतल से दो समरुप भागों में विभाजित होने स्थिति; जैसे मेंढक, तिलचट्टे, मानव आदि में।
  • Bile -- पित्त
यकृत् से निकलने वाला पीले-हरे रंग का गाढ़ा क्षारीय स्राव जो पित्त-वाहिनी से पित्ताशाय तथा ग्रहणी में पहुँचता है और पाचन में सहायक होता है।
  • Bill -- चोंच, बिल
1. किरेटिनयुक्त आवरण समेत पक्षियों के जबड़े, जो आहार और स्वभाव के अनुसार विविध प्रकार से रुपांतरित होते हैं।
2. चोंच-जैसा मुखांग; जैसे कच्छप के श्रृंगी जबड़े और प्लैटीपस में संवेदी त्वचा से ढकी हुई चोंच।
  • Binary fission -- द्विखण्डन, द्विविभाजन
कुछ प्राणियों में जनन की सरल प्रक्रिया जिसमें एक कोशिका के केंन्द्रक और कोशिकाद्रव्य के विभाजन से दो समान कोशिकाएँ बन जाती है; जैसे अमीबा में।
  • Binoculur vision -- द्विनेत्री दृष्टि
त्रिविम दृष्टि, जिसमें दोनों आंखें समाने की ओर उन्मुख होकर किसी वस्तु को एक साथ देख सकती हैं। यह प्राइमेट प्राणियों का विशिष्ट लक्षण है और इससे वे दूरी का सही-सही अंदाज लगा लेते हैं। उल्लू कुछ परभक्षी पक्षियों में भी यह विशेषता पाई जाती है।
  • Binomen -- द्विनाम
दो भाग, वंश और विशेषक जिससे जीवों का वैज्ञानिक नाम दिया जाता है।
  • Binomial nomenclature -- द्विपद नामपद्धति
जीवधारियों के नामकरण की वैज्ञानिक विधि जिसका प्रतिपादन सर्वप्रथम कैरोलियस लिनिअस ने किया था। इसके अनुसार प्रत्येक जीव के नाम में दो पद होते हैं जो या तो लैटिन में या फिर लैटिनीकृत रुप में होते हैं। पहला पद जीनस (वंश) का और दूसरा स्पीशीज़ (जाति) का बोधक होता है। रोमन लिपि में जीनस का नाम बड़े अक्षर (कैपिटल लेटर) से शुरु किया जाता है।
उदा. मानव के जीनस का नाम होमो (Homo) और स्पीशीज़ का सेपिएन्स(sapiens) है और पूरा जीव-वैज्ञानिक नाम होमो सेपिएन्स (Homo sapiens) है।
  • Bioagent -- जैव कारक
परजीवी, परभक्षी, रोगाणु आदि जीव जिनका उपयोग नाशकजीवों को मारने के लिए किया जाता है।
  • Bioassay -- जैव आमापन, बायोऐसे
मानक अथवा मानक कीट की अनुक्रिया के मापन के परिप्रेक्ष्य में, जीवों (कीटों) की अनुक्रिया के व्यवस्थित मापन द्वारा, किसी पदार्थ का गुणात्मक या मात्रात्मक आकलन।
  • Biochemistry -- जीवरसायन
जीव के शरीर में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं तथा तत्संबंधी रासायनिक यौगिकों का अध्ययन।
  • Bioclimatology -- जैव जलवायु-विज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसके द्वारा जीवीत प्राणियों पर जलवायु के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
  • Biodegradable -- जैव-निम्नीकरणीय
सूक्ष्मजीवों द्वारा निर्विषी उपापचयजों (metabolites) में टूट जाने वाले पदार्थ अथवा अजैविक जैव रासायनिक पारस्परिक क्रियाओं से प्रेरित होने वाले पदार्थ।
  • Biogenesis -- जीवात्जनन
सजीव पदार्थ में जीवों के उद्भव का सिद्धांत। (विप. Abiogenesis अजीवात्जनन)।
  • Biogenetic law -- जाति-आवर्तन नियम
ऐसी परिकल्पना कि प्रत्येक व्यष्टि अपने परिवर्धन-काल में अपनी जाति के परिवर्धन-इतिहास की संक्षिप्त पुनरावृत्ति करता है।
  • Biogeography -- जीव-भूगोल
विज्ञान की वह शाखा जिसमें समय और स्थान में प्राणियों और पादपों के वितरणों का अध्ययन किया जाता है।
  • Biological control -- जैव नियंत्रण
पारिस्थितिक संतुलन में जैव कारकों के द्वारा परिवर्तन लाकर विनाशकारी या हानिकारक जीवों का नियंत्रण; जैसे, किसी क्षेत्र या आवास में नए परभक्षी, परजीवी या रोग को लाकर किसी पीड़क या नाशक जीव की संख्या में कमी करना।
  • Biological race -- जैव प्रजाति
पोषी प्रथमिकताओं के आधार पर वर्गीकृत जातियों के कार्यिकीय प्रभेद।
  • Biological species concept -- जैव जाति संकल्पना
जातियों के परस्पर प्रजनन पार्थक्य पर बल देने वाली जातिवर्ग संकल्पना।
  • Biological stain -- जैव अभिरंजक
कोशिका के विभिन्न संघटकों को विभेद्रक रंग प्रदान करने वाले रासायनिक पदर्थ।
  • Biological Classification -- जैव वर्गीकरण
आनुवंशिक संबंधों के निष्कर्षों के आधार पर जीवों की वर्गकों (टैक्सॉनों) में व्यवस्था।
  • Biology -- जीवविज्ञान, जैविकी
वह विज्ञान, जिसका जीवधारियों के अध्ययन से संबंध है। पौधों से संबद्ध शाखा को वनस्पति विज्ञान और प्राणियों से संबद्ध शाखा को प्राणिविज्ञान (जंतुविज्ञान) कहते हैं।
  • Bioluminescence -- जैव संदीप्ति
एक विशिष्ट दैहिक रसायन (ल्यूसीफेरिन) की अभिक्रिया के कारण कुछ जीवधारियों द्वारा प्रकाश उत्पादन।
  • Biome -- जीवोम, बायोम
प्रमुख पारिस्थितिकीय क्षेत्र जैसे कि मरुस्थल या उष्णकटिबंधीय वन का जीव समुदाय।
  • Biometry -- जैव-सांख्यिकी, बायोमेट्री
जीवों और उनकी समानताओं तथा विविधताओं का सांख्यिकीय अध्ययन।
  • Bionomics -- जैव-पारिस्थितिकी
जीवधारियों के स्वभाव, आवास, जीवनवृत्त और अनुकूलनों के अध्ययन का विज्ञान।
  • Biopesticide -- जैवपीड़कनाशी
वह पीड़कनाशी जिसमें क्रियाशील संघटक विषाणु, कवक, जीवाणु अथवा प्राकृतिक रुप से मिलने वाला जैवरसायन (पादपों अथवा प्राणियों से व्युत्पन्न) होता है।
  • Biopolymer -- जैवबहुलक
प्रोटीन, न्यूक्लीक अम्ल तथा कार्बोहाइड्रेट जैसे बृहदाकार जीव बहुलक। इनका निर्माण मूल निर्माण सामग्री इकाइयों (एकलकों) की पुनरावृत्ति के द्वारा होता है।
  • Biopsy -- बायोप्सी, जीवऊति परीक्षा
जीवों, उनके अंगों तथा चेतन शरीर से निकाले गए ऊतकों, कोशिकाओं अथवा तरलों का निदानसूचक अध्ययन।
  • Biorational (pesticide) -- जैवयौक्तिक (पीड़कनाशी)
इस शब्द का प्रयोग अरासायनिक पीड़कनाशियों के लिये किया जाता है जिनमें जैव पीड़कनाशी और वानस्पतिक पीड़कनाशी सम्मिलित हैं।
  • Bioseston -- जैवसंप्लवक
संप्लवक के अनेक घटकों में से एक जिनमें केवल जीवधारी ही होते हैं।
  • Biosphere -- जीवमंडल
स्थलमंडल, जलमंडल के कुछ भागों तक फैला एक संकीर्ण मंडल जिसमें सभी प्रकार के जीव पाए जाते हैं। वे इस मंडल में बढ़ते और जनन करते हैं।
  • Biosynthesis -- जैवसंश्लेषण
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोशिकाएँ छोटे और अपेक्षाकृत सरल संघटकों से बड़े और जटिल अणुओं का निर्माण करती हैं।
  • Biosystematics -- जैववर्गीकरण विज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जो जीवों की विविधता, उनके जाति-उद्भवन (speciation) और जातिवृत्त से संबंधित है।
  • Biota -- जीवजात
किसी भी क्षेत्र के समस्त जीव-जंतु और वनस्पति।
  • Biotechnology -- जैवप्रैद्योगिकी
सामान्य प्रौद्योगिकी का वह प्रकार जिसमें किसी औद्योगिक उपयोग के लिए जैव-कारकों, तंत्रों या प्रक्रमों का अनुप्रयोग होता है जैसे, जीवाणुओं द्वारा इन्सुलिन का उत्पादन।
  • Biotic agent -- जीवीय कारक
जैविक जीव, विशेषकर लाभदायक जैविक जीव जैसे रोगाणु, परजीवी, परभक्षी जो नाशक कीटों की बढ़ती समष्टियों का संदमन करते हैं तथा खरपतवारों के घनत्व को कम करते हैं।
  • Biotic community -- जीवीय समुदाय
स्थान विशेष पर किसी कीट जाति के व्यष्टियों की उपस्थिति उसकी समष्टि है। किसी क्षेत्र में कीटों की विभिन्न समष्टियों की उपस्थिति से समुदाय बनता है। ये समुदाय आपस में और अपने भौतिक पर्यावरण से भी लगातर पारस्परिक क्रिया करते हैं।
  • Biotic environment -- जीवीय पर्यावरण
सूक्ष्मजीवों, पादपों और प्राणियों से बना पर्यावरण।
  • Biotic factor -- जीवीय कारक
पारितंत्र के जीवित घटक जो अपने पोषण की विधि के अनुसार उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक के रुप में श्रेणीकृत होते हैं।
  • Biotic potential -- जीवीय विभव
प्राणी या कीट की किसी भी जाति को स्वतंत्र रहने देने पर और प्राकृतिक शत्रुओं, रोग या अन्य संदमनकारी कारकों से पृथक् रखे जाने पर उसकी वृद्धि का अधिकतम आकलन। सामान्यतया विभवीय जनन-दर बहुत अधिक होती है लेकिन अस्तित्व के लिए संघर्ष में संतुलन बना रहता है और इस कारण किसी भी जाति का समष्टि-घनत्व मोटे तौर पर नियत अथवा एक समान रहता है।
  • Biotroph -- जैवपोषी
ऐसा जीव जो अपने भोजन तथा जीवन-चक्र के लिए अन्य जीवों के सजीव ऊतकों पर निर्भर रहता है।
  • Biotype -- जीवप्ररुप
किसी जाति में पाई जाने वाली ऐसी कार्यिकीय (शरीरक्रियात्मक) विभिन्नता जो उसके एक समान आनुवंशिक गठन वाले व्यष्टि या व्यष्टि समूह में व्यक्त होती है।
  • Bipartite -- द्विखंडी, द्विभाजित
ऐसी संरचनाओं के लिए प्रयुक्त जिनमें दो भाग हों या जो आधार तक दो भागों में बंटी हुई हो।
  • Bipolar -- द्विध्रुवी
1. दो ध्रुवों वाला, जिसके प्रत्येक सिरे पर एक-एक तंत्रिका प्रवर्ध हो; जैसे तंत्रिका कोशिकाएँ।
2. दोनों ध्रुवीय प्रदेशों का अथवा उससे संबद्ध; जैसे कुछ समुद्री जीवों का वितरण।
  • Biramous -- द्विशांखी
दो शाखाओं वाला क्रस्टेशियन पाद जिसमें एक अंत:पादांश (endopodite) और एक बहिःपादांश (exopodite) होता है।
  • Bird -- पक्षी, चिड़िया
पिच्छों से ढके शरीर वाला नियततापी प्राणी। अग्र पोदों का बदलकर पंख बन जाना, दाँतों का अभाव, चोंच की उपस्थिति, चार कक्षों वाला हृदय, एक (दाहिना) महाधमनी चाप, वातिल हड्डियाँ, वायु कोष, बड़े व कड़े कैल्सियमी कवच वाले अंडे, इनकी प्रमुख विशेषताएँ हैं।
  • Birotular -- बाइरोट्यूलर, द्विचक्रिक
पहिए-जैसे दो सिरों वाली (स्पंज कंटिका)।
  • Bisexual -- द्विलिंगी
नर और मादा दोनों जननांगों वाला, जैसे केंचुआ।
  • Biting mouthparts -- कर्तन मुखांग
ठोस पदार्थ को काटने और पीसने के लिए अनुकूलित कीट मुखांग। ऐसे मुखांग चिबुकीय (mandibulate) भी कहलाते हैं। उदा. थायसेन्यूरा, ऑर्थोप्टेरा, डर्मेप्टेरा, डिक्टिओप्टेरा, ऑडोनेटा, कॉलियोप्टेरा और अनेक कीटों के लारवे।
  • Bivalent -- युगली
अर्धसूत्री विभाजन के समय प्रथम पूर्वावस्था में दो समजात गुणसूत्रों के युग्मन से बनी संरचना।
  • Bivalent chromosome -- द्विसंयोजी गुणसूत्र
समजात गुणसूत्र युगल जो प्रथम अर्धसूत्रण की मध्यावस्था में दिखाई देते हैं।
  • Bivalve -- द्विकपाटी
1. दो कपाट वाला; जैसे सीपियों का कवच।
2. परस्पर जुड़े हुए दो कपाट वाले कवच का प्राणी; जैसे शुक्ति, यूनियो आदि।
  • Bivoltine -- द्विप्रज
1. एक वर्ष (ऋतु) में दो बार अंडे या बच्चे (brood) उत्पन्न करने वाला; जैसे रेशमकीट।
2. एक वर्ष में दो पीढ़यों वाला, अर्थात् उपरति (diapause) रहित ग्रीष्म पीढ़ी तथा उपरति वाली शिशिर पीढ़ी (कीटों के संबंध में)।
  • Blast cell -- कोरक कोशिका
प्रतिजन से उद्दीपन प्राप्त करने के बाद बी.-कोशिकाओं से विभेदित बड़े आकार की विभाजी कोशिका।
  • Blastema -- प्रमुकुलन
अविभेदित कोशिकाओं का पुंज जिसमें वृद्धि करने और विभेदित होने की क्षमता होती है।
  • Blastocoele -- कोरकगुहा, ब्लास्टोसील
अंड-विदलन के अंत मे निर्मित कोरक के मध्य पाई जाने वाली प्राथमिक देहगुहा जो अविभेदित कोरकखंडों से घिरे तरलयुक्त अवकाश के रुप में दिखाई देती है।
  • Blastocyst -- कोरकपुटी, ब्लास्टोसिस्ट
स्तनियों के परिवर्धन में विदलन से उत्पन्न तूतक (मोरुला) के बाद की एक खोखली अवस्था जिसमें बाहर की ओर एक कोशिका परत, पोषकोरक (ट्रोफोब्लास्ट) होता है और भीतर एक सिरे पर गुहा में ही फूला हुआ एक ठोस कोशिका-पुंज होता है, और जिसे आंतरिक कोशिका संहति (inner cell mass) कहते हैं।
  • Blastoderm -- ब्लास्टेडर्म, कोरकचर्म
1. अधिक पीतक वाले अंडों में विदलन के फलस्वरुप बनने वाली कोशिकाओं का सतही आस्तर या आवरण। कशेरुकियों (जैसे मुर्गी) के अंडों में यह पीतक ध्रुव की तरफ कोशिकाओं की चपटी बिंब होती है। कीटों के अंडों में यह ऐसी कोशिकाओं का स्तर होती है जो पीतक के चारों तरफ रहता है।
2. कंदुकन से पहले कोरक की कोशिकाओं का पृष्ठीय स्तर। जब काफ़ी संख्या में विदलन कोशिकाएँ बन जाती हैं, तब उनमें से अधिकतर अंडे के परिसरीय भाग में चली जाती हैं और वहाँ सतत कोशिकीय स्तर अतवा पीतक के चारों और घेरने वाले कोरक चर्म को बनाने के लिए परिद्रव्य (periplasm) के साथ समाविष्ट हो जाती हैं।
  • Blastokinesis -- कोरक-गतिक्रम
अधिक पीतकयुक्त अंडों में बढ़ते हुए भ्रूण की गति, जिससे शरीर का आंशिक घूर्णन हो जाता है; जैसे कुछ कीटों व सेफ़ैलोपॉड प्राणियों में।
  • Blastomere -- कोरकखंड, ब्लास्टोमियर
निषेचित अंडों में विदलन की क्रिया के फलस्वरुप बनने वाली कोशिकाओं में से एक।
  • Blastopore -- कोरकरंध्र, ब्लास्टोपोर
कंदुक (गैस्ट्रुला) अवस्था में भ्रूण की सतह पर पाए जाने वाला अस्थाई रंध्र, जिसके द्वारा आंतरिक गुहा अर्थात् आद्रयंत्र (आर्केन्टेरोन) बाहर को खुलती है।
  • Blastostyle -- कोरकस्तंभ
कुछ सीलेन्टेरेट प्राणियों में खोखले दंड-जैसी संरचना वाला जीवक (zooid) जिससे मेड्यूसाभ मुकुल उत्पन्न होता है।
  • Blastula -- कोरक, ब्लैस्टुला
भ्रूण परिवर्धन में गैस्ट्रुला से पहले की अवसथा। यह प्राय: कोशिकाओं के स्तर से बनी खोखली गेंद-जैसी संरचना होती है। कोरक दो प्रकार के होते हैः एक भीतर गुहा वाला (सीलोब्लैस्टुला) और दूसरा गुहारहित या ठोस (स्टीरिओ ब्लैस्टुला)।
  • Blepharoplast -- ब्लैफैरोप्लास्ट
सुकेंद्रकी प्राणियों के पक्ष्माभों और कशाभिकाओं के अक्ष सूत्र के आधार पर स्थित बेलनाकार संरचना जो सूक्ष्मनलिकाओं से बनी होती है। यह संरचना अक्षसूत्र की सूक्ष्मनलिकाओं के एकत्रण और विन्यास का संचालन करती है।
  • Blind spot (eye) -- अधबिंदु
कशेरुकी आँख में प्रकाश के प्रति असंवेदी दृष्टिपटल का भाग, जहाँ पर दृक् तंत्रिका प्रवेश करती है।
  • Blister beetle -- फफोला भृंग
तेल भृंग के नाम से प्रसिद्ध इस भृंग से एक तरल पदार्थ निकलता है जिसका प्रमुख घटक कैन्थेरिडिन है। इस तरल में उत्तेजक गुण होता है और मानव शरीर यदि इसके संपर्क में आए तो छाले पड़ जोते हैं। उदाहरण-माइलेब्रिस जाति और एपीकोंटा।
  • Blood -- रुधिर, रक्त
प्राणियों की वाहिकाओं और कोटरों में बहने वाला तरल संयोजी ऊतक, जो पोषण पदार्थ, ऑक्सीजन, हॉरमोन आदि पदार्थों को शरीर के विभिन्न अंगों में तथा वर्ज्य पदार्थों को उत्सर्गी अंगों तक पहुँचाता है। इसके तरल भाग यानी प्लाज्मा में वर्णकयुक्त या वर्णकहीन अथवा दोनों प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं। कशेरुकियों का रुधिर हीमोग्लोबिन नामक श्वसन-वर्णक के कारण लाल होता है किंतु क्रस्टेशिया, सेफ़ैलोपॉड आदि प्राणियों में हीमोसाएनिन नामक वर्णक के कारण रुधिर का रंग नीला होता है।
  • Blood corpuscle -- रुधिर-कणिका
रुधिर के तरल भाग यानी प्लाज्मा में पाई जाने वाली कोशिकाएँ; जैसे, रक्ताणु (एरिथ्रोसाइट), श्वेताणु (ल्यूकोसाइट) और बिम्बाणु (थ्रोम्बोसाइट)।
  • Blood gills -- रुधिर क्लोम
कुछ कीटों में रक्त से भरी महीन थैलियाँ, जो लवणों को ग्रहण करने का कार्य करती हैं।
  • Blood group -- रुधिर वर्ग
रक्त के चार प्रमुख प्रकारः “ए” (A), “बी’ (B), “एबी” (AB) और ‘ओ’ (O) -जिनका आधार लाल कणिकाओं और प्लाज्मा में क्रमशः एग्लुटिनोजन और एग्लुटिनिन का होना या न होना है। इन दोनों पदार्थों की प्रतिक्रिया के कारण ही असंगत रुधिर-वर्गों के रुधिर के आपस में मिलने पर समूहन (एग्लूटिनेशन) की प्रक्रिया शुरु हो जाती है।
  • Blood plasma -- रुधिर-प्लाज्मा
रुधिर-कणिकाओं को छोड़कर रुधिर का शेष तरल भाग। रुधिर-सीरम से यह इस बात में भिन्न है कि इसमें फाइब्रिनोजेन होता है।
  • Body cavity -- देहगुहा, शरीरगुहा
अधिकांश त्रिजनस्तरी (ट्रिप्लोब्लास्टिक) प्राणियों की तरलयुक्त आंतरिक गुहा, जो बाहर से देहभित्ति द्वारा घिरी होती है और जिसमें विभिन्न अंतरंग होते हैं। तु. Coelom (प्रगुहा)।
  • Body wall -- देहभित्ति
बाह्य चर्म का बना शरीर का अध्यावरण जिसमें अधिचर्म, उपचर्म तथा आधार झिल्ली सम्मिलित हैं।
  • Boll weevil -- गोलकघुन, बॉल-विविल
एक छोट घुन जिसके डिंभक (लारवे) कपास के पौधों के गोलकों (डोडे) या बीज-फलियों को खाते हैं और उनको व्यापक क्षति पहुँचाती है। उदाहरण-ऐन्थोनोमस ग्रेन्डिस।
  • Book gill -- पुस्त क्लोम, पुस्त गिल
कुछ जाइफोसूरा – जैसे लिमुलस – और विलुप्त यूरीप्टेरिडों के श्वसन अंग जिनमें बड़ी संख्या में पन्ने-सदृश्य संरचनाएं होती हैं और जिनके बीच जल प्रवाहित होता है।
  • Bool louse -- पुस्त यूका
सोकोप्टेरा गण के अंतर्गत आने वाले कीट, जिनकी 12-50 खंडों वाली लंबी तंतुरुप श्रृंगिकाएं होती हैं। इन कीटों में पंख नहीं होते तथा सामान्यतया ये किताबों और कागजों के ढेर में पाए जाते हैं और पुस्तकों की जिल्द के लेप (पेस्ट) पर अशन करते हैं।
  • Book-lung(lung book) -- पुस्त-फुप्फुस
ऐरेकनिडा वर्ग के बिच्छू, मकड़ी आदि प्राणियों का थैली-जैसा श्वसन अंग, जिसमें किताब के पन्नों की तरह व्यवस्थित, रक्त से भरे खोखले वलन होते हैं और इसी में गैस-विनिमय होता है।
  • Borer -- वेधक
चर्वण भाग से युक्त मुख वाले कीट जो तनों, कंदों तथा फलों आदि में छेद करते हैं। उदाहरण-धान्य, ज्वार की प्ररोह मक्खी, आदि।
  • Bothrium -- चूषकखांच
कुछ फीताकृमियों की मूर्धा (scolex) में चूषण संबंधी खांच।
  • Bowman’s capsule -- बोमन संपुट
कशेरुकियों के वृक्क-नलिका का प्रारंभिक दोहरी भित्ति वाला फूला हुआ प्याले-जैसा भाग। प्रत्येक संपुट में एक कुंडलित केशिकागुच्छ (glomerulus) होता है। ये दोनों मिलकर मैलपीगी काय बनाते हैं। दे. Malpighian body (मैलपीगी काय)।
  • Brachiation -- बाहुगमन
भुजाओं की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर झूलते हुए चलना; जैसे गिब्बन द्वारा।
  • Brachypterous -- लघुपंखी
छोटे अग्रपक्ष वाले कीट। कुछ ऋजुपंखी (arthopteran) जातियों के नर और मादा दोनों ही में सामान्य और छोटे पंख होते हैं जबकि अन्य कीट जातियों की केवल मादाएं ही छोटे पंख वाली होती हैं। यह झींगुरों, विशेषतः छछुंद झिंगुरों, का विभेदक लक्षण (diagnostic character) है।
  • Brain -- मस्तिष्क
प्राणियों में केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र का प्रमुख भाग, जो सिर के क्षेत्र में संवेदी अंगों के एकत्र हो जाने से संकेंद्रित हो जाता है। यह शरीर की प्रतिक्रियाओं का विभिन्न प्रकार से समन्वय करता है।
  • Branchiocranium -- क्लोम-कपाल
मछलियों की करोटि के दो प्रमुख भागों में से एक, जिसमें चिबुक, कंटिका क्षेत्र तथा क्लोम-चाप होते हैं।
  • Branchiomere -- क्लोमखंड क्लोम (गिल) का भाग,विशेषतया वायुश्वासी कशेरुकियों के भ्रूण ग्रसनी-चापो तथा विदारों द्वारा प्रदर्शित विखंड ।
  • Branchiostegal ray -- क्लोमावरक अर
कंठिका चाप के अस्थिल प्रवर्ध, जो अधिकांश मछलियों में क्लोम कक्ष की झिल्लियों का कंकाल बनाते हैं।
  • Breedigng territory -- प्रजनन-क्षेत्र
कुछ प्राणियों, विशेषकर पक्षियों, में अपने घर या घोंसले के चारों तरफ का न्यूनाधिक क्षेत्र जिस पर प्राणी-विशेष अपना एकाधिकार समझता है और अन्य प्राणियों को वहां आने से रोकता है।
  • Breeding true -- तद्रुरुप प्रजनन
जनकों से अभिन्न लक्षण प्ररुप वाली संतानों का पीढ़ी दर पीढ़ी उत्पन्न होना।
  • Breeding -- प्रजनन
1. अंडे-बच्चे देने की क्रिया।
2. विशेषतया सुधार की दृष्टि से नियंत्रित संगम अथवा संकरण द्वारा इच्छित नस्ल की उत्पत्ति।
  • Bright field microscopy -- दीप्त क्षेत्र सूक्ष्मदर्शिकी
प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शिकी की तकनीक जिसमें अभिरंजित कोशिकाओं/ऊतकों को देखने के लिए उनमें प्रकाश किरणों का सीधा संचारण किया जाता है।
  • Brimstones -- गंधक तितली
वनों और बागों की बड़ी परंतु सामान्य यूरोपीय तितली जिसका नर चमकीला और गंधक के समान होता है। इसके प्रत्येक पंख के केंद्र में छोटा लाल धब्बा होता है। मादा लगभग सफेद होती है। नर को ‘सल्फर’ भी कहते हैं।
  • Bristle tail -- शूक पुच्छ
थाइसैनूरागण के स्थलीय कीट, जो शल्कों से आच्छादित होते हैं तथा चांदी अथवा घूसर रंग के होते हैं। उदाहरण-फायरब्रेट, सिल्वर फिश, आदि ।
  • Bristle -- शूक
मजबूत और दृढ़ काँटे-जैसी संरचनाएँ जो टैकेनिडी (डिप्टेरा) में स्पष्ट दिखाई देती हैं।
  • Broad spectrum pesticide -- विस्तृत स्पेक्ट्रम पीड़कनाशी
निर्धारित मात्रा में अनुप्रयुक्त किए जाने पर पीड़कों के व्यापक परिसर को अथवा अनेकानेक पीड़कों को नियंत्रित करने वाला पीड़कनाशी। पीड़कपरिसर में एक ही पीड़क की विभिन्न अवस्थाएं हो सकती हैं या विभिन्न गणों (आर्डर) वाले भिन्न-भिन्न पीड़क हो सकते हैं। इन रसायनों की आविषालुता दीर्घकाल तक बनी रहती है। इस श्रेणी में क्लोरीनयुक्त हाइड्रोकार्बन-जैसे डी.डी.टी., बी.एच.सी., क्लोरडेन आदि हैं जो पर्यावरण में हानिकारक उपापचयज संदूषकों (contaminants) को छोड़ देते हैं।
  • Bronchus -- श्वसनी, ब्रोकस
उच्चतर कशेरुकियों में श्वास-नली की वह शाखा, जो फेफड़े में जाती है। भित्ति में बने पूर्ण या अपूर्ण उपास्थि-छल्लों के होने से यह पिचकती नहीं और दृढ़ बनी रहती है।
  • Brood pouch -- भ्रूण-कोष्ठ, भ्रूण-धानी
प्राणियों में जननांगों के साथ एक विशेष थैली, जिसमें परिवर्धित होते हुए अंडे या भ्रूण रहते हैं; जैसे अश्वमीन (sea horse), मेढक, भेक आदि में।
  • Brood -- शाव
जीवों की एक ही जाति से उत्पन्न होने वाली लगभग समान आयु की संतति।
  • Bruchid beetle -- ब्रूकस भृंग, ब्रकिड भृंग
विभिन्न दालों के बीजों को खेत, विशेषतः भंडार, में ग्रस्त करने वाला भृंग। इनके डिंभकों (लारवों) में अतिकायांतरण (hypermetamorphosis) होता है। उदा.- कैलोसोब्रूकस।
  • Brush border membrane -- ब्रुश बॉर्डर झिल्ली
पोषक तत्वों का अवशोषण करने में सहायक आंत्रउपकला कोशिकाओं के विशिष्ट शीर्षस्थ प्रक्षेत्र जिनमें प्लैज़्मा झिल्ली वर्तित होकर अनेक सूक्ष्मांकुरों का रुप धारण कर लेती है; ताकि सतही क्षेत्र बढ़ जाए।
  • Bryozoa (polyzoa) -- ब्रायोज़ोआ (पोलिज़ोआ)
छोटे-छोटे जलीय, प्रायः स्थानबद्ध (अचल) तथा निवही प्राणियों का संघ (फ़ाइलम), जो सतही तौर पर हाइड्राइड सीलेन्टरेटों से मिलते-जुलते हैं। इनमें गुदा, प्रगुहा (सीलोम) तथा भोजन प्राप्त करने के लिए कशाभी स्पर्शक (टेन्टेकल) होते हैं।
  • Buccal cavity (mouth cavity) -- मुख-गुहिका
ग्रसनी तक फैला हुआ मुख के अंदर का अवकाश। कशेरुकियों में इसके अंदर दाँत, जिह्वा आदि अंग होते हैं।
  • Buccal gland -- मुख-ग्रंथि
1. श्लेष्म झिल्ली की द्राक्षगुच्छ-जैसी छोटी श्लेष्म ग्रंथि, जो कपोलों का अस्तर बनाती है।
2. कपोलिका (buccinator) पेशी के निकट स्थित लसीका-ग्रंथियों में से एक।
  • Bud -- मुकुल
प्राणी के शरीर का उद्वर्ध, जिसके परिवर्धन से नई संतति बन जाती है; जैसे हाइड्रा में।
  • Budding yeast -- मुकुलन यीस्ट
सैकैरोमाइसीज़ और संबद्ध जातियाँ, जो जनक कोशिका से मुकुलन द्वारा एक छोटे से आकार की नई संतति-कोशिका बनाकर अपनी संख्या में वृद्धि करती हैं।
  • Buffered population -- उभयरोधित समष्टि
जीवों का एक-दूसरे पर इस प्रकार प्रभाव पड़ने की स्थिति जिसमें दोनों के समष्टि घनत्व एक माध्य के आस-पास एक निश्चित परास में रहते हैं।
  • Bundle-sheath cell -- पूलाच्छद कोशिका
संवहनी बंडल को चारों तरफ से घेरने वाली बड़े आकार की मृदूतक अथवा दृढ़ोतक कोशिका।
  • Bunodont -- वप्रदंत
ऐसे दाँतो या दाँत वाले प्राणी जिनंमें शिताग्र छोटे व शंकुरुप हों।
  • Bunolophodont -- वप्रकटकदंत
ऐसे दाँतो या दाँत वाले प्राणियों के लिए प्रयुक्त, जिनके बाहरी दंताग्र कुंद शंकु की तरह और भीतरी दंताग्र अनुप्रस्त धार की तरह रुपांतरित हों; जैसे टापीर के दाँत।
  • Bunoselenodont -- वप्रशशिदंत
ऐसे दाँतो या दाँत वाले प्राणियों के लिए प्रयुक्त, जिनके भीतरी दंताग्र कुंद शंकु की तरह और बाहरी दंताग्र अनुदैर्घ्य चापाकार रचना में रुपांतरित हों।
  • Bursa copulatrix -- मैथुन प्रपुटी
मादा कीट का मैथुन कोष्ठ, जो सामान्यतः जननकक्ष या उसका एक भाग होता है तथा मैथुन के समय लिंगाग्रिका को अपने आप में समेट लेता है।
  • Bursa entiana -- ग्रहणी प्रपुटी
उपास्थियुक्त मछलियों क् जठरनिर्गमी आमाशय और आंत्र के बीच एक छोटी थैली-जैसी संरचना।
  • Bursa -- प्रपुट़ी
अधिकांश नर-सूत्रकृमियों के पश्च सिरे पर स्थित पार्श्वीय क्यूटिकलीय विस्तार।
  • Butterfly -- तितली
कीटों के लेपिडोप्टेरा गण के सदस्यों का सामान्य नाम, जिनमें गदाकार श्रृंगिकाएं होती हैं।
  • Buzzing -- कलस्वर, मर्मर
कीटों के उड़ते समय उत्पन्न होने वाली ध्वनि, जो हाइमेनोप्टेरा गण के कीटों-बॉम्बस हीमोराइड में सामान्यतः होती है।
  • Caecum -- अंधनाल, सीकम
1. आहार-नाल से निकली हुई बंद सिरे वाली कोई नली या नली जैसी संरचना। स्तनियों में यह क्षुद्रांत्र और बृहदांत्र के संगम से निकलती है और इसके दूरस्थ सिरे पर कृमिरुप परिशेषिका होती है। शाकाहारी स्तनियों में अंधनाल बहुत लंबी, किंतु मांसाहारियों में या तो छोटी या फिर बिल्कुल ही नहीं होती।
2.कीटों में इनकी संख्या प्रायः 6 या कम-ज्यादा भी हो सकती है और ये मध्यांत्र के अग्रभाग से निकले रहते हैं।
  • Calcaneus -- पार्ष्णिका, कैल्केनियस
कई कशेरुकियों में अंतःगुल्फ़िका (फ़ीब्युलेर) या एड़ी की हड्डी। पक्षियों में पश्चगुल्फ़िका (मेटाटार्सस) का एक प्रवर्ध।
  • Calcarea -- कैल्केरिया
पोरीफेरा संघ (फाइलम) में ऐसे स्पंजों का वर्ग जिनके कंकाल में केवल कैल्शियम कार्बोनेट से बनी कंटिकाएं होती हैं। उदा. साइकॉन, एस्कॉन आदि।
  • Callus -- कैलस
अनियंत्रित समसूत्रण के फलस्वरुप बनने वाला अविभेदित कोशिकाओं का समूह।
  • Calyx -- चषक, केलिक्स
प्याले या कीप से मिलती-जुलती आकृति की कोई संरचना; जैसे कुछ स्तनियों में वृक्क-द्रोणि का भाग या कुछ हाइड्रोजोअनों में हाइड्रॉइड के चारों तरफ की बाह्यकंकाली संरचना।
  • Cambrian period -- कैम्ब्रियन कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में कैम्ब्रियनपूर्व महाकल्प के बाद तथा आर्डोविशन कल्प से पहले 8 करोड़ वर्ष का समय। प्राणियों में इस समय तक प्रोटोजोआ, स्पंज और मोलस्क काफी विकसित हो चुके थे।
  • Camouflage -- छद्मावरण, कैमोफ्लाज
अपनी रक्षा या पर पक्षी प्राणियों का शिकार होने से बचने के उद्धेश्य से कुछ प्राणियों में पाये जाने वाला स्वांग, छल या पर्यावरण से मिलती-जुलती आकृतति या रुप-रंग।
  • Campaniform -- घंटीरुप
समुद्री सूत्रकृमियों में चूषक-जैसे गर्त जिसमें संवेदी कोशिका-युक्त क्यूटिकल की पतली परत निकली रहती है।
  • Campodeiform larva -- कैम्पोडियारुप लारवा
कैम्पोडिया जैसे होने के कारण कैम्पोडियारुप डिंभक कहलाने वाले इन डिंभकों का शरीर लंबा, कुछ-कुछ तर्कुरुप, लगभग अवनमित (depressed) और प्रायः अच्छी तरह दृढ़ीकृत होता है। ये डिंभक परभक्षी होते हैं और इनमें संवेदी तंत्र भलीभांति परिवर्धित होता है। ये डिंभक न्यूरोप्टेरा, स्ट्रेप्सिप्टेरा, ट्रिकोप्टेरा और कुछ कोलियोप्टेरा (विशेषतः एडीफैगा) गणों में पाए जाते हैं।
  • Canal system -- नाल-तंत्र
स्पंजों में ऐसी बहुत-सी नलियों या नलिकाओं का समूह, जिसके द्वारा अंतर्वाही छिद्रों का बहिर्वाही छिद्रों से संपर्क बना रहता है। इन नालों में कीपकोशिकाओं के अस्तर वाली कई गुहाएं होती हैं। नाल-तंत्र द्वारा शरीर में पानी आता-जाता रहता है और इस तरह जंतु पानी से छानकर भोज्य पदार्थ ले लेते हैं।
  • Cancer cell -- कैन्सर कोशिका
रोगी कोशिका जो दुर्दम अर्बुद के रुप में कोशिकाओं के अपसामान्य, असमान प्रचुरोद् भवन के कारण बनती है उदा. कार्सिनोमा या सार्कोमा। कैंसर कोशिकाएँ शरीर के अन्य अंगों में पहुंचकर द्वितीयक अर्बुद बनाती हैं।
  • Canine (teeth) -- रदनक, कैनाइन
स्तनियों में कृंतक (इंसाइज़र) और अग्रचर्वणक (प्रिमोलर) के बीच स्थित लंबे, नुकीले और एक शिताग्र (कस्प) वाले दाँत। कार्नीवोरा में ये खास तौर पर बढ़े हुए होते हैं और चीर-फाड़ के काम आते हैं। दे. Dental formula दंत सूत्र।
  • Cannibalism -- स्वजातिभक्षण
भोजन की वह प्रक्रिया जिसमें एक जीव अपनी वृद्धि के लिए अपनी ही जाति के दूसरे जीव को खाता है। इसमें एक अपरिपक्व अवस्था का प्राणी लारवा अपनी ही जाति की दूसरी अपरिपक्व अवस्था के प्राणी का भक्षण करता है। उदा. चने की सूंडी, हीलियोथिस, आर्मीजेरा। इसके अतिरिक्त ट्राइबोलियम कीट में पोषकीय लाभों के लिए अथवा कुछ परभक्षियों में घनत्व को नियंत्रित करने की क्रियाविधि के रुप में ऐसा देखा गया है। आकस्मिक तौर पर प्रेइंग मेन्टिडों में मैथुन के समय मादा नर पर आक्रमण कर उसके सिर को खा जाती है।
  • Cantharid beetle -- कैन्थेरिड भृंग
मेलॉइडी कुल के भृंग। इनसे कैन्थेरिडिन (C10H12O4) नामक औषध उत्पाद बनता है जो सुखाए गए कीटों से तैयार किया जाता है। इन भृंगों के केवल एलेट्रा ही औषध के लिए काम में लाए जाते हैं क्योंकि इनमें कीट के सारे कोमलांगों से भी अधिक सक्रिय तत्व होते हैं। लिट्टा जाति के भृंगों का वाणिज्यिक कैन्थेरिडिन के उत्पादन में उपयोग किया जाता है हालांकि इसकी तुलना में माइलेब्रिस से अधिक केन्थेरिडिन निकलता है।
  • Capacitation -- क्षमतायन
ऐसा प्रक्रम जिसके द्वारा एक स्तनी शुक्राणु उसी जाति के अंडाणु को निषेचित करने में सक्षम होता है। इससे दोनों युग्मकों की प्लैज़्मा झिल्ली में अनिवार्य परिवर्तन होता है। यह परितर्वन मादा जनन-पथ में प्रेरित स्रावों के कारण होता है। इस प्रक्रिया को पात्रे भी किया जाता है।
  • Capillary -- केशिका, कैपीलरी
शिराओं और धमनियों को जोड़ने वाली बहुत ही बारीक या कम व्यास की तथा एककोशिक परत वाली दीवारों की सूक्ष्मदर्शीय वाहिका, जिसके द्वारा ऊतकों में पोषण, ऑक्सीजन, आदि धुले पदार्थों का आदान-प्रदान होता है।
  • Capitate antenna -- समुंड श्रृंगिका
दूरस्थ खंड पर मुद्गार के आकार वाली संरचना।
  • Capitulum -- कैपिटुलम, मुंडक
किसी अंग या भाग का घुंडीनुमा सिरा; जैसे पक्षियों और स्तनियों की पर्शुका (पसली) का एक प्रवर्ध, जिसके द्वारा वह वक्ष कशेरुकों के सेंट्रम से जुड़ती है; ह्यूमेरस (प्रगंडिका) का शीर्ष, आदि।
  • Capping -- आच्छादन
कोशिका सतह के किसी स्थल पर विशिष्ट प्रोटीन समूह का पुंजन जिसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया कोशिका झिल्ली घटकों के समूहन के बाद होती है; उदा बहुसंयोजी आबंधों की क्रिया।।
  • Capsid -- कैप्सिड
विषाणु कण का बाह्य प्रोटीनी आवरण।
  • Carapace -- पृष्ठवर्म
कई प्राणियों में पीठ या पृष्ठ सतह को ढकने वाला काइटिनी अथवा अस्थिल खोल जैसी संरचना। यह अधिकांश कशेरुकियों के भ्रूणों और शिशुओं के कंकाल में प्रमुख रुप में पाया जाता है और वयस्क अवस्था आने तक उसका अधिकतर भाग हड्डी द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है। एलास्मोब्रैंक मछलियों का कंकाल आजीवन उपास्थि का ही बना रहता है।
  • Carbamate -- कार्बामेट
कीटनाशकों का वह समूह जो कार्बोनिक अम्लों के व्युत्पन्नों से बना होता है और जिसके एक अणु में OCON= समूह होता है। ये कार्बामेट एस्टर कीटों और स्तनधारियों में कोलीनेस्टरेज एन्जाइम को अवरुद्ध करते हैं। ये कीटनाशकों, बरुथीनाशकों अथवा सूत्रकृमिनाशकों की भांति कार्य कर सकते हैं। उदाहरण-एल्डीकार्ब, मिथियोकार्ब, कार्बोरिल, कार्बोनेट आदि।
  • Carbohydrate -- कार्बोहाइड्रेट
कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन अणुओं से बना कार्बनिक यौगिक जिसका मूलानुपाती सूत्र (CH2O)n है और जो ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। इसके अपचय से कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा प्राप्त होते हैं। रासायनिक दृष्टि से यह एल्डिहाइडों अथवा कीटोनों का पॉलिहाइड्रॉक्सी-व्युप्तन्न यौगिक है।
  • Carboniferous period -- कार्बनी कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में पेलियोज़ोइक महाकल्प का एक खंड, जिसमें पर्मियन और डिवोनी के बीच 25 करोड़ वर्ष से लेकर 20 करोड़ वर्ष पूर्व तक का समय आता है। इस कल्प में कीटों तथा सरीसृपों की शुरुआत हुई।
  • Carboxypeptidase -- कार्बोक्सीपेप्टीडेज़
दो अग्न्याशयी प्रकिण्व (ए. और बी.) जिनके द्वारा प्रोटीन श्रृंखलाओं का जल अपघटन होता है। यह क्रिया श्रृंखला के कार्बोक्सिल सिरे पर शुरु होती है और इससे श्रृंखला के रचक ऐमीनो अम्ल एक-एक करके निकलते हैं।
  • Carcinogenic -- कैन्सरजनी
कीटनाशी, पीड़कनाशी पदार्थ या कर्मक के कैंसर उत्पादन करने वाले गुण के लिए प्रयुक्त।
  • Carcinoma -- कार्सीनोमा, उपकलार्बुद
उपकला कोशिका के व्यापक अनियंत्रित गुणन से उत्पन्न अर्बुद।
  • Cardia -- जठरागम
ग्रसनी और आंत्र को जोड़ने वाला कपाटीय उपकरण।
  • Cardiac gland -- जठर ग्रंथि
जठर में उपस्थित ग्रंथि।
  • Cardo -- कार्डो
जंभिका (maxilla) का प्रथम अथवा निकटस्थ भाग, जो बहुत से कीटों में सिर से जुड़ा होता है।
  • Carina -- नौतल, कूटक
हड्डी का ऐसा उभरा हुआ भाग या कटक, जिसकी आकृति नाव के तल से मिलती-जुलती है; जैसे पक्षियों की उरोस्थि में नीचे की ओर निकला मध्य भाग।
  • Carnivora -- कार्निवोरा
स्तनियों का एक गण जिसमें शेर, चीते, कुत्ते, बिल्ली जैसे मांसभक्षी प्राणी आते हैं। तेज नाखून, शिकार पकड़ने-चीरने के लिए लंबे रदनक और हड्डी तोड़ने के लिए मज़बूत मोटे चर्वणक इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Carnivorous -- मांसाहारी
दूसरे जंतुओं के मांस को खाने वाला।
  • Carotid artery -- ग्रीवा धमना
कशेरुकियों के सिर में रक्त ले जाने वाली प्रमुख धमनी, जो दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है। बाहरी शाखा सतह पर स्थित भागों को और भीतरी शाखा मस्तिष्क को रक्त पहुंचाती है।
  • Carpal -- मणिबंधिका
प्रकोष्ठ और करभ (मेटाकार्पस) के बीच स्थित छोटी-छोटी अनेक हड्डियों में से एक; कलाई की कोई एक हड्डी।
  • Carpenter bee -- तक्ष मक्षिका
एकल मक्षिकाओं की ऐसी जातियों को दिया जाने वाली नाम जो अपना नीड़ बनाने के लिए लकड़ी को खोदती है। इनमें से अधिकांश उष्ण कटिबंधी तथा जाइलोकोपिडी कुल की है।
  • Carpenter moth -- तक्ष-शलभ
गोट शलभ (कुल केसिडी) ते डिंभक जा लकड़ी में नालियां बनाकर पर्णपाती वृक्षों को अत्यधिक क्षति पहुंचाते हैं।
  • Carpodite -- कॉर्पोडाइट
सामान्यीकृत उपांग का पांचवा खंड।
  • Carpus -- मणिबंध
स्थलीय कशेरुकियों में अग्र पाद अथवा हाथ के आधार का क्षेत्र, जिसे सामान्य भाषा में कलाई कहते हैं
  • Carrier protein -- वाहक प्रोटीन
वह प्रोटीन जो अन्य अणुओं से जुड़कर उन्हें अपने साथ झिल्लियों तथा उपकोशिकीय कक्षों में होकर लाने-ले जाने में सहायता करता है।
  • Carrier -- वाहक
1. ऐसा विषमयुग्मज जिसमें एक जीन अप्रभावी तथा दूसरा प्रभावी होता है जिसके कारण व्यष्टि में अप्रभावी जीन के लक्षण प्रकट नहीं हो पाते।
2. किसी तत्व का स्थायी अरेडियोसक्रिय समस्थानिक जिसे रासायनिक संक्रियाओं में उस तत्व की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराने के उद्धेश्य से उसके कम मात्रा वाले रिडियोसक्रिय समस्थानिक के साथा मिलाया जाता है।
3.प्रतिरक्षाजनी अणु जिसके साथ कोई हेप्टेन युग्मित किया जाए।
4. किसी प्रतिदीप्त प्रोटीन निर्मिति का आयतन बढ़ाने हेतु प्रयुक्त प्रतिदीप्त अणु।
5. व्यष्टि जिसमें रोगाणु विशेष आश्रय ग्रहण करे किंतु रोग के नैदानिक लक्षण न प्रकट हों
  • Catabolism(katabolism) -- अपचय, केटाबोलिज्म
जीवों में कोशिकाओं के भीतर होने वाली रासायनिक परिवर्तनों की प्रक्रिया, जिसमें जटिल पदार्थ सरल पदार्थों में अपघटित होते या टूटते हैं और ऊर्जा निकलती है।
  • Catadromous -- अधोगामी, समुद्राभिगामी
ऐसी मछलियों के लिए प्रयुक्त जो वंशवृद्धि या जनन क्रियाएं पूरी करने के लिए नदियों से समुद्र में जाती हैं। विप. Anadromous समुद्रपगामी।
  • Catalyst -- उत्प्रेरक
वह पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया को तेज तो कर देता है लेकिन स्वयं आकार एवं मात्रा में नहीं बदलता।
  • Category -- संवर्ग (वर्गिकी)
पदानुक्रमी वर्गीकरण में किसी स्तर पर एक निश्चित कोटि जो उदाहरण के लिए वर्ग, कुल, वंश आदि को दर्शाता है।
  • Caterpillar -- इल्ली, केटरपिलर
तितली, शलभ आदि कीटों का कृमि-जैसा मुलायम डिंभक जिसके वक्ष में तीन जोड़ी संधित टांगें और उदर में कई चलन-प्रपाद (प्रोलेग) होते हैं।
  • Cat-fishes -- अशल्क मीन, शिंगटी
शल्कहीन मछलियों का समूह, जिनमें मुंह के आस-पास बिल्ली की मूछों की तरह स्पर्शवर्ध (बार्बेल) निकले होते हैं। इसीलिए इन प्राणियों को कैट-फिश कहते हैं।
  • Caudal -- पुच्छीय
पूंछ से संबंधित।
  • Caudate larva -- पुच्छीय डिंभक
वह कृमिरुप डिंभक जिसका पूंछ के समान उपांग भिन्न-भिन्न लंबाई का होता है। ऐसा डिंभक हाइमेनेप्टेरा गण के कुछ इकन्यूमोनिडी, बेकोनिडी और चेलसीडिडी में अधिकतर पाया जाता है।
  • Cell adhesion -- कोशिका-आसंजन
किसी कोशिका और उसकी समापस्थ कोशिकाओं के बीच वह संपर्क जिसके कारण कोशिका समुच्चयन, कोशिका-गतिशीलता और अंतरकोशिकीय-संचार होता है। कोशिका-आसंजन की मात्रा में अत्यधिक विविधता पाई जाती है और पृष्ठ आवेश के परिमाण के साथ इसका संभवत: विपरीत संबंध होता है। अधिकांश ऊतकों में कोशिकाएँ अपेक्षाकृत घनिष्ठ संपर्क में होती हैं और यह आसंजन बंधकायों की मौजूदगी से और अधिक बढ़ जाता है।
  • Cell biology -- कोशिका जैविकी
कोशिकाओं की संरचना एवं क्रियाओं से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा। पहले इसे कोशिकाविज्ञान (साइटोलॉजी) कहा जाता था, किंतु कोशिकाओं के विभेदीकरण, उनसे संबद्ध जैवरसायन, कार्यिकी आनुवंशिकी तथा अन्य विधाओं के कोशिकाविज्ञान में शामिल हो जाने से अब इस विस्तृत अध्ययन-क्षेत्र को कोशिका जैविकी (सेल बायोलॉजी) कहते हैं।
  • Cell coat(glycocalyx) -- कोशिका आवरण (ग्लाइकोकेलिक्स)
प्राणि कोशिका की सतह पर पाई जाने वाली एक 10-20 नैनोमीटर मोटी पॉलिसैकेराइड परत जो प्लैज़्मा झिल्ली से बाहर निकली हुई ग्लाइकोलिपिड तथा ग्लाइकोप्रोटीन पार्श्व श्रृंखलाओं से बनी होती है। इसमें मौजूद सिआलिक अम्ल अवशेष कोशिका सतह को ऋण आवेशित करते हैं। जीवाणु कोशिकाओं में यह पॉलिसैकेराइड कैप्सूल या परत के रुप में पाई जाती है।
  • Cell communication -- कोशिका संचार
एक कोशिका से दूसरी कोशिका को रासायनिक अणुओं के रुप में भेजा गया संदेश जो उसके प्रकार्यों के नियमन एवं समन्वय के लिए आवश्यक होता है।
  • Cell death -- कोशिका मृत्यु
परिघटना जिसमें कोशिकाएँ विभेदन होने के साथ-साथ विभाजनों की एक निश्चित संख्या के बाद पूर्व निर्धारित योजनाक्रम के अनुसार मर जाती हैं क्योंकि उनका कोशिका चक्र धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।
  • Cell differentiation -- कोशिका विभेदन
प्रक्रिया जिसके द्वारा एक ही अविभेदित कोशिका से उत्पन्न संतति कोशिकाओं में संरचना तथा प्रकार्य का विशिष्टीकरण हो जाता है।
  • Cell division -- कोशिका विभाजन
पूर्व विद्यमान कोशिका से नई कोशिकाएँ बनने की प्रक्रिया।
  • Cell doctrine -- कोशिका सिद्धांत
(दे. Cell theory)
  • Cell fractionation -- कोशिका प्रभाजन
वह तकनीक जिसके द्वारा कोशिकीय घटकों को उनके भौतिक गुणधर्मों के आधार पर अलग-अलग किया जाता है।
  • Cell mediated immunity -- कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा
टी. लसीकाणुओं की मध्यस्थता से उत्पन्न विशिष्ट उपार्जित प्रतिरक्षा। इसमें टी. लसीकाणु पोषी लक्ष्य कोशिकाओं की तरह पर विजातीय प्रतिजनों तथा पाषी के मुख्य ऊतक सुसंगति के सम्मिश्र एम.एच.सी. को पहचानने पर प्रभावी कोशिकाओं के रुप में परिपक्व होते हैं, ताकि वे संक्रमित लक्ष्य पोषी कोशिका को नष्ट करके पोषी को संक्रामी (प्राय: विषाणु और जीवाणु ) से सुरक्षा प्रदान कर सकें।
  • Cell membrane (plasma membrane) -- कोशिका-झिल्ली
प्राणियों की कोशिका के चारों ओर पाई जाने वाली एक द्विपरतीय अर्धपारगम्य झिल्ली जो अधिकांशत वसा तथा प्रोटीन अणुओं से बनी होती है।
  • Cell migration -- कोशिका अभिगमन
भ्रूण-उद्भव और घाव भरने के दौरान कोशिका संचलन।
  • Cell theory -- कोशिका सिद्धांत
कोशिका को जीवन की आधारभूत इकाई मानने वाली धारणा। इसके अनुसार ऐसा माना जाता है कि सभी ऊतक कोशिकाओं से बने हैं। (cell doctrine)
  • Cell -- कोशिका
जीवधारियों के शरीर की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई। इसमें दो प्रमुख भाग केंद्रक और कोशिकाद्रव्य के चारों ओर एक रक्षात्मक अर्धपारगम्य झिल्ली होती होती है। वनस्पति-कोशिका में पाई जाने वाली सेलुलोस की बनी कोशिका भित्ति सामान्यत: प्राणि कोशिकाओं में नहीं पाई जाती।
  • Cellulase -- सेलुलेज़
एक प्रकिण्व जो सेलूलोस के पाचन में सहायक होता है।
  • Cellulose -- सेलुलोस
जटिल संरचना वाला पॉलिसैकेराइड जो कोशिका भित्ति का मुख्य घटक है। यह परस्पर आबंधित बीटा-डी. (β-D.) ग्लूकोस अणुओं के रैखिक अनुक्रम से बनता है।
  • Cell-wall -- कोशिका-भित्ति
पादपों तथा जीवाणुओं की कोशिकाओं का सबसे बाहरी दृढ़ सुरक्षात्मक आवरण। यह मुख्यत: सेलुलोस का बना होता है तथा पूर्णत: पारगम्य होता है। (दे.cell)
  • Cenozoic era -- सीनोजोइक महाकल्प, नूतनजीव महाकल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में साढ़े छह करोड़ वर्ष पूर्व से लेकर आज तक का समय। मध्यजीवी (मेसोजोइक) महाकल्प के बाद से शुरु होने वाले इस महाकल्प में टर्शियरी और क्वाटरनरी नामक दो कल्प होते हैं। इसे स्तनियों का काल कहा जाता है।
  • Centipede -- कनखजूरा
आर्थ्रोपोडा संघ के काइलोपोडा वर्ग का लंबा-चपटा स्थलीय जंतु, जिसके शरीर में अनेक कायखंड होते हैं और प्रत्येक कायखंड पर एक-एक जोड़ी टांगें होती हैं। उदा. स्कोलोपेंड्रा।
  • Central nervous system -- केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र
तंत्रिका-तंत्र का प्रमुख भाग कशेरुकियों में मस्तिष्क तथा मेरु- रज्जु और अकशेरुकियों में गुच्छिका तथा तंत्रिका-रज्जु से बनता है। प्राणियें की विभिन्न गतिविधियों का समन्वय करना इसका प्रमुख कार्य है।
  • Centriole -- तारक केंद्र
अधिकांश कोशिकाओं में तर्कु ध्रुवों पर स्थित अथवा कोशिका परिधि में अंत:स्थापित सूक्ष्म नलिकीय बेलनाकार संरचना जो पक्ष्माभ अथवा कशाभ का आधारीकाय होती है। यह त्रिक् सूक्ष्म नलिकाओं के नौ समुच्चयों से बनी होती है।
  • Centrolecithal -- केंद्रपीतकी
ऐसे अंडों के लिए प्रयुक्त जिनमें पीतक मध्य भाग में और काफी मात्रा में रहता है। उदा. कीटों के अंडे।
  • Centromere -- सूत्रकेंद्र
विशेषीकृत वर्णकणिका जिससे, कोशिका विभाजन के दौरान, तर्कु रेशे जुड़े रहते हैं। सेन्ट्रोमियर की स्थिति से ही एनाफेस अवस्था में क्रोमोसोम की आकृति (शलाका या अंग्रजी के जे तथा वी अक्षर जैसी) निर्धारित होती है।
  • Centrosome -- तारककाय, सेन्ट्रोसोम
कोशिकाद्रव्य का विभेदित बहुत सूक्ष्म क्षेत्र जहां से माइटोसिस के प्रारंभ होने पर दो तारककेंद्र (सेंट्रिओल) निकलते हैं। आधुनिक अध्ययनों के आधार पर प्रत्येक तारककेंद्र में दो संरचनाएं समकोण पर रहती है।
  • Centrum -- कशेरुकाय, सेन्ट्रम
कशेरुक के आधार का भाग जो पूर्ण या आंशिक रुप से पृष्ठरज्जु (नोटोकॉर्ड) का स्थान लेता है। इसमें ऊपर की ओर तंत्रिका-चाप और कभी-कभी दोनों पार्श्व में अनुप्रस्थ प्रवर्ध होते हैं। कशेरुकाय के अग्र और पश्च सिर के अवतल या उत्तल होने के आधार पर कशेरुकों के कई प्रकार हो जाते हैं; जैसे अग्रगर्ती, अगर्ती, उभयगर्ती आदि।
  • Cephalic lobe -- शिरस्य पालि
पुरोमुख (prostomium) एवं तृतीय प्रमस्तिष्कीय (cerebral) कायखंड से बनी भ्रूण की शीर्ष पालियां।
  • Cephalic region -- शिरस्य प्रक्षेत्र
शीर्ष प्रदेश में शिरस्य ढाँचे से थमे हुए ओष्ठों से घिरा हुआ मुख द्वार।
  • Cephalic -- शिरस्य
शीर्ष से संबंधित।
  • Cephalochordata -- सेफैलोकॉर्डेटा
कॉर्डेटा प्राणियों का एक उपसंघ या समूह जिसमें पृष्ठरज्जु शरीर के अग्र सिरे तक जाती है। उदा. एम्फिऑक्सस।
  • Cephalopoda -- सेफैलोपोडा
मोलस्कों का एक वर्ग जिसमें ऑक्टोपस, कटलफिश, नौटीलस आदि है। इसमें सुविकसित शीर्ष तथा बड़ी जटिल आंखें होती हैं और मुख के चारों और कई लंबे परिग्राही (prehensile) स्पर्शक (टेन्टेकल) या भुजाएं होती हैं। पाद का पश्च भाग एक कीप अधवा साइफन में रुपांतरित होकर बड़ी प्रावार-गुहा में से बाहर को निकलता है। इनमें कवच प्राय:भीतरी, कुछ में बाहरी ओर कुछ में बिल्कुल ही नहीं होता है।
  • Cephalothorax -- शिरोवक्ष
सिर और वक्ष के मिलने से बनी संरचना। उदा. -क्रस्टेशिया और एरेक्निडा वर्गों के अंतर्गत आने वाले प्राणी।
  • Cercaria -- सर्केरिया
कुछ पर्णाभ कृमियों (ट्रिमैटोडों) की अंतिम जलीय डिंभक अवस्था। गोल हृदयाकार शरीर, चूषक तथा दृक् बिंदु और नोदक पूंछ इसके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Cercus -- लूम
अनेक संधिपाद प्राणियों में उदर के सिरे पर संधियुक्त उपांग।
  • Cerebellum -- अनुमस्तिष्क
कशेरुकियों में पश्च मस्तिष्क का वह स्थूलन या फुलाव जो पेशियों की गतिविधि पर नियंत्रण और शरीर का संतुलन बनाए रखता है।
  • Cerebrum -- प्रमस्तिष्क
कशेरुकी मस्तिष्क का प्रमुख भाग जो दो गोल फैलाव या संरचना के रुप में घ्राण पालि के पीछे होता है। यह उच्चतर केशरुकियों में विभिन्न आवेगों के समन्वय और मानव आदि उच्चतम स्तनियों में बौद्धिक क्षमता से संबद्ध है।
  • Cervix -- ग्रीवा
1. सिर और अग्रवक्ष के बीच का लचीला अंतर्खंडीय क्षेत्र जिसकी झिल्ली में भिन्न-भिन्न संख्याओं में छोटी पट्टिकाएँ अंत:स्थापित होती हैं जिन्हें ग्रीवा-कठक कहते हैं। 2. गर्भाशय का नलिकाकार अग्रभाग ।
  • Cestoda -- सेस्टोडा
प्लेटीहेल्मिथीज संघ (फ़ाइलम) का एक वर्ग (क्लास) जिसमें अंतःपरजीवी फिताकृमि आते हैं। स्कोलेक्स में अंकुश या चूषक, अनेक खंडों वाला शरीर और प्रत्येक परिपक्व खंड में द्विलिंगी जनन-अंग इनके विशिष्ट लक्षण हैं। उदा. टीनिया।
  • Cetacea -- सिटेशिया (तिमिगण)
मछली से मिलती-जुलती आकृति के विशालकाय, जलीय, अपरायुक्त स्तनियों का गण जिसमें ह्वेल, सूंस और शिंशुक आते हैं, त्वचा के नीचे वसा की मोटी तह (तिमिवसा), पतवार या चप्पू- जैसे अग्रपाद, पूंछ का चौड़े पख (वाज) के रुप में होना तथा पश्च पोदों का अभाव इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Chaeta -- शूक
देह भित्ति में अंतःस्थिपित काइटिनयम शूल; जैसे कुछ लघुवलयक (annelid) प्राणियों में।
  • Chaetotaxy -- शूकविन्यास
बाह्य कंकाल पर शूकों की व्यवस्था पर आधारित नाम पद्धति। कीट संदर्भ में शूकों का नियत परिरुप में विन्यास जो वर्गिकी के लिये महत्वपूर्ण है।
  • Chalaza -- श्वेतकरज्जु
पक्षियों के अंडों में सघन श्वेतक (एलब्यूमेन) की बटी हुई दो डोरियां, जिनके द्वारा पीतक कवच-झिल्ली से जुड़ा रहता है।
  • Character -- लक्षण, गुण
किसी जीव की आकृतिक, शारीरीय और शरीर क्रियात्मक विशेषता जो सामान्यतः जीन-प्ररुप और पर्यावरण की अंतःक्रिया से उत्पन्न होती है।
  • Check list -- परीक्षण सूची
तुरंत संदर्भ के लिए किसी वर्ग का स्थूल वर्गीकरण।
  • Cheek -- कपोल
सिर पर स्थित संयुक्त नेत्र और मुख के बीच का पार्श्व भाग।
  • Chela -- करज, कीला
कुछ संधिपाद प्राणियों के कुछेक पादों (limbs) में पाया जाने वाला बड़ा नखर।
  • Chelate -- करजी, कीलेट
नखर जैसा अथवा चिमटी जैसा।
  • Chelicerate -- केलिसेरेट, प्रकरजीय
संवेदी श्रृंगिका के स्थान पर अग्र उपांगों का जोड़ा, अग्र-युग्म तथा शेष उपांगों क सामान्य-अभिलक्षण, जो एरेक्निड़ा को अन्य सभी संधिपादों से अलग करते हैं।
  • Chelonia -- कीलोनिया (कच्छप गण)
सरीसृपों का एक गण जिसमें कछुए आदि आते हैं। अधिचर्मीय श्रृंगीय पट्टिकाओं से ढकी अस्थि पट्टियों (पृष्ठवर्म व अधरवर्म) से सुरक्षित शरीर और जबड़ों में दांत के स्थान पर चंचुक का होना इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Chemically inactive -- रासायनिकतः निष्क्रिय
ऐसा पदार्थ या सामग्री जो किसी दूसरे रसायन अथवा पदार्थ के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करते।
  • Chemoreceptor -- रसोग्राही
रासीयनिक उद्दीपनों का बोध कराने वाले संवेदी अंग। ये रासायनिक उद्दीपनों के प्रति अभिक्रियाशील होते हैं।
  • Chemosterilant -- रसोबंध्यक
ऐसा रसायनिक यौगिक जिसके कारण जनन-बंध्यता उत्पन्न हो जाती है।
  • Chemotaxis -- रसायनी अनुचलन, रसोअनुचलन
किसी विसरणशील पदार्थ के कारण किसी जीव-विशेष को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करने की प्रक्रिया।
  • Chiasma -- व्यत्यासिका, किएज्मा
गुणसूत्री विनिमय का बिंदु जो द्विसूत्र अवस्था में समजात गुणसूत्रों के पृथक होने पर दिखाई पड़ता है। यह प्रथम अर्धसूत्रण की द्विपट्ट और डाइकाइनेसिस अवस्थाओं के दौरान दिखाई देने वाले युग्मित समजात गुणसूत्रों के दो अर्धसूत्रों का विनिमय स्थल होता है।
  • Chimaera -- विचित्रक
सामान्य जनन प्रक्रिया से भिन्न बहुजीनी स्त्रोतों से प्राप्त जीव, ऊतक अथवा अणु ।
  • Chimaera -- विचित्रक, काईमेरा
ऐसा जीव जिसमें उत्परिवर्तन, कायिक विसंयोजन अथवा रोपण से उत्पन्न दो या अधिक लक्षण प्ररुपों वाले ऊतक पाए जाते हैं।
  • Chiroptera -- काइरॉपोटेरा
अपरा स्तनियों का एक गण, जिसमें उड़ने वाले एकमात्र स्तनी यानी चमगादड़ आते हैं। इनमें पंख अग्रपाद से पश्च पाद और कुछ में दुम तक फैली हुई त्वचीय झिल्ली के रुप में होते हैं और जो काफी लंबी अंगुलियों से भी जुड़े रहते हैं। रात्रिचर होना उदर में स्थित वृषण और घोर अंधेरे में पराश्रव्य ध्वनि तरंगों द्वारा बाहरी वस्तुओं का संवेद प्राप्त कर सकना, इनके प्रमुख लक्षण हैं। ये प्राणी प्रमुख रुप से कीटभक्षी व फलभक्षी होते हैं किन्तु कुछ ऐसे भी हैं जो अन्य स्तनियों का रुधिर चूसते हैं।
  • Chitin -- काइटिन
संधिपाद प्राणियों के बहिःकंकाल एवं अनेक कवकों की कोशिका भित्तियों में पाया जाने वाला एन.-एसिटिल ग्लूकोसैमीन का बहुलक।
  • Chlorinated hydrocarbon -- क्लोरीनीकृत हाइड्रोकार्बन
ऐसा रासायनिक यौगिक जिसमें क्लोरीन, कार्बन और हाइड्रोडन होता है। उदा.-डी.डी.टी., बी.एच.सी.।
  • Chlorophyll -- पर्णहरित, क्लोरोफिल
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में इलेक्ट्रानदाता के रुप में अत्यावश्यक प्रकाशग्राही हरा वर्णक।
  • Chloroplast -- क्लोरोप्लास्ट, हरितलवक
प्रकाशसंश्लेषी लवक (plastid) जिसमें दोहरी झिल्ली से बनी पुटिका के भीतर प्रोटीनयुक्त पिटिका में अंतःस्थापित क्लोरोफिल धारी झिल्ली पटलों का चिपिटाशय तंत्र होता है। सुकेन्द्रकी पादपों का यह विशिष्ट कोशिकांगक है।
  • Chlorosis -- हरिमाहीनता
पर्णहरित के ठीक से न बनने के कारण पौधों के हरे ऊतक का सामान्यतः पीला पड़ जाना । कुछ पोधों पर ऐफिड के अशन के कारक भी हरिमाहीनता दिखाई देने लगती है।
  • Chlorosome -- क्लोरोसोम, हरितकाय
कुछ हरित प्रकाशसंश्लेषी जीवाणुओं के कोशिका-द्रव्य में मौजूद सिगार-रुपी आशय।
  • Choanocyte -- कीपाणु
स्पंजों की प्ररुपी कोशिका, जिसमें कशाभ के चारों तरफ जीवद्रव्य का पतला कॉलर होता है। कुछ कशाभी प्रोटोजोआ प्राणियों (कोएनोफ्लेजेलेटा) में भी ऐसी कोशिकाएं पाई जाती हैं।
  • Cholinesterase -- कोलीनेस्टरेज़
ऐसिटिलकोलीन को विघटित करने तथा तंत्रिकाओं के अंतिम छोर पर उसका संचय रोकने वाला एन्ज़ाइम।
  • Cholinesterase inhibitor -- कोलीनेस्टेरेज संदमक
कोई भी कार्ब-फॉस्फेट, कार्बोमेट या अन्य कीटनाशक रसायन जो तंत्रिका-तंत्र से संबद्ध ऐसीटिल कोकीन को निष्क्रिय करने वाले एंजाइम की क्रिया में बाधा उत्पन्न करता है।
  • Chondriocyte -- उपास्थ्यणु
उपास्थि कोशिका
  • Chondriome -- कॉन्ड्रियोम
कोशिका में मौजूद सभी माइटोकोंड्रियाओं का सामूहिक नाम।
  • Chondriosome -- कॉन्ड्रियोसोम
दे.-mitochondria सूत्रकणिका।
  • Chondrocranium -- उपास्थिकपाल
कपाल के उपास्थिमय होने की अवस्था, जो भ्रूणों में अस्थायी और कुछ एलास्मोब्रैंक मछलियों में स्थायी होती है।
  • Chordata -- कॉर्डेटा
प्राणिजगत का एक विशाल एवं महत्वपूर्ण संघ जिसमें हेमिकॉर्डेटा, यूरोकॉर्डेटा, यूरोकॉर्डेटा, सेफैलोकॉर्डेटा तथा सभी कशेरुकी आते हैं। वयस्क या परिवर्धन की किसी न कीसी अवस्था में पृष्ठरज्जु और (ग्रसनी की भत्तियों में) क्लोम रंध्रों का होना, और पृष्ठ तल पर स्थित खोखला नलिकाकार तंत्रिका-तंत्र इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Chorion -- जरायु
1. कीट अंड-कला का अकाइटिनी कवच, जो अंडाशय की कोशिकाओं द्वारा अंडाणु के चारों ओर स्रावित होता है।
2. सरीसृपों, पक्षियों व स्तनियों में भ्रूण का बाहरी आवरण बनाने वाली झिल्ली, जो उल्ब को सुरक्षित रखती है और स्तनियों में अपरा बनाने में योग देती है।
  • Chordotonal organ -- ध्वनिग्राही अंग
अनेक प्रकार की विशषीकृत संवेदिकाओं, तर्कु संवेदिकाधरों (scolophore) अथवा तर्कुसंवेदिकाओं (scolopidia) से बनी संयुक्त संरचनाएं जिनमें प्रत्येक में एक स्पष्ट संवेदिकाय स्थूणक (scolops) होता है। तर्कुसंवेदिकाओं का तर्कु आकृति का बंडल प्रत्येक सिरे पर अध्यावरण से जुड़ा होता है। कीटों में यह संरचना यांत्रिक या ध्वनि तरंगें ग्रहण करती है।
  • Choroid plexus -- रक्तक जालक
उच्चतर कशेरुकियों में मृदुतानिका (पाईआमेटर) का चौड़ा वाहिनीमय क्षेत्र जिससे मस्तिष्क-मेरु तरल का स्रवण होता है। यह दो स्थानों पर पाया जाता है। डायनसेफलॉन की छत पर पाया जाने वाला अग्ररक्तक जालक तथा मेड्युला आब्लांगेटा की छत पर पाया जाने वाला पश्च रक्तक जालक।
  • Chromatid -- अर्धगुणसूत्र, क्रोमेटिड
गुणसूत्र(क्रोमोसोम) के अनुदैर्ध्य द्विगुणन (डुप्लीकेशन) से बने दो अर्धांश जो समसूत्रण (माइटोसिस) या अर्धसूत्रण (मीयोसिस) की पूर्वावस्था (प्रोफेज) और मध्यावस्था (मेटाफेज) में सूत्रकेंद्र पर परस्पर जुड़े दिखाई देते हैं। पश्चावस्था (ऐनाफेज) में ये अलग होकर संतति गुणसूत्र बन जाते हैं।
  • Chromatin -- क्रोमैटिन
केंद्रक का विशिष्ट पदार्थ जो न्यूक्लीक अम्लों और प्रोटीनों का यौगिक होता है और क्षारकीय रंजकों से गहरा रंगा जा सकता है।
  • Chromatophore -- वर्णकधर
सामान्यतः संयोजी ऊतक की एक कोशिका जिसमें वर्णक भरा होता है; जैसे गिरगिट की त्वचा में पाए जाने वाले वर्णकधर जिनके आकुंचन या प्रसार से विभिन्न रंग व्यवस्था बन जाती है। रंजकहीन प्राणियों में इनके अंदर वर्णक बुल्कुल नहीं होते। उदा. त्वचा के असिताणु (मेलेनोसाइट)
  • Chromomere -- वर्णकणिका, क्रोमोमियर
गुणसूत्र में गहरा रंगा जाने वाला छोटा क्षेत्र जो अर्धसूत्रण की पूर्वावस्था का केवल तनुपट्ट अवस्था में दिखाई देता है। वास्तव में यह डी एन ए तंतु का अत्यधिक कुंडलित क्षेत्र है ।
  • Chromonema(chromonemata) -- वर्णसूत्र, क्रोमोनीमा
पूर्वावस्था में गुणसूत्रीय द्रव्य का बहुत बरीक सूत्र। यह अर्धगुणसूत्र के संघनन का प्रारंभिक व्यक्त स्वरुप है।
  • Chromoneme -- क्रोमोनीम
जीवाणुओं और उनके विषाणुओं का डी.एन.ए. सूत्र।
  • Chromosomal aberration -- गुणसूत्री विपथन
गुणसूत्रों की संख्या अथवा उनकी संरचना में होने वाला अपसामान्य परिवर्तन।
  • Chromosome map -- गुणसूत्र मानचित्र
गुणसूत्र पर जीनों की सापेक्ष स्थिति स्पष्ट करने वाला ऐसा आलेख, जिसमें जीनों के विन्यास का रैखिक क्रम दिखाया जाता है और दूरियाँ पुनर्योजन की आवृत्ति की समानुपाती होती हैं।
  • Chromosome complement -- गुणसूत्र कंपलीमैन्ट
युग्मक अथवा युग्मज के केंद्रक में उपस्थित गुणसूत्रों का समुच्चय।
  • Chromosome -- गुणसूत्र
समसूत्रण या अर्धसूत्रण के दौरान कोशिकाओं के केन्द्रकों में प्रकाश सूक्ष्मदर्शिकी द्वारा दृश्य क्रोमैटिन का संघनित गहन अभिरंजनीय द्रव्यमान जो संजीन की संरचनात्मक एवं स्वप्रतिकारी इकाई है। यह डी.एन.ए. के एक द्विरज्जुकीय अणु तथा उसके सहयोगी प्रोटीनों (मुख्यतः हिस्टोनों) से बना होता है। जाति विशेष के लिए गुणसूत्र- संख्या प्रायः निश्चित एवं स्थिर होती है।
  • Chronic toxicity -- दीर्घकालिक आविषालुता
लंबे समय तक (किसी रसायन के ) संपर्क में रहने के कारण क्षतिग्रस्त या नष्ट करने की क्षमता।
  • Chronological species sequence -- जाति कालानुक्रम
किसी वंश में जाति-विशेष का कालानुक्रम के अनुसार शामिल किया जाना।
  • Cibarium -- सिबेरियम
मुख-बाह्य की खाद्य कोटरिका या मुखपूर्व मुखगुहा, जो अधोग्रसनी के आधार और मुखपालि (clypeus) के अधर तल के बीच स्थित होती है।
  • Cicada -- साइकेडा
साइकेडिडी कुल का कीट जिसके नर, उदर के नीचे स्थित कंपमान झिलियों की सहायता से तीव्र ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
  • Cilia (cilium) -- पक्ष्माभ
कोशिकाद्रव्य से निकली हुई रोम या शूक जैसी संरचनाएँ जो पैरामीशियम आदि कुछ एक-कोशिक प्राणियों में और कई अन्य प्राणियों का उपकला (एपीथीलियम), जैसे मेंढक में मुख-गुहा की उपकला, में पाई जाती हैं। संचलन और पानी या अन्य तरल पदार्थों की धारा उत्पन्न करके भोजन कण ले जाना इनका प्रमुख कार्य है।
  • Ciliata -- सिलिएटा
प्रोटोजोआ संघ का एक वर्ग। इनके शरीर पर पक्ष्माभिकाएं और भीतर लघुकेंद्रक तथा गुरुकेंद्रक पाए जाते हैं। उदा. वॉर्टीसेला, पैरामिशियम।
  • Ciliates -- पक्ष्माभ, सिलएट
सिलिएटा अथवा सिलियोफोरा के प्राणियों का सामान्य नाम।
  • Cilium -- पक्ष्माभ
संचलनी कोशिकांगक जो सूक्ष्मनलिकाओं के पूलों और संबद्ध प्रेरक प्रोटीनों से बना होता है। पक्ष्माभी स्पंदन से या तो कोशिकाएँ चलती-फिरती हैं (जैसे प्रोटोजोआन प्राणी) अथवा विभिन्न पदार्थ कोशिकाओं के आर-पार आते-जाते हैं (जैसे श्वसन-क्षेत्र के जरिए श्लेष्मा, अथवा अंडवाहिनी के जरिए अंडाणु)। (दे. centriole)
  • Circular muscle -- वर्तुल पेशी
प्राणियों, जैसे केंचुए की देहभित्ति, में बाह्य त्वचा के अंदर की ओर तथा मेंढक की आहार नाल में पर्युदर्या (पेरिटोनियम) के अंदर स्थित, वृत्ताकार पेशी स्तर। इन पेशियों के संकुचन से ही संचलन आदि की क्रियाएं होती हैं।
  • Circulation -- परिसंचरण
रक्त का हृदय से धमनियों , कोशिकाओं और शिराओं में होते हुए चक्रीय रुप से लगातार बहते रहने की व्यवस्था। इसके द्वारा श्वसनीय गैसों, पोषण एवं वर्ज्य पदार्थों तथा हॉर्मोन आदि का घुली अवस्था में विभिन्न अंगों को पहुंचाया जाना और उनसे वापास लाया जाना संभव होता है।
  • Cirrus -- सिरस, कुरल
तंतुमय या रोम-जैसी विभिन्न संरचनाएं; जैसे कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों में संचलन तंतु, कुछ चपटे कृमियों के मैथुन अंग आदि।
  • Cisterna -- कुंडिका
झिल्ली सं परिबद्ध ऐसी चपटी पुटिका जो कोशिकीय पदार्थों के भंडारण एवं अभिगमन से संबंधित होती है। उदाहरणत: अंतर्द्रव्यी जालिका या गॉल्जी सम्मिश्र में पाए जाने वाली पुटिकाएँ।
  • Cistron -- कार्येक
समपक्ष-विपक्ष परीक्षण के द्वारा स्पष्ट वह आनुवंशिक इकाई जो ऐसे जीन के समतुल्य है जिसमें किसी प्रोटीन को निरुपित करने वाले डी.एन.ए. का इकाई अनुक्रम समाविष्ट होता है।
  • Cladicism -- शाखावर्गणन, क्लेडिसिस्म
वर्गीकरण की ऐसी पद्धति, जो पूर्णतया जातिवृत्तीय शाखन बिंदुओं पर आधारित होती है। इससे जातिवृत्तीय समय के विभाजन बिंदु का ज्ञान होता है।
  • Cladism -- शाखावाद
जातिवृत्त के नवीनतम शाखन बिंदु के आधार पर जीवों के वर्गीकरण का सिद्धांत।
  • Cladogram -- शाखाचित्र
शाखावाद के सिद्धांतों के आधार पर बनाया गया वंशवृक्ष। इसमें विकासीय अपसार की दरों की उपेक्षा कर दी जाती है।
  • Clasper -- आलिंगक
कोई अंग या भाग जिसके द्वारा नर और मादा मैथुन क्रिया में परस्पर चिपटे रहते हैं; जैसे कुछ कीटों और एलास्मोब्रैंक मछलियों में।
  • Class -- क्लास, वर्ग
संघ और गण के बीच की वर्गीकरण इकाई।
  • Classical biological control -- चिरप्रतिष्ठित जैव नियंत्रण
हानिकारक पीड़कों के प्राकृतिक शत्रुओं का उन क्षेत्रों में जानबूझकर प्रवेशन और वितरण, जहां वे पहले उपस्थित नहीं थे। उन्हें विशेषकर विदेशी उत्पत्ति के पीड़कों के विरुद्ध प्रयुक्त किया जाता है। सिट्रस के हानिकारक कीट आइसीरिया परचेसी, के नियंत्रण के लिये आस्ट्रेलियाई लेडीबर्ड भृंग रोडोलिया कार्डिनेलिस का उपयोग सफलतापूर्वक किया गया।
  • Classification -- वर्गीकरण
एक निश्चित पद्धति के अनुसार समानता तथा पारस्परिक संबंधों के आधार पर जीवधारियों को अलग-अलग समूहों में रखने की व्यवस्था। सबसे बड़ा समूह फाइलम या संघ कहलाता है और उसके बाद क्रमश: क्लास(वर्ग), आर्डर(गण), फेमिली (कुल), जीनस (वंश), स्पीशीज (जाति) तथा सबस्पीशीज (उपजाति) आते हैं। प्राणियों की वर्गीकरण व्यवस्था में मानव का स्थान इस प्रकार है: संघ कार्डेटा, वर्ग मैमेलिआ, उपवर्ग यूथीरिया, गण प्राइमेटीज, कुल होमिनिडी, वंश होमो, जाति सेपिएन्स।
  • Clavola -- मुद्गराभ, क्लैवोला
कीट श्रृंगिका का कशाभी भाग, अथवा सिरे के जोड़।
  • Cleavage -- विदलन
समसूत्रण (माइटोसिस) की क्रिया द्वारा कोशिकाओं के गुणन की प्रक्रिया, जिससे एककोशिक अंडाणु (निषेचित अंडे) से बहुकोशिक भ्रूण बनता है। विदलन के कई प्रकार हैं; जैसे पूर्णभंजी विदलन, अंशभंजी विदलन, सर्पिल विदलन, आदि।
  • Cleptoparasitism -- क्लैप्टोपरजीविता
वह परजीविता जिसमें कुछ परजीव्याभ विशेषकर उस कीट परपोषी पर आक्रमण करते हैं जो पहले से ही अन्य परजीव्याभ द्वारा परजीवीकृत कर दिया गया है। यह बहुपरजीविता का उदाहरण है।
  • Clitellum -- पर्याणिका, क्लाइटेलम
केंचुए, जोंक आदि एनीलिडा प्राणियों में त्वचा की ग्रंथिल पट्टी, जसके चिपचिपे तरल से कोकून (कोया) बनता है।
  • Cloaca -- अवस्कर
उच्चतर स्तनियों को छोड़कर सभी कशेरुकियों की आहार नाल के पश्च सिरे का कक्ष, जिसमें आँत्र व जनन और मूत्र वाहिनियां खुलती हैं।
  • Clone -- क्लोन, एकपूर्वजक
एकल जीव से अलैंगिक जनन (समसूत्री कोशिका विभाजन) द्वारा प्राप्त आनुवंशिकतः समरुप व्यष्टि।
  • Cloned gene -- क्लोनित जीन
प्लाज्मिड वाहक अणु में समाविष्ट डी.एन.ए. श्रृंखला जो इसके साथ साथ समान अथवा भिन्न में पुनरावर्तित होती है।
  • Cloning -- क्लोनन
अलैंगिक जनन एवं संवर्धन द्वारा कोशिका, जीन या डी.एन.ए खंड से अनेक आनुवंशिकतः अभिन्न वंशक्रम बनाना।
  • Clypeus -- मुखपालि, क्लिपितस
ऊर्ध्वोष्ठ (लेब्रम) के ठीक ऊपर कपाल का आननी (facial) अंश जो सामान्यतया एक अधिमुखक सीवन (epistomal suture) द्वारा फ्रौस से पृथक किया रहता है। यह कभी-कभी अग्रमुखपालि तथा पश्चमुखपालि में विभक्त होता है। सिबेरियम की विस्फारक पेशियां (dialator muscle) इसकी भीतरी सतह से संलग्न होती है।
  • Cnidoblast -- दंशकोरक
सीलेन्टेरेटों के नाइडेरिया समूह में पाई जाने वाली विशिष्ट सूत्र – कोशिकाएँ, जिनमें दंशपुटी (नेमेटोसिस्ट) होती हैं।
  • Cnidocil -- दंशप्रवर्ध
दंशकोशिका के बाहरी भाग से निकला हुआ एक छोटा संवेदी प्रवर्ध, जिससे स्पर्श होते ही दंशसूत्र झटके से बाहर आता है।
  • Cnidophore -- दंशधर
रुपांतरित जीवक (zooid), जिसमें दंशकोशिकाएं होती हैं।
  • Coagulation -- स्कंदन
प्रायः शरीर से बाहर निकलते ही तरल रुधिर के जम जाने की क्रिया। अन्य कारकों के साथ-साथ थ्रॉम्बिन नामक उत्प्रेरक के स्राव से घुलनशील फाइब्रिनोजेन तंतुओं के जाल में बदल जाता है। इस जाल से रुधिर कोशिकाएँ बाहर नहीं निकल पातीं और उस स्थान पर थक्का बन जाता है। इससे रक्त का बाहर निकलना बंद हो जाता है।
  • Coarcatate larva -- संपीडिक डिंभक
कुछ-कुछ द्विपंखी कोशितावरण जैसा डिंभक, जिसमें पूर्ववर्ती अर्थात् पहले के इंस्टार की त्वचा पूरी तरह से नहीं गिरती बल्कि शरिर के पुच्छ-सिर से संलग्न रहती है। फफोल भृंग का छठा इंस्टार भी कूटकोशित कहलाता है।
  • Coarctate pupa -- संपीडित कोशित
एक ऐसा कोशित रुप, जिसमें अंतिम डिंभक-त्वचा अतिरिक्त आवरण के रुप में उपस्थित रहती है। यह विशेष रुप से, चक्रविदारी डिप्टेगण में पाया जाता है। उदा.-घरेलू मक्खी।
  • Coccyx -- अनुत्रिक, कॉक्सिक्स
पुच्छ कशेरुकों के जुड़ने से बनी हुई अस्थिल संरचना। विशेषतः मानव में तीन से पाँच अवशिष्ट कशेरुकों के जुड़ने से बनी संरचना।
  • Cochlea -- कर्णावर्त, कॉक्लिया
स्तनियों में आंतरिक कर्ण का सर्पिल भाग, जो ध्वनि कंपनों को ग्रहण कर श्रवण तंत्रिका के माध्यम से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को विधुत् आवेग प्रेषित करता है।
  • Cockroach -- तिलचट्टा
डिक्टियोप्टेरा गण के कीटों को दिया गया नाम। सामान्यतया कॉक्रोच पेरीप्लेनेटा अमेरिकाना को कहा जाता है, जो अमेरिका से भारत में प्रवेश पा कर आम हो गया है। यह प्रायः घरों में सीवर तथा अंधेरे स्थान पर उपस्थित रहता है।
  • Cocoon -- कोकून, कोया
1. केंचुए, मकड़ी आदि में एक से अधिक अंडों की सुरक्षा के लिए एक थैलीनुमा कठोर आवरण।
2.कुछ कीटों में प्यूपा की सुरक्षा के लिए, रेशम का आवरण जो डिंभक द्वारा निकले स्राव से बनता है।
  • Code -- संहिता
प्राणिविज्ञान के आधार पर नाम-पद्धति का अंतरराष्ट्रीय नियमावली।
  • Coding sequence -- कोडन अनुक्रम
जीन का वह अंश जिससे उसके प्रोटीन उत्पाद के ऐमीनो अम्ल अनुक्रम का प्रत्यक्ष बोध होता है।
  • Coding strand -- कोडन रज्जुक
द्वैध डी.एन.ए. का वह रज्जुक जिसका न्यूक्लिओटाइड अनुक्रम दूत आर.एन.ए. के समान हो सिवाए उसके U के स्थान पर T होने के।
  • Co-dominance -- सहप्रभाविता
विषमयुग्मज में किसी विशिष्ट जीन युग्म के दोनों विकल्पियों के पूर्णतः अभिव्यक्त होने की स्थिति। यह विकल्पी या इनके द्वारा निर्धारित विशेषक सहप्रभावी होते हैं। उदाहरणतः ए.बी.ओ. रुधिर वर्ग तंत्र में।
  • Codon -- प्रकूट
तीन न्यूक्लिओटाइड-क्षारकों को ऐसा अनुक्रम जो किसी विशिष्ट ऐमीनो अम्ल को अभिव्यक्त करता है अथवा किसी पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला संश्लेषण के समापन का संकेत देता है।
  • Coelenterata -- सीलेन्टेरेटा
अकशेरुकियों का एक संघ जिसमें हाइड्रा, जेलीफिश, समुद्री ऐनीमोन, प्रवाल आदि जलीय प्राणी आते हैं। अरीय सममिति, आंतरगुहा, दो परतों वाली देहभित्ति और स्पर्शकों से घिरे मुँह का होना किंतु गुदा का न होना, इन प्राणियों की विशेषताएँ हैं।
  • Coelenteron -- सीलेन्टेरोन, आंतरगुहा
सीलेन्टेरेटों में केंद्रीय जठर-वाहक गुहा, जो बाहर को एक ही रंध्र से खुलती है। यह रंध्र आहार के अंतर्ग्रहण और अपचे पदार्थों के विसर्जन का काम करता है।
  • Coelom (coelome) -- प्रगुहा, सीलोम
त्रिकोरकी (ट्रिप्लोब्लास्टिक) प्राणियों की देहगुहा, जो चारों तरफ से मध्यजनस्तर (मीजोडर्म) या पर्युदर्या (पेरिटोनियम) कला से ढकी रहती है। अन्य शरीर गुहाओं से भेद करने के लिए इस तरह की देहगुहा को प्रगुहा या सीलोम कहते हैं। भ्रूणों में प्रगुहा दो प्रकार से बनती है : (1) आंत्रगुहा से निकले हुए कोष्ठों से बनने वाली आंत्रप्रगुहा यानी ऐन्टेरोसील और (2) मध्यजनस्तर के द्विभाजित होने से बनने वाली दीर्णप्रगुहा यानी साइजोसील।
  • Coenocyte -- संकोशिका
भित्ति विभाजन के बिना केंद्रक-विभाजन की पुनरावृत्ति के फलस्वरुप बनने वाली कोशिका की बहुकेंद्रकी अवस्था।
  • Co-enzyme -- सह-एन्ज़ाइम
किसी एन्ज़ाइम या एन्ज़ाइम तंत्र के द्वारा उत्प्रेरित अभिक्रिया में अनिवार्य रुप से भाग लेने वाला कार्बनिक यौगिक, जो इस प्रक्रिया में स्वयं व्यय नहीं होता।
  • Cold blooded -- असमतापी, अनियततापी
(दे. Poikilothermal)
  • Coleoptera -- कोलियोप्टेरा (वर्मपंखी गण)
सूक्ष्म से लेकर बड़े आकार तक के कीट जिनके अग्रपंख श्रृंगीय या चर्मिल प्रवर्म (elytra) में रुपांतरित होते हैं और जो कीट के बैठने की स्थिति में मिल जाते हैं तथा जिसके फलस्वरुप एक सीधी मध्य पृष्टीय सीवन ( suture) बन जाती है। पश्चपंख झिल्लीमय और प्रवर्मो के नीचे वलित रहते हैं तथा लघूकृत या अनुपस्थित होते हैं तथा अग्रवक्ष बड़ा और गतिशील, मध्यवक्ष बहुत लघूकृत। इनकी विशेषताएँ हैं -पूर्ण कायांतरण; डिंभक कैम्पोडियारुपी अथवा क्रॉस रुपी, बिरले ही अपादी होते हैं, कोशित अक्रियचिबुक (adecticous) और अबद्ध, मुखांग आंदश(bitting) प्रकार के होते हैं। उदा. भृंग।
  • Collagen -- कोलैजन
अत्यधिक तनन-सामर्थ्य वाला बहुव्यापी प्राणि-प्रोटीन जो कोशिका-बाह्य आधात्री तथा रेशेदार ऊतकों (कंडरा, उपास्थि और त्वचा) का एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक अवयव होता है। इसके अणु का एक-तिहाई भाग ग्लाइसीन और एक-तिहाई प्रोलीन या हाइड्रॉक्सीप्रोलीन होता है। इसकी द्वितीयक संरचना त्रिक-कुंडलिनी के रुप में होती है।
  • Collar -- कॉलर
वलयाकार पट्टी का तरह की कोई संरचना; जैसे- 1 कीपकोशिकाओं (कोयनोसाइट) में कशाभ के आधार के चारों ओर कीप-जैसी आकृति की संरचना। 2. हेमिकॉर्डेटा में शुंड के ठीक पीछे स्थित मांसल क्षेत्र। 3. सर्पिल कवच वाले गैस्ट्रोपोडों में मांसल प्रावार (मैन्टल) का छोर या किनारा, जो कवच के बाहर निकला पढता है।
  • Collembola -- कोलेम्बोला
अपंखी कीट जिनके अंतःसृतहनु (endognathus) मुखांग आदंश के लिए अनुकूलित होते हैं। सुयुक्त नेत्र अनुपस्थित; उदर 6 खंडीय, जिसमें प्रायः तीन जोड़ी उपांग होते हैं जैसे कि एक अधर-नलिका, सूक्ष्म उपबंधनी (retinaculum) और एक द्विशाखी (forked) स्प्रिंग अंग। वातकतंत्र और मैलपीगी नलिकाएँ नहीं होती। उदा. कुंडलपुच्छ (spring-tail)।
  • Colletrial gland -- श्लेषक ग्रंथि
मादा की वे सहायक ग्रंथियाँ जो अंडों को किसी आधार से चिपकोन वाले आसंजक पदार्थ का स्रवण करती हैं।
  • Colon -- बृहदाँत्र, कोलन
कशरुकियों में छोटी आँत और मलाशय के बीच का भाग, जहाँ अपचे भोजन से पानी का अवशोषण होता है।
  • Colonization -- उपनिवेशन
नये आवास में कीटों के समुदाय की स्थापना का प्रक्रम। यह उस कार्यक्रम को भी दर्शाता है जिसमें परजीवियों/परजीव्याभों की लाभदायक विदेशी जाति को हानिकारक पीड़क समाष्टियों का दमन करने के लिए कृषि पारितंत्र ढंग से मोचित किया जाता है।
  • Colony hybridization -- निवह संकरण
स्वस्थाने संकरण के उपयोग द्वारा जीवाणु निवहों के किसी विशेष डी.एन.ए. अनुक्रम की पहचान करने की विधि। इसे क्लोनन प्रयोग के बाद किया जाता है। इसे गुरुनस्टाइन-होगनेस पद्धाति भी कहते हैं।
  • Colony -- निवह, कॉलोनी
एक सात रहने वाले और बहुधा एक-दूसरे पर आश्रित अथवा एक दूसरे से जुड़े एक ही जाति (स्पीशीज) के कई व्यष्टियों का समूह। उदा. कुछ सीलेन्टेरेटों में पोषक, जनक आदि जीवक, और दीमक तथा मधुमक्खी जैसे समाजिक कीटों में कर्मी, रानी, पुंमधुप आदी रुप।
  • Colorimeter -- वर्णमापी
ज्ञात विलयन संघटक की सांद्रता को उस संघटक के मानक विलयन के रंगों से तुलना करके मापने वाला यंत्र।
  • Colour blindness -- वर्णांधता
वर्ण विभेदन की क्षमता का अभाव जो एक्स सहलग्नी अप्रभावी जीन से संबंधित एक वंशागत दोष है। यह स्त्री द्वारा संप्रेषित होकर पुरुषों में प्रकट होता है। स्त्रियों में वर्णांधता दोष समययुग्मजी स्थिति के कारण उत्पन्न होता है जिसमें दोनों एक्स-गुमसूत्र एक ही विस्थल पर आ जाते हैं।
  • Columella -- स्तंभिका, कॉल्यूमेला
स्तनियों में कर्णावर्त (कॉक्लिआ) का केंद्रीय दंड। पक्षियों, सरीसृपों और उभयचरों में एक श्रवण अस्थिका जो एक ओर कर्णषटह और दूसरी ओर भीतरी कान से लगी होती है। मछलियों में कंठिका चिबुक उपास्थि और स्तनियों में स्टेपीज या रकाब इसके समजात मानी जाती है।
  • Comb nest -- छत्ता
कुछ कीटों द्वारा उत्पादित और निर्मित कोशिकीय संरचनाएँ। इन्हें प्रायः मधुमक्खियाँ और बर्रें अपने शाव के रहने और उसके लिए खाद्य संगृहीत करने के लिए बनाते हैं।
  • Commensalism -- सहभोजिता
अलग-अलग जाति के दो जीवदारियों के एक साथ भोजन करने और रहने की अवस्था, जिससे एक को लाभ किंतु दूसरे को विशेष लाभ न होकर हानि भी नहीं पहुँचती। उदा. साधु केकड़ा और समुद्री एनीमोन।
  • Commissure -- संधायी
दो समान संरचनाओं को जोड़ने वाली संरचना, जैसेः 1. एक ही जोड़े की दार्ईं गुच्छिकाओं (गैंग्लिऑनों) को जोड़ने वाले तंत्रिका-रज्जु। 2. केंचुए में पृष्ठ और वाहिकाओं को जोड़ने वाली रुधिर-वाहिका।
  • Common name -- सामान्य नाम
स्थानीय अथवा देशज नाम।
  • Community -- समुदाय
किसी विशेष आवास में पारस्परिक क्रिया करने वाले जीवों की जातियों की समष्टी।
  • Compatible -- सुसंगत, संयोज्य
ऐसे दो यौगिक जो एक-दूसरे के गुणों को प्रभावित किए बिना परस्पर मिश्रित किए जा सकें।
  • Competant cell -- सक्षम कोशिका
बाह्यकोशिकीय डी.एन.ए. ग्रहण करने की क्षमता अर्जित कर लेने वाली जीवाणु कोशिका।
  • Competition -- स्पर्धा
एक-दूसरे पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली वे पारस्परिक क्रियाएँ, जिन्हें जीव सामान्य संसाधन संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करते हैं।
  • Complement system -- पूरक तंत्र
ग्लोबुलिन वर्ग के रुधिर प्रोटीनों का ऐसा समूह जो प्रतिरक्षी आलेपित विजातीय कोशिकाओं का लयन करता है। परस्पर श्रेणीबद्ध पूरक क्रमपात क्रिया द्वारा ये प्रोटीनें अनेक जैव प्राभव उत्पन्न करती हैं।
  • Complementary resistance -- पूरक प्रतिरोध
उन दो या अधिक जानों द्वारा संयुक्त रुप से संचालित प्रतिरोध, जिनमें से एक प्रभावी होता है।
  • Complete resistance -- पूर्ण प्रतिरोध
ऐसी स्थिति जिसमें वषमयुग्मज और समयुग्मज द्वारा एक जैसे लक्षणप्ररुप उत्पन्न होते हैं।
  • Complete dominance -- पूर्ण प्रभाविता
ऐसी स्थिति जिसमें विषमयुग्मज और समयुग्मज द्वारा एक जैसे लक्षणप्ररुप उत्पन्न होते हैं।
  • Complete metamorphosis -- पूर्ण कायांतरण
कीट परिवर्धन का एक प्रक्रम जिसमें अंडा, डिंभक, कोशित और प्रौढ़ अवस्थाएँ शामिल हैं। उदा.-शलभ और तितली।
  • Compound eye -- संयुक्त नेत्र
अधिकांश संधिपादों, विशेषतया कीटों और क्रस्टेशियनों, में पाई जाने वाली आँख जो छोटे-छोटे बहुत से नेत्रांशकों के मिलने से बनता है। प्रत्येक नेत्रांशक में वस्तु के किसी सूक्ष्म भाग का ही प्रतिबिंब बनता है और ऐसे बहुत से प्रतिबिंबों के समूहन से प्राणी को पूर्ण वस्तु का आभास होता है।
  • Concentration -- सांद्रता, सांद्रण
एक मात्रक आयतन में निहित पदार्थ की निश्चित मात्रा।
  • Condyle -- अस्थिकंद
कंकाल के किसी भाग के सिरे पर बनी घुंडी, जो दूसरे भाग की गर्तिका में इस प्रकार बैठती है कि निश्चित दिशा में ही गति हो सके; जैसे करोटि और शीर्षधर (ऐटलस) के बीच का अनुकपाल कंद।
  • Cone cell -- शंकु कोशिका
कशेरुकी दृष्टिपटल में पाई जाने वाली प्रकाश-संवेदी कोशिकाएँ जो कुछ विशिष्ट तरंग दैर्ध्यों के प्रति चयनात्मक रुप में अनुक्रिया दर्शाती है; जिसके कारण हम विविध रेंगों को देख पाते हैं।
  • Confusant -- भ्रामक
फीरोमोन या उसके अनुरुप पदार्थ। इनका उपयोग कीट-संचार में बाधा उत्पन्न करके मैथुन में व्यवधान पैदा करना है।
  • Congeneric -- समवंशी
एक ही वंश की जातियों के लिए प्रयुक्त शब्द।
  • Congenital -- जन्मजात
जन्म से ही विद्यमान जैसे जन्मजात रोग या विरुपता। ये आनुवंशिक न होकर गर्भाशय में परिवर्धन के समय उत्पन्न होते हैं।
  • Conjugation -- संयुग्मन
दो कोशिकोओं, गुणसूत्रों या केंद्रकों के बीच आपसी संगम। इसमें दात्री कोशिका से आनुवंशिक पदार्थ या उसका एक अंश दूसरी कोशिका में अंतरित हो जाता है। कुछ प्रोटोज़ाओं (जैसे पैरामीशियम) में प्रचनन की यह एक सामान्य विधि होती है जिसमें संयुग्मित पैरामिशीयम के विभाजन से सामान्य एवं अधिक समर्थिवान सन्तति उत्पन्न होती है।
  • Conjunctiva -- नेत्रश्लेष्मला
कशेरुकियों की आँख में सामने की पतली पारदर्शी झिल्ली। यह श्वेतमंडल की बाहरी और पलक की भीतरी सतह को ढके रहती है।
  • Connective tissue -- संयोजी ऊतक
मध्यजनस्तर से उत्पन्न होने वाला ऊतक जिसमें निर्जीव अंतराकोशिक आधात्री (मैट्रीक्स) की काफी मात्रा रहती है। अन्य ऊतकों या अंगो को जोड़ना-बांधना और सहारा देना इनका प्रमुख कार्य है।
  • Connective -- संयोजी
कुछ प्राणियों के तंत्रिका-तंत्र में दो भिन्न गुच्छिकाकओं या तंत्रिका केंद्रों को जोड़ने वाली संरचना; जैसे घोंघे में प्लूरोपीडल संयोजी।
  • Conservation -- संरक्षण
पौधों तथा प्राणियों में नैसर्गिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से प्राकृतिक साधनों का समुचित रख-रखाव या सही ढंग से उपयोग।
  • Conspecific -- समजातीय
एक ही जाति की समष्टियों या व्यष्टियों के लिए प्रयुक्त शब्द।
  • Consumer -- उपभोक्ता
परिस्थितिकीय दृष्टिकोण से उपभोकतर प्राणिजगत् (मानव सहित) के जीव हैं, जो अपना खाद्य स्वयं पैदा नहीं कर सकते लेकिन ऊर्जा प्राप्ति और अपने जीवन प्रक्रमों को सहारा देने के लिए जीवित कार्बनिक पदार्थ का उपयोग करते हैं। पादप-जगत के कुछ जीव भी उपभोक्ता हैं जो अपना पोषण मृत कार्बनिक पदार्थ के अपघटन से प्राप्त करते हैं, जैसे कि जीवाणु, कवक और विषाणु। ये सभी जीव सामूहिक रुप से परपोषित कहलाते हैं।
  • Contact poison -- स्पर्श विष
ऐसा पीड़कनाशी जिसके स्पर्शमात्र से ही पीड़क मर जाता है।
  • Contractile vacoule -- संकुचनशील रसधानी
एक रसधानी जो परासरणी प्रवणता के कारक कोशिका से पानी को निकाल देती है। उत्सर्जन तथा परासरण नियमन इनका प्रामुख कार्य है।
  • Convergence -- अभिसरण
दूरतः संबद्ध रुपों में आकारिकीय समानता; जैसे, ट्राइलेंकिड और डोरीलाइमिड शूकिकाओं में।
  • Copeognatha -- कोपिओग्नैथा
(दे. Psocoptera)
  • Copepoda -- कोपीपोडा
मुक्तजीवी अथवा परजीवी परुषकवचियों (क्रस्टेशियन) का एक उपवर्ग, जिनमें पृष्ठवर्म (कैरापेस) नहीं होता और प्रौढ़ अवस्था में एक मध्य नेत्र होता है।
  • Coral -- प्रवाल, कोरल, मूंगा
निवह (कॉलोनी) में रहने वाले तथा श्रृंगीय कंकाल स्त्रावित करने वाले सीलेन्टेरेट प्राणी अथवा इनके द्वारा बनाए गए कंकाल का जुड़ा हुआ पुंज।
  • Corbiculum(pollen basket) -- प्रपिटक (पराग करंड)
मधुमक्खी की पश्च-अंतर्जंघिका के उपांग पर स्थित अवतल चिकना स्थान, जिसके कोरों में उठे रोमों वाली झल्लरी होती है। यह संरचना पराग एकत्रित करने का कार्य करती है।
  • Core dna -- क्रोड डी.एन.ए.
क्रोड कण पर विद्यमान डी.एन.ए. के 146 क्षारक युग्म।
  • Cornea -- स्वच्छमंडल, कॉर्निया
कशेरुकियों में नेत्र गोलक की बाहरी परत का पुतली के सामने वाला पारदर्शी भाग, जिनमें आइरिस और लेन्स के बीच नेत्रोद भरा रहता है। अकशेरुकियों में संयुक्त नेत्र की प्रत्येक मुखिका (फेसेट) का बाहरी पारदर्शी भाग।
  • Cornicle -- कूणिका, तनुश्रृंगी
उदर के पश्च भाग में स्थित पृष्ठीय नलिकाकार प्रवर्ध युग्म। उदा.एफिड आदि।
  • Corpora allata -- गुच्छिका-सदृश
कायों का एक जोड़ा जिसका स्टोमोडियल तंत्रिका तंत्र के साथ निकट संबंध होता है। ये काय किशोर हार्मोन या निओटोनिन का स्रवण करते हैं, जो कीटों की वृद्धि एवं परिवर्धन का नियमन करते हैं।
  • Corpora cardiaca -- तांत्रिकोस्त्रावी पिंड, कॉर्पोरा कार्डिएका
तंत्रिका-हीमल अंग जहां मस्तिष्क हॉर्मोन संगृहीत और मोचित होता है। ये एक जोड़ी अंग मस्तिष्क के लगभग पीछे ग्रसिका पर स्थित होते हैं।
  • Corpora pedunculata -- कॉर्पोरा पीडैंकुलेटा, वृतक पिंड
कीट मस्तिष्क में कोशिकीय संहति जिसमें सहबंधक तंत्रिकोशिका होती है और जिसे ‘उच्च केंद्रों’ का स्थान समझा जाता है। यह अत्यधिक जटिल व्यवहार को नियंत्रित करता है। इन्हें खुंबी काय भी कहते हैं।
  • Corpus luteum -- पीत पिंड, कॉपर्स ल्यूटियम, हासित पुटक
कोशिकाओं का वह समूह, जो अंडोत्सर्जन के बाद अंड कक्ष में शेष रह जाता है।
  • Corpuscle -- कणिका
1.जीवद्रव्य-कोशिका, जो तरल अथवा ठोस आधात्री में पाई जाती है और अन्य कोशिकाओं के सीधे संपर्क में नहीं आती; जैसे रुधिर कणिका।
2. कई कोशिकाओं से बने पिंड; जैसे मैलपीगी काय।
  • Cortex -- वल्कुट, कॉर्टेक्स
कीसी अंग या संरचना का परिधीय भाग जो केंद्रीय भाग (मेडुला) से भिन्न होता है; जैसे मस्तिष्क, वृक्क, अधवृक्क ग्रंथि, आदि में।
  • Costa -- कॉस्टा
अनुदैर्घ्य पंख शिरा, जिससे सामान्यत: कीट पंख के अग्र कोर का निर्माण होता है।
  • Coutrship -- अनुरंजन
लैंगिक समागम से पहले प्राणियों में नर और मादा द्वारा एक दूसरे को आकृष्ट करने या रिझाने के उद्देश्य से की जाने वाली क्रियाएं या व्यवहार; जैसे विशेष प्रकार की मुद्राएं, ध्वनियां, उछल-कूद, आलिंगन आदि।
  • Coxa -- कक्षांग
कक्षपादांश (coxopodite) का दूरस्थ भाग। जब उपकक्षांग (subcoxa) से अलग रहता है तब प्रकार्यात्मक आधारीय खंड का कार्य करता है अथवा पाद का समीपस्थ खंड जो शरीर से कक्षांग प्रवर्ध द्वारा संधि बनाता है।
  • Coxal process -- कक्षांग प्रवर्ध
पार्श्वक सीवन के अधरीय छोर पर स्थित एक प्रवर्ध।
  • Coxopodite -- कक्षापादांश
उपांग का प्राथमिक आधार खंड।
  • Cranial nerve -- कपाल तंत्रिका
मस्तिष्क से निकलकर शरीर के विभिन्न भागों में जाने वाली युग्मित तंत्रिकाएं, जिनकी संख्या मछलियों ओर उभयचरो में दस तथा सरीसृपों, पक्षियों ओर स्तनियो मे बारह होती हैं। इनका क्रम इस प्रकार है: घ्राण, दक् अक्षिप्रेरक, चक्रक, त्रिशाखी, अपवर्तनी, आनन, श्रवण, जिह्वाग्रसनी, वेगस, मेरु अतिरिक्त और अधोजिह्व तंत्रिकाएं।
  • Cranium -- कपाल
करोटि या खोपड़ी का मुख्य भाग, जो मस्तिष्क को घेरे रहता है और उसे सुरक्षा प्रदान करता है।
  • Crepuscular -- संध्याचर, सांध्य
उन प्राणियों के लिए प्रयुक्त, जो शाम को सूरज डूबते समय या सबेरे सूरज निकलते समय सक्रिय हो जाते हैं ; जैसे कुछ शलभ।
  • Cretaceous period -- क्रिटेशस कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में मेसोजोइक महाकल्प का एक खंड, जिसमें जुरेसिक और टर्शियरी के बीच साढ़े बारह करोड़ से लेकर 6 करोड़ वर्ष पूर्व तक का समय आता है। सरीसृपों की प्रधानता और सर्वप्रथम स्तनियों का विकास इस कल्प की विशेषता है।
  • Crinoidea -- क्रिनॉडडिया
शूलचर्मियों के उपसंघ पेल्मेटोज़ोआ का एक वर्ग, जिन्हें सामान्य भाषा में समुद्री लिली कहते हैं और जिनमें एक वृंत से प्यालेनुमा रचना अधःस्तर से जुड़ी रहती है।
  • Crochet -- प्रांकुश
अंकुशी कटक जो शल्क पंखी (लेपिडोप्टेरा) डिंभक के अधर तल पर लगे होते हैं।
  • Crocodilia -- क्रोकोडीलिआ
सरीसृपों का एक गण, जिसमें मगर और घड़ियाल आते हैं। लंबे तुंड (थूथन) के सिरे पर नासारंध्र, लंबी कठोर तालु, श्रृंगीय अधिचर्मीय शल्क से ढका शरीर और चार कक्ष वाला हृदय इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Crop -- अन्नपुट, क्रॉप
कई प्राणियों, विशेषतः कीटों और पक्षियों की पक्षियों की आहारनाल में आमाशय से पहले स्थित ग्रसनी का फूला हुआ भाग, जहां से भोजन थोड़ी थोड़ी मात्रा मे प्रेषण तथा पाचन क्रिया के लिए आमाशय में जाता है।
  • Cross contamination -- पर-संदूषण
किसी एक पीड़कनाशी का संयोगवश दूसरे पीड़कनाशी के साथ मिल जाना।
  • Cross resistant -- पर-प्रतिरोधी
पीड़कों का ऐसा समुदाय जो किसी एक पीड़कनाशी के लिए प्रतिरोधी होने के साथ-साथ रासायनिक रीति से संबद्ध दूसरे पीड़कनाशियों के लिए भी प्रतिरोधी बन जाता है।
  • Cross -- 1. प्रसंकर 2. प्रसंकरण
एक ही वंश की भिन्न जातियों या एक ही जाति के दो आनुवंशिक रुपों के बीच प्रजनन से उत्पन्न प्राणी या प्रजनन की क्रियाविधि।
  • Crossing over -- विनिमय
अर्धसूत्रण के दौरान समजात गुणसूत्रों के बीच उनके खंडों की अदला-बदली द्वारा आनुवंशिक पदर्थ का आदान-प्रदान जिसके परिणामस्वरुप आनुवंशिक पुनर्योजन होता है। यदा-कदा समसूत्रण में भी विनिमय होता देखा गया है।
  • Cross-section -- अनुप्रस्थ काट
आड़ी काट।
  • Crustacea -- क्रस्टेशिया
आर्थ्रोपोड संघ के अधिकाशंतः जलीय प्रणियों का एक वर्ग जिसमे झींगा, चिंगट, केकड़ा, बार्नेकल आदि आते हैं। शिरोवक्ष की सुरक्षा के लिए बाह्य कंकाल का होना, दो जोड़ी श्रृगिकाएं, एक जोड़ी चिबुक (मैन्डिबल) और द्विशाखी पाद इनकी प्रमुख विशेषताएं हैं।
  • Cryobiosis -- निम्नतापजीविता जीव की वह अवस्था जिसमें पर्यावरण के तापमान मे अत्यधिक कमी हो जाने के कारण जीव की सक्रियता घट जाती है ।
  • Cryptic species -- गुप्त जाति आनुवंशिकत: और लैगिकत: भिन्न एसी जातिया जिन्हें आभासी आकारिकीय लक्षणों के आधार पर विभेदित नहीं जा सकता ।
  • Cryptobiosis -- गुप्तजीविता
जीव की वह अवस्था जिसमें वह निर्जीवव्त लगता है और जिसमें उसकी उपापचयी क्रिया का पता नहीं चलता।
  • Ctenidium -- कंकतक्लोम
कंघे के दांत-जैसे मजबूत शूकों की पंक्ति। उदा.-सोकोप्टेरा, साइफोनेप्टेरा।
  • Ctenophora -- टीनोफोरा
मुक्तप्लावी समुद्री प्राणियों का समूह जिसको प्रायः सलीन्टेरेटों का उपसंघ मानते हैं, किंतु आधुनिक विचार-धार के अनुसार वर्गीकरण पद्धति में इसे स्वतंत्र संघ समझा जाता है। दंश कोशिकाओं का अभाव, द्विअरीय सममिति, कंकतरुपी पट्टीयों पर स्थित पक्ष्माभों द्वारा संचलन और गोलाकार शरीर के एक सिरे पर मुख और दूसरे पर संवेदनांग, पक्ष्माभी कौम्ब-रिब की 8 रेखांशिक पंक्तियां इनके प्रमुख लक्षण हैं, उदा. समुद्रीकंक्त, कौम्बजेली।
  • Culture -- 1. संवर्धन 2. संवर्ध
1. जीवों, ऊतकों या कोशिकाओं का कृत्रिम रुप करके उनकी वृद्धि तथा गुणन करना।
2. संवर्धन द्वारा उत्पन्न जीव, ऊतक अथवा कोशिकाओं का समूह।
3. वह संवर्धन, जो कीट अथवा जीव के पालन की आधारभूत आवश्यकताएं पूरी करता है।
  • Cumulative pesticides -- संचयी पीड़कनाशी
ऐसे रसायन, जो प्राणियों के ऊतकों या पर्यावरण (मृदा,जल आदि) मे संचित हो जाते है ।
  • Cusp -- दंताग्र, शिताग्र
स्तनियों के चर्वणक दांत की काटने-पीसने वाली सतह पर बना नुकीला उभार।
  • Cutaneous respiration -- त्वक् श्वसन
श्वसन का ऐसा विशेष प्रकार, जिसमें अनेक जलीय कीटों का वायुमंडल से सीधा संपर्क न होने और उन कीटों में किसी बाह्य उपकरण या विशेष संरचनाओं के न होने के कारण, गैस का विनिमय शरीर-भित्ति से विसरण द्वारा होता है। उदाहरण- मिज डिंभक, कैडिश फ्लाई डिंभक,अंत: परजीवी आदि ।
  • Cuticle -- उपत्वचा, क्यूटिकल
मेटाजोओ के अधिकांश अकशेरुकी संघों में बाह्यत्वचा (एपीडर्मिस) के ऊपर निर्जीव पदार्थ का बाहरी रक्षात्मक स्तर। संधिपाद (आर्थ्रोपोडा) प्राणियों में यह विशेष रुप से विकसित होता है।
  • Cuticula -- क्यूटिकुला
देहभित्ति की बाहरी अकोशिक परतें।
  • Cuttle fish -- कटलफिश, सुफेनक
दस भुजाओं वाला समुद्री सेफेलोपॉड मोलस्क प्राणी, जिसमें कैल्सीभूत (कैल्शियमी) भीतरी कवच या समुद्रफेन होता है। इसका वैज्ञानिक नाम सीपिया है।
  • Cyclodiene -- साइक्लोडीन
वलयी संरचना वाले यौगिक। उदा. – एनडोसल्फॉन।
  • Cyclopoid larva -- साइक्लोपॉइड डिंभक
हाइमेनोप्टेरा गण के कुछ परजीवियों (परजीव्याभों) में मिलने वाला डिंभक, जिसकी आकृति क्रस्टेशिया के डिंभक नौप्लियस से मिलती है। इसमें फूला हुआ बड़ा शिरोवक्ष, हँसिया के समान बड़ा चिबुक और एक जोड़ी द्विशाखित पूंछ के समान विभिन्न आकार वाला उद्वर्ध होता है।
  • Cyclosis -- द्रव्यभ्रमण
कोशिका के भीतर जीव द्रव्य का परिसंचरण।
  • Cyclostomes -- चक्रमुखी
कपालीय कशेरुकियों का एक निम्नतम समूह जिसमें सर्पमीन (ईल) की आकृति वाले जलीय प्राणी आते हैं। जबड़ों का अभाव, गोल चूषण मुख का होना और हड्डी, शल्क तथा युग्मित पखों का अभाव इसके प्रमुख लक्षण हैं। दे. Agnatha एग्नेथा।
  • Cyst -- पुटी, सिस्ट
थैली या गुब्बारे जैसी मोटी रक्षात्मक संरचना। यह संरचना कई सूक्ष्मजीवों (प्रोटोजोआ) में और कुछ कृमियों (फीताकृमि) के डिंभकों की सुप्त अवस्था में पाई जाती है।
  • Cystocyte -- पुटीकोशिका, पुटी अणु
जनद नलिका में जनन कोशिकाओं को घेरे रखने वाली कोशिकाएं अथवा अंडाशय का पुटक कोशिकाएं तथा वृषण की पुटी कोशिकाएं।
  • Cystoidea -- सिस्टोइडिया
पेल्मेटोज़ोआ उपसंघ के बर्तन की आकृति के विलुप्त शूलचर्मियों का एक वर्ग, जिनका अस्तित्व ओर्डोविशियन से परमियन कल्प तक रहा।
  • Cytochemistry -- कोशिकारसायन
कोशिका विज्ञान तथा रसायन की वह संयुक्त शाखा जिसमें कोशिका के विभिन्न रासायनिक घटकों (मुख्यतः कार्बनिक यौगिकों) की गुणात्मक तथा मात्रात्मक पहचान तथा उनका स्थान निर्धारण किया जाता है।
  • Cytochrome -- साइटोक्रोम
हीमयुक्त प्रोटीन वर्णकों या लौह पोर्फिरिनों के वर्ग के सदस्य जो कोशिकीय श्वसन और प्रकाश संश्लेषण में इलेक्ट्रॉन वाहक का कार्य करते हैं।
  • Cytogenetics -- कोशिकानुवंशिकी
समसूत्रण (माइटोसिस) और अर्धसूत्रण (मीयोसिस) में गुणसूत्रों (क्रोमोसोम) की गतिविधियों का और इनके द्वारा आनुवंशिक लक्षणों की वंशागति पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन।
  • Cytokinesis -- कोशिकाभाजन
कोशिका विभाजन की अंतिम अवस्था जिस में कोशिका द्रव्य संतति कोशिकाओं में पृथ्क हो जाता है। प्राणि कोशिकाओं में यह प्रक्रिया मध्यवर्ती सूक्ष्मतंतुओं के वर्तुल संकुचन द्वारा तथा पादप कोशिकाओं में फ्रेग्मोप्लास्ट और कोशिका भित्ति निर्माण द्वारा संपन्न होती है।
  • Cytokinin -- साइटोकाइनिन
कोशिका-विभाजन का उद्दीपन करने वाले हार्मोन पदर्थों के समूह में से कोई एक।
  • Cytology -- कोशिकाविज्ञान
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें कोशिका की संरचना तथा उसके प्रकार्यों का अध्ययन किया जाता है। इसमें सूक्ष्मदर्शिकीय तकनीकों का विशेष रुप से उपयोग किया जाता है।
  • Cytolysis -- कोशिकालयन
कोशिका का विलयन जिसमें कोशिका झिल्ली के विदरित होने से कोशिका अंतर्वस्तु बिखर जाती है।
  • Cytoplasm -- कोशिकाद्रव्य
कोशिका झिल्ली के अन्दर तथा केंद्रक चारों ओर स्थित जीवद्रव्य।
  • Cytoplasmic inheritance -- कोशिकाद्रव्यी वंशागति
वंशानुगति की वह प्रक्रिया जिसमें सूत्रकणिका अथवा हरितलवक में अवस्थित जीनों का आगामी पीढ़ी में संचारण होता है।
  • Cytoplasmic membrane -- कोशिकाद्रव्य झिल्ली
दे.- plasma membrane
  • Cytoplast -- कोशिकाद्रव्यक
झिल्ली से परिबदध कोशिका द्रव्य, जिसमें केंद्रक नहीं होता।
  • Cytoskeleton -- कोशिकापंजर
सुकेंद्रकी कोशिका के कोशिका द्रव्य में प्रोटीन तंतुओं का जाल जो कोशिका-आकृति को बनाए रखने या कोशिका ओर इसके अंगकों को गति एवं संकुचनशीलता प्रदान करने में सहायक होता है।
  • Cytostome -- कोशिकामुख
वह रंध्र जिसके द्वारा पक्ष्माभी प्राणी भोजन ग्रहण करते हैं।
  • Cytozoic -- कोशिकाजीवी
कोशिका के भीतर रहने वाला;
जैसे स्पोरोज़ोआई पोषाणु (trophozoite)।
  • Dactylopodite -- अंगुलिपादांश
संधिपाद के सामान्यीकृत उपांग का अंतस्थ खंड।
  • Dactylozooid -- अंगुलिजावक
कॉलोनीय हाइड्रोजोअन प्राणियों में शिकार पकड़ने तथा सुरक्षा के लिए रुपांतरित लंबा छरहरा हाइड्राभ, जो स्पर्शकों अथवा छोटी घुंडियों वाला और बिना मुख वाला होता है।
  • Dactylus -- अंगुलिखंड
कीट के गुल्फ का भाग।
  • Dark field microscopy -- अदीप्त क्षेत्र सूश्र्मदर्शिकी
सूक्ष्मदर्शी परीक्षा का एक प्रकार जिसमें प्रतिदर्श (बिम्ब) की पृष्ठ/भूमि प्रकाशित नहीं होती; परंतु प्रकाश परावर्तन के कारण वह सुस्पष्ट दिखाई देता है।
  • Darwinism -- डार्विनवाद
चार्ल्स डार्विन (1809-1882) द्वारा प्रतिपादित जीवधारियों के विकास की प्रक्रिया से संबद्ध विवेचन, मत या सिद्धांत जिसके अनुसार प्राकृतिक वरण की प्रक्रिया के फलस्वरुप जीवन संघर्ष में वे ही जीव जीवित बने रहकर वंश वृद्धि कर पाते हैं जिनमें पर्यावरण से जूझने के लिए अनुकूलतम लक्षण होते हैं। ये लक्षण या विभिन्नताएं एक पीढ़ी सं दूसरी पीढ़ी में पहुंच जाती हैं और इन लक्षणों में पीढ़ी दर पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंच जाती हैं और इन लक्षणों में पीढ़ी दर पीढ़ी जमा होते रहने से अंततः नई स्पीशीज बन जाती हैं।
  • Daughter cell -- संतति कोशिका
जनक कोशिका, जनक निवह आदि से उत्पन्न उसी प्रकार के व्यष्टि।
  • Dayer’s law -- डायर नियम
ईल्लियों का सिर संपुटक ज्यामितीय श्रेढ़ी (geometrical progression) में बढ़ता है। प्रत्येक निर्मोक के बाद सिर चौड़ाई में ऐसे अनुपात(प्रायः 1:4) में बढ़ता है जो जाति-विशेष के लिये नियत होता है। कई कीटों में प्रत्येक निर्मोक के बाद होने वाली वृद्धि की दर से इस आनुभविक नियम (empirical rule) द्वारा पूर्व-सूचना मिल सकती है। किंतु इस नियम से इन्स्टारों की संख्या की पूर्व सूचना नहीं मिल सकती।
  • Dealation -- विंपखन, विपंखीभवन
पंखों का गिराना, जैसे निषेचन के बाद मादा चींटियों अथवा दीमकों द्वारा।
  • Decarboxylation -- विकार्बोक्सलन
किसी यौगिक से एक कार्बोक्सिल समूह के निष्कासन का प्रक्रम।
  • Deciduous -- पाती
ऐसी संरचनाओं के लिए प्रयुक्त, जो अपना कार्य कर चुकने के बाद शरीर से पृथक हो जाती हैं। उदा. ऐम्फीबिया के कैडूसीब्रैंकिएटा के क्लोम, पक्षियों के पर और स्तनियों में एक प्रकार का अपरा, श्रृंगाभ या ऐन्टलर, दूध के दांत आदि।
  • Decomposer -- अपघटक
वेपरपोषित जीव जो पोषण के लिए अपघटन द्वारा मृत कार्बनिक पदार्थ के भंजन से बने उत्पादों का अवशोषण कर लेते हैं। इन्हें मृतजीवी भी कहते हैं।
  • Decomposition -- अपघटन
मरे हुए जीवधारियों के शरीर या ऊतक का क्षय अथवा विभिन्न रासायनिक पदार्थों में टूट जाने की प्रक्रिया।
  • Decticous pupa -- सक्रियचिबुकक कोशित
एक आदिम प्रकार का कोशित, जो सदा अबद्ध होता है अर्थात् इसके उपांग शेष शरीर में जुड़े नहीं होते। इनका प्रयोग गमन के लिए किया जा सकता है। इनमें अपेक्षाकृत अधिक शक्तिशाली, कठकीकृत और संधित चिबुकांग होते हैं जो कोशितावरण को खोलने में काम आते हैं। इस प्रकार का कोशित अपेक्षाकृत अधिक आदि एन्डोप्टेरिगोटो (जैसे न्यूनोप्टेरा, मेकाप्टेरा, ट्रिकोप्टेरा) में पाया जाता है।
  • Defaunation -- विप्राणिजातन
जंतुओं का हनन (समाप्त कर देना), विशेष रुप से कीट के शरीर से सहजीवी प्रोटोज़ोआई प्राणिजात (fauna) का।
  • Definitive host -- अंत्य परपोषी
जैविक नियंत्रण की दृष्टि से ऐसा परपोषी जीव जिसमें परजीव्याभ या परजीवी अपने जीवन चक्र और लैंगिक परिपक्वता को पूर्ण कर लेता है।
  • Defoliator -- निष्पत्रक
ऐसे कीट जो पत्तियों या तनों के अंशों को चबाकर पौधों को अनावृत कर देते हैं। उदाहरण-पर्णभृंग, इल्लियां, कटुवा सूंडी, टिड्डा, पिस्सू भृंग आदि।
  • Degeneration -- अपहासन
किसी जीव के जीवनकाल में या विकास के दौरान शरीर के अंगों का आंशिक या पूर्ण लोप।
  • Degradability -- निम्नीकरणता
किसी रसायन की कम जटिल यौगिकों या तत्वों में अपघटित होने या टूट जाने की क्षमता।
  • Dehydrogenase -- डिहाइड्रोजनेज़
जैव रासायनिक अभिक्रिया में पाया जाने वाला वह एन्ज़ाइम, जो क्रियाधार से हाइड्रोजन हटाकर उसके ऑक्सीकरण को उत्प्रेरित करता है।
  • Deletion(deficiency) -- विलोपन
किसी बृहत् अणु अथवा गुणसूत्र में से क्रोमैटिन के कुछ अंश या डी.एन.ए. अणु के कुछ भाग का टूट कर अलग हो जाना।
  • Demospongia -- डीमोस्पंजिया
पोरीफेरा संघ का एक बड़ा वर्ग, जिसमें सिलिका या स्पंजिन से बनी चार अरीय या सुई-जैसी सरल कंटिकाएं होती हैं। अधिकांश वर्तमान स्पंज इसी वर्ग में आते हैं। उदा. यूस्पंजिया।
  • Dendrite -- द्रुमिका
किसी तंत्रिका कोशिका से निकला शाखारुपी कोशिकाद्रव्यी प्रक्षेप या तंतु, जो तंत्रिका आवेग को कोशिका काय की तरफ ले जाता है। यह अपने संपर्क में स्थित अन्य तंत्रिका कोशेका के तंत्रिकाक्ष (axon) से आवेग ग्रहण करता है।
  • Dendrogram -- द्रुमारेख, वंशवृक्ष
वंश-संबंधों की मात्रा को प्रदर्शित करने के लिए वृक्षाकार रेखाचित्र।
  • Density dependent factor -- सघनता निर्भर कारक
कीट-समष्टि की घनत्व-निर्भर मर्त्यता (mortality) को नियमित करने वाले जैव कारक जैसे इस प्रकार की मर्त्यता परपोषी-विशिष्ट जैव कारकों, रोगजनकों और अंतःर्जातीय स्पर्धा के कारण परपोषी के उच्च घनत्व के समय सबसे ज्यादा होती है। इस प्रकार के जैव कारक पीड़क की अधिक संख्या होने पर उसे कम कर देते हैं तथा पीड़क के घनत्व पर आश्रित होते हैं।
  • Density independent factors -- सघनता निरपेक्ष कारक
वे घनत्व-स्वतंत्र अजैविक कारक, जो पीड़क समष्टि में मर्त्यता पैदा करते हैं जिसका समष्टि के आकार या उसके घनत्व से संबंध नहीं होता। मौसम-परिवर्तन, अन्य प्राकृतिक आपदाएं या मानवीय कार्यकलाप, बड़े पैमाने पर होने वाले पर्यावरणीय रुपांतरण आदि अजीवीय कारक इस प्रकार की मर्त्यता का कारण बनते हैं।
  • Dental formula -- दंत सूत्र
स्तनियों में ऊपरी तथा निले जबड़ो के दांतों का संख्या बताने का विधि, जिससे विभिन्न प्रकार के दांतों की कुल संख्या का पता चल जाता है। कृंतक, रदनक, अग्रचर्वणक और चर्वणक दांतों को इसी क्रम में रखते हुए मानव में दोनों जबड़ो के एक तकफ के दांतों का विन्यास इस प्रकार लिखा जाता हैः 2123/2123
  • Dentary -- दंतिकास्थि
अधिकांश कशेरुकियों के निचले जबड़े में सामने स्थित एक युग्मित कलास्थि, जिसमें प्रायः दांत होते हैं। अस्थि-मीनों, सरीसृपों तथा पक्षियों के निचले जबड़े मे इसके अलावा और भी अस्थियां रहती हैं लेकिन स्तनियों के निचले जबड़े में यही एकमात्र अस्थि होती है।
  • Dentine -- डेन्टीन
दांतों का भीतरी भाग बनाने वाला काफी कठोर पदार्थ, जो बाहर से इनेमल नामक कठोरतर पदार्थ से ढका रहता है। यह त्वचा के चर्म (डर्मिस) स्तर से उत्पन्न होता है जबकि इनेमल अधिचर्म (एपिडर्मिस) से निकलता है।
  • Deoxyribonucleic acid -- डिऑक्सीराइबोन्यूक्लीक अम्ल
(दें- DNA)
  • Deposit -- निक्षेप
पीड़कनाशी की ऐसी मात्रा, जो अनुप्रयोग के फौरन बाद जम जाती है।
  • Depressor -- अवनमनी
1.अवनमन पेशीः शरीर की किसी रचना (जैसे निचले जबड़े) को नीचे की ओर गति देने वाली पेशी।
2. अवनमनी तंत्रिकाः शरीर के किसी अंग की सक्रियता को धीमा या कम कर देने वाली तंत्रिका; जैसे वेगस तंत्रिका की शाखा, हृद अवनमनी तंत्रिका जो हृदय की क्रिया को धीमा कर देती है।
  • Dermal toxicity -- चर्मीय आविषालुता
किसी भी बाह्य पदार्थ का अविच्छिन्न त्वचा के मार्ग से शरीर में घुस जाने के फलस्वरुप होने वाली विषाक्तता। अधिकतर पीड़कनाशी अविच्छिन्न त्वचा के जरिए पूरी तरह या कुछ सीमा तक शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। बहुत से पीड़कनाशी जब तक कुछ विशेष विलायकों में घुले हुए न हों, तब तक जल्दी से अवशोषित नहीं होते लेकिन अनेक पीड़कनाशी ऐसे हैं जो सभी प्रकार के संरुपों में अविच्छिन्न त्वचा से घुस जाते हैं। उदा.- ऑर्गनोफॉस्फेट पीड़कनाशी।
  • Dermaptera -- डर्माप्टेरा (चर्मपंखी गण)
प्ररुपी आदंशी मुखांग वाले लंबे काट जिनकी जीभिका (ligula) द्विपालिक (bilobed) होती है। अग्र पंख बहुत छोटे चर्मिल प्रवार (leathery tegmina) में रुपांतरित होते हैं जिनमें शिराएं नहीं होती। पश्चपंख अर्धधन्वाकार झिल्लीमय होते हैं जिनकी शिराएं अत्यधिक रुपांतरित और अरीयतः (radially) स्थित होती हैं।सामान्यतया अपंखी रुप पाए जाते हैं। गुल्फ त्रिखंडीय, लूम (cerci) असंधित और बहुत दृढ़ीकृत (sclerotize) चिमटियों में रुपांतरित होते हैं। अंडनिक्षेपक (ovipositor) लघुकृत या नहीं भी होता।कायांतरण थोड़ा या बिल्कुल नहीं होता। उदा.-कर्ण कीट (ईयरविग)।
  • Dermis -- चर्म, डर्मिस
कशेरुकियों की द्विस्तरीय त्वचा का भीतरी स्तर, जो मध्यजनस्तर (मेसोडर्म) से उत्पन्न होता है। इस भाग में रुधिर वाहिकाएं, योजी ऊतक और तंत्रिकाओं के सिरे, आदि होते हैं।
  • Description -- वर्णन
एक टैक्सॉन (वर्गक) की विशेषताओं का विवरण।
  • Determinant -- निर्धारक
कोशिकीय बृहत्-अणुओं के वे घटक या भाग जो विशेष प्रतिरक्षात्मक, परिवर्धनीय अथवा आनुवंशिक प्रकार्य करते हैं। प्रतिजन के इस भाग से प्रतिरक्षी अणु आबद्ध होते हैं।
  • Determinate embryology -- निर्धारी भ्रूणविज्ञान
भ्रूणविज्ञान का वह प्रकार, जिसमें प्रत्येक कोशिका का भविष्य पूर्वनिर्धारित होता है।
  • Deuterotoky -- अनिषेकोभजनन
अनुषेकजननीय अंडों से दोनों लिंगों का जनन।
  • Deutonymph -- द्वितीयार्भक
बरुथी (mite) का तीसरी इंस्टार (निर्मोक रुप)।
  • Deutoplasm -- पोषद्रव्य
कोशिकाद्रव्य में अंडे का पीतक अथवा पोषक पदार्थ।
  • Development -- परिवर्धन
जीवधारियों में वृद्धि के साथ-साथ विभेदन की प्रक्रिया। इसके द्वारा अंडे से भ्रूण और भ्रूण से वयस्क बनता है अथवा किसी अविभेदित भाग से विभेदित भाग बन जाता है। पहले को भ्रूणीय तथा दूसरे को अभ्रूणीय परिवर्धन कहते हैं।
  • Devonian period -- डिवोनी कल्प
पृथ्वी के कालक्रम में पेलियोजोइक महाकल्प का एक भाग, जिसमें सील्यूरियन तथा पर्मियन कल्पों के बीच 30 करोड़ वर्ष से लेकर 25 करोड़ वर्ष पूर्व तक का समय आता है। इस अवधि में सर्वप्रथम उभयचर एवं कीट प्रकट हुए।
  • Diagnosis -- निदान
किसी टैक्सॉन की पहचान के लिए उसकी विशिष्टताओं के आधार पर तकनीकी वर्णन।
  • Diagnostic index -- विभेद सूचक
किसी जाति-विशेष या जाति-समूह की वंशीय निकटता का परिणाम, जिसके द्वारा उनके विभेदक लक्षण अथवा गुणों के आधार पर उन्हें अलग-अलग पहचानना संभव होता है।
  • Diakinesis -- डाइकाइनेसिस
अर्धसूत्री विभाजन की पूर्वावस्था की अंतिम तथा पश्चावस्था-I की पूर्वगामी अवस्था जिसमें अधिकतम संघनन के फलस्वरुप युगली छोटे व मोटे हो जाते हैं तथा केंद्रक झिल्ली टूट जाती है।
  • Dialysis -- अपोहन
मिश्र विलयन में से छोटे अणुओं को बड़े अणुओं (जैसे, प्रोटीन) से अलग करने की एक विधि। ऐसा एक झिल्ली द्वारा किया जाता है जो छोटे अणुओं के लिए वरणात्मक रुप से पारगम्य होती है।
  • Diapause -- उपरति
वृद्धि का धीमा होना अथवा परिवर्धन में रुकावट।
  • Diaphragm -- तनुपट, डायक्रम, मध्यपट
कोई ऐसी संरचना जिसके द्वारा देहगुहा का उपविभाजन हो जाता है, विशेष रुप से वक्ष और उदर गुहा को अलग करने वाला पेशीय पट जिसके वक्ष गुहा की तरफ उभरने और चपटा होने से उच्छ्वसन और अंतःश्वसन में सहायता मिलती है।
  • Diastole -- अनुशिथिलन
हृदय की गुहाओं, विशेष रुप से निलय (वेन्ट्रिकल), का लयबद्ध फैलाव या विस्फारण जिसके दौरान वे रक्त से भर जाती हे।
  • Dicentric chromosome(=dicentric) -- द्विकेंद्री गुणसूत्र (द्विकेंद्री)
संरचनात्मक रुप से अपसामान्य गुणसूत्र जिसमें
दो सूत्रकेंद्र होते हैं।
  • Dicerous -- द्विश्रृंगी
दो श्रृंगिकाओं (antennae) वाला।
  • Dictyoptera -- डिक्टिओप्टेरा (जालपंखी गण)
निरपवादरुप से तंतुरुपी और बहुखंडीय श्रृंगिकाओं वाले कीट, जिनके मुखांग चिबुकी (mandibulate) होते है । टांगे एक दूसरे के समान अथवा अग्रपाद प्रसह (raptorial), कक्षांग बड़े; गुल्फ पंचखंडीय; अग्र- पंख लगभग मोटे प्रवार (tegmina) मे रूपांतरित ओर सीमांत कॉस्ट शिराओ वाले होते है।मादाओ क अंडनिक्षेपक लघूकृत ओर सातवें अधरक से छिपा रहता है।नर जननांग जटिल,असममितीय और नौवें उदरीय अधरक द्वारा छिपा हुआ होता है जिस पर एक जोड़ी शुक (stylet) होते है।लूम बहूखंडीय, विशिष्टीकृत घर्षणध्वनि अंग और श्रवण अंग नहीं होते, अंडे अंडकवच (ootheca) मे होते है। उदा. तिलचटट्टा (कॉकरोच) और मेटिंड
  • Dictyosome -- डिक्टयोसोम
पादप कोशिकाओं में कुंडिकाओं का वह चट्टा जो संबद्ध आशयों से मिलकर गॉल्जी संमिश्र बनाता है।
  • Diencephalon -- अग्रमस्तिष्कपश्च
कशेरुकियों में अग्रमस्तिष्क का पिचला भाग, जिसके पृष्ठतल पर पिनियल अंग और अधर तल पर पीयूष अंग स्थित होते हैं। यह प्रमस्तिष्क गोलार्ध तथा मध्य मस्तिष्क को जोड़ता है।
  • Differential staining -- विभेदी अभिरंजन
प्रक्रिया जिसमें सूक्ष्म जीवों और कोशिकाओं में भेद दर्शाने के लिये रंजक विलयों अथवा अभिरंजन अभिकर्मकों का क्रमबद्ध प्रयोग किया जाता है।
  • Differentiation -- विभेदन
परिवर्धन के दौरान समान लगने वाली कोशिकाओं या ऊतकों की विशिष्ट संरचनाओं में बदलने की प्रक्रिया, जिसके फलस्वरुप इन परिवर्तित संरचनाओं में रासायनिक और क्रियात्मक विशेषताएं उत्पन्न हो जाती हैं।
  • Diffuse placenta -- विसरित अपरा
अपरा का वह प्रकार जिसमें रसांकुर (villi) जरायु की सतह पर अलग-अलग फैले रहते हैं, जैसे सुअर, घोड़े आदी में।
  • Diffusion coefficient -- विसरण गुणांक
कोशिका झिल्ली के पार सूक्ष्म जैवाणु के विसरण की दर जो प्रति सेकंड प्रभावित क्षेत्र के हिसाब से मापी जाती है।
  • Diffusion -- विसरण
अणुओं और आयनों की वह गति जो उनके उच्चतर सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्नतर सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर होती है।
  • Digenetic -- द्विपोषी (द्वपरपोषी)
ऐसे जीव या परजीवी (के लिए प्रयुक्त) जो अपना जीवन-चक्र पूरा करने के लिए दो परपोषियों पर आश्रित होते हैं।
  • Digestion -- पाचन
प्राणियों की आहार-नाल अथवा आहार-गुहा या आंत्र में बाहर से ग्रहण किए गए जटिल खाद्य पदार्थों का एन्ज़ाइमों द्वारा ऐसे सरलतर विसरणशील पदार्थों में बदल जाना, जो अवशोषण द्वारा शरीर के तत्वों में मिल जाते हैं।
  • Digestive gland -- पाचक ग्रंथि
प्राणियों में भोजन को पचाने वाले एन्ज़ाइम-युक्त स्राव उत्पन्न करने वाली ग्रंथियां; जैसे लार ग्रंथियां, जठर ग्रंथियां, अग्न्याशय आदि।
  • Digestive system -- पाचक तंत्र
उन सभी संरचनाओं और संबद्ध ग्रंथियों का सामूहिक नाम, जो भोजन की पाचन-क्रिया में योगदान देती है ।
  • Digestive tract -- पाचन पथ
(दे. Alimentary canal)
  • Digit -- अंगुलि
अग्र या पश्च पाद में आगे निकली हुई संधित संरचना; जैसे हाथ और पैर के अंगुठे व अंगुलियां।
  • Digital formula -- अंगुलि-सूत्र
चतुष्पाद प्राणियों में हाथ या पैर की, अंगुष्ठ से प्रारंभ करके हर एक अंगुलि में, अंगुलास्थियों की संख्या बतलाने वाली विधि। उदाहरणर्थ, मानव के हाथ का अंगुलि सूत्र 2.3.3.3.3 है।
  • Digitigrade -- पादाग्रचारी, अंगुलिचारी
पैर के पिचले भाग या एड़ी को ऊपर उठाकर सिर्फ अंगुलियों के सिरे के सहारे चलने वाले प्राणी की संचलन विधि के लिए प्रयुक्त।
  • Dihaploid -- द्विअगुणित
ऐसा द्विगुणित जो अगुणित कोशिका, ऊतक या जीव के अगुणित गुणसूत्र के द्विगुणन से न बन कर चतुर्गुणित के अर्धन से व्युत्पन्न होता है।
  • Dikaryon -- द्विकेंद्रक
दो अगुणित विषम केंद्रकयुक्त कोशिका।
  • Dilator -- विस्फारिणी
ऐसी पेशी, जिसके संकुचन से कोई नलिकाकार संरचना अथवा छिद्र फैलता है।
  • Diluent -- तनुकारी
शत प्रतिशत शक्ति संपन्न आविषालु पदार्थ में मिलाया जाने वाला एक द्रव अथवा ठोस पदार्थ, जो उसकी उग्रता को करता है।
  • Dilution rate -- तनुता दर, तनुकरण दर
तनुकारी की वह मात्रा, जिसको पीड़कनाशी में मिलाए जाने पर वांछत सांद्रता प्राप्त होती है।
  • Dimorphism -- द्विरुपता
किसी प्राणी के दो रुपों में पाये जाने की दशा; जैसे सीलेन्टेरेटों में हाइड्राइड और मेड्यूसाभ रुप। अनेक प्राणियों में नर और मादा का दो भिन्न रुपों में होना यानी लैंगिक द्विरुपता।
  • Dinosaur -- डाइनोसॉर
विशालकाय विलुप्त सरीसृपों का सामूहिक नाम, जो ट्राएसिक तथा क्रिटेशस काल में पाए जाते थे। भारी भरकम शरीर, शल्कयुक्त त्वचा, लंब पाद, लंबी दुम तथा अपेक्षाकृत अल्पविकसित मस्तिष्क इनकी विशेषताएं थीं।
  • Dioecious -- पृथक्लिंगी
एक ही जाति में नर तथा मादा का पृथक्-पृथक् पाया जाना।
  • Diphyodont -- द्विवारदंती
ऐसे स्तनियों के लिए प्रयुक्त, जिनमें पाती दांत (दूध के दांत) एक बार गिर कर फिर से नए स्थायी दंत निकलते हैं।
  • Diploblastic -- द्विकोरकी
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त, जिनमें दो आद्य भ्रूणीय स्तर-बाह्यचर्म (एक्टोडर्म) और अंतश्चर्म (एन्डोडर्म) होते हैं। इनमें स्तर-बाह्यचर्म (एक्टोडर्म) और अंतश्चर्म (एन्डोडर्म) होते हैं। इनमें वास्तविक मध्यजनस्तर नहीं होता; जैसे सीलेन्टेरेट प्राणी।
  • Diploid number -- द्विगुणित संख्या, डिप्लॉइड संख्या
किसी जीव के युग्मक या नर तथा मादा जनन-कोशिकाओं में मौजूद गुणसूत्रों की दुगुनी संख्या का होना, जो किसी जीव-जाति का विशिष्ट लक्षण होता है। परिपक्व जनन कोशिकाओं को छोड़कर प्राणि-शरीर की सभी कोशिकाओं में गुणसूत्रों की द्विगुणित संख्या पाई जाती है; जैसे मानव में यह संख्या 46 है।
  • Diploid -- द्विगुणित
जिसमें दैहिक कोशिकाओं में गुणसूत्रों की प्ररुपी संख्या जनन कोशिकाओं के गुणसूत्रों की संख्या से दुगुनी होती है। जैसे मानव दैहिक कोशिकाओं की यह संख्या 46 होती है।
  • Diploidy -- द्विगुणिता
किसी प्राणी में कायिक कोशिकाओं के गुणसूत्रों की समान्य संख्या, जो युग्मकों अथवा जनन कोशिकाओं में पाई जाने वाली संख्या से दुगुनी होती है; जैसे मानव की कायिक कोशिकाओं में यह संख्या 46 और युग्मक में 23 होती है।
  • Diplotene(diplonema) -- द्विपट्ट अवस्था (अवस्था)
अर्धगुणसुत्रण की प्रथम पूर्वावस्था में स्थूलपट्ट के ठीक बाद की अवस्था, जिसमें युग्मित गुणसूत्र अनुदैर्घ्यतः अर्धसूत्रों में विभाजित होते दिखाई देते हैं। इस अवस्था में सूत्रकेंद्रों के प्रतिकर्षण से दोनों अर्धसूत्रों के बीच की दूरी बढ़ती जाती है; किऐज़्मा बनने लगते हैं और जीन विनिमय की क्रिया भी होती है।
  • Diplura -- डिप्ल्यूरा
अपंखी कीट, जिनके मुखांग अंतःसृत हनु (endognathus) वाले होते हैं। संयुक्त नेत्र और नेत्रक नहीं होते। उदर के अंत में युग्मित लूम होते हैं। अंतस्थ मध्य तंतुक (filament) नहीं होता। मैलपीगी नलिकाएं अवशेषांग के रुप में होती हैं अथवा नहीं भी होती। उदा.- केम्पोडिया और पेरीजेपिक्स जातियां।
  • Dipnoi -- डिप्नोई
अलवणजलीय शल्कयुक्त मछलियों का समूह, जिनमें वाताशय फुप्फुस का काम करता है और जिनमें अस्थिल कंकाल, बाह्य तथा आंतर नासा-छिद्र और केंद्रीय अस्थिल अक्ष वाले युग्मित पख होते हैं। इन्हें फुप्फुसमीन भी कहते हैं और इनकी केवल तीन जातियां पाई जाती हैः निओसेरेटोइस ( आस्ट्रेलिया) लेपिडोसाइरेन (द. अमेरिका) और प्रोटोप्टेरस (मध्य अफ्रीका)।
  • Diptera -- डिप्टेरा, द्विपंखी गण
एन्डोप्टेरीगोटा विभाग के कीटों का एक बड़ा गण, जिसमें अगले पंख झिल्लीदार तथा पिछले संतोलक के रुप में और मुखांग प्रधानतः चूषण प्रकार के होते हैं; जैसे मच्छर, मक्खी आदि।
  • Direct pest -- प्रत्यक्ष पीड़क
ऐसे पीड़क जो किसी पण्यवस्तु जैसे फल, सब्जी आदि को तात्कालिक एवं प्रत्यक्ष हानि पहुंचाता है, भले ही उसका समष्टि घनत्व कम हो।
  • Directed mutation -- दिष्ट उत्परिवर्तन
गुणसूत्री परिवर्तन जो विशिष्ट जीनों में कृत्रिम रुप से किए जाते हैं।
  • Disaccharide -- डाइसैकेराइड
दो सरल शर्कराओं के संघनन द्वारा बनी शर्करा। दोनों शर्कराओं के अणु समान अथवा भिन्न हो सकते हैं और वे ग्लाइकोसिडीय आबंध से जुड़े रहते हैं। प्राकृतिक रुप में पाए जाने वाले डाइसैकेराइडों के उदाहरण हैं – गन्ना शर्करा (सुक्रोस) और दुग्ध शर्करा (लेक्टोस)।
  • Discoid -- चक्रिकाभ
चक्रिका के आकार का।
  • Discoidal -- चक्रिकाभ
1. विदलन का एक प्रकार जिसमें कोरकचर्म (ब्लास्टोडर्म) एकस्तरीय बिंब के रुप में पीतक (योक) के ऊपर रहता है।
2. अपरा का एक प्रकार जिसमें अंकुर एक या अधिक बिंब-जैसे क्षेत्रों में ही स्थित होते हैं; जैसे मानव में।
  • Discontinuous variation -- असतत विभन्नता
किसी एक जाति में सामान्य जनकों की संतान में भिन्न लक्षणों का पाया जाना। यह घटना गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन या इसकी रासायनिक अथवा भौतिक संरचना में फेर-बदल होने के कारण होती है।
  • Disjunction -- वियोजन
समसूत्रण अथवा अर्धसूत्रण का पश्चावस्था में गुणसूत्र का दो सह अर्धसूत्रों में अलग-अलग हो जाना।
  • Dispersing agent -- परिक्षेपक
ऐसा पदार्थ जिसके द्वारा कणों के बीच संसंजी (cohesive) आकर्षक कम हो जाता है। इसके लिए क्लेदनीय चूर्ण (wettable powder) बनाते समय प्रकीर्णन और निलंबी कर्मक मिलाए जाते हैं, ताकि सक्रिय संघटकों का सुगमता से क्लेदन और निलंबन हो सके।
  • Distal -- दूरस्थ
शरीर के किसी अंग या भाग के आधार या मध्य रेखा से दूर वाले भाग या अंग के लिए प्रयुक्त; जैसे बाहु का अंगुलियों वाला सिरा, हृदय से दूर वाला भाग, मस्तिष्क से दूर स्थित तंत्रिकाएं आदि।
  • Distipharynx -- दूरग्रसनी
कुछ कीटों में अधि-ग्रसनी और अधोग्रसनी के मिलने से बनी छोटी नलिका।
  • Distribution -- वितरण
पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में अथवा विभिन्न भूवैज्ञानिक युगों में जीव जातियों का फैलाव। पहले को स्थानगत और दूसरे को कालगत वितरण कहते हैं।
  • Diurnal animal -- दिवाचर, दिवा प्राणी
वे प्राणी, जो दिन में ही सक्रिय होते हैं। विप. Nocturnal रात्रिचर।
  • Diurnal -- दिवाचर
दिन में सक्रिय
  • Divergence -- अपसरण
दो संबंधित डी.एन.ए. खंडों के न्यूक्लिओटाइड अनुक्रमों में अथवा दो प्रोटीनों के ऐमीनो अम्ल अनुक्रमों में प्रतिशत अंतर।
  • Divergent transcription -- अपसारी अनुलेखन
किसी मूल केंद्र की दोनों विपरीत दिशाओं में स्थित दो उन्नायकों से अनुलेखन का आरंभ होना, जिससे अनुलेखन दोनों दिशाओं में हो सके।
  • Diverticulum -- अंधवर्ध, डाइवार्टिकुलम
किसी वक्ष या नाल से निकलने वाली नली-जैसी संरचना, जिसका दूरस्थ सिरा बंद होता है। उदा.- कृमिरुप परिशेषिका (वर्मिफॉर्म एपेन्डिक्स)।
  • Diving air store -- निमज्जन वायु-संचयन
कुछ कीट जब तल सतह के नीचे डुबकी लगाते हैं, तब वे अपने साथ शरीर के किसी भाग से संलग्न वायु की एक परत या वायु का एक बुलबुला साथ ले जाते हैं। वाटर बोटमैन ( कैरिक्सिडी) और बैक-स्विमर्स (नोटोनैक्टिडी) के वयस्क और अर्भक दोनों ही के शरीर की अधर सतह पर स्थित रोमों में वायु की एक परत होती है।
  • Division of labour -- श्रम विभाजन
यह कीट समाजों के संगठन का मूल है और इसे उनकी पारिस्थितिक सफलता के मुख्य घटकों में एक समझा जाता है। इसे दो लक्षणों से स्पष्ट करते हैः
1. एक साथ विभिन्न क्रियाएं करना।
2. विशिष्टीकृत व्यष्टियो के समूहों द्वारा, जिन्हें उन व्यष्टियो से अधिक कुशल समझा जाता है जो विशिष्टीकृत नहीं है या दोनों के द्वारा नियत कार्य साथ-साथ करना।
  • Dizygotic -- द्वियुग्मजी, द्विअंडज
सामान्यतः एक समय में एक ही शिशु उत्पन्न करने वाले स्तनियों में अपवादस्वरुप एक साथ निषेचित होने वाले दो अंडों से उत्पन्न जुड़वा बच्चों के लिए प्रयुक्त।
  • D.N.A -- डी.एन.ए.
डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिओटाइडों की स्वतःप्रतिकृतिकारी बहुलक श्रृंखला, जो प्रायः द्विकुंडलित होती है और सभी जैव-कोशिकाओं और अनेक विषाणुओं में जीनों के रचक तत्व के रुप में आनुवंशिक सूचनाओं की संवाहक होती है।
  • Dna cloning -- डी.एन.ए. क्लोनन
विशेष पात्रे क्रियाविधि जिससे डी.एन.ए. के एक विशेष अनुक्रम (जीन) का भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है। इस क्रियाविधि में अनुक्रम को उपयुक्त क्लोनन संवाहक में निविष्ट किया जाता है। इससे जो पुनर्योगज (संकर) बनता है, उसे ऐसी कोशिका में प्रविष्ट किया जाता है जिसमें यह प्रतिकृति बना सके और अंत में कोशिकाओं के संवर्ध में वृद्धि की जा सके।
  • Dna coding -- डी.एन.ए. कूटन
डी.एन.ए. और आर.एन.ए. में न्यूक्लिओटाइडों का क्रमागत त्रिक जो ऐमीनो अम्लों के अनुक्रमों के संदर्भ मे प्रोटीनों की प्राथमिक संरचना निर्धारित करता है।
  • Dna replicase -- डी.एन.ए. रेप्लीकेज़
डी.एन.ए. प्रतिकृतीयन के लिए आवश्यक विशिष्ट एन्ज़ाइम सम्मिश्र।
  • Dna-ase -- डी.एनेज
वह एन्जाइम जो डी.एन.ए. के आंबधों पर आक्रमण कर उन्हें तोड़ देता है।
  • Dominance -- प्रभाविता
लक्षण प्ररुप के समयुग्मी तथा विषमयुग्मी दोनों प्रकार के जीवों में अभिव्यक्त होने की दशा। इसमें युग्मविकल्पी का जोड़ा पहली पीढ़ी (एफ-1) की सभी तथा दूसरी पीढ़ी (एफ-2) की 75% संततियों में प्रकट होता है।
  • Dominant (genes/traits) -- प्रभावी (जीन/विशेषक)
समयुग्मी तथा विषमयुग्मी-दोनों प्रकार के जीवों के लक्षण प्ररुपों में समान रुप से अभिव्यक्त जीन जो अपने विकल्पी की अभिव्यक्ति को दबा देती है।
  • Dominant character -- प्रभावी लक्षण
किसी विषमयुग्मजी जीव में दो वैकल्पिक लक्षणों या एलीलों में से प्रकट होने वाला एक लक्षण, जो दूसरे पर छा जाता है या उसकी अभिव्यक्ति नहीं होने देता; जैसे मानव में सामान्य रंग दृष्टि जो वर्णांधता पर प्रभावी होती है।
  • Dorsal aorta -- पृष्ठ महाधमनी
कशेरुकियों में धमनी चापों (मछलियों में क्लोम चापों) से निकलने वाली प्रमुख धमनी, जो कशेरुक-दंड के नीचे स्थित होती है। इसमें होकर, सिर तथा अग्र पादों को छोड़कर, रुधिर शरीर के शेष भागों में जाता है।
  • Dorsal ganglion -- पृष्ठीय गुच्छिका
तंत्रिका वलय के पश्च स्थित छोटी गुच्छिका, जिससे पृष्ठ तंत्रिका निकलती है।
  • Dorsal -- पृष्ठीय
कशेरुकियों में रीढ़ या कशेरुक दंड की तरफ, उसके पास या उसी पर स्थित (कोई संरचना)।
  • Dorsal pleural line -- पृष्ठ-पार्श्वक रेखा
शरीर के पृष्ठक और पार्श्व क्षेत्र के बीच विलगन की वह रेखा, जिसमें प्रायः वलन या खांच का चिह्न होता है।
  • Dorsum -- पृष्ठ
पार्श्व क्षेत्रों से ऊपर प्राणी की पूरी पीठ।
  • Double helix -- द्वि कुंडली
कुंडलिनी की तरह लिपटे डी.एन.ए के दो रज्जुक।
  • Drenching -- मज्जन
पीड़कनाशी से पूरी तरह भिगो देना-अर्थात् उससे मृदा, प्राणी अथवा पादप को संतृप्त करना अथवा नहला देना।
  • Drone -- पुंमधुप, पुंमक्षिका
नर मधुमक्खी, खासकर अनुषेचित अंडे से उत्पन्न बड़ा डंकहीन व्यष्टि जो मधु इकट्ठा करने में या मधुछत्ते की देखरेख करने में योगदान नहीं देता। किंतु आवश्यकता पड़ने पर रानी मक्षिका के लिए वीर्यसेचन करता है।
  • Ductless glass -- वाहिनीहीन ग्रंथि
दे.endocrine gland अंतःस्रावी ग्रंथि।
  • Ductus ejaculatorius -- स्खलन वाहिनी, डक्टस इजेकुलेटोरियस
1. नर जननांगों में बाहर की ओर खुलने वाली एक वाहिनी, जिसमें होकर शुक्र शरीर से बाहर निकलता है।
2. कई कशेरुकियों में शुक्रवाहक (वास डीफेरेन्स) का दूरस्थ भाग बनाने वाली मांसल पेशी, जो मैथुनांग के सिरे पर खुलती है।
  • Duodenum -- ग्रहणी
कशेरुकियों की आहार-नाल में आमाशय के ठीक बाद स्थित छोटी आंत का अग्रतम भाग, जिसमें अग्न्याशय वाहिनी और पित्त वाहिनी खुलती है।
  • Duplex dna -- द्विक डी.एन.ए.
कुंडलित आकार में पाया जाने वाला द्विरज्जुकित डी.एन.ए.।
  • Duplicate genes -- द्विक जीन
जीन जो प्रति संजीन एक से आधिक प्रति में पाई जाती हैं। ये अधिकांशतः सिर से पुच्छ अनुक्रम मे अनुबद्ध होते हैं।
  • Duramater -- दृढ़तानिका, ड्यूरामेटर
कशेरुकियों में मस्तिष्क तथा मेरु रज्जु के चारों तरफ स्थित मजबूत रेशेदार झिल्ली।
  • Dust -- प्रधूल, धूलि
पीड़कनाशी और कुछ अक्रिय पदार्थों का सूखा मिश्रण। वाहक के रुप में मटियार, टाल्क, ऐटापल्गाइट, अखरोट का कवच, कैल्सियम कार्बोनेट और इसी प्रकार के अन्य पदार्थों से इसका अनुप्रयोग सुगम बन जाता है।
  • Duster -- धूलित्र, प्रधूलक
वह उपकरण अथवा युक्ति जो, पीड़कनाशी धूल के सूक्ष्म कणों को लक्ष्म-सतह पर निर्देशित करती है।
  • Dyad -- द्वयक
अर्धसूत्री विभाजन में होने वाले प्रथम भाजन के परिणामस्वरुप उत्पन्न दो कोशिकाएँ।
  • Earthworm -- केंचुआ
ऐनेलिडा संघ के यूटाइफियस, फेरेटिमा आदि वंशों के प्राणियों का सामान्य नाम। इनका शरीर सिलिंडराकार, दोनों सिरों पर नोकीला, कई खंडों वाला, उपांगहीन तथा शूकयुक्त होता है।
  • Earwig -- कर्णकीट
डर्मोप्टेरा गण के सदस्यों का सामान्य नाम।
  • Ecdysis -- निर्मोकोत्सर्जन
समय -समय पर त्वचा की बाहरी स्तर या केंचुली (संधिपादों की उपत्वचा या सरीसृपों में बाहरी अधिचर्मी स्तर) को शरीर से उतार फेंकने की क्रिया; जैसे सांप, कीट और क्रस्टेशियाई प्राणियों में।
  • Ecdysone -- एक्डाइसोन
प्रत्येक निर्मोक या उपरति (diapause) की समाप्ति के बाद अग्र वक्षीय ग्रंथियों (prothoracic glands) द्वारा स्रावित कीट निर्मोचन हॉर्मोन, जो एक रसायन होता है और विभिन्न कायिक ऊतकों की वृद्धि, उनके परिवर्धन तथा अन्य शरीर रैखिक मापक। क्रियात्मक और आकृतिक परिवर्तनों को उद्दीपित करता है, ताकि निर्मोचन चक्र का सतत पुनरावर्तन होता रहे।
  • Echinodermata -- एकाइनोडर्मेटा
अकेशरुकी समुद्री प्राणियों का एक संघ। अरीय सममिति, त्वचा में कैल्शियमी पट्टियां या अस्थिकाएं, नाल-पद और जल-संवहनी तंत्र, इनके प्रमुख लक्षण हैं। उदा. तारामीन, समुद्री अर्चिन, समुद्री खीरा आदि।
  • Echolocation -- प्रतिध्वनि निर्धारण
चमगादड़ आदि प्राणियों में उच्च आवृत्ति ध्वनियों (पराश्रव्य ध्वनियों) के उपयोग से आस-पास की बाधाओं से बचते हुए अभिविन्यास करना। आस-पास की वस्तुओं से टकराकर ध्वनियों के वापस लौटने पर प्राणी को उन वस्तुओं की दिशा तथा सापेक्ष दूरी का अंदाज लग जाता है और वह बिना कहीं टकराए उड़ सकता है।
  • Eclipse -- तिरोभाव
जीवाणुभोजी (बैक्टीरियोफाज) के संक्रमण के बाद का वह समयांतराल जब परपोषी में पूर्ण प्रभोजी (विरियॉन) उपस्थित नहीं होते।
  • Ecological niche -- पारिस्थितिक निकेत
वह स्थान विशेष (प्राकृतिक परिवेश) जहां जीव अपने जीवीय संबंधों तथा भौतिक पर्यावरण में रहता है। यह पर्यावरण उसके विशिष्ट संरचनात्मक अनुकूलनों, शरीर-क्रियात्मक समायोजनों तथा विकसित व्यवहारपरक प्रतिरुपों से निर्धारित होता है।
  • Ecological succession -- पारिस्थितिक अनुक्रम
पारिस्थितिकीय निकेत में पहले से उपस्थित समष्टियों का दूसरी बेहतर अनुकूलित समष्टियों द्वारा प्रतिस्थापन।
  • Ecological tolerance -- पारिस्थितिकीय सह्यता
विभिन्न पर्यावरणीय कारकों जैसे-मौसम और खाद्य – की वे सीमाएं, जिनके भीतर जैव जाति जिंदा रह सकती है। ये सीमाएं भिन्न-भिन्न जातियों के लिए भिन्न-भिन्न होती हैं।
  • Ecology -- पारिस्थितिकी, परिस्थिविज्ञान
जीवविज्ञान की वह शाखा, जिसमें जीवधारियों के आपसी संबंध तथा पर्यावरण के साथ उनके भौतिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
  • Economic damage -- आर्थिक क्षति
हानि की वह मात्रा जिसको रोकने के लिए प्रयुक्त कृत्रिम नियंत्रण में आने वाली लागत उचित होती है।
  • Economic injury level -- आर्थिक क्षति स्तर
पीड़कों की समष्टि की न्यूनतम सघनता, जो आर्धिक हानि का कारण बनती है।
  • Economic threshold -- आर्थिक देहली
आर्थिक देहली हमेशा ही आर्थिक क्षति स्तर की अपेक्षा निम्न पीड़क सघनता को निरुपित करती है। इन नियंत्रण उपायों को इसलिए अपनाया जाता है ताकि पीड़कों की सघनता आर्थिक क्षति स्तर तक न पहुंचने पाए।
  • Ecosystem -- पारितंत्र, पारिस्थितिक तंत्र
पौधों तथा प्राणियों का जैव समुदाय और पानी, हवा, मिट्टी आदि के भौतिक पर्यावरणी कारकों के मिलने से बना तंत्र। संरचना तथा कार्य की दृष्टि से इसे पारिस्थितिकी की मूलभूत इकाई समझा जाता है। उदा. तालाब, वन, आदि।
  • Ectoderm -- बाह्यजनस्तर
प्राणियों के भ्रूण में तीन प्रथमिक कोशिका स्तरों में से सबसे बाहर की परत, जिससे अधिचर्म और तंत्रिका ऊतक बनते हैं।
  • Ectoparasite -- बाह्य परजीवी
वे कीट जो किसी प्राणी की बाहरी सतह पर परजीवी के रुप में रहते हैं। ये अधिकतर उत्तेजना या चोट पहुंचाते हैं अथवा रोगाणुओं का वहन करते हैं। उदा. पिस्सू, जूं, खटमल आदि।
  • Ectophallus -- बाह्य शिश्न
अंतः शिश्न से भिन्न बाहरी शिशन-भित्ति।
  • Ectoplasm -- बहिर्द्रव्य, एक्टोप्लाज्म
कुछ एककोशिक प्राणियों में कोशिका-झिल्ली के नीचे जीवद्रव्य की बाहरी कम मोटी परत,जो आंतरिक स्तर (अंतर्द्रव्य) की तुलना में कुछ-कुछ पतली, घनी तथा पारदर्शी होती है।
  • Ectotrachea -- बहिर्वातक, बाह्यश्वासनली
कीट की श्वासनली की बाहरी और की एपिथीलियमी परत।
  • Edaphic -- मृदीय
मिट्टी से संबंधित।
  • Edentata -- इडेन्टेटा
ऐसे अपरा स्तनियों का एक गण, जिनमें दांत कम या बिल्कुल ही नहीं होते। आधुनिक वर्गीकरण के अनुसार अब इसके स्थान पर तीन अलग-अलग गण (ऑर्डर) माने जाते हैं – जेनार्था जिसमें अमरीकी चींटीखोर आते हैं, ट्यबुली-डेन्टेटा जिसमें आर्डवर्क आते हैं और फोलिओडोटा जिसमें भारत का शल्की चींटीखोर (सल्लू सांप) आते हैं।
  • Eelworm -- सूत्रकृमि, ईलवर्म
विशेष रुप से भूमि वाले अथवा पादप परजीवियों के लिए प्रयुक्त सामान्य नाम।
  • Efferent -- अपवाही
1. ऐसी तंत्रिकाओं के लिए प्रयुक्त, जो आवेगों को मेरुरज्जु या मस्तिष्क से दूर ले जाती हैं।
2. ऐसी रुधिर वाहिकाओं के लिए प्रयुक्त, जिनके द्वारा रक्त किसी विशेष अंग से दूर जाता है।
  • Efficacy -- प्रभाविकता
किसी पीड़कनाशी की प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता।
  • Egestion -- बहिःक्षेपण
पाचन-तंत्र से बिना पचे हुए तथा अनुपयुक्त पदार्थों का बाहर निकल जाना।
  • Egg -- अंडा, अंड
यथार्थतः केवल मादा युग्मक या अंडाणुः किंतु आमतौर पर सरीसृपों तथा पक्षियों में एलब्यूमेन और बाहरी खोल समेत।
  • Egg batch -- अंडा घान
मादा कीट द्वारा लगभग एक ही समय में एकल रुप से या समूह में अंडे देना।
  • Egg chamber -- अंड कक्ष
अंडाशय की अंडनलिका का एक कक्ष या पुटक, जिसमें एक अंडक होता है। पुटक का निर्माण कोशिकाओं से होता है।
  • Egg guide -- अंड निर्देशक
जननांग-रंध्र के पीछे स्थित अवजनद (subgenital) पट्टीका का प्रवर्ध, जो ऐक्रिडिडी कुल में विकसित होता है।
  • Egg mass -- अंड संहति
जिलेटिनी आधात्री में अंदःस्थापित अंडे।
  • Egg sheet -- अंड आस्तर
कागज का टुकड़ा, गत्ता, पॉलिथीन या कोई अन्य कृत्रिम वस्तु, जिस पर कीट के अंड निक्षेपित किए जाते हैं।
  • Egg tube -- अंडनलिका
अंडाशयक का नलिकाकार भाग, जिसमें जनन कोशिकाएं, अंडक, धात्री कोशिकाएं और पुटक कोशिकाएं होती हैं।
  • Ejaculatory duct -- स्खालनीय वाहिनी
1. नर जनन तंत्र की मध्यवर्ती बाह्यचर्मी नलिका।
2. मैथुनांग में स्थित अयुग्मित नली या वाहिनी, जिससे होकर शुक्र निकलता है।
  • Elateriform larva -- इलेटरीरुप डिंभक
वायर-वर्म’ के आकार का भृंगक (grub) जो लंबा, पतला और कठकीय होता है और जिसके शरीर में छोटे-वक्षीय पाद और बहुत कम रोम होते हैं।
  • Electrophoresis -- वेद्युत् कण-संचलन
वह विद्युत् रासायनिक प्रक्रिया जिसमें विद्युत्-आवेश वाले निलंबित कण विद्युत् धारा के प्रभाव से विलयन में स्थानांतरित हो जाते हैं।
  • Elephantiasis -- श्लीपद, फीलपाँव
मानव का वह रोग, जिसमें वूचेरेरिया ब्रैन्क्राफ्टाई नामक परजीवी सूत्रकृमि के कारण पावों में अत्यधिक सूजन हो जाती है।
  • Elisa -- एलाइज़ा (एन्ज़ाइम सहलग्न प्रतिरक्षा शोषक आमापन)
प्रतिजनों या प्रतिरक्षियों के मापन की प्रक्रियाओं में से एक जिसमें विशेष इम्यूनोग्लबुलिन से सहबद्ध एन्ज़ाइम की मात्रा का आमापन किया जाता है।
  • Elytra(elytron) -- पक्षवर्म, प्रवर्म
ढाल-जैसी कोई संरचना; मुख्यत: भृंगों में अगले पंखों के रुपांतरित होने से बना हुआ श्रृंगीय आवरण या संरचना, जिसके नीचे झिल्लीमय पिछले पंख स्थित रहते हैं।
  • Embioptera -- एम्बीओप्टेरा (चेतनपंखी गण)
रेशम सुरंगों में रहने वाले यूथी (gregarious) कीट जिनके मुखांग आदंश के लिए अनुकूलित और जीभिका चार-पालिक होती है। गुल्फ त्रिखंडीय, अगले जोड़े का पहला खंड बहुत स्फीत (inflated), दोनों जोड़ी पंख एक जैसे और शिराएं कम सुस्पष्ट होती हैं। लूम द्विखंडीय और नर में प्रायः असममितीय (asymmetrial); मादाएं पंखहीन और डिंभक रुपी। नर में कायांतरण क्रमिक लेकिन मादा में नहीं होता। उदा. एम्बीया।
  • Emboly -- अंतरारोहण, एम्बोली
ब्लैस्टुला की भित्ति के अंतर्वलन यानी अंदर की ओर धंसने से गैस्ट्रुला की भीतरी परत (एन्डोडर्म) का निर्माण।
  • Embryo -- भ्रूण
अंडे या मातृ गर्भाशय से निकलने से पहले प्राणी की प्रारंभिक परिवर्धनशील अवस्था।
  • Embryogenesis -- भ्रूणोद्भव
अंडे से डिंभक की प्रथम अवस्था तक के निर्माण की प्रक्रिया।
  • Embryology -- भ्रूणविज्ञान, भ्रौणिकी
जीवविज्ञान की वह शाखा, जिसमें भ्रूण के बनने और उसके परिवर्धन की अवस्थाओं का अध्ययन होता है। इसमें युग्मनज या अंडे से लेकर स्फुटन या शिशु बनने तक की सभी अवस्थाओं का अध्ययन शामिल है।
  • Embryonated larva -- भ्रूणीकृत डिंभक
ऐसे अंडे जिनसे प्रथम अवस्था वाले डिंभक निकलते हों।
  • Emergence -- निर्गमन
वह अवस्था जिसमें वयस्क कीट कोशित आवरण अथवा अंतिम अर्भकीय त्वचा को छोड़ता है।
  • Empodium -- अंतरापादक, एम्पोडियम
मध्यवर्ती पालि या कंट-रुपी प्रवर्ध, जो कीटों में सामान्यतः नखराकुंचक (calcanea) पट्ट से गुल्फिकापूर्वी (pretarsus) नखर के आधारों के बीच अधरतः निकलता है।
  • Emulsifiable concentrate -- पायसीकरणीय सांद्र
ऐसा उत्पाद जो आविषकारी और पायसीकारक (emulsifying agent) के कार्बनिक विलायक (पानी में अघुलनशील) में घुलने से बनता है।
  • Enamel -- दंतवल्क, इनेमल
अधिचर्म से उत्पन्न दांत की ऊपरी कड़ी परत, जो दंतीन को ढकती है। यह शरीर का सबसे कड़ा पदार्थ है।
  • Encapsulation -- संपुटन
पीड़कनाशियों को संरुपित करने की एक विधि जिसमें उसका संरुपण विशेष पदार्थ (प्रायः पॉलिविनायल) से बने संपुट में रखा जाता है और जिसके फलस्वरुप पीड़कनाशी बहुत देर तक निकलता रहता है।
  • End cell -- अंत्य कोशिका
कोशिका जो आगे और परिपक्व होने में समर्थ नहीं होती लसीकाभ कोशिका श्रेणी की परिपक्व प्लैज़्मा कोशिका।
  • End chamber -- अंत्य कक्ष
कीट की जनद नलिका का अंडदाशय (germarium)।
  • Endemic -- विशेषक्षेत्री, स्थानिक
कीसी क्षेत्र, देश या प्रदेश तक ही सीमित रहने वाला; पारिस्थितिकी में ऐसी जीव जातियों के लिए प्रयुक्त, जो सब जगह न होकर केवल कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में ही पाई जाती हैं।
  • Endocrinology -- अंतःस्रावविज्ञान, अंत:स्रावविकी
जीवविज्ञान की वह शाखा, जिसमें हॉर्मोनों के स्रवण, प्रकृति, प्रभाव आदि का अध्ययन किया जाता है।
  • Endocuticle -- अंतःकयूटिकल
क्यूटिकल की भीतरी कोमल रपत।
  • Endocytosis -- अंतःकोशिकता
कोशिकाओं में होने वाली परिघटना जिसमें जीवद्रव्य-झिल्ली विभिन्न बाह्य पदार्थों को परिबद्ध करके आशय बनाती है और फिर उस आशय को उक्त पदार्थ सहित कोशिका के अंदर ग्रहण कर लेती है।
  • Endoderm -- अंतर्जनस्तर
भ्रूण के तीन प्राथमिक स्तरों में से सबसे भीतर स्तर, जिससे पाचन तथा श्वसन अंगों की उपकला (एपिथीलियम) बनती हैं।
  • Endodermal epithelium -- अंतःचर्मी उपकला
आंत्र की अवकाशिका को घेरे रहने वाला एकल कोशिकाओं का स्तर।
  • Endogenous -- अंतर्जात
उत्पदक संरचना के भीतर पैदा होने वाला।
  • Endomixis -- अंतःमिश्रण
कुछ कशाभी प्रोटोजोआ प्राणियों में समय-समय पर केंद्रक में होने वाला पुनर्गठन, जिसमें पुराने गुरुकेंद्रक के ह्रास के साथ-साथ लघुकेंद्रक के विभाजन एवं पुनर्विभेदन से नया गुरुकेंद्रक बन जाता है, जैसे पैरामिशियम में।
  • Endoparsite -- अंतःपरजीवी
वह परजीवी अथवा परजीव्याभ, जो परपोषी के अंदर रहता है।
  • Endophallus -- अंतःशिश्न
शिशन का आंतरिक कक्ष जो लिंगाग्रिका के सिरे पर अंतर्वलित होता है। इसमें स्खलनीय वाहिनीं का मुंह खुलता है। यह सामान्यतः पराक्षेप्य आश्य (eversible vesicle) या नलिका अथवा कभी-कभी स्थायी आंतरिक शिश्नीय संरचना भी होती है।
  • Endoplasm -- अंतर्द्रव्य
कोशिका के जीवद्रव्य का भीतरी कणिकामय भाग जो बहिर्द्रव्य की अपेक्षा अधिक तरल होता है और जिसमें मुख्य कोशिका अंगक (organalle) पाए जाते हैं।
  • Endoplasmic reticulum (er) -- अंतःद्रव्यी जालिका (ई.आर.)
सभी सुकेंद्रकी कोशिकाओं में पाया जाने वाला झिल्ली से परिबद्ध जीवद्रव्य प्रणालों, थैलियों आदि का वह तंत्र जो कोशिकीय अभिगमन से संबद्ध होता है। यह केंद्रक-आवरण की दो झिल्लियों के बीच की गुहा से सतत जुड़ा होता है। रुक्ष अंतःद्रव्यी जालिका की बाह्य सतह पर राइबोसोम संलग्न होते हैं, किंतु चिकनी अंतःद्रव्यी जालिका पर वे नहीं होते।
  • Endopodite -- अंतःपादांश
द्विशाखीय उपांग की मध्यवर्ती शाखा।
  • Endopterygota -- एन्डोप्टेरीगोटा अंतःपंखी
कीटों का एक प्रभाग, जिनमें पूर्ण कायांतरण होता है। इनमें पंख अंदर से परिवर्धित होते हैं और डिंभक प्रौढ़ों से भिन्न होते हैं।
  • Endopterygote -- अंतःपंखी
संपूर्ण कायांतरण वाले कीट, जिनके पंख आंतरिक तौर पर परिवर्धित होते हैं।
  • Endoskeleton -- अंतःकंकाल
प्राणियों के शरीर को साधने वाला भीतरी ढांचा; जैसे मानव की रीढ़, स्पंज की कंटिकाएं और कीटों की मस्तिष्कछदि (टेन्टोरियम)।
  • Endosome -- अंतःकाय
वह अंतःकोशिकीय आशय जो लयनकाय के साथ संलयित होकर द्वितीयक लयनकाय बनाता है।
  • Endostyle -- अधोग्रसनी खांच, एन्डोस्टाइल
ग्रसनी की अधर भित्ति में पक्ष्माभी ग्रंथिल खांच या गर्त, जो कुछ ट्यूनीकेटों तथा ऐम्फिओक्सस में और साइक्लोस्टोमेटा के डिंभकों में पाए जाते हैं। ये पक्ष्मभी अशन-क्रिया में योग देते हैं। इस संरचना को कशेरुकियों में अवटु (थायरॉइड) के समजात माना जाता है।
  • Endotheca -- अंतःप्रावरक
शिश्न प्रावरक की आंतरिक भित्ति।
  • Endothorax -- अंतर्वक्ष
क्रस्टेशियाई वक्ष का आंतरवर्ध (apodeme) तंत्र।
  • Endotoky -- अंर्तजनन
मादा शरीर के भीतर भ्रूणीय परिवर्धन।
  • Endotoxin -- अंतराविष
किसी ग्रैम-अग्राही जीवाणु की कोशिका भित्ति से व्युत्पन्न प्राणी विष, विशेषतः बाहरी झिल्ली का लिपिड ए भाग।
  • Endotrachea -- अंतःश्वासनली, अंतर्वातक
कीटों की श्वास-नलियों का सबसे भीतरी काइटिनमय आवरण।
  • Enhancement -- संवृद्धि
जैव नियंत्रण कार्यक्रम में प्राकृतिक शत्रुओं के आयुकाल एवं जनन में वृद्धि करने की विधियां।
  • Entomogenous -- कीटवर्धित
कीटों के शरीर के अंदर अथवा ऊपर वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीव।
  • Entomology -- कीटविज्ञान
प्राणिविज्ञान की वह शाखा, जिसमें कीटों की संरचना, शारीरिक क्रिया, परिवर्धन, वर्गीकरण, नियंत्रण आदि का अध्ययन होता है।
  • Entomopathogenic -- कीटरोगजनक
कीटों में रोग उत्पन्न करने में सक्षम जीव।
  • Entomophagous -- कीटभक्षी, कीटाहारी
कीटों अथवा उनके अंगों का उपभोग करने वाले प्राणी अथवा पादप।
  • Entomophagy -- कीटाहार
अन्य जीवों द्वारा कीटों का भक्षण।
  • Entomophilic -- कीट परगित
कीटों द्वारा परागित होने वाले पादप।
  • Entomopox virus -- कीटस्फोट विषाणु, कीट-पॉक्स विषाणु
कशेरुकियों के स्फोट-विषाणु से आकृतिक समानता रखने वाला कीट विषाणु।
  • Environment -- पर्यावरण
बाहरी और भीतरी सभी दशाओं (तापमान, प्रकाश, भूमि, हवा, पानी, पौधे, प्राणी) का पूर्ण योग, जो जीवों के अस्तित्व, वृद्धि, परिवर्धन, सक्रियता आदि पर प्रभाव डालता है।
  • Enzyme -- प्रकिण्व / एन्जाइम
जैव उत्प्रेरक प्रोटीन जो उपापचयी क्रियाधारों की सक्रियण ऊर्जा को कम करके इष्टतम तापमान एवं पी.एच. पर अभिक्रिया संपन्न करते हैं।
  • Ephemeroptera -- एफीमेरॉप्टेरा (अचिरपंखी गण)
मृदु-शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकाएं छोटी, शूकमय (setaceous), मुखांग आदंशी प्रकारके तथा अवशेषी होते हैं। पंख झिल्लीमय होते हैं जो विश्रामावस्था में ऊपर की ओर उठे रहते हैं। उदर के अंत में बहुत लंबे लूम होते हैं और प्रायः ऐसे कि पुच्छीय दीर्घण (caudal prolongation) होता है। अर्भक जलीय और लंबे लूम तथा मध्य पुच्छतंतुक वाले होते हैं। वातक क्लोम ( tracheal gill) होते हैं। उदा.मई मक्षियां (मे फ्लाई)।
  • Epiboly -- एपिबोली, अध्यारोहण
भ्रूणोद्भव (एम्ब्रियोजेनेसिस) मे एक कोरकखंड (ब्लास्टोमियर)का दूसरे के ऊपर फेल जाना, जिसके फलस्वरूप बाहरी परत बाह्यचर्म बन जाती है ओर भीतरी अंतश्चर्म तथा मध्यजनस्तर (मेसोडर्म) बनाती है ।
  • Epicranial suture -- अधिकपाल सीवन
कीट शिर के कपाल में अंग्रेजी के अक्षर Y के आकार की सीवन। इसमें शीर्ष की मध्य किरीटी सीवन और आनन क्षेत्र की अपसारी (divergent) ललाट सीवन सम्मिलित है।
  • Epicuticle -- अधिक्यूटिकल
चार स्तर वाले तंत्र के अंतर्गत क्यूटिकल का सबसे बाहरी स्तर (तीन स्तर वाले तंत्र के वल्कुट स्तर के समान)।
  • Epidermis -- अधिचर्म, बाह्यत्वचा
प्राणियों के शरीर में त्वचा की बाहरी रक्षात्मक परत, जो भ्रूण के बाह्यचर्म या अधिकोरक से बनती है ( तु. Hypodermis)।
  • Epididymis -- एपिडिडिमिस, अधिवृषण
शुक्रवाहक की लंबी कुंडलित नलिकाकार संरचना। उच्चतर कशेरुकियों में यह वृषण और शुक्रवाहक के बीच स्थित होती है। स्तनियों में इसके दो भाग हो जाते हैं – कैपुट (caput) और कॉडा (cauda)।
  • Epigenesis -- अनुजनन
एक धारणा जिसके अनुसार यह माना जाता है कि प्रत्येक पीढ़ी में भ्रूण का विकास पुनरुत्पत्ति सिद्धांत के विपरीत अविभेदित पदार्थ द्वारा नए सिरे से होता है।
  • Epimere -- एपीमियर
कीट के शिश्नाधार का पृष्ठ प्रवर्ध।
  • Epimeron -- पश्चपार्श्वक, एपीमिरॉन
कीटों में पार्श्वक (pleuron) का भाग, जो स्थिति में अग्रपार्श्वक (episternum) की तरह पश्च अथवा लगभग इतना ही आगे हो सकता है।
  • Epipharynx -- अधिग्रसनी
एक मध्यपालि जो कभी-कभी ऊर्ध्वोष्ठ या मुखपालि के पश्च (या अधर) पृष्ठ पर उपस्थित रहती है।
  • Epiphysis -- अधिप्रवर्ध, एपिफिसिस
1. कुछ हड्डियों के सिरे का भाग, जो अलग से अस्थिभवन होने के बाद मुख्य हड्डी से जुड़ जाता है; जैसे कशेरुकों तथा बाहु की हड्डीयों में।
2. कभी-कभी पिनियल काय के पर्याय के रुप में प्रयुक्त।
  • Episome -- अधिकाय
एक प्लैज़्मिड, जो स्वायत्त और स्वतः प्रतिकृतिकर अवस्था में रहता हो अथवा परपोषी के गुणसूत्रों में घुलमिल सकता हो।
  • Epistasis -- प्रबलता
एक प्रकार की जीन-अंतरक्रिया जिसमें एक जीन दूसरे अविकल्पी जीन (जीनों) के लक्षणप्ररुप की अभिव्यक्ति नहीं होने देता।
  • Epistomal suture -- अधिमुखक सीवन
अग्रमुखपालि सीवन, आनन (face) के आर-पार अवकपोल के अग्रसिरों को जोड़ने वाली खांच, जिससे अंदर की ओर एक मजबूत अधिमुखक कठक बन जाता है। यह कठक प्ररुपतः सीधा, परंतु ऊपर की ओर चापित, कभी-क्भी अनुपस्थित रहता है।
  • Epithelial cell -- उपकला-कोशिका
शरीर की बाह्य एवं आंतरिक सतहों के आवरण, ग्रंथियों और संवेदांगों के भागों का निर्माण करने वाली स्तराधानित कोशिकाएँ जिनकी आसन्न झिल्लियों के बीच बंधकाय होते हैं। इनका एक पृष्ठ मुक्त तथा दूसरा आधार झल्ली पर टिका हुआ रहता है।
  • Epithelium -- उपकला, एपिथीलियम
किसी अंग, नली, गुहा आदि की सतह को ढकने वाला कोशिकीय ऊतक। कोशिकाओं की आकृति या संरचना के अनुसार इनके कई प्रकार होते हैं; जैसे स्तंभाकार (कॉलम्नर), घनाभ (क्यूबाइडल), शल्की (स्क्वैमस) आदि।
  • Epizoic -- अधिजान्तव
प्राणी के शरीर पर रहने वाला अथवा उससे संलग्न रहने वाला।
  • Epizoon -- अधिजंतु
वह प्राणी जो दूसरे प्राणी की बाहरी सतह पर रहता है। दे. Ectoparasite।
  • Epoch -- युग
पृथ्वी के कालक्रम का सबसे छोटा भूविज्ञानीय खंड। कई युग मिलकर एक कल्प बनाते हैं और कई कल्प मिलकर एक महाकल्प। उदा. पेलियोसीन, इओसीन, ओलिगोसीन, मायोसीन तथा प्लायोसीन।
  • Equilibrium position -- संतुलन स्थिति
किसी कीट जाति का समष्टि घनत्व जो दीर्घकाल तक लगभग स्थिर बना रहकर माध्य स्तर के आस-पास घटे-बढ़े।
  • Era -- महाकल्प
पृथ्वी के कालक्रम का सबसे भूविज्ञानीय खंड, जिसमें कई कल्प होते हैं। पांच प्रमुख महाकल्प ये हैः प्राग्जैविक (एजोइक),कैम्ब्रियनपूर्व (प्रीकैम्ब्रयन), पुराजीवी (पेलियोजोइक), मध्यजीवी (मेसोजोइक)और नूतनजीवी (सीनोजोइक)।
  • Eradicant -- उन्मूलक
ऐसा रसायन, जिसका प्रयाग पीड़क को किसी पादप या पर्यावरण स्थल से दूर करने में किया जाता है।
  • Eradication -- उन्मूलन
किसी क्षेत्र से कीटों, खरपतवारों, रोगाणुओं या अन्य पीड़कों का पूर्णतः विलोपन।
  • Erythrocyte -- रक्ताणु
कशेरुकिओं में चपटी बिंब-जैसी गोल कोशिकायें, जो हीमोग्लोबिन वर्णक की उपस्थिति के कारण लाल होती है। हीमोग्लोबिन की सहायता से ये शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं और वहां से कार्बन डाइ-ऑक्साइड ले लेती हैं। केवल स्तनियों में ये केंद्रक विहीन होती हैं।
  • Erythropoiesis -- रक्ताणु-उत्पत्ति
अस्थि मज्जा में पूर्वगामी रक्ताभ कोशिकाओं का रक्ताणुओं में विभेदन।
  • Escape -- पलायन, बचाव
वह घटना, जिसमें सुग्राही पादप कीट के आक्रमण से बच जाता है।
  • Ethology -- स्वाभाविकी
प्राणियों के व्यवहार का अध्ययन; विशेषकर प्राकृतिक परिस्थितियों में प्राणियों के नैसर्गिक या सहज व्यवहार का अध्ययन।
  • Euchromatin -- यूक्रोमैटिन
क्रोमैटिन का असंघटित आनुवंशिकता-सक्रिय क्षेत्र।
  • Eucoiliform larva -- सुकुंडलित डिंभक
डिंभकों का ऐसा प्रकार, जिसमें तीन जोड़ी लंबे वक्षीय उपांग और पुच्छ के समान एक लंबा उद्वर्ध होता है। यह डिंभक डिप्टेरा कीटों का परजीवी होता है।
  • Eugenics -- सुजनिकी
वरणात्मक प्रजनन द्वारा मानवों के आनुवंशिक विशेषकों में सुधार लाने की विधियों का अध्ययन एवं तत्सम्बंधी सिद्धान्त।
  • Eugenics -- सुजननिकी, सुजननविज्ञान
आनुवंशिकी के आधार पर मानव की भावी पीढ़ियों को अधिक उन्नत बनाने की विधि या संकल्पना।
  • Eukaryote(s) -- सुकेंद्रकी
जीवों (पादपों और जंतुओं) का विशाल समूह जिनकी कोशिकाओं में झिल्ली से घिरा केंद्रक होता है।
  • Eukaryotic -- सुकेंद्रकी
ऐसी कोशिका जिसका केंद्रक एक केंद्रकीय झिल्ली द्वारा कोशिकाद्रव्य से अलग रहता है।
  • Eustachian tube -- यूस्टेकी नलिका
स्थलीय कशेरुकियों में छोटी-पतली युग्मित नली, जो कर्णपटह गुहा को ग्रसनी से जोड़ती है। इसका कार्य कर्णपटह -झिल्ली के भीतर और बाहर हवा के दबाव को बराबर रखना है।
  • Eutheria -- यूथीरिया
उच्चतर जरायुज स्तनियों का एक उपवर्ग। इनके शिशु काफी परिवर्धित अवस्था में जन्म लेते हैं और इनके भ्रूणों का पोषण अपरा द्वारा होता है। उदा. गाय, भेड़, वानर, मानव आदि।
  • Evolution -- विकास
जीवधारियों की उत्तरोत्तर (आनुक्रमिक) पीढ़ियों में होने वाला क्रमशः परिवर्तन, जिसके फलस्वरुप कालांतर में नए लक्षणों से युक्त जटिलतर जीव उत्पन्न होते रहते हैं। इसका प्रमुख आधार आनुवंशिक विभिन्नताएं हैं।
  • Evolutionary classification -- विकासीय वर्गीकरण
वर्गीकरण की वह पद्धति, जो जातिवृत्तीय (phylogenetic) शाखाओं और प्राणियों के वर्गकों के बीच विकासीय अपसरण (divergence) के परिमाण पर आधारित होती है।
  • Exarate adecticous pupa -- अबद्ध अक्रियचिबुक कोशित
ऐसा कोशित, जिसके उपांगों का शरीर के साथ किसी प्रकार का गौण संबंध नहीं होता। ऐसे कोशित साइफोनेप्टेरा, स्ट्रेप्सिप्टेरा और अधिकांश कोलिओप्टेरा तथा हाइमेनोप्टेरा आदि में पाए जाते हैं।
  • Excretion -- उत्सर्जन
कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों से उपापचय के परिणामस्वरुप अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त होने की विधि।
  • Excretory system -- उत्सर्जन तंत्र
उन सभी संरचनाओं और अंगों का समुच्चय जो शरीर से वर्ज्य पदार्थ को बाहर निकालने में योगदान करते हैं।
  • Excurrent -- बहिर्वाही
ऐसी वाहिनी या नलिका के लिए प्रयुक्त, जिसमें होकर कोई द्रव बाहर की ओर जाता है; जैसे स्पंजों में वे नलिकाएं जिनके द्वारा पानी स्पंज गुहा अथवा प्रास्य (ऑस्कुलम) की तरफ जाता है। तु incurrent अंतर्वाही।
  • Exergonic reaction -- ऊर्जाक्षेपी अभिक्रिया
ऊर्जा मोचन करने वाली अभिक्रिया। इसे ऋणात्मक रुप में व्यक्त किया जाता है।
  • Exoccipital -- पार्श्वअनुकपाल, एक्सऑक्सीपिटल
कशेरुकियों में महारंध्र के दोनों तरफ स्थित करोटि के पश्च भाग की हड्डी। स्तनियों में इन हड्डियों में कंद रुपी उभार होते हैं जो शीर्षधर (ऐटलस) कशेरुक के गर्त से लगे रहते हैं। इस तरह की संधि के द्वारा सिर को इधर-उधर घुमाया-फिराया जा सकता है।
  • Exocrine -- बहिःस्रावी
ऐसी ग्रंथियों के लिए प्रयुक्त जिनका स्राव वाहिनी में होकर जाता है। विप. endocrine अंतःस्रावी।
  • Exocuticle -- एक्सोक्यूटिकल
चार स्तर वाल तंत्र के अंतर्गत दूसरा क्यूटिकली स्तर।
  • Exocytosis -- बहिःकोशिकता
ऐसा प्रक्रम जिसमें झिल्ली से परिबद्ध आशय कोशिका-झिल्ली से समेकित होकर अंतः कोशिकीय पदार्थों को कोशिका से बाहर निकाल देते हैं।
  • Exogenous -- बहिर्जात
उत्पादक संरचना के बाहर पैदा होने वाला।
  • Exopodite -- बहिःपादांश
क्रस्टेशिया में दूर पादांश की बहिःपालि (शाखा खंड की बाहरी पालि), जो प्रायः अत्यधिक परिवर्धित होती है।
  • Exopterygota -- एक्सोप्टेरीगोटा
कीटों का एक प्रभाग, जिसके सदस्यों में साधारण अथवा अल्प कायांतरण होता है। इनमें पंख बाहर से परिवर्धित होते हैं और तरुण अवस्था में ये कीट अर्भक (nymph) कहलाते हैं जो प्रौढ़ों के समान होते हैं।
  • Exoskeleton -- बहिःकंकाल
शरीर की बाहरी सतह पर स्थित दृढ़ संरचनाएं जो अन्य अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है; जैसे आर्थ्रोपोडा की त्वचा पर मोटी क्यूटिकल, मोलस्कों में कवच, पक्षियों में पर, स्तनियों में बाल, खुर, नाखून आदि।
  • Exothermic process -- ऊष्माक्षेपी प्रक्रम
ऐसा प्रक्रम जिसके दौरान ऊर्जा ऊष्मा के रुप में बाहर निकलती है। तु. Endothermic process.
  • Exotic -- विदेशी
विदेश से प्रविष्ट हुई किसी जीव अथवा कीट की किस्म या जाति।
  • Expiration -- निःश्वसन
श्वसन-अंगों यानी फुप्फुस से वायु का बाहर निकलना।
  • Extensor muscle -- प्रसारिणी पेशी
शरीर के किसी अंग या भाग को फैलाने या तानने वाली पेशी। विप. Flexor आकोचनी।
  • Exteroceptor -- बाह्यग्राही, एक्स्टेरोसेप्टर
शरीर के बाहर के उद्दीपनों (प्रकाश, ध्वनि, गंध आदि) को ग्रहण करने वाली संवेदी संरचना।
  • Extracellular matrix -- कोशिकाबाह्य आघात्री
कुछ ऊतकों में कोशिकाओं को घेरे रहने वाले प्रोटीनों और ग्लाइकोप्रोटीनों की अकोशिकीय आधात्री। यह विस्तृत हो सकती है, जैसे उपास्थि और संयोजी ऊतक में, तथा कैल्सीभूत हो सकती है, जैसे अस्थि आदि में।
  • Extracellular -- कोशिकाबाह्य
कोशिका के बाहरर रहने का।
  • Extracellular digestion -- कोशिकाबाह्य पाचन
जीव में कोशिकाओं के बाहर आहार-नाल या उसी तरह की गुहा में होने वाली पाचन क्रिया। उदा.-स्पंज के अतिरिक्त सभी बहुकोशिक प्राणियों में पाचन।
  • Extrachromosomal dna -- ग्णसूत्रबाह्य डी.एन.ए(कोशिकाद्रव्यी डी.एन.ए.)
केंद्रक के अतिरिक्त कोशिका अंगकों अर्थात् सूत्रकणिका, हरितलवक आदि में पाया जाने वाला डी.एन.ए.।
  • Extrachromosomal genetic element -- गुणसूत्रबाह्य आनुवंशिक तत्व
गुणसूत्र के अतिरिक्त अन्य स्थलों पर के आनुवंशिक कारक जैसे प्लाज़्मिड जो जीवाणु कोशिका के कोशिकाद्रव्य में स्वतः प्रतिकृति बनाता है।
  • Extranuclear genes -- केंद्रकबाह्य जीन
केंद्रक के अतिरिक्त कोशिका अंगकों में पाए जाने वाले जीन।
  • Exuviae -- निर्मोक
निर्मोचन के दौरान अलग हुई त्वचा, क्यूटिकल, आदि।
  • Eye piece micrometer (ocular micrometer) -- नेत्रिका सूक्ष्ममापी
सूक्ष्मदर्शी की नेत्रिका में एक रेखिक मापक।
  • Eye spot -- दृक् बिंदु
कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों में प्रकाशग्राही वर्णक का एक छोटा स्थल या अंगक; जैसे यूग्लीना में।
  • F₂ (second filial generation) -- F₂,एक₂ (द्वितीय संतानीय पींढी)
F₁, एफ₁ जीवों के स्वनिषेचन अथवा उनके परस्पर प्रसंकरण से प्राप्त पीढ़ी।
  • Facet -- फलक
1. संधि के लिए चिकनी, चपटी या गोल सतह अथवा तल; जैसे हड्डी का संधि तल
2. संयुक्त नेत्र में स्वच्छमंडल (कॉर्निया) के सूक्ष्मखंड जो नेत्रांशक के बाहरी सिरे पर स्थित होते हैं।
  • Facial nerve -- आनन-तंत्रिका
कशेरुकियों में मेड्युला ऑब्लांगेटा से निकलने वाली सातवीं कपाल तंत्रिका, जिसकी शांखाएं चेहरे, मुख, तालु आदि अंगों में जाती हैं।
  • Facial -- आननी
चेहरे में स्थित या उससे संबद्ध किसी अंग या संरचना के लिए प्रयुक्त; जैसे आनन धमनी या तंत्रिका।
  • Facultative animal parasite -- विकल्पी प्राणि-परजीवी
प्राणि-परजीवी सूत्रकृमि जो प्राणि-परपोषी के बिना भी अपने जीवन-चक्र को बनाए रखता है।
  • Facultative meiotic parthenogenesis -- वैकल्पिक अर्धसूत्री अनिषेकजनन
जनन का वह प्रकार जिसमें द्वितीय ध्रुवीय केंद्रक तथा अंड प्राक्केंद्रक के संलयन से न्यूनीकृत अंडकों में द्विगुणित गुणसूत्रीय पूरक पुनः स्थापित हो जाता है।
  • Facultative plant parasite -- विकल्पी पादप परजीवी
ऐसी जीव-जातियाँ जो कुछ विशेष परिस्थितियों में पादपों या कवकों पर अशन तथा जनन करने की क्षमता रखती हैं।
  • Faculative -- विकल्पी, वैकल्पिक
विभिन्न परिस्थितियों में रह सकने तथा विषम स्थितियो मे अपने अनुकूलित करने की क्षमता वाला, विशेष रुप से ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त जो आमतौर पर स्वतंत्र रुप से रहते हैं किंतु परजीवी या अर्धपरजीवी जीवन भी व्यतीत कर सकते हैं ; जैसे कुछ सहजीवी अनॉक्सीजीवी आदि। विप, obligate अविकल्पी।
  • Fad (flavin adenine dinucleotide) -- एफ.ए.डी.(फ्लेविन ऐडेनीन डाइन्यूक्लिओटाइड)
उपचयी-अपचयी सह-एन्जाइम जो राइबोफ्लेविन फास्फेट के ऐडेनिलिक अम्ल के साथ संघनन होने से बनाता है।
  • Fallopian tube -- डिंबवाहिनी नली, फैलोपिअस-नलिका
स्तनियों में अंडवाहीनी, जिसका ऊपरी सिरा कीप-जैसा फैला होता है और निचला सिरा गर्भाशय में खुलता है। अंडाणु इसमें होकर अंडाशय से निकलकर गर्भाशय में जाता है। निषेचन की क्रिया इसी भाग में होती है।
  • Family -- कुल, फ़ैमिली
प्राणियों के वर्गीकरण में प्रयुक्त समूहवाची संकल्पना या इकाई, जो गण (ऑर्डर) का उपविभाग होती है जिसमें एक या अधिक वंश (जीनस) होते हैं। उदा. मानव का होमोनिडी कुल।
  • Fang -- विषंदत
विषग्रंथि से जुड़े लंबे नोकीले दांत, जो अन्य प्राणियों को काटने, शिकार पकड़ने या चीरने-फाड़ने के साथ-साथ उनके शरीर में विष पहुंचाते हैं; विशेष रुप से विषैले सांपों में ऊपरी जबड़े के लंबे, खोखले या खांचदार दांत।
  • Fat body -- वसा-पिंडक
1. उभचरों में वृक्क तथा वृषण के अग्र सिरे से जुड़े हुए पालियुक्त पीले पिंड, जिनमें वसा भरी रहती है। शीतकाल या शीतनिष्क्रिय अवस्था में इनसे प्राणी को पोषण मिलता है।
2. कीटों में वसा-ऊतक का पिंड, जो देहगुहा के अधिकांश भाग में फैला रहता है। वसा के अतिरिक्त इसमें प्रोटीन तथा ग्लाइकोजन भी होते हैं जिनका उपयोग शीतनिष्क्रिय अवस्था या भोजन की कमी के समय किया जाता है।
  • Fatty acid -- वसीय अम्ल
कार्बनिक एलिफैटिक अम्ल जिसमें प्रायः सीघी श्रृंखलाएँ और समसंख्यक कार्बन अणु होते हैं। ये वसाओं और तेलों में पाए जैते हैं।
  • Fauna -- प्राणिजात
किसी विशिष्ट काल, क्षेत्र या आवास में पाए जाने प्राणियों या प्राणि-जातियों का सामूहिक नाम; जैसे मीसोजोइक प्राणिजात, समुद्री प्राणिजात, हिमालयी प्राणिजात आदि।
  • Fc fragment -- एफसी.-क्रिस्टलनीय खंड (एफ. सी.खंड)
पपीते से प्राप्त प्रकिण्व द्वारा अपघटित इम्यूनोग्लोबुलिन अणु की दो भारी श्रृंखलाओं के अपरिवर्ती प्रक्षेत्र जो क्रिस्टलित किए जा सकते हैं। इस खंड में प्रतिजनों के लिए बंधन स्थल नहीं होते; किंतु इसके द्वारा कोशिका पर प्रतिरक्षी ग्राही को जोड़ने वाले पूरक प्रोटीन संलग्न होते हैं।
  • Feather -- पिच्छ, पर
पक्षियों के शरीर को बाहर से ढकने वाली अधिचर्मी संरचनाएं, जो पंखों की अधिकांश सतह को भी ढके रहती हैं।
  • Fecundity -- बहुप्रजता, जननक्षमता
बार-बार संतानोत्पत्ति अथवा निषेचन की क्षमता। यह शब्द सामान्यतया अंडों की संख्या के संदर्भ में प्रयोग होता है।
  • Feed-back inhibition -- पुनर्भरण संदमन
जैव संश्लेषण पथ के अंत्य उत्पाद द्वारा उसके प्रारंभिक प्रकिण्व का संदमन।
  • Feeding mechanism -- अशन क्रियाविधि
भोजन ग्रहण करने का ऐसा प्रक्रम, जिसमें खोजना, छेद करना, लार निकालना (लालास्रावण) तथा अंतर्ग्रहण शामिल है।
  • Femur -- ऊर्विका, फीमर
1. जांघ की हड्डी अथवा कशेरुकियों के पश्च पाद की समीपस्थ (proximal) हड्डी।
2. कीटों की टांगक में समीपस्थ सिरे से तीसरा खंड, जो शिखरक (ट्रोकेन्टर) और अंतर्जंघिका (टिबिया) के बीच स्थित होता है।
  • Fenestra -- गवाक्ष
किसी हड्डी या उपास्थि में स्थित या दो हड्डीयों के बीच का छिद्र; जैसे मघ्यकर्ण और कर्णावर्त (कॉक्लिआ) के बीच अंडाकार गवाक्ष (फेनेस्ट्रा ओवेलिस)।
  • Fermentation -- किण्वन
ऊर्जा उपलब्ध कराने वाली अवायवीय क्रिया। इसमें क्रियाधार के उत्पाद अंत्य इलेक्ट्रॉन-ग्राही के रुप में काम करते हैं। ये उत्पाद क्रियाधार का अपेक्षा न तो अधिक ऑक्सीकृत होते हैं और न उपचित। उदा. ऐल्कोहॉलीय पेय बनाने में अवायवीय दशा में यीस्ट द्वारा शर्करा का कार्बन ऑक्साइड और ईथेनोल के रुप में बदलना।
  • Fertilization -- निषेचन
लैंगिक रुप से विभेदित दो युग्मकों का संलयन जिसके फलस्वरुप युग्मज बनता है।
  • Fibrin -- फाइब्रिन
सफेद अघुलनशील तंतुमय प्रोटीन, जो थ्रॉम्बिन की क्रिया द्रारा फाइब्रेनोजेन से बनता है और स्कंदन के बाद रुधिर (थक्के) में पाया जाता है।
  • Fibula -- बहिर्जंघिका, फिबुला
चतुष्पाद कशेरुकियों में पश्चपाद के निचले भाग की दो हड्डीयों में से अक्षपश्चीय हड्डी। यह टिबिया की अपेक्षा पतली और उससे आंशिक या पूर्ण रुप से जुड़ी रहती है।
  • Filial generation -- संतानीय पीढ़ी, फीलियल जेनेरेशन
संकरण द्वारा प्रजनन की क्रिया में प्रारंभिक जनक पीढ़ी के बाद की पीढ़ियां, जिन्हें क्रमश: प्रथम संतानीय पीढ़ी, द्वितीय संतानीय पीढ़ी, आदि कहते हैं।
  • Filiform -- तंतुरुप
तंतु के समान संरचना।
  • Filopodium -- तंतुपाद
कुछ कोशिकाओं की सतह पर पाई जाने वाली लंबे-तंतु की शलाका जिसमें ऐक्टिन तंतु होते हैं।
  • Fin -- पख, वाज
जलीय कशेरुकियों, विशेषतः मछलियों में त्वचा के झिल्लीमय प्रवर्ध जो तैरने, दिशा-परिवर्तन करने या संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। इन युग्मित या अयुग्मित अंगों में कई कंकालीय संरचनाएं होती हैं जिन्हे अर (ray) कहते हैं।
  • Fishery (fisheries) -- मात्स्यिकी
मछली तथा कुछ अन्य उपयोगी जलीय जंतुओं को पालने पकड़ने का काम, प्रक्रिया या व्यवसाय।
  • Fission -- विखंडन
कोशिका के स्वतः विभाजन से नए प्राणी या नई कोशिकाओं का बनना, प्रोटोज़ोआ प्राणियों में जनन की यही सामान्य प्रक्रिया है।
  • Fixative -- स्थायीकर
जीवों के परिरक्षण और मरणोत्तर परिवर्तनों को रोकने के काम आने वाला रसायन।
  • Flagellata (mastigophora) -- फ्लेजेलेटा (मैस्टिगोफोरा)
प्रोटोज़ोआ संघ के ऐसे प्राणियों का एक वर्ग, जिनमें चलन अंगक के रुप में एक या कई कशाभ होते हैं।
  • Flame cell -- ज्वाला कोशिका
कई कृमियों के उत्सर्जन तंत्र में विशिष्ट कोशिकाएं, जिनके पक्ष्माभों (या कशाभों) द्वारा उत्पन्न गति से दीपक की लौ का आभास होता है।
  • Flatworm -- चपटाकृमि
बिना देहागुहा के, द्विपार्श्व सममिति वाले अकशेरुकी प्राणी, जिनमें जटिल उभयलिंगी जननांग होते हैं। इनके तीन वर्ग होते हैं – टर्बीलेरिया, ट्रिमैटोडा और सेस्टोडा। उदा. यकृत पर्णाभ (फैशिओला), फीताकृमि (टीनिया) आदि।
  • Flexor -- आकोचनी
उन पेशियों के लिए प्रयुक्त, जो किसी भुजा या पाद को शरीर की ओर मोड़ती हैं; जैसे भुजा की द्विशिरस्क पेशी (बाइसेप्स पेशी)।
  • Fly -- मक्खी, मक्षी
केवल एक जोड़ी पंख वाले डिप्टेरा गण के कीटों का सामान्य नाम। अग्र पारदर्शी पंख, स्पंजी मुखांग और संतोलक के रुप में पिछले रुपांतरित पंख इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Foetus -- गर्भ
स्तनियों के गर्भशय में भ्रूण की वह अवस्था, जब प्राणी के मुख्य लक्षण पहचाने जा सकते हैं।
  • Follicle cell -- पुटक कोशिका
अंडाशयी अंड नलिका की आंतरिक उपकला कोशिकाएं।
  • Follicle -- 1. गर्त, कूप 2. पुटक
1. पक्षियों, स्तनियों आदि की त्वचा में एक गर्त या गड्ढा, जिसके आधार पर सक्रिया कोशिकाओं का समूह या पैपिला होता है और जहां से रोम, पिच्छ आदि निकलते हैं।
2. स्तनधारियों के अंडाशय में कोशिकाओं का छोटा पुंज या समूह, जिसमें परिपक्व होता हुआ अंडाणु रहता है।
  • Fontanelle -- कलांतराल
किसी हड्डी या दो हड्डीयों के बीच झिल्ली से ढका रहने वाला छिद्र। उदा. मानव के नवजात शिशु के कपाल में ललाटिका (फ्रॉण्टल) और भित्तिकास्थि (पैराइटल) के बीच का छिद्र।
  • Food chain -- आहार श्रृंखला
किसी भी प्राकृतिक समुदाय में पाया जाने वाला जीवधारियों का क्रम, जिसके माध्यम से ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। पौधों से शुरु होने वाले इस क्रम में प्रत्येक जीव अपने से पहले वाले जीव पर भोजन या ऊर्जा के लिए निर्भर होता है।
  • Food vacuole -- खाद्यधानी
जीवद्रव्य में खाद्य कण के चारों ओर बना ओर बना तरलयुक्त अस्थायी अवकाश, जिसमें पाचन-क्रिया होती है; जैसे अमीबा में।
  • Food web -- खाद्य जाल
किसी पारितंत्र में परस्पर संयोजित विभिन्न समष्टियों को एक दूसरे के साथ जोड़ने वाली खाद्य श्रृंखलाओं के शाखन या संयोजन का एक कॉम्पलेक्स।
  • Foot -- पद, पाद
1.अकशेरुकियों में चलने, तैरने, या किसी स्थान पर लगने या चिपकने वाला अंग; जैसे क्रस्टेशिया के अनुबंध, मोलस्क प्राणियों के पाद।
2. कशेरुकियों में टांग का अंतिम भाग, जिस पर प्राणी खंड़ा होता है। मानव में गुल्फ के नीचे की सारी संरचना पाद कहलाती है।परन्तु अंगुलिचारी प्राणियों में पाद एक या अधिक अंगुलियों के अंग्रांत भाग से बनता है।
  • Foramen magnum -- महारंध्र
कशेरुकी करोटि के पिछले सिरे पर स्थित बड़ा छिद्र, जिससे होकर मेरुरज्जु निकलती है।
  • Foramen -- रंध्र, फोरामेन
छोटा छिद्र, विशेष रुप से काइटिनी, उपास्थिल या अस्थिल संरचना में। उदा. दृक् तंत्रिका रंध्र।
  • Fore limb -- अग्रपाद
चतुष्पादों की अगली टांग या बाहु, जिसका आदि रुप मछलियों में अंस पख (pectoral fin) है किंतु पक्षियों में जो पंख (पक्ष) में रुपांतरित हो गया है।
  • Forearm -- प्रकोष्ठ
प्राइमेट स्तनियों में बाहु या अग्रपाद का भाग, जो कोहनी और कलाई (मणिबंध) के बी च स्थित होता है।
  • Forebrain -- अग्रमस्तिष्क
मस्तिष्क के तीन मुख्य भागों में से अग्र भाग, जो कशेरुकियों में घ्राण पालि, प्रमस्तिष्क गोलार्ध और अग्रमस्तिष्कपश्च (डाइएनसेफैलॉन) से बनता है।
  • Foregut -- अग्रांत्र
(दे.mesenterom)
  • Forensic entomology -- विधि कीटविज्ञान
कीटविज्ञान की वह शाखा जिसमें कानूनी विषयों के लिए, विशेषकर न्यायालय में, कीटों और अन्य संधिपादों के अध्ययन का अनुप्रयोग होता है। विधि कीटविज्ञान की तीन श्रेणियों हैं : शहरी, संगृहीत उत्पाद और चिकित्सा-विधि।
  • Formulation -- 1. संरुपण 2. संरुप
वह पीड़कनाशी उत्पाद, जो सक्रिय संघटक, वाहक और अन्य योगजों के मिश्रण में बिक्री या उपयोग के लिए तैयार किया जाता है।
  • Fossorial legs -- खनन पाद
कुछ कीटों जैसे कि मोल-क्रिकेट (झींगुर) तथा कृंतकों जैसे कि छंछूदर आदि के कठकीकृत नखरयुक्त अग्रपाद, जो खोदने का कार्य करते हैं।
  • Free martin -- फ्री मार्टिन
गाय वर्ग के जुड़वाँ में ऐसी बंध्य मादा जिसकी अपरा गर्भाशय में ही नर वत्स की अपरा से जुड़ी होती है। इस संलयन के कारण नर भ्रूण का हार्मोन भ्रूण में पहुंच कर इसे प्रभावित कर देता है।
  • Frons -- फ्रॉन्स
ललाट सीवन और अधिमुखक-सीवन का मध्यवर्ती क्षेत्र या सीवनों के न होने पर उसके समतुल्य क्षेत्रों के बीच स्थित कपाल का आननी क्षेत्र, जिसमें मध्य नेत्रक होते हैं और जो ऊर्ध्वोष्ठ पेशियों के उत्पत्ति स्थल हैं।
  • Frontal bone -- ललाटिका
कशेरुकियों में मस्तिष्क के अग्रभाग को ढकने वाली चर्मीय अस्थि।
  • Frugivorous -- फलभक्षी
मुख्य रुप से फल खाने वाले प्राणियों के लिए प्रयुक्त; जैसे कुछ चमगादड़।
  • Fruit fly -- फलमक्खी
डिप्टेरा गण के कुलों-ट्राइपेटिडी और ड्रोसेफिलिडी के अंतर्गत आने वाली मक्खियां जिनके डिंभक फलों को ग्रस्त करते हैं।
  • Function -- प्रकार्य
जीव के किसी अंग या भाग का विशिष्ट काम या विशिष्ट क्रिया।
  • Fundatrices -- मूलप्रसू
एक शिशरातिजीवी (over wintering) निषेचित अंडे द्वारा प्राथमिक परपोषी पादप पर उत्पन्न जरायुज अनिषेकजननीय मादा ऐफिड।
  • Furca -- द्विशिख
शरीर के विविध भागों या अंगों में स्थित चिमटाकार अथवा द्विशाखीय संरचना। उदाहरण- पुच्छीद्विशिख, ओष्ठक द्विशिख आदि।
  • Fusiform -- तर्कुरुप, तकुआनुमा
तकुआ के समान संरचना, जो मध्यभाग से दोनों सिरों की ओर क्रमशः पतली होती है।
  • Fusion protein -- संलयन प्रोटीन
वह प्रोटीन जो परपोषी कोशिकाओं, विषाणु आवरण और परपोषी प्लैज़्मा झिल्ली के बीच संलयन को प्रेरित करती है।
  • Fusion -- संलयन
दो कोशिकाओं, अंगों अथवा हड्डीयों आदि का मिलकर एक हो जाना; जैसे नर और मादा कोशिकाओं या युग्मकों का समेकन, मेंढ़क में टिबिया फिबुला का जुड़कर एक हो जाना और पक्षियों में गुल्फ (टार्सस) तथआ प्रपद (मेटाटार्सस) का जुड़कर गुल्फ-प्रपदिका (टार्सोमेटाटार्सस) बन जाना।
  • Galea -- गैलिया
जंभिका की बाहरी एन्डाइट पालि, जिसमें स्टाइपीज से निकलने वाली मांसपेशी भी है।
  • Gall -- पिटिका
वरुथियों (mites), कीटों, जीवाणुओं, सूत्रकृमियों, विषाणुओं, कवकों या रसायनों द्वारा उत्पन्न पादप ऊतक में वृद्धि या पिंजक (lump) या सूजन। अनेक मिज मक्खियां पिटिका उत्पन्न करती हैं।
  • Game -- आखेट
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त, जिनको शिकारी शौक के लिए पकड़ने या मारने की कोशिश करते हैं।
  • Gamete -- युग्मक
अगुणित गुणसूत्र संख्या वाली परिपक्व प्रजनन कोशिका जो अपने समान किंतु विपरीत लिंग वाली अन्य कोशिका के साथ संलयित होकर युग्मज बनाती है जैसे, अंडाणु तथा शुक्राणु आदि।
  • Gametocyte -- युग्मकजनक
युग्मक उत्पन्न करने वाली कोशिक़ा।
  • Gametophyte -- युग्मकोद्भिद्
पौधों में पीढ़ी-एकान्तरण में अगुणित युग्मक बनाने वाली प्रावस्था।
  • Gamma taxonomy -- गामा वर्गिकी
टैक्सा के विभिन्न जैव पक्षों से संबंधित वर्गिकी का वह स्तर, जिसके अंतर्गत अंतराजातीय समष्टि से लेकर जाति-उद्भवन तक की विकासात्मक दरों तथा प्रवृत्तियों का अध्ययन किया जाता है।
  • Gammaglobulin -- गामा ग्लोबुलिन
सिस-ग्लोबुलिन का एक प्रभाग जिसमें प्रतिपिंड अधिक संख्या में होते हैं।
  • Ganglion -- गुच्छिका, गैंग्लिऑन
तंत्रिका केंद्र अर्थात् तंत्रिकीय कोशिका पिंडों का सघन पुंज, जिससे तंत्रिका-रेशे निकलते हैं।
  • Gap -- अंतराल
द्विक डी.एन.ए. की एक लड़ में एक या अधिक न्यूक्लीओटाइडों का न होना।
  • Gastrodermis -- जठरचर्म, गैस्ट्रोर्मिस
आंत्रगुहा का आस्तर बनाने वाला ऊतक, जो पाचन तथा अवशोषण संबंधी कार्य करता है।
  • Gastropoda -- गैस्ट्रोपोडा
असममित मोलस्क प्राणियों का एक वर्ग जिसमें शंख, घोंघा, स्लग आदि आते हैं। सुपरिवर्धित सिर में आंखें तथा स्पर्शक, चपटा पाद, अविभाजित प्रावार और पूरे शरीर को घेरने वाला एक-कपाटीय कवच इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Gastrula -- गैस्ट्रुला, कंदुक
भ्रूण के परिवर्धन में द्विभित्तीय संरचना, जो प्रायः ब्लैस्टुला (कोरक) के अंतर्वलन से बनती है और इसमें तीन प्राथमिक जनन स्तर (बाह्य जननस्तर, मध्यजनस्तर और अंतर्जनस्तर) स्पष्ट हो जाते हैं। यह ब्लैस्टुला और न्यूरुला के बीच की अवस्था है और इसमें आद्यांगिक आंत्र तो बन जाती है किंतु और कोई तंत्र नहीं होता।
  • Gastrulation -- गैस्ट्रुलाभवन, कंदुकन
भ्रूण के परिवर्धन में कोरक (ब्लैस्टुला) से कंदुक का बनना।
  • Gelatinous matrix -- श्लेषी आधात्री
सूत्रकृमियों की कुछ मादाओं दृवारा स्रावित श्लेष्मक पदार्थ, जिसमें वे अंडे देती हैं।
  • Gemmule -- जेम्यूल, मुकुलक
कुछ स्पंजों के शरीर में बनने वाले अलैंगिक, प्रतिरोधी जनन पिंड। इनमें संरक्षी आवरण के भीतर अविभेदित कोशिकाओं का एक समूह होता है जो जनक से पृथक् होने या उसके नष्ट होने पर नया स्पंज बनाता है; जैसे स्पंजिला में।
  • Genae -- कपोल
सामान्यतः नेत्रों के पीछे तथा निचले क्षेत्र अर्थात् भित्तिकास्थियों के पार्श्व भाग।
  • Gene bank(gene library) -- जीन बैंक (जीन संग्रह)
किसी जीव के डी.एन.ए. को विविक्त/पृथक् प्रतिबंधन एन्जाइम जनित खंड़ों के रुप में हजारों विभिन्न प्लैस्मिड, लैम्डा अथवा कॉस्मिड संवाहकों (वेक्टरों) में निवेशित करके बनाया गया बैंक। अधिकांश संग्रह ई. कोलाई परपोषी में बनाए और संचित किए जाते हैं।
  • Gene cloning -- जीन क्लोनन
किसी जीव के संजीन से व्यष्टि जीन अनुक्रम को अलग करने तथा उन्हें किसी सूक्ष्म जीव के प्लैज्मिड में निवेशित करके उनकी संख्या बढाने की तकनीक जिससे उनकी संख्या पुनर्योजी डी.एन.ए. में असाधारण रुप से बढ़ सके।
  • Gene family -- जीन कुल
संबंधित एक्सॉन(प्रखंड) वाले जीनों का वह समुच्चय जिसके सदस्य किसी पूर्वज जीन के द्विगुणन और विभेदन के फलस्वरुप उत्पन्न हुए हों।
  • Gene flow -- जीन प्रवाह
किसी समष्टि में अंतःप्रजनन द्वारा जीनों का व्यापक वितरण, जिसके फलस्वरुप उत्परिवर्ती (म्यूटेन्ट) जीन या तो स्थापित हो जाता है या फिर लुप्त हो जाता है।
  • Gene for gene hypothesis -- जीन-प्रति जीन परिकल्पना
परपोषी में प्रतिरोधी जीन(आर.जीन) और परजीवी में उग्रजीन(वी.जीन) के बीच तालमेल बैठाने की संकल्पना।
  • Gene frequency -- जीन आवृत्ति
किसी समष्टि (population) में किसी एक जीन का उसके सभी विकल्पी जीनों की तुलना में अनुपात ।
  • Gene gun -- जीन गन
वह साधन जिसके द्वारा आनुवंशिक पदार्थ को सूक्ष्म प्रक्षेपकों पर आरोपित करके कोशिकाओं में प्रवेश कराया जाता है।
  • Gene library -- जीन संग्रह
उन क्लोनित डी.एन.ए. खंडों का संचय जो एकल संजीन के सभी अनुक्रमों का निरुपण करते हैं।
  • Gene mapping -- जीन मानचित्रण
विशेष गुणसूत्रों और गुणसूत्र प्रक्षेत्रों पर विशिष्ट जीनों का सापेक्ष स्थान निर्धारण करने की विधि। इसमें सहलग्नी विश्लेषण, कायिक कोशिका संकरण और स्वस्थाने संकरण आदि शामिल हैं।
  • Gene mutation -- जीन उत्परिवर्तन
जीन की अणु संरचना में पुनर्गठन के कारण होने वाला सहसा परिवर्तन।
  • Gene -- जीन
आनुवंशिक इकाई अथवा डी.एन.ए. का वह खंड जो पॉलिपेप्टाइड का कूटन करता है।
  • Genetic code -- आनुवंशिक कूट
तिहरे क्षारक अनुक्रम में लिखी डी.एन.ए. की भाषा जिसे एम आर.एन.ए में लिप्यंतरित कर पढ़ा जा सकता है तथा स्थानांतरण के दौरान निर्मित पॉलीपेप्टाइडों के रुप में व्यक्त किया जाता है।
  • Genetic control -- आनुवंशिक नियंत्रण
पीड़क नियंत्रण की एक विधि, जिसमें लक्ष्य जाति के गुणसूत्री विपथन या अन्य आनुवंशिकी अपसामान्यताओं वाले सामान्य मैथुनक्षम चुने हुए प्रभेदों (strains) का उपयोग किया जाता है। ये प्रभेद लक्ष्म समष्टि में मोचित किए जाने पर, वन्य(प्रसामान्य) कीटों के साथ मैथुन करके बंध्य या अल्प जीवनक्षम संतति पैदा करते हैं।
  • Genetic drift -- आनुवंशिक विचलन
परिमित समष्टि में प्रतिचयन त्रुटि के कारण जीन आवृत्ति में परिवर्तन जिसके परिणामस्वरुप युग्म विकल्पियों का अपहरण होता है।
  • Genetic engineering -- आनुवंशिक अभियांत्रिकी
जीनों के नए संयोजनों अथवा अनुक्रमों की रचना के उद्देश्य से किया जाने वाले हेर-फेर, जो डी.एन.ए. अणुओं में किये जाते हैं।
  • Genetic map -- आनुवंशिक चित्रण
गुणसूत्र में स्थित जीनों के रैखिक विन्यास का आलेखी चित्रण।
  • Genetic -- 1. आनुवंशिक 2. जीनीय
1. आनुवंशिकी का अथवा उससे संबद्ध।
2. जीन का, उससे उत्पन्न अथवा उससे संबद्ध।
  • Genetic recombination -- आनुवंशिक पुनर्योजन
लैंगिक जनन करने वाले जीवों में ऐसा प्रक्रम जिसमें युग्मक-निर्माण के दैरान अर्धसूत्रण में विनिमय तथा गुणसूत्र युग्मन द्वारा समजात गुणसूत्रों के बीच डी.एन.ए. का परस्पर विनिमय होता है। इससे बनने वाले युग्मकों में एक ही गुणसूत्र पर नर और मादा दोनों की जीन होती हैं।
  • Genetics -- आनुवंशिक विज्ञान, आनुवंशिकी
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों की वंशागति और विभिन्नता का अध्ययन किया जाता है।
  • Genital chamber -- जनन-कक्ष
नवें और दसवें उदरीय खंडों के बीच विध्यमान कंजेक्टिवीय झिल्ली का अधरीय अंतर्वलन जिसमें शिशनीय अंग रहते हैं। मादा में, आठवीं उदरीय उरोस्थि (स्टर्नम) के पीछे या ऊपर मैथुनी अंतर्वलन गुहिका होती है जिसमें जननांग-रंध्र और शुक्रवाहिका का छिद्र होता है।इसके संकरा होने से कभी-कभी योनि थैलीनुमा या नलिकाकार हो जाती है ।
  • Genital papillae -- जनन-पिप्पल
नर के पुच्छ पर स्थित संवेदी अंग जो मैथुन के काम में लाए जाते हैं।
  • Genital ridge -- जननांग-कटक
भ्रूणीय जनद आद्यांगों में से एक कठकं मध्यजनस्तरीय भित्ति में बने स्प्लैंक्नोप्लूर कठक जैसे उभार, जिसमें जनन कोशिकाएं होती हैं।
  • Genital segment -- जनन खंड
नर-उदर के नवें खंड को विशेष रुप से जनन खंड कहते हैं यद्यपि जनन पुंज(जनन खंड) में नवें खंड के साथ अन्य खंड भी संबद्ध रहते हैं।
  • Genitalia -- जननेंद्रिय
सामान्य रुप से जननांगों को, विशेषतः बाह्य जननांगों को ही जननेंद्रीय कहते हैं।
  • Genome -- संजीन आनुवंशीय पदार्थो (जीनों) का पूर्ण समुच्चय ।
  • Genotype -- जीनप्ररुप
जीन की आनुवंशिक रचना जो पर्यावरणीय कारकों के साथ मिल कर लक्षण प्ररुप का निर्धारण करती है।
  • Genotypic variance -- जीनप्ररुपी विचलन
लक्षणप्ररुपी प्रसरण का वह भाग, जो व्यष्टियों के जीनप्ररुप के कारण होता है।
  • Genus novum -- जीनस नोवम
नव प्रस्तावित वंश के प्रारंभिक अनुप्रयोग के समय दिया जाने वाला नाम।
  • Genus -- जीवस,वंश
समान लक्षणों वाले जीवधारियों का विशिष्ट समूह या वर्गक (taxon), जिसमें प्रायः कई जातियां (स्पीशीज) होती है। द्विपद नामावली मे पहला नाम जीनस का होता है। जो रोमन लिपि में बड़े अक्षर से शुरु होता है। उदा. मेंढक के वंश का नाम राना (Rana) और मानव के वंश का नाम होमो (Homo) है।
  • Geographic isolates -- भौगोलिक पृंथकंश
भौगोलिक अवरोधों के कारण अलग हुए जीनों की समष्टि।
  • Geological distribution -- भूवैज्ञानिक वितरण
पृथ्वी के इतिहास में विभिन्न काल व युगों में विविध प्रकार के प्राणी और पौधों की उपस्थिति।
  • Germ band -- जनन पट्टी
कोरकचर्म के अधर की ओर स्थित स्थूलीकृत कोशिकओं का क्षेत्र, जो भ्रूण बन जाता है। यह भ्रूणीय आद्यक के विभेदन तथा वृद्धि से बनता है।
  • Germ cell -- जनन कोशिका
पृथक् लिंग की कोशिकाएं, जिनके संलयन से निषेचन की क्रिया के फलस्वरुप नया जीव उत्पन्न होता है; जैसे युग्मक, शुक्राणु या अंडाणु।
  • Germ tract -- जनन पथ
कोरक का कोशिकाद्रव्य क्षेत्र, जिसमें जनन कोशिकाएं होती हैं।
  • Germarium -- अंडदाशय, जर्मेरियम
अंडाशयी या वृषण नलिका का अंत्यकक्ष, जिसमें प्राथमिक अंडाणुजन या शुक्राणुजन होते हैं।
  • Germinal zone -- जनन-क्षेत्र
अंडाशय में वह स्थान, जहाँ कोशिकाओं का तीव्र विभाजन होता है।
  • Germplasm theory -- जननद्रव्य सिद्धांत
उन्नीसवी सदी के जीव विज्ञानी वाइजमैन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत जिसके अनुसार जननद्रव्य जनन-कोशिकाओं में बिना किसी परिवर्तन के पीढ़ी दर पीढ़ी संचरित होना रहता है।
  • Germplasm -- जननद्व्य
उद्गम स्थल से प्राप्त आनुवंशिक पदार्थ।
  • Gestation -- गर्भावधि
जरायुज प्राणियों में गर्भधारण से लेकर जन्म होने तक का समय।
  • Giant cell -- महाकोशिका
परपोषी में सूत्रकृमि संक्रमण के परिणामस्वरुप बनी बड़ी बहुकेंद्रकी कोशिका।
  • Giant chromosome -- महा गुणसूत्र
डिप्टेरा लार्वा की लार-ग्रंथि में पाए जाने वाले वे गुणसूत्र जो समजात गुणसूत्रों के एक अन्तर्ग्रथित युग्म के प्रतिक्रियन द्वारा गुणों के अलग हुए बिना ही बनते हैं। इनमें हल्के तथा गहरे रंग की पट्टीयों की एक विशिष्ट रचना होती है जो प्रकाश सूक्ष्मदर्शी से देखी जा सकती है।
  • Gill cleft (gill slit) -- क्लोम वदर
कशेरुकियों में ग्रसनी से बाहर की ओर खुलने वाला छेद, जिससे पानी क्लोम ऊपर बहता हूआ बाहर निकल जाता है।
  • Gill respiration -- क्लोम श्वसन
जलीय जीवन के अत्यधिक सुस्पष्ट अनुकूलनों में से एक जिसमें वातक का विस्तार इन क्लोमों तक होता है औ र गैसों का विसरण वातक सूत्रों और जल के बीच अधिचर्म में से होकर होता है।
  • Gill -- गिल, क्लोम
जलीय प्राणियों के श्वसन अंग, जो स्तरित अथवा तंतु-जैसे उद्वर्धों के रुप में होते हैं। इनके द्वारा प्राणी पानी में घुली ऑक्सीजन लेता और कार्बन-डाइऑक्साइड छोड़ता है।
  • Gizzard -- पेषणी, गिजर्ड
कई प्राणियों में पाचन पथ या आंत्रनाल का विशिष्ट भाग, जहां खाद्य पदार्थों को तोड़ने-पीसने की क्रिया होती हैं; जैसे पक्षियों में।
  • Glabrous -- अरोमिल
रोमहीन अथवा चिकनी सतह वाली संरना। रोमिल का उल्टा।
  • Gland -- ग्रंथि
ऐसा अंग, जो विशिष्ट रासायनिक यौगिकों, जैसे एन्जाइम या हार्मोन आदि, का स्रवण करता है। उदा. लार ग्रंथियां, अग्न्याशय, पीयूष आदि।
  • Glenoid cavity -- अंस उलूखल
चतुष्पाद कशेरुकियों के अंसफलक में प्याले जैसी गुहा, जिसमें प्रगंडिका (ह्यूमरस) का सिर बैठता है।
  • Glia -- तंत्रीबंध तंत्रिका तंत्र को आच्छादित करने वाली झिल्ली।
  • Globin -- ग्लोबिन
हीमोग्लोबिन के अपघटन से बनने वाला प्रोटीन।
  • Glomerulus -- केशिकागुच्छ
सूक्ष्म रुधिर वाहिकाओं का समूह; विशेष रुप से वृक्क नलिका के समीपस्थ सिरे पर रुधिर केशिकाओं की गांठ।
  • Glottis -- घांटी
उच्चतर कशेरुकियों में ग्रसनी से श्वासनली (ट्रैकिया) में खुलने वाला छिद्र। भोजन निगलते समय यह पेशियों द्वारा बंद हो जाता है।
  • Glucose -- ग्लूकोज
मोनोसैकेराइड तथा हैक्सोस के रुप में वर्गीकृत कार्बोहाइड्रेट, जो अनेक सूक्ष्मजीवों में ऊर्जा स्रोत के रुप में प्रयुक्त होता है। इसे डैक्स्ट्रोस या अंगूर (द्राक्षा) शर्करा भी कहते हैं।
  • Glucoside -- ग्लूकोसाइड
ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज पर लघुकारक कार्बन के बीच बना ऐनहाइड्राड।
  • Glycogen -- ग्लाइकोजन
अनेक बैक्टीरिया, कवकों (ऊओमाइसिटीज के अतिरिक्त), प्रोटोजोआ की कोशिकाओं और कुछ पादपों में भंडारित पॉलिसैकेराइड के रुप में बनने वाला बहुशाखित डी-ग्लूकोन।
  • Glycolysis -- ग्लाइको-अपघटन
एन्ज़ाइमी अभिक्रियाओं का एक क्रम जिससे ग्लूकोज के उपापचय से पाइरुबिक अम्ल 2 मोल, ए.टी.पी 2 मोल तथा अपचयित एन.ए.डी. 2. मोल बन जाते हैं।
  • Gnathal segments -- हनु खंड
कीट भ्रूण के खंड, जिनके उपांग चिबुक तथा पहली और दूसरी जंभिका बन जाते हैं।
  • Gnathocephalon -- हनुशीर्ष
हनु खंडों द्वारा निर्मित शिर का वह भाग, जिस पर चिबुक तथा पहली और दूसरी जंभिका लगी रहती हैं।
  • Gnathosoma -- हनुकाय
बरुथियों और किलनियों (ticks) के शरीर का अग्र भाग, जिस पर मुख और मुखांग स्थित होते हैं।
  • Gnathostomata -- नैथोस्टोमेटा
जबड़ों वाले कशेरुकियों के कई वर्गों (क्लास) का समूह, जिसे कुछ वर्गीकरण वैज्ञानिक उपसंघ (सब-फाइलम) मानते हैं। वास्तविक मछलियां, उभयचर, सरीसृप, पक्षी तथा स्तनी इस समूह में आते हैं। तु. Agnather एग्नैथा।
  • Golgi apparatus -- गॉल्जी उपकरण
(दे. Golgi complex)
  • Golgi bodies -- गॉल्जी काय
प्राणि कोशिकाओं में पाई जाने वाली प्रोटीन तथा लिपॉइड (lipoid) की पटलिकाओं से बनी संरचना या अंगक, जो संभवतः कुछ स्रावों के बनने में योगदान देता है।
  • Golgi complex -- गॉल्जी सम्मिश्र
सुकेंद्रकी कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अंतर्द्रव्यी जालिका के समीप पाये जाने वाले झिल्लीमय चपटी कुंडिकाओं और राइबोसोम-विहीन आशयों के सममित चट्टों जैसे संमिश्र कोशिकांगक। ये प्रोटीनों को आशयों में लेकर कोशिका की सतह तक पहुंचाते हैं।
  • Gonad -- जनद
अंडाशय या वृषण अथवा भ्रूणीय आद्यांग, जो जनन कोशिकाओं को चारों ओर से घेरे हुए अंतरंग मध्य जनस्तरीय कोशिकाओं से बने होते हैं।
  • Gonadotropic (gonadatrophic) -- जनदप्रभावी, जननग्रंथि प्रेरक
जननग्रंथियों (जनदों या गोनडों) के कार्यं को प्रभावित या उद्दीपित करने वाला (पदार्थ)। उदा. स्तनी अपरा द्वारा स्रावित हॉर्मोन, पीयूष की अग्रपालि से निकलने वाला हॉर्मोन आदि ।
  • Gonapophysis -- युग्मनप्रवर्ध
जनन पादों के कक्ष पादांशों के मध्यवर्ती समीपस्थ प्रवर्ध, जो थाईसैनूरा गण के कुछ नरों में पाए जाते हैं। इनसे अंडनिक्षेपक के पहले और दूसरे प्रकठक का निर्माण होता है।
  • Gonopore -- जननरंध्र
नर कीट में माध्यक स्खलनीय वाहिनी का बाह्य रंध्र, जो सामान्यतः अंतःशिश्न में या युग्मित निर्गम वाहिनियों के एक रंध्र में छिपा रहता है। मादा कीट में पार्श्वीय अंडवाहिनियों के युग्मित आद्य रंध्रों में से एक रंध्र या युक्त अंडवाहिनी का सामान्य रंध्र।
  • Gonostylus -- जननकंटिका
नवें खंड की वे कंटिकाएं जो यदि उपस्थित हों तो रुपांतरित होकर आलिंगक अंग (हारपेगोन) बनाती हैं।
  • Gonozooid -- जननजीवक
हाइड्रोजोअन निवह (कॉलोनी) का एक लैंगिक व्यष्टि या जनन जीवक, जिसमें जनद होते हैं।
  • Graafian follicle -- ग्राफी पुटक
स्तनियों के अंडाशय में तरलयुक्त गोलाकार गुहा या पुटक, जिसमें अंडक( ऊसाइट) या अंडाणु बढ़ते हैं।
  • Grain mite -- धान्य चिंचड़ी
चिंचडियों (बरुथियों) की वे जातियों जो भंडार-गृहों में रखे धान्यों को ग्रस्त, करती हैं। उदाहरण-टाइरोफेगस प्यूटीसेन्टी, एकैरोप्सिम व एकेरोहेन्सी की कुछ जातियां।
  • Grain mouth -- धान्य शलभ
एक छोटा-शलभ, जिसके डिंभक अनाज पर अशन करते हैं। उदाहरण-ऐंग्वुईमॉइस अनाज शलभ साइटोट्रोग सीरियेलेला।
  • Granulocyte -- कणिकाणु
वे श्वेत रुथिर कोशिकाएं जिनमें कणिकामय या दानेदार कोशिकाद्रव्य और बहुपालियुक्त केंद्रक होता है। ये तीन प्रकार की होती हैः 1.क्षारकरागी, 2. इओसिननरागी और 3. उभयरागी।
  • Grasshopper -- टिड्डा
ऑर्थोप्टेरा गण का पादपभोजी कीट। उछलने-कूदने वाली टांगें, कर्तन-चर्वण मुखांग तथा नरों में सामान्यतः घर्षण ध्वनि-अंगों का पाया जाना इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Gravid -- अंडपूर्ण
ऐसी मादा अथवा देहखंड जिसमें अंडे भरे होते हैं।
  • Gregarious parasite -- यूथी परजीवी
वह परजीवी, जो एक परपोषी पर आक्रमण कर कई पीढ़यों का परिवर्धन करता है। यह अंतः परजीवी अथवा बाह्य परजीवी हो सकता है।
  • Gregarious -- यूथी
अपने जैसे अन्य प्राणियों के साथ झुंड में रहने वाला।
  • Grey matter -- धूसर द्रव्य
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का भूरे रंग का ऊतक, जिससे प्रमस्तिष्क का बाहरी और मेरुरज्जू का भीतरी भाग बनता है। इसमें तंत्रिका कोशिकाओं का जमाव होता है।
  • Growth factor -- वृद्धि-कारक
वृद्धि को प्रभावित करने वाला कोई भी आनुवंशिक अथवा बाह्य कारक।
  • Growth hormone -- वृद्धि-हॉर्मोन(सोमेटोट्रोफिन)
हाइपोथैलैमसी हॉर्मोन के प्रति होने वाली अनुक्रिया से ऐडिनो हाइपोफिसिस (अग्र पीयूषी ग्रंथि) द्वारा उत्पन्न् एक प्रोटीनी हॉर्मोन। यह हॉर्मोन वृद्धि को बढ़ावा देने वाले उपापचयी पथों को प्रोत्साहित करता है और वयस्क अवस्था से पूर्व होने वाली लंबी अस्थियों की लंबाई को बढ़ाता है। इस हॉर्मोन की कमी से वामनता होती है और अत्यधिक स्राव से अतिकायता।
  • Growth -- वृद्धि
कोशिकाओं की संख्या बढ़ने के फलस्वरुप ऊतक या अंग का बढ़ना।
  • Gubernaculum -- प्रनिदेशक
नर में खाँचेदार क्यूटिकलीकृत प्लेट जैसी संरचना, जो कंटिकाओं को जनन-रंध्र की और निर्देशित करती है।
  • Guinea worm -- गिनीकृमि, मनहरुवा
ड्रैकुनकुलस मेडिनेनसिस का सामान्य नाम, जो एक प्राणि-परजीवी सूत्रकृमि है।
  • Gula -- गलकठक, गलक
कुछ उद्हनु(prognathous) कीटों में शिर की मध्य अधर पट्टीका, जो ग्रीवा क्षेत्र के दृढ़ीकरण द्वारा निर्मित होती है और निकटस्थ रुप से पश्च छदि( post tentorial) गर्तों से सह पश्चचिबुकांग अथवा अधःचिबुकांग के साथ लगी होती है।
  • Gullet -- ग्रसिका
पेशीय नली, जिससे होकर भोजन ग्रसनी से आमाशय में पहुंचता है।
  • Gynandromorphs -- मादानररुप
वह जंतु जिसमें शरीर का एक भाग नर तथा दूसरा भाग मादा होता है। यह प्रायः कीटों में पाया जाता है। यह आरंभिक कोशिका विभाजन के दौरान एक एक्स-गुणसूत्र की हानि के फलस्वरुप बनता है।
  • Habitat -- आवास
जीवों के रहने का प्राकृतिक स्थान या पर्यावरण।
  • Haem -- हीम
हीमोग्लोबिन अणु का प्रोटीन रहित भाग।
  • Haemal -- हीमल
1. रुधिर या वाहिका का अथवा उससे संबंधित।
2. मेरु-रज्जु के जिस तरफ हृदय स्थित हो उसी तरफ स्थित किसी संरचना के लिए प्रयुक्त।
  • Haemochorial placenta -- रुधिर-जरायु अपरा
मानव सहित कुछ स्तनियों में पाया जाने वाली अपरा, जिसमें मातृरुधिर कोशिकाओं की दीवारें गल जाती है ओर जिसके फलस्वरूप भ्रूण की रुधिर- वाहिकाएं मातृ-रुधिर के सीधे संपर्क में आ जाती हैं।
  • Haemocoel -- रक्त-गुहा
1. मध्य जनन-स्तर तथा अन्य जनन-स्थरों के बीच भ्रूण की रुधिर गुहिका या गुहिकाएं।
2. रक्त से भरी कीटों की शरीर गुहिका (रुधिर लसीका) जिसके अंदर अभ्यंतर अंग होते हैं।
  • Haemocyanin -- हीमोसायनिन
नीले या नीले-हरे रंग का श्वसन वर्णक जिसमें लोहे के स्थान पर तांबा होता है। इस प्रकार का वर्णक कुछ आर्थ्रोपॉड तथा मोलस्क प्राणियों के रुधिर में पाया जाता है।
  • Haemoglobin -- हीमोग्लेबिन
कशेरुकियों की लाल रुधिर कोशिकाओं में पाए जाने वाला श्वसन वर्णक, जिसमें ग्लोबिन नामक एक जटिल प्रोटीन के साथ हीम नामक एक लोहयुक्त पदार्थ रहता है। कुछ अन्य प्राणियों- जैसे केंचुए के रक्त तथा कुछ सूत्रकृमियों की पेशियों में भी ये वर्णक पाए जाते हैं।
  • Haemogram -- हीमोग्राम, रुधिरालेख
समय विशेष पर कीट के रुथिराणुओं की पूर्ण संख्या की गणना और विभिन्न प्रकार के रुधिराणुओं का आकलन।
  • Haemolymph -- हीमोलिम्फ, रुधिर-लसीका
रक्त गुहा में भरा, कीटों के रक्त का तरल भाग, जो रुधिर और लसीका दोनों का कार्य करता है। इसमें आंतरिक अंगक परिव्याप्त रहते हैं।
  • Haemolysis -- रुधिरलयन
लाल रुधिर कणिकाओं का टूटना या इन कणिकाओं की बाहरी झिल्ली के टूटने से हीमोग्लोबिन का निकल जाना।
  • Haemophilia -- हीमोफिलिया
एक्स-सहलग्न अप्रभावी विकार जिसके कारण रक्त के थक्के बनने की क्षमता कम हो जाती है। मादाएं सामान्यतया इस विकार की वाहक होती हैं। लेकिन यदि अर्धयुग्मजी हीमोफिलिया ग्रस्त नर और विषमयुग्मजी वाहक मादा के बीच संगम होता है तो हीमोफिलियाग्रस्त मादाओं का जन्म हो सकता है।
  • Haemostasis -- हीमोस्टैसिस, रुधिरस्तंभन
रुधिर-लसीका, की हानि का संदमन।
  • Hair pin loop -- हेयरपिन पाश
आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. के एकल रज्जुक में आसन्न (विलोमित) अनुक्रमों के बीच क्षारक युग्मन से बनने वाला द्विक-कुंडलिनी प्रदेश।
  • Hair -- बाल, रोम
प्राणियों में अधिचर्म से उत्पन्न होने वाली धागे संरचनाएं, जो स्तनियों का विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Hallux -- पादांगुष्ठ
स्थलीय कशेरुकियों में पश्च पाद अधवा टांग की पहली अंगुलि।
  • Halteres(balancers) -- संतोलक
डिप्टेरा-गण के कीटों यानी मच्छर, घरेलू मक्खी आदि में पश्च पंखों के रुपांतरण से बनी मुद्गराकार संरचनाएं। उड़ते समय कीटों के शरीर का संतुलन बनाए रखना इनका मुख्य कार्य है।
  • Haplodont -- हैप्लोडॉन्ट, सरलदंती
सरल नोकीले दांतों या ऐसे दोंतों के लिए प्रयुक्त, जिनके चर्वणक में शिखर(क्राउन) होते हैं।
  • Haploid number -- अगुणित संख्या
जीवों की कायिक कोशिकाओं में पाए जाने वाले कुल गुणसूत्रों की आधी संख्या, जो प्रायः युग्मकों में पाई जाती है।
  • Haploid -- अगुणित
जिसमें गुणसूत्रों की संख्या का कायिक कोशिकाओं के गुणसूत्रों की संख्या से आधी हो जैसे जनन कोशिकाएं।
  • Hapten -- हेप्टेन
एक छोटा अणु जो प्रोटीन के साथ संयुग्मित किए जाने पर प्रतिजन (एन्टीजन) के रुप में कार्य करता है।
  • Harpagone -- हारपेगोन
नवें खंड के परिशिश्न (periphallic) प्रवर्ध, जिनमें प्रत्येक की अपनी-अपनी पेशियां रहती हैं। ये संभवतः जनन कंटिकाओं से निकलती हैं और सामान्यतः इनका कार्य आलिंगन होता है। शल्क पंखी गण (लेपिडोप्टेरा) में इन्हें हार्पीज कहा जाता है।
  • Hatching membrane -- स्फुटन झिल्ली
स्फुटन के समय शिशु कीट को लपेटे रहने वाली झिल्ली; स्फुटन के दौरान या ठीक उसके बाद भ्रूणीय निर्मोकी क्यूटिकुला।
  • Hatching -- अंडजोत्पत्ति, विनिनर्गमन, स्फुटन
अंडे से डिंभक का बाहर निकलना।
  • Haversian canal -- हैवर्स-नलिका
हड्डीयों के अंदर की छोटी-छोटी नलिकाएं, जिनमें तंत्रिकाएं, लसीका-अवकाश और रुधिर कोशिकाएं रहती हैं।
  • Hazardous -- संकटजनक
खतरनाक, आपत्तिजनक (पीड़कनाशी) जो लेबल पर लिखे निर्देशनों के अनुसार इस्तेमाल न किए जाने पर क्षतिकारक या घातक हो सकते हैं।
  • Head -- शीर्ष
प्राणियों में अग्र सिरे पर स्थित सबसे प्रमुख भाग, जिसमें मस्तिष्क, मुख तथा प्रमुख ज्ञानेंद्रियां स्थित होती हैं।
  • Heart -- हृदय
प्राणियों के शरीर में तरल या रुधिर का परिसंचरण करने वाला अंग।
  • Heat inactivation -- ताप निष्क्रियण
ऊष्मा के प्रभाव से जैविक सक्रियता का विनाश। उदाहरणतः प्रतिरक्षाविज्ञान में सक्रियता का विनाश सीरम को 56⁰ से. पर 20 मिनट तक गर्म करने से होता है।
  • Heat shock proteins -- ताप प्रघात प्रोटीन
प्रोटीन जो तापीय विकृतन से एन्जाइमों की रक्षा करके कोशिका को ताप प्रतिबल से बचाते हैं। ताप प्रघात से सक्रिय होने पर ये जीन पॉलिपेप्टइडों का संश्लेषण आरंभ कर देते हैं।
  • Heavy water -- भारी जल
जल जो हाइड्रोजन के समस्थानिक (ड्यूटेरियम) और ऑक्सीजन के संयोग से बनता है।
  • Helminthology -- कृमिविज्ञान
प्राणिविज्ञान की वह शाखा, जिसमें कृमियों, विशेषतया परजीवी कृमियों, का अध्ययन होता है।
  • Helper lymphocyte (th lymphocyte) -- सहायक टी. लसीकाणु (टी.एच. लसीकाणु)
थाइमस से व्युत्पन्न लसीकाणु जो बी. कोशिका लसीकाणु द्वारा उत्पादित प्रतिरक्षी के लिए आवश्यक होता है और साथ ही कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा के सामान्य रुप से विकसित होने के लिए आवश्यक है।
  • Helper t.cell -- सहायक टी.कोशिका
एक प्रकार का टी. लसीकाणु जो दूसरे टी. लसीकाणुओं, बी. लसीकाणुओं और महाभक्षकाणुओं की सहायता करता है जिससे इन कोशिकाओं की सामान्य क्रियाएं बढ़ जाती हैं।
  • Hemagglutination -- रुधिर समूहन
ऐन्टीबॉडी या विषाणु द्वारा लाल रुधिर कोशिकाओं का पिंड-सा बन जाना।
  • Hematophagous insect -- रुधिरभक्षी कीट
रक्त पर अशन करने वाले कीट।
  • Hemichordata(hemichorda) -- हेमीकॉर्डा (हेमाकॉडेटा)
कॉर्डेटा का एक उपसंघ जिसमें कृमिरुपी समुद्री आदि प्राणी आते हैं। इनमें कशेरुकियों के कुछ लक्षण पाए जाते हैं; जैसे गिलछिद्र और शरीर के केवल अग्र भाग में पृष्ठरज्जु जैसी संरचना। उदा. बैलेनोग्लॉसस।
  • Hemimetabolan -- अल्परुपांतरी
सरल कायांतरण वाले बाह्य पंखी। यह कायांतरण प्रत्यक्ष अथवा अपूर्ण कहा जाता है।
  • Hemiptera -- हेमिप्टेरा
पौधों तथा प्राणियों पर परजीवी अथवा नाशक कीटों का एक बड़ा गण (आर्डर) जिसमें मत्कुण, साइकेडा, एफिड आदि आते हैं।वेधनचूषण मुखांग तथा प्रायः दो जोड़ी पंख जिनमें अगला पिछले की अपेक्षा मजबूत होता है इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Hemocyte -- रुधिराणु
कीट की रक्त-कोशिकाएं।
  • Hemocytopoietic organ -- रुधिराणु उत्पादक अंग
वे अंग, जो रक्त कोशिकाएं बनाते हैं।
  • Hepatic caeca -- यकृतीय अंधनाल
भ्रूणीय आहार नाल के अग्र सिरे पर स्थित आद्यांगिक अंधनाल, जिससे बाद में यकृत्त परिवर्धित होता है।
  • Hepatic portal system -- यकृत् निवाहिका तंत्र
रुधिर में घुले हुए भोजन पदार्थ को आंत्र की कोशिकाओं से यकृत् मे ले जाने वाली शिराओ का तंत्र। तात्कालिक आवश्यकता के बाद पचे हुए भोजन का बचा हुआ अंश इस तंत्र द्वारा यकृत् में सीधे पहुंचकर जमा होता रहता है।
  • Herbivore -- शाकभक्षी, शाकाहारी
पौधे तथा घास-पात खाने वाला प्राणी; जैसे टिड्डी, गाय, बकरी हाथी आदि।
  • Heredity -- आनुवंशिकता
आनुवंशिक तौर पर लक्षणों का जनकों से संतति में पहुंचना।
  • Hermaphrodite -- उभयलिंगी
जीव जिसमें नर तथा मादा दोनों प्रकार के जननांग एक ही व्यष्टि में पाये जाते हों। जैसे केंचुआ, फीता-कृमि, आदि।
  • Hermaphroiditism -- उभयलिंगता
वह स्थिति, जिसमें एक ही व्यष्टि में नर और मादा युग्मक उत्पन्न होते हैं। उदा. रैब्डाइटिस।
  • Herpetile -- उभयसृप
उभयचरों और सरीसृपों का सामूहिक नाम।
  • Herpetology -- हरपेटोलॉजी, उभयसृपविज्ञान
प्राणिविज्ञान की वह शाखा, जिसमें सरीसृपों तथा उभयचरों की संरचना, स्वभाव और वर्गीकरण आदि का अध्ययन होता है।
  • Heterocercal -- विषमपालि
ऐसे पुच्छ या पुच्छ पख के लिए प्रयुक्त, जिसकी ऊपरी या पृष्ठ पालि निचली अधर पालि से बड़ी होती है। शार्क इसका सामान्य उदाहरण है।
  • Heterochromatin -- हेटेरोक्रोमैटिन
अत्यधिक संघनित क्रोमैटिन जसके कारण वह अन्य क्रोमैटिनों की तुलना में भिन्न प्रकार से अभिरंजित होता है। तु. euchromatin
  • Heterodactylous -- विषमांगुलिक
पक्षियों में ऐसे पैर या पाद के लिए प्रयुक्त, जिसकी पहली दो अंगुलियां पीछे की और तीसरी तथा चौथी आगे की ओर रहती हैं।
  • Heterodont dentition -- विषमदंती दंतविन्यास
एक ही प्राणी में विभिन्न प्रकार के दांतों का होना; जैसे स्तनियों में कृंतक, रदनक, प्रचवर्णक और चर्वणक। विप. Homodont dentition समदंती दंतविन्यास।
  • Heterogenous population -- विषमांग समष्टि, विषमांगी समष्टि
विविध लक्षणों वाली जीव समष्टि।
  • Heterokaryon -- विषम केंद्रक
दो या अधिक कोशिकाओं के संचलन से उत्पन्न दो प्रकार के केंद्रकों से युक्त कोशिका।
  • Heteroploidy -- विषमगुणिता
गुणसूत्रों की अभिलाक्षणिक द्विगुणित संख्या से भिन्न संख्या का पाया जाना।
  • Heterosis -- हेटेरोसिस
वह स्थिति जिसमें संकर किसी लक्षण या लक्षणों की दृष्टि से जनकों के परिसर से बाहर हो।
  • Heterotroph -- विषमपोषी
ऐसे जीव, जो अकार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन नहीं बना सकते और स्वपोषी जीवों या कार्बनिक पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं।
  • Heterotrophic -- विषमपोषी
ऐसे जीव जो अपने भोजन के लिए स्वतः कार्बनिक पदार्थों के संश्लेषण करने में असमर्थ होते हैं।
  • Heterotrophism -- विषमपोषण
पोषण का एक प्रकार, जिसमें जीवधारी भोजन के लिए अन्य जीवों (मृत या जीवित) पर आश्रित होता है ।
  • Heterozygote -- विषमयुग्मज
समजात गुणसूत्र जोड़ों में समान विस्थल पर एक ही जीन के भिन्न विकल्पियों (aleles) वाला जीव। ऐसे जीव से इन के संदर्भ में दो पृथक् प्रकार के युग्मक उत्पन्न होते हैं। तु. homozygote समयुग्मज।
  • Heterozygous -- विषमयुग्मजी
जिसमें किसी जोड़े के दोनों गुणसूत्रों में संगत बिंदुओं पर भिन्न जीन विकल्पी हों। तु. homozygous.
  • Hexactinellida -- हेक्सैक्टिनेलिडा
पोरीफेरा संघ में छह-अरीय सिलिकामय कंटिका वाले समुद्री स्पंजों का एक वर्ग। सतही एपिथीलियम का न होना और कीप-कोशिकाओं (कोएनोसाइट) का अंगुलि-जैसे कक्षों तक ही सीमित रहना इनके प्रमुख लक्षण हैं। उदा. यूप्लेक्टेला।
  • Hibernation -- शीतनिष्क्रयता
कुछ प्राणियों की ठंडे प्रतिकूल मौसम में सुप्त पड़े रहने की अवस्था। शरीर का तापमान गिरना, भोजन ग्रहण न करना और उपापचय मंद पड़ जाना, इस अवस्था की विशेषताएं हैं;
जैसे मेंढ़क, छिपकली, सांप आदि में। तु. aestivation ग्रीष्मनिष्क्रियता।
  • Hierarchy -- पदानुक्रम
विभिन्न टैक्सा (वर्गक) स्तरों को स्पष्टतः सूचित करने वाली वर्गीकरण की श्रेणी पद्धति।
  • Hilum(hilus) -- नाभिका
वृक्क, फुफ्फुस, प्लीहा आदि कुछ अंगों में स्थित गर्त या खांच, जिससे रक्त-वाहिकाएं, तंत्रिकाएं और वाहिनियां आती जाती हैं।
  • Hind brain -- पश्च मस्तिष्क
कशेरुकी मस्तिष्क के तीन प्रमुख भागों में से पश्चतम भाग, जिसमें मुख्यतया अनुमस्तिष्क (सेरिबेलम) और मेडुला आब्लांगेटा होते हैं।
  • Hinge region -- हिन्ज क्षेत्र
इम्यूनोग्लोबुलिन संरचना का वह प्रक्षेत्र जीसमें केवल दीर्घ श्रृंखलाएं और एक स्पष्ट स्थानगत कोण होता है जिसकी वाई (Y) रुपी विवृत भुजाओं के कब्जे के आगे इम्यूनोग्लोबुलिन की लघु श्रृंखलाएँ जुड़ सकती हैं।
  • Hip girdle(pelvic girdle) -- श्रोणि मेखला
कशेरुकियों में उन हड्डियों का ढांचा, जिससे पश्च पाद जुड़े रहते हैं। इसमें तीन हड्डियाँ जघनास्थि (प्युबिस), श्रोणि-अस्थि (इलियम) और आसनास्थि (इस्कियम) होती है।
  • His operon -- हिस प्रचालेक
हिस्टिडीन के जैवसंश्लेषण के लिए प्रकार्यात्मक रुप से संबंधित जीनों का गुच्छ। सारे जीन एक बहुत लंबे एम.आर.एन.ए. अणु में अनुलेखित होते हैं और एक संचालक जीन के नियंत्रण में समन्वित रुप से कार्य करते हैं।
  • Histology -- ऊतक-विज्ञान, औतिकी
ऊतकों के अध्ययन से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा।
  • Histopathology -- ऊतक रोगविज्ञान
परपोषी में रोगजनक/परजीवी द्वारा होने वाले कोशिकीय परिवर्तनों का अध्ययन।
  • Holoblastic cleavage -- पूर्णभंजी विदलन
विदलन का वह प्रकार, जिसमें संपूर्ण अंडा विभाजित हो जाता है (पूर्ण विदलन)।
  • Holocrine secretion -- पूर्णस्रावी स्राव
स्रवण का ऐसा प्रकार, जिसमें एपिथिलियमी कोशिकाएँ एन्जाइमों का स्रवण करने के प्रक्रम में विघटित हो जाती हैं और अपनी अंतर्वस्तुओं को आंत्र की अवकाशिका (lumen) में उंड़ेल देती हैं।
  • Holophytic nutrition -- पादपसम पोषण, पूर्णापादपी पोषण
पौधों की तरह कुछ प्राणियों में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन बनाने की विधि अर्थात् सूर्य के प्रकाश में पर्णहरित (क्लोरोफिल) द्वारा अकार्बनिक पदार्थों से कार्बनिक यौगिकों का संश्लेषण। उदा. यूग्लीना।
  • Holotype -- होलोटाइप, नामप्ररुप, मूलप्ररुप
लेखक द्वारा मूल विवरण के प्रकाशन के समय नामपद्धति प्ररुप के तौर पर उपयोग किया जाने या बताया जाने वाला अनन्य नमूना।
  • Holozoic nutrition -- प्राणिसम पोषण, पूर्णजांतविक पोषण
प्राणियों में भोजन प्राप्त करने की सामान्य विधि, जिसमें जीवों अथवा ठोस और जटिल कार्बनिक पदार्थों का ग्रहण किया जाता है। कुद पादपों में भी यह विधि पाई जाती है; जैसे घटपर्णी (pitcher plant)।
  • Homeostasis -- समस्थापन
किसी तंत्र का गतिक संतुलन बनाए रखने और विक्षोम होने पर अपनी नियामक क्रियाविधि द्वारा साम्यावस्था बनाए रखने की प्रकृति। यह तंत्र संदर्भ के अनुसार व्यष्टि, समष्टि अथवा प्रक्रम हो सकता है।
  • Homo -- होमो
प्राइमेट गण का एक वंश, जिसमें मानव की एक मात्र जीवित जाति होमो सेपिएन्स और कई विलुप्त जातियां आती है । भ्रू – कटक का न होना, सुविकसित ठोढ़ी का पाया जाना, प्रत्येक जबड़े में दांतों की चापाकार व्यवस्था, हाथ पैर का एक जैसा न होना, पैर की अंगुलियों का अपेक्षाकृत छोटा होना, सीधे खड़े होकर चलना, अतिविकसित मस्तिष्क और सार्थक वाणी (articulated speech) इसके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Homocercal -- समपालि
मछिलयों में ऐसे पख (वाज) या पुच्छ के लिए प्रयुक्त जिसमें पृष्ठ पालि और अधर पालि लगभग बराबर होती है।आजकल की अधिकांश अस्थि-मीनों में इस प्रकार की दुम (पुच्छ) पाई जाती है।
  • Homodont dentition -- समदंती दंतविन्यास
किसी प्राणी में एक ही प्रकार के दांतों का पाया जाना; जैसे मेंढ़क में। विप. Heterodont dentition असमदंती दंतविन्यास।
  • Homologous organs -- समजात अंग
ऐसे अंग, जो उद्भव और परिवर्धन में समान किंतु कार्य में प्रायः भिन्न हों; जैसे मानव के अग्रपाद और पक्षियों के पंख। तु. Analogous organs समवृत्ति अंग।
  • Homologous -- समजात
प्ररुप अथवा जाति के संदर्भ में समान।
  • Homologous sequence -- समजात अनुक्रम
एक ही जाति से अथवा भिन्न जातियों से ऐसे डी.एन.ए. अणु जिनके समान क्षारक अनुक्रम ज्यों के त्यों बने रहते हैं।
  • Homologous chromosome -- समजात गुणसूत्र
नर और मादा दोनों जनकों से आए एक-एक गुणसूत्र से बना जोड़ा जिसके समान जीन विस्थलों का अनुक्रम भी समान होता है।
  • Homology -- समजातता
उद्भव तथा परिवर्धन में समान किंतु कार्य में सामान्यतः भिन्न होने की स्थिति, जैसे पक्षियों के पंख और मानव के हाथ। तु. analogy समवृत्तिता।
  • Homonym -- समनाम
विभिन्न वर्गकों के लिए विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित एक ही नाम।
  • Homothermal -- समतापी
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त, जिनके शरीर का तापमान वातावरण के अनुसार घटता-बढ़ता नहीं बल्कि सदा स्थिर रहता है; जैसे पक्षी व स्तनी। तु. Poikilothermal असमतापी।
  • Homozygote -- समयुग्मज
समजात गुणसूत्र (क्रोमोसोम) जोड़ों पर समान विस्थिल (locus) पर एक ही प्रकार के जीन जोड़े वाले जीव। ऐसे जीव से इस जीन के संदर्भ में एक ही प्रकार के युग्मक उत्पन्न होते हैं। तु. Heterozygote विषमयुग्मज
  • Homozygous -- समयुग्मी
जिसमें किसी जोड़े के दोनों गुणसूत्रों के संगत बिन्दुओं पर समान जीन विकल्पी हों। तु. Heterozygous.
  • Honey bee -- मधुमक्खी
सामाजिक कीट, अधिकतर एपिस जातियां (एपिडी: हाइमेनोप्टेरा), जो उपनिवेशों में रहती हैं और पेड़ों के ऊपर या खाली घरों में छत्ते बनाती हैं। ये बहुत लाभकारी हैं क्योंकि शहद और मोम प्रदान करती हैं तथा परागण में मदद करती हैं। इनकी सामान्य जातियां भारतीय मधुक्खी (एपिस सेराना इंडिका), इतालवी मधुमक्खी (एपिस मिलिफेरा), छोटी मधुमक्खी (एपिस फ्लोरिया) और रॉक मधुमक्खी (एपिस डोर्सेटा) हैं।
  • Honey dew -- मधु-बिंदु
होमोप्टेरा गण के कुछ कीटों-जैसे एफिड, शल्क कीट, श्वेत मक्खी आदि द्वारा उत्सर्जित किया जाने वाला मीठा स्राव, जो चींटियों को आकर्षित करता है और “काली फफूंदी ” के पैदा होने को बढ़ावा देता है, जिससे पौधे के भाग काली परत से ढक जाते हैं तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में रुकावट आती है।
  • Honey guide -- मधु-निर्देशक, मधु पथदर्शक
कुछ विशेष पुष्पों की पंखुड़ियों पर बिंदियां या रेखाएं, जो आंगतुक कीट (कीटों) को इन पुष्पों के मकरंद कोषों की ओर निर्देशित करती हैं।
  • Honey -- मधु, शहद
मधु-मक्खियों द्वारा विभिन्न प्राकृतिक स्रोत्रों, जैसे – विभिन्न फूलों का मकरंद, नेक्ट्रिन के स्राव, मधु बिंदु आदि से परिष्कृत किया जाने वाला मीठा श्यान (viscous) तरल।
  • Hoof -- खुर, शफ
ऐसा श्रृंगी आवरण जो खुरदार स्तनियों की अंगुलियों के सिरों को ढके रखता है। यह संरचना नख या नखर के समरुप होती है और घोड़े, बकरी, गैंडा, जिराफ आदि में पाई जाती है।
  • Hook -- अंकुश
नुकीले, मुड़े हुए उपांग, जिनकी सहायता से प्राणी किसी वस्तु से लटक या चिपक सकता है;
जैसे फीताकृमियों की मूर्धा (स्कोलेक्स) में।
  • Hookworm -- अंकुश कृमि, हुकवर्म
गोलकृमियों के अंकाइलोस्टोमैटिडी कुल का परजीवी। परपोषी की आंत्र से चिपकने के लिए मुखीय अंकुश इनका विशिष्ट लक्षण हैं। ये मानव तथा अन्य प्राणियों में रोग फैलाते हैं।
  • Hoolock -- हुलुक, हूकू
असम तथा ऊपरी बर्मा में पाए जाने वाले छोटे आकार के; विशेषतः हाइलोबेटीज वंश के, गिब्बन का सामान्य नाम। भारत में पाया जाने वाला यही एकमात्र मानवाभ कपि (anthropoid ape) है।
  • Hopper band -- फुदका पट्टिका
टिड्डियों में यूथी फुदकों का ऐसा समुच्चय, जो संगठित रुप में कुछ करता है।
  • Hormone receptor -- हॉर्मोनग्राही
कोशिका की सतह पर पाए जाने वाला विशिष्ट हॉर्मोन-बंधकारी स्थल।
  • Hormone -- हॉर्मोन
अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित ऐसा रासायनिक संदेशप्रेषक (मुख्यतः प्रोटीन अथवा स्टीरॉयड) जो सीधे रक्त प्रवाह में मिलकर शरीर के विशिष्ट भाग पर विशिष्ट प्रभाव डालता है।
  • Horn -- सींग, श्रृंग
खुरदार स्तनियों के सिर से निकलने वाली नोकीली कठोर संरचनाएँ, जिनका उपयोग प्राणी प्रायः अपनी सुरक्षा के लिए करता है।
  • Host crossover -- परपोषी विशिष्टता
कीट जाति का खाद्य, आश्रय या अंडनिक्षेपण की खोज में पहले परपोषी को छोड़कर किसी अन्य परपोषी पर चले जाना।
  • Host specificity -- परपोषी विशिष्टता
यह जाति विशेष का पोषणज विशिष्टीकरण है और प्रकृति में बहुत जटिल प्रक्रम है, विशेष तौर पर परजीवियों, परजीव्याभों में और कुछ एकाहारी कीटों में जो खरपतवारों के जैविक नियंत्रण में उपयोगी हैं। यह जीवन-क्रियाओं की पूर्ण आवश्यकताओं की सफलतापूर्वक प्राप्ति है जिसकी इति अशन, जीवन-वृत्त पूरा करने और जनन के ले उपयुक्त परपोषी तक पहुंचने में है जो जाति विशेष की संतति को बढ़ाने के लिए भी उपयुक्त हो। रक्त-चूषक कीटों में जूं और पिस्सू परपोषी विशिष्ट हैं। कृषि-कीटों में बैंगन का वेधक, पिंक बोल वर्म और बीज-भक्षी शूट फ्लाई इसके विशिष्ट उदाहरण हैं। (सीड फ्लाई) ओफियोमिया लेन्टानी लेन्टाना खरपतवार विशिष्ट है और शल्क कीट डेक्टीपोलस इन्डिकस नागफनी खतपतवार विशिष्ट है।
  • Host -- परपोषी
वह जीव जो अन्य जीव को खाद्य तथा आश्रय प्रदान करता है लेकिन स्वयं उस जीव से लाभ प्राप्त नहीं करता। उदा. टमाटर का पौधा जड़गाँठ सूत्रकृमि का परपोषी है।
  • Housefly -- गृहमक्षी, घरेलू मक्खी
घरों में पाया जाने वाला डिप्टेरा गण का कीट, जिसमे दो पंख और स्पंजी मुखांग होते है। यह कीट टाइफायड, हैजा आदि कई रोगों का वाहक है।
  • Humerus -- प्रगंडिका, ह्यूमेरस
चतुष्पाद कशेरुकियों में अग्रपाद की निकटस्थ सबसे लंबी हड्डी, जो एक तरफ अंसखात (ग्लीनाइड फोसा) से और दूसरी तरफ बहीःप्रकोष्ठिका (रेडियस) तथा अंतःप्रकोष्ठिका (अल्ना) से जुड़ी रहती है।
  • Humivore -- ह्यूमस भक्षी
वह जीव जो ह्यूमस को खाता है।
  • Humoral antibody -- तरल प्रतिरक्षी
शरीर के तरलों अर्थात प्लैज्मा, लसीका और ऊतकीय तरलों में उपस्थित प्रतिरक्षी।
  • Humoral immunity -- तरल प्रतिरक्षा
जीव की रोधक्षमता, जो रक्त में प्रतिजन के प्रवेश से बने प्रतिरक्षीयों के रक्तधार में प्रवाहित होने से अथवा सीरम के माध्यम से स्थानांतरित हो सकने वाली हो।
  • Hyaline cartilage -- काचाभ उपास्थि
कुछ-कुछ नीली-सफेद और पारभासी उपास्थि, जो उपास्थ्यणु (chondrocyte) और अंतराकोशिक पदार्थों से बनती है और सभी कशेरुकियों के भ्रूणों तथा वयस्क शार्कों और रे मछलियों में पाई जाती हैं।
  • Hybrid dna -- संकर डी.एन.ए.
डी.एन.ए. अणु संकर जिसके एक रज्जुक के स्थान पर एक आर.एन.ए. रज्जुक आ जाता है।
  • Hybrid sterility -- संकर बंध्यता
संकरण द्वारा प्रेरित बंध्यता जिसके कारण संकर,जीवनक्षम-संतान उत्पन्न नहीं करते। संकर-बंध्यता का आधार जीनी, गुणसूत्री अथवा कोशिकाद्रव्यी हो सकता है ।
  • Hybrid vigour -- संकर ओज
संकर का अपने जनकों से श्रेष्ठ होना।
  • Hybrid -- संकर
आनुवंशिक असमान-जीव प्ररुपों के संकरण से प्राप्त उत्पाद।
  • Hybridization -- संकरण
दो असमान जनकों के संकर बनाने या होने की प्रक्रिया।
  • Hydra -- हाइड्रा
सीलेन्टेरेटा संघ और हाइड्रोज़ोआ वर्ग के अलवणजलीय प्राणी, जो लकड़ियों, पत्थरों, पत्तियों आदि पर चिपके रहते हैं। इनके शरीर में एक गुहा होती है जो स्पर्शिकाओं से घिरे मुँह द्वारा ऊपर की ओर खुलती है।
  • Hydrolysis -- जल-अपघटन
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें जल अन्य पदार्थ से क्रिया करके दो या दो से अधिक नए पदार्थ बनाता है। इसमें जल के अणु के आयनीकरण से क्रियाधार पदार्थ टूटता है।
  • Hydrozoa -- हाइड्रोज़ोआ
ऐसे सीलेन्टेरेट प्राणियों का वर्ग, जिनमें अलैंगिक पीढ़ी अचल पॉलिप के रुप में और लैंगिक पीढ़ी मुक्तप्लावी मेड्यूसा के रुप में पाई जाती है। किंतु हाइड्रा जैसे कुछेक प्राणियों में मेड्यूसा अवस्था नहीं पाई जाती है और पॉलिप अवस्था में ही जनद(गोनड) बनते हैं। सरल जठरांत्र (सीलेन्टेरोन), बाह्यचर्मीय जनद और प्रायः निवही व्यवस्था इनके अन्य लक्षण हैं।
  • Hymenoptera -- हाइमेनोप्टेरा
इस गण के कीटों मे दो जोड़ी झिल्लीमय पंख, शिराविन्यास प्राय: लघुकृत; अग्र-पंखो की अपेक्षा पश्चपंख छोटे ओर अकुंशिकाओ (hooklets) द्वारा अग्रपंखो से अंत:बंद्ध (interlocked) होते है। मुखांग मुख्यत: आदंश और कभी-कभी लेहन (lapping) और चूषण के लिए भी अनुकूलित; उदर सामान्यत: आधारी रूप से संकीर्णीत (constricted) और इसका पहला खंड पश्चवक्ष से संयुक्त होता है। अंडनिरपेक्ष हमेशा होता है और क्रकचन (sawing), वेधन या दंशन(stinging) के लिये प्रयुक्त होता है; डिंभक आमतौर पर अपादी और लगभग सुपरिवर्धित सिर वाला; कोशित अबद्ध और समान्यतया कोया भी होता है । उदा. चींटी, मक्षिका,बर्र आदि ।
  • Hyoid apparatus -- कंठिका उपकरण
अधिकांश कशेरुकियो मे जीभ ओर उससे संबंधित पेशियो को सहारा देने वाली अस्थि या उपास्थि जो भ्रूण के दूसरे या तीसरे अंतरंग चाप से परिवर्धित होती है ।
  • Hyoid -- कंठिका, हाइऑइड
1. जिह्वा के आधार पर स्थित तथा भ्रूण की कंठिका-चाप से परिवर्धित अस्थि या अस्थि श्रृंखला के लिए प्रयुक्त।
2.कुछ कीटों मे ग्रसनी को बाहर से चारों तरफ घेरने वाला कठक(स्क्रलेराइट)
  • Hypandrium -- पुमधर
मादा कीटों मे पाई जाने वाली आठवीं उरोस्थि (sternum)।यदि आठवीं उरोस्थि छोटी या न हो तो सातवीं उरोस्थि को ही पुमधर कहा जाता है।नरों मे प्राय: नौवीं उदरीय उरोस्थि,जो जनन कक्ष तक बढ़ी होती है ।
  • Hyper metamorphosis -- अतिकायांतरण
एक ऐसी दशा, जिसमें कीट अपने परिवर्धन के दौरान दो या अधिक स्पष्टतः भिन्न डिंभक इन्स्टारों से होकर गुजरता है। इस परिघटना के समय डिंभकीय जीवन में नियमित रुप से विशेष परिवर्तन देखे जाते हैं।
  • Hyperchromic effect -- अतिवर्णकीय प्रभाव
विरज्जुकित डी.एन.ए. द्वारा पराबैंगनी विकिरणों का अधिक मात्रा में शोषण। ऐसा विलयन में विकृतीकृत न्यूक्लीक अम्ल के क्षारक युग्मों के बीच हाइड्रोजन आबंध न होने के कारण होता है। डी.एन.ए. के एकल रज्जुकों का प्रकाशिक घनत्व अधिर होने से उनकी अपारदर्शिता बढ़ जाती है।
  • Hyperparasite -- परात्परजीवी
किसी दूसरे परजीवी के शरीर पर बाहर या शरीर के अंदर रहने वाला परजीवी।
  • Hypersensitivity -- अतिसंवेदनशीलता
रोगजनकों के प्रति पादप ऊतकों की चरम संवेदनशीलता।
  • Hypersenstive resistance -- अतिसंवेदी प्रतिरोध
आक्रमण कारक की द्रुत अनुक्रिया से ग्रस्त ऊतक की असामयिक मृत्यु (ऊतक क्षय), जिसमें कारक निष्क्रिय तथा स्थानबद्ध हो जाता है।
  • Hyperthyroidism -- अवटुअतिक्रियता
अवटु ग्रंथि का अधिक सक्रिय हो जाना या सक्रियता से उत्पन्न असामान्य अवस्था, जिसमें उपापचय दर में वृद्धि, उच्च रक्त चाप आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।
  • Hypertonic -- अतिपरासारी
ऐसा विलेय जिसकी सांद्रता प्राणि-देह-द्रव्य या परिवेशी माध्यम की सांद्रता से अधिक हो।
  • Hypertrophy -- अतिवृद्धि
किसी अंग या ऊतक के आकार में असाधारण वृद्धि।
  • Hypha -- तंतु
धागे-जैसे रज्जुक या तंतु, जो कवकजाल की एक संरचनात्मक इकाई बनाते हैं।
  • Hypodermal glands -- अधश्चर्म-ग्रंथि
अधश्चर्म या अधश्चर्मी रज्जु से संबद्ध ग्रंथियाँ।
  • Hypodermis -- अधश्चर्म
उपत्वचा (क्यूटिकल) के नीचे एक पतली संकोशिकीय परत।
  • Hypoglossal nerve -- अधोजिह्वा तंत्रिका
सरीसृपों, पक्षियों तथा स्तनियों में बारहवीं तथा अंतिम युग्मित कपाल-तंत्रिका, जो जीभ की पेशियों तथा हायड उपकरण को चेतना प्रदान करती है।
  • Hypognathous -- अधरहनु
1. ऊपरी जबड़े की अपेक्षा निचले जबड़े का कुछ अधिक लंबा।
2. कुछ कीटों में अधर तल की ओर उन्मुख होना (मुखांग)।
  • Hypomere -- अधोखंड
शिश्नाधार का अधर प्रवर्ध।
  • Hypopharynx -- अधोग्रसनी
शिर के चर्वक क्षेत्र के अंतर्गत अधर भित्ति की मध्य-मुखपश्चीय पालि, जो अधरोष्ठ के आगे की ओर होती है। मच्छर आदि रक्तचूषी कीटों में यह संरचना काफी लंबी और शुंड का एक भाग होती है जिसमें होकर लार बहती है।
  • Hypophysis -- हाइपोफिसिस, पीयूषिका
कशेरुकियों में मस्तिष्क के अधर तल और मुख के ऊपर सतह के बीच स्थित वाहिनीहीन ग्रंथि, जिसे पीयूष काय (पिट्यूटरी बॉडी) भी कहते हैं।
  • Hypoplasia -- अल्प वृद्धि
कोशिका विभाजन की कमी के कारण ऊतकों की वृद्धि में कमी।
  • Hypostoma -- अधोरंध्र
सामान्यतया चिबुक के पश्च भाग में उपकपाल के सीमांत का भाग, जो कभी-कभी अधोरंध्र पट्टीका के रुप में मध्य की ओर या सिर की अधर भित्ति में अधोरंध्र सेतु के रुप में विस्तारित होता है।
  • Hypostoma(hypostome) -- अधोरंध्र, हाइपोस्टोम
1. कीटों के मुख के ऊपर चेहरे का निचला अग्र भाग
2. क्रस्टेशिया प्राणियों में मुख रंध्र के पश्च किनारे को बनाने वाला वलन।
3. मुख के नीचे या ठीक पीछे स्थित कोई संरचना, जैसे, हाइड्रा का मुख-शंकु।
  • Hypothalamus -- हाइपोथैलेमस, अधश्चेतक
कशेरुकियों के मस्तिष्क में डाएन्सेफलन का निचला भाग, जो चेतक (थैलेमस) के नीचे रहता है और तृतीय निलय का आधार बनाता है।
  • Hypotonic -- अल्पपरासारी
जिसकी देह-द्रव्य की सांद्रता परिवेशी माध्यम से कम हो।
  • Ichthylogy -- मत्स्यविज्ञान
मछलियों के अध्ययन से संबंधित प्राणिविज्ञान की शाखा।
  • Identical twins -- अभिन्न यमज
एक साथ जन्म लेने वाले दो बच्चे, जो मादा के शरीर में एक ही निषेचित अंडे के विभाजित होने के फलस्वरुप परिवर्धित होते हैं। सामान्य (द्विअंडज) यमज के विपरीत इनके आकार, रुप-रंग आदि में काफी समानता पाई जाती है।
  • Identification -- पहचान, अभिनिर्धारण
व्यष्टियों को पहले से स्थापित विभिन्न वर्गों अथवा (टेक्सॉनों) में रखना।
  • Idiogram -- विशिष्ट आरेख
गुणसूत्रीय पूरक का आरेखीय प्रस्तुतीकरण।
  • Idiotype -- विशिष्ट प्ररुप
प्रतिरक्षी अणुओंकी लघु श्रृंखला और दीर्घ श्रृंखला और दीर्घ श्रृंखला के परिवर्ती प्रक्षेत्रों में उपस्थित सामूहिक प्रतिजनी निर्धारक।
  • Ileum -- क्षुद्रांत्र, इलियम
कशेरुकियों में छोटी आंत के बीच का भाग (अर्थात जेजूनम) और बड़ी आंत के बीच का भाग ।
  • Ilium -- इलियम (अस्थि), श्रोणि-अस्थि
श्रोणि-मेखला की अग्र पृष्ठीय हड्डी, जो चतुष्पादों में जघनास्थि(प्यूबिस) तथा आसनास्थि (ischium) से और त्रिक (सैक्रल) कशेरुक के अनुप्रस्थ प्रवर्ध से जुड़ी रहती है।
  • Imaginal discs -- पूर्णक डिस्क
पूर्णरुपांतरणीय कीटों के डिम्भकों में बाह्यत्वचा का स्थूलन जिनमें अविभेदित कोशिकाओं के समूह होते हैं। इन कोशिकाओं से बाह्यत्वचा और उसके नीचे मध्योतक के अंतर्वलित एकल स्तर बनते हैं और कायांतरण के बाद वयस्क अंग और उपांग बनते हैं।
  • Imago -- पूर्णक (पूर्णकीट)
कीटों के कायांतरण की अंतिम या वयस्क अवस्था, जिसमें कीट लैंगिक दृष्टि से परिपक्व हो जाता है।
  • Immature stage -- अपक्व अवस्था
कायांतरण अवधि में कीट की मध्यवर्ती अवस्थाएं, जो लैंगिक रुप में परिवर्धित नहीं होती।
  • Immature -- अपरिपक्व
जिसका लैंगिक विकास पूरा न हुआ हो।
  • Imminent hazard -- आसन्न संकट
पीड़कनाशी के निरंतर प्रयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से उत्पन्न खतरे की परिस्थिति।
  • Immune electrophoresis -- प्रतिरक्षा विद्धित् कण संचलन
विद्धुत् कण संचलन और जेल विसरण की संयुक्त तकनीक, जिसके द्वारा किसी सीरम के प्रतिजन-घटकों का वियोजन और विभिन्न प्रोटीनों का पृथक्करण किया जाता है।
  • Immune cytolysis -- प्रतिरक्षा कोशिकालयन
1. कोशिका-आविषी टी. लसीकाणुओं अथवा अन्य कोशिका-आविषी कोशिकाओं (जैसे एन.के. कोशिकाओं) द्वारा लक्ष्म-कोशिकाओं का लयन।
2. पूरक की उपस्थिति में प्रतिरक्षी द्वारा सुग्राहीकृत कोशिकाओं का लयन।
  • Immune -- प्रतिरक्षित
ऐसे जीव जिनमें रोग, अथवा संक्रमण या किसी दूसरे पीड़कों के प्रति पूर्ण निरोध क्षमता है।
  • Immunity -- प्रतिरक्षा
सामान्यतः जीवों में संक्रमण का प्रतिरोध करने की क्षमता। विभोजियों के संदर्भ में प्राग्विभोजी द्वारा कोशिका में उसी प्ररुप के दूसरे विभोजी के संक्रमण को रोकने की क्षमता। यह प्राग्विभोजी संजीन द्वारा विभोजी दमनकर के संश्लेषण का परिणाम है।ट्रान्सपोसोनों के अंतरण को रोकने की क्षमता अथवा किसी संक्रमण कारक के प्रति व्यष्टि अथवा समष्टि की बढ़ती हुई प्रतिरोध क्षमता।
  • Immunization -- प्रतिरक्षण
प्रतिजन प्रवेशन का वह प्रक्रम जिसके द्वारा परपोषी में रोग विशेष के प्रति, रोधक्षमता उत्पन्न होती है। (दे. Active immunization और passive immunization)
  • Immunodeficiency -- प्रतिरक्षा न्यूनता
तरल प्रतिरक्षा अथवा कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा में कमी होना।
  • Immunodominance -- प्रतिरक्षा प्रभाविता
प्रतिरक्षाजन अणु में उसके एक विशिष्ट अवयव की ऐसी क्षमता जिसके द्वारा (1) किसी प्रतिरक्षा अनुक्रिया में उच्चतम अनुमाप के प्रतिरक्षी उत्पन्न हो सकें तथा (2) किसी बहुसंयोजी प्रतिसीरम से उसी अणु के किसी अन्य अवयव की तुलना में अधिक प्रतिरक्षी जोड़ का आबंधन हो सके।
  • Immunogen -- प्रतिरक्षाजन
प्रोटीन या ग्लाइकोप्रोटीन जैसा पदार्थ जो शरीर में प्रवेश करने पर प्रतिरक्षा अनुक्रिया उत्पन्न करता है। सभी प्रतिरक्षाजन प्रतिजन होते हैं, किंतु प्रत्येक प्रतिजन का प्रतिरक्षाजन होना जरुरी नहीं है।
  • Immunoglobulin(Ig) -- इमुनोग्लोबुलीन (आई.जी)
प्रतिजनों का एक प्रकार।
  • Immunological memory -- प्रतिरक्षात्मक स्मृति
प्रतिरक्षात्मक तंत्र में प्रतिजन में प्रथम प्रभावन की अपेक्षा परवर्ती प्रभावन के प्रति अधिक शीघ्रता और प्रबलता से अनुक्रिया दिखा सकने की क्षमता।
  • Immunological tolerance -- प्रतिरक्षात्मक सह्यता
प्रणियों में किसी विशिष्ट प्रतिजन के प्रति तरल-अथवा कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा उत्पन्न करने की असमर्थता जबकि अन्य प्रतिजनों के प्रति वे अनुक्रिया के लिए सामान्यतः समर्थ होते हैं।
  • Immunological competance -- प्रतिरक्षात्मक सामर्थ्य
प्रतिरक्षा अनुक्रिया उत्पन्न करने की क्षमता।
  • Immunological reaction -- प्रतिरक्षात्मक अभिक्रिया
किसी प्रतिरक्षी में प्रभावित लसीकाणुओं के साथ पात्रे संयोजन से अथवा प्रभावित लसीकाणुओं की प्रतिजन के साथ अनुक्रिया से उत्पन्न उत्परिवर्तन जिसे मापा जा सके।
  • Imprinting -- अध्यंकन
जल्दी सीखने या पहचानने की एक प्रक्रिया, जिससे किसी नवजात पक्षी अथवा स्तनी या अंडों से निकलने या पैदा होने के बाद कुछ घंटों में ही माता-पिता या आसपास के किसी पदार्थ आदि से लगाव हो जाता है।
  • Impulse -- आवेग
तंत्रिका-कोशिकाओं में संचारित वैद्युत रासायनिक आवेग, जो पेशियों, ग्रंथियों तथा अन्य तंत्रिका-कोशिकाओं को उत्तेजित करता है।
  • Inbred line -- अंतःप्रजात क्रम
परपरागित पादपों में अंतःप्रजनन तथा चयन द्वारा उत्पादित एक समयुग्मजी क्रम।
  • Inbreeding -- अंतःप्रजनन
आनुवंशिकतया संबद्ध व्यष्टियों का संगमन। (दे.breeding)
  • Incidence -- आपतन
परपोषी पर किसी जीव की उपस्थिति का परिणाम और उसके प्रभावों की सीमा।
  • Incidental pest -- आकस्मिक पीड़क
निरंतर विद्यमान लेकिन कभी-कभी क्षति पहूँचाने वाला पीड़क।
  • Incisor -- कृंतक
स्तनियों के मुँह में सामने वाले छेनी-जैसे दांत, जो काटने के काम आते हैं।
  • Inclusion(poly hedron) insect control viruses -- अंतर्विष्ट पिंड-कीट नियंत्रण विषाणु
वह संरचना, जिसमें कई विषाणु कण प्रोटीन मैट्रिकस में अंतःस्थापित होते हैं। इनका निर्माण विशेष विषाणुओं से संक्रमित कोशिकाओं में होता है।
  • Incomplete dominance -- अपूर्ण प्रभाविता
वह स्थिति जिसमें विषम युम्मजों का लक्षण दो समयुग्मजों के मध्यवर्ती हो।
  • Incubation period -- ऊष्मायन-अवधि
1. संक्रमण होने और रोग के प्रथम लक्षण दिखाई देने के बीच का समय।
2. किसी माध्यम से सूक्ष्मजीवों की प्रविष्टि के बाद वृद्धि और उनके प्रदर्शित होने का समय।
  • Incubation period -- प्रकटन/उद्भवन अवधि
1. पक्षियों, सरीसृपों आदि में अंडे देने और अंडों के स्फुटन (hatching) से बच्चे उत्पन्न होने के बीच की अवधि।
2. संक्रमण होने और प्रथम लक्षण दिखाई देने के बीच का समय।
  • Incurrent -- अंतर्वाही
ऐसी नलिकाओं या संरचनाओं के लिए प्रयुक्त, जिनमें जल की धारा बाहर से अंदर की तरफ है; जैसे स्पंजों तथा कुछ मोलस्कों में। तु. Excurrent बहिर्वाही।
  • Incus -- इन्कस, स्थूण
स्तनियों के कर्ण की तीन श्रवण-अस्थिकाओं में से एक, जो अन्य कशेरुकियों में पाई जाने वाली क्वाड्रेट के समरुप होती है।
  • Indicator plant -- सूचक पादप
एक अ-फसलीय पादप अथवा एकांतर परपोषी पादप, जो मुख्यतया सहनशील होता है तथा जिसे फसलीय पादपों के बीच लगा देते हैं जिससे कि पीड़क की पहचान जल्दी है सके ।
  • Indicator -- सूचक
वह पदार्थ जिसका रंग परिस्थितियों के परिविर्तन के अनुसार बदलता है। उदा. pH मान जो अम्लीयता और क्षारीयता में हुए परिवर्तनों को दिखलाते हैं।
  • Indigenous -- देशिज, देशी
विशेष-क्षेत्रीय; किसी प्रदेश में प्राकृतिक रुप से मिलने वाले पादप या प्राणी।
  • Indirect end labelling -- अप्रत्यक्ष अंत्य लेबलन
डी.एन.ए. के एक विशिष्ट स्थान पर काट देकर और काट के एक तरफ संलग्न अनुक्रम वाले सभी टुकड़ों को पृथक् कर डी.एन.ए. संगठन के जांच की तकनीकी।
  • Individual variation -- व्याष्टिगत विभिन्नता
किसी समष्टि के व्यष्टियों में पाई जाने वाली विभिन्नता।
  • Induced enzyme -- प्रेरित प्रकिण्व
दे. adaptive enzyme
  • Induced mutation -- प्रेरित उत्परिवर्तन
सहज रुप से प्रकृति में होने वाले उत्परिवर्तनों के विपरीत, उत्परिवर्तनजन के प्रभाव से होने वाले उत्परिवर्तन।
  • Inducer (gene inducer) -- प्रेरक (जीन प्ररक)
नियामक प्रोटीन से आबंदन कर जीन अभिव्यक्ति को बढ़ाने वाला (अणु)
  • Infection -- संक्रमण
पोषी में किसी परजीवी की स्थापना।
  • Infective larva -- संक्रामक डिंभक (लार्वा)
परजीवी के जीवन-चक्र की वह अवस्था, जब वह परपोषी के ऊतक के अंदर जाकर उसे संक्रामित करने में सक्षम होता है।
  • Infestation -- ग्रसन किसी पीड़क द्वारा दूसर जीव को क्षति पहूँचाना।
  • Inflammation -- शोथ ऊतक-क्षति के बाद होने वाले कोशिकीय और रक्तवाहिनीय परिवर्तन। शोथ के लक्षण हैं – उस स्थान का गर्म होना, लाल हो जाना, पीड़ा और सूजन।
  • Infochemical -- सूचन रसायन
वह रसायन, जो दो व्यष्टियों के बीच एक पारस्परिक क्रिया की सूचना का संवाहक है। इसके फलस्वरुप अभिग्राही में व्यवहारात्मक अथवा शरीरक्रियात्मक अनुक्रिया उत्पन्न होती है। यह “सेमियो” रसायनों (व्यवहार परिवर्तन करने वाले रसायन) का संवर्ग है।
  • Infundibulum -- कीपक, इंफन्डीबुलम
कीप से मिलती-जुलती आकृति की संरचना, जो कशेरुकी भ्रूण में अग्रमस्तिकपश्च (डाइएनसेफलॉन) के तल से निकलती है और बढ़ कर पीयूष काय (पिट्यूटरी बॉडी) का भाग बन जाती है ।
  • Ingestion -- अंतर्ग्रहण
मुख के द्वारा शरीर के अंदर भोजन ले जाने की क्रिया।
  • Inhalation toxicity -- अंतःशवसन आविषालुता
श्वसन-तंत्र के माध्यम से आविषालु होने की क्रिया।
  • Inheritance -- वंशागति
जनकों या माता-पिता से संतान में जननिक लक्षणों या गुणों का पहुंचना।
  • Inhibition system -- संदमन तंत्र
कीटों में उपांगों की पेशियों के नियमन में लगे तंत्रका तंत्र को नियंत्रित करने की क्रियाविधि। मस्तिष्क अथवा अधोग्रसिका गुच्छिका से उत्पन्न अथवा दोनों से उत्पन्न आवेग अंतर्जात रुप से कार्य कर पाद-पेशियों का एकांतर संकुचन और शिथिलीकरण आरंभ कर देता है, जैसे कि, जब आकोचनी पेशियां (flexor muscles) संकुचित होती हैं तो प्रसारिणी पेशियां (extensor muscles) शिथिल हो जाती हैं। यह द्विमार्गी उद्धीपन इन दो पेशियों के समुच्चयों की साथ-साथ क्रिया के लिये स्वत: संगामी होता है जैसे कि अकोचनियों की उत्तेजना और प्रसारिणियों के अवरोधक उद्दीपन जो कि बहुत शक्तिशाली होते हैं। कीटों में यह अवरोधक क्रिया संदमन कहलाती है।
  • Inhibitor -- संदमक
वह कारक जो सामान्य गतिविधि को रोकता है अथवा रोकने के लिए प्रयुक्त होता है।
  • Innate immunity -- सहज प्रतिरक्षा
प्रतिरक्षा जो अर्जित न होकर जातियों के लिए वंशानुगत होती है।
  • Inoculation access threshold -- संरोपण अभिगम सीमा
स्वस्थ पादप में विषाणु संरोपण करने के लिए विषाणुधर सूत्रकृमि द्वारा लिया गया समय।
  • Inoculation -- संरोपण, निवेशन
संवर्ध माध्यम या परपोषी में सूक्ष्मजीव का प्रवेशन अथवा स्थानांतरण।
  • Inoculative release -- निवेशी मोचन
अल्पकालीन अवधि में कम संख्या में परजीवियों का मोचन, जो बाद में प्रभावी स्तर तक पहुंच जाता है।
  • Inoculum level -- संरोप स्तर
संरोपण में प्रयुक्त व्यष्टियों की संख्या।
  • Inoculum -- संरोप
संक्रामित करने के लिए प्रयुक्त कोई जीवांश।
  • Insect control -- कीट नियंत्रण
हानिकारक कीट समष्टि की रोकथाम।
  • Insect growth regulators (IGR) -- कीट वृद्धि नियामक (आई.जी.आर)
कीटों में वृद्धि और कायांतरण के नियंत्रण से संबद्ध प्राकृतिक और कृत्रिम रासायनिक यौगिक की ऐसी सामान्य श्रेणी, जो किशोर हार्मोनों अथवा अन्य शरीर-क्रियात्मक क्रियाओं का संदमन करती है जिससे कीट अपना सामान्य परिवर्धन चक्र पूरा नहीं कर पाता।
  • Plumes -- क्षेत्र कीट गंध पिच्छक
मादा शलभों द्वारा उत्पन्न सेक्स फीरोमीनों के गंधअणु वायु की दिशा में गंध परिधि बनाते हैं जो विस्तृत क्षेत्र में फैल जाती है।उसी जाति के नर शलभ इस गंध-परिधि के सम्पर्फ में आने पर इसकी ओर बढ़ते हैं जिससे कि मादा से संगम कर सकें।
  • Insect pest spectrum -- कीट पीड़क परास-क्रम
किसी विशेष फसल पर आक्रमण करने वाले नाशक कीटों का संपूर्ण परास। इसके अंतर्गत मुख्य और गौण कीट आते हैं।
  • Insect rearing management -- कीटपालन प्रबंधन
अनुसंधान आवश्यकताओं की पूर्ति मानक गुणता वाले कीटों के उत्पादन के लिए संसाधनों का कुशल उपयोग।
  • Insect -- कीट
षट्पाद; ये कीट इनसेक्टा वर्ग और आर्थ्रापोडा संघ (phylum) के अंतर्गत आते हैं। शरीर खंडीकृत होकर तीन भागों-सिर, वक्ष और उदर में बंटा होता है। शरीर क्यूटिकल से ढका होता है। सिर पर एक जोड़ी श्रृंगिका और मुखांग होते हैं जो एक जोड़ी जंभिका (कभी-कभी रुपांतरित) से बने हैं। वयस्कों में वक्षीय प्रदेश में तीन जोड़ी संधित पाद, दो जोड़ी पंख (कभी-कभी एक जोड़ी अथवा अनुपस्थित) तथा उदर के पिछले सिरे पर जनन-छिद्र होता है। वृद्धि कायांतरण द्वारा होती है।
  • Insecta -- इन्सेक्टा (कीटवर्ग)
प्राणि जगत का सबसे बड़ा तथा आर्थ्रापोडा संघ का एक महत्वपूर्ण वर्ग, जिसमें तिलचट्टा, मक्खी, टिड्डी, दीमक, तितली आदि अनेक प्रकार के संधिपाद प्राणी आते हैं। शरीर का तीन भागों (सिर, त्रिखंडी वक्ष और उदर) में बंटा होना, सिर में दो संयुक्त नेत्र और एक जोड़ी श्रृंगिकाएं, वक्ष में तीन जोड़ी टांगें और प्रायः दो जोड़ी पंख, वातिका (श्वास-नलियों) द्वारा श्वसन और जीवन-चक्र में जटिल कायांतरण इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Insectary -- कीटशाला
कीटविज्ञान के विभिन्न पक्षों का अध्ययन करने के लिए कीटों के पालन और प्रजनन का स्थान।
  • Insecticide -- कीटनाशी
रासायनिक पदार्थ या पदार्थों का मिश्रण, जिसका उपयोग हानिकारक कीटों को रोकने या नष्ट करने के लिए किया जाता है।
  • Insectivora -- इन्सेक्टीवोरा
छोटे आकार के कीटभक्षी अपरायुक्त स्तनियों का एक गण, जिसमें छछूंदर, झाऊ मूसा आदि आते हैं। ये प्रायः स्थलीय और रात्रिचर होते हैं और इनके अविभेदित दांत लगभग समान और शंकुरुपी होते हैं।
  • Insectivorous -- कीटभक्षी
कोटों का भक्षण करने वाले प्राणि अथवा पादप।
  • Insectorium -- कीटालय
प्रयोगशाला, जिसमें भविष्य मे अध्ययन करने के प्रयोजन से बड़ी संख्या में कीटों का प्रजनन किया जाता है और उन्हें पाला जाता है।
  • Insemination -- वीर्यसेचन
अंडाणु के निषेचन के उद्धेश्य से मैथुन या किसी कृत्रिम विधि से शुक्राणुओं का मादा जनन-पथ में प्रवेश या अंडाणु के आस-पास पहुंचना।
  • Insert -- निवेश
संवाहक अणु के साथ जुड़ा विजातीय ड़ी.एन.ए. का खंड।
  • Instar -- इंस्टार, निरुप (निर्मोक रुप)
कीटों में लार्वा-परिवर्धन के दौरान दो निर्माकों (मोल्ट या एक्डाइसिस) के बीच की अवस्था।
  • Instinct -- वृत्ति, नैसर्गिक वृत्ति, सहज वृत्ति
कुच उद्दीपनों के प्रति अनुक्रिया के फलस्वरुप एक साथ होने वाले सहज उत्तरोत्तर प्रतिवर्त।
  • Integrated control -- एकीकृत नियंत्रण, समाकलित नियंत्रण
कीट संख्या को आर्थिक क्षतिस्तर से नीचे रखने के लिए परिस्थितिकी पर आधारित कीट-नियंत्रण की एक पद्धति जिसमें कीट-नियंत्रण की अनेक संगत तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
  • Integrated pest management -- एकीकृत पीड़क प्रबंधन, समाकलित पीड़क प्रबंधन
पर्यावरण और पीड़कों की समष्टि गतिकी (population dynamics) का ध्यान रखते हुये प्रयुक्त किया जाने वाला पीड़क प्रबंधन, जिसमें सभी उपयुक्त तकनीकों और विधियों का यथासंभव सुसंगत ढंग से उपयोग करके पीड़कों की संख्या को अर्थिक क्षति स्तर से नीचे रखते हैं।
  • Integument -- अध्यावरण
शरीर का बाहरी आवरण।
  • Intercellular -- अंतराकोशिक
दो या अधिक कोशिकाओं के बीच का, वहां स्थित या उससे संबंधित; जैसे अंतराकोशिक तरल, अंतराकोशिक अवकाश आदि।
  • Interference -- अंतरक्षेप
किसी विनिमय का ऐसा प्रभाव जिससे इसके समीप दूसरे विनिमय के घटित होने की प्राथमिकता बढ़ अथवा घट जाती है।
  • Interferon -- इन्टरफेरॉन
किसी कोशिका अथवा कोशिका समूह में विषाण्वीय संक्रमण से उत्पन्न प्रोटीनों का वह समूह जो अन्य कोशिकाओं में हो सकने वाले उसी संक्रमण को रोकता है।
  • Intermediate host -- मध्यस्थ परपोषी
ऐसा परपोषी जिसमें जीवन-चक्र की अलिंगी अवस्थाएँ विद्यमान रहती हैं।
  • International code of zoological nomenclature -- अंतरराष्ट्रीय प्राणिविज्ञानीय नामकरण संहिता
प्राणिविज्ञान संबंधी नाम पद्धति का समुच्चय।
  • Internuncial neuron -- संदेश तंत्रिओन
अभिवाही और अपवाही तंत्रिओनों के बीच स्थित तंत्रिओन।
  • Interoceptor -- आंतरग्राही
ऐसे संवेदी अंग या ग्राही, जो प्राणि-शरीर के अंदर उत्पन्न पीड़ा आदि उद्दीपनों को ग्रहण करते हैं। उदा. आंत्र तथा श्वसन-अंगों में स्थित ग्राही।
  • Interphase -- अंतरावस्था
कोशिका-विभाजन में एक समसूत्रण (माइटोसिस) के समाप्त होने के बाद और दूसरे समसूत्रण के प्रारंभ होने के पहले की अवस्था।
  • Intersegmental membrane -- अंतराखंडीय झिल्ली
दो द्वितीयक खंडों के बीच की लचीली झिल्ली, जो सासान्यतः प्राथमिक खंड का अदृढ़ीकृत पश्च भाग होती है।
  • Inter-sex -- मध्यलिंगी
व्यष्टि जिसमें नर और मादा के मिले-जुले संलक्षण मिलते हों और जो नर या मादा में से किसी एक का कार्य करता हो या दोनों में से किसी का कार्य न करता हो।
  • Interspecific interaction -- अंतराजतीय पारस्परिक क्रिया
दो या दो से अधिक जातियों के बीच परस्पर क्रिया।
  • Interspecific competition -- अंतराजातीय स्पर्धा
दो या दो से अधिक जातियों के बीच स्पर्धा।
  • Intersternite -- अंतराधरकांश
कीट आदि संधिपादों (आर्थ्रोपोड़ों) में अधर दिशा में अंतराखंडीय दृढ़ीकरण।
  • Intervalvulae -- अंतरप्रकठक
द्वितीय कपाटधरों के बीच में नवें उदरीय खंड के उदरक में स्थित अधरीय कठक।
  • Interstine -- आंत्र
बाह्य त्वचा से उत्पन्न आहार नाल का वह भाग जो ग्रसनी और मलाशय के बीच होता है।
  • Intima -- आंतरिका
किसी अंग की आंतरिक परत, जैसे लसीका, रुधिर-वाहिका, आंत अथवा धमनी की आंतरिक परत आदि।
  • Intracellular digestion -- अंतःकोशिकी पाचन
आंत्र या पाचन-तंत्र की नलिकाकर अवकाशिका में न होकर कोशिका के ही भीतर अंतर्गृहीत भोजन की पाचन-क्रिया।
  • Intracellular -- अंतःकोशिकी, आंतरकोशिक
कोशिका के अंदर स्थित पदार्थों या वहां होने वाली क्रियोओं के लिए प्रयुक्त।
  • Intraspecific category -- आंतरजातीय कोटि
एक ही जातीय स्तर में पाई जाने वाली विभिन्न वर्गिकीय उपजातियाँ।
  • Intraspecific interaction -- आंतरजातीय पारस्परिक क्रिया
एक ही जाति में आपसी क्रियाएँ ।
  • Intraspecific competition -- आंतरजातीय स्पर्धा
एक ही जाति के व्यष्टियों में पारस्परिक स्पर्धा।
  • Intron (intervening sequence) -- अव्यक्तेक, इन्ट्रॉन
डी.एन.ए. में या उसके प्रारंभिक अनुलेख (ट्रांसक्रिप्ट) में पाये जाने वाले ऐसे मध्यवर्ती अकूटनी अनुक्रम जो आर.एन.ए. प्रक्रमण के दौरान अनुलेख में से कट कर अलग हो जाते हैं। ये अनुक्रम परिपक्व दूत आर.एन.ए (एम.आर.एम.ए.) का अंग न बन पाने के कारण ऐमीनों अम्ल-संश्लेषण के लिए अनावश्यक होते हैं।
  • Inundative release -- आप्लावी मोचन
जैव-कारकों के आवर्ती प्रवेशन की वह पद्धति, जो कीटनाशी उपचार के सदृश होती है।
  • Invagination -- अंतर्वलन
किसी एक भाग का मुड़ कर भीतर को चला जाना, विशेष रुप से कोरक (ब्लास्टुला) से कंदुक (गैसेट्रुला) बनते समय कोशिकाओं के एक स्तर का गुहा के अंदर मुड़ जाना।
  • Invertase -- इनवर्टेज
वह प्रकिण्व जो जलअपघटन द्वारा सुक्रोस को ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस (फल शर्करा) में बदल देता है।
  • Involution of the embryo -- भ्रूण-अंतर्वलन
अंडे में भ्रूण के अंतर्वेशन के बाद उसका परिक्रमण (revolution) तथा अंततः अंडे में उसकी स्थिति का उत्क्रमण (reversal)।
  • Iridescent virus -- रंगदीप्त विषाणु
कीट का एक अन्-अधिविष्ट विषाणु, जिसके विशिष्ट अभिलक्षण उसके ऐसे आकर्षक प्रकाशिक गुणधर्म हैं जो ब्रैग परावर्तन से उत्पन्न होते हैं और विषाणु कणों की शोधित प्रपट्टिकाओं को दूधिया रुप देते हैं।
  • Isoenzyme -- सम प्रकिण्व
उन विभिन्न संरचनाओं वाले प्रकिण्वों के समूह का एक प्रकिण्व जिसके उत्प्रेरक गुणधर्म, समान अथवा लगभग समान होते हैं। इसे आइसोजाइम भी कहते हैं।
  • Isogenic -- समजीनी
अभिन्न जीन समुच्चय वाला।
  • Isolecithal -- समानपीतकी
ऐसे अंडों के लिए प्रयुक्त, जिनमें पीतक की कणिकाएं अंडे के कोशिकाद्रव्य में चारों ओर लगभग बराबर मात्रा में फैली रहती हैं।
  • Isoptera -- आइसोप्टेरा
अनेक अपंखी, बंध्य सैनिकों सहित जनन-रुपों से गठित बड़े-बड़े समूहों में रहने वाले सामाजिक और बहुरुपी (polymorphic) कीट। मुखांग प्ररुपी आदंशी; जीभिका 4 पालिक। यह सामाजिक कीटों का एक गण है जिसमें दीमकें आती हैं। सामाजिक कीटों का क गण है जिसमें दीमकें आती हैं। सामाजिक व्यवस्था के अनुसार कीट एक बड़ी कॉलोनी (निवह) में रहते हैं। कॉलोनी के सदस्य सामान्यतः बंध्य श्रमिक एवं सैनिक तथा जननिक राजा और रानी होते हैं।
  • Isotonic -- समपरासारी
कोशिका के परासरण दबाव के सामन परासरण दबाव वाला।
  • Jejunum -- जेजुनम, अग्रक्षुद्रांत्र
कुछ स्तनियों में ग्रहणी तथा क्षुद्रांत्र (इलियम) के बीच स्थित छोटी आंत का भाग। इस प्रमुख अवशोषण-क्षेत्र का व्यास अपेक्षाकृत बड़ा होता है और इसके अंकुर (विलस) भी बड़े होते हैं।
  • Jet agitator -- जेट विलोड़क
दाब से प्रवाहित होने वाले पानी के कारण टैंक के मिश्रण में निलंबन को नीचे बैठने से रोकने वाली युक्ति।
  • Johnston’s organ -- जौन्स्टन अंग
श्रृंगिका में उपस्थित अत्यधिक विशिष्टीकृत ध्वनिग्राही अंग। यह अधिकतर पंखयुक्त कीटों के दूसरे श्रृंगिक खंड में स्थित होता है और इसमें अरीय रुप में स्थित अनेक संवेदिकाएँ (sensillae) होती हैं।
  • Jugal (bone) -- जुगल, गंडिका
कशेरुकियों में करोटि की युग्मित वेष्टनास्थि, जो नेत्रकोटर के अग्र किनारे पर स्थित होती है।
  • Juglone -- जुगलोन
क्विनोन से मिलता-जुलता एक भूरे लाल रंग का क्रिस्टलीय पदार्थ (C10H4O2), जो अखरोट से प्राप्त किया जाता है। यह कैरोमोन की तरह कार्य करता है। यह पदार्थ पौधों को कीटों के प्रति प्रतिरोधी बना देता है।
  • Junior homonym -- कनिष्ठ समनाम
एक ही अथवा भिन्न वर्गकों (टेक्सॉनों) के लिए दो या अधिक सर्वसम नामों की वर्तमान संकल्पना।
  • Junior synonym -- कनिष्ठ सहनाम
एक ही वर्गक के लिए दो या अधिक उपलब्ध समानार्थक शब्दों की वर्तमान संकल्पना।
  • Jurassic period -- जुरेसिक कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में मेसोज़ोइक महाकल्प का एक खंड, जिसमें ट्राइएसिक और क्रिटेशस के बीच 15 करोड़ वर्ष से लेकर साढ़े बारह करोड़ वर्ष पूर्व तक का समय आता है। इसे महान सरीसृपों का युग कहते हैं।
  • Juvenile hormone -- किशोर हॉर्मोन
कीटों में कॉर्पोरा एलाटा (corpora allata) द्वारा उत्पादित तीन प्रमुख कीट-परिवर्धन हॉर्मोनो में एक, जो निर्मोक (moult) के प्ररुप को निर्धारित करता है।
  • Juvenile resistance -- किशोर प्रतिरोध
पादपों की नवोद्भिद्र अवस्था में अभिव्यक्त ऊर्ध्वाधरी प्रतिरोध, जिसे नवोद्भिद्-प्रतिरोध भी कहते हैं।
  • Juvenile -- किशोर
1. ऐसी अवस्था जिसमें युवा प्राणी आकार तथा जननक्षमता को छोड़ कर शेष लक्षणों में अपने वयस्क की तरह होता है।
2. ऐसी अवस्था से संबंधित प्राणी, पक्षति (plumage), हार्मोन आदि।
  • Juvenoid -- किशोराभ
पादप या प्राणियों से उत्पन्न कोई ऐसा प्राकृतिक या संश्लिष्ट रसायन, जो वास्ताविक किशोराभ हॉर्मोन के समान जैविक सक्रियता प्रदर्शित करता हो।
  • Juxtaglomerular cells -- गुच्छासन्न कोशिका
वृक्क में केशिका-गुच्छ की धमनिकाओं के चारों तरफ की कोशिकाएँ।
  • Kairomone -- कैरोमोन
एक रसायन या कई रसायनों का मिश्रण, जो एक जाति से उत्पन्न होकर भिन्न जाति के व्यष्टि में अनुक्रिया उत्पन्न करता है। यह प्राप्त करने वाले के लिए लाभप्रद होता है।
  • Kappa particles -- कप्पा कण
पैरामिशियम के गुणसूत्र बाह्य कण, जो सामान्यतः कोशिका प्रकार्य के लिए आवश्यक नहीं हैं। आजकल इन्हें सहायक अंग अथवा सहजीवी माना जाता है।
  • Karyogamy -- केंद्रक संलयन
युग्मकों के कंद्रकों का पूरी तरह से आपस में मिलना, जैसा कि निषेचन में होता है।
  • Karyokinesis -- केंद्रकभाजन
कोशिका विभाजन के दौरान केंद्रक का विभाजन।
  • Karyotype -- केंद्रक प्ररुप
कोशिकाविभाजन की मध्यावस्था में गुणसूत्रों की संख्या, आकार तथा अकृति के संदर्भ में किसी कोशिका की गुणसूत्रीय संरचना।
  • Keel (carina) -- नौतल
पक्षियों में उरोस्थि के अधर तल से निकली नाव की आकृति वाली हड्डी, जिसके दोनों ओर मजबूत पंख-पेशियां संलग्न रहती हैं।
  • Keratin -- केरेटिन
केश, नख, सींग आदि का प्रमुख घटक। केराटिनों की अनेक अलग अलग किस्में हैं जो जीनों के एक विशाल कुल द्वारा कूटलेखित होती हैं। ये अघुलनशील संरक्षी अथवा संरचनात्मक प्रोटीन हैं जिसकी α- कुंडलिनी अथवा β- रचना वाली समांतर पॉलिपेप्टाइड-श्रृंखलाएँ होती हैं।
  • Key character -- कुंजीय लक्षण
वर्गिकी में वर्गक का वह विशिष्ट लक्षण जो उसकी पहचान का सूचक है।
  • Key factor -- प्रमुख कारक
पर्यावरण के संदर्भ में प्रमुख परिवर्तनशील कारक, जो कीटों के समष्टि घनत्व से निकट रुप से जुड़ा होता है। समष्टि घनत्व में इन परिवर्तनों का कीटों की संख्या की भावी प्रवृत्तियों के पूर्वानुमान के लिए उपयोग करके सतत मॉनीटरन(monitoring) द्वारा मापा जा सकता है।
  • Key pest -- प्रमुख पीड़क
सदैव क्रांतिक रुप में दीर्घस्थायी रहने वाली कीट जाति, जो नियंत्रण पद्धतियों को प्रभावित करती है और जिसका समष्टि घनत्व (population density) मानव हस्तक्षेप के अभाव में आर्थिक क्षति स्तर (economic injury level) को पार कर जाता है।
  • Key -- कुंजी
द्विभाजी युग्मकों के निदानात्मक लक्षणों का वह समुच्चय, जिससे वर्गकों (टैक्सॉनों) की शीघ्र पहचान करने में सहायता मिलती है।
  • Kidney -- वृक्क
कशेरुकियों में उत्सर्जन तथा जल नियमन से संबंधित युग्मित अंग, जिसमें अनेक वृक्क नलिकाएँ, रुधिर वाहिकाएँ और प्रायः बोमैन संपुट भी होते हैं।
  • King cobra -- नागराज
भारत तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ अन्य स्थानों पर पाया जाने वाला बड़े आकार का बहुत ही जहरीला तथा फनवाला साँप।
  • Kingdom -- जगत्
जीवधारियों के पाँच बृहत् समुदायों में से कोई; जैसे प्रोटिस्टा, प्राणि जगत् अथवा वनस्पति जगत्, आदि।
  • Klinefelter’s syndrome -- क्लाइनफेल्टर संलक्षण
मानव में पाई जाने वाली एक वंशागत अपसामान्यता जिसमें एक्स- एक्स-वाई लिंगसूत्र होते हैं।
  • Knapsack duster -- नैपसेक प्रधूलक
पीठ पर लटकोने वाला प्रधूलक। यह बेलनाकार धूलि-पात्र के शीर्ष पर स्थित धौंकनियों को संचालित करता हैं।
  • Knock down -- अवाघात
(सामान्यतया पीड़कों से संबद्ध पीड़क-नियंत्रण-संक्रियाओं में या आविषालुता विज्ञान में प्रयुक्त तकनीकी शब्द।) पीड़कनाशी के अनुप्रयोग के. तुरंत बाद पीड़क के अचेत हो जाने और बाद में कभी-कभी फिर से सक्रिय भी हो सकने की स्थिति।
  • Krait -- करैत
भड़कीली पट्टियों वाले शांत प्रकृति के किंतु बहुत ही ज़हरीले रात्रिचर सांप, जो भारत सहित पूर्वी एशिया तथा निकटवर्ती द्वीपों में पाए जाते हैं।
  • Kreb’s cycle -- क्रेब-चक्र
वह प्रकिण्व तंत्र जो पायरुविक अम्ल को ऑक्सीजन की उपस्थिति में कार्बन डाई-ऑक्साइड में परिवर्तित करता है, साथ ही ए.टी.पी. के रुप में आबंद ऊर्जा भी निकालता है। इसे साइट्रिक अम्ल-चक्र अथवा ट्राई कार्बोक्सिलिक अम्ल चक्र (टी.सी.ए.) भी कहते हैं।
  • Kupfer cell -- कप्फर कोशिका
यकृत् में पाया जाने वाला विशिष्ट महाभक्षकाणु
  • Labellum -- ओष्ठक, लेबेलम
डिप्टेरा के कीटों की शुंडिका के दूरस्थ सिरे पर उपस्थित गद्दियों अथवा मुख-पालि की जोड़ी में से एक पर कूटवातक (pseudotracheae) होते हैं जिनके द्वारा भोजन निकलकर मुख-छिद्र में जाता है।
  • Labial palp -- अधरोष्ठ पैल्प
कीट के एक जोड़ी खंडीय संवेदी अंग या अधरोष्ठ पर स्थित संस्पर्शक (feeler)।
  • Labial papilla -- ओष्ठीय पिप्पल
ओष्ठों पर पाई जाने वाली स्पर्श ग्रंथियों के वृत्तक।
  • Labial -- ओष्ठीय
ओष्ठ से संबंधित।
  • Labium -- अधरोष्ठ, लेबियम
1. निचला ओष्ठ या ओष्ठ जैसी संरचना।
2. कीट-शीर्ष का पश्च-मध्य-उपांग जो द्वितीय जंभिकाओं के मिलने से निचला ओष्ठ बनाता है।
3. गैस्ट्रोपॉड कवच के मुख का भीतरी किनारा।
4. मकड़ियों की उरोस्थि से संलग्न एक छोटी प्लेट।
  • Labrum -- कुछ आर्थ्रोपोडों – जैसे, कीटों का अग्र ओष्ठ।
  • Lac -- लाख, लाक्षा
लाख कीट, लैक्किफर लाक्का और संबद्ध जातियों (लैक्कीफेरिडीः होमोप्टेरा) द्वारा स्रावित राल।
  • Lacerate -- दीर्ण
कीट द्वारा पर्णशीर्ष के किनारों पर बनाए गए अनियमित गहरे कटाव।
  • Lacertilia -- लेसटींलिया
सरीसृपों का एक गण, जिसमें छिपकलियां आती हैं। श्रृंगीय अधिचर्मी शल्क, गतिशील पलकें, अवस्कर और युग्मित मैथुनांग इनके प्रमुख लक्षण हैं। उदा. गिरगिट (कैलोटेस), गोह (वैरेनस) और कैमेलियोन।
  • Lacinia -- लैसीनिया
जंभिका की आंतरिक एन्डाइट पालि, जिसमें स्टाइपीज से निकलने वाली एक पेशी और कभी -कभी कपाल -भित्ति से निकलने वाली दूसरी पेशी लगी होती है।
  • Lacrimal bone -- अश्रु-अस्थि
कुछ कशेरुकियों में नेत्र कोटर की पार्श्विक वेष्टनास्थि, जो अश्रुग्रंथि के निकट होती है।
  • Lacrimal gland -- अश्रु-ग्रंथि
स्थलीय कशेरुकियों में ऊपरी पलक के नीचे स्थित ग्रंथि, जिसका तरल आंखों को गीला या नम रखने में सहायक होता है।
  • Lactic acid -- लैक्टिक अम्ल
ग्लूकोस के भंजन द्वारा उत्पन्न क कार्बनिक अम्ल।
  • Lactose -- लेक्टोस (दुग्घशर्करा)
डाइसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट, जो जलअपघटन द्वारा ग्लूकोस और गैलेक्टोस में टूट जाता है। दूध में पाए जाने के कारण इसे दुग्ध शर्करा भी कहते हैं।
  • Lacuna -- रिक्तिका
उपास्थि या अस्थि में पाई जाने वाली छोटी गुहिका, या उनकी कोशिकाओं के बीच का अवकाश।
  • Lagena -- लेगीना
गोणिका (सैक्यूलस) से निकलने वाला पार्श्व कोष्ठ, जिससे कर्णावर्त का निचला भाग बनता है।
  • Lamarckism -- लैमार्कवाद
लैमार्क (1744-1829) द्वारा प्रतिपादित विकासवाद, जिसके अनुसार उपार्जित लक्षणों की वंशागति नई जीवजातियों की उत्पत्ति में सहायक होती है।
  • Lamella -- पटलिका
पतली प्रकाश-संश्लेषी कला।
  • Lamellibranchiata (pelecypoda) -- लैमेलीब्रैंकिएटा (पेलेसिपोडा)
मोलस्कों का क वर्ग, जिसमें सीपी, शुक्ति आदि आते हैं। सममित शरीर, दो कपाटों वाला कवच, सामान्यतः मांसल फानाकार अधर पाद और पक्ष्माभी जल धाराओं द्वारा अशन-प्रकिया इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Lamina -- पटल
कंटिका का फलकनुमा दूरस्थ भाग।
  • Lampbrush chromosome -- लैंपब्रुश गुणसूत्र
प्राणि-अंडाणुओं में, द्विपट्टावस्था में पाए जाने वाले बृहद गुणसूत्र जिनके अक्ष के दोनों ओर निकले क्रोमैटिन पाश-युग्मों की श्रेणियों पर सक्रिय RNA का संश्लेषण होता है।
  • Lancet -- लेन्सेट
कीटों का प्रथम प्रकठक (वैल्वुला), जो बल्ब और शूकिका के निचले सीमातों पर सरकता है।
  • Lapping mouth parts -- लपलप मुखांग
मधुमक्खी का मुखांग, जिसमें लंबा, जंभिका-ओष्ठीय सम्मिश्र होता है तथा जिह्वका आकुंचन तथा आपाकुंचन में समर्थ होती है।
  • Large intestine -- बृहदांत्र
कशेरुकियों में छोटी आंत और गुदा के बीच स्थित आहार-नाल का भाग, जो छोटी आंत की अपेक्षा अधिक चौड़ा किंतु लंबाई में छोटा होता है।
  • Larva -- लार्वा, डिंभ, डिंभक
किसी भी प्राणी की ऐसी स्वच्छंदजीवी परिवर्धन अवस्था, जो वयस्क से भिन्न संरचना और स्वभाव वाली होती है। (जैसे-कीटों में इल्लियाँ, अपादक और भृंगक तथा मेंढक का टेडपोल लार्वा आदि)।
  • Larvarium -- डिंभशाला
कीट डिंभक द्वारा बनाया गया नीड़ अथवा आश्रय-स्थल, जो कभी-क्भी एक रेशमी झूले अथवा नलिका के समान हो सकता है। यह पत्तियों के टुकड़ो, चीड़ की पतली पत्तियों, मृदा-कणों आदि को आपस में बुनकर बनाया जाता है।
  • Larvicide -- लार्वानाशी, डिंभकनाशी
ऐसा कीटनाशी रसायन, जो डिंभको को मारने के काम मे लाया जाता है ।
  • Larynx -- कंठ
चतुष्पाद कशेरुकियों में श्वासनली (ट्रैकिया) के ऊपरी भाग के उस स्थल पर फूली हुई संरचना, जहां वह ग्रसनी से मिलती है। इसकी दीवारों में पेशी से चलने वाले उपास्थि के छल्ले होते हैं जो घांटी को बंद करते और खोलते हैं।
  • Lateral field -- पार्श्व क्षेत्र
अनुदैर्घ्य क्यूटिकलीय निशानों का एक जोड़ा, जो सूत्रकृमि के शरीर के दोनों पार्श्वों पर स्थित होता है।
  • Lateral nerves -- पार्श्व तंत्रिका
तंत्रिका-वलय से पीछे की ओर जुड़ी पार्श्व-गुच्छिकाओं से निकलने वाली युग्म-तंत्रिकाएँ।
  • Lateral oviduct -- पार्श्वीय अंडवाहिनी
अंडाशय से संबद्ध और मध्यजनस्तर से व्युत्पन्न मादा तंत्र की युग्मित पार्श्व-वाहिनीयों में से एक। कभी-कभी मध्य वाहिनी की बाह्यचर्म शाखा अंशतः या पूर्णतः इसकी जगह ले लेती है।
  • Lateral -- पार्श्व
दाहिनी-बायीं तरफ या बगल में स्थित अथवा उससे संबंधित; जैसे पार्श्व-शिरा, पार्श्व-रेखा आदि।
  • Laterotergite -- पार्श्वपृष्ठकांश
पृष्ठ का पार्श्व दृढ़ीकरण, जो मुख्य पृष्ठकांश से भिन्न होता है।
  • Lc 50(lethal concentration 50) -- एल.सी. 50 (घातक सांद्रण 50)
धूल, कुहासा, गैस या वाष्प के रुप में वायु में उपस्थित यौगिक की आविषालुता को अभिव्यक्त करने का तरीका। धूल तथा कुहासे में यह सामान्यतया माइक्रोग्राम प्रति लीटर और गैस वाष्प में पी.पी.एम. (p.p.m.) में व्यक्त किया जाता है। एल.सी. 50, मात्रा-निर्धारण का सांख्यिकीय आकलन है जो परीक्षण की जा रही जाति की बहुत बड़ी समष्टि के 50 प्रतिशत को मारने के लिए आवश्यक है। इस सांद्रण से उपचारित प्राणियों में 50 प्रतिशत की मृत्यु हो जाने की आशा की जाती है।
  • Ld50 (lethal dose 50) -- एल.डी. 50 (घातक मात्रा 50)
एक यौगिक की आविषालुता को व्यक्त करने की सामान्य पद्धति। यह प्रायः परीक्षण-प्राणी के शरीर-भार के प्रति किलोग्राम रसायन के मिलीग्राम के रुप में व्यक्त की जाती है (मि.ग्रा./कि.ग्रा./शरीर भार)। एल.डी. 50, मात्रा-निर्धारण का सांख्यकीय कलन है जो परीक्षण-जाति की बहुत बड़ी समष्टि के 50 प्रतिशत को मारने के लिए आवश्यक है (अर्थात् जलीय घोल की एक ही मुखीय मात्रा) या कानून द्वारा वह मात्रा, जिसके द्वारा इस प्रकार से उपचारित परीक्षण-प्राणियों के 50 प्रतिशत की 14 दिन के अंदर मृत्यु हो जाने की आशा की जा सकती है। यदि एक यौगिक में एल.डी. 50 शरीर भार 100 मि.ग्रा./
कि.ग्रा. है, तो यह मि.ग्रा./ कि.ग्रा. वाले एल.डी. 50 की अपेक्षा अधिक आविषालु है।
  • Leaf hopper -- पर्ण कुदका
होमोप्टेरा-गण के पादपचूषक कीट, जो सिकेडिलिडी अथवा जैसिडी कुल के अंतर्गत आते हैं। ये छोटे मगर लंबे फुदकने वाले कीट पादपों में अनेक विषाणु और कवक रोग फैलाते हैं।
  • Leaf miners -- पर्ण सुरंगक
ऐसे कीट जो अधिचर्म स्तरों के बीच सुरंग बना लेते हैं। उदा. धब्बेदार पर्ण-सुरंगक, सर्पिल पर्ण-सुरंगक।
  • Leaf roller -- पर्ण लपेटक
वे कीट, जिसके डिंभक पत्तियों को आपस में लपेटकर नीड बनाते हैं।
  • Lectotype -- चयन प्ररुप
मूल विवरण के प्रकाशन के बाद सह-प्ररुपों की श्रृंखला में से प्ररुप का स्थान ग्रहण कर लेने वाला कोई सह-प्ररुप।
  • Lepidoptera -- लेपिडॉप्टेरा, शल्कपंखी गण
दो जोड़ी झिल्लीमय पंख वाले कीट, जिनके पंखों में अनुप्रस्थ शिराएं बहुत कम होती हैं। शरीर, पंख और उपांग चौड़े शल्कों (scales) से ढके हुए; चुबुक अवशेषी या अनुपस्थित और प्रायः जंभिकाओं (maxillae) से बनी चूषक शुंडिका (proboscis) द्वारा निरुपित होता है। डिंभक क्रॉसरुपी, प्रायः आठ जोड़ी टोंगों वाला, कोशित आमतौर पर लगभग अबद्ध और सामान्यतः कोया (cocoon) या मृद-कोशिका (eathen cell) में बंद, पंख में पूर्ण वातकन्यास (tracheation)। उदा. तितलियाँ और शलभ (मॉथ)।
  • Lethal dose -- घातक मात्रा
रसायन की वह मात्रा, जो आविषालु पदार्थ के मि.ली. ग्राम (mg.) में परीक्षण-कीट के शारीरिक भार के प्रति किलोग्राम (kg) की दर से मापी जाती है।
  • Lethal factor -- घातक कारक
एक या अनेक ऐसे कारक, जिनकी अभिव्यक्ति जीव की मृत्यु में होती है।
  • Lethal gene -- घातक जीन
वह जीन, जो अपने धारक को भ्रूण अथवा आरंभिक अवस्था में ही मार देता है अथवा वंशागत होने पर समयुग्मजी व्यष्टियों को मार देता है।
  • Leukaemia(leukemia) -- श्वेताणुरक्तता
श्वेताणुओं का कैन्सर जिसमें इनके पूर्वगामियों का बहुगुणन होकर विभदन नहीं होता। यह अवस्था विषाणुओं या कैन्सरजनी कर्मकों द्वारा प्रेरित होती है। इसमें श्वेताणुओं की संख्या बहुंत बढ़ जाती है। (दे.cancer cell)
  • Leucocyte -- श्वेताणु
रुधिर, लसीका और शरीर के ऊतकों में उपस्थित श्वेत कोशिकाएँ। ये हीमोग्लोबिन रहित रुधिर कोशिकाएं जीनों की आंतरिक रक्षा विधियों से संबंधित हैं जैसे भक्षकोशिकता, प्रतिरक्षा अनुक्रिया आदि। उदा. लसीकाणु, एकलाणु, महाभक्षकाणु।
  • Leucopenia -- श्वेताणु अल्पता
रुधिर में श्वेताणुओं की संख्या में कमी होने की दशा।
  • Leukocytosis -- श्वेताणुता
रक्त में श्वेतणुओं की संख्या का बढ़ना।
  • Leyding’s cell -- लीडिग कोशिका
वृषण के अंतराली ऊतक में पाई जाने वाली कोशिकाएँ जिनसे टेस्टास्टेरॉन का स्रवण होता है।
  • Life table -- आयु सारणी
किसी कीट-समष्टि के प्रमुख मर्त्यता-कारकों सहित उसके जन्म मरण आंकड़ों का संक्षिप्त सार।
  • Ligand -- संलग्नी
रसायन जो दूसरे अणुओं के पूरक स्थलों पर आबंधित होते हैं। कोशिका संकेतन में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  • Ligase (synthetase) -- लाइगेज
ऐसा एन्जाइम जो द्वि-रज्जु डी.एन.ए. के एक रज्जुक में खांचिका द्वारा विलगित समीपस्थ न्युक्लिटाइड्रों को फॉस्फोडाइएस्टर आबधों (bonds) द्वारा जोड़ता है।
  • Ligation -- बंधन
न्यूक्लीक अम्ल के किसी रज्जुक से अवच्छेदित दो रैखिक खंडों को फॉस्फोडाइएस्टर आबंध द्वारा परस्पर जोड़ना। प्रकिण्व द्वारा उत्प्रेरित इस प्रक्रिया का ऊर्जा-स्रोत ए.टी.पी. होती है।
  • Light trap -- प्रकाश पाश, प्रकाशजाल
प्रकाशानुवर्ती कीटों को आकृष्ट करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली एक यांत्रिक युक्ति, जिसमें प्रकाश का उपयोग आकर्षक स्रोत के रुप में किया जाता है।
  • Lignification -- काष्ठायन
काष्ठीकृत होने अथवा हो जाने की दशा अथवा स्थिति; किसी कोशिका भित्ति का लकड़ी में परिवर्तित होना।
  • Ligula -- जिह्विका, लिगुला
अधरोष्ठ की अंत्य-पालियां या उनके जुड़ जाने से बना अधरोष्ठ का अंत्य-भाग।
  • Limiting factor -- सीमाकारी कारक
किसी जीव की सक्रियता और जनन-शक्ति को सीमाबद्ध करने वाले एक या अनेक कारक अथवा व्यवरोधक। उदा. परजीवी. परभक्षी, रोगाणु आदि।
  • Linkage group -- सहलग्न समूह
जीनों का समूह जिनके विस्थल एक ही गुणसूत्र में विद्यमान हों।
  • Linkage -- सहलग्नता
जीनों के एक ही गुणसूत्र में होने के कारण लक्षण विसंयोजन (segregation) न हो पाना।
  • Lipase -- लाइपेज
वह एन्ज़ाइम जो वसा को ग्लिसरॉल और वसीय अम्लों मे परिवर्तित कर देता है।
  • Lipid -- लिपिड
कार्बनिक यौगिकों का एक वर्ग, जिसमें वसा, तेल, मोम और स्टेरॉल आदि सम्मिलित हैं।
  • Lipids -- वसा
रासायनिक यौगिकों का एक विषभांगी समूह जो जल में अविलेय है परन्तु अध्रुवीय विलायकों में विलेय है। ये कोशिकाओं और विशेष रुप से झिल्लियों के महत्वपूर्ण संघटक हैं और इनमें वसा अम्ल पाये जाते हैं। ये हमारे दैनिक आहार का एक हिस्सा हैं और इनके उपचय से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिलती है।
  • Lipolytic -- वसा-अपघटपनी
वसा को पचाने अथवा तोड़ने वाला।
  • Liposome -- लिपोसोम, वसाकाय
द्विपरत लिपिड झिल्ली/झिल्लियों से बने कृत्रिम आशय जो सजीव कोशिकाओं में सहज रुप से अवशोषित हो जाते हैं। इनके माध्यम से कोशिका के भीतर बाहरी पदार्थ पहुंचाये जाते हैं।
  • Liquid (solution hybridization) -- द्रव (विलयन) संकरण
विलयन में न्यूक्लीक अम्ल की संपूरक लड़ियों के बीच होने वाली अभिक्रिया।
  • Littoral -- वेलावासी, वेलांचली
झील के किनारे या समुद्र तट के आस-पास तली में रहने वाले जीवों के लिए प्रयुक्त। तु. Pelagic वेलापवत्ती।
  • Liver -- यकृत्त, जिगर
ऐसी पाचक ग्रंथि जिसकी वाहीनी आंत्र में खुलती है। कशेरुकियों की यह सबसे बड़ी ग्रंथि पित्त उत्पन्न करने तथा ग्लाइकोजन का भंडारण करने का काम करती है।
  • Living fossil -- जीवित जीवाश्म
ऐसे जीवधारी, जो प्रारंभिक काल से अब तक अपरिवर्तित ही चले आ रहे हैं और जिनके निकट संबंधी विलुप्त हो गए हैं। उदा. स्फीनोडॉन, सीलाकैन्थ।
  • Loa-loa -- लोआ-लोआ
पश्चिमी अफ्रीका और विषुवतीय सूडान के वर्षा-वनों का स्थानिक नेत्र-रोग, जो फाइलेरियाई सूत्रकृमि से होता है।
  • Locomotion -- संचलन, चलन
प्राणियों की एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने की क्रिया।
  • Locus -- विस्थल
वह स्थान, जहाँ पर गुणसूत्र में विशेष लक्षण वाली जीन स्थित होती है।
  • Locust -- टिड्डी
टिड्डों (ग्रासहॉपरों) का सबसे अधिक विनाशकारी प्रकार (ऐक्रिडिडीः ऑर्थोप्टेरा), जो दो सुस्पष्ट भिन्न प्रावस्थाओ में पाया जाता हैः 1. एकल और 2.यूथी प्रावस्था। एकल प्रावस्था के दौरान वे अपेक्षाकृत निष्क्रिय, कम हानिकारक और अलग-अलग व्यष्टियों के रुप में रहती हैं। परंतु यूथी प्रावस्था के दौरान ये बहुत सक्रिय हो जाती हैं और एक ही स्थान पर इकट्ठी होकर दल बना लेती हैं तथा वनस्पतियों को खाती हैं और वृन्द (swarm) के रुप में आगे बढ़ती हैं। ये मरुस्थलों, पर्वतों और समुद्रों जैसे अवरोधी को पार करते हुए एक देश से दूसरे देश में पहुंच जाते हैं। उदा. मरुस्थलीय टिड्डी, प्रवासी टिड्डी आदि।
  • Longitudinal section -- अनुदैर्घ्य काट
ऐसा काट, जो शरीर की पूरी लंबाई से होकर यानी अग्रपश्च अक्ष से गुजरता है।
तु. transverse section अनुप्रस्थ काट।
  • Loop -- पाश
आर.एन.ए. (या एक्ल लड़ी डी.एन.ए.) के सिरे की कुंडलित रचना। यह द्विक डी.एन.ए. में प्रतीप पुनरावृत्ति के बीच वाले अनुक्रम से संगति रखती है।
  • Louse -- जूं, यूका
ऐनॉप्लूरा (साइफनकुलेटा) और मैलोफेगा नामक गणों से संबंधित रुधिर-चूषक, पक्षहीन, बाह्य परजीवी कीट। ऐनोप्लूरा में वेधन और चूषण-मुखांग तथा मैलोफेगा में आदंश-मुखांग होते हैं।
  • Luciferin -- ल्यूसिफरिन
जुगनुओं के प्रकाशोत्पादक अंगों में स्थित कार्यद्रव (सबस्ट्रेट), जो ‘ल्यूसीफरेज’ एन्जाइम की उपस्थिति में अपचयित (reduce) होकर प्रकाशजनक अंग से प्रकाश उत्पन्न करता है।
  • Lumbar -- कटि
पीठ यानी रीढ़ के निचले भाग का या उससे संबंधित, जैसे कटि कशेरुक, कटि-धमनी आदि।
  • Lumen -- अवकाशिका
किसी नलिकाकार भाग या अंग (जैसे आंत्र, रक्तवाहिका, आदि) में बीच का खोखला स्थान।
  • Lunate -- नवचंद्राकार
कीट की बाल-चंद्राकार या अर्धचंद्राकार रुधिर कोशिका (रुधिराणु)।
  • Lura -- प्रलोभक
कीटों को आहार, मैथुन/अंड निक्षेपण-स्थल और समुच्चयन के लिए निर्देशित करने वाला कोई कारक। उदा. मेथिल यूजिनोल, फूलों की गंध, कार्बन डाईऑक्साइड, लैक्टिक अम्ल, शर्करा और प्रोपियोनाइट्राइड आदि।
  • Lymph heart -- लसीका हृदाय
कई कशेरुकियों में लसीका वाहीका का फूला हुआ भाग, जिसके स्पंदन से लसीका रुधिर वाहिका में जाती है।
  • Lymph -- लसीका
वह तरल जो शरीर की ऊतक कोशिका बाह्य गुहाओं में उन्हें तर करते हुए प्रवहित होता है। यह लसीका वाहिनियों में बहता है तथा लसीका ऊतकों में रक्त के साथ कोशिका भित्ति के माध्यम से विनिमय बनाये रखता है। यह उपापचयी विनिमय और अवशिष्ट पदार्थों के निष्कासन के लिये एक माध्यम प्रदान करता है।
  • Lymphatic system -- लसीका तंत्र
कशेरुकियों में लसीका ले जाने वाली नलिकाओं की व्यवस्था, जो हृदय के निकट शिरा-तंत्र में मिल जाती है। इसके द्वारा लसीका ऊतक से निकलकर रुधिर में पहुंचती है और जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायक होती है।
  • Lymphocyte -- लसीकाणु, लिम्फोसाइट
प्रतिरक्षात्मक अनुक्रिया से संबद्ध केन्द्रकीय श्वेत रुथिर कोशिका।
  • Lymphocytosis -- लसीकाणुता
रुधिर में लसीकाणुओं की बढंती हुई इतनी संख्या जो किसी संक्रामक रोग की सूचक हों।
  • Lymphoid tissue (lymphatic tissue) -- लसीका ऊतक
वे ऊतक या अंग जहाँ लसीकाणु बनते हैं जैसे थाइमस ग्रंथि, अस्थि मज्जा या फेब्रिसी प्रपुटी (पक्षियों में )।
  • Lymphoma -- लसीकाबुर्द
लसीका ऊतक का कैन्सर जैले बर्किट लसीकार्बुद। (दे. Cancer cell)
  • Lysis of cell -- कोशिका लयन
कोशिका झिल्ली विदरित होकर अंतर्वस्तु बाहर आना। विभोजी संक्रामक चक्र के अंत में पोषी जीवाणुओं की कोशिका झिल्ली फटकर संक्रामक विभोजियों की संतति बाहर निकल जाती हैं। यह प्रक्रिया रासायनिक अथवा भौतिक कर्मकों द्वारा भी हो सकती है।
  • Lysogen -- लयजन
ऐसा जीवाणु जिसमें दमित प्रविभोजी उसके संजीन के अंश के रुप में होता है।
  • Lysosome -- लाइसोसोम, लयनकाय
कोशिका में झिल्लिका बद्ध जलअपघटनीय प्रकिण्वों से युक्त छोटे छोटे काय।
  • Lysozyme -- लाइसोजाइम
ऐसा प्रकिण्व जो एन-एसिटाइलग्लूकोन ऐमीन और एन-ऐसिटिल म्यूरेमिक अम्ल के आबंध को निर्जलीकृत करता है।
  • Macrofauna -- बृहत्प्राणिजात
स्थलचर और जलचर समुदायों में बृहत्तर प्राणि, जैसे-पक्षी, सरीसृप, जलस्थलचर, मत्स्य, अनेक संधिपाद, केंचुआ, सीपी आदि।
  • Macrogamete -- बृहत्तयुग्मक
संयुग्मन करने वाले दो युग्मकों में बड़ा युग्मक, जो प्रायः मादा युग्मक होता है।
  • Macromere -- बहत्खंड
विषम कोशिका विभाजन से बनने वाली दो कोशिकाओं में से बड़ी कोशिका।
  • Macromolecule -- महाअणु
शरीर के अनेक ऊतकों में पाया जाने वाला बड़े आकार का एक भक्षकाणु जो आगत सूक्ष्मजीवों का अंतर्ग्रहण करता है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं तथा कोशिकीय अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाल देता है।
  • Macronucleus -- बृहत्केन्द्रक
पक्ष्माभी प्रोटोजोआ प्राणियों में पाए जाने वाले दो केंद्रकों में से बड़ा केंद्रक, जिसका जनन-क्रिया से कोई संबंध नहीं होता और जो संभवतः प्रोटीन-संश्लेषण में योगदान देता है।
  • Macropterous -- बृहत्पंखी, दीर्घपंखी
वे कीट जिनके अग्रपंख असामान्य रुप से बड़े होते हैं तथा जो पूरे उदर को ढके रहते हैं, कभी-कभी उसके पीछे तक भी चले जाते हैं। उदा.-दीमक आदि।
  • Macrotaxonomy -- वृहद्वर्गिकी
उच्च कोटि वर्गकों का वर्गीकरण।
  • Maggot -- मैगट, अपादक
द्विपंखी (डिप्टेरा) कीटों का पादविहीन लार्वा जिसका शिर-संपुट स्पष्ट नहीं होता। उदा.- गुंजनमक्खी, घरेलू मक्खी आदि।
  • Malacology -- शुक्तिविज्ञान, मैलाकोलॉजी
मोलस्कों के अध्ययन से संबंधित प्राणिविज्ञान की शाखा।
  • Malarial parasite -- मलेरिया परजीवी
प्रोटोजा संघ के स्पोरोजोआ वर्ग में प्लाज़्मोडियम वंश के रोगाणु का सामान्य नाम। वयस्क अवस्था में यह मादा एनोफलीज मच्छर के शरीर में रहता है और मच्छर के काटने पर मानव के रुथिर में पहुंच कर मलेरिया रोग उत्पन्न करता है।
  • Male intersex -- नर मध्यलिंगी
एसा नर जिसमें अविकसित मादा अंग भी होते हैं।
  • Male reproductive organ -- नर जननांग
एक या दो वृषण, शुक्राशय, शुक्रवाहक, अवस्कर और उसकी कंटिका तथा प्रनिदेशक-जैसी सहायक संरचनाओं से बना नर जननांग।
  • Malformation -- कुरचना
किसी संरचना का असामान्य परिवर्धन या निर्माण।
  • Malignancy -- दुर्दमता
अर्बुद कोशिकाओं की और अधिक घातक बन जाने की प्रवृति जिसके कारण मृत्यु हो जाती है।
  • Malignant tumour -- दुर्दम अर्बुद
अर्बुद का वह प्रकार जिसके कारण प्रायः मृत्यु हो जाती है। तु. benign tumour
  • Mallophaga -- मैलोफेगा
पंखविहीन कीट, जो मुख्यतः पक्षियों और कभी कभार स्तनियों पर बाह्यपरजीवी के रुप में रहते हैं। नेत्र ह्रासित (reduced) होते हैं और नेत्रक (ocelli) नहीं होते। मुखांग रुपांतरित कर्तन प्रकार के, अग्रवक्ष सुस्पष्ट और मुक्त (अयुक्त), गुल्फ (tarsi) एक या दो खंडीय जिनके अंत में एक या दो नखर (claws) होते हैं। वक्षीय श्वासरंध्र और अधरीय (ventral) लूम नहीं होते और कायांतरण नहीं होता। उदा.-कर्तनी जूएं या पक्षी जूएं।
  • Malpighian tubules -- मैलपीगी नलिकाएं
उत्सर्जन नलिकाएं, जो कीट के गुदपथ अथवा अग्रांत के अगले सिरे में खुलती हैं। ये नलिकाएं उनके खोजकर्ता मैलपीगी के नाम से जानी जाती हैं।
  • Malpighian corpuscle -- मैलपीगी कणिका
कशेरुकियों के वृक्क में अनेक छोटी निस्यंदक संरचाएं, जो केशिकागुच्छ और बोमन संपुट से मिलकर बनती हैं।
दे. वृक्क कणिका renal corpuscle।
  • Mammal -- स्तनी
अपने बच्चों को स्तनग्रंथियों का स्राव यानी दूध पिलाने वाले कशेरुकी प्राणियों का सामूहिक नाम, जिसमें मानव, बंदर, शेर, हाथी, चूहा आदि आते हैं।
  • Mammalia -- मैमेलिया
कपालीय (क्रेनिएट) कशेरुकियों का एक वर्ग, जिसमें मानव तथा अन्य सभी समतापी चतुष्पाद आते हैं। त्वचा के ऊपर रोम (बाल), दुग्धस्रावी ग्रंथियां, दाँतो में प्रकार-भेद, बाह्य कर्ण-पल्लव (उभरे हुए कान), उदरबाहाय वृषण, सात ग्रीवा कशेरुकाएँ , वक्ष तथा उदर के बीच पेशीय मध्यपट (डायफ्राम) का होना और परिपक्व लाल रुधिर कणिकाओं (रक्ताणुओं) में केंद्रक का न होना इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Mammalogy -- स्तनिकी
प्राणिविज्ञान की वह शाखा, जिसमें स्तनियों का अध्ययन होता है।
  • Mammary gland -- स्तन-ग्रंथि
स्तनियों के अधर तल पर स्थित ग्रंथि, जो मादा में शिशुओं के पोषण के लिए दूध उत्पन्न करती है। इसकी वृद्धि तथा क्रिया हार्मोनों पर निर्भर होती है।
  • Mandible -- 1. चिबुक 2. मैंडिबल
1. कशेरुकियों में निचला जबड़ा जो एक या कई हड्डियों का बना होता है।
2. सांधिपादों में मुंह के एक जोड़ी उपांग, जो आहार-पदार्थों को काटने-पीसने का काम करते हैं।
  • Mandibular gland -- चिबुक ग्रंथि
प्रायः कीटों के मुख में चिबुक के मूल में स्थित ग्रंथि-युगल।
  • Mantis -- मैन्टिस
डिक्टियोप्टेरा गण के मध्यम या बृहदाकार परभक्षी कीट। ये मैंटोडिया उपगण के अंतर्गत आते हैं। इनकी श्रृंगिकाएं तंतुरुप और कई खंड वाली होती हैं। इनका शिरोभाग प्रवक्ष पृष्ठक से ढका हुआ नहीं होता, मुखभाग चिबुकित होते हैं। इनके अग्रपादों में काफी बड़े प्रग्राही (रैप्टर) होते हैं जो शिकार को पकड़ने के अनुकूल होते हैं और जिन्हें आसानी से पीछे की ओर मोड़ा जा सकता है। उदा. प्रेइंग मैन्टिस।
  • Mantle -- प्रावार, मैंटल
मोलस्कों में त्वचा की एक तह या वलन (फोल्ड), जो शरीर के कुछ-कुछ या पूरी तरह घेरे रहती है और जिससे निकले स्राव से बाहरी कवच बनता है। ब्रैकियोपोड़ों में इससे मिलती-जुलती संरचना।
  • Marine biology -- समुद्री जीवविज्ञान
समुद्र में रहने वाले जीवों के अध्ययन से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा।
  • Marrow -- मज्जा
हड्डियों के बीच की गुहा के भरने वाला वाहिकीय ऊतक, जिसमें रक्ताणु तथा कुछ श्वेताणु उत्पन्न और परिवर्धित होते हैं।
  • Marsupial -- मार्सूपियल, शिशुधानी स्तनी
मार्सूपिएलिया उपवर्ग का शिशुधानी वाला स्तनी। यह शिशुधानी उदर में बाहर एक थैली के रुप में रहती है जिसमें अपरिपक्व बच्चों का पालन-पोषण होता है। उदा. कंगारु।
  • Marsupialia (Metatheria) -- मार्सूपिएलिया (मेटाथीरिया)
मैमेलिया का एक उपवर्ग, जिसमें औपोसम, कंगारु जैसे आदय स्तनी आते हैं और जो मुख्यतः आस्ट्रेलिया, दक्षिणी तथा उत्तरी अमरीका में पाए जाते हैं। अपरिवक्व शिशु के आश्रय के लिए मादा में शिशुधानी का होना इनका विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Marsupium -- शिशुधानी
बाहरी त्वचा की थैली-जैसी संरचना, जिसमें स्तन ग्रंथियां रहती हैं और जहां नवजात शिशु (एकिडना में अंडे) अपनी परिवर्धन क्रिया पूरी करते हैं।
  • Mast cell -- मास्ट कोशिका
योजी ऊतकों में पाई जाने वाली एक ऐसी कोशिका जिसकी क्षारकरंजी कोशिकाद्रव्यी कणिकाएँ, रुधिर के क्षारकरंजी लसीकाणुओं के समान होते हुए आकार में उनसे छोटी होती हैं। ये प्रमुखतः हिस्टैमीन, सेरेटोनिन और हेपैरिन प्रोटीनों का स्राव करती हैं।
  • Mastication -- चर्वण
चिबुक दंत द्वारा भोजन को बहुत छोटे-छोटे टुकड़ो या लुगदी में बदल देने की क्रिया।
  • Maternal inheritance -- मातृ वंशागति
मातृक-क्रम के माध्यम से आनुवंशिक प्रभाव। सामान्यतः ये प्रभाव सूत्रकणिकाओं तथा हरितलवकों में पाए जाने वाले जीनों के कारण होते हैं।
  • Mating(copulation) -- संगम (मैथुन), सहवास
(क) जनन के लिए दो व्यष्टियों के नर तथा मादा जननांगों का मिलना। (ख) लैंगिक जनन के दौरान वह क्रिया जिसमें नर कीट अपने शुक्राणुओं को मादा के जननांग पथ में अंतरित कर देता है। इस कार्य को सुगम बनाने के लिए नर में सामान्यतः आलिंगकों और युग्मन-प्रवर्धों के रुप विशिष्ट संरचनाएँ होती हैं।
  • Mating type -- संगम प्ररुप
जीवों में विपरीत संगम प्ररुपों का पाया जाना जिनके युग्मन से द्विगुणित युग्मज बनते हैं।
  • Matrix -- आधात्री, मैट्रिक्स
संयोजी ऊतक, उपास्थि आदी का अंतराकोशिक पदार्थ, जिसमें कोशिकाएं रहती हैं।
  • Maturation -- परिपक्वन
जनन-कोशिकाओं अर्थात् शुक्राणु तथा अंडाणु के बनने की प्रक्रिया, जिसमें अर्धसूत्रण द्वारा गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है।
  • Mature -- परिपक्व
लैंगिक दृष्ठि से पूरी तरह परिवर्धित अथवा बढ़ा हुआ;
जैसे कोई जीव, युग्मक अथवा कोशिका।
  • Maxilla -- जंभिका
कीट-शीर्ष के चर्वक क्षेत्र में उपांगों का दूसरा जोड़ा।
  • Maxillary palp -- जंभिका स्पर्शक, जंभिका पैल्प
1. कीटों की जंभिका का सर्वाधिक सुस्पष्ट उपांग, जो कि पैल्पिकर से संलग्न होता है।
2. चर्वण प्रकार के मुखांगों वाले कीटों की जंभिका का बाह्य पार्श्व कठक।
  • Maxillary plate -- जंभिका पट्टिका
हेमिप्टेरागण के कीटों के शीर्ष का रुपांतरित कठक, जो तरल आहार के चूषण में काम आता है।
  • Maxillary pleurite -- जंभिका पार्श्वकांश
चिबुकास्थि (मैंडिबल) के ठीक पीछे, शीर्ष के पार्श्वकांश क्षेत्र का वह कठक, जिस पर जंभिका-आधार भीतरी पृष्ठ द्वारा रोपित होता है।
  • Maxillary stylet -- जंभिका शूकिका
एक छोटी नुकीली शूक-जैसी जंभिका: “रेतन-चूषण’ तथा ‘वेधन-चूषण’ मुखांग-प्ररुपों का एक रुपांतरण।
  • Maxillary teeth -- जंभिका दंत
जंभिका की लैसीनिया के भीतरी किनारे पर स्थित दांत-जैसे प्रवर्ध, जो आहार के पकड़ने, काटने और चबाने में काम आते हैं।
  • Maxillary tentacle -- जंभिका स्पर्शक
पराग के संग्रह के लिये उपयुक्त रचना यानी जंभिका पर स्थित दीर्घ कुंचित शूकमय उपांग। उदा.-यक्का शलभ की मादा, गण लेपिडोप्टेरा, कुल इनकर्वेरिडी आदी।
  • Maxilliped -- जंभपद
क्रस्टेशिया की द्वीतीय जंभिका के परवर्ती उपांगों के तीन युग्म ; कभी-कभी ऐम्फिपॉड-प्राणियों में प्रथम युग्म जुड़कर, शीर्ष से संलग्न अधरोष्ठ जैसी संरचना बनाता है।
  • May fly -- मेफ्ल़ाई
मृदुकाय सपंखी कीट, जो एफीमेरोप्टेरा गण में आता है।
  • Meadow brown -- शाद्वल वभ्रु (तितली)
छोटे से लेकर मध्यम आकार तक की तितलियां, जिनके पंख भूरे रंग के तथा उन पर नेत्र जैसे वलयाकार धब्बे होते हैं और जिनकी संख्या निश्चित नहीं होती। ये तितलियां छायाप्रिय और नीचे की ओर छद्मतः (cryptically) रंगीन होती है। वयस्क तितलियां अग्रपंखों के आधार की फूली हुई शिराओं से पहचानी जा सकती हैं। ये तितलियां लेपिडोप्टेरा गण के निम्फेलिडी कुल और सेटिरिनी उपकुल के अंतर्गत आती हैं। पूर्णकायांतरणीय डिंभक का आहार प्रायः पोएसी (ग्रैमिनी) कुल के पौधे होते हैं।
  • Meal worm -- चूर्ण भृंग
कोलियोप्टेरा गण के कुल टेनीब्रियोनिडी का वह भृंग (टेनीब्रियो मोलीटर), जो आहार, आटे, अनाज और अन्य भंडारित खाद्य पदार्थों का सामान्य पीड़क कीट है। इसका डिंभक पीले रंग का तथा बेलनाकार होता है।
  • Mealy bug -- चूर्णी मत्कुण
होमोप्टेरा गण के कुल कॉक्सिडी में आने वाला छोटे आकार का कीट, जो लैंगिक दृष्टि से द्विरुपी होता है। यह फलों का प्रमुख पीड़क कीट है।
  • Mecoptera -- मीकोप्टेरा
पतले, साधारण या छोटे आकार के सामान्यतः माँसाहारी कीट, जिनकी श्रृंगिकाएँ लंबी और तंतुरुपी तथा शिर प्राय: उदग्रतः विक्षेपित तुंड ( vertically deflected rostrum) के रुप में होता है। मुखांग कर्तनी जीभिका (ligula) नहीं होती। पैर लंबे और पतले, पंख एक जैसे और झिल्लीमय जो विश्रामावस्था में अनुदैर्घ्यतः (longitudinally) तथा क्षैतिल (horizontally) रहते हैं। शिराविन्यास आद्य, उदर लंबा और छोटे लूमों (cerci), वाला होता है। नर जननांग सुस्पष्ट, डिंभक क्रॉसरुपी; अकर्तनी मुखांग और तीन जोड़ वक्ष-पाद वाले कोशित अबद्ध (exarate), पंख ह्रासित वातकन्यास वाले होते हैं। उदा.-वृश्चिक मक्षिकाएं (scorpion flies)।
  • Medial cell -- मध्यवर्ती कोशिका
कीट पंख की ‘R’ (अरीय) और ‘M’ (मध्य) शिराओं के बीच घिरा क्षेत्र।
  • Median effective dose -- मध्यम प्रभावी मात्रा
पीड़कनाशी की वह मात्रा जो परिक्षण-जीवों पर आधी संख्या में ही अनुक्रिया करती है।
  • Median oviduct -- मध्य अंडवाहिनी
मादा जनन-तंत्र की मध्य बाह्यचर्मी निर्गम वाहिनी, जो सामान्यतः जनन-कक्ष या योनि में खुलती है।
  • Medicolegal forensic entomology -- चिकित्साविधिक कीटविज्ञान
कीटविज्ञान की वह शाखा, जिसका संबंध आसपास की महापराधी घटनाओं, प्रायः हिंसापूर्ण अपराधों, जैसे हत्या, आत्महत्या और बलात्कार आदि में संधिपादों के किसी प्रकार विद्यमान होने से है। इसके अंतर्गत अन्य उग्र शारीरिक दुर्व्यवहार और निषिद्ध अवैध व्यापार भी सम्मिलित हैं।
  • Medulla oblongata -- मेडुला ऑब्लांगेटा
कशेरुकियों में मस्तिष्क का सबसे पिछला भाग, जहां मेरुरज्जु आकार मिलती है। संवेदी आवेगों का समन्वय, श्वसन क्रिया और रक्त वाहिकाओं की गति पर नियंत्रण रखना इसका प्रमुख कार्य है यहीं से ग्लॉसोफेरिजियल और वेगस तंत्रिकाएँ निकलती हैं।
  • Medulla -- मध्यांश, मेडुला
किसी अंग का भीतरी भाग, जो बाहरी भाग यानी वल्कुट (कॉर्टेक्स) से पृथक् होता है।
  • Medusa -- मेडुसा
बहुरुपी (पोलीमॉर्फिक) सीलेन्टेरेटों में चल रुप (मुक्तप्लावी रुप) जो गोल घंटी-जैसा या छतरीनुमा होता है और जिसमें चारों ओर स्पर्शक होते हैं तथा केंद्र में निचली तरफ मुंह होता है। ये लैंगिक जनन करते हैं और निषेचित अंडे पॉलिप में परिवर्धित होते हैं।
  • Megakaryocyte -- महाकेंद्रकाणु
अस्थि-मज्जा की बड़ी कोशिका जिससे बिम्बाणु उत्पन्न होते हैं।
  • Meganucleus -- महाकेंद्रक
दे. Macronucleus गुरुकेन्द्रक।
  • Melanin -- मेलानिन
अनेक कीटों की क्यूटिकल अथवा मानवसहित स्तनियों की त्वचा में पाया जाने वाला काला अथवा गहरा भूरा वर्णक।
  • Melanocyte -- मेलैनिन कोशिका
काले वर्णक से युक्त कोशिकाएँ। उदा. वर्णकधर और दृष्टि पटल रेटिना की वर्णकयुक्त परत की कोशिकाएँ।
  • Melliphagous (mellivorous) -- मधुभक्षी
शहद खाने वाला।
  • Melting temperature -- विरज्जुकन ताप
वह ताप जिस पर डी.एन.ए. का विरज्जुकन हो जाता है, अर्थात् उनके दोनों रज्जुक अलग-अलग हो जाते हैं।
  • Membrane -- झिल्ली, कला
किसी अंग के भागों या अन्य संरचनाओं या आवरण या आस्तर को जोड़ने वाली पतली रेशेदार स्तरीय संरचना।
  • Membranelle -- कलाभ, मेम्ब्रेनेल
कुछ प्रोटोजोआ में एक या कई पंक्तियों के पक्ष्माभों के जुड़ जाने से बना अंगक।
  • Membranous labyrinth -- कलागहन, कला लेबिरिंथ
कशेरुकियों के कान का आंतरिक भाग जिसमें तीन अर्धवृत्तीय नलिकाएं, दृति (युट्रिक्युलस) तथा गोणिका (सैक्यूलस) होती हैं। ये संरचनाएं संतुलन तथा श्रवण का कार्य करती हैं।
  • Memory cell -- स्मृति कोशिका
प्रतिरक्षा-तंत्र की वह कोशिका जो विशिष्ट प्रतिजन के कारण प्रतिरक्षा के लिए सक्रिय अवस्था में रहकर प्रतिरक्षात्मक स्मृति को बनाए रखती है और इस प्रकार प्रतिजन का दोबारा अतिक्रमण होने पर जीवों को द्वितीयतक प्रतिरक्षा-अनुक्रिया उत्पन्न करने के लिए पहले से अधिक सक्षम कर देती है।
  • Mendelian inheritance -- मेन्डेलीय वंशागति
वंशागति का वह प्रकार जिसमें मेन्डेल के नियमों के अनुसार आनुवंशिक लक्षण, जनकों एवं पूर्वजों से उनकी संतति तक पहुंचते हैं। मेन्डेल के तीन नियम हैं – प्रभाविता का नियम, लक्षण विसंयोजन का नियम तथा स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम।
  • Mendelism -- मेन्डेलवाद
मेन्डेल द्वारा किए गए प्रजनन प्रयोगों पर आधारित वंशागति-संबंधि तथ्यों या नियमों के लिए सामान्यतः प्रयोग किया जाने वाला शब्द। इसमें मुख्य रुप से कारकों या जीनों के अधीन गुणों या लक्षणों का विवेचन किया जाता है-प्रभाविता (डॉमिनेन्स), विसंयोजन (सेग्रिगेशन) तथा स्वतंत्र अपव्यूहन (इंडिपेन्डेन्ट एसॉर्टमेन्ट)।
  • Mentum -- चिबुकांग
प्रचिबुकांग (prementum) तथा अधः चिबुकांग (submentum) के बीच पश्च-चिबुकांग (postmentum) की दूरस्थ पट्टिका।
  • Merdivorous (coprophagous) -- विष्ठाहारी
शमल खाने वाला प्राणी। उदा.- भृंग, आदि।
  • Meroblastic division -- अंशभंजी विभाजन
अंड का ऐसा विभाजन जिसमें केवल केंद्रक और केंद्रकीय कोशिकाद्रव्य का विभाजन होता है।
  • Merocrine gland -- अंशस्रावी ग्रंथि
ऐसी ग्रंथि जिसमें स्तंभिकाकार कोशिकाओं की स्तरीय सतह से स्रावी पदार्थ बार-बार बाहर निकलते हैं। इसमें उनकी संरचना और बाहरी रुप में कोई सुस्पष्ट परिवर्तन नहीं होता। उदा.- स्वेद ग्रंथियाँ , पाचक ग्रंथियाँ ।
  • Merocrine secretion -- अंशस्रावी स्राव
ऐसा स्रवण जिसमें एन्जाइम, कोशिका-कला में से विसरित होकर आंत की अवकाशिका ( lumen) में पहुंच जाते हैं।
  • Meroistic egg tube -- पोषी अंडनलिका
एक प्रकार की अंड नलिकाएं जिसमें अंडक और पोषकाणु दोनों होते हैं। इसमें अग्रपोषी और बहुपोषी दोनों प्रकार की अंडनलिकाएं शामिल हैं।
  • Meropodite -- खंड पादांश
सामान्यीकृत ऊर्विका (femur) का चौथा खंड।
  • Merozoite -- खंडजाणु
कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों के जीवन चक्र में अलैंगिक विभाजन के फलस्वरुप शाइजॉन्ट से उत्पन्न होने वाली अवस्था; जैसे प्लाज्मोडियम यानी मलेरिया परजीवी में।
  • Mesencephalon -- मध्यमस्तिष्क मेसेन्सेफेलॉन
मध्य मस्तिष्क का वह भाग जो डाइऐनसेफ़ेलॉन और मेटेनसेफ़ेलॉन के बीच होता है।
  • Mesenteron -- मध्यांत्र, मेसेन्टेरॉन
आहार-नाल का वह भाग जिसमें अंतश्चर्मी ऊतकों आस्तर होता है और जहां आम तौर पर पाचन तथा अवशोषण की क्रियाएँ होती हैं। ऐक्टिनोजोआ तथा अन्य गुहांत्र प्राणियों (सीलेन्टेरेटों) में यही प्रमुख पाचक गुहा होती है।
  • Mesentery -- आंत्रयोजनी
कशेरुकियों में पर्युदर्या (पेरिटोनियम) की दोहरी परत जिसके द्वारा आमाशय, आंत्र, प्लीहा आदि प्रमुख अंतरंग पृष्ठ देहभित्ति से अथवा परस्पर लगे रहते हैं। कुछ अकशेरुकियों में देहभित्ति या आंतरगुहा (सीलेन्टेरोन) से. भीतर की ओर निकली हुई अरीय अनुप्रस्थ झिल्लियां या पट जो आंत्र को संभाले रहते हैं; जैसे एक्टिनोजोआ में ।
  • Mesoblast -- मध्यकोरक
भ्रूण का मध्य कोशिका ऊतक जिसमें मध्योतक तथा मध्यजनस्तर शामिल हैं।
  • Mesoderm -- मध्यजनस्तर
मध्यजनस्तर कोशिकाओं के सामान्य स्पर्शरेखीय विभाजन द्वारा उत्पन्न मध्य कोरकीय ऊतक जो निश्चित तौर पर मध्य कोशिका स्तर बन जाता है। मध्यजनस्तर से पेशियों, हृदय, रक्त कोशिकाओं, वसाकाय संयोजी ऊतकों तथा जनन अंगों के भागों का निर्माण होता है, जो बाह्यचर्म से निकले हुए नहीं होते।
  • Mesogloea -- मध्यश्लेषस्तर, मेसोग्लिया
द्विस्तरीय प्राणियों (यानी स्पंजों तथा सीलेटेरेटों में ) बाह्यत्वचा तथा अंतस्त्वचा के बीच स्थित कोशिकाहीन श्लेषी परत।
  • Mesonephros -- मध्यवृक्क, मेसोनेफ्रॉस
कशेरुकियों के भ्रूणीय वृक्क का वह भाग जो प्राक्वृक्क (प्रोनेफ्रोस) के पीछे स्थित और बाद में परिवर्धित होता है।
  • Mesonotum -- मध्यवक्ष पृष्ठक
कीट वक्ष की मध्य पृष्ठकीय (tergal) पट्टिका जिससे पंखों की पहली जोड़ी लगी रहती है। उदा.-सपक्ष (pterygote) कीट।
  • Mesopleuron -- मध्यपार्श्वक
सपक्ष कीटों का मध्यवक्षीय पार्श्व पृष्ठकांश (tergite) जिस पर उपस्थित कक्षांग गुहिका से मध्यवक्षीय टांग लगी होती है।
  • Mesotergum -- मध्यपृष्ठक
कीटों का मध्यवक्षीय पृष्ठक जिस पर पंखों की पहली जोड़ी स्थित होती है।
  • Mesothorax -- मध्यवक्ष
कीटों के वक्ष के तीन खंडों में से बीच का खंड, पक्षीय कीटों में वक्ष का द्वितीय खंड जिस पर पंखों की पहली जोड़ी लगी होती है।
  • Mesozoic era -- मध्यजीवी महाकल्प
पृथ्वी के कालक्रम में बीस करोड़ वर्ष से लेकर 6 करोड़ वर्ष पूर्व तक का समय। पुराजीवी (पेलियोजोइक) महाकल्प के बाद और नूतनजीवी (सीनोजोइक) महाकल्प से पहले आने वाले इस महाकाल में क्रिटेशस, जुरैसिक तथा ट्राइएसिक कल्प आते हैं। डाइनोसॉर जैसे सरीसृपों की प्रधानता होने के कारण इसे “सरीसृपों का काल” कहा जाता है।
  • Metabola -- कायांतरज
कीटों में कायांतरण (जीवन-अवस्थाओं के परिवर्तन) का प्रक्रम।
  • Metabolic water -- उपापचयी जल
उपापचय की अवधि में भोजन के ऑक्सीकरण से उत्पन्न होने वाला जल। भंडारित अनाज के कीट और रेगिस्तान के कीट अपनी पानी की आवश्यकता की पूर्ति इसी स्रोत से करते हैं।
  • Metabolism -- उपापचय
जीवधारियों में लगातर होने वाली समस्त भौतिक और रसायनिक प्रक्रियाएँ जिनमें पदार्थ बनते व टूटते हैं और ऊर्जा संचित अथवा उत्पन्न होती है। इसमें उपचय तथा अपचय दोनों प्रक्रियाएँ शामिल हैं। जटिल कार्बनिक पदार्थों के सरल पदार्थों में विघटित होने से जीवन-क्रियाओं के लिए आवश्यक ऊर्जा मिलती है।
  • Metabolite -- उपापचयज, मेटाबोलाइट
उपापचयी क्रिया के दौरान बनने वाला कोई रसायनिक यौगिक।
  • Metabolous -- कायांतरी
कीटों में एक प्रकार का परिवर्धन जिसमें कायांतरण शामिल है यह दो प्रकार का होता हैः अल्प कायांतरी, जिसमें अंडा, अर्भक (निम्फ) और वयस्क होते हैं, और पूर्णकायांतरी जिसमें अंडा, लार्वा, प्यूपा (pupa) और वयस्क होते हैं।
  • Metacarpal -- करभिका, मेटाकार्पल
चतुष्पाद कशेरुकियों के हाथ में करभों (कार्पेल) तथा अंगुलस्थियों के बीच की हड्डियां; जैसे मनुष्य मे हथेली की पाँच हड्डियाँ ।
  • Metacentric chromosome -- मध्यकेंद्र गुणसूत्र
गुणसूत्र जिसमें सूत्रकेंद्र लगभग मध्य स्थान पर होता है। परिणामस्वरुप इन गुणसूत्रों की दोनों भुजाओं की लंबाई लगभग बराबर होती है।
  • Metamere -- विखंड
प्राणी शरीर में अनुदैर्घ्य क्रम से लगे हुए समान खंड या भाग।
  • Metamerism -- विखंडावस्था
शरीर के क्रमिक खंडों में बंटे होने की दशा; जैसे पोलीकीट एनेलिडों में।
  • Metamorphosis -- कायांतरण
प्राणियों में डिंभक या भ्रूणोत्तर अवस्था से लेकर वयस्क बनने तक रुप, रचना, आकार आदि के परिवर्तन का क्रम; जैसे टैडपोल से वयस्क मेंढक और प्यूपा से वयस्क तितली बनते समय होने वाले परिवर्तन।
  • Metanephros -- पश्चवृक्क
सरीसृपों, पक्षियों और स्तनियों में कार्यशील वयस्क वृक्क। भ्रूणीय अवस्था में यह मध्यवृक्क के बाद परिवर्धित और पीछे की ओर स्थित होता है।
  • Metanotum(metatergum) -- पश्चवक्ष पृष्ठक (पश्च पृष्ठक)
कीट के तृतीय वक्ष खंड( पश्ववक्ष) का पृष्ठीय क्यूटिकली आवरण (वक्ष पृष्ठक) या पश्चवक्ष की पृष्ठक पट्टिका (टरगल प्लेट) अथवा कठक (स्क्लेराइट)।
  • Metaphase -- मध्यावस्था
कोशिका विभाजन का वह चरण जिसके दौरान गुणसूत्र तर्कु तंतुओं से संलग्न होते हैं तथा कोशिका के मध्यवर्ती समतल पर व्यवस्थित हो जाते हैं।
  • Metaplasia -- अणुरुपातंरण
कोशिका के एक प्ररुप का ऐसे दूसरे प्ररुप में रुपांतरण जो शारीरीय संरचना या संबंधित ऊतक से सामान्यता संबद्ध नहीं होता।
  • Metapneustic -- पश्च-रंध्री
कीट का ऐसा श्वसन तंत्र जो विशेषतः कुछ द्विपंखी (डिप्टेरा) डिंभकों में मिलता है जिसमें केवल अंतिम उदरीय श्वसन रंध्र की जोड़ी ही प्रकार्यात्मक होती है।
  • Metaspiracle -- पश्चश्वासरंध्र
कीट के पश्चवक्षीय खंड का श्वास-रंध्र।
  • Metastasis -- परास्थापन
दुर्दम कोशिका का अर्बुद से अलग होकर परपोषी के शरीर में किसी दूसरे स्थान पर पहुंच कर नया अर्बुद बनाना। दे. cancer cell।
  • Metasternum -- पश्च-उरोस्थि, मेटास्टर्नम
कशेरुकियों में वक्ष की हड्डी यानी उरोस्थि का पश्च भाग। कीटों में पश्चअक्ष की अधर पट्टिका।
  • Metatarsal -- प्रपदिका, मेटाटार्सल
कशेरुकियों के पाद में गुल्फिका (टॉर्सल) और अंगुलिअस्थियों के बीच की हड्डीयां।
  • Metatarsus -- प्रपद, मेटाटार्सस
स्थलीय कशेरुकियों के पश्चपाद में अंगुलियों और गुल्फ (टार्सस) के बीच का भाग। कीटों में गुल्फ की समीपस्थ संधि।
  • Metatergum -- पश्चपृष्ठक
कीट के पश्चवक्ष को ढकने वाली पृष्ठीय क्यूटिकलीय पट्टिका।
  • Metazoa -- मेटाज़ोआ
एककोशिक प्राणियों यानी प्रोटोज़ोआ को छोड़कर समस्त बहुकोशिक प्राणियों का समूह। शरीर में दो या अधिक परतें, वयस्क अवस्था में ऊतक व अंगों का विभेदन और तंत्रिका-तंत्र तथा आंत्र-गुहा की उपस्थिति इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Microbe (micro-organism) -- सूक्ष्मजीव
वह जीव जो केवल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ही देखा (परखा) जा सकता है। उदा.-कवक, जीवाणु, प्रोटोज़ोआ, आदि।
  • Microbial control -- सूक्ष्म जैविक नियंत्रण, रोगाणवीय नियंत्रण
सूक्ष्मजीवों (रोगाणुओं) के प्रयोग से कीटों का नियंत्रण। रोगाणु आक्रमण, गुणधर्मों, आविषों, एंजाइमों तथा अन्य पदार्थों द्वारा अपना नियंत्रणकारी प्रभाव उत्पन्न करता है।
  • Microbial insecticide -- सूक्ष्मजैविक कीटनाशी, रोगाणवीय कीटनाशी
रोगजनक सूक्ष्मजीव अथवा उससे उत्पन्न आविष जिसका उपयोग किसी कीट समष्टि के नियंत्रण के लिए किया जाता है।
  • Microbial pesticide -- सूक्ष्मजैविक पीड़कनाशी, रोगाणवीय पीड़कनाशी
रोगजन्य समष्टियों अथवा परभक्षी सूक्ष्मजीवों की विरचना जो एक विशेष पीड़क-समष्टि की विरोधी होती है।
  • Microbial -- सूक्ष्मजैविक
सूक्ष्मजीवों की क्रिया से जीव में रोगों की उत्पत्ति अथवा उनके द्वारा पारितंत्र में पोषक तत्वों का पुनःचक्रण।
  • Microbicidal -- रोगाणुनाशी
वह कर्मक जो सूक्ष्मजीवियों को नष्ट करे, मार दे, अथवा निष्क्रिय कर दे जिससे कि वे प्रतिकृत न हों अथवा संख्या में बढ़ न सकें।
  • Microbiology -- सूक्ष्मजैविकी, सूक्ष्मजीवविज्ञान
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें प्रोटोजोआ, शैवाल, जीवाणु विषाणु आदि ऐसे जीवों का अध्ययन किया जाता है जो केवल सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखे जा सकते हैं।
  • Microbiota -- सूक्ष्मजीवजात
किसी पर्यावरण में विद्यमान समस्त सूक्ष्जीवी।
  • Microbody -- सूक्ष्मपिंड
झिल्ली-आबद्ध कोशिकाद्रव्यी अंगक जिसमें विविध ऑक्सिडेस होते हैं (यथा कैटालेस तथा यूरेट ऑक्सिडेस)। उदा. पेरॉक्सी काय।
  • Microconjugant -- लघुसंयुग्मकी
कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों में संयुग्मन करने वाले जोड़ों में छोटा पक्ष्माभी गतिशील युग्मक।
  • Microenvironment -- सूक्ष्म पर्यावरण
कृषि पारिस्थितिक तंत्र का सूक्ष्म घटक।
  • Microfauna -- सूक्ष्मपारणिजात
वे सूक्ष्मप्राणी जो सामान्यतया प्रथम परपोषित हैं। उदा.-प्रोटोजोआ, अनेक प्राणिप्लवक (zooplankton) छोटे कीट, डिंभक, क्रस्टेशिया आदि।
  • Microgamete -- लघुयुग्मक
संयुग्मन करने वाले युग्मकों के जोड़े में अपेक्षाकृत छोटा चल युग्मक जिसे प्रायः नर युग्मक समझा जाता है।
  • Microhabitat -- सूक्ष्मावास
आवास-विशेष, जिसमें जीव अथवा उसका छोटा समूह रहता है।
  • Microinjection -- सूक्ष्मअंतःक्षेपण
एक विधि विशेष जिसमें सूक्ष्म सूइयों द्वारा कोशिकाओं या अंगकों के भीतर द्रव निर्मितियों को सीधे प्रविष्ट कराया जाता है। इस विधि से प्रायः आनुवंशिक पदार्थ अंदर पहुँचाये जाते हैं।
  • Micromere -- लघुखंड
खंडित हो रहे अंडाणु के ऊपरी आधे भाग में बनने वाली छोटी कोशिका।
  • Microorganism -- सूक्ष्मजीव
बहुत ही छोटा जीव (जैसे एककोशिक प्राणी या बैक्टीरिया) जो केवल सूक्ष्मदर्शी (microscope) की सहायता से ही देखा जा सकता है।
  • Microscope -- सूक्ष्मदर्शी, मीइक्रोस्कोप
ऐसा चाक्षुष यंत्र जो मात्र आंखों से न देखी जा सकने वाली छोटी वस्तुओं का लेन्सों के संयोजन से बना आवर्धित प्रतिबिंब दिखाता है। उदा.-सरल सूक्ष्मदर्शी, संयुक्त सूक्ष्मदर्शी, इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी, एक्स किरण सूक्ष्मदर्शी।
  • Microsome -- सूक्ष्मकाय
राइबोसोमों से संबद्ध अंतर्द्रव्यीय जालिका के विखंडित टुकड़े।
  • Microspore -- लघुबीजाणु
आवृतबीजियों में परागकणों के और टेरिडोफाइटों में युग्मकोद्भिदी प्रोथैलस के पूर्वगामी।
  • Microtome -- माइक्रोटोम
जीवों अथवा ऊतकों को पतला काटने का उपकरण।
  • Microtrichium -- सूक्ष्मरोमक
सूक्ष्म रोम जैसी सरचनाएँ जो मेकोप्टेरा तथा कुछेक डिप्टेरा के पंखों पर पाई जाती हैं। ये बहुत छोटे आवश्यक रोमों की तरह होते हैं, परंतु इनमें कोई आधारीय संधि नहीं होती है।
  • Microtubule organizing center -- सूक्ष्म नलिका संगठन-केंद्र
ऐसी संरचना जिससे सूक्ष्मनलिकाएँ विस्तिरित (MTOC) होती हैं।
  • Microtubule -- सूक्ष्मनलिका
अनेक पादप और जंतु कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य में पाई जाने वाली नलिकाकार संरचनाएँ जो केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से ही देखी जा सकती हैं। यह कोशिकाओं के भीतर कोशिका कंकाल के रुप में कार्य करती हैं और जटिल संरचनाओं जैसे पश्चमामिकाओं और समसूत्री तर्कु के रुप में व्यवस्थित होती हैं। सूक्ष्म नलिका की भित्ति सामान्यत 13 आदि तन्तुओं से बनी होती है जिसमें ट्यूबलिन अणुओं की लम्बी-लम्बी कतारें होती हैं।
  • Microvillus (pl.microvilli) -- सूक्ष्मांकुर
उपकला कोशिका, विशेष रुप से आंत्र और वृक्ककों की सतह से निकली हुई छोटी अँगुली जैसे प्रक्षेप, जो कोशिका की सतह को बहुत अधिक बढ़ा देते हैं।
  • Mictic egg -- मिश्र अंड
रॉटिफरों द्वारा अर्धसूत्रण क्रिया से उत्पन्न अगुणित अंडे जो नरों के रुप में परिवर्धित होते हैं।
  • Midbrain -- मध्यमस्तिष्क
कशेरुकियों के भ्रूणीय मस्तिष्क के तीन खंडों में से बीच वाला भाग जो देखने-सुनने के संवेदों से संबंधित होता है।
  • Middle lamella -- मध्य पटलिका
कोशिकाओं के मध्य सबसे पहले बनने वाली तथा पेक्टिन से बनी सामान्य संयोजी भित्ति।
  • Migrant species -- प्रवासी जाति
भोजन तथा अनुकूल जलवायु की खोज में लंबी दूरी तक अभिगमन करने वाली जाति।
  • Migration -- प्रवास
भोजन, प्रजनन आदि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किसी प्राणि जाति (स्पीशीज) का एक विशिष्ट मौसम में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना और एक निश्चित अवधि के बाद फिर वापस लौटना। यह घटना मुख्य रुप से पक्षियों और कुछ मछलियों में देखी जाती है।
  • Millipede -- मिलिपीड, सहस्रपाद
दीर्घ बेलनाकार, शरीर वाला स्थलचर संधिपाद जिसके प्रत्येक आभासी कायखंड पर दो पादयुग्म और दो श्वासरंध्र-युग्म होते हैं (वर्ग-मिरियापोडा, उपवर्ग-डिप्लोपोडा)।
  • Mimic -- अनुहारक
वह विकासात्मक प्रक्रम जिसके फलस्वरुप परभक्षियों से बचने के लिए कीट अथवा प्राणि पर्यावरण के अनुसार अपना बाह्यस्वरुप बदल लेता है।
  • Mimicry -- अनुहरण
एक प्राणी द्वारा किसी अन्य प्राणी या प्राकृतिक वस्तुओं के रंग-रुप, स्वभाव अथवा आकृति को अपनाना ताकि वह अपने आप को शत्रुओं से बचा सके।
  • Miner -- सुरंगक
पादप पत्तियों में सुरंग बनाने वाले कीट।
  • Minicell -- अवकोशिका
जीवाणु कोशिका जिसमें गुणसूत्र नहीं होता लेकिन इसमें अनुलेखन तथा अंतरण के लिए आवश्यक घटक होते हैं। इस छोटी कोशिका का निर्माण उत्परिवर्ती जनक कोशिका के द्विखंडन के समय असममित पट के बनने से होता है और इसमें डी.एन.ए. नहीं होता।
  • Minichromosome -- लघसूत्र
विषाणु के वर्त्तुल डी.एन.ए. के लिए न्यूक्लिओसोमीय संरचना।
  • Miocene epoch -- मध्यनूतन युग, मोयोसीन युग
पृथ्वी के कालक्रम में अल्पनूतन (ओलिगोसीन) तथा अतिनूतन (प्लायोसीन) युगों के बीच 25 करोड़ वर्ष पूर्व से लेकर 10 करोड़ वर्ष पूर्व तक की अवधि। मानवाभ स्तनियों की उत्पत्ति इस युग की विशेषता है।
  • Miracidium -- मिरासीडियम
परजीवी पर्णाभ कृमियों के जीवन चक्र की प्रथम लार्वा अवस्था।
  • Misnomer -- मिथ्यानाम
जीवों का गल नामकरण जीससे इनको समझने में गलती हो सकती है। जैसे, दीपमक्षी (lantern fly), कर्णकीट (earwings) मखमली बर्र (valvet ant)।
1. दीपमक्षी (lantern fly): फल्गोरिडी कुल के चूषण मुखांग वाले मत्कुण (बग)। भूल से ऐसा समझ लिया जाता है कि ये लालटेन की तरह चमकते हैं।
2.कर्णकीट (ear wig) डर्माप्टेरा गण के सर्वभक्षी कीट। ऐसा अंधविश्वास है कि ये मनुष्यों के कानों पर आक्रमण करते हैं, इसलिए इन्हें यह ‘मिथ्या नाम’ दिया गया है।
3. मखमली बर्र (valvet ant): इन्हें मखमली चींटियों का नाम दिया गया है, तथापि ये चींटियां नहीं हैं, बल्कि हाइमेनॉप्टेरा गण की परभक्षी बर्रें हैं। ये भूमि में रहती हैं और इनका डंक पीड़ादायक होता है।
  • Missing link -- अप्राप्त कड़ी
किसी जीव का परिकल्पित आदिम स्वरुप जो दो वर्गों के बीच की कड़ी का कार्य करता है।
  • Mite -- बरुथी
ऐकेरिना गण में ऐरेक्निडा वर्ग के सूक्ष्म या अत्यंत संधिपाद जिन्हें बरुथी या चिंचड़ी कहते हैं। इनका शरीर शिरोवक्ष और उदर में बंटा होता है, जिनमें चार पादयुग्म और वेधन-चूषण मुखांग होते हैं। ये अपमार्जक, परभक्षी, पादप-नाशक जीव या परजीवी हो सकते हैं।
  • Miticide (acaricide) -- बरुथीनाशी
बरुथियों के नियंत्रण में प्रयुक्त रसायन। उदा,- वीनापेक्रिल, एरामाइट, एथिल आर्थोफार्मेट, केल्थेन, काराथेन आदि।
  • Mitochondria -- सूत्रकणिका
सुकेंद्रकियों में पाया जाने वाला दो फॉस्फोलिपिड द्विपरत झिल्लियों से परिबद्ध स्वपुनरुत्पादी चल कोशिकाद्रव्यी अंगक जो वायुजीवी श्वसन द्वारा ए.टी.पी. के रुप में रासायनिक ऊर्जा का संश्लेषण करता है। इसकी भीतरी झिल्ली के अंतःकटकों एवं आधात्री में सिट्रिक अम्ल चक्र, ऑक्सीकरण, इलेक्ट्रॉन अभिगमन और ऑक्सीकरणी फॉस्फोरिलन से संबद्ध एन्जाइम स्थित होते हैं।
  • Mitosis -- समसूत्रण (माइटोसिस)
केंद्रक विभाजन का प्रकार जिसमें प्रत्येक गुणसूत्र के अनुलिपीकरण से दो समान गुणसूत्र बन जाते हैं और बनने वाले दो संतति-केंद्रकों में समान संख्या में चले जाते हैं। इस प्रकार संतति केंद्रक में गुणसूत्र संख्या, जनक-केंद्रक के समान ही होती है। केंद्रक विभाजन के बाद होने वाले कोशिका-विभाजन से दो समान कोशिकाएँ बन जाती हैं।
  • Mitotic parthenogenesis -- समसूत्री अनुषेकजनन
ऐसा जनन जिसके परिपक्वन में एक ही समसूत्री विभाजन होता है जिसके फलस्वरुप प्रथम ध्रुवीय काय और द्विगुणित प्राक्केंद्रक बनता है जिससे भ्रूण का परिवर्धन तथा वृद्धि होती है।
  • Mitotic apparatus -- समसूत्रण-उपकरण
दे. achromatic figure
  • Mitotic index -- समसूत्रण सूचकांक
एक दशमलव संख्या जो कोशिकाओं के किसी प्रतिदर्श में समसूत्रणशील कोशिकाओं की भिन्न को व्यक्त करती है। प्रायः इसका मान 1 से कम होता है।
  • Moiety -- अर्धांश
किसी अणु का वह भाग जो विशिष्ट रासायनिक गुण वाला होता है।
  • Molar -- चर्वणक
स्तनियों में कई जड़ों वाले दांत जो पीसने-चबाने के काम आते हैं। अर्गचर्वणक के विपरीत इनके स्थान पर पहले कोई दूध के दाँत नहीं होते।
  • Mole cricket -- छछुंद झींगुर
ऑर्थोप्टेरा गण के कुल ग्राइलोटैल्पिडी का वह कीट जिसका शरीर भूरा और चपटा होता है। इसके अग्रपाद चपटे, अत्यधिक बढ़े हुए तथा दांत खोदने में सहायक होते हैं। ये भूमि में बिल बनाते हैं और पादपों की कोमल जड़ें खाते हैं। उदा.-ग्राइलोटाल्पा जाति।
  • Mole rat -- छछुंदक
एक मध्यम आकार का चूहा जिसका सिर और शरीर 200 मि.मी. से कम तथा पूंछ जिसकी सिर और शरीर की तुलना में छोटी होती है। इसका प्राणिविज्ञानीय नाम नेसोकिया इन्डिका है। यह सामान्यतया पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • Molluscicide -- मोलस्कनाशी, मृदुकवचीनाशी
सब्जियों की फसलों के मृदुकवची पीड़कों (घोंघे, स्लग आदि) पर नियंत्रण रखने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला पीड़कनाशी। उदा.-मेटाएल्डिहाइड, मीथियोकार्ब, कॉपर सल्फेट आदि।
  • Moniliform -- मालाकार
मनिकाओं की माला के समान या नियमित अंतरालों पर संकीर्ण संरचना वाली श्रृंगिका।
  • Monitoring -- मॉनीटरन, मॉनीटरिंग
कीटों के प्रादुर्भाव का पूर्वानुमान लगाने में आवश्यक परिवर्तों के मापन का एक प्रक्रम। ऐसा पूर्वानुमान कीट-प्रबंधन युक्तियों का एक महत्वपूर्ण घटक होता है क्योंकि कीट के आक्रमण के सही समय और उसके विस्तार के बारे में दी गई चेतावनी नियंत्रण-उपायों की दक्षता को बढ़ा सकती है।
  • Monocular(uniocular) -- एकनेत्री (यूनीऑकुलर)
दृष्टि का ऐसा प्रकार जिसमें दोनों आंखों से बनने वाले प्रतिबिंब अलग-अलग रहते हैं, अर्थात् वे एक दूसरे की अतिव्याप्ति नहीं करते। दोनों आंखों के पार्श्वस्थ होने के कारण दृष्टि को किसी वस्तु पर एक साथ फोकस नहीं किया जा सकता। यह द्विनेत्री दृष्टि का विपरीत शब्द है। उदा. कैमीलियॉन।
  • Monoecious -- उभयलिंगाश्रयी
ऐसा जीव जिसमें नर और मादा दोनों के जननांग मौजूद हों।
  • Monogenic -- एकजीनीय
एक प्रभावी जीन द्वारा नियंत्रित विशेषक।
  • Monogynic -- एकजायी
अलैंगिकतः उत्पन्न होने वाला अथवा उत्पन्न करने वाला जीव।
  • Monohybrid -- एकसंकर
ऐसे जनकों (माता-पिता) से उत्पन्न संतति जिसमें केवल एक लक्षण की भिन्नता हो।
  • Monomorphism -- एकरुपता
एक ही आकृतिक रुप में मिलने या परिवर्धन की विभिन्न अवस्थाओं में उसके रुप में परिवर्तन का न होना अथवा बहुत ही मामूली-सा परिवर्तन होना। यह बहुरुपता का विलोम है। उदा. किसी सामाजिक कीट की एकरुपी कर्मी उपजाति।
  • Monophagous -- एकभक्षी, एकाहारी
वह जीव जो केवल एक ही विशिष्ट आहार को खाता है या किसी विशिष्ट परपोषी का परजीवी होता है। उदा.-कपास का वॉल बीविल।
  • Monophyly -- एकस्रोतोद्भवता
समान या निम्न कोटि के निकटतम पूर्वज-वर्गक से एक या अधिक वंश परंपराओं के द्वारा किसी वर्गक की व्युत्पत्ति।
  • Monoploid -- एकगुणित, मोनोप्लॉइड
गुणसूत्रों के एकल आधारभूत समुच्चय वाला व्यष्टि (जीव आदि)।
  • Monosome -- मोनोसोम
प्रोटीन-संश्लेषण की आधारी इकाई। जिस में एम.आर.एन.ए. अणु के साथ राइबोसोम जुड़ा होता है। एक एम.आर.एन.ए. अणु के साथ एक से अधिक राइबोसोम जुड़ने पर पॉलिसोम बन जाता है।
  • Monosomy -- एकसूत्रता
जीव की कायिक कोशिकाओं में गुणसूत्रों की वह दशा जिसमें द्विगुणित गुणसूत्र संख्या से एक गुणसूत्र कम पाया जाता है।
  • Monotremata -- मोनोट्रिमैटा
अंडे देने वाले स्तनियों का गण जो कई लक्षणों में सरीसृपों से मिलता-जुलता है। चूचुकहीन स्तन-ग्रंथियाँ, वयस्क में श्रृंगी चोंच, अवस्कर का होना, और अंडप्रजक मादा, इनके विशिष्ट लक्षण हैं। उदा. कंटकी चींटीखोर और बत्तखचोंची प्लैटीपस (ऑर्निथोरिंकस)।
  • Monotreme -- मोनोट्रीम, एकछिद्र
जीवित स्तनियों में सबसे आदिम गण के प्राणि जो, अन्य स्तनियों के विपरीत, अंडे देते हैं। बत्तख चोंची प्लैटीपस तथा कंटकी चीटीखोर इनके प्रमुख उदाहरण हैं।
  • Monotypic species -- एकलप्ररुपी जाति
वह जाति जो उपजातियों में विभाजित नहीं होती।
  • Monotypic -- एकलप्ररुपी
ऐसा वर्गक जिसमें केवल एक ही निकटतम गौण वर्गक हो।
  • Monoxenic -- एकांगतुकी
केवल एक ही जीव की उपस्थिति में तैयार संवर्ध के लिए प्रयुक्त।
  • Monozygotic -- एकयुग्मजी, एकांडजी
एक ही निषेचित अंडे से उत्पन्न होने वाले यमजों के लिए प्रयुक्त।उदा. अभिन्न यमज
  • Morbidity -- अस्वस्थता, मृतप्राय: अवस्था
समुदाय की कुल समष्टि में रोगी व्यष्टियों की संख्या का अनुपात।
  • Mordant -- रंगबंधक
पदार्थ जो अभिरंजक को स्थिर करता है; जैसे ग्राम अभिरंजन में आयोडीन। कशाभ अभिरंजन में रंगबंधक, काशाभ के व्यास को बढ़ा भी देता है, ताकि उसे सूक्ष्मदर्शी की सहायता से सरलता से देखा जा सके।
  • Moribund -- मृतप्रायः, मरणसन्न
कीटनाशी की आविषालुता के कारण कीटों अथवा अन्य जीवों का लगभग मृतकवत् हो जाना।
  • Morph -- रुप
व्यष्टिगत परिवर्तों में से एक – जिसके कारण बहुरुपता होती है।
  • Morphogenesis -- संरचना विकास
जीवों के शरीर के अंगों तथा उनकी आकृति का उद्भव और परिवर्धन।
  • Morphology -- आकारिकी, आकृतिविज्ञान
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों के रुप और संरचना का अध्ययन किया जाता है।
  • Morphometry -- आकारमिति
कीटों अथवा किसी भी जीव के अंगों के मानक मापकों का अध्ययन। यह अध्ययन वर्गीय विश्लेषण, आकारिकीय संरचनाओं और उनके उपांगों के वर्णन में लाभदायक होता है।
  • Mortality rate -- मृत्यु दर
किसी नियत अवधि के दौरान परिक्षण-जीव की प्रति इकाई मृत्यु संख्या जिसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
  • Mortality -- मर्त्यता, मृक्युदर
किसी जीव की समष्टि में मृत्यु का अनुपात।
  • Morula -- मोरुला, तूतक
भ्रूणीय परिवर्धन में कोरक (ब्लोस्टुला) से पहले की अवस्था जिसमें विदलन (क्लीवेज) के फलस्वरुप बहुत से कोरकखंड (ब्लास्टोमियर) बन जाते हैं।
  • Moth -- शलभ (मॉथ)
मुख्यतः रात को उड़ने वाले लेपिडॉप्टेरा गण के कीट; जिनका शरीर बड़ा और पुष्ट होता है। इनके पंख अपेक्षाकृत छोटे तथा विराम की स्थिति में शरीर पर क्षैतिज रुप में छत सी बनाते हैं अथवा उसे ढके रखते हैं। इनकी श्रृंगिकाएँ तंतुक अथवा परों (पिच्छों) के समान हो सकती हैं, परन्तु अंतिम छोरों पर यदा-कदा ही विवर्धिता होती हैं।
  • Motor nerve -- प्रेरक तंत्रिका
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र या गुच्छिका (गैंग्लिऑन) से आवेग को सीधे पेशी अथवा किसी ग्रंथि में ले जाने वाली तंत्रिका।
  • Motor neuron -- प्रेरक तंत्रिकोशिका
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की तंत्रिका कोशिका जो पेशियों को गति प्रारंभक आवेग (impulse) भेजती है।
  • Moult -- निर्मोक
क्यूटिकल का त्याग।
  • Moulting (ecdysis) -- निर्मोचन
कीटों अथवा क्रस्टेशियनों में क्यूटिकल के ढीले पड़ने और बाहर निकल जाने का आवर्ती प्रक्रम। इसके साथ-साथ नई क्यूटिकल का निर्माण चलता रहता है और प्रायः कायभित्ति तथा अन्य भागों में सरंचनात्मक परिवर्तन होते हैं।
  • Moulting gland(exuvial gland) -- निर्मोचन ग्रंथि, निर्मोकी ग्रंथि
बाह्यत्वचा (अधिचर्म) की ऐसी ग्रंथियां जो संभवतः निर्मोक-द्रव अथवा तरल स्रावित करती हैं।
  • Moulting -- निर्मोचन
कुछ प्राणियों द्वारा त्वचा की बाहरी परतों को समय-समय पर उतार फेंकने की क्रिया, जैसे साँप आदि सरीसृपों तथा अनेक कीटों में।
  • Mouth parts -- मुखांग
आर्थ्रोपोडा संघ के प्राणियों में मुंह के चारों ओर अशन से संबंधित अनुबंध; जैसे लेब्रम, मैडिबल, मैक्सिला, लेबियम आदि।
  • Mucus -- श्लेष्मा
प्राणियों में गाढ़ा, लसदार या चिकना तरल जो श्लेष्मा ग्रंथि या श्लेष्मा कला से निकलता है।
  • Mullerian duct -- मुलेरी वाहिनी
केशरुकियों में भ्रूणीय मध्यवृक्कीय (मीसोनेफ्रिक) वाहिनी जो वयस्क मादा में अंडवाहिनी बन जाती है।
  • Multicellular -- बहुकोशिक
एक से अधिक कोशिकाओं वाले जीवों के लिए प्रयुक्त। प्रोटोजोआ संघ को छोड़कर शेष सभी प्राणी इसी कोटि में आते हैं।
  • Multiline(resistance) -- बहुवंशक्रमी प्रतिरोध
सामान्य किन्तु जीनप्ररुपतः भिन्न शुद्ध वंशक्रमों के मिलने से उत्पन्न प्रतिरोध।
  • Multiparasitism -- बहुपरजीविता
एक परपोषी पर एक से अधिक जाति के परजीव्याभों की उपस्थिति जिसके कारण सामान्यतः कम आक्रामक जाति के परजीव्याम मर जाते हैं। उदा.-परजीवी डिप्टेरा।
  • Multiple alleles -- बहु विकल्पी
विशेष जीन विस्थल पर के दो से अधिक विकल्पियी। दे. allele
  • Multivoltine -- बहुप्रज
एक वर्ष में एक से अधिक बार अंडे या बच्चे देने वाला प्राणी। उदा. रेशम कीट, कुछ पक्षी।
  • Muscle cell -- पेशी कोशिका
संकुंचनशील कोशिका जो रेखित पेशी, अरेखित पेशी और हृद्पेशी में पाई जाती हैं। इस प्रकार की सभी पेशियाँ संकुंचनशील ऐक्टिन और मायोसिन नामक प्रोटीन अणुओं द्वारा संकुचित होती हैं।कंकाल पेशी कोशिकाएँ प्रायः लंबे आकार की होती हैं इसलिए इन्हें पेशी-तंतु भी कहते हैं। इनमें ऐक्टिन और मायोसिन प्रोटीन एकांतर क्रम में व्यवस्थित होते हैं और पेशी को रेखित आकृति प्रदान करते हैं। हृद्पेशी-कोशिकाएँ अपेक्षाकृत छोटी, एककेन्द्रकित तथा रेखित होती हैं।अरेखित पेशी-कोशिकाएँ छोटी और एककेन्द्रकित होती हैं।
  • Mutability -- उत्परिवर्तनशीलता
जीन या जीनप्ररुप में ऐसे नूतन लक्षण आने की प्रवृत्रि जो आनुवंशिक विसंयोजन या आनुवंशिक पुनः संयोजन के कारण नहीं होती।
  • Mutagen -- उत्परिवर्तजन
रासायनिक अथवा भौतिक कर्मक जो डी.एन.ए. में परिवर्तन उत्पन्न करके उत्परिवर्तन की दर बढ़ा देता है।
  • Mutant -- उत्परिवर्ती
जीव या कोशिका जिसमें उत्परिवर्तन हुआ हो; अथवा, जो उत्परिवर्तन के फलस्वरुप उत्पन्न हो; अथवा, जो उत्परिवर्ती जीन का वाहक हो और जिसके लक्षण प्ररुप में उसकी अभिव्यक्ति हो। यह वन्यप्ररुप से भिन्न होता है।
  • Mutation rate -- उत्परिवर्तन दर
किसी दिए हुए विस्थल पर उत्परिवर्तन के होने की दर।
  • Mutation site -- उत्परिवर्तन स्थल
गुणसूत्र का वह स्थल जहां डी.एन.ए. के क्षारक युग्म में परिवर्तन होते हैं।
  • Mutation -- उत्परिवर्तन
संजीनी (जीनोमी) डी.एन.ए के न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम में होने वाला कोई वंशानुक्रमीय परिवर्तन। पर्यावरण के परिवर्तनों के प्रति जीन समुहों के अनुकूलन का आधार उत्परिवर्तन ही है। सामान्यतः किसी जाति के लिए उत्परिवर्तन का निम्न स्तर बना
रहना ही लाभकारी होता है क्योंकि अधिकांश उत्परिवर्तन हानिकारक होते हैं।
  • Muton -- उत्परिवर्तेक
डी.एन.ए. की लघुतम इकाई जिसमें फेर बदल होकर उत्परिवर्तन पैदा हो सकता है। यह एकल न्यूक्लियोटाइड के तुल्य होता है।
  • Mutualism -- सहोपकारिता
विभिन्न जातियों के दो जीवों का साथ-साथ रहना जिससे दोनों को परस्पर लाभ होता है। उदा. दीमक और उसके शरीर के अंदर रहने वाले कशाभी प्रोटोजोआ।
  • Mycetome -- विपुंज, माइसीटोम
कोलियोप्टेरा और हेमिप्टेरा गण के अनेक कीटों में पूर्ण विकसित परिवर्ती रुप और आकार के माइसीटोसाइटों से बने अंग। माइसीटोसाइटों में विभिन्न रुपों के दो या उससे अधिक सूक्ष्मजीव, जैसे-यीस्ट, जीवाणु, प्रोटोजोआ होते हैं, जो अपने परपोषियों को जल में घुलनशील विटामिनों अथवा ऐमीनो-अथवा ऐमीनो-अम्लों की आपूर्ति करते हैं।
  • Mycetophagous(mycophagous) -- कवकभोजी
कवकों का अशन करने वाली; मच्छर के समान, कोमल, फीके रंग की मक्खियाँ जिनके डिंभक अंधेरे और सीलन भरे स्थानों में रहते और कवकों का अशन करते हैं।
  • Mycoplasma -- माइकोप्लाज्मा
सूक्ष्मजीव जो प्राक्केन्द्रकी तथा बहुरुपी होता है और जिसमें जीवाणु तथा विषाणु दोनों के लक्षण पाए जाते हैं।
  • Myelencephalon -- माइलेन्सेफैलॉन
मस्तिष्क के पांच प्रमुख भागों में सबसे पीछे स्थित भाग जिसमें मेड्यूला ऑब्लांगेटा आता है।
  • Myelin sheath -- माइलिन आच्छद
तंत्रिकाक्ष का रोधी आवरण, जो श्वान कोशिका की प्लाज्मा झिल्ली द्वारा बनता है।
  • Myelin -- माइलिन
माइलिन-युक्त तंत्रिका तंतु के सफेद आच्छद को बनाने वाली हाइपोप्रोटीन।
  • Myeloma -- मज्जार्बुद
प्लाज्मा कोशिकाओं या अस्थिमज्जा कोशिकाओं का कैन्सर।
  • Myiasis -- माइएसिस, मक्षिकता
डिप्टेरा गण के डिंभक के ग्रसन से उत्पन्न रोग अथवा क्षति।
  • Myocyte -- पेशी अणु
विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में से एक प्रकार की विशिष्ट संकुचनशील कोशिका, जो पेशी-ऊतक बनाती हैं। स्तनधारियों में इनकी चार किस्में पाई जाती हैः रेखित पेशी-कोशिका, अरेखित पेशी-कोशिका, हृद्पेशी कोशिका और मायोएपीथीलियमी कोशिका।
  • Myology -- पेशीविज्ञान
शारीर (anatomy) की वह शाखा जिसमें पेशियों का अध्ययन किया जाता है।
  • Myomere -- पेशीखंड
मध्यजनस्तर (मीसोडर्म) का विखंडतः खंडित (मेटामेरिकली सेग्मेन्टेड) भाग जिससे कशेरुकियों की खंडीय पेशियाँ निकलती हैं। कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग वयस्क प्राणि-खंड के लिए भी किया जाता है।
  • Myoneme -- पेशीसूत्र, मायोनीम
कई प्रोटोजोआ प्राणियों के बहिर्द्रव्य में सूक्ष्म संकुचनशील तंतुक।
  • Myosin -- मायोसिन
पेशी कोशिकाओं के स्थूल तंतुओं का प्रमुख संकुचनशील कोशिका पंजरीय प्रोटीन।
  • Myotome -- आदिपेशी खंड, मायोटोम
विखंड के अनुरुप देह-पेशी का एक भाग।
  • Myriapoda -- मीरियापोडा
संधिपाद (आर्थ्रोपोड) प्राणियों का एक वर्ग जिसमें कांतर (सेन्टीपीड) और गिजाइयाँ (मिलीपीड) आती हैं। अनेक पैरों वाला लंबा-पतला शरीर, सुस्पष्ट सिर और समान खंडों वाला धड़, एक जोड़ी श्रृंगिका तथा वातिका (ट्रैकिया) द्वारा वायुश्वसन इनके प्रमुख लक्षण हैं। उदा. स्कोलेपेन्ड्रा (कांतर या कांतर या कनखजूरा)।
  • Myrientometa -- मिरिएन्टोमेटा
देखें प्रोट्यूरा।
  • Myrmecophagous -- छींटीभक्षी
चींटी खाने वाले प्राणी; जैसे अंदती वर्ग के स्तनी।
  • Myrmecophil -- चींटीरागी
चींटियों के घोंसलों में प्राकृतिक रुप से निवास करने वाले प्राणी; जैसे कोलिऑप्टेरा गण के कुछ कीट।
  • Naiad -- जलार्भक, नायड
जलीय हेमीमेटाबोला कीट का परिपक्व इन्स्टार। उदा.-ओडोनटा, एफीमेरोप्टेरा आदि कीटों के जलीय अर्भक।
  • Nares -- नासाछिद्र
कशेरुकियों में नासा-गुहाओं के छिद्र या रंध्र जो प्रायः युग्मित होते हैं। भीतरी या पश्च रंध्र ग्रसनी में खुलते हैं और बाहरी या अग्र रंध्र बाहर की ओर।
  • Nascent -- नवजात
वह जीव अथवा पदार्थ जो अस्तित्व में आ रहा है अथवा जिसके अस्तित्व का प्रारंभ है। उदा. नवजात DNA
  • Natatorial leg -- तरणार्थ पाद, तरणपाद
तैरने के लिये अनुकूलित पाद।
  • Natural control -- प्राकृतिक नियंत्रण
जैविक और अजैविक कारकों की सामूहिक क्रिया द्वारा किसी नाशक कीट-समष्टि के घनत्व को अवधि-विशेष के दौरान वहन-क्षमता की सीमाओं के भीतर बनाए रखना।
  • Natural enemy -- प्राकृतिक शत्रु
ऐसा जीव जो किसी अन्य पादप या प्राणी की समयपूर्व मृत्यु का कारण बन जाता हो।
  • Natural selection -- प्राकृतिक वरण
प्रकृति में स्वतः होने वाली चयन-क्रिया, जिसके फलस्वरुप अनुकूलतम जीव ही जीवन-संघर्ष में सफल होते हैं और कम अनुकूलन-क्षमता वाले जीव क्रमशः लुप्त हो जाते हैं।
  • Nauplius -- नॉप्लियस
अनेक क्रस्टेशियनों में अंडों से निकलने बाद की प्रथम लार्वा अवस्था जिसमें तीन जोड़ी उपांग होते हैं।
  • Necrophage -- मृतभक्षी
वे जातियाँ जो मृत जीवों के ऊतकों पर अशन करती हैं।
  • Nekton -- तरणक
सागर में सक्रिय रुप में तैरने वाले जीव।
  • Nematocyst -- दंशकोशिका
सीलेन्टेरेटों में शिकार मारने के उपकरण वाली कोशिका जिसमें विषैला तरल भरा होता है और एक लंबी धागे जैसी संरचना मुड़ी अवस्था में रहती है।
  • Nematoda -- नेमेटोडा
गोल, पतले सिलिन्डराकार या धागे-जैसे कृमियों का संघ जिसके कुछ सदस्य प्राणियों तथा पौधों में परजीवी होते है किंतु कुछ मिट्टी, पानी आदि में स्वतंत्र रुप में भी रहते हैं। दोनों सिरों पर नोकीला; खंडहीन शरीर तथा कूटप्रगुहा (स्युडोसील) का पाया जाना इनके विशिष्ट लक्षण हैं। उदा. ऐस्केरिस, ऐन्काइलोस्टोमा आदि।
  • Nematode -- सूत्रकृमि
त्रिकोरकी, द्विपार्श्व, सममिति वाला, खंडहीन, कूटगुहिक कृमिरुप प्राणी।
  • Neo-darwinism -- नव-डार्विनवाद
डार्विन के विकासवाद का नया रुप जिसमें उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) तथा वरण को विकास प्रक्रिया का आधार माना जाता है।
  • Neontology -- नवजीवविज्ञान
विज्ञान की वह शाखा, जो जीवधारियों (कीट सहित) की विविधता से संबंधित है।
  • Neoplasm -- नवद्रव्य
कोशिकाओं की समष्टि जिनका अपसामान्य दर से प्रचुरोद्भवन हुआ हो जिस कारण यह उन कारकों के बस में नहीं होता जो जीवों में सामान्य रुप से वृद्धि और कोशिका विभाजन का नियंत्रण करते हैं। प्राणियों में यह सुदम अथवा दुर्दम हो सकता है।
  • Neoteny -- चिरडिंभता, निओटेनी
किसी प्राणी के स्थायी रुप से अपरिपक्व या डिंभक अवस्था में बने रहते हुए भी जनन क्षमता का आ जाना; जैसे ऐम्बिटोमा का एक्सोलोटल लार्वा।
  • Nephridium -- वृकक्क
कई अकशेरुकियों (केंचुओं, चपटे कृमियों आदि) तथा ऐम्फिओक्सस में उत्सर्जन से संबंधित संरचना। केंचुओं में यह कशाभी कीप के रुप में होती है जो अंदर प्रगुहा में खुलती है और एक नली द्वारा शरीर के बाहर चली जाती है।
  • Nephron -- नेफ्रॉन
कशेरुकी वृक्क की संरचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई।
  • Nephrostome -- वृक्ककमुख
कुछ वृक्ककों का आंतरिक छिद्र जिससे वे प्रगुहा (सीलोम) में खुलते हैं।
  • Nephrotome -- नेफ्रोटोम
कशेरुकियों के भ्रूण में मध्यजनस्तर (मेसोडर्म) का भाग जिनसे बाद में वृक्क नलिकाएँ निकलती हैं।
  • Neritic -- नेरिटांचली
खुले सागर में न होकर समुद्र-तट के आर-पार पाए जाने वाले जावों के लिए प्रयुक्त। दे. littoral वेलांचली।
  • Nerve cell -- तंत्रिका कोशिका
दे. Neuron।
  • Nerve trunk -- तंत्रिका स्तंभ
परिधीय तंत्र में तंत्रिका रेशों का गुच्छा (सामान्य तंत्रिका)।
  • Nerve -- तंत्रिका
तंत्रिका रेशों का बंडल या बंडलों का समूह जो संयोजी ऊतक द्वारा परस्पर आबद्ध एवं एक पूलाच्छद से घिरे होते हैं। इनके माध्यम से मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु और शरीर के विभिन्न भागों में आवेग संचार होता है।
  • Nerve-fibre -- तंत्रिका-तंतु
तंत्रिकाक्ष अथवा तंत्रिकोशिका की दूसरी शाखाएँ।
  • Nervous system -- तंत्रिका तंत्र
किसी जीव में पाए जाने वाली ऐसी संरचनाओं का समूह जो विभिन्न संवेदों तथा गतिविधियों में तालमेल बैठान के उद्देश्य से आवेगों को शरीर के एक भाग से दूसरे भागों में पहुंचाती हैं।
  • Neural arch -- तंत्रिकीय चाप
कशेरुक के सेन्ट्रम से पृष्ठतः निकलने वाली युग्मित चाप जो ऊपर की ओर एक दूसरे से जुड़ कर तंत्रिकीय नाल बनाती है।
  • Neural canal -- तंत्रिकीय नाल
कशेरुक की तंत्रिकीय चापों के परस्पर मिलने से बनी संरचना या नलिका जिसमें होकर मेरुरज्जु जाती है
  • Neural groove -- तंत्रिक खांच
भ्रूण में तांत्रिक कठकों के बीच मध्यवर्ती अधरीय खांचें।
  • Neural ridge -- तंत्रिक कटक
भ्रूण के दो अनुदैर्घ्य-अधर कटक जिनमें तंत्रिकोरकों के पार्श्व-रज्जु बनते हैं। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की शुरुआत तंत्रिक कठक से होती है और तंत्रिक खांच इस कठक को अलग करती है।
  • Neural spine -- तंत्रिकीय कंटक
कशेरुक में तंत्रिकीय चाप के पृष्ठ मध्य भाग से निकला अस्थिल प्रवर्ध।
  • Neurilemma -- तंत्रिकाच्छद
तंत्रिका ऊतक का केंद्रकित आच्छद जो गुच्छिका, तंत्रिकाक्ष और अंतःस्थ शाखाओं को ढकता है।
  • Neurite -- तंत्रिकावर्ध
एक तंत्रिकोशिका का प्रधान प्रवर्ध अथवा तंत्रिका रेशा( तंत्रिकाक्ष)।
  • Neuroblast -- तंत्रिकोरक
बाह्यजनस्तर (एक्टोडर्म) से विभेदित आद्य तंत्रिक कोशिकाएँ जिनसे तंत्रिका ऊतक बनता है।
  • Neurofilament -- तंत्रिका तंतु
तंत्रिका कोशिका के भीतर पाया जाने वाला तंतु, जो तीन भिन्न-भिन्न मध्यवर्ती तंतु पॉलिपेप्टाइडों से बना होता है।ऐसा माना जाता है कि तंत्रिकाक्षों को दृढ़ करने में तथा तंत्रिकाक्षीय अभिगमन में इसकी आवश्यक भूमिका होती है।
  • Neuron -- न्यूरोन, तंत्रिएक
संकेतों को ग्रहण करने, उनका संवहन तथा प्रेषण करने वाली तंत्रिका कोशिकाएँ। हर न्यूरोन में चार मुख्य भाग होते हैं : कोशिका पिंड, द्रुमिका, तंत्रिकाक्ष टर्मिनल तथा तंत्रिकाक्ष की शाखाएँ।
  • Neuropile -- तंत्रिका पुंजक
गुच्छिका में उपस्थित मज्जा-पदार्थ अथवा रेशेदार ऊतकों का पुंज।
  • Neuroptera -- न्यूरोप्टेरा
छोटे से लेकर बड़े आकार के मृदु-शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकाएँ प्रायः लंबी होती हैं। मुखांग कर्तन के लिए अनुकूलित, जीभिका आविभाजित अथवा द्विपालिक अथवा प्रायः क्षीण। एक जैसे दो जोड़ी झिल्लीमय पंख जो विश्राम के समय सामान्यतः उदर पर छत जैसी स्थिति में रहते हैं। शिराविन्यास आद्य लेकिन अनेक सहायक शिराएँ। उदर लूम रहित। डिंभाक मांसाहारी, रुपांतरित कैम्पोडियारुपी जिसके मुखांग कर्तनी या चूषकीय होते है, जलीय रुपों में प्रायः उदरीय क्लोम होते हैं। कोशित अबद्धपंखो में पूर्ण वातकन्यास (tracheation)। उदा. – पौरमक्षी (alder fly), पिपीलिका सिंह (ant lion), जालपंख (lacewing) और सर्पाभ मक्षी (snake fly)।
  • Neurosecretary cell -- तंत्रिका-स्रावी कोशिका
हर्मोन को स्रावित करने वाली ग्रंथि के समान विशिष्ट तंत्रिका कोशिका।
  • Neurosecretion -- तंत्रिका-स्राव
उद्दीपन अनुक्रिया के परिणामस्वरुप तंत्रिका-कोशिकाओं द्वारा स्रावित पदार्थ।
  • Neurotoxic -- तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंचाने वाला कारक।
  • Neurtrophil -- उदासीनरंजी
कोशिकाद्रव्यी कणिकाओं तथा बहुपालि केंद्रक से युक्त एक प्रकार का बहुरुप केंद्रकी श्वेताणु। ये अति भक्षकाणुक होते हैं और बैक्टीरियाई संक्रमण के समय इनकी संख्या बहुत बढ़ जाती है।
  • Niche -- निकेत
अधः स्तर तथा सूक्ष्मजलवायु को सम्मिलित करती हुई किसी जाति की पारिस्थितिक स्थिति जो उस जाति की निजी आवश्यकताओं तथा उसकी पारस्परिक क्रियाओं के सर्वाधिक उपयुक्त है अथवा वे पर्यावरणीय कारक जिनमें कोई जाति सर्वथा अनुकूल रहती है या जो उस जाति की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।
  • Nictitating membrane -- निमेषक झिल्ली
निचली पलक के नीचे पतली पारदर्शी झिल्ली या तीसरी पलक जो आँख को साफ रखने में सहायक होती है। यह कुछ शार्कों तथा उभयचरों, अधिकांश सरीसृपों तथा पक्षीयों और कुछेक स्तनियों में सुपरिवर्धित रुप में पाई जाती है।
  • Nidicolous -- नीडवासी
ऐसे पक्षियों के लिए प्रयुक्त जो कुछ-कुछ अपरिपक्व अवस्था में अंडे से बाहर निकल कर कुछ समय तक घोंसले में ही रहते हैं।
  • Nidifugous -- नीडापाश्रयी
ऐसे पक्षियों के लिए प्रयुक्त जो परिपक्व अवस्था में अंडे से निकलकर फौरन ही घोंसले से बाहर जा सकते हैं।
  • Nitrogen-fixation genes (nif genes) -- नाईट्रोजन स्थिरक जीन निफ जीन
जीवाणुओं में नाइट्रोजन यौगिकीकरण के लिए पाए जाने वाले जीन; विशेषत: फलीदार पौधों की मूल ग्रंथियों में रहने वाले राइजोबियम के जीन।
  • Nocturnal -- रात्रिचर
रात में चलने-फिरने या सक्रिय रहने वाला (प्राणी); उदा. उल्लू, चमगादड़ आदि।
  • Nomen dubium -- संदिग्ध नाम
किसी जाति का वह नाम जिसके पक्ष में इतने पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं कि उस प्राणी जाति की पहचान को मान्यता दी जा सके।
  • Nomen novum -- नव नाम
किसी वर्गक के पूर्व-निर्धारित नाम के स्थान पर दिया गया नया नाम।
  • Nomen oblitum -- लुप्त नाम
ऐसा नाम जिसकी प्रमाणिकता परिसीमन अधिनियम के अनुसार खत्म हो गई है।
  • Nominal taxon -- नामीय वर्गक
अपने प्ररुप से परिभाषित कोई भी नामधारी वर्गक।
  • Non-disjuntion -- अवियोजन
अर्धसूत्री विभाजन में समजात गुणसूत्रों का, और सूत्री विभाजन में सहजात अर्धगुणसूत्रों का अलग-अलग न होना।
  • Nonsense mutation -- निरर्थक उत्परितर्वन
डी.एन.ए. में ऐसा परिवर्तन, जिसमें निरर्थक प्रकूट द्वारा अमीनो अम्ल का निरूपण करने वाले प्रकूट का विस्थापन होता है। इसके परिणामस्वरुप पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला परिपक्वता से पहले ही समाप्त हो जाती है।
  • Non-viable -- जीवन-अक्षम
परिवर्धन तथा उत्तरजीविता में असमर्थ जीव।
  • Notochord -- पृष्ठरज्जु, नोटोकॉर्ड
कार्डेटा संघ के प्राणियों में वयस्क या भ्रूण अवस्था में मौजूद शरीर को साधन वाला अक्षीय दंड जो मेरु-रज्जु और आहार-नाल के बीच लंबाई में सिर से पूंछ तक स्थित होता है। अधिकांश कशेरुकियों में यह केवल भ्रूण में ही पाया जाता है। वयस्क में इसकी जगह अनेक कशेरुकाएँ बन गई होती हैं।
  • Notum -- वक्षपृष्ठक
संधिपादों (आर्थ्रोपोडों) में वक्ष के प्रत्येक खंड का पृष्ठीय भाग।
  • Nuclear pore -- केंद्रकीय
केंद्रक आवरण में वह रंध्र, जिसके द्वारा केंद्रक और कोशिका-द्रव्य के बीच पदार्थ का विनिमय होता है।
  • Nuclease -- न्यूक्लिएज़
प्रकिण्वों का एक वर्ग, जो फॉस्फोडाइएस्टर आबंधों का या तो एकल रज्जुक अथवा द्विक्-रज्जुक न्यूक्लीक अम्ल अणु में जल अपघटन कर देता है।
  • Nucleic acid -- न्यूक्लीक अम्ल
पेन्टोस शर्करा, नाइट्रोजनी क्षारक और फॉस्फोरिक अम्ल की पुनरावृत्त ईकाइयों (न्यूक्लिओटाइडों से बना) बृह्त अणु।
  • Nucleoid -- केंद्रकाभ
1. प्राक्केंद्रकों की सूत्रकणिका अथवा हरित लवक में डी.एन.ए. का प्रक्षेत्र।
2. आर.एन.ए. अर्बुद विषाणु में आनुवंशिक आर.एन.ए. का क्रोड जो विंशफलकीय प्रोटीन पेटिका से घिरा होता है।
  • Nucleolar organizer -- केंद्रिक-संगठक
वे गुणसूत्र-प्रक्षेत्र जिनसे केंद्रिका संबद्ध होती हैं। इनमें राइबोसोमी आर.एन.ए. जीनों की बहुत सी प्रतियाँ पाई जाती हैं। पश्चावस्था गुणसूत्रों में ये पृथक् अभिरंजनीय संकीर्णन के रुप में दिखाई देते हैं।
  • Nucleolus -- केंद्रिका, न्यूक्लिओलस
केंद्रक के अंदर छोटी सघन संरचना जिसमें आर एन ए और प्रोटीन होते हैं। ये राइबोसोम के संश्लेषण में योग देती है।
  • Nucleoplasm -- केंद्रकद्रव्य
केंद्रक झिल्ली से घिरा, क्रोमैटिन को छोड़कर, शेष समांगी द्रव भाग।
  • Nucleoprotein -- न्यूक्लिओप्रोटीन
प्रोटीन और न्यूक्लीक अम्ल के संयोजन से बना यौगिक।
  • Nucleoside -- न्यूक्लिओसाइड
यौगिक अणु जो प्यूरीन अथवा पिरीमिडीन क्षारक और पेन्टोस शर्करा के सहसंयोजी आबंधन से बनता है।
  • Nucleosome -- न्यूक्लिओसोम
सुकेंद्रकी क्रोमैटिन की संरचनात्मक इकाई। डी.एन.ए. प्रोटीन क्रोड के चारों ओर लिपटा रहता है। क्रोड 4 हिस्टोन एच2ए,एच2बी एच3 तथा एच4 में से प्रत्येक के दो-दो के संयोग से बनता है। हिस्टोनों का सहसंबंध हिस्टोन एच1 के साथ सहयोजित डी.एन.ए. के एक वितान द्वारा होता है।
  • Nucleotide -- न्यूक्लिओटाइड
न्यूक्लीक अम्ल की मूल निर्माणकारी इकाई (डी.एन.ए. और आर.एन.ए.)। इसमें प्यूरीन अथवा पिरीमिडीन क्षारक, राइबोज अथवा डीऑक्सीराइबोज शर्करा और फॉस्फेट होते हैं।
  • Nucleus -- न्यूक्लियस, केंद्रक
कोशिका का मुख्य घटक, जो लगभग गोलाकार और एक झिल्ली से घिरा होता है। इसमें गुणसूत्र होते हैं जो आनुवंशिक गुणों को अगली पीढ़ी में पहुंचाने के लिए उत्तरदायी होते हैं।
  • Null allele -- शून्य विकल्पी
ऐसा उत्परिवर्ती वकल्पी जिसके कारण प्रकार्यात्मक जीन-उत्पाद होता ही नहीं।
  • Null cell -- शून्यप्रभावी कोशिका
लसीकाणु जिसमें न तो टी-कोशिका होती है और न ही बी-कोशिका या प्रतिजन।
  • Null-mutation -- शून्य उत्परिवर्तन
उत्परिवर्तन जो जीन के प्रकार्य को, सामान्यतया उसके विलोपन के कारण, पूर्ण रुप से विलुप्त कर देता है।
  • Numerical taxonomy -- संख्यात्मक वर्गिकी
वह पद्धति जो समरुपताओं और अनेक लक्षणों का उपयोग करके किसी जीव के वर्गिकीय स्थान का निर्धारण करती है, तथा अनजाने संबंधों (पूर्वजता-निर्धारण) वाले जीवों की पहचान, स्थापित वर्गकों के सदस्यों की भांति, व्यावहारिक वर्गिकी-एककों के आधार पर कराती है।
  • Nuptial flight -- प्रणय उड़ान
सपंख कीटों का मैथुन के लिए अपने उपयुक्त साथी की खोज में उड़ना। उदा.-दीमक, मधुमक्खी आदि।
  • Nuptial plumage -- प्रणय पिच्छता
कुछ पक्षियों में प्रजनन-काल के दौरान विशेषतः नर में अलग प्रायः चटकीले पंख बन जाना।
  • Nurse cell -- धात्री कोशिका
अंडाशय अथवा वृषण के पोषकाणु अथवा पोषक कोशिकाएँ।
  • Nutrition -- पोषण
जीवों द्वारा भोजन के अंतर्ग्रहण, पाचन तथा स्वांगीकरण की प्रक्रिया।
  • Nymph -- अर्भक, निम्फ.
डिंभकहीन अवस्था वाले कीटों के परिवर्धन के दौरान अंडे और वयस्क कीट के बीच की अवस्था। यह अवस्था वयस्क कीट की भांति होती है लेकिन इसमें पंख और जननेंद्रियां पूरी तरह परिवर्धित नहीं होते। उदा.-तिलचट्टा, टिड्डा, ऐफिड और दीमक आदि।
  • Objective -- अभिदृश्यक
लेन्सों का वह समुच्चय, जो सूक्ष्मदर्शी में देखे जाने वाली वस्तु के निकटतम होता है।
  • Obligate dormancy -- अविकल्पी प्रसुप्ति
कुछ सूत्रकृमियों के जीवन-चक्र में एक अनिवार्य विश्रांत अवस्था।
  • Obligate -- अविकल्पी
सीमित पर्यावरणी परिस्थितियों में ही जीवित रह सकने वाले (जीव)। विप.facultative विकल्पी।
  • Obligate -- अविकल्पी
सीमित पर्यावरणी परिस्थितियों में ही जीवित रह सकने वाले (जीव)।
  • Obligative parasitism -- अविकल्पी परजीविता
परजीवी साहचर्य का एक प्रकार जिसमें परजीवी अपने परपोषी से अनाश्रित होकर जीवित नहीं रह सकता।
  • Obtect pupa -- आबद्ध प्यूपा
वह प्यूपा-प्ररुप जिसमें पाद और पंख देह के साथ चिपके रहते हैं तथा अधिकांश उदरीय खंड अचल होते हैं।
  • Obturator foramen -- गवाक्ष रंध्र, श्रोणि रंध्र
आसनास्थि (इस्कियम) तथा जघनास्थि (प्यूबिस) के बीच स्थित गोल अंडाकार बड़ा छिद्र।
  • Occipital condyle -- अनुकपाल अस्थिकंद
करोटि में पीछे की ओर हड्डी की एक या दो घुंडीयाँ जो प्रथम कशेरुक से लगती हैं। अधिकांश मछलियों में यह नहीं पाई जाती। सरीसृपों तथा पक्षियों में एक, किंतु उभयचरों तथा स्तनियों में दो-दो अस्थिकंद होते हैं।
  • Occipital ganglion -- अनुकपाल गुच्छिका
कीटों में मुखपथ-तंत्रिका तंत्र की एकल अथवा युग्मत पश्च प्रमस्तिष्क गुच्छिका। इसे ग्रसिका-गुच्छिका अथवा अधोमस्तिष्क गुच्छिका भी करते हैं।
  • Occipital suture -- अनुकपाल सीवन
कीटों में सिर के पृष्ठ भाग में कभी-कभी पाई जाने वाली एक अनुप्रस्थ खांच (सीवन) जो चिबुक की पश्च संधियों से पहले नीचे की ओर समाप्त होती है।
  • Occiput -- अनुकपाल
1. कपाल का पृष्ठ भाग
2. (कीटों में) पश्चकपोल की पार्श्व पट्टिका।
  • Oceanography -- समुद्रविज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसमें समुद्र का भौतिक, रासायनिक, भूवैज्ञानिक तथा जीववैज्ञानिक दृष्ठि से अध्ययन किया जाता है।
  • Ocellus -- नेत्रक
कई अकशेरुकियों में नेत्र-जैसा छोटा प्रकाशग्राही दृक् बंदु या संरचना जिसमें कुछ संवेदी कोशिकाएँ और एक उपचर्मी लेन्स होता है; जैसे कीटों में।
  • Octopod -- अष्टपाद
आठ पादों या आठ भुजाओं वाला जीव ।
  • Octopoda -- ऑक्टोपोडा (अष्टपाद)
मोलस्का संघ में सेफैलोपोडा वर्ग के ऐसे प्राणियों का गण जिनके कवचहीन शरीर में आठ भुजाएँ होती हैं। उदा. ऑक्टोपस।
  • Ocular -- चाक्षुष, अक्षि
आँखो से संबंधित किसी संरचना के लिए प्रयुक्त।
  • Oculomotor -- अक्षुप्रेरक, ऑक्यूलोमोटर
तीसरी कपाल-तंत्रिका जो मध्यम-मस्तिष्क के अधर तल से निकलकर आँखो की कुछ पेशियों को प्रेरित करती है।
  • Odonata -- ओडोनेटा
परभक्षी कीट जिनके मुखांग कर्तनी होते हैं। दो जोड़ी समान या तुल्यप्राय (sub-equal) लंबे झिल्लीसम पंख जिन पर प्रायः सुस्पष्ट पक्षबिंदु (pterostigma) होता है। आंखों बहुत बड़ी और सुव्यक्त होती हैं। दूसरे और तीसरे उदरीय अधरकों (sterna) पर सुपरिवर्धित नर में सहायक मैथुनांग (accessory genital armature) होते हैं। अर्भक (nymph) अल्परुपांतरी तथा श्वसन मलाशयी (faecal) या पुच्छ-क्लोमों (caudal gills) द्वारा होता है। उदा.-भंभीरी (ड्रैगन फ्लाई)।
  • Odontophore -- दंतधर
दंतशूकिका के पीछे की ओर का दृढ़ीकृत नलिकाकार विस्तार। (दे. Stylet extension)
  • Oesophagus -- ग्रसिका, ईसोफैगस
आहार-नाल में ग्रसनी और आमाशय के बीच का भाग जो क्रमाकुंचन द्वारा भोजन के आमाशय मे भेजता है।
  • Oestrus cycle -- मद चक्र
कई स्तनियों की, लैंगिक दृष्टि से परिपक्व मादा में प्रायः निश्चित अवधि के बाद होने वाला कामोत्तेजना काल जिसमें नर-मादा का संगम होता है।
  • Olfactory -- घ्राणीय
घ्राण-संवेद अर्थात् सूंघने से संबंधित (संरचना)।
  • Oligochaeta -- ओलिगोकीटा
ऐनेलिडों का एक गण जिसमें केंचुए आदि आते हैं। बिना किसी विशिष्ट उपांग वाला सिर, परापादों (पैरापोडिया) का अभाव, थोडें ही शूक, पर्याणिका(क्लाइटेलम) का पाया जाना, उभयलिंगता तथा बाह्यनिषेचन इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Oligogenic -- अल्पजीनी
ऐसी वंशागति जो कुछ जीनों द्वारा नियंत्रित होती है।
  • Oligolecithal -- अल्परीतकी
ऐसे अंडों के लिए प्रयुक्त जिनमें पीतक कम होता है। उदा. एकाइनोडर्मेटा के अंडे।
  • Oligonucleotide -- ऑलिगोन्यूक्लिओटाइड
ऐसी पॉलिन्यूक्लिओटाइड श्रृंखला, जिसमें न्यूक्लिओटाइडों की संख्या कम होती है।
  • Oligophagous -- अल्पभक्षी
एक ऐसा प्राणी अथवा परजीवी जो किसी अकेले गण, कुल अथवा जीनस के पौधों को ही आहार बनाता है।
  • Oligopneustic -- अल्परंध्री
उभयरंध्री, अग्ररंध्री अथवा पश्चरंध्री डिंभक। इस प्रकार के डिंभक द्रवी अथवा अर्धद्रवी पर्यावरण मे रहने के अनुकूल होते हैं।
  • Oligopod larva -- अल्पपाद डिंभक
ऐसा डिंभक जिसमें वक्षी-पाद परिवर्धित होते हैं। उदरीय उपांग के स्थान पर कभी-कभी एक जोड़ी लूम या लूम जैसे पुच्छीय प्रवर्ध होते हैं। शीर्ष-संपुट और उसके उपांग सुपरिवर्धित होते हैं। उदा. फफोला भृंग (माइलेब्रिस और लिट्टा जातियाँ), रिपीफोरिडी कुल के परजीवी भृंग तथा स्टाइलोप्स आदि।
  • Oligosaccharide -- ओलिगोसैकेराइड
सम्मिश्र शर्करा-अणु जो 3-10 मोनोसैकेराइड (समान या भिन्न) के बहुलकन से बनते है। ये मोनोसैकेराइड ग्लाइकोसिडिक बंधों के द्वारा परस्पर जुड़े होते हैं।
  • Ommatidium -- नेत्रांशक
कीटों या क्रस्टेशियनों के संयुक्त नेत्र की एक संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई जिसमें बाहर की ओर क्यूटिकलीय लेन्स, बीच में क्रिस्टलीय शंकु और आधार पर रेटीन्यूली या संवेदी कोशिकाएँ होती हैं।
  • Omnivorous -- सर्वाहरी, सर्वभक्षी
बिना किसी विशेष पसंद के सब कुछ (पादप अथवा प्राणियों को)खाने वाले जीव।
  • Omosternum -- अग्र-उरोस्थि, ओमोस्टर्नम
उभयचरों की उरोस्थि का अग्र भाग। कुछ स्तनियों में उरोस्थि और जत्रुक (क्लेविकल) के नीचे की हड्डी या उपास्थि।
  • Oncogene -- अर्बुद जीन, ओंकोजीन
प्राणि कोशिका या विषाणु-जीनोमों में पाए जाने वाली जीन, जो यूकेरिओटा जीवों के ऊतकों में कैंसर वृद्दि के लिए उत्तरदायी होती है। दे- cancer cell
  • Oncology -- अर्बुद विज्ञान, अर्बुदिकी
अर्बुदों की उत्पत्ति, वृद्धि, लक्षण तथा चिकित्सा का अध्ययन करने वाला विज्ञान। दे. Cancer cell
  • Ontogenic development -- व्यक्तिवृत्तीय परिवर्धन
अंडे से प्रौढ़ होने के बीच कायिक परिवर्तनों के क्रमागत प्रकट होने की प्रक्रिया।
  • Ontogeny -- व्यक्तिवृत्त
जीव के परिवर्धन और वृद्दिध का क्रमिक विवरण।
  • Onychophora -- ओनिकोफोरा
एक ही वंश पेरिपेटस में आने वाले कुछ प्राणियों का छोटा समुह जिसे पहले अलग से एक संघ (फाइलम) माना जाता था किंतु अब संधिपादों का एक वर्ग समझा जाता है। कई छोटे बिना जोड़ के पादों वाला कृमि-जैसा शरीर, श्रृंगिका, वातक (ट्रैकिया) तथा असंधित उपत्वचा इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Oocyst -- युग्मकपुटी
संयुग्मन करने वाले युग्मकों अथवा के चारों ओर का आवरण; जैसे मलेरिया परजीवी में।
  • Oocyte -- अंडाणु
परिपक्वन से पूर्व अंड से विभेदित अंड-कोशिका। ऐसी कोशिकाएँ जो अर्धसूत्रण (मीयोसिस) की क्रिया के बाद अंडाणु बनाती हैं।
  • Oogamy -- विषमयुग्मकता
लैंगिकतया विभेदित युग्मक (गैमीट) का उत्पादन जिसमें मादा युग्मक, नर युग्मक की अपेक्षा बड़ा किंतु कम गतिशील होता है।
  • Oogenesis -- अंडजनन
अंडाशय में अर्धसूत्रण द्वारा अंडक से अंडणु का बनना।
  • Ooganium -- अंडधानी
अंडाशय की वह कोशिका जो विभाजित होकर अंडक बनाती है।
  • Ookinete -- चरयुग्मज
मलेरिया-परजीवी आदि कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों के जीवन-चक्र में युग्मज से बनने वाली कृमिरुप गतिशील अवस्था।
  • Oosome -- अंडविक्षेत्र, ऊसोम
अंडे का विशिष्टीकृत भाग जो भ्रूण में जनन कोशिकाओं के विभेदन से संबंधित है।
  • Ootheca -- अंडप्रावरक
सहायक जनन-ग्रंथियों या अंडवाहिनियों के स्रावित उत्पादों से निर्मित संरचना।
  • Ooze -- निपंक
सूक्ष्मजीवों के कंकाल तथा कंकालीय भागों के जमा होने से समुद्र तली में पाया जाने वाला निक्षेप या जमाव। उदा. ग्लोबिजेराइना निपंक।
  • Operculum -- प्रच्छद
किसी द्वार अथवा रंध्र को ढकने वाला त्वचा का कपाट (फ्लैप) या ढक्कन। उदा. मछलियों का क्लोम छद।
  • Operon -- ओपेरॉन
अनुक्रम में स्थित जीन जिसके प्रत्यंकन का नियमन, एकीकृत रीति से एक संकारक और एक दमनकर जीन द्वारा होता है।
  • Ophidia -- ओफीडिआ
सरीसृपों का एक गण (ऑर्डर) जिसमें साँप आते हैं। लंबा पादहीन और शल्कयुक्त शरीर, अचल पलकें, करोटि में गतिशील क्वाड्रेट हड्डियाँ, अपेक्षाकृत अधिक कशरुक, गतिशील पसलियों का होना तथा उरोस्थि और कर्णपटह का न होना इनके प्रमुख लक्षण हैं। विषैले साँपों में सीरिक (वोमरीय) दाँत परिवर्तित होकर विषदंत बन गए हैं जिनके आधार पर विष-ग्रंथियाँ होती हैं।
  • Opisthocoelous -- पश्चगर्ती
ऐसे कशेरुक के लिए प्रयुक्त जिसका सेन्ट्रम आगे की तरफ उत्तल और पीछे अवतल होता है।
  • Opisthognathous -- पश्चहुनु
कीटों में पीछे की ओर उन्मुख मुखांगों वाले सिर के लिए प्रयुक्त।
  • Opisthognathous head -- पश्चहनु शीर्ष
आनन-क्षेत्र के विक्षेपण के कारण पश्च और अधर की ओर झुके हुए मुखांग वाला सिर।
  • Opsonin -- ऑप्सोनीन
जीवाणु कोशिका के साथ संयोजन करने वाला ऐसा प्रतिरक्षी जो उसको भक्षकाणु के लिए अधिक सुग्राही बनाता है।
  • Optic -- चाक्षुष, दृक्-
आंखों से संबंधित(कोई संरचना); जैसे तंत्रिका, पालि आदि।
  • Oral toxicity -- मुखीय आविषालुता
मुख द्वारा प्रविष्ट रासायनिक पदार्थ (जैसे पीड़कनाशी) की आविषालुता। आविषालुता की यह कोटि मुखीय घातक मात्रा ”एल. डी. 50′ के शब्दों में व्यक्त की जाती है।
  • Oral -- मुखीय
मुख का, उससे लगा हुआ या उससे संबंधित (कोई संरचना या क्रिया); जैसे छिद्र, उपां चूषक आदि।
  • Orang utan -- ऑरेंग उटान
बोर्नियो तथा सुमात्रा के दलदल वाले जंगलों में पाया जाने वाले पोंगो वंश के मानवाभ कपि का सामान्य नाम। शरीर पर भूरी लाल, वर्णकहीन त्वचा और लंबे बिखरे केश इनके प्रकट लक्षण हैं।
  • Orbit -- अक्षिकोटर, नेत्रकोटर
कशेरुकियों की करोटि में पाई जाने वाली गुहा जिसमें आँख स्थित होती है।
  • Order -- गण
वर्ग एवं कुल के बीच की वर्गीकरण श्रेणी।
  • Ordovician period -- आर्डोविशन कल्प
पृत्वी के ऐतिहासिक काल-क्रम में कैम्ब्रियन और सिल्यूरिन कल्पों के बीच 40 करोड़ वर्ष से लेकर 35 करोड़ वर्ष पहले की अवधि जिसमें अनेक प्रकार के अकशेरुकी प्राणी विकसित हुए।प्रवाल भित्तियाँ भी इसी कल्प की रचनाएँ है।
  • Organ -- अंग
जीव के शरीर का ऊतक से बना भाग या अवयव जो संरचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई के रुप में विशिष्ट कार्य करता है; जैसे हृदय, वृक्क, यकृत्, नेत्र आदि।
  • Organelle -- अंगक
आकारिकीय दृष्टि से सुस्पष्ट कोशिकीय एकक, जिसका अपना विशेष प्रकार्य होता है।
  • Organic evolution -- जैव विकास
जीवधारियों के क्रमिक उद्भव की संकल्पना जिसके अनुसार सरलतर जीवों से कालांतर में जटिल जीवों की उत्पत्ति हुई।
  • Organic -- 1. कार्बनिक 2. जैव
1. कार्बन का या उससे संबंधित; जैसे कार्बनिक यौगिक।
2. जीवधारियों का या उनसे संबंधित; जैसे जैव विकास।
  • Organochlorine -- ऑर्गेनोक्लोरीन, कार्ब-क्लोरिन
क्लोरीनित हाइड्रोकार्बन कीटनाशी जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन और क्लोरीन मूल आण्विक अवयव होते हैं। कुछ में ऑक्सीजन और गंधक भी हो सकती हैं। उदा.-एल्ड्रिन, डी.डी.टी., ऐण्डोसल्फान।
  • Organophosphate -- ऑर्गेनोफॉस्फेट
फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक यौगिक, उदा.-मोनोक्रोटोफॉस, मैलाथिऑन आदि।
  • Orientation -- अभिविन्यास
किसी उद्दीपन के प्रभाव से जीव या उसके किसी अंग की स्थिति में होने वाला दिशा-परिवर्तन।
  • Ornithology -- पक्षिविज्ञान
पक्षियों के अध्ययन से संबधित, जीवविज्ञान की शाखा।
  • Orthoptera -- ऑर्थोप्टेरा (ऋजुपंखी गण)
सामान्यतः मध्यम या बडें आकार के सपंखी, लघुपंखी या अपंखी कीट जिनके मुखांग चिबुकी, अग्रवक्ष बड़ा; पश्चपाद साधारणतः दीर्घित और कूदने के लिए रुपांतरित तथा अग्रपंख मोटे और उपसीमांत कॉस्टा (शिरा) वाले होते हैं। मादा में अंड निक्षेपक सामान्यतः सुपरिवर्धित, नर बाह्य जननांग असममित, लूम प्रायः छोटे और खंडहीनः विशिष्टीकृत श्रवण-अंग और घर्षणध्वनि अंग प्रायः परिवर्धित होते हैं। कायांतरण प्रायः थोड़ा। उदा.-टिड्डा, टिड्डी, झींगुर आदि।
  • Osculum -- प्रास्य, ऑस्कुलम
स्पंजों में बड़े बहिर्वाही छिद्र जिनके द्वारा (आस्यों से होकर अंदर गया हुआ) पानी शरीर से बाहर निकलता है।
  • Osmoregulation -- परासरणनियमन
कोशिका में जल तथा विद्युत-अपघट्यों की सर्वाधिक अनुकूल स्थिति को बनाए रखने के लिए उसके भीतरी परासरणी दाब का नियंत्रण।
  • Osmosis -- परासरण
विभेदक रुप से पारगम्य झिल्ली के माध्यम से होने वाला विसरण जिससे दो भिन्न सांद्रता वाले विलयनों की साम्यावस्था बनती है।
  • Osphradium -- जलेक्षिका
कई मोलस्कों में अतरंग गुच्छिका से संबद्ध रासायनिक सवेदी अंग।
  • Ossicle -- अस्थिका
1. मध्य कर्ण की तीन अस्थियाँ, यथा मैलियसनन्कस एवं स्टैपेस।
2. एकाइनोडर्मेंटा की त्वचा में गड़ी हुई कड़ी कैल्शियम पट्टीयाँ।
  • Ossification -- अस्थीभवन
उपास्थि (कार्टिलेज) के हड्डी में बदल जाने या शरीर के किसी भाग में हड्डी बनने की प्रक्रिया।
  • Osteichthyes -- ऑस्टिक्थीइस
उपास्थि मछलियों से पृथक् अस्थिमय कंकाल वाली मछलियों का समूह। इनमें गिल-छिद्र प्रच्छद (ऑपर्क्यूलम) से ढके रहते हैं और वाज या पखों (फ़िनों) में पख-अरें (fin rays) होती हैं।
  • Osteoblast -- अस्थिकोरक
कोशिका जो अस्थिभवन की आंरभिक अवस्थाओं में अस्थि की विभिन्न परतों को बनाती है। आरंभ में ये कोशिकाएँ भ्रूणीय उपस्थि अथवा झिल्ली के बाहर की तरफ होती हैं, लेकिन बाद में जब ये अस्थि भंजकों द्वारा कट-फट जाती हैं तो भीतर की तरफ बढ़ती हुई रुधिर-कोशिकाओं के साथ-साथ भीतर पहुंच जाती हैं और अस्थियों के अस्थायी संबंधक बना देती हैं।
  • Osteoclast -- अस्थि भंजक
बहुकेंद्रकी महाकाय कोशिका जो कोशिका बाह्य एन्ज़ाइमी क्रिया द्वारा अस्थि आधात्री के पुनःशोषण के लिए उत्तरदायी है। अस्थि भंजकों का वंशक्रम अस्थि कोरकों/अस्थि अणुओं से अलग होता है।
  • Osteocytes -- अस्थ्यणु
अस्थि कोरक से व्युत्पन्न अन्त्य रुप में विभेदित, आस्त्रावी अस्थि कोशिका जिसमें समसूत्रण नहीं होता। यह कोशिका बाहय कैल्सीकृत आधात्री द्वारा घिरी हुई रिक्तिका में पाई जाती है।
  • Osteology -- अस्थिविज्ञान
प्राणिविज्ञान की वह शाखा जिसमें हड्डियों और उससे संबंधित संरचनाओं का अध्ययन किया जाता है।
  • Ostium bursae -- आस्य प्रपुटी
लेपिडॉप्टेरा कीटों (lepidoptera) में पाई जाने वाली मैथुन प्रपुटी (bursa copulatrix) का मुख। यह उन मादा कीटों में भग के समान है जिनका जनन-रंध्र आठवें खंड में होता है।
  • Ostium -- आस्य, ऑस्टियम
1.स्पंजों में ऐसा रंध्र या छिद्र जिसमें होकर पानी शरीर के अंदर जाता है। प्रास्य (osculum) की तुलना में इनकी संख्या कहीं अधिक होती है।
2.हृदय के युग्मित और सामान्यतया पार्श्व-द्वारों में से एक।
  • Ostrich -- शुतुरमुर्ग
अरब तथा अफ्रीका में पाया जाने वाला अपेक्षाकृत बड़े आकार का न उड़ सकने वाला पक्षी। सिर, गर्दन और टांगों में कम परों का होना, अनौतलसम उरोस्थि तथा दो पादांगुलि इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह दौड़ने में बहुत तेज और आजकल के पक्षियों में सबसे बड़ा है।
  • Otic -- कर्णीय
कान का, उसके आस-पास स्थित या उससे संबंधित |
  • Otocyst -- कर्णपुटी
कई अकशेरुकियों में पाया जाने वाला संवेदी अंग तरल से भरी गुहा में एक कर्णाश्म (ऑटोलिथ) और कई संवेदी रोम होते हैं |
  • Outbreeding -- बहिःप्रजनन
एक ही प्राणि जाति के दो असंबंधित प्रभेदों (स्ट्रेनों) द्वारा संतति उत्पादन | तु. Inbreeding अंतःप्रजनन |
  • Ovarial ligament -- अंडाशयी स्नायु
अंडाशय के अंत्य तंतु (terminal filament) को पृष्टीय मध्य पट या देहभीत्ति से जोडंने वाला स्नायु-रज्जुक |
कभी-कभी यह देहभित्ति के साथ पृष्ट रक्त वाहिक की अधर भित्ति के मध्य स्नायु में उल्टी ओर से जुड़ जाती है |
  • Ovariole -- अंडाशयक
कीटों में अंडाशय के द्वितीयक भागों में से एक जो अंत्य तंतु(terminal filament), अंडनलिका (egg tube) और वृंत (pedicel) से बना होता है |
  • Ovary -- अंडाशय
प्राणियों में प्रमुख मादा जनन-अंग जिससे अंड उत्पन्न होता है | कशेरुकियों में इससे मादा लैंगिक हॉर्मोन भी निकलता है |
  • Ovicide -- अंडाशय
अंडों अथवा अंडाणुओं को नष्ट करने वाला आविषालु रसायन |
  • Oviduct -- अंडवाहिनी
अंडाशय से अंडाणुओं को गर्भाशय में या शरीर के बीहर ले जाने वाली नलिका |
  • Oviparity -- अंडजता, अंडप्रजकता
मादा द्वारा बच्चे न पैदा कर अंडे देने की दशा |
  • Oviparous -- अंडप्रजक, अंडज
उन प्राणियों के लिए प्रयुक्त जो बच्चे न देकर अंडे देते हैं | अधिकांश स्तनियों को छोड़कर लगभाग सभी प्राणी इसी श्रेणी में आते हैं | दे. viviparous सजीवप्रजक, जरायुज; ovoviviparous अंडसजीवप्रजक |
  • Oviporus -- ओवीपोरस
अधिकांश लेपिडॉप्टेरन कीटों में योनि का पश्चमुख जिसका कार्य केवल अंड-विसर्जन है, विशेषकर उस समय जब दो जनन-रेंध्र (genital apperture) हों |
  • Oviposition -- अंडनिक्षेपण
अंडा देने की क्रिया |
  • Ovipositor -- अंडनिक्षेपक
कई कीटों में पश्च सिरे की तरफ स्थित और उदर के युग्मित उपांगों के रुपांतरित होने से बनी संरचना जो अंडे देने का काम करती है | प्राय: यह काफी लंबी होती है और वेधन-छेदन के काम आती है या फिर डंक बन जाती है |
  • Ovoviviparity -- अंडसजीवप्रजकता, अंडजरायुजता
मादा द्वारा ऐसे अंडे देना जिनमें भ्रूण पहले से ही अपने परिवर्धन की अंतिम अवस्था में होते हैं | उदा.- थायसेनोप्टेरा, ब्लैटिडी, कोलियोप्टेरा आदि |
  • Ovoviviparous -- अंडसजीवप्रजक, अंडजरायुज
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त जिनमें मादा अंडे को शरीर के अंदर धारण किए रहती है और मातृ-शरीर से पोषण प्राप्त किए बिना ही बच्चे का जन्म होता है | उदा. कुछ वाइपर तथा कुछ डिप्टोरा कीट |
  • Ovulation -- अंडोत्सर्ग
अंडाशय पुटक से परिपक्व अंड का बाहर निकलना | यह क्रिया विशिष्ट हॉर्मोनों के प्रभाव से होती है |
  • Ovum -- अंड
परिपक्व मादा युम्मक अथवा मादा जनन-कोशिका, जिसमें अगुणित संख्या में गुणसूत्र और पीतक झिल्ली से घिरा कम-ज्यादा मात्रा में पीतक होता है |
  • Oxidative phosphorylation -- ऑक्सीकरणी फास्फोरिल
ए.डी.पी का ए.टी.पी. में फॉस्फोरिलन; जैसा की माइटोकॉड्रियमी वायव श्वसन के दौरान इलेक्ट्रॉन अभिगमन श्रृंखला में होता है | दे. Phoophorylation.
  • Oxyaster -- तारकाभ कंटिका
स्पंजों में तारे-जैसी आकृति की कंटिका जिसके किनारे तेज नोकीले होते हैं |
  • Oxydactyl -- शितांगुलि
ऐसे पाद, भुजा या प्राणी के लिए प्रयुक्त जिसमें पतली नुकीली अंगुलियां होती हैं |
  • Oxyluciferin -- ऑक्सीफेरिन
ल्यूसिफेरिन पर ल्यूसिफेरेज़ की क्रिया से बना पदार्य जो प्रकाशजनक अंगों में प्रकाश उत्पन्न करता है |
  • Oyster -- शुक्ति, सीप
मोलस्का के पेलेसिपोडा वर्ग के समुद्री द्विकपाटी प्राणी |एक अभिवर्तनी पेशी से बंद होने वाला खुरदरा अनियमित कवच, पाद छोटा या अनुपस्थित और साइफनों का न होना इनके प्रमुख लक्षण हैं |
  • Pachynema(pachytene) -- स्थूलसूत्र(स्थूलपट्ट अवस्था)
अर्धसूत्रण की स्थूलपट्ट अवस्था में का मोटे धागे जैसा गुणसूत्र |
  • Pachytene -- पैकीटीन, स्थूलपट्ट
मीयोसिस में पूर्वावस्था की एक अवस्था जिसमें समजात जोड़ों के प्रत्येक गुणसूत्र में प्रत्याकर्षण आरंभ हो जाता है और किएज्मा प्रकट होने लगता है | यह द्विपट्ट अवस्था से पहले और युग्मपट्ट अवस्था के बाद की अवस्था है |
  • Paedogamy -- शावकीयुग्मन, पीडोगैमी
कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों में एक तरह के स्वयुग्मन (ऑटोगैमी) की संकल्पना जिसमें एक ही कोशिका के केंद्रक ओर कोशिकाद्रव्य के विभाजन से उत्पन्न युग्मकों का संयुग्मन या पारस्परिक निषेचन होता है |
  • Paedogenesis -- शावकीजनन, पीडोजेनेसिस
लार्वा या पूर्व-वयस्क अवस्था में ही लैंगिक दृष्टि से परिपक्व हो जाने की अवस्था |
  • Palaeontology -- जीवविज्ञान, जीवाशिमकी
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें पुरातन काल के विलुप्त जीवों, उनके अंग या चिह्नों का तथा कालानुसार उनके वितरण का अध्ययन किया जाता है |
  • Palaeozoic(era) -- पुराजीवी महाकल्प, पैलियोजोइक महाकल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में 51 करोड़ से 18 करोड़ वर्ष पूर्व की अवधि जो प्राग्जीवी (प्रोटीरोजोइक) और मध्यजीवी (मीसोजोइक) महाकल्पों के बीच है | इसे अकशेरुकियों, मछलियों तथा उभयचरों का काल कहते हैं |
  • Palate -- तालु
कशेरुकियों में मुख की ऊपरी सतह या छत जो मुख-गुहा को नासा-गुहा से अलग करती है | स्तनियों में इसके अगले भाग को कठोर तालु और पिछले भाग को कोमल तालु कहते हैं |
  • Paleoentomology -- पुराकीटविज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसमें विलुप्त कीट-जीवाशमों का अध्ययन किया जाता है |
  • Palp -- स्पर्शक
वह संखड (segmented) संवेदी उपांग जो जंभिका पर और बहुत से अकशेरुकियों में अधरोष्ट पर भी स्थित होता है |
  • Palpifer -- पैल्पिफर
कीटों के मुखांगों में जंभीका के स्टाइप्स की पालि जिस पर पैल्प लगे होते हैं |
  • Palpiger -- पैल्पिजर
कीटों के मुखांगों में अधरोष्ट या प्रचिबुकांग की पालि जिस पर पैल्प लगे होते हैं |
  • Pancreas -- अग्नयाशय
कशेरुकयों में ग्रहणी के निक आंत्रयोजनी (मेसेन्टरी) में स्थित पाचन-ग्रंथि जिसमें उत्पन्न पाचक एंजाइमों का क्षारीय मिश्रण वाहिनी द्दारा आंत्र में पंहुचता हैं | इन्सुलिन पैदा करने वाली लैंगरहेन्स द्रविपिकाएँ नामक संरचनाएँ इसी ग्रंथि में होती हैं |
  • Panoistic egg tube -- अपोषी अंड्नालिका
ऐसी अंडनलिका जिसमें केवल अंडे ही होते हैं पोषक कोशिकाएँ नहीं होतीं |
  • Papilla -- पिप्पल
शरीर के विभिन्न भागों, जैसे, शीर्ष, ओष्ठ इत्यादि पर पाए जाने वाले स्पश-संवेदी अंग |
  • Paraglossa -- पाशर्व जिहूविका
अधरोष्ठ के बगल की जिह्विका पालियाँ जिनमें से प्रत्येक में प्रचिबुकांग सें निकलती हुई एक पेशी होती है |
  • Parallelism -- समांतरता
संबंधित विकासात्मक दिशाओं में समान लक्षणों का स्वतंत्र अर्जन |
  • Paramera(parameres) -- पैरामेरा
कीटों में शिश्नाधार के पार्श्व प्रवर्ध या पालि |
  • Paramoecium -- पैरामीशियम
प्रोटोजोआ संघ में सिलिएटा वर्ग के सूक्ष्मजीवों का वंश | सड-गली वनस्पति से युक्त अलवण जल में पाए जाने वाले स्लीपर-जैसे ये जंतु अग्र सिरे पर नुकीले होते हैं | पक्ष्माभिका, मुख-खांच, दंशिकाभक (ट्राइकोसिस्ट), खादूय धानी, संकुचमशील धानी, सूक्ष्मकेंद्रक तथा गुरूकेंद्रक इनके प्रमुख अंगक हैं | ये दूविविभाजन और संयुग्मन दोनों प्रकार से जनन करते हैं |
  • Paranotum -- परावक्षपृष्ठक
युग्मित, पाशिर्वक विस्तारों अथवा वक्षपृष्टकों या पृष्टकों में से एक जो कीटों के विकास के दौरान परावक्षपृष्ठक पंखों में विकसित माना जाता है |
  • Parasite -- परजीवी
किसी प्राणी या पादप में या उसके ऊपर रहने और अशन (feed) करने वाली प्राणी जातियाँ जो परपोषी को प्रायः हानि पहुंचाती हैं अथवा उन्हें नष्ट कर देती हैं | परिपक्व होने के लिए परजीवी को एक परपोषी या उसके किसी भाग की आनशयकता होती है | कीट के संबंध में परजीवी कीट अन्य जाति के कीट अथवा उसकी अरिपक्व अवस्था के भीतर रहकर तथा अशन करके उसे नष्ट कर देता है | उदा.- ट्राइकोग्रामा जातियाँ और एपैन्टेलीज फ्लेवीपेस, टीनिया, ऐक्टैरिस आदि |
  • Parasitisation -- परजीवीकरण
परपोषी समष्टि पर परजीवियों के आक्रमण से उत्पन्न होने वाली स्थिति ।
  • Parasitism -- परजीविता
दो भिन्न जातियों के जीवों का साहचर्य जिसमें एक जीव (परजीवी) दूसरे जीव (परपोषी) से पोषित होता है
  • Parasitoid -- परजीव्याभ
एक विशेष प्रकार का परभक्षी जो लगभग अपने परपोषी के ही आकार का होता है | यह अपने परपोषी को मार देता है | इसे स्वतंत्रजीवी वयस्क के रुप में विकसित होने के लिए केवल एक परपोषी की आवश्यकता होती है | उदा. – ब्रैकोनिड बर्र |
  • Parasitology -- परजीविज्ञान
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें की संरचनाओं की संरचनाओं तथा जीवन-क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है |
  • Parasympathetic -- परानुकंपी
कशेरुकियों में स्वायत्त तंत्रिका-तंत्र का एक भाग जो सिर वक्ष तथा उदर में होने वाली अनैच्छिक अनुक्रियाओं पर नियंत्रण रखता है |
  • Paratergite(laterotergite) -- परापृष्ठकांश
पृष्ठक के पार्श्व का कठकीरण जो प्रमुख मध्य पृष्ठकांश से भिन्न होता है |
  • Parathyroid -- परावटु, पैराथाइरॉइड
मछलियों के अतिरिक्त अन्य सभी कशेरुकियों में अवटु (थाइरॉइड) के पास स्थित छोटी दो जोडी. अंतःस्रावी ग्रंथीयाँ जिनसे निकले हार्मोन द्वारा शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के उपापचय का नियमन होता है |
  • Paratype -- अपरप्ररुप, पैराडाइप
मूल लेखक द्वारा उद्धृत किया जाने वाला कोई नमूना जो नामप्ररुप के अतिरिक्त होता है |
  • Parazoa -- पैराज़ोआ
प्रणियों का एक समूह जिसमें एकमात्र पोरीफेरा संघ (फाइलम) के ही प्राणी आते हैं जो सभी बहुकोशिक प्राणियों से पृथक से पृथक दिशा में विकसित हुए माने जाते हैं |
  • Parental care -- पैतृक रक्षण
माता-पिता द्वारा असहाय भ्रूण या भ्रूणोत्तर अवस्थाओं में संतान की सुरक्षा | इसका सबसे अच्छा उदाहरण मानव आदि सजीवप्रजक प्राणियों में देखने को मिलता है, किंतु कुछ मछलियों, मेंढकों और पक्षियों आदि में भी यह वृत्ति काफी विकसित हुई |
  • Parthenogenesis -- अनिषेकजनन
जनन का वह प्रकार जिसमें निषेचन की क्रिया के बिना ही केवल मादा युग्मक से नए जीव उत्पन्न होते हैं, जैसे मधुमक्षिका, बर्र, रोटीफर, एफीड आदी कुछ प्राणियों में नर सेक्स का बनना |
  • Parthenogenesis -- अनिषेजनन
नर युग्मक के सहयोग के बिना मादा युग्मक से भ्रूण का निर्माण | इस प्रक्रिया में यह आवश्यक नहीं है कि अंततः वह वयस्क बनेगा ही |
  • Passeriformes -- पेसेरीफॉर्मीज़
पक्षियों का सबसे बड़ा समूह जिसमें आधे से ज्यादा जीवित पक्षिजातियाँ (स्पीशीज) आती हैं | प्रायः छोटा आकार, पहली पादांगगुलि का पीछे की ओर बाकी तीन का आगे की ओर को निकला होना और शल्कयुक्त टांगें इनकी प्रमुख विशेषताएँ हैं | उदा. गौरय्या |
  • Passive immunization -- निष्क्रिय प्रतिरक्षण
किसी दूसरे प्राणी में पहले से ही निर्मित किए गए प्रतिरक्षियों को पहुँचाने से उत्पन्न प्रतिरक्षण |
  • Passive suction ventilation -- निश्चेष्ट चूषण संवातन
वातकों में ऋणात्मक दाब के परिणामस्वरुप लगभग बंद अथवा हिलते श्वास-रंध्रों से वायु का चूषण |
  • Passive transport -- निष्क्रिय अभिगमन
प्लाज्मा झिल्ली से होकर उसके पार जाने वाले किसी पदार्थ के अणुओं या आयनों की एसी भोतिक प्रक्रिया, जिसमें, जिसमें ए. टी. पी. ऊर्जा का व्यय न हो | इसमें अणुओं का उनकी उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर प्रवाह होता है | उदा.- विसरण व परासरण |
  • Passive ventilation -- निश्चेष्ट संवातन
वातक और लघुवातकों से होकर बिना पंपन अथवा अन्य गतियों के ही गैसों का सामान्य विनिम्य |
  • Passive immunity -- निष्क्रिय प्रतिरक्ष
विशिष्ट संक्रमण कारक के विरोध में किसी दूसरे व्यष्टि में विकसित किया गया प्रतिरोध जो बाद में रोगी में अंतरित किया जाता है |इस रोधक्षम अवस्था का अर्जन प्राकृतिक रुप से अथवा कृत्रिम उपायों से भी किया जा सकता है |
  • Patella -- पटेला
1. स्तनियों में घुटने के ऊपर पाई जाने वाली कंडरास्थि |
2. ऐरेक्निडों में फीमर तथा टिबिया के बीज का खंड |
  • Pathogen -- रोगजनक, रोगाणु
रोग उत्पन्न करने में समर्थ जीव |
  • Pathogenesis -- रोगजनन
रोग की उत्पत्ति और उसके विकास में घटनाऔं की श्रृंखला |
  • Pathosystem -- रोग-तंत्र
परजीविता के घटना-क्रम से परिभाषित एक पारिस्थितिकीय तंत्र | एक पादप-रोग-तंत्र के अंतर्गत एक या अधक परपोषी पादप जाति और विविध परजीवी कीट,कवक जीवाणु आदि आते हैं, जो परपोषी का लाभ उठाते हैं | शाकाहारी पक्षी तथा स्तनी सामान्यतया परजीवी वर्ग में नहीं आते |
  • Pathotype -- रोग-किस्म
वह परजीवी समष्टि जिसकी सभी व्यष्टियों में परजीवी सामर्थ्य होना स्वाभाविक है |
  • Pebrine disease -- पेब्राइन रोग
रेशम कीट का भंयकर रोग जो माइक्रोस्पोरीडियम, नोसीमा बॉम्बाइसिस जाति द्वारा फैलता है | इससे रेशम कीट के परिपक्व डिंभक की रेशम ग्रंथियों के भयंकर रुप से संक्रमित हो जाने के कारण हल्के किस्म के कोये बनते हैं |
  • Pectin -- पैक्टिन
गैलेक्टुरोनिक अम्ल के बहुलक | इनमें,पैक्टिन, पैक्टिक अम्ल, पेल्टिनिक अम्ल तथा अन्य पेक्टिन यौगिक साम्मिलित होते हैं |
  • Pectinate -- कंकताकार
कंघे के आकार की संरचना या अंग, उदा. -कंकताकार श्रृंगिका |
  • Pectoral girdle -- अंसमेखला
कशेरुकियों के कंकाल का वह भाग जिससे अग्र पाद जुड़े रहते हैं | स्थलीय प्राणीयों में यह संरचना सामान्यतया तीन युग्मित अस्थियों से बनती है-अंसतुंड (कोराकॉयड), असंफलक (स्केपुला) और जत्रुक (क्लैविकल) |इन तीनों अस्थयों के संगम स्थल पर अंस उलूखल (ग्लीनोइड कैविटी) होता है, जिसमें प्रगंडिका (ह्यूमरस) का सिर बैठता है |
  • Pedicel -- वृंत
1. अंड नलिकाओं से अंडवाहीनी तक फैली हुई विशेष लघु वाहिनी |
2. कीट श्रृंगिका का दूसरा खंड |
कुछ कीटों में, इस खंड में एक विशेष संवेदी अंग होता है जिसे “जॉन्स्टन अंग’ कहते हैं, उदा.-टिड्डा |
  • Pedipalp(pedipalpus) -- पदस्पर्शक
वयस्क कीलीसिरेटा के दूसरे उपांग जो मैडिबुलेटा की चिबुकास्थियों संगत होते हैं |
  • Pelagic -- वेलापवर्ती, पेलैजिक
समुद्रतट से दूर खुले सागर में पानी की सतह पर या कुछ गहराई तक पाए जाने वाले जीवों के लिए प्रयुक्त जिसमें प्लवक (प्लैंक्टन) और तरणक (नेक्टन) दोनों को ही शामिल किया जाता है | दे. littoral वेलांचली |
  • Pelvis -- 1. श्रोणि प्रदेश, श्रोणि अस्थि 2. वृक्कद्रोणि
1. श्रोणि मेखला से घिरा उदर का निचला भाग |
2. मूत्रवाहीनी का कीप-जैसा फैला अग्र भाग, जहां पर वह वृक्क से उसकी अवतल सतह की तरफ से मिलता है |
  • Penis -- शिशन
नर प्राणयों में पाया जाने वाला वह भाग जो मादा की योनि में प्रवेश कर वीर्यसेचन की क्रिया करता है |
  • Pepsin -- पेप्सिन
कशेरुकियों के आमाशय में जठर ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न एंजाइम जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मौजूदगी में प्रोटीन को पेप्टोन बदलता है |
  • Peptide bond -- पेप्टाइड बंध
ऐमीनो अम्ल के ऐल्फा-ऐमीनों वर्ग के साथ दूसरे ऐमीनो अम्ल के कार्बोक्सिल वर्ग को जोडंने वाला सहसंयोजी आबंध |
  • Pericardium -- हृदयावरण, परिहृद्
कशेरुकियों में हृदय तथा प्रमुख रक्त वाहिकाओं के आधार के चारों ओर की झिल्ली जिसमें हृदयावरणी तरल भरा होता है | इससे हृदय बिना घर्षण के धड़कता रहता है |
  • Pericentric inversion -- परिकेंद्री प्रतिलोमन
अंतरागुणसूत्री संरचनात्मक परिवर्तन जिसमें सूत्रकेंद्र शामिल होता है उलटने वाले गुणसूत्र खण्ड में |
  • Perilymph -- परिलसीका
आंतरिक कर्ण में कला लेबिरिंथ के चारों ओर भरा लसीका तरल जो उसे कोश से पृथक रखता है |
  • Period -- कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक काल-क्रम में समय का एक भाग (एक काल खंड या इकाई) जो युग से बड़ा और महाकल्प से छोटा होता है;जैसे क्रिटेशस, डिवोनियन आदि |
  • Periodic release -- आवर्ति मोचन
लाभकारी प्राकृतिक शत्रुओं को पर्यावरण में प्रविष्ट करने की पद्धति, जिसमें देशज जैविक कारकों की उच्च समष्टी के स्तरों को कृत्रिम रुप से बनाए रखने के लिए इन प्राकृतिक शत्रुओं को बार बार छोडा जाता है |
  • Periphallic organ -- परिशिश्न अंग
जनन पुंज में नवें खंड या अन्य खंडों के परिधीय जनन प्रवर्ध जिसमें चल आलिंगक या हार्पेगोन्स भी शामिल हैं |
  • Peripheral nervous system -- परिधीय तंत्रिका तंत्र
तंत्रिका तंत्र के वे बहिर्वर्ती भाग जो केंद्रीय गुच्छिका, संयोजियों (connectives), संवेदी तंत्रिकाणु (न्यूरोसाइटस) और उनके तंत्रिकाक्षों (axon) तथा प्रेरक तंत्रिकोशिकाओं (neuron)के तंत्रिकाक्षों से भिन्न होते हैं |
  • Periproct -- परिगुदक
शरीर का अंतस्थ भाग जिसमें गुदा रहती है और जिसके आगे के हिस्से से खंडीभवन होता है |
  • Perissodactyla -- पैरिसोडैक्टाइला
अपरा स्तनियों का एक गण जिसमें घोड़े, गैंडे आदि ऐसे खुरीय प्राणी आते हैं जिनमें पैर की अंगुलियों की संख्या विषम (सामान्यत: एक या तीन) होती है ओर सममिति बनाने वाली रेखा केंद्रीय अंगुली से होकर गुजरती है |
  • Peristalsis -- क्रमाकुंचन
पेशियों के लयबद्ध संकुचन से उत्पन्न गति द्वारा किसी नली में पदार्थें का आगे की ओर बढ़ना;
जैसे आहार-नाल में भोजन का आगे बढ़ना|
  • Peristaltic contractions -- क्रमाकुंची संकुचन
नलिकाकार अंग जैसे कि आहार-नाल को घेरा में रखने वाली अनुदैर्घ्य (longitudinal) और वर्तुल (circular) पेशियों का अनैच्छिक आवर्ती संकुचन |
  • Peritoneum -- परिउदर्या, पेरिटोनियम
कशेरुकियों में उदर-गुहा का आस्तर बनाने वाली उपकला (एपिथीलियमी) झिल्ली |
  • Peritrophic membrane -- परिपोषी झिल्ली
कीटों आदि में पश्च-जठर में भोजन को घेरे हुए एक बेलनाकार कलामय आवरण जो कभी-कभी अग्र जठर तक बढ़ा हो सकता है | यह पश्च जठरीय उपकला की पूर्ण लंबाई अथवा उसके कुछ भाग से बनता है और अग्र सिरे पर विशिष्ट कोशिकाओं का वलय बनाता है |
  • Perlaria -- पर्लेरिया
दे. प्लेकॉप्टेरा |
  • Permeability -- पारगम्यता
कोशिका कला से होकर विभिन्न प्रकार के अणुओं की आर पार जा सकने की क्षमता |
  • Permian period -- पर्मियन कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक काल-क्रम में पेलियोजोइक महाकल्प का एक खंड जिसमें कार्बनी और ट्राइएसिक कल्पों के बीच 22 करोड़ वर्ष से लेकर 20 करोड़ वर्ष पूर्व तक का समय आता है | इस कल्प में कीटों तथा सरीसृपो की प्रधानता थी |
  • Pernicious -- प्रणाशी
हानिकारक अथवा क्षतिकारक अवस्था/स्वभाव |
  • Peroxidase -- परऑक्सीडेजं
हाइड्रोजन परऑक्साइड के अपचयन की सहायता से क्रियाधार का अपचयन करने वाला एन्ज़ाइम |
  • Peroxisome -- परऑक्सिसोम
झिल्लिका परिबद्ध कोशिकांग जिसमें हाइड्रोजन पराक्साइड के उपापचय के लिए प्रकिण्व होते हैं |
  • Persistant -- दीर्घ, स्थायी
रोगाणु के संदर्भ में-रोगवाहक में प्रायः लंबे समय तक अथवा जीवन-पर्यंत बना रहने वाला | कीटनाशक के संदर्भ में, लंबे समय तक आविषालुता वाला |
  • Pest control -- पीडंक नियंत्रण
(दे. nematode control)
  • Pest management -- पीडंक प्रबंधन
(दे. nematode management)
  • Pest resurgence -- नाशकजीव पुनरुत्थान
कीटनाशी रसायन के उपचार से नियमनकारी प्राकृतिक शत्रुओं के नष्ट हो जाने से लक्षित पीड़क की संख्या का तेजी से बढ़ जाना |
  • Pest -- पीड़क
ऐसे जीव जो पादप, प्राणी या अन्य मानवीय संसाधनों की गुणवत्ता या मूल्य में कमी लाते हैं |
  • Pesticide -- पीड़कनाशी
वह रासायनिक पदार्थ जो पीड़कों को मारता है |
  • PH value -- pH मान
अम्ल या क्षारीयता की मात्रा का सूचकांक 7.0 से नीचे का pH मान अम्लता को और 7.0 से ऊपर का क्षारता को दर्शाता है |
  • PH -- पी.एच.
किसी विलयन में अम्लता या क्षारता की कोटि का सूचक [pH=log(1/c H⁺)/μt] जो हाइड्रोजन आयन की सांद्रता का द्योतक है |
  • Phage (bacteriophage) -- विभोजी (जीवाणुभोजी)
जीवाणुओं पर आक्रमण करने वाले विशिष्ट विषाणु वर्ग जैसे – लैम्डा विभोजी |
  • Phagocyte -- भक्षकाणु
सूक्ष्मजीवों या अन्य बाहरी कणों का अंतर्ग्रहण करने वाली कोशिका |
  • Phagocytosis -- भक्षकोशिकता
प्रक्रिया जिसमें श्वेत रुधिर कोशिकाएँ अवांछित पदार्थों या कोशिकाओं को खा जाती है |
  • Phagolysosome -- भक्षकायनकाय
भक्षकाय तथा लयनकाय के संलयन से बनने वाला कोशिकाद्रव्यी आशय |
  • Phagosome -- भक्षकाय
कोशिकाओं में प्राथिमिक लाइसोसोमी पुटिका तथा बाल्य-पदार्थों के अंतर्ग्रहण के संलयन से बनी पाचक रसधानी |
  • Phalanx -- अंगुल्यस्थि
कशेरुकियों के अग्रपाद तथा पश्चपाद में करभिका या प्रपदिका के बाद ही दूरस्थ हड्डियाँ | मानव में हाथ-पैर की अंगुलियों की छोटी-छोटी हड्डियाँ |
  • Phallobase -- शिश्नाधार
कीटों में शिश्न का समीपस्थ भाग जिसके परिवर्धन में बहुत अधिक विभिन्नता दिखाई देती है | कभी-कभी इसकी वृहद् संरचना लिंगाग्रिका को थामे रखती है और उसके आस-पास प्रायः प्रावरक वलन या आच्छद का काम करती है | कभी-कभी यह जनन-कक्ष की भित्ति में केवल आधार शिश्नीय कठक के रुप में पाई जाती है |
  • Phallocrypt -- शिश्न गुहिका
शिश्नाधार (phallobase) या जनन-कक्ष भित्ति की कोटरिका (पॉकेट) जिसमें लिंगाग्रिका का आधार भाग स्थित रहता है |
  • Phallomere -- शिश्नखंड
कुछ कीटों के व्यक्तिवृत्त(ontogeny) में जनन रंध्र के पार्श्वों में बनी जननांग पालियाँ | अधिकांश कीटों में ये मिलकर शिश्न का निर्माण करती हैं, लेकिन ब्लैटिडी और मैन्टिडी कुल के वयस्कों में ये सम्मिश्र जननांग के रूप में परिवर्धित होती हैं |
  • Phallotheca -- शिश्नप्रावरक
लिंग्राग्रिका के आस-पास शिश्नाधार का वलय या नलिकाकार विस्तार |
  • Phallotreme -- शिश्न रंध्र
लिंगाग्रिका के अंत में स्थित अंतःशिश्न का दूरस्थ द्वार |
  • Phallus -- शिश्न
अयुग्मित शिश्न या मध्य प्रवेशी अंग जिसमें शिश्नाधार, लिंगाग्रिका, अंतःशिश्न और शिश्नाधार के विभिन्न प्रवर्ध शामिल हैं |
  • Pharyngeal ganglion -- ग्रसनी गुच्छिका
मुख पथ-तंत्रिका तंत्र का भाग, जिसमें मस्तिष्क के ठीक पीछे स्थित प्ररुप गुच्छिका-युग्म होता है और प्रत्येक गुच्छिका एक छोटी तंत्रिका द्वारा मस्तिष के पृष्ठभाग से जुड़ी हुई होती है | इसे ‘ग्रसिका गुच्छिका’, ‘अधोमस्तिष्क गुच्छिका’ अथवा `अनुकपाल गुच्छिका’ भी कहते हैं |
  • Pharynx -- ग्रसनी
कशेरुकियों की आहार-नाल में मुख-गुहा और ग्रसिका के बीच का भाग, जिसमें मछलियों के गिल-रंध्र और चतुष्पादों की घांटी (ग्लॉटिस) खुलती है | अकशेरुकियों में मुखनाल या ग्रसिका के ठीक पीछे आहार-नाल का मांसल भाग |
  • Phase -- प्रवस्था
कीट-विशेष की वह अवस्था जिसमें समष्टि-घनत्व की अनुक्रिया में व्यवहार, क्रिया, रंग और आकार के परिवर्तन की क्षमता होती है | उदा.-टिड्डी की एकल और यूथी प्रावस्था |
  • Phasmid -- फ़ेस्मिड
आनुवंशिक इंजीनीयरी में उपयोगी संकर प्लाज़्मिड़, जो एक विभोजी λ-जीनोम और विभोजी λ-att विस्थल वाले प्लाज़्मिड़ के बीच पुनर्योजन से बनते हैं |
  • Phasmida -- फैस्मिडा
बड़े, अपंखी या पंखी कीट जो प्रायः लंबे, बलनाकार और बिरले ही सेंपीड़ित(compressed) तथा पत्ती जैसे आकार में पाए जाते हैं | मुखांग चिबुकीय; अग्रवक्ष छोटा; गुल्फ हमेशा पाँच खंडीय; अग्रपंख हो तो प्राय: छोटे और उपसीमांतीय कॉस्टा वाले; अंडनिक्षेपक छोटा;नर बाह्य जननांग असममितीय; लूम छोटे व अखंडीय होते हैं | विशिष्टीकृत श्रवण और घर्षणध्वनि अंग नहीं होते | कायांतरण थोड़ा | उदा.- यष्टिकीट (स्टिक इन्सेक्ट) और पर्णाभ कीट (लीफ इन्सेक्ट) |
  • Phenotype -- लक्षणप्ररुप
किसी जीव का बाहरी रुप या अन्य विशिष्टताएँ जो उसकी आनुवंशिक संरचना और पर्यावरण की पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न होती हैं | तु. genotype
  • Phenotypic classification -- लक्षण प्ररुपी वर्गीकरण
वर्गीकरण की वह पद्धति जातिवृत्त का ध्यान रखे बिना केवल दिखाई देने वाले लक्षण प्ररूपी लक्षणों पर ही आधारित होती है |
  • Pheromone -- फेरोमोन
किसी जीव द्वारा, दूसरे जीव में रासायनिक संपर्क करने के उद्देश्य से, उत्पन्न पदार्थ; विशेष रूप से किसी जाति के एक प्राणी द्वारा बाहरी वातावरण में छोड़ा जाने वाला वह पदार्थ जो उसी जाति के अन्य प्राणियों के परिवर्धन या व्यवहार को प्रभावित करता है |
  • Phloem -- पोषवाह
चालनी अवयवों, सहयोगी कोशिकाओं, रेशों और मृदूतक दीर्घीभूत कोशिकाओं से बना ऊतक जिसके द्वारा शर्कराएँ तथा अन्य कार्बनिक अणु, पौधों में ऊपर-नीचे आते-जाते हैं |
  • Phonoreceptor -- ध्वनिग्राही
ध्वनि अनुक्रिया के प्रति संवेदी अंग |
  • Phoresis(phoresy) -- फेरेसिस
एक प्रकार का जीव-साहचर्य जीव दूसरे जीव पर परजीवी न होकर भी उसके द्वारा वाहित होता है |
  • Phosphatase -- फॉस्फेटेज
फॉस्फोरस-युक्त कार्बनिक यौगिकों से फॉस्फोरस को अलग करने वाला एन्ज़ाइम |
  • Phosphorescence -- स्फुरदीप्ति
ऊष्मा के बिना प्रकाश के उत्सर्जन की परिघटना |
  • Phosphorylation -- फॉस्कोरिलन
किसी जैव अणु में फॉस्फेट समूह को जोड़ने की प्रक्रिया | यदि फॉस्केट समूह ए.टी.पी. से प्राप्त हो तो उत्प्रेरक एन्जाइम काइनेज़ होता है अन्यथा फॉस्फोरिलेज | अनेक प्रोटीनों की जैव-सक्रियता का नियमन फॉस्फोरिलन अथवा (इसके विपरीत) विफॉस्फोरिलन की प्रक्रिया के द्वारा होता है |
  • Photolysis -- प्रकाश अपघटन
प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया द्वारा जल का रासायनिक भंजन |
  • Photoperiod -- दीप्तिकाल
प्रकाश के दैनिक प्रभावन की अवधि |
  • Photoperiodism -- दीप्तकालिता, प्रकाशकालिता
प्रकाश तथा अंधकार के क्रम एंव अवधि में परिवर्तन के प्रति प्राणियों तथा पौधों की कार्यिकीय (शरीरक्रियात्मक) अनुक्रिया |
  • Photoreceptor -- प्रकाशग्राही
प्रकाश के प्रति संवेदनशील कोशिका या अंग | इनका वर्णक प्रकाश अवशोषण और रासायनिक परिवर्तन के बाद संबद्ध तंत्रिकाओं को उद्दीप्त करता है |
  • Photosynthesis -- प्रकाश-संश्लेषण
प्रक्रिया जिसमें प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण होता है |
  • Phototaxis -- प्रकाशानुचलन
प्रकाश उद्दीपन के प्रति समूचे जीव की अनुक्रिया जिसके फलस्वरुप जीव उद्दीपन की तरफ या उससे दूर जाता है; जैसे पंखदार दीमकों का प्रकाश की ओर उड़ना |
  • Phragma -- फ्रेग्मा
पृष्ठकों (वक्ष-पृष्ठक) के पट्टीका जैसे नतिवर्तन(inflections) जो कीटों के पंखों की पृष्टीय अनुदैर्घ्य पेशियों के संलग्न के लिए आधार प्रदान करते हैं |
  • Phylogeny -- जातिवृत्त
किसी जीव, जाति या समूह के विकास का इतिहास या उन सभी अवस्थाओं का क्रम जिनसे गुजरने के बाद किसी जीव का विकास हुआ है |
  • Phylum -- संघ फ़ाइलम
वर्गीकरण में एक बड़ा प्रमुख विभाग या वर्गक (टैक्सॉन) जिसमें कई वर्ग (क्लास) होते हैं |
  • Physiologic specialization -- कार्यिकीय विशिष्टीकरण
आनुवंशिक रुप से भिन्न बहुत-सी समष्टियों का पाया जाना जो आवृत्तिक दृष्टि से एक जैसी होती हैं परंतु शरीरक्रियात्मक, जैव रासायनिक अथवा विकृति-जन्य लक्षणों में भिन्नता दर्शाती हैं |
  • Physiology -- कार्यिकी, शरीरक्रिया विज्ञान
शरीर में होने वाली जीवन क्रियाओं तथा विभिन्न संरचनाओं के कार्यों के अध्ययन से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा |
  • Phytoparasite -- पादप-परजीवी
पौधों पर निर्वाह करने वाले जीव |
  • Phytophagous -- पादपभक्षी
ऐसे प्राणी जो पौधों का आहार करते हैं; शाकभक्षी |
  • Piercing mouth-parts -- वेधन मुखांग
पादपों अथवा प्राणयों (जंतुओं) से द्रव-आहार प्राप्त करने के लिए अनुकूलित मुखांग | सामान्यतया अधरोष्ट अधरोष्ट भाग जबड़े (चिबुकास्थि और जंभिका) दीर्घित और विभन्न रुप से रुपांतरित होकर चूषण-शुंडिका (proboscis) बन जाते हैं |
  • Pigment -- वर्णक
जीवधारियों में पाया जाने वाला रंगीन पदार्थ | उदा. रुधिर में हिमोग्लोबिन, त्वचा में मेलानिन, आदि |
  • Pilosity -- रोमिलता
प्राय: छोटे कोमल रोमों से उत्पन्न आच्छादन या रोमिलता |
  • Pin worm -- पिन कृमि
प्राणियों के परजीवी सूत्रकृमि एन्टेरोबियस वर्मिकुलेरिस का सामान्य नाम |
  • Pinacocyte -- सपाटकोशिका, पिनेकोसाइट
स्पंजों में शरीर का बाहरी आवरण बनाने वाली चपटी कोशिकाएँ जो चर्मीय उपकला (डर्मल एपिथीलियम) में पाई जाती हैं |
  • Pineal body -- पिनियल काय
कशेरुकियों के मस्तिष्क की एक संरचना जो डाइएनसेफलॉन के पृष्ठ भाग से मध्य उद्वर्ध के रुप में निकली रहती है | कुछ सरीसृपों और लैम्प्रे मे इसकी संरचना आँख से कुछ मिलती-जुलती है, किंतु अन्य कशेरुकियों में संभवत: अंत:स्त्रावी कार्य से संबंधित मानी जाती है |
  • Pinna -- कर्णपल्लव
स्तनियों में बाहर की और निकला हुआ कान का भाग |
  • Pinocytosis -- पायीकोशिकता
प्जाज्मा झिल्ली द्वारा बनाई गई पुटिकाओं, के माध्यम से बाहरी द्रव विलयन का कोशिका में अंतर्ग्रहण |
  • Pisces -- पिसीज (मत्स्य वर्ग)
कपालीय कशेरुकियों का एक वर्ग जिसमें जलीय प्राणी आते हैं | अनियततापिता, गिलों द्वारा श्वसन, धारारेखित शरीर, सुपरिवर्धित जबड़े, युग्मित व अयुग्मित पख, सामान्यतया शल्कों का बाह्यकंकाल इनके प्रमुख लक्षण हैं | सामान्य भाषा में इन्हें मछलियां कहते हैं |
  • Pitch -- वर्ताक, पिच
सामान्य दोहरे डी.एन.ए के दो कुंडलित घुमावों के बीच की दूरी |
  • Pituitary body -- पीयूष काय
कशेरुकियों में मस्तिष्क के अधश्चेतक (हाइपोथैलेमस) के ठीक नीचे स्थित अंत:स्रावी ग्रंथि जिनसे उत्पन्न कई प्रकार के हॉर्मोन अन्य अंत:स्रावी अंगों तथा संपूर्ण शरीर पर प्रभाव डालते हैं | इसके दो मुख्य भाग होते हैं-न्यूरोहाइपोफ़िसिस जो मस्तिष्क से उत्पन्न होती है और एडीनोहाइपोफ़िसिस जो हाइपोफ़िसिस से उत्पन्न होती है |
  • Placenta -- अपरा, प्लैसेन्टा
उच्चतर स्तनियों में भ्रूणीय ऊतकों (जरायु तथा अपरा-पोषिका) तथा गर्भाशय के ऊतकों के संलग्न होने से बनी संरचना जिसके माध्यम से परासरण द्वारा मातृ तथा भ्रूण के रक्त-प्रवाह से ऑक्सीजन, पोषण तथा वर्ज्य पदार्थों आदि का आदान-प्रदान होता है | अपरा के कई प्रकार हैं जैसे पाती (डेसीड्यूएट), दलीय (कॉटीलीडनीय), मंडलीय (जोनरी), चक्रिकाभ (डिस्कॉयडल), आदि |
  • Plankton -- प्लवक
समुद्र तथा अलवण जल की सतह पर बहते-तिरते रहने वाले सूक्ष्मजीव जिनमें मुख्यत: एककोशिक शैवाल, प्रोटोज़ोआ, छोटे-छोटे क्रस्टेशियन, मोलस्कों के डिंभक तथा कुछ अन्य सूक्ष्म अकशेरुकी शामिल किए जाते हैं। ये मुख्यत: दो प्रकार के होते है – पादपप्लवक,जिनमें पोधे आते है, और प्राणिप्लवक जिनमें जंतु आते हैं |
  • Plant cell -- पादप कोशिका
पादपों के शरीर की संरचनात्मक एंव प्रकार्यात्मक इकाई | इस कोशिका के विशिष्ट घटकों कोशिकाभित्ति, हरितलवक और रसधानियाँ प्रमुख होते हैं |
  • Plantigrade -- पादतलचारी
ऐसे प्राणी या ऐसे संचलन के लिए प्रयुक्त जिसमें पैर का पूरा चपटा भाग (यानी तलवा और एड़ी दोनों ही) जमीन को छूता हुआ चलता है | उदा. मानव, भालू आदि |
  • Plasma(serum) -- प्लाज़्मा
रक्त का तरल अंश जिसमें पानी में घुले हुए अनेक जैव और अजैव पदार्थ होते हैं |
  • Plasma cells -- प्रद्रव्य कोशिका
प्रतिरक्षी-स्रावी कोशिका जो β-लसीकाणु से परिवर्धित होती है |
  • Plasma membrane -- प्लाज़्मा झिल्ली
लिपिड तथा प्रोटीन युक्त वरणात्मक पारगम्य झिल्ली जो कोशिका द्रव्य को इसके बाहरी परीवेश से पृथक करती है |
  • Plasmalemma -- प्रद्रव्य कला
दे. Plasma membrane
  • Plasmid -- प्लाज़्मिड
जीवाणु तथा कवकों में पाया जाने वाला गुणसूत्र-बाह्य स्वतः प्रतिकृत होने वाला द्विरज्जुकीय वर्तुल डी.एन.ए.अणु |
  • Plasmodesmata -- जीवद्रव्य तंतु
समीपवर्ती पादप कोशिकाओं को जोड़ने वाले कोशिकाद्रव्यी सेतु |
  • Plasmolysis -- जीवद्रव्य कुंचन
बाहरी विलेय की उच्च सांद्रता के परिणामस्वरुप कोशिका का संकुचन |
  • Plastid -- लवक
पादप कोशिका में वर्णक, स्टार्च और अन्य कोशिकीय उत्पादों के भंडारण के लिए संरचनाएँ |
  • Plastron -- अधरवर्म, प्लैस्ट्रन
1. कीटों में गैस का पतला स्तर जो बारीक अपजल रोमों (hydrofuge hairs) अथवा बारीक क्यूटिकुलर परिजाल के द्वारा स्थायी रुप से अपने स्थान पर बना रहता है और स्थायी शारीरिक क्लेम(gill)का काम करता है |
2. कछुओं में उनकी अधार सतह पर बनी एक अस्थिल प्लेट |
  • Platelet(blood platelet) -- पट्टिकाणु (रुधिर पट्टिकाणु)
स्तनियों में छोटी रंगहीन रुधिर कणिका जिसका रुधिर स्कंदन (यानी थक्का बनाने) में महत्वपूर्ण योगदान होता है |
  • Platyhelminthes -- प्लेटीहेल्मिथीज
द्विपार्श्व सममिति वाले अकशेरुकियों का एक संघ (फाइलम) जिसमें चपटे कृमि आते हैं | आंत्र में केवल एक ही रंध्र (मुख) का होना, प्रगुहा (सीलोम), गुदा और रुधिर-तंत्र का न पाया जाना तथा जटिल उभयलिंगी जनन-तंत्र का हाना इनके प्रमुख लक्षण हैं |
  • Plecoptera -- प्लेकॉप्टेरा
मध्यम से लेकर बड़े आकर वाले मृदु-शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकाएँ लंबी और शुकमय; मुखंग कमजोर और आदंशी; पंख झिल्लीमय होते हैं जो विश्रामावस्था में पृष्ट पर चपटे रहते हैं | पश्च पंखों का जोड़ा आमतौर पर बड़ा और सुपरिवर्धित गुद-पालि (anal lobe) वाला; गुल्फ तीन खंडीय होता है | उदर का अंत लंबे बहुसंधित (multi articulate) लूमों के रुप में होता है | अंडनिक्षेपक नहीं होता | कायांतरण अल्परुपांतरी (hemimetabolous); अर्भक जलीय; लंबी श्रृंगिकाओं और लूमों वाले; तथा वातक क्लोम नहीं होते | उदा. स्टेनफ्लाई (stoneflies) |
  • Pleistocene epoch -- अत्यंतनूतन युग
पृथ्वी के ऐतिहासिक काल-क्रम में डेढ़ करोड़ वर्ष पूर्व से लेकर दस हजार वर्ष पूर्व तक की अवधि जिसमें चार बड़े हिमकाल हुए | आदिमानव का उद्भव इस युग की प्रमुख विशेषता है |
  • Pleural region -- पार्श्वक्षेत्र
शरीर के अधरपार्श्व अंग जिन पर पाद जुड़े होते हैं |
  • Pleurite -- पार्श्वकांश
किसी खंड के पार्श्वक्षेत्र का कोई भी छोटा कठक, अथवा पार्श्वक के घटकीय कठकों में से कोई भी एक |
  • Pleuron -- पार्श्वक
कीटकाय का अधरपार्श्व कठक |
  • Plexus -- जालक, जालिका
रुधिर-वाहिकाओं या तंत्रकाओं का जाल |
  • Podite (podomere) -- पादांश (पादखंड)
कीट के पैर का खंड |
  • Poikilothermal -- असमतापी
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त जिनके शरीर का तापमान वातावरण के तापमान के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है | विषम परिस्थितियों में इन प्राणियों की उपापचय क्रियाएँ धीमी हो जाती हैं जिससे ये निष्क्रय से हो जाते हैं और सुरक्षा के लिए कहीं छिप जाते हैं | पक्षियों और स्तनियों को छोड़कर शेष सभी प्राणी इसी कोटि में आते हैं | तु. homothermal समतापी |
  • Point sampling -- बिंदु प्रतिचयन
ऐसा प्रतिचयन जिसमें खेत या क्षेत्र के एक या अधिक स्थानों से फसल के व्यापक मॉनीटरन के साथ पीड़कों और प्राकृतिक शत्रुओं की गणना की जाती है |
  • Poison bait -- विष प्रलोभक
भूसी, शीरा, अनाज आदि में विष के मिलाने से बना पदार्थ जिसे प्रलोभक (bait) की भांति उपयोग करके हानिकारक कीटों अथवा कृंतकों (rodents) को मारा जाता है |
  • Polar body -- ध्रुवी काय
परिपक्वन के दोरान जंतु-अंडे में से अलग होने वाली सुक्ष्म कोशिकाओं में से एक जो ध्रुवीकाय निषेचण में भाग नहीं लेती |
  • Polar granule -- ध्रुवीय कणिका
कीट के अंडे के प्रश्च डिम्ब-द्रव्य में आर.एन.ए. बहुल कणिकाएँ |
  • Polarity -- ध्रुवता
कोशिका, कोशिकीय घटकों या महाअणुओं के अलग-अलग प्रक्षेत्रों में प्रक्रियात्मक अंतर |
  • Pollutant -- प्रदूषक
जल, मृदा या वायुमंडल में विसर्जित हानिकारक रसायन या अपशिष्ट पदार्थ |
  • Polyembryony -- बहुभ्रूणता
एक ही निषेचित अंडे या युग्मनज से दो या अधिक भ्रूणों का उत्पन्न होना, जैसे मानव में द्विअंडी यमज और कीटों में, विशेषकर परजीवी हाइमेनोप्टेरा में, एक अंडे से बनने वाले सैंकड़ों भ्रूण | स्तनियों में इसका प्रमुख उदाहरण आर्मेडिलो है जिसमें एक अंडे से चार भ्रूण बनते हैं |
  • Polyhedron -- पॉलिहेड्रॉन
क्रिस्टल के समान समावेशी पिंड जो पालिहेड्रोसिस विषाणु के संक्रमण का अभिलक्षण है; केंद्रकीय अथवा कोशिकाद्रव्यी पालिहेड्रॉनों द्वारा संक्रमित कोशिकाओं में उत्पन्न विषाणु की विविध आकारवाली प्रोटीनमय आच्छादिका |
  • Polymerase chain reaction (PCR) -- पॉलिमरेज अभिक्रिया श्रृंखला (पी.सी.आर)
न्यूक्लीक अम्ल प्रवर्धन की एक तकनीक जिसमें उपक्रामक ऑलिगोन्यूक्लि-ओटाइड अणु के तापानुशीतन तथा डी.एन.ए. पालीमरेज के साथ अभिक्रिया चक्रों द्वारा लक्ष्य डी.एन.ए./आर. एन.ए. अनुक्रम की कुछ ही घंटों में दस लाख से भी अधिक प्रतियाँ संश्लेषित की जा सकती हैं |
  • Polymerization -- बहुलकन
अनेक छोटे अणुओं के संयोजन से किसी ऐसे बड़े या अधिक संकुल अणु का निर्माण होना जिसका उच्च अणुभार हो और गुण भिन्न हो |
  • Polymorphism -- बहुरुपता
एक ही जाति की व्यष्टियों में तीन या अधिक रुप अथवा आकृतियों का होना या एक ही जाति में विभिन्न लक्षण या आकृति के व्यष्टियों का पाया जाना | उदा, सीलेन्टरेटों मे अनेक प्रकार की पॉलिप और मेड्यूसा अवस्थाएँ; मधुमक्खी में रानी, कर्मी, नर आदि कई प्रकार की व्यष्टियाँ |
  • Polyp -- पॉलिप
सीलेन्टरेटा संघ के निवही प्राणियों का अचल रुप या व्यष्टि | हाइड्रा में यह एकल होता है और बिंदु जेली फिश तथा प्रवालों में संयुक्त | निवह के सभी पॉलिपों की देहगुहा एक नलिका या योजकनाल द्वारा परस्पर जुड़ी होती है | संयुक्त पॉलिपों मे प्रत्येक पॉलिप अपना विशिष्ट कार्य (जैसे सुरक्षा, अशन तथा जनन) करता है |
  • Polypeptide -- पोलिपेप्टाइड
कई ऐमीनो अम्लों के संयोजन से बना अणु |
  • Polyphagous -- विविधमक्षी
अनेक प्रकार के खाद्यों का उपयोग करने वाले जीव | उदा. बालदार इल्ली, चने का फली वेधक |
  • Polyphagy -- विविधभक्षिता
विविध प्रकार के आहार का उपयोग करना |
  • Polyphylectic -- बहुस्रोतोद्भवी
अवरोहण के दो या अधिक पूर्वज वंशक्रम से व्युत्पन्न सम्मिश्र वर्गक |
  • Polyploidy -- बहुगुणिता
दो से अधिक गुणसूत्र-समुच्ययों वाली कोशिकाएँ या ऐसी कोशिकाओं से बना जीव होने की स्थिति |
  • Polypod larva -- बहुपाद डिंभक
ऐसा डिंभक जिसमें सुस्पष्ट खंड उदरीय-पाद या अग्रपाद और एक परिरंध्री श्वासनली तंत्र होते हैं | श्रृंगिकाएँ और वक्षीय पाद होते तो हें पर पूर्ण विकसित नहीं होते | इस किस्म के प्ररुपी उदाहरण हैं-अधाकांश लेपिडॉप्टरा, आरा मक्खियों और बिच्छू – मक्खियों के डिंभक |
  • Polysaccharide -- पॉसीसैकेराइड
दस से अधिक मोनोसैकेराइडों के संयोजन से उत्पन्न कार्बोहाइड्रेट |
  • Polysome -- पॉलिसोम
दो या दो से अधिक राइबोसोमों का संकुल जो एक ही दूत आर.एन.ए रज्जुक पर अलग-अलग संलग्न होते हैं तथा बहुपेप्टाइड संश्लेषण में सक्रिय भाग लेते हैं |
  • Polyspermy -- बहुशुक्राणुता
किसी अंड में एक से अधिक शुक्राणुओं का प्रवेश |
  • Polytene chromsome -- बहुपट्टीय गुणसूत्र
द्विपंखी डिम्भकों की लालाग्रंथियों में उपस्थित विशालकाय गुणसूत्र जो संतति अर्धगुणसूत्रों की घनिष्ठता से निर्मित पट्टिकाओं तथा अंतर-पट्टिकाओं को अभिलक्षित करते हुए एक विशेष आकारिकी रखता है |
  • Polytrophic egg tube -- बहुपोषी अंडनलिका
ऐसी अंडनलिका जिसमें अंडकों के साथ-साथ पोषकाणुओं का समूह भी होता है |
  • Polytypic species -- बहुलप्ररुपी जाति
वह जाति जिसकी दो और अधिक उपजाति होती हैं |
  • Polytypic -- बहुलप्ररुपी
ऐसा वर्गक जिसके एकदम बाद वाली गौण श्रेणी में दो या अधिक वर्गक होते हैं |
  • Polyzoa (Bryozoa) -- पोलीज़ोआ (ब्रायोज़ोआ)
छोटे-छोटे जलीय, प्राय: स्थानबद्ध निवही प्राणियों का एक संघ (फाइलम) जो सतही तौर पर हाइड्रॉइड सीलेन्टरेटों से मिलते-जुलते हैं | कशाभी स्पर्शकों की सहायता से भोजन-ग्रहण, आहारनाल,गुदा तथा प्रगुहा(सीलोम) का होना इनके विशिष्ट लक्षण हैं |
  • Population density -- समष्टि घनत्व
प्रति इकाई आयतन में व्यष्टयों की संख्या |
  • Population -- समष्टि
किसी जाति के व्यष्ठियों का समूह जो एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में रहता और अंतराप्रजनन करता है |
  • Population dynamics -- समष्टि गतिकी
समूची पर्यावरणीय दशाओं के प्रभाव के अंतर्गत समय और दिक्काल में किसी प्राणि-जाति के वितरण एंव प्रचुरता में परिवर्तन का होना |
  • Pore canal -- रंध्रनाल
बाह्यत्वचीय कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्यी विस्तार जो क्यूटिकल से भीतरी अधिक्यूटिकल तक लंबवत् जाते हैं |
  • Pore complex -- रंध्र संमिश्र
केंद्रकीय छिद्रों और नलिकाओं से बनी संरचना |
  • Porifera -- पॉरीफेरा
स्थानबद्ध, जलीय अकशेरुकियों का एक संघ जिसमें स्पंज आते हैं | नालों तथा कक्षों से बना अनेक छिद्रों वाला शरीर, कंटिकाओं और स्पंजिन तंतुओं या दोनों का कंकाल, कप कोशिकाओं का पाया जाना, तंत्रिका तंत्र का अभाव तथा पक्ष्माभी क्रिया द्वारा उत्पन्न जलधारा से अशन क्रिया का होना इनके विशिष्ट लक्षण हैं | दो तीन अलवणजलीय स्पंजों को छोड़कर सभी समुद्री होते हैं |
  • Portal vein -- निवाहिका शिरा
हृदय को छोड़कर दूसरे अंगों में या एक केशिकासमूह से दूसरे केशिकासमूह में रक्त ले जाले वाली शिराएँ; जैसे कशेरुकियों में आंत्र से यकृत् तक रक्त ले जाने वाली यकृत् निवाहिका शिरा |
  • Post embryogenesis -- उत्तर भ्रूणोद्भव, भ्रूणोद्भवोत्तर
चार निर्मोक अवस्थाओं द्वारा प्रथम डिंभक अवस्था से लेकर वयस्क अवस्था तक के परिवर्धन की प्रक्रिया |
  • Post emryonic development -- भ्रूणोत्तर परिवर्धन
भ्रूण-निर्माण के बाद होने वाला परिवर्धन क्रम |
  • Posterior tentorial arms -- पश्च छदि शाखा
सपंख कीटों में क्यूटिकलीय अंतर्वलन का पश्च जोड़ा जो पश्चानुकपाल सीवन के नीचे के सिरों में स्थित पश्चछदि गर्तें से निकलता है | यह सिर के साथ के साथ मिलकर अधर तंत्रिका रज्जु पर चापाकार ढाँचा बनाता है और मुखपथ को सहारा देता है |
  • Posterior -- पश्च
सिर से दूर वाले सिरे या संचलन से विपरीत दिशा वाले सिरे या भाग की तरफ स्थित(कोई अंग, संरचना या द्र्श्य ) |
  • Ppm(part per million) -- पी.पी.एम.
प्रति दस लाख का अंश | आहार, पादपों, प्राणियों इत्यादी में रसायनों की मात्रा को व्यक्त करने की एक माप |
  • Precambrian -- कैम्ब्नयनपूर्व
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में प्राग्जैविक (ऐजोंइक) महाकल्प के बाद और पुराजीवी(पेलियोज़ोइक) महाकल्प से पहले 150 करोड़ वर्ष की अवधि | जीवों का इतिहास यहीं से शुरु होता है |
  • Predation -- परभक्षण
परभक्षणी द्वारा अपने शिकार को खाया जाना | उदा.-मीनूकाइलस परभक्षी कीट का एफ़िड को खाना, शेर द्वारा निलगाय को खाया जाना |
  • Predator -- परभक्षी
जीवन-पर्यंन्त अकेले रहने वाले वे मुक्त जीव जो अपने शिकर को मारकर खाते हैं | इनका आकार अपने शिकार से बड़ा होता है | अपने पूर्ण परिवर्धन के लिए इन्हें एक से अधिक जीवों की आवश्यकता होती है | उदा.-मैटिड, मकड़ी, भृंग, चील, बाज़ आदि |
  • Premaxilla -- जंभिकापूर्वी
अधिकांश कशेरुकियों में ऊपरी जबडें का अग्र भाग बनाने वाली युग्मित कलास्थि जो जंभिका(मैक्सिला) के आगे रहती है | स्तनियों की इस संरचना में कृंतक दाँत होते हैं जबकि पक्षियों में यह ऊपरी चोंच का अधिकांश भाग बनाती है |
  • Prementum -- मेन्टमपूर्वी, प्रचिबुकांग
अधरोष्ठ का दूरस्थ भाग जो अधरोष्ठ सीवन से दूरोन्मुख होता है तथा जिस पर सभी अधरोष्ठ पेशियाँ लगी होती हैं |
  • Premolar -- अग्रचर्वणक
स्तनियों के जबड़ों में पीसने वाले दाँत जो रदनक (कैनाइन) और चर्वणक(मोलर) के बीच में होते हैं | चवर्णकों के विपरीत ये पाती दंतविन्यास (दूध के दाँतो) में भी पाए जाते हैं | मानव के प्रत्येक जबड़े में दोनों ओर दो-दो अग्रचर्वणक होते हैं | दे. dental formula दंत-सूत्र |
  • Primary culture -- प्राथमिक संवर्द्ध
किसी जीव से सीधे ही ली गई कोशिकाओं, ऊतकों अथवा अंगों से प्रारंभ किया गया संवर्द्ध |
  • Primary immune response -- प्राथमिक प्रतिरक्षा अनुक्रिया
किसी विशेष प्रतिजन के प्रति पहली प्रतिरक्षा अनुक्रिया जिसकी पश्चता अवधि लंबी होती है और प्रतिरक्षी उत्पादन का अनुमाप अपेक्षाकृत कम होता है |
  • Primary lysosome -- प्राथमिक लयनकाय
साधारण संरचना जो अभी तक किसी अन्य आशय से संयोजित नहीं हुई हो |
  • Primary parasitoid -- प्राथमिक परजीव्याभ
ऐसे संधिपाद कीट-परजीवी जो स्वयं परजीवी नहीं होते |
  • Primates -- प्राइमेट्स
स्तनियों का एक जिसमें मानव, कपि(ape), बन्दर आदि आते हैं | सुपरिवर्धित प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध, पंचांगुलिपाद, सम्मुखी अंगुष्ठ, नखर के स्थान पर नाखून और त्रिविम दृष्टि इनके विशिष्ट लक्षण हैं |
  • Primer -- प्रारंभक
न्यूक्लियोटाइडों का एक लघु अनुक्रम जो डी.एन.ए. के एक सूत्र के साथ युग्मित होकर पॉलीमरेस एन्ज़ाइम को क्रियाशील करके डीऑक्सीराइबो न्यूक्लियोटोइड के सूत्र के संश्लेषण को बढ़ा देता है |
  • Primitive streak -- आदि रेखा
मछलियों, सरीसृपों, पक्षियों और स्तनियों में अंडे के भ्रूणीय बिंब में प्रकट होने वाली अनुदैर्घ्य खाँच जिसे ब्लास्टोपोर के तुल्य माना जाता है |
  • Primitive -- आदि, आद्य
ऐसे जीवधारियों या संरचनाओं के लिए प्रयुक्त जो उद्भव में प्रथम हों या फिर अपने विकास-क्रम की प्रारम्भिक अवस्था में हो |
  • Primosome -- प्राइमेसोम
जटिल प्रोटीन जो विच्छिन्न डी.एन.ए. प्रतिकृति के समय “ओकाजाकी-खंड” के संश्लेषण को प्रारंभ करती है |
  • Probe -- संपरीक्षक
1. रेडियोएक्टिव न्यूक्लीक अम्ल जिन्हें पूरक अनुक्रमों का पता लगाने और स्थान नर्धारित करने के काम में लाया जाता है अथवा ऐसे प्रतिरक्षी पूरक प्रतिजनों का पता लगाने के काम में लाते हैं |
2. रेडियोधर्मिता वाला, एकल रज्जुक (लड़ी) का आर.एन.ए. या डी.एन.ए जिसका प्रयोग पूरक जीन क्लोनों के स्थान निर्धारण में किया जाता है |
  • Proboscidia -- प्रोबोसीडीया
स्तनियों का एक गण हाथी आते हैं | बड़ा आकर, भारी मोटे स्तंभ जैसे पाद, लंबी सूंड़, काफी लंबे कृंतक(गजदंत)तथा पीसने वाले विशाल चर्वणक, इनके विशिष्ट लक्षण हैं | आजकल इसकी केवल दो जीवित जातियाँ हैं-भारतीय हाथी और अफ्रीकी हाथी |
  • Proboscis -- शुंड, शुंडिका
प्राणियों में सिर या मुखक्षेत्र से निकली लंबी नली-जैसी संरचना;जैसे कुछ कीटों, बैलेनोग्लेसस आदि में | हाथियों में यह नासिका और ऊपरी ओष्ट के लंबा हो जाने से बनती है | कीटों में यह ऊर्वोष्ठ, जंभिका, चिबुकास्थि, अधोग्रसनी या अधरोष्ट में से किसी एक या सभी के रुपांतरण से बनती है औप अशन में सहायक होती है |
  • Process -- प्रवर्ध
सुस्पष्ट रुप से बाहर निकला या उभरा हुआ भाग जैसे कशेरुक के अनुप्रस्थ प्रवर्ध, अंस मेखला का अंसतुंड प्रवर्ध आदि |
  • Procoelous -- अग्रगर्ती
एक प्रकार का कशेरुक, जिसका कशेरुककाय (सेन्ट्रम) आगे से अवतल और पीछे से उत्तल हो | उदा, उभयचरों तथा सरीसृपों के प्ररुपी कशेरुक | (तु. Opisthocoelous पश्चगर्ती |)
  • Proctodaeum -- गुदपथ, प्रोक्टोडियम
आहारनाल का अंतिम भाग जो जठर से गुदा तक होता है तथा बाह्यचर्म से आस्तरित होता है |
  • Proenzyme -- प्राक्एन्ज़ाइम, प्रोएन्ज़ाइम
जीवों में एन्जाइम से पहले की अवस्था वाला अनुप्रेरक पदार्थ जो बाद में एन्जाइम बन जाता है; जैसे पेप्सिनोजन जो बाद में पेप्सिन बन जाता है |
  • Proglottid -- देहखंड
फिताकृमियों के शरीर के अनेक खंडों में से एक | ये खंड फीते के रुप में एक दूसरे से आगे-पीछे जुड़े रहते हैं और प्रत्येक खंड में अंगों की पुनरावृत्ति होती है |
  • Prognathus -- उद्हनु
कीट के सिर का एक ऐसा प्रकार जिसमें सिर ऊर्ध्वाधर और मुखांग आगे की और बढ़े होते हैं |
  • Prokaryotic -- प्राक्केंदिरकी (अवस्था)
जिसमें केंद्रक-संरचना झिल्ली से परिबद्ध नहीं होती और दूसरे झिल्ली परिबद्ध कोशिका अंगक जैसे कि हरितलवक, सूत्रकणिका और जालिकाय अनुपस्थित होते हैं |
  • Proleg -- प्रपाद
इल्लियों के कुछ उदरीय खंडों पर स्थित छोटे और बिना संधि वाले मांसल पाद जो चलने में काम आते हैं | इनके सामान्यत: चार जोड़े पाए जाते हैं, लेकिन ” लूपरो” (जियोमैटिडी) में केवल दो, माइक्रोप्टेरीजीडी के कीटों में आठ तथा आरामक्खी (टेन्थीडीनिडी) में छह या सात जोड़े होते हैं |
  • Pronephros -- प्राक्वृक्क
भ्रूणीय या डिंभकीय कशेरुकियों में सबसे पहले बनने वाला वृक्क |
  • Pronotum -- प्रवक्षपृष्ठक
कीट के पहले वक्षीय खंड का पृष्ठीय क्यूटिकलीय आवरण, जो कभी-कभी बड़ा होकर शेष वक्ष को आवृत करने वाले कवच का निर्माण कराता है |
  • Prophase -- पूर्वावस्था
अंतरावस्था और मध्यावस्था के बीच केंद्रक विभाजन की प्रथम अवस्था जिसमें गुणसूत्र केंद्रक के भीतर संघनित होते हैं |
  • Prophylaxis -- रोगनिरोध
पीडंक नियंत्रण के लिए जाने वाले निरोधात्मक अथवा संरक्षणात्मक उपचार |
  • Propneustic -- अग्ररंध्री
वह अल्परंध्री डिंभक जिसमें केवल अग्रवक्षीय श्वसन संध्र होते हैं |
  • Proprioceptor -- स्वांतरग्राही
पेशी, संधि आदि में तनाव के कारण उत्पन्न होने वाले उददीपनो को ग्रहण करने वाले संवेदग्राही जिनके द्वारा संतुलन, स्थिति आदि का बोध होता है |
  • Prosopyle -- आगमद्वार, प्रोसोपाइल
साइकॉन प्रकार के स्पंजों में अंतर्वाही तथा अरीय नालों के बीच का रंध्र |
  • Prostate gland -- पुर:स्थ प्रॉस्टेट (ग्रंथि)
नर स्तनियों में सबसे बड़ी सहायक लैंगिर ग्रंथि जिसका स्राव काफी मात्रा में शुक्राणु तरल में मिलता है |
  • Prostomium -- पुरोमुख, प्रोस्टोमियम
सखंड प्राणी के धड़ का खंडरहीत अग्र मुखपूर्वी भाग |
  • Protandry -- पुंपूर्वता
स्त्रीजनन कोशिकाओं यानी अंडाणुओं से पहले नर जनन कोशिकाओं का उत्पन्न या परिपक्व होना; जैसे कुछ सूत्रकृमियों में |
  • Protein synthesis -- प्रोटीन संश्लेषण
ऐमीनों अम्लों से प्रोटीन का जैवसंश्लेषण | कोशिका में यह प्रक्रिया रइबोसोमों पर होती है | संश्लेषित ऐमीनों अम्ल श्रृंखला के विविध ऐमीनों अम्लों का अनुक्रम दूत आर.एन.ए रुपदा द्वारा निर्धारित होता है |
  • Protein -- प्रोटीन
जटिल कार्बनिक नाइट्रोजन यौगिक जिसमें अनेक ऐमीनो अम्ल, पेप्टाइड आबंधों द्वारा जुड़ें रहते हैं।
  • Proteinase -- प्रोटीनेज़
प्रोटीनों और पॉलिपेप्टाइडों के पेप्टाइड बंधों का जलअपघटन करने वाले प्रकिण्व(एन्जाइम)।
  • Protelean parasite -- अपरिपक्व परजीवी
ऐसी कीटजाति (स्पीशीज) जो केवल अपरिपक्व अवस्था में ही परजीवी होती है।
  • Proteolytic enzyme -- प्रोटीनलयी प्रकिण्व
प्रकिण्व, जो प्रोटीन में पेप्टाइड बंध के जलअपघटन से संबद्ध होता है।
  • Proterozoic era -- प्राग्जीव महाकल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में लगभग 100 करोड़ वर्ष पूर्व से लेकर 50 करोड़ वर्ष पूर्व का समय, जो आर्कियोजोइक महाकल्प के बाद और पेलियोजोइक के पहले आता है। मुलायम शरीर वाले अकशेरुकियों का पाया जाना इस अवधि की एक विशेषता है।
  • Prothrombin -- प्रोथ्रोम्बिन
कशेरुकियों में रुधिर प्लाज़्मा का एक घटक जो रुधिर के स्कन्दन (कोएग्यूलेशन) में योगदान देता है।
  • Protocephalon -- आद्यशीर्ष
भ्रूण की शिरस्य पालियों के अनुरुप संधिपाद प्राणी के सिर के विकास की एक सामान्य प्रारंभिक अवस्था। इसमें पुरोमुख और आमतौर पर प्रथम मुखपश्चीय कायखंड होते हैं जिनसे कीट के आद्यशिरस्य क्षेत्र का निर्माण होता है।
  • Protocerebrum -- आदयप्रमस्तिष्क
कीट के मस्तिष्क का अग्रभाग जो भ्रूणावस्था में प्रथम कायखंड की संयुक्त गुच्छिकाओं से बनता है तथा जिसमें नेत्रीय तथा अन्य संबद्ध केंद्र होते हैं।
  • Protochordata -- प्रोटोकॉर्डेटा
निम्नतर कार्डेटों का एक समूह जिसके सदस्य कार्डेटा संघ के उच्चतर प्राणियों से इस बात में भिन्न होते है कि उनमें वास्तविक मस्तिष्क नहीं होता। कशेरुकीयों की तरह इनमें क्लोम रंध्र, पृष्ठरज्जु और पूरी या अधूरी पृष्ठीय खोखली तंत्रिका-रज्जु पाई जाती है। उदा. एम्फिओक्सस और बैलेनोग्लोसस।
  • Protoplast fusion -- जीवद्रव्यक संलयन
दो भिन्न स्रोतों से लिए गए जीव-द्रव्यकों का संलयन करके विषम केंद्रक बनाने की एक तकनीक।
  • Protozoa -- प्रोटोज़ोआ
एककोशिका वाले सभी प्राणियों का संघ जिसमें अमीबा, पैरामिशियम, मलेरिया परजीवी आदि प्राणी आते हैं। पादाभ, पक्ष्माभ या कशाभ द्वारा संचलन, पूर्णपादपी या पूर्णजान्तविक या पूतिजीवी पोषण, अलैंगिक विधि द्वारा जनन, और अंग या ऊतक का न होना इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Protura -- प्रोट्रयूरा
सूक्ष्म अपंखी, कीट जिनके मुखंग अंत:सृत हनु वाले होते हैं। श्रृंगिकाएँ और संयुक्त नेत्र नहीं होते; उदर में सुपरिवर्धित पुच्छखंज होता है तथा मैलपीजी नलिकाएँ पैपिलों द्वारा निरुपित होती है।
  • Proximal -- निकटस्थ, समीपस्थ
प्राणि-शरीर में संधि, उद्भव अथवा अग्र सिरे की ओर वाला या उसके पास स्थित (कोई अंग, संरचना, भाग या सतह); जैसे तंत्रिका का वह सिरा जो मस्तिष्क के समीप हो या किसी वाहिनी का हृदय के पास वाला सिरा।
  • Psalterium -- साल्टेरियम
जुगाली करने वाले(रोमंथी) स्तनियों के आमाशय के चार भागों में से तीसरा भाग जहां खाद्य पदार्थ पर दबाव पड़ने से जल का अधिकांश भाग जहां खाद्य पदार्थ पर दबाव पड़ने से जल का अधिकांश भाग बाहर निकल जाता है।
  • Pseudo resistance -- कूट प्रतिरोध, धद्म प्रतिरोध
सुग्राही परपोषी पादप द्वारा आभासी प्रतिरोध दिखाना जिसकी उत्पत्ति, संयोग, अस्थायी(अवंशागत) कारकों अथवा पर्यावरणीय परिस्थितियों से होती है।
  • Pseudo-alleles -- छ्रदम विकल्पी
निकट सहलग्न जीन जो विकल्पी न होते हुए भी विनिमय-प्रक्रिया द्वारा पृथक किए जा सकते हैं। (दे.allele)
  • Pseudocoel -- कूटप्रगुहा
मादा की काय-गुहा जिसका बाहरी आस्तर मध्य जनस्तर का और भीतरी आस्तर अंतर्जनस्तर का होता है।
  • Pseudogamy pseudogamy -- कूटयुग्मन
ऐसा जनन जो अनिषेकजनन से होता है और जिसमें शुक्राणु केंद्रक अंडाणु में घुस कर अंडजननीय परिवर्धन को उद्दीप्त करने के बाद नष्ट हो जाता है।
  • Pseudopodium -- पादाभ
अमीबाभ कोशिका से निलकने वाला अस्थायी कोशिका-द्रव्यी प्रवर्ध जो गति तथा पोषण प्राप्त करने में काम आता है।
  • Psocoptera -- सोकोप्टेरा
15-20 खंडीय लंबी तंतुरुपी श्रृंगिकाओं वाले कीट। अंग्रेजी के अक्षर y-आकार का अधिकपाली सीवन (epicranial suture); जंभिका दंड-रुपी लैसीनिया से युक्त; अग्रवक्ष आमतौर पर छोटा; गुल्फ 1 या 3 खंडीय; लूम नहीं होते। उदा.-बुक लाइस।
  • Pterygoid -- त्र्यंगिका, टोरिगॉइड
अधिकांश केशेरुकीयों के उपरी में ग्रसनी या नासा पथ की पार्श्व भित्ति बनाने वाली युग्मित हड्डी जो तालव (पैलेटाइन) के पीछे रहती है।
  • Ptilinum -- निर्गमकोश
फ्रॉन्स का एक पराक्षेप्य कोश जिसका उपयोग द्विपंखी (dipterous) प्यूपों में प्यूपावरण को तोड़ने के लिये किया जाता है।
  • Pubescent -- रोमिल
छोटे महीन रोमों से ढका हुआ कीट। उदा.- शलभ।
  • Pubis -- जघनास्थि, प्यूबिस
चतुष्पादों में श्रोणि-मेखला का आगे निकला अधर भाग बनाने वाली हड्डी।
  • Pulvillus -- पादतल्प
कीटों में नखरों के आधारों के नीचे निकलने वाली पूर्व गुल्फिका की पार्श्व-पालियाँ । गुल्फ उपखंडों की अधर पालियाँ भी कभी-कभी गुल्फपाद तल्प कहलाती हैं।
  • Punctation -- उद्बिंदु
अनुप्रस्थ या अनुदैर्घ्य पंक्तियों में स्थित छोटे क्यूटिकलीय बिंदु।
  • Pupa -- प्यूपा, कोशित
पूर्ण रुपांतरणशील कीटों के परिवर्धन के दौरान लार्वा तथा वयस्क के बीच की अवस्था जिसमें चलने-फिरने (संचलन) और पोषण की क्रियाएँ नहीं होती। इसमें लार्वा अंगों का पुनर्गठन होकर वयस्क अंगों का परिवर्धन होता है। उदा. रेशम का कोया, तितली का क्राइसेलिस।
  • Puparium -- प्यूपावरण
उच्च कोटी के द्विपंखी-गण में प्यूपा का ढोलनुमा कठोर आवरण।
  • Pupation -- प्यूपीकरण
सक्रिय डिंभक अवस्था से कोशित (प्यूपा) अवस्था में परिवर्तन की प्रक्रिया।
  • Pure line -- शुद्ध वंशक्रम
ऐसे जीवों की संततियों का क्रम जो सभी जीनों की दृष्टि से समयुग्मी होते हैं अर्थात् जिनकी जीन-संरचना बिल्कुल एक जैसी होती है। प्राणियों में यह स्थिति लगातार अंत:प्रजनन द्वारा उत्पन्न होती है।
  • Purine -- प्यूरिन
न्यूक्लीक अम्लों में विद्यमान नाइट्रोजनी-क्षारक जैसे – रोडेनीन और ग्वानीन।
  • Pylorus -- जठर-निर्गम
कशेरुकियों में आमाशय और ग्रहणी के बीच का संधि स्थल। आमाशय में भोजन के पाचन के समय यह अवरोधनी -पेशी द्वारा बंद हो जाता हो जाता है।
  • Python -- अजगर
बड़े आकार के विषहिन साँप जो अपने शिकार को शरीर से लपेटजकड़ कर मार डालते हैं और फिर समूचा फिर समूचा ही निगल जाते हैं। भारतीय अजगर (पाइथन मोलूरस) करीब 20 फुट तक लंबा और सामान्यत: वृक्षवासी होता है।
  • Quadrate -- हनुसंधिका, क्वाड्रेट
अधिकांश कशेरुकियों में ऊपरी जबड़े के पश्च सिरे पर स्थित उपास्थि-हड्डी। अस्थि-मीनों, उभयचरों और पक्षियों में यह निचले जबड़े को जोड़ती है, किंतु स्तनियों में छोटी तथा रुपांतरित होकर कान की स्थूण (इन्कस) बन जाती है।
  • Quadratojugal -- हनुसंधिगंडिका, क्वाड्रेटोजूगल
कुछ कशेरुकियों की करोटि में हनुसंधिका (क्वाड्रेट) और गंडिका (जुगल) के बीच के कोण में स्थित हड्डी जो स्तनियों को छोड़कर अन्य कई कशेरुकियों में गंडिका से जुड़ जाती है।
  • Quarantine -- संगरोध
किसी जीव(पीड़क, खरपतवार, रोग) के प्रवेश, तथा उसके स्थापन और फैलाव को रोकने के लिए उसका अलगाव या उसके परिवहन पर प्रतिबंध। इसमें प्राय: 40 दिन तक जीव को अलग रखा जाता है।
  • Quaternary period -- चतुर्थ कल्प
पृथ्वी के एतिहासिक कालक्रम में पिछले दस लाख वर्षों की अवधि अवधि अर्थात् तृतीय (टर्शियरी) कल्प के बाद से अब तक का समय जिसमें अत्यन्तनूतन (प्लीस्टोसीन) और अभिनव युग आते हैं। मानव का उद्भव इस काल की विशेषता है।
  • Queen bee -- रानी मधुमक्खी
पूर्ण विकसित मैथुनित मादा मधुमक्खी जो साधारण मधुमक्खी से लंबी और बड़ी होती हैं। इसका मुख्य कार्य अंडे देना होता है।
  • Queen chamber -- रानी कोष्ठ
मधुछत्ते में स्थित एक विशष्ट बड़ा मोमकोष्ठ जिसमें रानी मक्खी कामद उड़ान के बाद वृद्धावस्था, मृत्यु पर्यंत या नई रानी के बनने तक रहती है।
  • Queen -- रानी
चींटी, दीमक, मधुमक्खी तथा बर्र आदी सामाजिक कीटों की जननशील मादा जो निवह में अंडे देने वाली प्राय: एकमात्र प्राणी होती है।
  • Quiescence -- प्रशांति
जीव की अंतरजीविता क्रियाविधि जहाँ पर्यावरण में प्रतिकूल प्रभाव वाली परिस्थितियों में उपापचयी क्रियाएँ घट जाती हैं।
  • Quiescent -- प्रशांत
प्रतिकूल परिस्थितियों द्वारा प्रेरित अपेक्षाकृत जैव निष्क्रियता की अवस्था।
  • Quill -- शल
1. पक्षियों में पर का खोखला दंड या अक्ष। कभी-कभी यह शब्द पंख या दुम के एक समूचे पर के लिए भी प्रयुक्त होता है।
2. खोखली काँटे -जैसी संरचना, जैसे सेही में।
  • Rachis -- रैकिस, प्राक्ष
पक्षियों में पर का वृंत, स्तंभ या कांड।
  • Radial canal -- अरिय नाल
मेड्यूसाभ सीलेन्टेरेन्टों में जठरांत्र से चारों ओर निकलने वाली जठरचर्मीय नाल।
  • Radial symmetry -- अरीय समामिति
वह अवस्था, स्थिति या दशा जिसमें केंद्र से होती हुई किसी भी खड़ी (उदग्र) काट द्वारा अंग या प्राणी को दो समान भागों मे बांटा जा सके; जैसे सैलेंटरेटा के पॉलिप अथवा मेडयूसा में या स्टारफिश में ।
  • Radial -- अरीय, रेडियल
1. अर या त्रिज्या से संबंधित; विशेष रुप से निम्न संरचनाओं के लिए प्रयुक्त;
2. शूलचर्मियों (एकाइनोडर्मों) के अर।
3. ऐसा विदलन जिसमें कोरकखंड (ब्लास्टोमियर) अरीय सममिति में स्थित हों।
4.मछलियों में पखों (फिनों) को साधने वाली अंत:कंकालीय संरचना।
5. कीटों में पंखों की एक अनुप्रस्थ शिरा।
  • Radiobiology(radiation biology) -- विकिरण जैविकी
जीवधारियों तथा जीवित कोशिकाओं पर विकिरण(रेडियोऐक्टीविटी) के प्रभावों के अध्ययन से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा।
  • Radioloria -- रेडिओलेरिआ
प्राय: समुद्री तथा प्लवकीय, अमीबीय प्रोटोजोआ प्राणीयों का एक समूह जिनमें आंतरिक सिलिकामय कंकाल के चारों तरफ धानीयुक्त जीवद्रव्य की परत रहती है जिसमें से चारों तरफ अनेक सूक्ष्म पादाभ निकले रहते हैं। इनके मृत कंकाल समुद्र की तली में जमा होकर निपंक (ooze) का निर्माण करते हैं।
  • Radio-ulna -- अंत:बहि:प्रकोष्ठिका, रेडियोअल्ना
मेंढक आदि कुछ प्राणियों में अग्रबाहु (प्रकोष्ठ) की दोनों हड्डियों के जुड़ जाने से बनी संरचना।
  • Radius -- बहिःप्रकोष्ठिका, रेडियस
1. चतुष्पादी कशेरुकियों में अग्रपाद के प्रकोष्ठ की दो हड्डियों में से एक (दूसरी को अल्ना कहते हैं )। उदा. मनुष्य में अंगूठे की ओर वाली हड्डी।
कीटों के पंख में एक प्रमुख अनुदैर्ध्य शिरा।
  • Radula -- घर्षित्र, रेडुला
कई मोलस्कों (काइटन, घोंधा आदि) के मुख या आंत्र पथ में पाई जाने वाली रेती-जैसी संरचना जिसमें दाँतों की कई अनुप्रस्थ पंक्तियाँ होती हैं।
  • Rami valvularum -- शाखा कपाटीका
पहली और दूसरी कपाटिका के निकटस्थ प्राय: कृश भाग जिसके द्वारा दूसरी कपाटिकाओं को कपाटधरों के साथ संलग्न किया जाता है।
  • Random sampling -- यादृच्छिक प्रतिचयन
किसी जीव-समष्टि में प्रतिदर्श का भेदभाव-रहित चयन। चयन की इस विधि में समष्टि के सभि प्रतिदर्शों के चुने जाने का समान अवसर रहता है।
  • Raptorial leg -- प्रसह पाद
शिकार को पकड़ने-जकड़ने के लिए रुपांतरित अग्रपाद।
  • Raptorial -- प्रसह
शिकारी पक्षियों के लिए प्रयुक्त। प्रेइंग मैन्टिस जैसे कुछ परभक्षी कीटों में शिकार को पकड़ने वाले अग्रपादों के लिए प्रयुक्त।
  • Rasping mouth part -- रेतन मुखांग
कीट मुखागों का एक प्रकार जो दाहिनी चिबुकास्थि के हासित होने से असममित होता है। ये संरचना में वेधन, चूषण तथा चर्वण मुखांगों के मध्यवर्ती किंतु, कार्य में रेतन और चूषण जैसे होते हैं। इनसे पौधों की बाह्य त्वचा को विदीर्ण करके स्रावित होने वाले रस को चूसा जाता है। उदा.-रसादों (थ्रिप) के मुखांग।
  • Ray -- 1. अर 2. रे, शंकुश
1.मछलियों के पखों (फिनों), दुम तथा क्लोम-कक्ष को साधने या सहारा देने वाली पतली अस्थिमय संरचनाएँ।
2. कुछ विशिष्ट एलास्मोब्रैंक मछलियों का सामान्य नाम। पृष्ठाधर तल से चपटा शरीर, अधर तल पर मुँह तथा गिलछिद्र और पृष्ठ तल पर स्थित आँख इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Rearing -- पालन पोषण
प्रयोगात्मक अथवा वाणिज्य उद्देशयों के लिए किसी जीव-समष्टि का प्राकृतिक अथवा कृत्रिम परिस्थितियों में परिवर्धन।
  • Recapitulation theory -- पुनरावर्तन सिद्धांत
बेअर तथा हिकेल द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत जिसके अनुसार कोई प्राणी अपने भ्रूणीय परिवर्धन काल में अपने पूर्वजों के विकास की प्रमुख अवस्थाओं से गुजरता है; जैसे, पक्षियों के भ्रूणों में मत्स्यपूर्वजों के क्लोम छिद्र का पाया जाना। आधुनिक विचारधारा के अनुसार अब यह सिद्धांत मान्य नहीं है।
  • Recent epoch -- अभिनव युग
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में अंतिम हिमयुग से (लगभग बीस हजार वर्ष पहले से ) अब तक की अवधि जिसमें मानव का भी उद्भव हुआ।
  • Receptive apparatus -- ग्राही उपकरण
संवेदी कोशिका अथवा कोशिकाओं से बने परिधीय अवयवों द्वारा अथवा उनके माध्यम से संचारित उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया दिखाने वाले संवेदी अंग का भाग।
  • Receptor -- ग्राही
संवेदी कोशिका या अंग जो उद्दीपनों को ग्रहण कर तदनुरुपी आवेगों को तंत्रिकाओं द्वारा आगे भेजती है। ये कई प्रकार के होते हैं और प्रत्येक में एक विशिष्ट प्रकार के उद्दीपन (जैसे ताप, प्रकाश, स्पर्श आदि) के प्रति ही अनुक्रिया होती है।
  • Recessive allele -- अप्रभावी वकल्पी
ऐसा विकल्पी जो विषमयुग्मजी जीन प्ररुप में अपनी उपस्थिति लक्षणप्ररुपत: अभिव्यक्त नहीं कर पाता।
  • Recessive gene -- अप्रभावी जीन
ऐसे जीन जो विषमयुग्मजी परिस्थिति में अथवा प्रभावी विकल्पी की उपस्थिति में अभिव्यक्त नहीं हो पाते, किंतु समयुग्मजी परिस्थिति में अपना प्रभाव स्पष्टतया दिखाते हैं।
  • Recessive -- अप्रभावी
(कारक, लक्षण, जीन) जो दृश्य प्ररुपी दृष्टि से व्यक्त नहीं होता अर्थात् जो दूसरे विकल्पी को व्यक्त होने देता है। (तु. dominant)
  • Reciprocal recombination -- व्युत्क्रम पुनर्योग
मातृक एवं पैतृक युग्मविकल्पियों के व्युत्क्रम अनुस्थापन के कारण नए जीन प्ररुपों की उत्पत्ति।
  • Reciprocal translation -- अन्योन्य स्थानांतरण
दो असमजात गुणसूत्रों के बीच लघुगुणसूत्रीय खंडों का विनिमय।
  • Recombinant DNA technology -- पुनर्योजनी डी.एन.ए. प्रौद्योगिकी
विभिन्न आनुवंशिक स्रोतों से प्राप्त विचित्रक डि.एन.ए अणुओं का पात्रे निर्माण।
  • Recombinant DNA -- पुनर्योजनी डी.एन.ए.
डी.एन.ए. अणु जिसमें भिन्न जीवों से लिए गए अनुक्रम पात्रे हेरफेर द्वारा पास-पास रखे जाते हैं।
  • Recombinant -- पुनर्योगज
पुनर्योजन की क्रिया के फलस्वरुप उत्पन्न नई कोशिकाएँ या नए व्यष्टि।
  • Recombination -- पुनर्योजन
अर्धसूत्रण के दौरान समजात गुणसूत्रों में जीनों के विनिमय के फलस्वरुप संतति कोशिकाओं में ऐसे पुन:अपव्यूहित नये जीनसमूहों का बनना जो जनकों में से किसी एक में नहीं होते।
  • Rectal papilla -- मलाशय पिप्पल
अधिकांश डिप्टेरा व साइफोनेप्टेरा गणों के कीटों के मलाशय की भीतरी भित्ति में पाए जाने वाले शंक्वाकार खोखले अंतर्वलन। ये संख्या में चार से छह तक होते हैं तथा मलाशय के अग्र भाग में गोलाई में लगे होते हैं। इनका मुख्य कार्य मल में उपस्थित जल का अवशोषण और संरक्षण करना है।
  • Rectum -- मलाशय, रेक्टम
आहार नाल का अंतिम भाग जो गुदा द्वारा बाहर की ओर खुलता है।
  • Recurrent nerve -- प्रत्यावर्ती तंत्रिका
मध्य मुखपथीय तंत्रिका जो ललाट-गुच्छिका से निकल कर मस्तिष्क के नीचे, ग्रसनी की पृष्ठ भित्ति के पीछे तथा महाधमनी के अग्रभाग तक बढ़ी होती है।
  • Red blood corpuscle -- लाल रुधिर कणिका
कशेरुकियों के रुधिर में चिकनी सतह वाली कुछ-कुछ चपटी गोल या अंडाकार कोशिकाएँ जीनमें हीमोग्लोबीन भरा होता है। स्तनियों में ये अपने परिवर्धन काल में केंद्रकयुक्त किंतु परिपक्व अवस्था में केंद्रकहीन हो जाती हैं।
  • Redia -- रीडिआ
पर्णाभ कृमियों की एक डिंभक अवस्था जो घोंघों में परजीवी होती है और अलैंगिक जनन द्वारा सर्केरिया नामक दूसरी डिंभक अवस्था उत्पन्न करती है।
  • Reflex action -- प्रतिवर्तन, प्रतिवर्ती क्रिया
प्राणियों में एक तरह का व्यवहार जिसमें सबसे पहले किसी तंत्रिका-केंद्र (यानी ग्राही) पर अभिवाही संवेदी आवेग की क्रिया होती है और फिर अपवाही प्रेरक आवेग के संबंधित स्थल या अंग तक पहुंचने पर वहां संचारी स्राव का बनना आदी अनुक्रियाएँ होती हैं।
उदा. हाथ में पिन चुभने से हाथ अपने आप हट जाता है।
  • Reflex arc -- प्रतिवर्त चाप
संवेदी, अंतरासंचारी तथा प्रेरक तंत्रिकोशिकाओं (neuron) का क्रम जिसके द्वारा किसी एक प्रतिवर्त के लिए आवेग आते-जाते हैं।
  • Regeneration -- पुनरुद्भवन
जीव में शरीर से अलग हुए भाग या अंग का फिर से उत्पन्न होना।
  • Regression line -- समाश्रयण रेखा
वह रेखा-विशेष जो स्वतंत्र दर के किसी भी विशिष्ट मान के लिए परतंत्र चर के मान के सर्वोत्तम आकलन (estimation) का निर्देश करती है।
  • Regulator gene -- नियामक जीन
जीन जिसका प्रमुख कार्य निकट या दूर स्थित अन्य जीनों के उत्पादों के संश्लेषण का नियंत्रण करना है। नियामक जीन प्रोटीन दमनकारी का संश्लेषण करता है जो किसी प्रचालक (ऑपरेटर) जीन की क्रिया को रोकती है और इस तरह उसके द्वारा नियंत्रित ऑपेरॉन की क्रिया रुक जाती है।
  • Reinfestation -- पुनर्ग्रसन
किसी क्षेत्र में पीड़कों का पौधों को हानि पहुंचाकर अथवा नष्ट कर चले जाने के बाद पुन: लौटकर पौधों को ग्रसित करना।
  • Renal portal system -- वृक्क-निवाहिका उपतंत्र
मछलियों तथा उभयचरों में शरीर के पश्च भाग (पश्च पाद, पुच्छ आदि) से रक्त लेकर सीधे वृक्क में ले जाने वाली शिराएँ। उल्बी (ऐम्नओट) कशेरुकियों में दूसरे प्रकार का वृक्क होने के कारण यह तंत्र काफी घटा हुआ या बिलकुल ही नहीं होता।
  • Repellent -- प्रतिकर्षी
एक यौगिक-विशेष जो कुछ प्राणयों या अन्य जीवों के लिए क्षोभकारी है जिससे उसकी उपस्थिति से क्षेत्र-विशेष में वे हानिकारक प्राणी या जीव नहीं आ सकते।
  • Replication -- प्रतिकृतियन
किसी मूल संरचना (टेम्पलेट) की नकल या दूसरी प्रति उत्पन्न करने की प्रक्रिया। जैसे, 1. मूल डी.एन.ए. से दूसरे डी.एन.ए. रज्जुक का बनना। 2. कोशिका में विषाणुओं की संख्या में वृद्धि।
  • Reproduction -- जनन
जीव द्वारा अपनी ही तरह के जीव उत्पन्न करने की प्रक्रिया जो मुख्यत: दो प्रकार- लैंगिक और अलैंगिक विधि, से होती है। कुछ प्राणियों (एफिड, रोटीफर आदि) में अनिषेकजनन जैसी तीसरी विधि भी पाई जाती है।
  • Reproductive system -- जनन तंत्र
वृषण तथा अंडाशय, उनकी वाहिनियों तथा अन्य संबद्ध सहायक ग्रंथियों या संरचनाओं का समूह।
  • Reproductive isolation -- जननात्मक विलगन
ऐसी अवस्था जिसमें दो या से अधिक समष्टियों के बीच संकरण नैज (intrinsic) कारकों के कारण रुक जाता है।
  • Reptilia -- रेप्टीलिया
ऐसे कशेरुकी प्राणियों का एक वर्ग, जिन्हें सामान्य भाषा में सरीसृप कहते हैं। असमतापिता, शल्की त्वचा, फेफड़ों द्वारा श्वसन, घूमकर दाहिनी ओर पहुंची बांई चाप, हृदय में तीन कक्ष और एक अनुकपाल अस्थिकंद इस वर्ग की विशेषताएँ हैं।
  • Repugnatorial gland -- प्रतिकारी ग्रंथि
विविध कीटों के विभिन्न भागों से मिलने वाली चमीय ग्रंथियाँ जो नाना प्रकार के वाष्पशील रसायनों को उत्पन्न करती हैं। ये रसायन बाधा पहुंचाने वाली गंध निकालते हैं और सुरक्षात्मक प्रतिकर्षी प्रभाव पैदा करते हैं।
  • Reservoir host -- आशय परपोषी
प्रकृति में उपलब्ध एक प्रकार का अंत्य परपोषी जो स्थानिक, प्राकृतिक या अन्य स्थान से लाया हुआ होता है और सामान्यत: वन्य (परपोषी) होता है।
  • Residual toxicity -- अपशिष्ट आविषालुता
इसका संबध किसी पीड़कनाशी की आविषालुता की मात्रा से है जो पीड़कनाशी के अनुप्रयोग के बाद भिन्न-भिन्न समय -अंतरालों पर मिलती है।
  • Residue -- अपशिष्ट
रासायनिक पदार्थ की शेष जो उपापचय पथ में उसके उपयोग के बाद शरीर के भीतर बनी रहती है।
  • Residue-pesticide -- अवशिष्ट-पीड़कलाशी
पीड़कनाशी का वह अवशेष जो प्रयोग के कुछ घंटे बाद पीड़कों को नष्ट करता है अथवा उनकी हानि या विनाश करने की प्रवृत्ति को रोकता है।
  • Resistance -- प्रतिरोध
1. परजीवी के परिवर्धन का संदमन करने वाली अनुक्रियाएँ।
2. जीव में पीड़कनाशी के हानिकारक प्रभावों को कम करने या दबाने की क्षमता।
  • Resistant host -- प्रतिरोधक परपोषी
वह पौधा जिसमें परजीवी के परिवर्धन का संदमन करने की क्षमता होती है।
  • Resistant species -- प्रतिरोधी जाति
1. (कीटों के संदर्भ में)-कीटों की वह जाति जो कीटनाशी के प्रति प्रतिरोध रखती है।
2. (पौधों के संदर्भ में) – पौधों की वह जाति, जो कीटों के प्रति प्रतिरोध रखती है।
  • Respiration -- श्वसन
ऊतकों में कार्बोहाइड्रेट, वसा आदि पदार्थों के ऑक्सीकरण से कार्बन डाइऑक्साइड तथा पानी बनने के ऊर्जा उत्पन्न होने की प्रक्रिया।
  • Respirator -- श्वसित्र, रेस्पिरेटर
धूल के कणों और विषैली गैसों को वायु से बाहर निकालने के लिए प्रयोग किया जाने वाला इस प्रकार का मुखौटा जिसे पहनकर व्यक्ति सुरक्षित रुप से साँस लेता हुआ काम कर सकता है।
  • Respiratory toxicity -- श्वसन-आविषालुता
पीड़कनाशी तत्वों का या सूक्ष्म बिंदुकों या कणों के रुप में साँस के साथ फेफड़ो के अंदर पहुंच जाना। साँस के द्वारा अंदर पहुंचने वाले ज्यादातर पीड़कनाशी रसायन बहुत आविषालु होते हैं। ऐसे पीड़कनाशी पदार्थों का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों के लिए सुरक्षा उपस्कर अत्यावश्यक होते हैं।
  • Response -- अनुक्रिया
उद्दीपन के फलस्वरुप जीव उसके किसी अंग में होने वाला सामान्यत: अनुकूली परिवर्तन; जैसे तेज प्रकाश पड़ने पर आँख का बंद हो जाना।
  • Resting stage -- विश्राम अवस्था
किसी जीव के परिवर्धन में ऐसी शरीर क्रियात्मक अवस्था जिसमें अनुकूल अवस्था न होने तक विकास रुक जाता है। ऐसा जीवद्रव्यी क्रिया में कमी, कार्बनडाइऑक्साइड के सांद्रण या अन्य क्रियात्मक विकारों के कारण होता है। इसे सुत्पावस्था या निष्क्रिय अवस्था भी कहा जाता है।
  • Restriction enzymes -- प्रतिबंधक एन्ज़ाइम
एन्ज़ाइमों का ऐसा वर्ग जो डी.एन.ए. रज्जुक को विशिष्ट स्थल पर विदलित करता है।
  • Reticulate -- जालिकारुपी
ऐसी संरचना जिसमें लगभग एक समान नियमित खंड होते हैं, जो संकरी रोमिल संरचना के बने एक जाल से अलग होते हैं।
  • Reticulocyte -- जालिकाणु
लाल रुधिर कोशिका यानी रक्ताणु के परिवर्धन की एक अवस्था।
  • Reticulum -- 1. जालिका 2. रेटिकुलम
1. तंतुओं या रेशों से बना जाल या जाल-जैसी संरचना चाहे वह कोशिका में हो या अंतराकोशिक आधात्री (मैट्रिक्स) में।
2. जुगाली करने वाले, यानी रोमंथी, स्तनियों के आमाशय का दूसरा खंड या कक्ष।
  • Retina -- दृष्टिपटल, रेटिना
आँख की प्रकाशसंवेदी परत। लेन्स से बना प्रतिबिंब वहाँ पड़कर तंत्रिका आवेगों में बदलता है जो दृक्तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क में जाकर सूचना देता है।
  • Retinula -- दृष्टिपटलक, रेटिनुला
संयुक्त नेत्र के एकल नेत्रांशक में दृष्टिपटल कोशिकाओं का समूह।
  • Retractile -- आकुंचनशील
ऐसी संरचना या भाग के लिए प्रयुक्त, जिसको अंदर खींचा या मोड़ा जा सके। उदा. मधुमक्खी में शुंडिका, बिल्ली में नखर आदि।
  • Retractor -- आकुंचक, रिट्रैक्टर
ऐसी पेशी जिसकी क्रिया से उससे जुड़ा भाग वापस खिंच आता है।
  • Retroviruses -- पश्चविषणु
एकल रज्जुकी आर.एन.ए विषाणुओं का वह वर्ग जिनके गुणन में प्रत्यावर्ती अनुलेखन द्वारा पहले आर.एन.ए. से डी.एन.ए बनता है। यह डी.एन.ए. कोशिकीय डी.एन.ए. में समाकलित होकर उसके साथ साथ ही प्रतिकृतित हो जाता है।
  • Reverse transcriptase -- उत्क्रमित ट्रॉन्सक्रिप्टेज
एकल-रज्जुक आर.एन.ए से डी.एन.ए रज्जुक के संश्लेषण को उत्प्रेरित करने वाला प्रकिण्व।
  • Reverse transcriptase -- प्रत्यावर्ती ट्रांस्क्रिप्टेस
आर.एन.ए. पर आश्रित डी.एन.ए. पालीमरेस।
  • Rhabdom -- रैब्डॉम
शलाका जैसी संरचना जो समीपवर्ती दृष्टिपटल कोशिकाओं की संयुक्त संवेदी सीमाओं ले निर्मित होती है।
  • Rhabdomere -- रैब्डोमीयर
एक दृष्टि पटल कोशिका का ग्राही क्षेत्र, यानी दृष्टिपटल शलाका बनाने वाले घटकों में से एक।
  • Rheotaxis -- धारानुचलन
जलधारा से उत्पन्न उद्दीपन के प्रति संचलन अनुक्रिया।
  • Rhesus blood types -- रीसस-रुधिर प्ररुप
मानव रुधिर वर्ग-तंत्र जिसका यह नाम इसलिए पड़ा कि इसमें शामिल प्रतिजन रीसस बंदर में होता है।
  • Rhizopoda -- राइज़ोपोडा
प्रोटोज़ोआ प्राणियों का एक वर्ग (क्लास) जिसमें अमीबा, फोरैमिनोफेरा, रेडियोलेरिआ आदि आते हैं। भोजन ग्रहण तथा संचलन से संबद्ध पादभ अंगकों का होना इनका विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Rhodnius -- रोडनियस
हेमीप्टेरा गण के रेडुवाइडी कुल के रक्तभोजी मत्कुणों (वग) का वंश। मध्य तथा दक्षिण अमरीका और अन्य उष्माकटिबंधी देशों में ये
छागा रोग उत्पन्न करने वाले ट्रिपेनोसोमा परजीवी के वाहक होते हैं।
  • Rhynchota -- रिन्कोटा
दे. हेमिप्टेरा।
  • Ribonuclease -- राइबोन्यूक्लिएस
राइबोन्यूक्लीक अम्ल का जल-अपघअन करने वाला एन्जाइम।
  • Ribonuclease -- राइबोन्यूक्लिएज
आर.एन.ए. को जलअपघटित करने वाला प्रकिण्व।
  • Ribose -- राइबोस
आर.एन.ए. अणु में पाई जाने वाली एक सरल एल्डोपेन्टोज़ शर्करा जिसकी कोशिका संरचना में और उसके उपापचन में अनेक महत्वपूर्ण भूमिकाएँ होती हैं। इसमें फॉस्फोरिलकृत व्युत्पन्न न्यूक्लिओटाइडों और न्यूक्लीइक अम्लों के घटक होते हैं .
  • Ribozyme -- राइबोज़ाइम
आर.एन.ए. अणु जिसमें प्रकिण्वीय सक्रियता होती है और जो जैव उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
  • Rickettsial disease -- रिकेट्सी रोग
संधिपादों के अविकल्पी आंतरकोशिकीय परजीवियों द्वारा मनुष्यों और अन्य प्रणियों में उत्पन्न रोग। इन परजीवियों जीवाणुओं और विषाणुओं के बीच का मध्यवर्ती रुप माना जाता है।
  • Rickettsiosis -- रिकेट्सीयता
रिकेट्सी द्वारा उत्पन्न संक्रामक रोग।
  • Rodent -- कृंतक, रोडेन्ट
रोडेन्शिया (चूहा, मूषक व गिलहरी) और लेगोमार्फा (खरगोश, शशक )गणे के प्राणी। इनका विशेष लक्षण छेनी जौसे कृंतक दाँतो (incisors) की उपस्थिति और रदनको (canines) की अनुपस्थिति है।
  • Rodentia -- रोडेन्शिया
स्तनियों का गण (ऑर्डर) जिसमें चूहे, गिलहरी आदि कुतरने वाले प्राणी आते हैं। ऊपरी तथा निचले दोनों जबड़ों में छेनी जैसे कृंतक दाँत और पीसने वाले चर्वणक दाँत इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Root feeder -- मूल-अशनी, मूलाहारी
ऐसे कीट जो पौधों की जड़ों और भूमिगत अंगों को खाते और क्षति पहुंचाते हैं। उदा.-बीज तथा जड़ अपादक (मैगट), मक्का जड़ डिंभक आदि।
  • Rosette -- रोजेट, स्तब
जनन पिप्पलों के चारों क्यूटिकल के उद्बिंदु चित्राम।
  • Rostellum -- तुंडक, रोस्टेलम
चोंच जैसा कोई छोटा प्रवर्ध या संरचना ; जैसे फीताकृमियों के मूर्धा (स्कोलेक्स) में एक गोलाकार उभार जिसमें अंकुश लगे होते हैं।
  • Rostrum -- तुंड, रोस्ट्रम
कुछ जीवों में नुकीला तथा चोंच-जैसा प्रवर्ध या इससे मिलती-जुलती कोई संरचना।
  • Rotator -- घूर्णी, रोटेटर
वह पेशी जिसके द्वारा कोई अंग या भाग गोलाई में घूम सकता है।
  • Rotifera -- रोटीफ़ेरा
अकशेरुकियों का एक संघ (फाइलम)जिसमें चक्र-जंतुक आते हैं। सूक्ष्म, खंडहीन शरीर, वास्तविक प्रुगुहा (सीलोम) का न होना, भोजन-ग्रहण तथा संचलन के लिए पक्ष्माभों के अग्र वलय या चक्र का होना इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Round worm -- गोल कृमि
1. प्राणि-परजीवी सूत्रकृमि एस्केरिस लंब्रीकॉइडीज़ का सामान्य नाम।
2.सूत्रकृमियों का सामान्य नाम।
  • Rudiment -- आद्यांग
शरीर का कोई अंग जो केवल आंशिक रुप से विकसित हुआ हो।
  • Rudimentary -- अल्पवर्धित, आध्यांगिक
ऐसी संरचनाओं के लिए प्रयुक्त जो अवशेष रुप में हों या जिनका परिवर्धन अपूर्ण अवस्था में ही रुक गया हो। उदा. मनुष्य की आंत्र में कृमिरुप परिशेषिका।
  • Rumen -- रुमेन
जुगाली करने वाले यानी रोमंथी स्तनियों में आमाशय के चार खंडों में से सबसे पहला भाग जहाँ तत्काल खाया गया तथा बिना चबाया हुआ भोजन कुछ समय के लिए जमा होता है।
  • Ruminant -- रोमंथी, रुमिनैन्ट
जुगाली करने वाले स्तनियों का सामान्य नाम। हड्डियों के आधार पर बने श्रृंगीय सींग, आमाशय में चार कक्ष का होना और ऊपरी कृंतकों तथा ऊपर-नीचे रदनकों का न होना इनके प्रमुख लक्षण हैं। उदा. हिरने,ऊँट, जिराफ, बकरी, गाय, भैंस आदि।
  • Sacrum -- त्रिक, सेक्रम
कई कशेरुकों के जुड़ जाने से बनी संरचना जो चतुष्पादों में श्रोणि मेखला की इलियम अस्थि से सटी रही है।
  • Sagittae -- शराश्मक
कलांपखी(Hymenoptera) कीटों में लिंगाग्रिका के समीपस्थ पार्श्व प्रवर्ध।
  • Saliva -- लार
वह रंगहीन तुन-क्षारीय द्रव, जो लार-ग्रंथियों से मुखगुहा में स्रवित होता है और जिसमें पाचक एन्ज़ाइम होते हैं। यह भोजन को चिकना बना देता है। रक्त-चूषकों की लार में प्रतिस्कंदक भी होते हैं।
  • Salivarium -- लालाशय
अधोग्रसनी और अधरोष्ठ के मूल के बीच में स्थित कोटरिका जिसमें लार-वाहिनियाँ खुलती हैं। उच्च-कोटी के कीटों में यह लार पंप या वयन उपकरण के रुप में परिवर्तित हो जाता है।
  • Salivary gland -- लार ग्रांथि
लार का स्राव करने वाली ग्रंथियाँ।
  • Saltatorial -- वल्गी पाद
कूदने के लिए पादों का रुपांतरण।
  • Sampling -- नमूना लेना, प्रतिचयन
किसी समष्टि से प्रतिदर्श का चयन करने की प्रक्रिया।
  • Saprophagous -- मृतभक्षी
वह जीव जो मृत या विगलित जैव पदार्थ से भोजन प्राप्त करता है। उदा.-कुछ भृंग (गुबरैला), घरेलू मक्खी के डिंभक आदि।
  • Saprophyte -- मृतजीवी, पूतिजीवी
मृत अथवा सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से पोषण प्राप्त करने वाला पादप।
  • Saprozoic (animal) -- मृतजीवी, पूतिजीवी (प्राणी)
सड़े-गले जैव पदार्थों पर जीवित रहने वाले प्राणी या उनसे पोषण प्राप्त करने वाले।
  • Sarcodina(rhizopoda) -- सार्कोडिना (राइजोपोडा)
प्रोटोजोआ संघ के ऐसे प्राणियों का एक वर्ग जिनमें पादाभ द्वारा संचलन होता है। उदा.अमीबा, एन्टअमीबा, आदि।
  • Sarcophagous -- माँसभोजी
वह जीव या कीट जो अन्य जीवों का माँस खाकर रहते हैं। उदा.-फ्लैश फ्लाई, स्क्रूवर्म।
  • Sarcoplasmic reticulum -- पेशीद्रव्यी जालिका
माँसपेशी कोशिकाओं में पायी जाने वाली जालिका।
  • Scale -- शल्क
कुछ प्राणियों में शरीर का बाह्य आवरण बनाने वाली चपटी, छोटी, कठोर, चर्मीय या अधिचर्मीय संरचना अथवा श्रृंगीय या काइटनी उद्वर्ध। उदा. अधिकांश मछलियों, सरीसृपों तथा तितली जैसे कुछ कीटों में।
  • Scaphopoda -- स्कैफोपोडा
मोलस्कों का एक छोटा वर्ग जिसमें नलिकाकार कवच देनों तरफ खुला होता है। छोटा बिलकारी पाद तथा कई परिग्राही स्पर्शिकाओं वाला सिर इनके अन्य विशिष्ट लक्षण हैं। उदा. डेन्टेलियम।
  • Scent gland -- गंध ग्रंथि
गंध-पदार्थ उत्पन्न करने वाली ग्रंथि।
  • Schizocoel -- दीर्णगुहा
भ्रूण के संतह ऊतक के भीतर के अवकाशों से बनी देह-गुहा।
  • Schizogony -- विखंडनीजनन
प्रोटोजोआ में विखंडन द्वारा गुणन, विशेष रुप से स्पोरोजोआ वर्ग के कई प्रणियों में एक प्रकार का अलैंगिक जनन जिसमें शाइजॉन्ट ते बहु विखंडन के अनेक मीरोजाइट बनते हैं जो पुन: लाल रुधिर कोशिका में प्रवेश कर ट्रोफोजोइट तथा शाइजॉन्ट अवस्थाओं में बदलते हुए चक्र चालू रखते हैं, जैसे मलेरिया परजीवी।
  • Schizont -- शाइजॉन्ट
ऐसी कोशिका जो अलैंगिक रुप से बार-बार जनन करते हुए खंडजाणु नामक अनेक छोटी-छोटी कोशिकाएँ उत्पन्न करती है। उदा. मलेरिया परजीवी के जीवन-चक्र की एक अवस्था।
  • Schwann cell -- श्वान कोशिका
परिधीय तंत्रिकाओं के चारों ओर उपस्थित एक कोशिका जो तंत्रिकाझिल्ली के आच्छद बनाती है।
  • Sclerite -- कठक
देह भित्ति का कोई भी बड़ा अथवा दृढ़ीकृत क्षेत्र।अधिकांश वयस्क कीटों और उनके डिंभकों की प्ररुपी देह-भित्ति, चार स्पष्ट दृढ़ीकृत क्षेत्रों में विभक्त की जा सकती है – पृष्ट क्षेत्र या पृष्ठक, अधर क्षेत्र या अधरक और देह की दोनों बगलों में एक-एक पार्श्वक्षेत्र या पार्श्वक।
  • Sclerotization -- दृढ़ीकरण
बाह्य उपत्वचा में दृढ़कारी पदार्थों (काइटिन और प्रोटीन) के जमा होने से देहभित्ति का कठोर होना।
  • Sclerotized -- टृढ़ीकृत
क्यूटिकलीय संरचना की कठोर अवस्था।
  • Scolex -- स्कोलेक्स,मूर्धा
फीताकृमियों के शरीर के अग्र सिरे पर सिर-जैसी संरचना जिसमें परपोषी की आंत्र से चिपकने के लिए चूषक या अंकुश या दोनों ही होते हैं।
  • Scoring -- समंकन
कीट अथवा रोगोत्पादक जीवों से उत्पन्न अथवा संक्रमण की विभन्न मात्रा को निर्धारित करने के लिए निश्चित संख्यात्मक मान।
  • Scutum -- स्कूटम
किसी भी वक्षीय खंड का वक्ष पृष्ठक।
  • Sea anemone -- समुद्री ऐनीमोन
सीलेन्टेरेटा के ऐन्थोजोआ वर्ग और ऐक्टीनेरिया गण के फूल-जैसी आकृति के रंग-बिरंगे प्राणी जिनमें मुँह के चारों ओर चक्रीय रुप में स्पर्शक होते हैं।
  • Sebaceous gland -- तैल ग्रंथि, वसा-ग्रंथि
स्तनियों की त्वचा में एक प्रकार की ग्रंथि जो सामान्यत: रोम पुटक (फोलिकल) में खुलती है और एक प्रकार के तेल या वसामय पदार्थ का स्रवण करती है।
  • Secondary host -- गौण परपोषी
किसी परजीवी के जीवन-चक्र में एसा परपोषी जहाँ प्राणी थोड़े समय के लिए (सामान्यत: डिंभक अवस्था में) रहकर फिर प्राथमिक या प्रमुख परपोषी के शरीर में जीवन का काफी भाग बिताने चला जाता है।
  • Secondary parasite -- द्वितीयक परजीवी
प्राथमिक परजीव्याभ का कीट परजीवी।
  • Secondary pest -- गौण पीड़क, द्वितीयक पीड़क
वे पीड़क (नाशक कीट), जो आर्थिक दृष्टि से प्राय: महत्वपूर्ण संख्या में उपस्थित नहीं होते लेकिन सस्यीय विधियों अथवा फसल की किस्मों में परिवर्तनों के कारण अथवा मुख्यनाशक कीटों के विरुद्ध कीटनाशकों के अविवेकीय उपयोग के परिणामस्वरुप आर्थिक क्षति स्तर पर पहुँच जाते हैं।
  • Secondary sexual character -- गौण लैंगिक लक्षण
नर तथा मादा में भिन्न विभेदक संरचनाएँ या विशेषताएँ जिनसे दोनों को पहचाना जा सकता है और जो जननग्रंथियों की विशिष्ट कोशिकाओं से निकले हार्मोन के प्रभाव से उत्पन्न होती हैं। उदा. नर हरिण में श्रृंगाभ, मानव में पुरुष के चेहरे पर बालों का उगना और मछलियों, पक्षियों तथा कुछ अन्य प्राणियों में नर और मादा के शरीर में रंग, आकार तथा आकृति का भेद।
  • Secretion -- स्रवण
जीवों में कोशिका या ग्रंथि से निकला हुआ विशिष्ट पदार्थ या तरल या उसके निकलने की प्रक्रिया।
  • Sedentary -- स्थानबद्ध
किसी एक ही स्थान पर अपने आधार से लगे या चिपके रहने वाले प्राणियों के लिए प्रयुक्त। उदा. स्पंज, हाइड्रा, मूंगा(कोरल), सूत्रकृमि आदि।
  • Segmental appandage -- खंडिय उपांग
शरीर-भित्ति के युग्मित अधर-पार्श्वी खंडीय उद्वर्ध (outgrowth) जो मूलत : चलने में सहायक होते हैं।
  • Segmentation -- खंडीभवन
प्राणी-शरीर का लंबाईवार प्रमुख अंगों या अंग-तंत्रों से युक्त भागों या खंडों में बंटा होना। ऐनीलिडा तथा आथ्रोपोडा संघ के प्राणियों में यह सुस्पष्ट होता है।
  • Segregating population -- विसंयोजी समष्टि
वह समष्टि जो प्राय: दो जनकों के संकरण से उत्पन्न संतति के रुप में होती है और जिसमें आनुवंशिक भिन्नताएँ देखी जा सकती हैं। इनमें वांछित लक्षण वाले व्यष्टियों को पहचान कर प्रजनन के लिए चयन किया जाता है।
  • Segregation -- विसंयोजन
युग्मक बनने के दौरान अर्अधसूत्रण की क्रिया में नर-मादा जनकों में गुणसूत्रों का और उन पर स्थित जीन जोड़ो का एक-दूसरे से पृथक हो जाना। विशेष रुप से संकर जीवों में विपरीत लक्षणों वाले जीन जोड़े के सदस्य यानी विकल्प जीनों का पृथक होकर युग्मकों में पहूँचना।
  • Selective pesticide -- चयनात्मक पीड़कनाशी
ऐसा रसायन जो कुछ पादपों, कीटों, सूक्ष्मजीवों आदि के लिए औरों की अपेक्षा अधिक आविषालु होता है।
  • Selective placement -- चयनात्मक स्थापना, वरणात्मक स्थापना
किसी विशेष लक्ष्य पर कीटनाशक के इस्तेमाल को कम करने की दृष्टि से उसके स्थानन का एक तरीका। इसमें केवल उन्हीं सतहों को उपचारित किया जाता है जिन पर निक्षेप (डिपॉजिट) के अंतरण की संभावना सबसे ज्यादा होती है। स्थानन के इस तरीके का एक अन्य लाभ यह भी है कि इससे प्राकृतिक शत्रु कीटनाशक से प्रभावित होने से बच जाते हैं। यह कीटनाशियों के न्यायसंगत उपयोग का एक विधि है जो पर्यावरण के प्रदूषण को कम करती है।
  • Semicircular canal -- अर्धवृत्ताकार नलिका
कशेरुकियों में अंतर्लसीका से भरी आंतरिक कर्ण की चापाकार नलिकाएँ जिनकी सहायता से प्राणी को चलते-फिरते अपनी संतुलन अवस्था का बोध होता है।
  • Semilooper -- अर्धकुंडक
वह इल्ली जिसमें प्रापदों के सामान्य से एक या दो जोड़े कम होते हैं। इस कारण इसका शरीर रेंगते समय अर्ध-कुंडलक सा बन जाता है। उदा.- हरी मटर का अर्धकुंडलक।
  • Seminal vesicle -- शुक्राशय
नर जनन-तंत्र का एक भाग जहाँ वृषण से आए शुक्राणु जमा होते हैं।
  • Seminiferous tubule -- शुक्रजनक नलिका
कशेरुकियों के वृषण में सैंकड़ों की संख्या में पाई जाने वाली पतली, काफी लिपटी-मुड़ी नलिकाएँ जिनमें शुक्रणु उत्पन्न होते हैं।
  • Semiochemical -- सेमियोकेमिकल, सेमियोरसायन
व्यवहार को परिवर्तित कर देने वाले रसायन। यह रसायन माइक्रोग्राम/नैनोग्राम मात्रा पर ही अवगामी(perceiving) जीव के व्यवहार को परिवर्तित कर देता है पर इन रसायनों को इस आधार पर वर्गीकृत कर देता है। मोटे तौर पर इन रसायन किस प्रकार के आचरण को प्रेरित करता है, उसकी अंतरजातीय या आंतरजातीय सक्रियता कैसी है और वह प्राकृतिक रुप से स्रावित होता है या नहीं। इन रसायनों में फीरोमोन, हॉर्मोन, ऐलोमोन, आकर्षी, निवारक तथा अन्य पैराफीरोमोन सम्मिलित हैं।
  • Sense organ -- ज्ञानेंद्रिय, संवेदी अंग
उद्दीपनों को ग्रहण करने वाला अंग; जैसे आँख, नाक, कान, जिह्वा, त्वचा आदि।
  • Sensilla -- संवेदिका
सूत्रकृमियों का संवेदी अंग (ग्राही) जिसमें क्यूटिकल, अधश्चर्म और संवेदी कोशिकाएँ होती हैं।
  • Sensitivity -- संवेदनशीलता
थोड़ी मात्रा में ही आविषालु पदार्थ अथवा रसायन के प्रभाव के प्रति सुग्राही जीव।
  • Sensory neuron -- संवेदी तंत्रिओन
ऐसे तंत्रिओन जो आवेग को ग्राही से केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र को या उसकी ओर ले जाते हैं।
  • Septicemia -- पूतिजीव-रक्तता, सेप्टिसीमिया
रुधिर में सूक्ष्मजीवों के आक्रमण तथा बहुगुणन के कारण उत्पन्न होने वाली एक अस्वस्थ अवस्था।
  • Septum -- पट
प्राणियों के शरीर में दो गुहाओं, ऊतक पुंजों आदि को एक दूसरे से अलग करने वाली भित्ती, कला या संरचना। उदा. कशेरुकियों में नासिका-पट तथा अलिंद-निलय पट, ऐनिलिड प्राणियों में कायखंडों के बीच अनुप्रस्थ संरचनाएँ, प्रावालों में अरीय पट आदि।
  • Sequential sampling -- अनुक्रमिक प्रतिचयन
पीड़क प्रबंधन में आर्थिक देहली के उद्देश्य से अपनाई जाने वाली प्रतिचयन पद्धति।
  • Sericulture -- रेशमकीट पालन
कच्चे रेशम का व्यापारिक स्तर पर उत्पादन करने के लिए प्राकृतिक या कृत्रिम रुप से रेशम कीट का पालन-पोषण।
  • Serotonin -- सिरोटोनिन
ट्रिप्टोफॉन का एक उपापचयी उत्पद जिसकी रासायनिक संरचना 5′ है। बाद में यह मेलाटोनिन में बदल जाता है। दुदर्भ कैन्सरी अर्बुदों में इसका उत्पादन अत्याधिक है। यह एक प्रभावी वाहीका संकीर्णक है और अरेखित पेशियों के संकुचन को उद्दीपित करता है।
  • Serrate antenna -- क्रकची श्रृंगिका
श्रृंगिका का ऐसा रुप जिसके खंड कमोवेश त्रिकोणाकार और आरे के दाँतों की तरह एक ओर निकले होते हैं। उदा.-दाल भृंग की श्रृंगिकाएँ।
  • Serum -- सीरम
प्लाज़्मा का वह भाग जिसमें स्कंदन के फलस्वरुप फाइब्रिनोजन तथा स्कंदन में शामिल होने वाले अन्य प्रोटीन निकल गए हों।
  • Sessile -- 1. स्थानबद्द, स्थावर 2. अवृंत
1. ऐसे प्राणीयों के लिए प्रयुक्त जो स्थायी तौर पर किसी वस्तु से लगे या जुड़े रहते हैं या फिर इधर-उधर चलने-फिरने की बजाए एक ही जगह स्थिर रहते हैं।
2. डंठल रहित
  • Seta -- शूक
कड़े रोम के समान कोई बारीक, टृढ़ संरचना। उदा. कुछ कीटों और कृमियों में।
  • Seta -- शूक
संधित क्यूटिकल के लंबे नलिकाकार स्पर्श-ग्राही।
  • Setaceous antenna -- शूकमय श्रृंगिक
श्रृंगिका का ऐसा रुप जिसके खंड क्रमश: उत्तरोत्तर लघुत्तर होते जाते हैं और पूरी श्रृंगिका सिरे पर क्रमशः पतली होती हुई शूक जैसे हो जाती है। उदा.- तिलचट्टा।
  • Setaceous -- शूकमय
शूकल; शूकवाला; शूक के आकार की संरचना।
  • Setal membrane -- शूक कला, शूक झिल्ली
रोम गर्तिका का झिल्लीकामय तल या कूपिका जो शूक को सहारा देती है।
  • Sex attractant -- लिंग-आकर्षी
भिन्न लिंगों में व्यवहार-अनुक्रिया उत्पन्न करने वाला रासायनिक सूचक।
  • Sex chromatin -- लिंग क्रोमेटिन
कायिक कोशिकाओं के अंतरावस्था केंद्रकों में पाया जाने वाला निष्क्रियित गुणसूत्रों का संघनित क्रोमेटिन। सामान्यत: स्तनधारियों की मादाओं में प्रत्येक अतिरिक्त एक्त (x) गुणसूत्र से लिंग क्रोमैटिन पिंड(बार-पिंड) बनता है।
  • Sex chromatin -- लिंग-क्रोमेटिन
क्रोमैटिन का संघनित पिण्ड अक्रियित एक्स-गुणसूत्र ही होता है। स्तनी केन्द्रक में एक से अधिक एक्स-क्रोमोसोम होने पर इनके लिंग क्रोमेटिन काय बन जाते हैं।
  • Sex chromosomes -- लिंग गुणसूत्र, सेक्स क्रोमोसोम
जीव-कोशिकाओं में अलिंगसूत्र (ऑटोसोम) से पृथक गुणसूत्र जो लिंग का निर्धारण करते हैं। इन्हें प्राय: x और y की संज्ञा दी जाती है। स्तनियों में नर विषमयुग्मजी (xy) और मादा समयुग्मजी (xx) होते हैं जबकी पक्षियों में मादा विषमयुग्मजी और नर समयुग्मजी होते हैं।
  • Sex hormone -- लिंग हॉर्मोन
स्टेरॉयडों की श्रेणी में आने वाले हॉर्मोनों का एक समूह जो लैंगिक अंगों, गौण लैंगिक लक्षणों और उनकी अभिव्यक्ति को नियंत्रित करता है तथा व्यवहार और कुछ शरीक्रियात्मक प्रक्रमों को प्रभावित करता है।
  • Sex linkage -- लिंग सहलग्नता
लक्षणप्रारूपी विशेषक उत्पन्न करने वाले जीन के एक्स. गुणसूत्र में स्थित होने से पाई जाने वाली विशेष प्रकार की सहलग्नता। ये लक्षणप्ररुप प्राय: गौण लक्षणों से भिन्न होते हैं। इस स्थिति के परिणामस्वरुप संबंद्ध लक्षण केवल विषमयुग्मकी लिंग के व्यष्टयों में ही प्रकट होता है।
  • Sex ratio -- लिंग अनुपात
समष्टि-विशेष में नरों ओर मादाओं का अनुपात।
  • Sexual dimorphism -- लैंगिक द्वविरुपता
एक ही जाति के नर तथा मादा प्राणियों में सुप, रंग, आकार या व्यवहार में भेद होने की अवस्था या दशा।
  • Shaft -- कांड, शैफ्ट
1. भालाकार सूत्रकृमि में शंकुक का पीछे वाला नलिकार भाग जिसके अंत में तील घुंडियाँ बन जाता हैं
2.कंटिकाकार सूत्रकृमि में शीर्ष और फलक के बिच का भाग।
  • Shark -- शार्क, सुरा
ऐसी समुद्री उपस्थि-मीनों का सामूहिक नाम जिनका शरीर तर्कुरुपी, गिलछिद्र पार्शिक और पुच्छ विषमपालि होते हैं। उदा. स्कोलिओडोन, प्रिस्टिस, स्कवैलस, आदि।
  • Short term pesticide -- अल्पकालीन पीड़कनाशी
ऐसा पीड़कलाशी जो अनुप्रयोग के तुरंत बाद ही निराविषी उपोत्पाद में टूट जाता है।
  • Shredding -- कतले काटना, काटना
कीट के भक्षण का एक प्रकार जिसमें पत्तियाँ धज्जियों अथवा लंबे पतले टुकड़ों में बदल दी जाती हैं।
  • Sibling species -- समाभासी जातियाँ
निकट रुप से संबधित जातियों के जोड़े या समूह जो जनन रूप से विलग किंतु आकृतिक रुप से समरुप होते हैं।
  • Sigmoid curve -- सिग्माभ वक्र
आविष मात्रा और मृत्यु-दर को आलेखित करने वाला वक्र। आविषालुक (कीटनाशी या पीड़कनाशी) की मात्रा या सांद्रता के अनुरुप लघुगुणांक के विरुद्ध कीट की मृत्यु दर के प्रतिशत से बनने वाले वक्र से पता चलता है कि घातक स्तरों पर आविष की मात्रा/सांद्रता बढ़ाने से मृत्युदर में विशेष वृद्धि नहीं होती।
  • Sigmoid -- सिग्मा रुपी
अंग्रेजी के अक्षर “S” के समान आकार का ग्राफ।
  • Silk gland -- रेशम ग्रंथि, कौशेय ग्रंथि
वह ग्रंथि जिससे रेशम का निर्माण होता है। उदा.-रेशम कीट, एम्बीओप्टेरा गण के कीट, मकडीयाँ आदि।
  • Silk toxicity -- रेशम आविषालुता
रेशम कीट की रेशम ग्रंथियों में रेशम रुका रहने से उत्पन्न घातक “हाइपर एमीनोएसिडीमिया” नामक रोग।
  • Silurian period -- सिल्यूरियन कल्प
पृथ्वी के ऐतिहसिक मालक्रम में पुराजीवी महाकल्प (पेलियोज़ोइक एरा ) का एक खंड जिसकी अवधि लगभग 35 करोड़ वर्ष से 30 करोड़ वर्ष पूर्व तक मानी जाती है। प्रथम स्थलीय पौधे तथा वायु में सांस लेने वाले प्रथम स्थलीय प्राणी इस कल्प की विशेषताएँ है।
  • Silver fish -- सिल्वर फिश, रजतमीनाभ, मत्स्यक
गण थाडसैनूरा और कुल लैपिस्मैटिडी का आद्य कीट जो पंखहीन, रजतमय तथा शल्की होता है। इसमें लंबी श्रृंगिकायें, कर्तन मुखांग व ऐसी त्रिकीय पुच्छ होता है जो दो लंबे लूमों एंव एक मध्य तंतु से बनी होती है। इन कीटों को शूक-पुच्छ (ब्रिसल टेल) भी कहते हैं। उदा-लेपिज्मा। यह कीट कपड़ों में लगी माँड और जिल्दवाली किताबों की लेई या गोंद को खाता है।
  • Silver shoot -- रजत प्ररोह
पर्णच्छद का खोखली मटमैली या बैंगनी रंग की लंबी बेलनाकार नलिकामय पिटिका में परिवर्तन। इसके सिरे पर छोटा क्षीण जीभिकाओं और पालि युक्त पत्रफवक होता है। यह धान की गॉल मिज के प्रकोप का विशिष्ट लक्षण है।
  • Sinus venosus -- शिरा कोटर
निम्नतर कशेरुकियों में और उच्चतर कशेरुकियों के भ्रूण में हृदय का कक्ष, जो बड़ी दैहिक शिराओं के मिलने से बनता है और अलिंद में खुलता है; जैसे मेंढ़क में।
  • Siphon -- साइफ़न, विनाल
कई प्राणियों के शरीर में पाई जाने वाली नली जैसी संरचना जिसमें होकर जल शरीर के अंदर-बाहर आता-जाता है ; जैसे सेफैलोपोड प्राणियों में वह अधर नली जिससे स्क्विड या कटलफिश जल को बाहर फेंकते हुए पीछे की ओर बढ़ता है, कुछ गैस्ट्रोपोडों में श्वसन छिद्र जिससे जल प्रावार-गुहा में जाता है, और ट्यूनीकेटों में मुख तथा परिकोष्ठ के रंध्र जिनसे होकर पानी क्रमश: अंदर तथा बाहर आता-जाता है।
  • Siphonaptera -- साइफ़ोनैप्टेरा
छोटे, अपंखी, पार्श्वत: संपीड़ित (compressed) कीट जिनके प्रौढ़ नियततापी (warm blooded) प्राणियों पर बाह्य परजीवी होते हैं। नेत्र नहीं होते। सामान्यत: दो नेत्रक, छोटी और मजबूत श्रृंगिकाएँ, वेधन और चूषण के लिए रुपांतरित मुखांग होते हैं। वक्षीय खंड असंयुक्त ; कोशित (pupae) अबद्ध और कोयों (cocoons) में बंद होते हैं। उदा. पिस्सू, आदि।
  • Siphoning mouth part -- साइफनी मुखांग
मुखांगों का वह प्रकार जिसमें ऊर्ध्वोष्ठ और मेन्डिक्ल नहीं होते। अधरोष्ठ की जगह केवल अधरोष्ठ स्पर्शक हाते हैं, और आवश्यक कार्यकारी अंगों का निर्माण जंभिकाओं के द्वारा होता है जिनके गैलिया लंबे और आपस में जुड़कर कोमल खोखली नलिका का निर्माण करते हैं। यह प्रयोग में न आने के समय घड़ी की कमानी की तरह सिर के नीचे कुंडलित रहती है। उदा.- लेपिडॉप्टेरा गण के वयस्क शलभों और तितलियों के मुखांग।
  • Siphunculata -- साइफ़नकुलेटा
इस गण के कीट पंखहीन और स्तनधारियों के परजीवी होते हैं तथा अनेक रोग फैलाते हैं। नेत्र लघुकृत अथवा अनुपस्थित; नेत्रक अनुपस्थित। इनके मुखांग वेधन और चूषण के लिए अत्यधिक आकुंजित रहते हैं। वक्षीय खंड सयुंक्त, गुल्फ (टार्सी) एकखंडीय; नखर एकल और श्वासरंध्र पृष्ठीय होते हैं। लूम अनुपस्थित। उदा.- जूं (युका)।
  • Site -- स्थल
ऐसा क्षेत्र, स्थान, भवन, संरचना, पौधा, प्राणी या अन्य जीव जिस पर लक्षित पीड़क के नियंत्रण के लिए पीड़कनाशी का उपयोग किया जाता है।
  • Skull -- करोटी, खोपड़ी
रज्जुकी (कॉर्डेट) प्राणियों में कंकाल का वह भाग जिसमें मस्तिष्क सुरक्षित रहता है।
  • Slurry -- कर्दम
पीड़कनाशी का एक प्रकार का गाढ़ा निलंबन जो जल और जल मिश्रणीय चूर्ण से बनाया जाता है।
  • Small intestine -- क्षुद्रांत्र
कशेरुकियों की आहार-नाल में आमाशय और बृहदांत्र के बीच का भाग जहाँ अधिकांश पोषक पदार्थों का अवशोषण होता है।
  • Social insect -- सामाजिक कीट
वे कीट जो प्राय: संगठत बनाकर रहते हैं। इनमें श्रमविभाजन के आधार पर रानी, श्रमिक, सैनिक आदि सदस्य होते हैं। उदा.- दीमक, मधुमक्खी, बर्र, चींटियाँ।
  • Socii -- सोसाई
ट्रिकोप्टेरा और शल्कपंखी गण (लेपिडॉप्टेरा) के कीटों के दसवें खंड के पार्श्व अनुबंधी प्रवर्ध। ये संभवत: निम्नतर कलापंखी गण (हाइमनोप्टेरा) के दसवें खंड के लूम (सर्कोपोड) जैसे उपांगों के समजात होते हैं।
  • Sodium pump -- सोडियम पंप
तंत्रिका ऊतक में क्रियारत एक तंत्र जिसके द्वारा वे Na⁺ आयन तंत्रिकाक्ष झिल्ली के बाहर निकल जाते हैं जो आयनी प्रवणता के कारक झिल्ली के भीतर पहुँच गए थे। इस पंप के जरिए Na⁺ आयन के स्थान पर K⁺ ऑयन पहुँच जाते हैं, और इस प्रक्रिया में Na⁺/K⁺ ए.टी.पी.एज. द्वारा ए.टी.पी. के जल अपघटन से उत्पन्न ऊर्जा प्रयुक्त होती है।
  • Solenocyte -- नलोत्सर्ग कोशिका, सोलेनोसाइट
नलिकाकार ज्वाला कोशिकाएँ यानी एक या कई लंबे पक्ष्माभ वाली उत्सर्जी कोशिकाएँ जो ऐम्फिओक्सस तथा कुछ ऐनीलिडों में पाई जोती हैं। प्लेटीहेल्मिन्थीज की ज्वाला कोशिकाओं की तुलना में ये काफ़ी लंबी होती है।
  • Solitary parasitoid -- एकल परजीव्याभ
ऐसा कीट-परजीवी जो सामान्यत: एक संधिपाद-परपोषी पर एक कीट की दर से विकसित होता है।
  • Soluble powder -- विलेय चूर्ण
चूर्णीय संरुपण (पीड़कनाशी संरुपण), जिसके पानी में घुलने से विलय तैयार हो जाता है।
  • Solution -- विलयन, घोल
एक ऐसा विरचन जो किसी प्रकार के रासायनिक परिवर्तन के बिना ठोस, द्रव या गैसीय पदार्थ को दूसरे पदार्थ में बदल देता है। आमतौर पर किसी द्रव में किसी पदार्थ को घोलने के बाद तैयार किया जाता है। उदा.-पानी में घुली हुई शर्करा।
  • Solvent -- विलायक
एस ऐसा द्रव जिलको किसी पदार्थ में मिलने से वास्तविक विलयन तैयार होता है।
  • Somatic hybridization -- कायिक संकरण, जीवद्रव्यक संकरण
रासायनिक अथवा कर्मकों (agents) अथवा विद्युत धारा का उपयोग करते हुए पात्रे परिस्थितियों में जीवद्रव्यकों का परालैंगिक संकरण।
  • Somatic embryo -- कायिक भ्रूण
ऐसी द्विध्रुवीय संरचना जिसमें प्ररोह और आद्यक होते हैं और जो युग्मजी भ्रूण जैसी होती है ; लेकिन जिसका परिवर्तन युग्मकों के संयोग के बीना होता है।
  • Somatic cell -- कायिक कोशिका
जनन कोशिकाओं के अतिरिक्त, जीव की अन्य सभी कोशिकाएँ।
  • Somatic mutation -- कायिक उत्परिर्वन (कलिका उत्परिवर्तन)
कायिक ऊतक में होने वाला उत्परिवर्तन जो कलिका को प्रभावित करता है।
  • Somite -- कायखंड
कई प्राणियों में अनुदैर्घ्य क्रम से विभाजित शरीर के खंड। केंचुए में ये अनुक्रमित खंड एक जैसे होते हैं किंतु कीटों में शरीर के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के कायखंड एक जैसे नही होते।
  • Space spray -- अवकाशी फुहार
ऐसा पीड़कनाशी जो ऐरोसोल पात्र या फुहारक (स्प्रेयर) से निकलकर तेजी से छोटे-छोटे बिंदुओं के रुप में कमरे या भवन में फैल जाता है और कीटों तथा अन्य पीड़कों को नष्ट कर देता है।
  • Spanish fly -- स्पेनी मक्षी
मेलॉइडी कुल का चमकदार सुनहरा-हरा या काला फफोला-भृंग। वयस्क भृंग पौधों को पत्ती-हीन बना डालते हैं और अनेक फसली पौधों के पुष्पी अंगों को खाते हैं। इनसे एक तैलीय उत्तेजक स्राव रिसता है जो कैन्थेरिडिन औषध का मुख्य स्रोत है। उदा.-लिट्टा और माइलेब्रिस जातियाँ।
  • Spatha -- स्पाथा
कलापंखी (हाइमनोप्टेरा) कीटों में पाई जाने वाली लिंगाग्रिका की पृष्ठ पालि।
  • Spawn -- जलांडक
जल में एक साथ दिए हुए अंडों का समूह।
  • Spawning -- अंडजनन
मछली, मेंढ़क आदि जलीय प्राणियों द्वारा समूह में अंडे देने की क्रिया।
  • Speciation -- जातिउद्भवन
वह प्रक्रम जिसके द्वारा एक या अधिक जाति/किसी अन्य जाति की उत्पत्ति होती है।
  • Species -- स्पीशीज, जाति
जीवधारियों में वर्गीकरण की एक निम्नतम इकाई जिसमें ऐसे जीव आते हैं जो संरचनात्मक तथा कार्यात्मक दृष्टि से लगभग समान होते हैं और प्राकृतिक अवस्था में केवल आपस में केवल आपस में ही प्रजनन करते हैं। एक या अधिक स्पीशीज का समूह जीनस (वंश) कहलाता है और स्वयं स्पीशीज में भी कई उपस्पीशीज, प्रजातियाँ और प्रभेद हो सकते हैं।
  • Sperm cyst -- शुक्र पुटी
वृषण का कोशिकीय संपुट जिसमें शुक्राणु कोशिकाएँ होती हैं।
  • Sperm tube -- शुक्रनलिका
वृषण के द्वितीयक विभाजनों से बनी संरचना।
  • Sperm -- शुक्राणु
प्राणियों में अतिसूक्ष्म, चल तथा सामान्यत: कशाभी नर युग्मक जिसके अग्र भाग में एक बड़ा केंद्रक, मध्य में सेन्ट्रोसोम और पश्च भाग में एक पूंछनुमा लंबा कशाभ होता है जो संचलन में सहायक होता है।
  • Spermatheca (receptaculum seminis) -- शुक्रग्राहिका
मादा की शुक्रधानी अथवा मादा या उभयलिंगी प्रणियों की एक संरचना जिसमें नर या दूसरे प्राणी के शुक्राणु अंडाणुओं के निषेचन तक जमा रहते हैं।
  • Spermatid -- प्रशुक्राणु
ऐसा शुक्राणु जो अपनी पूर्णावस्था को प्राप्त नहीं हुआ है (अपरिपक्व शुक्राणु)।
  • Spermatocyte -- प्रशुक्राणुजन
परिपक्व होने से पूर्व शुक्रापुधानी से विभेदित शुक्राणु कोशिका।
  • Spermatogenesis -- शुक्राणुजनन
शुक्राणुओं के निर्माण का प्रक्रम।
  • Spermatozoan -- शुक्राणु
परिपक्व शुक्र कोशिका।
  • Spermicide -- शुक्राणुनाशी
वह रासायनिक पदार्थ जो शुक्राणुओं को नष्ट कर देता है।
  • Sphenoid -- जतुक
स्तनियों में कपाल के निचले तल पर स्थित फनाकार अस्थि जो जतुकपूर्वी (प्रिस्फीनाइड) और आधारपूर्वी (बेसीस्फीनाइड) अस्थियों के मिलने से बनती है।
  • Sphincter muscle -- अवरोधिनी पेशी
अरेखित वर्तुल पेशी जो सामान्य अवस्था में संकुंचित रहती है, लेकिन मार्ग के खुलने के समय फैल जाती है। उदा. मलाशय अवरोधिनी पेशी।
  • Spicule -- कंटिका
1. ऊतकों के अंदर स्थित छोटी-छोटी अकार्बनिक सामान्यत: कैल्शियमी या सिलिकामय नुकीली संरचनाएँ जो स्पंजों का अंत:कंकाल बनाती हैं।
2.अत्यधिक क्यूटिकलीकृत नर मैथुन-अंग।
  • Spider -- लूता, मकड़ी
एक छोटा संधिपाद प्राणी जिसमें दो कायखंड और आठ संधियुक्त टांगें होती हैं। श्रृंगिकाएँ और पंख नहीं होते। अनेक मकड़ियाँ जाला बुनने वाली होती हैं।
  • Spinal cord -- मेरु रज्जु, रीढ़ रज्जु
कशेरुकियों में केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र की अनुदैर्घ्य रज्जु जो रीढ़ के अंदर रहती है।
  • Spindle -- तर्कु, स्पिंडल
सूक्ष्मनलिकाओं से बना काय, जो अर्धसूत्रण और सूत्रीविभाजन में गुणसूत्रों के संचलन को नियंत्रित करता है।
  • Spindle fibres -- तर्कु रेशे
वे रेशे जो कोशिका विभाजन के दौरान सूत्रकेंद्र को तर्कु के ध्रुवों के साथ जोड़ते हैं।
  • Spine -- कंटक
क्यूटिकल से उत्पन्न कांटे के समान बहिर्वृद्धि (उद्वर्ध)।
  • Spiracle -- श्वासरंध्र, स्पाइरैकल
1. कीटों के शरीर में पार्श्व की ओर दोनों तरफ पाए जाने वाले रंध्र जिनके द्वारा वायु वातक (ट्रैकिया) में जाती है।
2. कई उपस्थि-मत्स्यों में प्रथम या अग्रतम गिल-रंध्र का परिवर्तित रुप।
3. ओडोनेरा कीट के पंख पर बना एक विशिष्ट धब्बा।
  • Spiral cleavage -- सर्पिल, विदलन
विदलन का वह प्रकार जिसमें कोरक खंड (ब्लास्टोमीयर) आठ कोशिका अवस्था पर इस प्रकार विभाजित होते हैं की चार ऊपरी कोशिकाएँ नीचे की चार कोशिकाओं के ठीक ऊपर न होकर (जैसा कि अन्यथा अरीय विदलन में होता है ) एक-दूसरे के बीच खाँचों के ऊपर होती हैं।
  • Spleen -- प्लीहा, तिल्ली
कशेरुकियों में आमाशय से लगी हुई संरचना जो लसीकाणुओं के उत्पादन एवं संग्रह और रक्ताणुओं (लाल रुथिर कणिकाओं) के संग्रह का काम करती है। चिकनी पेशियों के सिकुड़ने से ये रक्ताणु आवश्यकतानुसार रुधिर-प्रवाह में पुहुंच जाते हैं।
  • Splicing -- समबंधन
1. जीवे विधि जिसमें विषमांगी केंद्रकीय आर.एन. ए. से अव्यक्तेकों को निकालने और व्यक्तेकों को जोड़ने से दूत R.N.A. बनता है।
2.लाइमेज द्वारा द्विक D.N.A. खंडों का आपस में पात्रे बंधन।
  • Splitting -- विपाटन
निर्मोकोत्सर्जन के समय क्यूटिकल का फटना।
  • Spontaneous mutation -- स्वत: उत्परिवर्तन
सामान्य पर्यावरण की कोशिका में किसी उत्परिवर्तजन का प्रभाव न होने पर भीं डी.एन.ए के भीतरी परिवर्तनों के कारण होने वाला उत्परिवर्तन।
  • Spontaneous generation -- स्वत: जनन
वह मान्यता जिसके अनुसार पहले यह विश्वास किया जाता था कि सूक्ष्मजीव निर्जीव पदार्थों से उत्पन्न होते हैं; जैसे स्वेद (पसीना) से जूं बनने की कल्पना। आजकल इसके स्थान पर बायोजेनेसिस अर्थात् जीवात् जनन को स्वीकार किया जाता है।
  • Sporadic parthenogenesis (thelytoky) -- कदाचनिक अनिषेकजनन (अनिषेक स्त्रीजनन)
ऐक्रीडिडी कुल की अनेक जातियों में मिलने वाला अनिषेकजनन जैसा कि मरुस्थली टिड्डी में होता है। अनिषेचित अंडे परिवर्धित तो होते हैं पर उनमें से 25% ही स्फुटित होते हैं तथा सभी संतति मादा होती हैं।
  • Sporadic pest -- कदाचनिक पीड़क
वह पीड़क (नाशकजीव) जो यदा-कदा दिखाई देता है लेकिन विशेष परिस्थितियों में भारी क्षति पहुंचाता है।
  • Sporogony -- बीजाणुजनन
कुछ प्रोटोजोआ प्राणियों के जीवन-चक्र की एक अवस्था जिसमें युग्मनज (जाइगोट) के बहुविभाजन से बीजाणुज (स्पोरोजोइट) बनते हैं।
  • Sporozoa -- स्पोरोज़ोआ
प्रोटोज़ोआ संघ के परजीवी प्राणियों का एक वर्ग जो परजीवी होते हैं। चलन-अंगों की अनुपस्थिति, अलैंगिक और लैंगिक पीढ़ियों के एकांतरण वाला जटिल जीवन चक्र और बीजाणु-उत्पादन इनकी विशेषताएँ हैं। उदा. मलेरिया परजीवी (प्लाज्मोडियम, मोनोसिस्टिस, ग्रीगेराइना आदि।
  • Sporozoite -- बीजाणुज, स्पोरोजोइट
कुछ प्रोटोज़ोआ प्राणियों के जीवन-चक्र में युग्मज (ज़ाइगोट) के बहुविभाजन से उत्पन्न तथा मादा मच्छर के भीतर उत्पन्न संक्रामक डिंभक अवस्था जो मध्यस्थ परपोषी द्वारा प्राथमिक परपोषी के शरीर में पहुंचती है।
  • Spray drift -- अपवाह
फुहार कणों का अनुप्रयोग के समय वायुके प्रभाव से लक्षित क्षेत्र से हट जाना।
  • Spray -- फुहार
पीड़कनाशी का जल या अन्य द्रव के साथ मिश्रण जिसका छोटे-छोटे बिंदुकों के रुप में छिड़काव किया जाता है।
  • Sprayer -- फुहारक
वह यंत्र जो फुहार-तरल को कणित (atomize) कर देता है।
  • Spraying -- फुहार, फुहारण
वह प्रक्रम जिसके द्वारा तरल पदार्थ को कणित किया जाता है।
  • Squama -- शल्किका
कलापंखी (हाइमेनोप्टेरा) कीटों मे शिश्नाधार की पृष्ठ-पार्श्व पालि।
  • Squamata -- स्क्वैमेटा
सरीसृपों का एक गण जिसमें साँप, छिपकलियाँ आती हैं। शरीर पर श्रृंगी अधिचर्मी शल्क तथा पेरैस्पिड करोटि इनके विशिष्ट लक्षण हैं।
  • Stadium(pl. Stadia) -- अंतरावस्था
कीट की वृद्धि के दौरान दो निर्मोकों के बीच की अवधि।
  • Starch -- मंड, स्टार्च
पौधों में संचित खाद्य का एक प्रमुख प्रकार। यह एक जटिल पॉलीसैकेराइड है जिसमें ग्लूकोस की पुनरावृत्त इकाइयों से बनी शाखित संरचनाएँ होती हैं।
  • Stem cell -- मूल कोशिका
बहुशक्तिमान अविभेदित अस्थि मज्जा-कोशिका जो किसी भी व्यष्टि कोशिका प्ररुप के पूर्वगामियों को पैदा करने में सक्षम है।
  • Sterile-insect technique -- बंध्य-कीट तकनीक
पीड़क के संदमन के लिए प्रयुक्त की जाने वाली आनुवंशिक विधि जिसमें सुसंगत लेकिन बंध्य, नर-कीटों का बड़े पैमाने पर इसी पीड़क की वनसंचरी जननक्षम समष्टि में मोचन किया जाता है ताकि उसकी जननक्षमता पर नियंत्रण किया जा सके अथवा उसका पूरी तरह से संदमन किया जा सके।
  • Sternite -- अधरकांश
उरोस्थि प्लेट का एक उपविभाग अथवा संपूर्ण उरोस्थि का कोई एक कठकीय घटक।
  • Sternum -- 1. अधरक
कीट के खंड की अधर पट्टीका।
2. उदरोस्थि – कशेरुकियों के अधर वक्ष की एक अस्थि जिस पर पर्शुकाएँ जुडी रहती हैं।
  • Sticker -- संलागी
पीड़कनाशी में मिलाया जाने वाला पदार्थ जिसका उद्देश्य प्रारंभिक निक्षेप की मात्रा बढाने की अपेक्षा लगिष्णुता(tenacity) की वृद्धि करना ही होता है।
  • Stimulus -- उद्धीपन
कोई भी कारक जो एक विशिष्ट अनुक्रिया उत्पन्न करने के लिए शरीर या उसके किसी अंग को उत्तेजित करता है।
  • Stoma -- मुखगुहिका
मुखद्वार और ग्रसिका के बीच की आहार- नाल। (दे. Buccal capsule, buccal cavity, mouth cavity)
  • Stomach poison -- जठर-विष
ऐसा पीड़कनाशी जिसको खाने से प्राणी या कीट मर जाता है।
  • Stomodaeum -- मुखपथ
1.आहार-नाल का अग्र बाह्य-चर्मीय भाग।
2. आहार-नाल का अग्र भाग जो मुख-गुहिका और ग्रसिका से मिलकर बनता है और क्यूटिकल से आस्तरित होता है।
  • Strepsiptera -- स्ट्रेप्सिप्टेरा
छोटे अंत:परजीवी कीट जिनके मुखांग अपहासित (degenerate), आदंशी प्रकार के और श्रृगिकाएँ सुस्पष्ट तथा व्यजनाभ(flabellate) ; अग्रपंख छोटी गदाकार संरचनाओं के रुप में लघुकृत, पश्चपंख बड़े और पंखे जैसे; पश्चवक्ष अत्यधिक सुपरिवर्धित; शिखरक (trochanters) नहीं होते। नर मुक्तजीवी; मादाएँ सामान्यत: परपोषी में कोशितावरण (puparium) में बंद रहती हैं; लैंगिक रंध्र खंडीय, 3 से 5 तक। कुछ मादाएँ परपोषी को छोड़ देती हैं और उनमें डिंभकरुपी संरचनाएँ तथा अंतस्थ जनन रंध्र (gonopores) होते हैं, डिंभक का परिवर्धन अतिकायांतरी (hpermetamophic) होता है। उदा. – स्टाइलोपिड।
  • Stridulation -- घर्षिण ध्वनि
कीटों में घर्षण-क्रिया द्वारा ध्वनि का उत्पन्न होना।
  • Structural gene -- संरचनात्मक जीन
किसी संरचनात्मक प्रोटीन या एन्जाइम को कोडित करने वाला डी.एन.एन. अनुक्रम।
  • Stunted growth -- वृद्धिरोध
किसी भी जीव में प्रतिबल के कारण वृद्धि का रुक जाना।
  • Style -- शूक
कीटों के रोम-सदृश, तीखी नोक वाले और खांचेदार रुपांतरित मुखांग जो भेदन और तरल के चूषण के लिए अनुकूलित होते हैं।
  • Stylet borne -- शूकिका वाहित
रोगवाहक में स्थायी रुप से न रहने वाले रोगकारकों के लिए प्रयुक्त शब्द।
  • Stylet -- शूकिका
1. पतली शूकमय संरचना जिसका निर्माण हेमिप्टेरा गण में मैंडिबलों और जंभिकाओं के रुपांतरण से होता है।
2. अंडनिक्षेपक के दंड का मध्य पृष्ठ अवयव जो संयुक्त द्वितीयक प्रकठक से बनता है।
  • Subacute toxicity -- अनुतीव्र आविषालुता
अधिक समय तक किसी पदार्थ का विशिष्ट मात्रा में बार-बार सेवन करने पर विभिन्न परीक्षणरत प्राणियों में उत्पन्न आविषालु परिणाम।
  • Subcosta -- उपकॉस्टा
कीट पंख की प्राय: दूसरी शिरा जो प्रथम सहायक कठक के अग्रिम सिरे से अधरीय तौर पर संबंद्ध होती है।
  • Subcoxa -- उपकक्षांग
कक्षांग से विभेदित पदाधार का निकटस्थ भाग, जो सामान्यतया काय-खंड की पार्श्व-भित्ति के भीतर समाविष्ट रहता है।
  • Subling species -- सहोदर जाति
वे सह जातियाँ जो आकारिकीय लक्षणों के आधार पर विभेदित नहीं की जा सकतीं।
  • Succession -- अनुक्रमण
समय और अनुक्रम की दृष्टि से कीटों अथवा अन्य जीवों का एक के बाद एक उपस्थित होना।
  • Sucker -- चूषक
1. किसी प्राणी का वह अंग या उसका भाग जो चूषण द्वारा पोषण प्राप्त करने अथवा स्थनांतरण के लिए किसी वस्तु या प्राणी से चिपकने के लिए अनुकूलित होता है।
2. ग्रंथि तथा पेशीय ऊतकों से बना क्यूटिकल का एक गुद्पूर्व गोलाकार आपरिवर्तन जो कुछ प्राणी-परजीवी सूत्रकृमियों के नरों में पाया जाता है।
  • Sucking insect -- चूषक कीट
द्रव-आहार का चूषण करने वाले कीट।
  • Suctoria -- सक्टोरिया
ऐसे जटिल प्रोटोज़ोआ प्राणियों का एक वर्ग जिनमें चलन अंगक तथा कोशिक मुख नहीं होते और जो विशेष प्रकार के चूषण-स्पर्शकों द्वारा भोजन ग्रहण करते हैं।
  • Super parasitism -- अधि-परजीविता
किसी परपोषी पर एक जाति की अनेक व्यष्टियों की उपस्थिति और उससे उनका पूर्ण सामान्य परिवर्धन होना।
  • Supercoiling -- अधिकुंडलन
कुंडलन, जिसमें डी.एन.ए. अणु की दोहरी कुंडलिनी पुन: अपने ही ऊपर ऐंठती-लिपटती हुई एक अधिक संहत अणु बना लेती है।
  • Suppressor gene -- निरोधक जीन
जीन, जो अपनी उपस्थिति से अन्य जीन में किसी विशिष्ट उत्परिवर्तन को उलट देती है।
  • Surfactant -- पृष्ठसक्रियक
तेल और पानी जैसे कोई दो भिन्न द्रव्यों के बीच पृष्ठ तनाव को कम करने वाला पदार्थ।
  • Survey -- सर्वेक्षण
पीड़को का दिक्काल में विशेष प्रयोजन के लिए कालिक-परीक्षण अथवा उनकी सावधानीपूर्वक निगरानी ।
  • Susceptibility -- सुग्राहिता
जीवधारी की वह दशा जो किसी बाह्य अथवा आंतरिक कारक से सरलता से प्रभावित होती है।
  • Susceptible -- सुग्राह्य
ऐसे जीव जो पीड़क के दुष्प्राव से आसानी से क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त हो जाते हैं।
  • Suspended -- निलंबित
1. एक ऐसे पीड़कनाशी का इस्तेमाल जो अब वैध नहीं है और जिसके बचे हुए भंडार का उपयोग नहीं किया जा सकता।
2.द्रव में परिक्षेपित कण।
  • Suture -- सीवन
क्यूटिकल के कठकीय क्षेत्रों को विभाजित करने वाली खाँच या रेखा या संकरा स्थान या कठकों के बीच का कोई भी झिल्लीमय क्षेत्र।
  • Swarm -- दल, वृंद
यूथी वयस्कों अथवा अपरिपक्व अवस्थाओं का वह समुच्चय जिसमें वे एक साथ रहते हैं अथवा एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बढ़ते हैं।
  • Swarming -- वृंदन
भोजन, प्रजनन, शीत अथवा ग्रीष्म-निष्क्रियता के लिए कीटों का बड़ी संख्या में एक साथ निर्गमन।
  • Swath -- स्वाथ
फुहारक या अन्य उपकरण द्वारा एक दौर में उपचारित क्षेत्र की चौड़ाई।
  • Symbiont -- सहजीवी
कीट की आहार-नाल अथवा उसके विशिष्ट अंगों (माइसीटोम) में रहने वाले सूक्ष्मजीव जो उसके आवश्यक पोषकों की आपूर्ति करते हैं।
  • Symbiosis -- सहजीवन; सहजीविता
दो भिन्न जातियों के जीवों का साथ-साथ रहना। इस संबंध में दोनों जीवों को पहुंचने वाले लाभ-हानि के आधार पर इसके कई भेद माने जाते हैं; जैसे सहोपकारिता, सहभोजिता, परजीविता आदि .
  • Symmetry -- सममित
किसी भी जीव के हर कोण से काल्पनिक तल पर विभाजित दो आधे भागों के माप और आकार में समानता।
  • Sympatric distribution -- समस्थानिक वितरण
कीट जाति अथवा समष्टियों का स्थानिक वितरण जो समीपस्थ क्षेत्र में साथ-साथ पाए जाते हैं।
  • Sympatry -- समस्थानिकता
दो या अधिक जातियों का एक ही भौगोलिक क्षेत्र में वितरण और पाया जाना।
  • Symptom -- लक्षण
किसी प्राणी में रोग या कीट-प्रकोप या विषाक्तन का संकेत जिससे यह पता लगता है कि कोई पीड़क या पीड़कनाशी किसी रोग, हानि या विनाश का कारण है।
  • Synapse -- अंतर्ग्रंथन
संरचनात्मक दो तंत्रिएकों के बीच शरीर क्रिया विशेषित संधि जिसमें एक तंत्रिएक दूसरे तंत्रिएक की सक्रियता में परिवर्तन लाता है।
  • Synapsis -- सूत्रयुग्मन
अर्धसूत्रण के प्रारंभ में युगली बनाने के लिए दो-दो समजात गुणसूत्रों का विस्थल प्रति विस्थल रैखिक संयोग।
  • Synaptic cleft -- अंतर्ग्रथित विदर
प्रत्येक अंतर्ग्रथनपूर्व तंतु (presynapti fiber) झिल्ली और अंतर्ग्रथन-पश्च तंतु (postsynaptic fiber) झिल्ली के बीच का अवकाश (space) जो अंतर्ग्रथनपूर्व तंतुओं की अंतर्ग्रथनी-घुंडी पर लगभग 200 एन्गस्ट्रॉम चौड़ा होता है। यह दरार एक तंत्रिकोशिका की द्रुमिकाओं (dendrites) के बीच स्थित होती है।
  • Syncytium -- संकोशिका
बहुकेंद्रकित कोशिकाद्रव्य का ऐसा पिंड जो अलग-अलग कोशिकाओं में नहीं होता।
  • Syndrome -- संलक्षण
ऐसा लक्षण-समूह जो किसी रोग का द्योतक होता है।
  • Synecology -- संपरिस्थितिकी
जीवधारियों के ऐसे वर्गों का अध्ययन जो एक इकाई बना कर रहते हैं। इसमें व्यक्तिगत जाति के बजाय समुदायों का परिस्थितिक अध्ययन होता है।
  • Synergism -- योगवाहिता
वह परिघटना जहाँ एक रसायन पीड़रनाशी की तरह स्वयं सक्रिय न होते हुए भी विशेष पीड़कनाशी की आविषालुता को बढ़ा देता है।
  • Synergist -- योगवाही
वह रसायन जो विशेष पीड़कनाशी की आविषालुता को बढ़ा देता है, किंतु स्वयं पीड़कनाशी की भांति सक्रिय नहीं होता।
  • Synexenic -- सहपालन
किसी जाति के एक या अधिक व्यष्टियों का किसी अन्य एक या अधिक ज्ञात जातियों के साथ पालन-पोषण। पालन-पोषण के प्रक्रम में संबद्ध जाति यदि एक, दो, तीन या अधिक संख्या में है तो ऐसी स्थिति में इस अवस्था को क्रमश: एकपालन (monoexenic), द्विपालन (diexenic), त्रिपालन (triexenic) या बहुपालन (polyexenic) कहा जाता है।
  • Syngamy -- युग्मक-संलयन
निषेचन के दौरान नर और मादा युग्मकों के मिलने पर दोनों केंद्रकों का संलयन, जिससे द्विगुणत युग्मज बन जाता है।
  • Syngen -- संगमोध
1. प्रोटोजोआ आनुवंशिकी में वर्गीकरण की एक इकाई-वेराइटी का पर्याय।
2. प्रजननत: पृथक्कृत समष्टि जो पक्ष्माभों में अनूठे पृष्ठ प्रतिजनों वाली विकालशील इकाई को निरुपित करती है।
  • Synkaryon -- युग्मज केंद्रक
वह परिणामी केंद्रक जो निषेचन के दौरान नर और मादा युग्मकों के केंद्रकों के संयोजन से बनता है। युग्मज केंद्रक में दो विभिन्न जीवों (अंतरजातीय, अंतरवंशीय और अंतरसंधीय भी) के संजीन हो सकते हैं। कायिक कोशिका संकरण से भी बने युग्मजकेंद्रक को विषम केंद्रक कहते हैं।
  • Synonym -- सहनाम
नाम-पद्धति में एक ही वर्गक (texon ) के दो या दो से अधिक नाम।
  • Synthetic diet -- संशिलष्ट आहार
कीटों को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराने के लिए ज्ञात घटकों से बनाया गया आहार।ऐसे कीटों का उपयोग कृत्रिम मोचन अथवा अन्य परीक्षणों के लिए किया जाता है।
  • Synthetic insecticide -- संशिलष्ट कीटनाशी
संश्लेषित रुप से बनाये गये कीटनाशक।
  • Syntype -- सहप्ररुप
प्ररुप क्षेणी का वह प्रत्येक प्रतिदर्श जो जाति के नामप्ररुप या अपरप्ररुप के वरणपूर्व अभिहित किया गया हो।
  • Systematics -- वर्गीकरणविज्ञान
वह विज्ञान जो जीवधारियों की विविधता, अजीवित पदार्थें और उनके वितरण, वर्गीकरण तथा विकासीय प्रवृत्ति से संबंधित है।
  • Tachanid -- टैकेनिड
डिप्टेरा-गण के कुल टैकेनिडी के अंतर्गत आने वाली परजीवी मक्खी।
  • Tactile hair -- स्पर्श रोम
वे अतिसंवेदी स्पर्श अंग जो साधारण रोमों, शूकों अथवा कंटकों के बने होते हैं तथा जिनके आधर पर संवेदी कोशिकाओं और तत्रिकाओं के अंतिम सिरे उपस्थित होते हैं।
  • Tadpole -- टैडपोल, बैंगची
कुछ उभयचरों, विशषत: मेंढ़क या टोड का डिंभक जिसके गोल शरीर में लंबी पूंछ होती है और जो क्लोम की सहायता से पीनी में ही सांस लेता है। कायांतरण के समय इसमें फुप्फुस तथा पाद उत्पन्न हो जाते हैं और पूंछ के गायब होने के बाद यह वयस्क मेंढक बन जाता है।
  • Teaenidium -- सर्पिल सूत्र
वातक और लघुवातक की क्यूटिकली पर्त का कुंडलित वलयन।
  • Tagmata -- खंडेकक
कीट-शरीर के तीन मुख्य भाग-सिर, वक्ष और उदर।
  • Tango receptor -- स्पर्शग्राही
शरीर का वह अंग अथवा भाग जो स्पर्श-सवेदन को प्राप्त करता है।
  • Tapeworm -- टेपवर्म, फ़िताकृमि
टीनिया और अन्य संबद्ध वंशों के परजीवी के परजीवी कृमियों का सामान्य नाम, जो मानव व अन्य प्राणियों की आहार-नाल में रहते हैं। अनेक देहखंडों वाला लंबा रिबन जैसा शरीर, छोटे-से सिर में दो या अधिक चूषक, अंकुशों का पाया जाना और मुँह तथा आहार-नाल की अनुपस्थिति इनकी विशेषताएँ हैं।
  • Target insect -- लक्ष्य कीट
वह कीट जिसके विरुद्ध नियंत्रण-संबंधी व्यूह-रचना की जाती है।
  • Target -- लक्ष्य
ऐसा पादप, प्राणी, संरचना, क्षेत्र या पीड़क जिस पर पीड़कनाशी, परजीवी, परभक्षी आदि का अनुप्रयोग किया जाता है।
  • Tarsomere or tarsite -- गुल्फखंड या गुल्फांश
गुल्फ के उपखंडों में से एक।
  • Tarsometatarsus -- गुल्फ-प्रपदिका
पक्षियों में पैर की एक सीधी अस्थि जो गुल्फ तथा प्रपद (मेटाटार्सस) की अस्थियों के जुड़ने से बनती है।
  • Tarsus -- गुल्फ, टार्सस
1.चतुष्पाद कशेरुकियों मे टखना या टखने को सहारा देने वाली अस्थियों का समूह।
2. कीट पात का पाँचवां, खंड, जो सामान्यतया एक से पाँच उपखंडों अथवा गुल्फ-उपखंडों में विभाजित रहता है।
  • Taxis -- अनुचलन
किसी जीव का उद्धीपन की ओर या उससे दूर जाने की प्रक्रिया; जैसे जीवों का प्रकाश की ओर जाना। उद्दीपन की प्रकृति के अनुसार इनके कई भेद हो जाते हैं; जैसे प्रकाशानुचलन (फोटोटैक्सिस), रसायन अनुचलन (कीमोटैक्सिस) आदि।
  • Taxon -- वर्गक
किसी समूह-विशेष का वह शीर्षक जिसके द्वारा किसी एक वर्गिकीय समूह को पर्याप्त रुप से भिन्न एक ऐसे ही किसी दूसरे समूह से विभेदित किया जा सकता है तथा वर्गीकरण की निश्चित श्रेणी में रखा जा सकता है।
  • Taxonomic category -- वर्गिकीय संवर्ग
पदानुक्रमी वर्गीकरण में अभिहित पद या स्तर।
  • Taxonomic group -- वर्गिकीय समूह
समकालीन अथवा समरुप लक्षणों पर आधारित वर्गकों (टैक्सोनों) का विशिष्ट समूह।
  • Taxonomic level -- वर्गिकीय स्तर
वह संघटनात्मक स्तर जिससे जीवधारियों के समूह बनते हैं। ये स्तर हैं – जगत्, संघ, वर्ग, गण, कुल, वंश और जाति।
  • Taxonomic distribution -- वर्गिकीय वितरण
विशिष्ट आकृतिक लक्षणों पर आधारित क्षेत्र विशेष में किसी जीव का वर्गिकीय आधार पर वितरण।
  • Taxonomic hierarchy -- वर्गिकीय पदानुक्रम
जीवधारियों को समूह में रखने के लिये प्रयुक्त किया जाने वाला संगठनात्मक स्तर। उदा, जगत्, संघ, वर्ग, गण, कुल और जाति हैं।
  • Taxonomic character -- वर्गिकीय लक्षण
किसी वर्गक के सदस्य का कोई भी गुण जो किसी अन्य वर्गक के सदस्य से भिन्न होता है।
  • Taxonomy -- वर्गिकी
जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों को प्राकृतिक एवं तर्कसंगत वर्गें में इस प्रकार रखा जाता है जिससे उनके विकास तथा बंधुता पर प्रकाश पड़ सके।
  • T-cell -- टी-कोशिका
पूर्वगामियों से व्युत्पन्न लसीकाणु, जो थाइमस में विभेदित होता है।
  • Technical grade insecticide -- विशुद्ध असंरुपित कीटनाशी
व्यापारिक स्तर पर तैयार किया जाने वाला कीटनाशी का वह विशुद्ध रुप जिसको संरुपित करके उपयोग में लाया जाता है।
  • Technique -- तकनीक
विशिष्ट अध्ययन के लिए विकसित प्रणाली।
  • Telencephalon -- उन्मस्तिष्क, टेलेनसेफ़ैलोन
अग्रमस्तिष्क का सबसे आगे का भाग जिसमें प्रमस्तिष्क गोलार्ध और संबद्ध संरचनाएँ आती हैं।
  • Teleostei -- टीलिओस्टाई
मछलियों का एक बड़ा समूह जिसमें फुप्फुस-मीनों को छोड़ कर सभी वर्तमान अस्थिल मछलियाँ आती हैं। वाताशय का होना, किंतु श्वास-रंध्र (स्पाईरेकल), आँत्र के सर्पिल कपाट और हृदय में कोनस आर्टिरिओसस का न होना इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Telogenic -- अंत्य-जनदी
मादा जनद का एक प्रकार जिसमें जनन-कोशिकाएँ जनद के दूरस्थ सिरे में पाई में पाई जाती हैं।
  • Telolecithal -- गोलार्ध पीतकी
ऐसे अंडों के लिए प्रयुक्त जिसमें पीतक अल्पक्रिय ध्रुव (वेजीटल पोल) की और अधिक मात्रा में पाया जाता है। उदा. मेंढक और मुर्गी के अंडे।
  • Telomere -- अंत्यांश
सुकेंद्रकी गुणसूत्र का अंतिम प्राकृतिक सिरा जो सूत्रकेंद्र से दूरस्थ होता है। इसमें पाए जाने वाली विशिष्ट डी.एन.ए. पुनरावर्ती इकाई के कारण गुणसूत्र प्रतिकृतियन के दौरान लंबाई बढ़ती है जिससे गुणसूत्र का छाटा होना रुकता है।
  • Telophase -- अंत्यावस्था
कोशिका-विभाजन की अंतिम अवस्था जिसमें विभाजित गुणसूत्र ध्रुवों पर एकत्र होकर केंद्रक झिल्ली से परिबद्ध होकर नए केंद्रकों के रुप में प्रकट होते हैं। इसके बाद केंद्रक फिर से अंतरावस्था में आ जाते हैं। इसके दौरान गुणसूत्रों का विघटन लगता है।
  • Template -- रुपदा
एक बृहदणु जिसमें किसी अन्य बृहदणु के संश्लेषण के लिए कूटित आनुवंशिक सूचना होती है।
  • Temporal fossa -- शंखस्थि खात
सिर के श्रवण-अंग में स्थित खाँच।
  • Temporal gland -- शंख ग्रंथि
श्रवण-अंग में उपस्थित काय का स्रावी भाग।
  • Tendon -- कंडरा
सफेंद रेशेदार संयोजी ऊतक की पट्टी या रज्जु जो किसी पेशी के अस्थि से जोड़ती है।
  • Tent caterpillar -- तंबू इल्ली
रेशमी तम्बू में रहने वाले रोमिल डिंभक जो मेलोकोसोमा वंश और लेसिओकैम्पिडी कुल के अंतर्गत आते हैं।
  • Tentacle -- स्पर्शक
सामान्यत: अकशेरुकी प्राणीयों के सिर से निकला हुआ लंबा पतला, चमकदार प्रवर्ध या अंग जो स्पर्श, खोज, परिग्रहण या संचलन आदि का काम करता है।
  • Tentorial nerve -- छदि तंत्रिका
मस्तिष्क छदि से होकर निकलने वाली तंत्रिका।
  • Tentorial pit -- छदि गर्त
मस्तिष्क छदि में स्थित गर्त।
  • Tentorial -- छदिशाखा
सिर को आधार प्रदान करने वाला क्यूटिकुलीय अंतर्वलन।
  • Tentorium -- मास्तिष्क छदि
कपाल का अंत:कंकालीय धनु:कोष्ठक (brace) जो अग्र और पश्च भुजयुग्म के मिलने से बनता है तथा सिर संपुटिका को अवलंब प्रदान करता है।
  • Teratoma -- विरुप संरचना
अंडकोशिका अथवा वृषण-जनन कोशिका की यथास्थान अपसामान्य वृद्धि, जिसके परिणामस्वरुप कोशिकाओं की एक असंघटित संहति बन जाति है। इस संहति में विभिन्न प्रकार की अवभेदित स्रोत कोशिकाएँ बन जोती हैं जिनमें और आगे विभाजन होता है।
  • Tergite -- पृष्ठकांश
किसी एक निश्चित पृष्ठक का उप विभाजन।
  • Tergocoxal -- पृष्ठकक्षांगी
पृष्ठकांश तथा कक्षांग क्षेत्र के साथ किसी ऊतक का संलग्न अथवा जुड़ना।
  • Tergopleural -- पृष्ठकपार्श्वकीय
पृष्टकांश तथा पार्श्व क्षेत्र से किसी माँसपेशी अथवा ऊतक का जुड़ना।
  • Tergosternal -- पृष्ठकाधरकीय
पृष्ठकांश और अधरक क्षेत्र के बीच किसी ऊतक का जुड़ना।
  • Tergum -- पृष्ठक
ऑर्थोपोड या संधित प्राणी में खंड या कायखंड के पृष्ठतल पर उपत्वचा या काइटिन की मोठी पट्टीका।
  • Terminal filament -- अंत्य तंतु
अंडाशयक का कोशिकीय अति अंतस्थ तंतु।
  • Terminal ganglionic mass -- अंतस्थ गुच्छिका संहति
उदर के पश्च भाग में स्थित अंतिम संयुक्त गुच्छिका जिससे बचे हुए पश्च कायखंडों को भी तंत्रिकाएँ जाती हैं।
  • Terminal segment -- अंतस्थ खंड
कीट काय का अंतिम कायखंड।
  • Termitarium -- दीमकगृह, वल्मीक
दीमकों द्वारा अपने रहने के लिए मिट्टी से निर्मित आवास या टिलेनुमा घर जिसमें अंदर की ओर अनेक सुरंग-जैसे रास्ते होते हैं।
  • Termite nest -- दीमक नीड़
दीमक की कॉलोनी या निवह को बनाए रखने के लिए बने भूमिगत कोष्ठ (chamber)।
  • Termite -- दीमक
आइसोप्टेरा का पीले रंग का तथा मुलायम शरीर तथा एक-जैसे दोनो जोड़ी पंखों वाला सामाजिक कीट जिसमें अलग-अलग काम करने वाले कई प्रभेद होते हैं। ये लकड़ी, दीवार, जमीन आदि में विशाल सुरंग-रुपी घरों या घोंसलों में रहती हैं और लकड़ी, कागज आदी उपयोगी वस्तुओं को काफ़ी हानि पहूँचाती हैं।
  • Termitorium -- दीमक गृह
पृथ्वी के कोष्ठों से युक्त ऐसा टीला जिसमें दीमक होती है।
  • Tertiary period -- तृतीय कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में 6 करोड़ वर्ष से लेकर दस लाख वर्ष पूर्व तक की अवधि जो क्रिटेशस तथा क्वाटर्नरी कल्पों के बीच आती है। इसमें इओसीन से प्लीस्टोसीन तक सभी युग आ जाते हैं। स्तनियों, पक्षियों तथा कीटों की प्रधानता इस अवधि की विशेषता है।
  • Test cross -- परीक्षार्य प्रसंकरण
अप्रभावी समयुग्मी जनक के साथ प्रथम संतति (एफ1) के किसी व्यष्टि का प्रसंकरण। इस विधि से प्रथम संतति के जीनप्ररुप का पता लगाया जाता है।
  • Test insect -- परीक्षार्थ कीट
किसी विशेष परीक्षण के लिए चुना गया कीट।
  • Testis -- वृषण
नर जननांग जिसमें प्राथमिक जनन-कोशिकाओं से परिपक्व शुक्र कोशिकाओं का निर्माण होता है।
  • Tetraploidy -- चतुर्गुणिता
वह अवस्था जिसमें गुणसूत्रों की अगुणित संख्या की चार गुनी संख्या पायी जाती हो।
  • Tetrasomy -- चतु:सूत्रता
वह अवस्था जिसमें किसी गुणसूत्र-समुसूत्र में गुणसूत्र के सामान्य जोड़े के स्थान पर चार गुणसूत्र पाए जाते हैं।
  • Thalamencephalon -- थैलामेनसेफ़ैलान
कशेरुकियों में अग्रमस्तिष्क का पश्च भाग जिसमें तृतीय निलय (वेन्ट्रिकल) नामक गुहा होती है।इसके पृष्ठतल पर पिनियल काय और अधर तल पर पिट्यूडटरी काय या इन्फन्डीबुलम रहता है।
  • Thalamus -- चेतक, थैलेमस
कशेरुकियों में मस्तिष्क के तृतीय निलय (वेन्ट्रिकल) के दोनों ओर अंडाकार गुच्छिका पुंज के रुप में स्थित डाइएनसेफ़ैलान का एक भाग जिससे दर्द की संवेदना का बोध होता है।
  • Thalassemia -- थैलासीमिया
सदोष ग्लोबिन जीनों के कारण हीमोग्लोबिन के उत्पादन में दोष जिनके मुख्य प्रकार हैं-(1) एल-थैलासीमीया जिसकी विशिष्टता यह है कि कार्यशील एल-ग्लोबिन पैदा नहीं होता। (2)बी-थैलासीमिया जिसमें कार्यशील बी-ग्लोबिन पैदा नहीं होता। (3) थैलासीमिया माइनर सदोष जीनों के लिए विषमयुग्मजों में मामूली विकार है।(4) थैलासीमिया मेजर में कुछ समयुग्मजों में गंभीर तथा घातक अरक्तता हो जाती है।
  • Thelyotoky -- अनिषेक स्त्रीजनन
अनिषेक जनन से विकसित होने वाले ऐसे अंडे (जिनमें अगुणित अथवा द्विगुणित गुणसूत्रों का समुच्चय हो सकता है) जो केवल मादाओं को उत्पन्न करते हैं।
  • Therapeutic -- चिकित्सीय
विकारों को दूर करने के लिए दिया जाने वाला उपचार।
  • Third generation pesticide -- तीसरी पीढ़ी के पीड़कनाशी
पीड़कों में हॉर्मोनों के अंतर्गत चल रहे प्राकृतिक प्रक्रमों में हस्तक्षेप करके उनका दमन करने वाले प्राकृतिक अथवा कृत्रिम रसायनों के लिए प्रयुक्त शब्द।
  • Thorax -- वक्ष
1.उच्चतर कशेरुकियों में ग्रीवा और उदर के बीच का भाग जिसके अंदर हृदय, फेफड़े आदि सुरक्षित रहते हैं।
2. कीटों में शरीर के तीन प्रमुख भागों में से एक। सिर और उदर के बीच तीन खंडों वाले इस भाग पर तीन जोड़ी टांगें लगी होती हैं।
  • Thershold -- देहली
वह सीमा जिस पर जीवित प्राणी अपना महत्व दिखाता है।
  • Thrips -- रसाद, थ्रिप
थाइसेनोप्टेरा गण में पोते जाने वाले कीट।
  • Thrombocyte -- बिम्बाणु, थ्रोम्बोसाइट
रुधिर में पाए जाने वाले केंद्रकहीन कण या कोशिकाएँ जो लाल रुधिर कोशिकोओं से काफी छोटी होती हैं। स्कंदन की क्रिया में इन्हीं कणिकाओं के चारों फाइब्रिन के तंतु बनते हैं। कुछ निम्नतर कशेरुकियों में तर्कुरूपी कोशिकाएँ जो रुधिर के स्कंदन में भाग लेती हैं।
  • Thylakoid -- चिपिटाशय
सुकंद्रकी कोशिकाओं के क्लोरोप्लास्टों में एक प्रकाश-संश्लेषी झिल्ली।
  • Thymus gland -- थाइमस ग्रंथि
कशेरुकियों में ग्रीवा के अग्र भाग या वक्ष क्षेत्र में स्थित अंत:स्रावी ग्रंथि जो भ्रूण में क्लोम-कोष्ठ या क्लोम-रंध्र से परिवर्धित होती है।संभवत: प्रतिपिंडों के निर्माण में या प्रतिरक्षा उत्पन्न करने में इसका योगदान होता है।
  • Thyroid gland -- अवदु ग्रंथि, थाइरॉइड ग्रंथि
कशेरुकियों के ग्रीवा क्षेत्र में स्थित बड़ी वाहिनीहीन ग्रंथि जो परिवर्धन के दौरान ग्रसनी से मध्य अधर उद्वर्ध के रूप में निकलती है। इससे थाइरॉक्सिन नामक स्राव उत्पन्न होता है जो कशेरुकियों में उपापचयी क्रियाओं को और मेंढ़क में कायांतरण की क्रिया को तीव्र करता है।
  • Thyroxine -- थाइरॉक्सिन
थाइरॉइड ग्रंथि से निलकने वाला हार्मान जो रासायनिक दृष्टि से आयोडीनयुक्त एमीनो ऐसिड होता है और जिसका वृद्धि तथा कायांतरण की क्रियाओं पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इसकी कमी से क्रेटिनता(क्रेटिनिज्म) और अधिकता से नेत्रगोलकों का आगे निकल आना आदि रोग हो सकते हैं।
  • Thysanoptera -- थइसैनोप्टेरा
छोटे या सूक्ष्म तनु-शरीरी कीट जिनकी श्रृंगिकएँ छोटी और 6 से 10 खंडीय होती हैं। असममितत; वेधी मुखांग; अग्रवक्ष सुपरिवर्धित और असंयुक्त; गुल्फ अंतस्थ बहि:सारी आशय (protrusible vesicle) वाले; पंख बहुत संकीर्ण जिनका शिराविन्यास अत्यधिक लघुकृत होता है और सीमांत शूक (setae) लंबे होते हैं। कायांतरण एक या दो निष्क्रिय कोशित निर्मोकरुप (instar) वाला होता है। उदा.-थ्रिप।
  • Thysanura -- थाइसैन्यूरा
ऐसे अपंखी कीट जिनके बहि:सृत हनु (ictognathous) मुखांग आदंश के लिए अनुकूलित होते हैं।संयुक्त नेत्र होते हैं या नहीं भी होते। पार्श्वीय शूकाकार (styliform) अग्रजनन उपांगों (pregenital appendages) वाला ग्यारह-खंडीय उदर; एक जोड़ी बहुखंडीय लूम; वातक तंत्र (tracheal system) और मैलपीगी नलिकाएँ होती हैं। उदा.-शूक-पुच्छ (bristle tail)।
  • Tibia -- अंतर्जंघिका, टिबिया
1. कशेरुकियों की टांग में घुटने और टखने के बीच वाली भीतरी बड़ी अस्थि।
2. कीटों की टांग में आधार से चौथा खंड।
  • Ticks -- किलनी, कुटकी
एक छोटा संधिपाद जिसमें दो कायखंड और आठ संधित टांगें होती हैं किन्तु श्रृंगिकाएँ और पंख नहीं होते। इस समूह के प्राय: सभी प्राणी परजीवी तथा रक्त चूसने वाले होते हैं। ये कुत्तों, गायों और अन्य जानवरों पर चिपके रहते हैं।
  • Tiger beetle -- व्याघ्र भृंग
चमकीले रंग का परभक्षी भृंग जो कोलियोप्टेरा गण के कुल निकेनोएलडिया के अंतर्गत आता है।
  • Tissue culture -- ऊतक संवर्धन
प्रयोगशाला की नियंत्रित परिस्थितियों के अंतर्गत कोशिका तथा ऊतक वर्धन की तकनीक।
  • Tissue -- ऊतक
समान कार्य करने के लिए समान कोशिकाओं का समूह। शरीर में संयोजी ऊतक, तंत्रिका ऊतक, पेशी ऊतक आदि कई प्रकार क ऊतक होते हैं जिनका अलग-अलग कार्य होत है।
  • Titillator -- टिटीलेटर, लिगाग्रिकांत
लिंगाग्रिका के अंत्य प्रवर्ध।
  • Tolerance(immunological) -- सह्यता (प्रतिरक्षात्मक)
किसी प्रतिजन से पूर्व प्रभावन हो जाने के फलस्वरुप उसके प्रति विशिष्ट प्रतिरक्षात्मक अनुक्रिया का उभाव। अन्य परिस्थितियों में प्रतिरक्ष अनुक्रिया सामान्य होती है।
  • Tolerance level(tolerance limit) -- सह्य स्तर (सह्यता सीमा)
पी.पी.एम.’ में अभिव्यक्त, कीटनाशी अवशेष की अनुमत सांद्रता।
  • Tonofibrillae -- तान तंतुक
उपत्वचीय तंतुक जो पेशीय तंतुओं को उपत्वचा की भीतरी सतह से जोड़ते हैं।
  • Tonoplast -- तानलवक, टोनोप्लास्ट
पादप कोशिकाओं के केंद्रीय वैकुओल की परिसीमा बनाने वाली झिल्ली।
  • Tormogen cell -- अवटजन कोशिका, टॉर्मोजन कोशिका
शुक से संबद्ध बही:चर्म-कोशिका जो शूक कला अथवा गर्तिका बनाती है।
  • Tortoise beetle -- कच्छप भृंग
एक छोटा चमकीला क्रइसोमेलिड भृंग जो कोलियोप्टेरा गण के उपकुल-कैसिडिनी के अंतर्गत आता है। भृंग के वक्ष पर लगे पक्षों के खोल चपटे होते हैं और उनमें सिर तथा पैरों के बड़े भाग को ढकने की प्रवृत्ति होती है।
  • Total parasite -- पूर्ण परजीवी
एक ऐसा परजीवी जो भोजन, वृद्धि और परिवर्धन के लिए अपना पूर्ण जीवन एक ही परपोषी पर व्यतीत करता है।
  • Totipotency -- पूर्णशक्तता
पूर्ण जीव के रुप में गुणित और विभेदित होने की कोशिकीय क्षमता।
  • Toxemia -- आविषरक्तता
आविषों के फैलने से रक्त में उत्पन्न विषैला प्रभाव।
  • Toxic -- आविषालु
मुखाय,संपर्क, धूमन या सर्वांगी रुप में प्राणीयों के लिए हानिकारक पदार्थ।
  • Toxicant -- आविषाक्त
वह रसायन जो जीव में आविषालुता उत्पन्न करता है।
  • Toxication -- आविषीकरण
आविषालुता प्रेरित करने का प्रक्रम।
  • Toxicity -- आविषालुता
पदार्थ की ऐसी प्राकृतिक क्षमता जिससे क्षति होती है और जिसका मापन परीक्षणाधीन प्राणियों पर मौखिक, त्वचीय और अंत:श्वसन क्रियाओं द्वारा किया जाता है।
  • Toxicology -- आविषविज्ञान
जीवों के भौतिक, शरीरक्रियात्मतक अथवा जैव रासायनिक परिवर्तनों के संबंध में आविषों अथवा आविषालु पदार्थें (कीटनाशियों, पीड़कनाशियों आदि) का सुव्यवस्थित अध्ययन।
  • Toxigenicity -- आविषजनत्व
आविष उत्पन्न करने की क्षमता।
  • Toxin -- आविष
जीवों द्वारा उत्पन्न एक कार्बनिक विषाक्त स्राव।
  • Trachea -- श्वासनली, वातक
1. हवा में साँस लेने वाले कशेरुकियों में घांटी (ग्लेटिस) से फेफड़ो में खुलने वाली नली, जिसके द्वारा वायु आती-जाती है।
2. संधिपाद प्राणियों में छोटी विशाखित नलिकाएँ जो श्वास-रंध्र से वायु को ऊतकों तक ले जाती हैं।
  • Tracheal gill -- वातक क्लोम
काय-भित्ति की बहिवृद्दि से बने श्वसन अंग जिसमें श्वसन नलिकाएँ होती हैं।
  • Tracheole -- श्वासनलिका, लघुवातक
वातक तंत्र की सूख्म अंत्यनलिकाएँ जो वातक उपकला की एकल कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं और अक्सर आधार आधात्री कोशिकाओं के अंगुल्याकार विस्तारों में शाखित बन जाती है।
  • Trail following -- पथ चिह्न अनुगमन
एक कीट का दूसरे कीट के पीछे चलना। पथचिह्न फ़ीरोमोन के प्रभाव के कारण पूरे निवह में निकटता और सामाजिक एकीकरण बना रहता है। पथचिह्नन फीरोमोन अधिकांश रूप से अन्य फींरोमोनों की तरह बहुघटकीय फिरोमोन होते हैं।
  • Transcription -- अनुलेखन
प्रोटीन संश्लेषण का पहला चरण जिसमें डी.एन.ए. रुपता पर आनुवंशिक संदेश (दूत आर.एन. ए.) संश्लेषित होता है।
  • Transduction -- पारक्रमण
विभोजी द्वारा एक जीवाणु से दूसरे जीवाणु में किसी जीवाणु-जीव का स्थानांतरण।
  • Transfer RNA (trna) -- अंतरण आर.एन.ए. (टी-आर.एन.ए.)
कोशिकाओं में पाया जाने वाला ऐसा आर.एन.ए. अणु, जो प्रोटीन संश्लेषण के दौरान कोशिका द्रव्य में मौजूक ऐमीनो अम्लों को अभिनिर्धारित अनुक्रम के अनुसार राइबोसोम पर ले जाता है।
  • Transformation -- रुपांतरण
अनावृत डी.एन.ए के उपयोग द्वारा कोशिका में नये जीनों का समावेश।
  • Translation -- अनुवाद
वह प्रक्रम जिसमें दूत-आर.एन.ए. (mRNA) के न्यूक्लिओटाइड अनुक्रम में स्थित आनुवंशिक कोड के अनुसार प्राटीन संश्लेषित करने के लिए ऐमीनो अम्लों को एक विशिष्ट क्रम से, पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला के रुप में आबद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया में निर्दिष्ट ऐमीनों अम्लों की पहचान विशिष्ट अंतरण आर.एन.ए. द्वारा की जाती है जो उन्हें ले जाकर राइबोसोम पर लगे दूर आर.एन.ए. जोड़ देते हैं।
  • Translocated pesticide -- स्थानांतरित पीड़कनाशी
ऐसा पीड़कनाशी जो प्रवेश-स्थान से पादप या प्राणी में फैल जाता है। सर्वांगी पीड़कनाशी में स्थानांतरण का गुण होता है।
  • Translocation -- स्थानांतरण
गुणसूत्र का स्थान परिवर्तन जैसे:- एक पुनर्विन्यास जिसमें (1) गुणसूत्र के एक भाग का टूट कर अलग हो जाना और फिर किसी दूसरे गुणसूत्र के साथ जुड़ जाना। (2) संजीन में मूल प्रतिरुप से भिन्न किसी अन्य स्थान पर एक नये प्रतिरुप का प्रकट हो जाना। (3) राइबोसोम का स्थान परिवर्तन जैसे- पॉलिपेप्टइड श्रृंखला में प्रत्यक ऐमीनो अम्ल मिल जाने के बाद एम.-आर.एन.ए. के साथ-साथ कोडॉन पर राइबोसोम की गति। (4) प्रोटीन का स्थान परिवर्तन झिल्ली के पार प्रोटीन की गति।
  • Transovarial -- पार-अंडाशयी
कीटों में अंडे द्वारा सहजीवी सूक्ष्मजीवों का एक संतति से दूसरी संतति में संचरण।
  • Transport protein -- अभिगमन प्रोटीन
समाकल झिल्ली प्रोटीन जो झिल्ली के पार अमीनो अम्लों, ग्लूकोज़ तथा अविसारी ऑयनों की मध्यस्थता करता है।
  • Transverse process -- अनुप्रस्थ प्रवर्ध
चतुष्पाद कशेरुकियों में कशेरुक के तंत्रिका-चाप के दोनों तरफ निकलने वाला प्रवर्ध।
  • Transverse -- अनुप्रस्थ
बीच या आर-पार का संरचना, अंग, काट या दृश्य के लिए प्रयुक्त।
  • Trap -- पाश (ट्रैप)
सामान्यत: इसका उपयोग पीड़कों की जातियों की वास्तविक उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं: 1. प्रकाश पाश – जो रात में उड़ने वाले कीटों (काई तरह के शलभों और मच्छरों आदी) को अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। 2 चिपचिपा पाश – जिसका उपयोग फलोद्यानों और खेतों में शिशु-कीटों की संख्या का आकलन करने के लिए किया जाता है। 3. फीरोमोन पाश – जिसका उपयोग कीटों की पारस्परिक संचार-व्यवस्था में सहायक, विपरीत-लिंगी कीटों को आकर्षित करने वाली ध्राण शक्ति के उत्तेजक रसायनों के रुप में होता है जिससे कीटों की संख्या का ज्ञान हो सके अथवा उन्हें फाँसकर मारा जा सके। इसके अतिरिक्त पीड़कों को फाँसने के लिए खाद्य पदार्थों का भी उपयोग होता है।
  • Trematoda -- ट्रिमैटोडा
प्लेटीहेल्मिन्थीज या चपटे कृमियों का एक वर्ग। परजीविता, कड़ी उपत्वचा, दो चूषक, शाखित आहारनाल, उभयलिंगता और जटिल जीवन-चक्र इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Trenching -- खाई खोदना
खाई खोदकर टिड्डे, टिड्डियों के शिशुओं अथवा अन्य कीटों को पिंजरित करने की विधि।
  • Triassic period -- ट्राइएसिक कल्प
पृथ्वी के ऐतिहासिक कालक्रम में अनुमानत: 20 करोड़ वर्ष से लेकर 15 करोड़ वर्ष पूर्व तक की अवधि जो पर्मिएन के बाद और जुरासिक के पहले आती है। सरीसृपों की प्रधानत तथा सर्वप्रथम स्तनियों का उद्भव इस कल्प की विशेषता है।
  • Trichogen -- शूकजन
वह अधिचर्मी कोशिका जो कीट के शरीर अथवा पक्ष पर क्यूटिकलीय रोम, शूक या शल्क उत्पन्न करती है।
  • Trichoptera -- ट्रिकोप्टेरा
छोटे से लेकर साधारण आकार के शलभ जैसे कीट जिनका श्रृंगिकाएं शूकमय होती हैं। चिबुक अवशेषी या नहीं; जंभिकाएँ एक पालि और लंबे स्पर्शक (palp) वाली; अधरोष्ठ (labium) मध्य ग्लोसा, और सुपरिवर्धित स्पर्शक वाले पंख झिल्लीमय लगभग रोमयुक्त और विश्रामावस्था में पृष्ठ पर छत जैसी स्थिति में होते हैं। अग्रपंख और विश्रामावस्था में पृष्ठ पर छत जैसी स्थिति में होते हैं। अग्रपंख दीर्घ; पश्च पंख अधिक चौड़े और वलयित गुद क्षेत्र वाले; गुल्फ पाँच-खंडीय; डिंभक जलीय, कुछ-कुछ क्रॉसरुपी और सामान्यत: कोश में रहते हैं। शरीर के अंत में अंकुशयुक्त और सामान्यत: कोश में रहते हैं। शरीर के अंत में अंकुशयुक्त पुच्छ उपांग; कोशित अबद्ध और मजबूत चिबुक वाले; वातकन्यास लघुकृत होते हैं। उदा.-चेल मक्षियाँ।
  • Tricuspid valve -- त्रिवलन-कपाट
स्तनियों के हृदय में दाहिने निलय के बीच का कपाट, जिसमें तीन वलन या पट होते हैं।
  • Triploblastic -- त्रिकोरकी
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त जिसमें तीन आद्य भ्रूणीय स्तर, एक्टोडर्म, मेसोडर्म और एन्डोजर्म होते हैं। प्रोटोजोआ, पोरीफेंरा तथा सीलेन्टेरेटा संघ को छोडंकर शेष सभी प्राणी इसी प्रकार के होते हैं।
  • Triploidy -- त्रिगुणिता
गुणसूत्रों की अगुणित संख्या का तिगुनी संख्या में मौजूद होना।
  • Trisomy -- त्रिसूत्रता
गुणसूत्र में साधारम जोड़े के स्थान पर तीन गुणसूत्रों के होने की अवस्था; जैसे-21 वें गुणसूत्र अथवा डाउन संलक्षण में।
  • Tritrophic interaction -- त्रिपोषी पारस्परिक क्रिया
शाकभक्षी और उनके परपोषी पादपों तथा शाकभक्षी और उनके प्राकृतिक शत्रुओं के बीच होने वाली पारस्परिक क्रियाएँ। यह विभिन्न सूचना स्रोतों से उत्पन्न अनुक्रियाओं का एक अनुक्रम है जो घूमते प्राणी को उसके विभवीय शिकार के अधिकाधिक निकट लाता है। इसमें रासायनिक सूचना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पादपीय विशेषकर लंबी दूरी पर जब कि शाकभक्षी से व्युत्पन्न रसायनों का महत्व शिकार से दूरी कम होने के साथ-साथ बढ़ता है।
  • Trochanter -- ट्रोकैंटर, शिखरक
कीटपाद का प्राय: दूसरा खंड जो दो संधिकठकों के जुड़ने से बना होता है। कुछ परिस्थितियों, (जैसे ओडोनेटा गण) में घटकीय खंडों के बीच विभाजन स्पष्ट दिखाई देते हैं।
  • Trochantin -- संधिकठक
आदिम कक्षांग-पार्श्वकांश के अग्रभाग से निकला हुआ वक्षीय पार्श्वक का अग्रकक्षांग कठक जो सामान्यत: कक्षांग के आगे की कोर से अधरतल द्वारा जुड़ा होता है और पाद की पृष्ठक वर्धक पेशी को जुड़ने का आधार प्रदान करता है।
  • Trophocyte -- पोषकाणु
अंडाशय या वृषण की पोषक या धात्री कोशिकाएँ।
  • Trophozoite -- पोषणु
बीजाणु उत्पन्न करने वाले परजीवी प्रटोजोआ प्राणियों में वर्धनशील या अशन अवस्था।
  • Tropism -- अनुवर्तन
किसी उद्दीपन के प्रति प्राणी या अंग की अनुक्रिया के फलस्वरुप होने वाला दिशा परिवर्तन, वक्रण या अभिविन्यास।
  • True breeding/breeding true -- तद्ररुप प्रजनन
जनकों (माता-पिता) के समान लक्षणप्ररुप (फीनोटाइप) वाली संतति का उत्पन्न होना।
  • Trunk -- धड़, प्रकांड
किसी संधिपाद (ऑर्थोपाडा) के शरीर खंडों का संपूर्ण क्रम जिसमें शीर्ष, वक्षीय और उदरीय खंड शामिल हैं।
  • Tumour cell -- अर्बुद कोशिका
आनुवंशिकत: परिवर्तित ऐसी कोशिका, जिसमें कोशिका विभाजन “अनियंत्रित ” हो जाने के कारण उसमें असीमित संख्या वृद्धि होती जाती है।
  • Tunicate -- ट्यूनिकेट, कंचुकी
ट्यूनिकेटा या यूरोकॉर्डेटा का सामान्य प्राणी। खंडहीन शरीर, कंकाल का अभाव, डिंभक के पृष्ठ क्षेत्र में पृष्ठरज्जु की उपस्थिति, प्रौढ़ में छिद्रिल ग्रसनी या क्लोमकक्ष, इनकी विशेषताएँ हैं।
  • Turbellaria -- टर्बेलेरिया
चपटे कृमियों का एक वर्ग जिसके सभी सदस्य जलीय तथा मुक्तप्लावी होते हैं। पक्ष्माभी अधिचर्म, सरल या विशाखित थैली के रुप में आँत्र का होना और चूषकों का अभाव इनके प्रमुख लक्षण हैं।
  • Turner’s syndrome(gonadal dysgenesis) -- टर्नर संलक्षण
ऐसी स्त्री जिसमें एक्स.ओ. गुणसूत्र संरचना होती है (44 अलिंगसूत्र और एक एकल लिंगसूत्र)। ऐसी स्त्रियाँ छोटे कद वाली, छोटी गर्दन वाली होती हैं और उनमें कोई द्वितीयक लैंगिक लक्षण नहीं दिखाई देता।
  • Tusk -- रद
हाथियों तथा कुछ अन्य प्राणियों में दोनों ऊपरी कृंतकों के काफी बढ़ जाने से मुँह के बाहर निकले हुए दो दाँत जो सुरक्षा आदि के काम आते हैं।
  • Tympanal organ -- ध्वनि पटहांग
कर्णपटह नामक पतली क्यूटिकुलीय झिल्ली से निर्मित युगल संरचना जो वातक वायुकोश तथा ध्वनिग्राही संवेदिका से संबद्ध होती है।
  • Tympanum -- कर्णपटह
1. कशेरुकियों में बाह्य कर्ण और आंतरिक कर्ण के बीच की गुहा जिसे मध्य कर्ण कहते हैं। अक्सर इस शब्द का प्रयोग उस अनुनादी झिल्ली के लिए भी किया जाता है जो मध्य कर्ण को बाह्य कर्ण से अलग करती है।
2. कीट के टिबिया, पश्च वक्ष या उदर पर श्रवण-अंग की झिल्ली।
3. टेट्राओनिनी तित्तिरि कुल के कुछ सदस्यों की गर्दन पर स्थित फूलने वाला वायु-कोश।
  • Tyndall blue -- टिंडल नील
कुछ व्याध पतंगों (ड्रेगन फ्लाई) में अधिवर्म कोशिकाओं की कोलॉइडी-आकार की कोशिकोओं द्वारा नीले रंग का बनना।
  • Type locality -- प्ररुप स्थान
वह स्थान जहाँ नाम प्ररुप, चयन-प्ररुप अथवा नवप्ररुप का संग्रह किया गया था।
  • Type species -- प्ररुप जाति
वह जाति जो किसी वंश के लक्षणों का सर्वोत्तम उदाहरण मानी जाए।
  • Type -- प्ररुप
1. प्राणि की वह विशिष्टता जो वर्गक के नामकरण का आधार होती है।
2. आकरिकी में, किसी उच्च वर्गक का वह सामान्यीकृत आद्यप्ररुप जिसके आधार पर उसमें पाई जाने वाली समस्त रचनात्मक विभिन्नताओं की व्युत्पत्ति संभव हो।
  • Typhlosole -- आँत्रवलन
कई अकशेरुकियों में आँत्र की पृष्ठ भित्ति से लगा हुआ अनुदैर्घ्य वलन जिससे पाचन तथा अवशोषण की सतह बढ़ जाती है।
  • Typical -- प्रारुपिक, प्ररुपी
ऐसा प्रतिदर्श, नमूना या उदाहरण जिसमें संबंधित जीनस, स्पीशीज या संरचना के विशिष्ट लक्षण मौजूद हों।
  • Typological thinking -- प्ररुपविज्ञानीय विवेचन
वह संकल्पना जिसमें विभिन्नता को न मानकर समष्टि के सदस्यों को ‘प्ररुप’ की प्रतिकृतियों के रुप में माना जाता है।
  • Ulna -- अंतःप्रकोष्ठिका, अल्ना
कशेरुकियों में अग्रबाहु की भीतरी या अक्षपशचीय (छोटी अंगुलि की ओर स्थित) ह्डडी जो बहिःप्रकोष्ठिका के समांतर चलती है और कई प्राणियों में उससे जुड़ी होती है।
  • Ultracentrifugation -- द्रुतअपकंद्रण
किसी निलंबन अथवा विलयन का एक अक्ष के चारों ओर बहुत तेज चाल (500,00 जी अथवा अधिक) से घूर्णन करना। इस प्रक्रिया में कण जिस चाल से अक्ष की ओर जाते हैं वह कणों के अणुओं की आकृति और आकार पर निर्भर है। इस प्रकार ये कण विभिन्न स्थानों पर पट्टतः व्यवस्थित हो जाते हैं। जैव अणुओं को अलग-अलग करने की यह सर्वाधिक उपयोगी विधि है।
  • Umbilical cord -- नाभि रज्जु
संवहनी रज्जु जो स्तनियों में गर्भस्थ भ्रूण को अपरा (प्लैसेन्टा) से जोड़ती है। इसमें भ्रूण से अपरा तक लाने-ले जाने के लिए रुधिरवाहिकाएँ होती हैं।
  • Umbilicus -- 1. नाभि 2. पिच्छछिद्र
1. स्तनियों में उदर के मध्य भाग पर नाभि-रज्जु के जुड़ने के स्थल पर बना गर्त अथवा प्राणियों में ऐसी ही कोई संरचना।
2. पक्षियों में पंख पिच्छ के खोखले स्तंभ के प्रत्येक ओर स्थित छोटा रंध्र।
  • Uncus -- अंकस
शल्कपंखी कीटों की गुदा पर दसवें उदरीय पृष्ठक का प्रवर्ध।
  • Undulating membrane -- तंरगित कला, तरंगित झिल्ली
कुछ पक्ष्माभी प्रोटोजोआ प्राणियों की कोशिका-ग्रसनी में जीव-द्रव्य सहायक होती है, जैसे पैरामीशियम में। कुछ कशाभी प्रोटोजोआ प्राणियों में शरीर और कशाभ के बीच का झिल्ली, जैसे ट्रिपैनोसोम में।
  • Ungue -- खुर
गुल्फिका-पूर्वी नखर।
  • Unguifer -- नखधर
गुल्फ के अंतिम छोर पर स्थित मध्यपृष्ठीय प्रवर्ध जिससे गुल्फिकापूर्वी नखर संधित होते हैं।
  • Unguis -- नखर
कीटों के पाद के पार्श्व नखर जो अंगुलिपादांश से विकसित होते हैं। अनेक संधिपादों में इन्हें गुल्फ-नखर भी कहते हैं।
  • Unguitractor plate -- नखराकुंचक पट्ट
अग्रगुल्फ के आधार पर स्थित अधर कठक, जिस पर अग्र गुल्फ की अवनमनी पेशियाँ या नखर आकुंचक, एक लंबे कंडरामय आंतरवर्ध के रूप में लगे होते हैं।
  • Ungulata -- अंगुलेटा
खुरधारी स्तनियों का गण,जैसे गाय-बैल, भेड़।
  • Unguligrade -- खुरचारी
पूरे पैर को जमीन पर न रखकर केवल अंगुलियों के सिरों पर बने खुरों पर चलने वाले प्राणी।
  • Unicellular -- एककोशिक
ऐसे प्राणी जिनका पूरा शरीर केवल एक ही कोशिका का बना होता है। उदा. अमीबा।
  • Unineme -- एकप्रसूत्र
ऐसा गुणसूत्र जिसका द्विगुणन न हुआ हो-अर्थात् डी.एन.ए. प्रतिकृति का एस-प्रावस्था से पहले का गुणसूत्र।
  • Uniport -- एकलगमन
वाहक प्रोटीन के माध्यम से एक ही प्रकार के अणुओं (विलेयों) का जैव झिल्ली के पार अभिगमन।
  • Univoltine -- एकप्रज
वह कीट या जीव जिसकी एक वर्ष में एक ही संतति (शावता) होती है।
  • Unstriated muscle -- अरेखित पेशी
लंबी नुकीली अथवा तर्कु जैसी कोशिकाओं से बनी अनैच्छिक पेशी जो मुख्यतः आहार नाल जैसे खोखले अंतरंगों की दीवारों में पाई जाती है जहाँ अनैच्छिक गति होती है।
  • Uracil -- यूरेसिल
2,4 डाइऑक्सी पिरिमिडीन क्षारक, जो आर.एन.ए. रज्जुकों में यूरिडीन फॉस्फेट न्यूक्लिओटाइडों के रुप में पाया जाता है।
  • Urate cell -- यूरेट कोशिका
कुछ कीटों के वसा-पिंडको में पायी जाने वाली एक प्रकार की कोशिका जो रुधिर-लसीका में से नाइट्रोजनयुक्त त्याज्य पदार्थ को अवशोषित करती है और भंडारण के लिए यूरिक अम्ल या यूरेट का संश्लेषण करती है।
  • Ureter -- मूत्रवाहिनी
वृक्क से मूत्र ले जाने वीली नलिकाएँ। कशेरुकियों में प्रायः इसका प्रयोग उस नलिका के लिए किया जाता है जो वृक्क से मूत्राशय को जाती है।
  • Urethra -- मूत्रमार्ग
स्तनियों में मूत्राशय से शरीर के बाहर तक जाने वाली वाहिनी।
  • Uriniferous -- मूत्रजन नलिका
वृक्क में पाई जाने वाली काफी लंबी, पतली तथा मुड़ी-लिपटी नलिकाएँ। प्रत्येक नलिका मैलपीगी काय से प्रारंभ होती हुई केशिकागुच्छ निस्यंद (ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेट) को मूत्रवाहिनी की ओर ले जाती है।
  • Urinogenital system -- जननमूत्र तंत्र
मूत्र और जनन से संबद्ध आंगों का समूह, विशेषकर जबकी उनमें सीधा क्रियात्मक संबंध हो।
  • Urochordata -- यूरोकोर्डेटा
समुद्री रज्जुक प्राणियों (कार्डेटों) का एक समूह जिसमें ऐसीडियन आते हैं। वयस्क में पृष्ठ रज्जु का न होना, पक्ष्माभी धाराओं द्वारा अशन, क्लोम-छिद्रों का न होना तथा अपेक्षाकृत अल्पविकसित तंत्रिका-तंत्र इनके प्रमुख लक्षण हैं। उदा. हर्डमानिया।
  • Uropygium -- पश्चांतकूट, यूरोपाइजियम
पक्षियों में धड़ के अंत में स्थित कूबड़ जैसी उभरी संरचना जिसमें कई पुच्छ-कशेरुक होते हैं। इसमें पुच्छ-पिच्छ लगे होते हैं।
  • Urostyle -- पुच्छदंड, यूरोस्टाइल
कुच उभयचरों में लंबी छड़-जैसी हड्डी जो कई पुच्छ-कशेरुक के जुड़ जाने से बनती है।
  • Uterus -- गर्भाशय
अंडवाहिनी का फूला अंतिम भाग जिसमें एक या अनेक अंडे या भ्रूण स्थित होते हैं। स्तनियों तथा अन्य अपरा रखने वाले प्राणियों में यहां भ्रूण का परिवर्धन होता है।
  • Utriculus -- दृति
कशेरुकियों के कान में कला-लैबिरिंथ का थैली-जैसा भाग जिसमें तीनों अर्धवृत्ताकर नलिकाएँ खुलती हैं।
  • Uvula -- अधिजिह्वा, यूवुला
स्तनियों में कोमल तालु के पश्च भाग से लटकने वाला संवेदी माँसल प्रवर्ध।
  • Uzifly -- यूजीमक्षी
टेकेनिडी कुल के अंतर्गत द्विपंखी एक्कजोरिस्टा सॉर्बिलेन्स जो रेशम उत्पादक कीटों (लेपिटोप्टेरा) की खूंखार शत्रु है। यह घरेलू मक्खी के समान पर कुछ बड़ी होती है। इसके अपादक रेशक कीट की चारों मुख्य जातियों- मूँगा, इरी, ओकस्टर और शहतूत रेशम कीट के परजीव्याभ हैं।
  • Vacuole -- रसधानी, वैकुओल
कई जीवधारियों में कोशिकाद्रव्य के अन्दर झिल्ली से घिरा अवकाश अथवा अंगक जिसमें तरल या भोजन आदि के कण हो सकते हैं। प्रोटोजोआ प्राणियों में ये विशेष रुप से देखने में आती हैं और अशन तथा परासरण नियमन की क्रियाओं में योगदान देती हैं। उदा. संकुचनशीन धानी, खाध्य धानी आदि।
  • Vagina -- योनि
मादा प्राणियों में जनन कक्ष से निकलता अंडमार्ग का एक भाग जो युक्त-अंडवाहिनी के पीछे होता है। स्तनियों में गर्भाशय से भग तक जाने वाली जनन-नाल।
  • Vagina -- योनी
गर्भाशय से भग तक क्यूटिकल द्वारा आस्तरित नाल।
  • Vagus nerve -- वेगस तंत्रिका
कशेरुकियों कि दसवीं कपालीय तंत्रिका जो मध्यांश(मेड्युला) की पृष्ठ-पार्श्व भित्ति में कई मूलों से मिलकर बनती है।
  • Valid name -- मान्य नाम
ऐसा उपलब्ध नाम जो पहले से ही किसी पूर्ववर्ती मीन्य सहनाम अथवा समनाम के लिए स्थिर नहीं किया गया हो।
  • Valve -- कपाट, वाल्व
1. झिल्लीदार वलनों वाली संरचना जो किसी वाहीका, नली या छिद्र से तरल को केवल एक ही ओर जाने देती है; जैसे अलिंद निलय कपाट।
2. मोलस्का, ब्रैकियोपोडा तथा क्रस्टेशिया वर्ग के कुछ प्राणियों का कवच।
  • Valvifer -- पुटधर, कपाटधर
अंडनिक्षेपक की आधार पट्टिकाएँ जो संभवत जनन पदों के कक्ष पादांश से व्युत्पन्न होती हैं तथा प्रकठक (valvalae) का वहन करती है।
  • Valvulae -- प्रकठक
प्रवर्धों के तीन जोड़े जो अंडनिक्षेपक की परिच्छादक (ensheathing) पालियों तथा फलकों का निर्माण करते हैं। पहली और दूसरी कपाटिकाएँ जननपादों के युग्मनप्रवर्ध के रुप में होती हैं और तीसरी कपाटिका नौवें उदर खंड के कक्षापादांश की दूरस्थ उद्धर्ध होती हैं।
  • Vane -- पिच्छ-फलक
पर का चपटा भाग जिसमें अंकुशों से जुड़े हुए अनेक पिच्छक और पिच्छिकाएँ होती हैं।
  • Vannal fold(plica vannalus) -- पंखाभिक वलिक
किसी कीट के पक्ष के पंखाभिक क्षेत्र और रेमीजियम के बीच का वलन या वलन की अरीय रेखा; अथवा सामान्यतः अंतः प्रकोष्ठिक क्षेत्र तथा प्रथम पंखाभिक शिरा के बीच में मिलने वाली वलन की रेखा जिसकी स्थिति परिवर्तनशील होती है।
  • Vannal vein -- पंखाभिक शिरा
पंख के पंखाभिक (वैनस) क्षेत्र की वे शिराएँ जो अपने आधारों द्वारा तीसरे कक्षीय-कठक से जुड़ी रहती है।
  • Vannus -- वैनस, पंखाभिका
पंख का पंखाभिक शिराओं या तीसरे कक्षीया कठक से सीधे जुड़ी हुई शिराओं वाला भाग। यदि यह भाग बढ़ जाता है ता पंखाकार क्षेत्र बनाने के बाद पंखाभिक वलिक द्वारा रेमिजियम से अलग हो जाता है।
  • Variable gene -- परिवर्ती जीन
इम्यूनोग्लोबुलिन श्रृंखला के परिवर्ती प्रक्षेत्र के मुख्य भाग के लिए कूट लेखन का अनुक्रमण
  • Variant -- परिवर्त
मूल से भिन्न परिवर्तित रुप
  • Variation -- विभिन्नता
एक ही जाति के जीवों में भिन्न संरचनात्मक तथा कार्यिकीय लक्षणों का पाया जाना जो जीनों की संरचना में परिवर्तन या पुनः-संयोजन हो जाने के फलस्वरुप प्रकट होते हैं या फिर परिवर्धन काल में भिन्न वातावरण के प्रभाव के कारण उत्पन्न होते हैं।
  • Variegation -- शबलता
कायिक परिवर्धन के दौरान जीन-प्ररुप में परिवर्तन के द्वारा लक्षणप्ररुप में उत्पन्न वर्णकता की अनियमितता, जो प्रायः पादपों में क्लोरोप्लास्ट के विभेदी वितरण के कारण होती है।
  • Vas deferens -- शुक्र-वाहक
नर जनन-तंत्र की पार्श्व-वाहिनियों में से एक वाहिनी जो शुक्राणुओं को वृषण से बाहर ले जाती है।
  • Vas efferens -- शुक्रवाहिका
वे अनेक छोटी-छोटी नलिकाएँ जिनके द्वारा शुक्राणु वृषण से अधिवृषण (एपिडिडिमिस) या शुक्रवाहक में पहुँचते हैं।
  • Vector density -- रोगवाहक घनत्व
एक निश्चित समय में प्रति एकक क्षेत्र/स्थान में उपस्थित रोगवाहकों की संख्या।
  • Vector -- 1. रोगवाहक 2. वेक्टर
1. वह प्राणी जो रोग के प्रसरण या संरोपण अथवा दोनों का कर्मक होता है। उदा.-एफिड, श्वेत मक्खी, फुदका (लीफ हॉपर) और कुछ सूत्रकृमि।
2. कोई प्लाज्मिड या विभोजी, जिसका प्रयोग प्रोटीन उत्पाद बनाने के उद्देश्य से निविष्ट विजातीय डी.एन.ए. के संवहन के लिए किया जाता है।
  • Vegetal pole -- अल्पक्रिय ध्रुव
अंडे में अर्धसूत्री (मीयोटिक) विभाजनों की दिशा के विपरीत सिरे का ध्रुव।
(वि. Animal pole सक्रिय ध्रुव)
  • Veiled cell -- गुंठिका कोशिका
बड़े आकार की और प्रवर्धों वाली कोशिका; विशेष रुप से ये प्रतिजन से आस्तरित होने के बाद अभिवाही लसीका में पायी जाती हैं। ये परिधीय द्रुमाकृतिक कोशिकाओं (जैसे लैंगरहेन्स कोशिकाओं) और द्रुमाकृतिक ऊतकों (जैसे अंतरांगुलीयनी कोशिकाओं) के बीच की अवस्था प्रदर्शित करती हैं।
  • Vein -- शिरा
1. शरिर के विभिन्न अंगों से रुधिर को हृदय की ओर ले जाने वाली नलिकाकार वाहिका।
2. कीटों में पंखों की रेखीय खोखली संरचनाएँ जिनके भीतर प्राय: रक्थ, वातक और तांत्रिकाएँ होती हैं।
  • Velum -- वीलम, विच्छद
कई प्रकार की झिल्लीमय संरचनाएँ; जैसे एम्फिओक्सस के मुख में पाई जाने वाली छल्ले जैसी झिल्ली।
  • Vena arcuata -- वेला आर्कुएटा, चापीय शिरा
पंख की प्रथम जुगल शिरा।
  • Vena cardinalis -- वेना कार्डिनेलिस
पंख की द्वितीय जुगल शिरा जो प्राय: चापीय शिरा की आधारी शाखा के समान लगती है।
  • Vena dividens -- विभाजक शिरा, वेना डिविडेन्स
कुछ ऑर्थोप्टेरा कीटों में रेमिजियम और पंखाभिका (वैनस)के मध्य वलन में उपस्थित द्वितीयक शिरा।
  • Venation -- शिरा-विन्यास
कीट के पंख में शिराओं की क्रम-व्यवस्था जो जाति की पहचान का एक साधन होती है।
  • Venom -- जीविष( जीवविष)
साँप, बिच्छू, मधुमक्खी आदि कुछ प्राणियों के शरीर में उत्पन्न होने वाला विषैला पदार्थ जिसका उपयोग प्राणी अपनी सुरक्षा या शिकार को मारने के लिए करता है।
  • Ventral aorta -- अधर महाधमनी
मछलियों और निम्नतर कशेरुकियों की प्रमुख धमनी, जिसके द्वारा हृदय के निलय-कक्ष से रक्त क्लोम में जाता है। इससे कई महाधमनी चाप निकलते हैं।
  • Ventral ganglion -- अधर गुच्छिका
तंत्रिका वलय के पश्च में स्थित त्रिपाली अधर गुच्छिका जिसमें 16-33 तंत्रिओन होते हैं।
  • Ventral -- अधर
प्राणियों में उदर की ओर स्थित या नीचे की तकफ या भूमि की ओर वाली(सतह, संरचना या अंग)। वि. dorsal पृष्ठ
  • Ventricle -- निलय, वेन्ट्रिकल
1. हृदय का एक कक्ष जिसके सिकुड़ने-फैलने से अलिन्द से आया हुआ रक्त धमिनयों में चला जाता है। पक्षियों तथा स्तनियों में दो निलय होते हैं। एक से फुफ्फुस को और दूसरे से शरीर के अन्य भागों को रुधिर पहुंचता है।
2. कशेरुकियों के मस्तिष्क में प्रमस्तिष्कमेरु तरल से भरी गुहिकाएँ; जैसे प्रमस्तिष्क गोलार्ध के प्रथम तथा द्वितीय निलय, थैलामेनसेफैलॉन का तृतीय निलय और मेडुला ऑब्लॉन्गेटा का चतुर्थ निलय।
  • Ventriculus -- पश्चजठर
ग्रंथिल जठर या पेषणी के ठीक पीछे स्थित कीट की मध्यांत्र जहाँ पाचन और अवशोषण की अधिकांश प्रक्रिया सम्पन्न होती है। इसकी उत्पत्ति अंतस्त्वचा से होती है।
  • Vermicide -- कृमिनाशी
वह रासायनिक पदार्थ जो कृमियों को नष्ट कर देता है।
  • Vermiform -- कृमिरुप
लंबे, पतले, कृमि जैसे आकार के प्राणी।
  • Vermiform appendix -- कृमुरुप परिशेषिका
कुछ स्तनियों में अंधनाल (सीकम) के सिरे का लम्बा पतला प्रवर्ध या सीकम के दूरस्थ सिरे पर स्थित लंबी पतली नली जैसी संरचना। शाकाहारी स्तनियों में कृमिरुप परिशेषिका तथा सीकम काफ़ी लंबे होते हैं और इनमें सहजीवी जीवाणुओं की क्रिया द्वारा सेलुलोस का पाचन होता है।
  • Vertebra -- कशेरुक
रीढ़ या कशेरुक-दंड बनाने वाली अनेक छोटी-छोटी अस्थियों या उपास्थियों में से एक। प्रत्येक कशेरुक में प्रायः एक सेन्ट्रम, (एक तंत्रिका-नाल जिसमें होकर मेरुरज्जु निकलती है,) और कई प्रवर्ध होते हैं। मछलियों में सभी कशेरुक लगभग एक जैसे होते हैं किंतु चतुष्पादों में इनमें क्षेत्रीय भेद हो जाते हैं।
  • Vertebral column -- कशेरुकंदड, मेरुदंड
पृष्ठ में स्थित छोटे-छोटे कशेरुकों का अनुदैर्घ्य ढाँचा जो शरीर को साधे-सम्हाले रखता है। यह कशेरुकियों की प्रमुख विशेषता है।
  • Vertebrate -- कशेरुकी
रीढ़ वाले प्राणी जिनमें सुवर्धित मस्तिष्क को ढकने के लिए करोटि और शरीर को सम्हालने के लिए अस्थि या उपास्थि का कंकाल होता है। इनमें पाँच प्रमुख वर्ग हैं – मछलियाँ, उभचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनी।
  • Vertex -- शीर्ष, वर्टेक्स
कीट-सिर के अधिकपाल का वह भाग जो फ्रांस के ठीक पीछे और संयुक्त नेत्रों के बीच में होता है। इसमें कभी-कभी युग्मित नेत्रक होते हैं, किंतु इसे पृथक कठक नहीं माना जाता।
  • Vesicle -- आशय
प्राणियों में गुहिका या छोटी थैली-जैसी संरचना जिसमें कोई तरल भरा हो; जैसे शुक्राशय।
  • Vesicula seminalis -- शुक्राशय
शुक्रवाहक का चौड़ा हुआ भाग जिसमें शुक्राणु एकत्र होते हैं।
  • Vestibule -- प्रघाण
ऐसा पथ, अवकाश या गुहिका जो इसी प्रकार की दूसरी संरचना में खुली हो। उदा. नासा-गुहा, कर्ण लैबीरिन्थ की गुहा।
  • Vestibulum -- बाह्य प्रगुहा
वह बाह्य जनन-गुहिका जो सातवीं उदरीय उरोस्थि से आठवीं उदरीय उरोस्थि तक बढ़ जाती है।
  • Vestigial organ -- अवशेषांग
ऐसा अंग या संरचना, जिसका आकार, रुप या कार्य विकास-क्रम के दौरान इतना छोटा या कम हो गया हो कि अब उसका चिह्य मात्र ही रह जाए। यह शारीरिक क्रियाओं में कोई योगदान नहीं देता किंतु इसके समजात अंग पूर्वजों में अपना विशिष्ट कार्य करते थे; जैसे मानव का परिशेषिका और बाह्य कर्ण की पेशियाँ।
  • Vestigial -- अवशेषी
ऐसे अंग जो पूर्वज रुप में सुपरिवर्धित थे लेकिन विकास-क्रम के दौरान अल्पवर्धित हो गए।
  • Victim -- पीड़ित
परजीवी संबंध का अपरजीवी सदस्य (पोषी)।
  • Villus -- विलस, रसांकुर
1. कशेरुकियों की आँत्र में अंगुलि जैले प्रवर्ध जिनसे आँत्र की अवशोषण-सतह काफ़ी बढ़ जाती है।
2. जरायु के प्रवर्धों में से कोई एक जिससे होकर पोषक तत्व भ्रूण तक पहुंचते हैं।
  • Vinculum -- विन्कुलम
शल्कपंखी (लेपिडोप्टेरा) कीटों में नवें उतरीय खंड की कक्षाधरीय पट्टिका।
  • Viper -- वाइपर, घोणस
एक प्रकार के विषैले साँपों का सामान्य नाम। चल हनुसंधिका (क्वाड्रेट) और जंभिका में छिद्रिल विष-दँत इनके विशिष्ट लक्षण हैं।ये सामान्यत: सजीवप्रजक (जरायुज) होते हैं।
  • Virga -- वेत्र, वर्गा
शिश्न के अंतस्थ सिरे पर स्थित शूक जो प्रायः अंतःशिश्न से निकलता है।
  • Virgin B cell -- अक्षत बी. कोशिका
बी. कोशिकाएँ जो प्रतिजन के संपर्क में नहीं आतीं।
  • Virgin lymphocyte -- अक्षत लसीकाणु
ऐसा अन्-उपक्रमित लसीकाणु जिसका प्रतिजन के साथ समागम न हुआ हो।
  • Virion -- विभोजी (फाज) का पूर्ण कण, जिसमें न्यूक्लीक अम्ल का क्रोड और प्राटीन का आवरण होता है।
  • Viroid -- विषाणुभ
पादप रोगजनकों का ऐसा वर्ग जिनमें एक संक्रामक, एकल रज्जु मुक्त आर.एन.ए. का असामान्य से कम अणुभार वाला अणु होता है।
  • Virology -- विषाणुविज्ञान, वाइरसविज्ञान
विषाणु की प्रकृति, संरचना, भेद तथा क्रियाओं आदि के अध्ययन से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा।
  • Virulence -- उग्रता
संक्रमित करने की अत्यधिक क्षमता।
  • Virulent strain -- उग्र प्रभेद
वह प्रभेद जो किसी परपोषी में बहुत कम संख्या में रहते हुए भी रोग उत्पन्न करने की क्षमता रखता है।
  • Virus -- विषाणु
प्रोटीन कोट से आवृत्त डी.एन.ए. या आर.एन.ए. के क्रोड से बने अकोशिकीय तथा अवसूक्ष्मदर्शीय संक्रामक कण; जो सुग्राही परजीवी कोशिका में प्रविष्ट होने पर अपने न्यूक्लीक अम्लों के निर्देशन में तथा परजीवी कोशिका के रसायनिक संश्लेषण तंत्र की सहायता से अपनी वृद्धि प्रतिकृतियन करते हैं।
  • Viscera -- अंतरंगं
शरीर के अंदर की गुहा में पाए जाने वाले अंग; जैसे हृदय यकृत्, आँत्र आदि।
  • Visceral skeleton -- हनुकंकाल
मछलियों में अस्थि या उपास्थि के वे तत्व जो मिलकर क्लोम-चापों, कांठिका-चाप और चिबुक चाप निर्माण करते हैं।
  • Vitamin -- विटामिन
कार्बनिक अणु जिनकी सामान्य स्वास्थ्य तथा वृद्धि के लिए अत्यंत अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। इनका निर्माण उपापचयी पथ द्वारा नहीं होता, अतः इन्हें आहार के साथ लेना पड़ता है। इनका वर्गीकरण जल-विलेय (विटामिन सी तथा बी काम्लेक्स) और वसा विलेय (विटामिन ए.,डी.,ई.,तथा के ) के रुप में किया गया है।
  • Vitellarium -- पोषद अंडाशय, विटेलेरियम
पीतक ग्रंथि; अंडाशयक, अंड-नलिका का वह भाग जिसमें पीतर (योक) के जमा हो जाने से अंडकों की वृद्धि होकर वे परिपक्व हो जाते हैं।
  • Vitelline gland -- पीतक ग्रंथि
अंडाणुओं के चारों तरफ पीतक उत्पन्न करने वाली ग्रंथि, जो चपटे कृमि, रोटिफ़र आदि ऐसे अकशेरुकियों में पाई जाती है जिनके अंडाणु में पीतक नहीं होता।
  • Vitelline layer -- पीतकी परत
अधिकंशतः ग्लाइकोप्रोटीन से बनी पारदर्शी जो कशेरुकियों तथा अकशेरुकियों की अंड कोशिका की प्लाज्मा झिल्ली को घेरे रहती है। स्तनधारियों में इसे पारदर्शी अंडावरण कहते हैं।
  • Viteline membane -- पीतक झिल्ली
अंडाणु के चारों और लगी तथा उसी से स्त्रावित होने वाली झिल्ली। यह जरायु के नीचे लगी रहती हैं। इसे ‘प्राथमिक अंड कला’ भी कहते हैं।
  • Vitellophag -- पीतकभोजी
अंतश्चर्मी कोशिकाएँ जो पीतक में फलित होती हैं और पीतक के पाछन में आंशिक रुप से योग देती हैं।
  • Vitreous chamber -- काचाभ द्रव-कक्ष
कशेरुकियों की आँख में लेन्स और रेटिना के बीच का कक्ष जिसमें काचाभ द्रव भरा रहता है।
  • Vitreous humour -- काचाभ द्रव
कशेरुकियों में आँख के पश्च कक्ष में लेन्स और रेटिना के बीच के भाग में भरा हुआ पारदर्शी अर्धतरल पदार्थ।
  • Viviparity -- सजीव-प्रजता, जरायुजता
जनन-मार्ग में अंडों को धारण करने और जरायु के फटने पर शिशुओं को जन्म देने की प्रक्रिया अथवा मादा के शरीर में भ्रूण का बढ़ना-पनपना। यह अवस्था सभी अपरा-स्तनियों में तथा छुट-पुट रुप में कुछ अन्य प्राणियों (जैसे बिच्छू शार्क आदि) में देखी जाती है।
  • Viviparous -- सजीवप्रजक
बच्चों को जन्म देने वाली मादाएँ। सूत्रकृमियों में भ्रूणीय परिवर्धन के दौरान सुस्पष्ट अंडकवच नहीं होता और निक्षेपण से पहले डिंभक गर्भाशय में रहते हैं।
  • Viviparous -- जरायुज, सजीवप्रजक
ऐसे मादा प्राणियों के लिए प्रुयक्त जिनमें भ्रूण जन्म से पहले कुछ समय तक शरीर के अंदर पनपते रहते हैं। सभी अपरायुक्त स्तनी इसी श्रेणी में आते हैं।
  • Vocal cord -- वाक् रज्जु
श्लेष्मा कला के वलन जो कंठ( लैरिंक्स) की गुहिका में निकले रहते हैं। इनके कंपन से ध्वनि उत्पन्न होती है और ये अधिकांश स्तनियों तथा कुछ अन्य चतुष्पादों में पाए जाते हैं।
  • Vocal sac -- वाक् कोष
मुख-गुहा के दोनों तरफ थैली जैसी अनुनादी संरचनाएँ; जैसे कुछ जातियों के नर मेंढकों में।
  • Voluntary action -- ऐच्छिक क्रिया
इच्छा के अनुसार होने वाली क्रिया; जैसे रेखित पेशियों की गति।
  • Voluntary muscle -- ऐच्छिक पेशी
रेखाओं वाला सकुंचनशील ऊतक जो कशेरुकियों में कई केंद्रकों वाली लंबी कोशिकाओं से बनता है। ये पेशियाँ कृत्रिम उद्धीपनों के प्रति अनुक्रिया के रुप में या प्राणी की इच्छा के अनुसार कार्य करती हैं। उदा. ऊपरी भुजा की द्विशिरस्क (बाइसेप्स) पेशी।
  • Vomer -- सीरिका, वोमर
स्तनियों की करोटि में तालव (पैलेटाइन) के ऊपर और नासा-गुहा के नीचे स्थिति कलास्थि। यह पक्षियों के पार्श्व-जतुक(पैरास्फीनाइड) के समरुप होती है।
  • Vulva -- भग
1. जनन-कोष्ठ या योनि का बाह्य द्वार जिसका प्रयोग प्रायः मैथुन तथा अंडों के उत्सर्ग के लिए होता है। कीटों में यह कभी-कभी उदर के आठवें या नौवें खंड पर भी स्थित होता है।
2. मादा जनन-तंत्र की बाह्य संरचना।
  • Wandering cells -- परिभ्रमी कोशिका
1. रुधिर तथा संयोजी ऊतक की ऐसी कोशिकाएँ जो किसी अंग या ऊतक में इधर-उदर घूमती हैं। उदा. अमीबाणु, बृहत्भक्षकाणु आदि।
2. स्पंजों के मेसेन्काइम में इधर-उधर विचरती अमीकाम कोशिकाएँ।
  • Warfarin -- वारफैरिन
कृंतकों को मारने के लिए प्रयुक्त बहुमात्रिक प्रतिस्कंदक।
  • Warm-blooded(homothermal) -- समतापी, नियततापी
ऐसे प्राणियों के लिए प्रयुक्त शब्द जिनके शरीर का तापमान वातावरण के अनुसार न घट-बढ़ कर एक जैसा बना रहता है। उदा. सभी पक्षी और स्तनी।
  • Wasp -- बर्र
हाइमेनॉप्टेरा गण का पंखयुक्त कीट जिसमें शरीर सासान्यतः छरहरा, मुलायम, उदर बारीक वृन्त द्वारा जुड़ा हुआ, पंख सुपरिवर्धित, मुखांग कर्तन प्रकार के तथा मादाओं व कर्मियों में विषैला डंक होता है । इनके कई कुल है और इनकी जातियाँ समाजिक तथा एकल दोनों प्रकार के स्वभाव वाली होती हैं। नीड बनाने के स्वभाव और भोजन की दृष्टि से इनमें काफी विभिन्नता है किन्तु भ्रमर अथवा मक्षिकाओं के विपरीत ये अधिकांशतः माँसाहारी होते हैं और छत्तों में इल्लियों, कीटों, मकड़ियो आदि को मारकर अपने डिम्भकों के पोषण का प्रबन्ध रखते है। बर्र सामान्य रूप से दो अधिकुलों वेस्पाइडिया व स्पीकाइडिया मे विभाजित किए गए हैं।
  • Water vascular system -- जल संवहनी तंत्र
इकानोडर्मेटों (शूलचर्मियों) के सारे शरीर में जलीय द्रव ले जाने वाली नलिकाएँ।
  • Wax filament -- मोम तंतुक
छोटी नलियां, जो रंध्र नालों से लगी होती हैं तथा एपीक्यूटिकल और क्यूटिकलीय स्तरों का वेधन करती हैं। ऐसा समझा जाता है कि ये मोम अणुओं को एपीक्यूटिकल तक ले जाती हैं।
  • Wax gland -- मोम-ग्रंथि
कुछ कीटों में पाई जाने वाली ग्रंथि-विशेष जो मोम का स्रवण करती है। मधुमक्खियों में ये ग्रंथियाँ उदर के नीचे होती हैं और इनसे भारी मात्रा में मोम का स्रवण होता है, जिसे ‘मधु-मोम’ कहा जाता है।
  • Wax layer -- मोम परत
क्यूटिकुलीय परत और सीमेन्ट परत के बीच की एपीक्यूटिकुलीय लिपिड परत जोकि क्यूटिकिल की पारगम्यता में सहायक होती है।
  • Weak link -- दुर्बल कड़ी
जीव के जीवन इतिहास का ऐसा सर्वाधिक सुभेद्य बिंदु जिस पर नियंत्रण-साधन आसानी से पहूँचाए जा सकते हैं।
  • Weevil -- घुन
कुर्कुलिओनिडी कुल के भृंग जिनके लंबे प्रोथ या तुंड बीजों, लकड़ी आदि को वेधते हैं। इनमें से अधिकांश भंडारित उत्पादों और फलों के प्रमुख पीड़क होते हैं।
  • Weighting(in insect classification) -- वेटींग
किसी लक्षण के जातिवृत्तीय सूचना के निर्धारण की विधि; कीटों के उचित वर्गीकरण के लिए लक्षण के संभाव्य योगदान का मूल्यांकन।
  • Weismann’s ring(ring gland) -- वाइजमान वलय (वलय ग्रंथि)
घरेलू मक्खी और गुंजन-मक्खी (ब्लोफ्लाई) जैसे कीटों में प्रमस्तिष्क- गुच्छिका के ठीक ऊपर स्थित मुख्य पृष्ठ रुधिर-वाहिका के चारों और एक ग्रंथि विशेष जिससे स्रावित हॉर्मोन प्यूपावरण के निर्माण को प्रेरित करते हैं।
  • Wettable powder -- क्लेदनीय चूर्ण
ऐसा पीड़कनाशी संरुपण (ठोस या चूर्ण रुप में ) जो पानी में मिलाने पर एक प्रकार का निलंबन बनाता है और फुहारने के काम आता है।
  • Whale -- ह्वेल, तिमि
सीटेशिया गण का जलीय, विशेषतया बड़े आकार वाला स्तनी। मछली की आकृति का होने पर भी ये वास्तव में वायु-श्वासी, नियततापी व जरायुज स्तनी है जो अपने शिशुओं को दूध पिलाते हैं। इनमें अग्रपाद क्षेपणी रुप में, पश्चपाद आद्यांगिक व आंतरिक, पूंछ(पुच्छांग) मछलियों की तरह किन्तु क्षैतिज होती है। सिर में एक या दो नासा-छिद्र काफी दूर पर खुलते हैं।
  • White ant -- दीमक
आइसोप्टेरा गण के सामाजिक, बहुरुपू कीट जिनमें रानी, राजा, श्रमिक, सैनिक आदि प्रभेद होते है। ये बड़े समुदाय में लकड़ी के अंदर या मिट्टी की बनाई गई सुरंगों में रहते हैं।
  • White blood cell -- श्वेत रुधिर-कोशिका
ऐसी रुधिर-कोशिका जिसमें श्वसन-वर्णक नहीं होता। अभिरंजन प्रतिक्रिया के अनुसार इनके अम्लरंजी तथा क्षारकरंजी दो भेद हो जाते हैं। मानव रुधिर में इसके कई प्रकार पाए जाते हैं; जैसे एकलाणु (मोनोसाइट), लसीकाणु (लिम्फोसाइट) तथा पोलीमोर्फ।
  • White fly -- श्वेत मक्खी
एल्यूरोडिडी कुल की छोटी समपंखी पादप-जूं जिसका शरीर महीन मोमी चूर्ण से ढका रहता है। यह पत्तियों, छोटे प्ररोहों और फलों से रस चूसती है और मधु जैसा चिपचिपा पदार्थ स्रावित करती है। यह कीट विषणु रोगों का वाहक होता है।
  • White matter -- श्वेतद्रव्य
मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु का वह भाग जो मुख्यतः मज्जावृत तंतुओं से बनता है। यह सामान्यतः धूसर द्रव्य के बाहर उन स्थलों पर होता है जो केंद्रीय तंत्रिका-तंत्र के विभिन्न भागों को जोड़ते हैं।
  • White muscardine -- श्वेत मस्काडीन
विभिन्न डिंभक और कोशित(प्यूपा) अवस्थाओं तथा वयस्क कीटों की कवकार्ति(mycosis) अर्थात् कवक रोग जो ह़ाइफोमाइसीटोन्स कवक, व्यूवेरिआ बैसिआना द्वारा होता है।
  • Whites -- श्वेता
पियरेडी कुल की तितली जो सफेद, पीली या नारंगी रंग की होती है तथा जिस पर काले चकत्ते होते हैं। पादों के नखर द्विशाखी या दंतुल होते हैं।
  • Wing coupling -- पंख युग्मन
(कीटों में) उड़ते समय अग्र-पंखों तथा पश्च-पंखों को जोड़े रखने की क्रियाविधि या युक्ति।
  • Wing flexion -- पक्ष आनमन
उदर के ऊपर पश्च की ओर पंखों का वलयन।
  • Wing pad -- पक्ष तल्प
किसी अर्भक या कोशित के वक्ष की बाह्य त्वचा से निकला एक छोटा वलन जो वयस्क कीट में पंख बन जाता है। इसे ‘पक्ष मुकुल’ भी कहते हैं।
  • Wing veins -- पंख शिरा
पंखों का अनुदैर्घ्य और अनुप्रस्थ आलंबी ढाँचा।
  • Wing venation -- पक्ष शिराविन्यास
दे. शिराविन्यास (venation)।
  • Wing -- पंख, पक्ष
1. पक्षी, चमगादड़ तथा टेरोडैक्टाइल में उड़ने के लिए रुपांतरित अग्रपाद।
2. कीटों में उड़ने के अंग जो वक्ष का त्वचा से उद्वर्ध के रुप में उत्पन्न हुए हैं।
  • Wolffian duct -- वोल्फी वाहिनी
कशेरुकियों में दोनों तरफ एक-एक वृक्कीय वाहिनी जो भ्रूण में प्राक्वृक्क के क्षेत्र से निकलती है किंतु बाद में मध्यवृक्क की वाहिनी बन जाती है। मछलियों और उभयचरों में यह संरचना मादा में मूत्र वाहिनी और नर में जनन-मूत्र-वाहिनी बन जाती है। सरीसृपों, पक्षियों तथा स्तनियों में (जहाँ प्रकार्यात्मक वृक्क (पश्चवृक्क) में अलग वाहिनी (यूरेटर) होती है), वहीं यह केवल नर में पाई जाती है और शुक्रवाहक बन जाती है।
  • Worker (insect) -- कर्मी (कीट)
सामाजिक कीटों-चींटियों, मक्षिकाओं (भ्रमर) और दीमकों में बंध्य व्यष्टि। कर्मी सामान्यतया (दीमकों को छोड़कर), मादाएँ होती हैं जिनमें लैंगिक अंग अपूर्ण रुप से परिवर्धित होते हैं। अन्य व्यष्टियों की अपेक्षा इनकी संख्या अधिक होती है और नीड बनाना, भोजन लाना व जमा करना तथा समुदाय के अन्य सदस्यों को भोजन खिलाना इनके मुख्य कार्य होते हैं।
  • Worm -- कृमि
प्लेटीहेल्मिन्थीज, नेमेटोडों तथा एनीलिड प्राणियों का सामान्य या प्रचलित नाम।
  • Wound parasite -- घार परजीवी
वह परजीवी जो परोपोषी पर तभी आक्रमण कर पाता है जब वह पहले से ही क्षतिग्रस्त ऊतक में स्थापित हो गया हो।
  • Xanthopterin -- जैन्थोप्टेरिन
बर्रों के शरीरों और कुछ तितलियों के पंखों में पाया जाने वाला, टेरिडीन से व्युत्पन्न, एक पीला वर्णक।
  • X-chromosome -- एक्स. गुणसूत्र
वह लिंग गुणसूत्र जो समयुग्मकी व्यष्टि में तो दो लेकिन विषमयुग्मकी व्यष्टि में एक पाया जाता है जैसे मानव नर में एक और मादा में दो। वाई. गुणसूत्र की अपेक्षा महत्वपूर्ण जीन इसमें अधिक पाये जाते हैं।
  • Xenoantibody -- परप्रतिरक्षी
किसी जाति में बना कोई प्रतिरक्षी जिसका समजात प्रतिजन दूसरी जाति से व्युत्पन्न होता है।
  • Xenodiagnosis -- पोषी निदान
रोगवाहक द्वारा संचरित रोग के निदान की विधि।
  • Xenogamy -- परनिषेचन
भिन्न व्याष्टियाँ (विशेषतः भिन्न जीन प्ररुपों वाली व्याष्टियाँ) के नर तथा मादा युग्मकों का संलयन।
  • Xenos(stylops) -- जेनोस (स्टाइलोप्स)
स्ट्रेप्सिप्टेरा का एक वंश जिसके डिंभक और पंखहीन मादाएँ बर्रों पर परजीवी होते हैं और स्टाइलेपिजेरान का कारण बनते हैं, उदा. जेनोस- वेस्पेरम। इस वंश के कीटों को आमतौर पर स्टाइलोप्स कहा जाता है।
  • Xeromorphic insect -- शुष्कतानुकूलित कीट
मोटी क्यूटिकल, रोमों के आवरण और इन्हीं के समान संरचनात्मक अभिलक्षणों द्वारा सतही वाष्पन की अत्यधिक हानि से सुरक्षित कीट।
  • Xiphisternum -- पश्चउरोस्थि, जिफ़िस्टर्नम
अधिकांश कशेरुकियों में उरोस्थि का पश्चीय तथा सामान्यतः उपास्थिमय भाग (खंड)। मानव में यह खड्गाकार प्रवर्ध (ensiform process) कहलाता है।
  • Y-chromosome -- वाई-गुणसूत्र
केवल विषमयुग्मी व्यष्टि में पाया जाने वाला लिंग गुणसूत्र। यह गुणसूत्र अधिकांश स्तनी प्राणियों के नरों की कोशिकाओं में पाया जाता है। इसमें एक्स. गुणसूत्र की अपेक्षा नगण्य महत्वपूर्ण जीन होते हैं।
  • Yellow jacket (wasp) -- पीतांशक (बर्र)
पीले या काले रंग की बर्र के लिए प्रयुक्त सामान्य नाम।
  • Yolk cells -- पीतक कोशिका
पीतक में पाई जाने वाली विदलन कोशिकाएँ जो कोरकचर्म (ब्लास्टोडर्म) के निर्माण में भाग नहीं लेतीं।
  • Yolk cleavage -- पीतक विदलन
पीतक का पींडों में विभाजन जिनमें एक या अनेक केंद्रक हो सकते हैं।
  • Yolk plug -- पीतक प्लग
उभयचरों की कंदुक (गैस्टुला) अवस्था में कोरकरध्र (ब्लास्टोपोर) के अंदर दिखाई देने वाली वर्णकहीन पीतक-कोशिकाएँ।
  • Yolk sac -- पीतक कोश, योक सैक
पक्षियों सरीसृपों तथा कुछ मछलियों के भ्रूणों में पीतक से भरा कोश जो आंत्र से संपर्क बनाए रखता है या उससे लगा रहता है। स्तनियों के भ्रूण में यह कोश छोटा तथा पीतकहीन होता है।
  • Yolk -- पीतक, योक
अधिकांश प्राणियों के अंडों में अंडकोशिका में निर्मित पोषक पदार्थ जो पीतकी झिल्ली द्वारा घिरा रहता है और जिसमें प्रोटीन और वसा कणिकाएँ होती हैं। कुछ कृमियों में यह अंडाणु में उत्पन्न न होकर पीतकी ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न होता है।
  • Y-vein -- वाई-शिरा
दो आसन्न शिराएँ जो दूरस्थ रुप से युग्मित अंग्रेजी के “वाई” अक्षर की आकृति बनाती हैं, उदाहरण के लिए विपोनोम्यूटिडी कुल (फेमिली) के कीटों के अगले पंख की पक्षांत शिरा।
  • Zarhopalus -- जारोपैलस
एन्सिर्टिडी कुल के सूक्ष्म परजीवी बर्रों का एक वंश जिसके कीट एफ़िडों के शरीर में अंडे देते हैं।
  • Zona pellucida -- पारदर्शी अंडावरण
स्तनियों में अंडाणु के चारों तरफ की रेखित झिल्ली या समांगी कला जो गर्भाशय में गर्भारोपण के पहले ही लुप्त हो जाती है। यह मोटी पारदर्शी परत अंडाणु को परिवेशी कणिकामय कोशिकाओं से पृथक करती है।
  • Zoogeography -- प्राणिभूगोल
पृथ्वी पर विभिन्न प्राणियों के वितरण के अध्ययन से संबंधित प्राणिविज्ञान की शाखा।
  • Zooid -- जीवक
आपस में जुड़े हुए निवही प्राणियों की एक इकाई, जैसे सीलेन्टेरेट प्राणियों में पॉलिप। मूल रुप से समान होते हुए भी पॉलिप मे आकार, व्यवहार या कार्य संबंधी काफी भिन्नता पाई जाती है; जैसे पोषण से संबंधित पॉलिप गैस्टीरोजोइड और जनन से संबंधित पॉलिप गोनोजोइड कहलाते हैं।
  • Zoological classification -- प्राणी वर्गीकरण
प्राणियों को उनके संबंधों (सान्निध्य, समानताओं अथवा दोनों) के आधार पर समूहों में क्रमबद्ध करना।
  • Zoologist -- प्राणिविज्ञानी
वह वैज्ञानिक जो प्राणियों की वृद्धि, पाचन, परिसंचरण, अनुक्रिया, समंजन, जनन तथा व्यवहार, आदि विविध जैविक क्रियाओं या प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है।
  • Zoology -- प्राणिविज्ञान
प्राणियों के अध्ययन से संबंधित जीवविज्ञान की शाखा।
(दे. Zoologist)
  • Zooplankton -- प्राणिप्लवक
पानी में सामान्यतः ऊपरी पर या उसके आस-पास बहते-तैरते हुए सूक्ष्म प्राणियों का सामूहिक नाम। इसमें कई प्रोटोजोआ, क्रस्टेशिया, कुछ मोलस्क, कृमि तथा कई प्राणियों के लारवा आते हैं।
  • Zootermopsis -- जुओटर्मोप्सिस
दीमकों का एक वंश (जीनस) जो पश्चिमी कनाडा और संयुक्त राज्य अमरीका के जंगलों में गीली लकड़ी के अंदर रहता है। यह दीमक की पूर्वज (आदिम) जाति है।
  • Zoraptera -- ज़ोरेप्टेरा (अचिरपंखी गण)
सपंखी या अपंखी कीट जिनकी श्रृंगिकाएँ नौ-खंडीय मालाकार होती हैं। अधिकपालीय सीवन अंग्रेजी के अक्षर वाई जैसा। जंभिका प्रसामान्य; अधरोष्ठस्पर्शक त्रिखंडीय; पंख यदि हो तो उन्हे आधार विभंगों द्वारा गिराया जा सकता है; शिराविन्यास लघुकृत।अग्रवक्ष सुपरिवर्धित; गुल्फ द्विखंडीय लूम बहुत छोटे व एकखंडीय; अंडनिक्षेपक नहीं होता। नर जननांग विशिष्टीकृत और कभी-कभी असममितीय; कायांतरण थोड़ा-सा। उदा.-जोरोटाइपस।
  • Zygapophysis -- योजिप्रवर्ध
कशेरुक में एक उभार या संधितल जिसके ज़रिए दो कशेरुक आपस में जुड़े या लगे रहते हैं। सामान्यतः अगले कशेरुक के पश्चयोजीप्रवर्ध ठीक पीछे स्थित कशेरुक के अग्रयोजिप्रवर्ध से मिलते हैं। इस प्रकार सभी कशेरुक बिना अपनी जगह से हटे थोड़ा बहुत हिल-डुल सकते हैं।
  • Zygentoma -- जाइगेन्टोमा
थाइसैन्यूरा (शूक पुच्छ) का एक उपगण जिसमें रजताभ मीन (सिल्वर फिश- लेपिज्मा) और फायरब्रैट (थर्मोबिया) आते हैं।
  • Zygodactyly -- युग्मागुलिता
पैर की दो अंगुलियों का आगे होना और दो अंगुलियों का पीछे की और मुड़ा होना; जैसे कुछ चिड़ियों में पहली तथा चौथी पादांगुलि का पीछे और दूसरी तथा तीसरी पादांगुलि का आगे की ओर होना।
  • Zygoid parthenogenesis -- जाइगॉइड अनिषेकजनन
कीटों में, अंड से अलैंगिक जनन जो अपने परिवर्धन की अवधि में द्विगुणित बना रहता है।
  • Zygomatic arch -- गंडचाप
स्तनियों की कपोल-अस्थि बनाने वाला चाप, जिसमें गंडिकास्थि का पश्च प्रवर्ध शलकास्थि के अग्रप्रवर्ध से जुड़ा रहता है। यह नेत्रकोटर की निचली सीमा बनाता है।
  • Zygoptera -- ज़ाइगोप्टेरा
डेमसल फ्लाई तथा व्याध पतंग (ड्रेगनफ्लाई) के समान कीटों का पतले शरीर और तंग आधार के पंखों वाले किटों का गण जिसमें पंख विश्राम की स्थिति में उदर के ऊपर ऊर्ध्वाधर रुप में खड़े रहते हैं। पिछले पंख आगे के पंखो से ज्यादा भिन्न नहीं होते – जैसे की यथार्थ व्यध्र पतंग (एनआइसोप्टेरा) में होते हैं। डेमसल फ्लाई के उदर के पिछले सिरे पर तीन लंबे पुच्छक्लोम (कॉडल गिल) होते हैं।
  • Zygote -- युग्मज
निषेचित अंडाणु अर्थात् नर और मादा युग्मकों के परस्पर मिलने से बनी कोशिका।
  • Zygotene -- ज़ाइगोटीन
अर्धसूत्रण के प्रथम विभाजन में प्रोफेज की एक अवस्था जब युग्मित गुणसूत्र पहली बार लंबे धागे के जोड़ों की तरह दिखाई देते हैं। इन जोड़ों में सूत्रयुग्मन (सिनैप्सिस) होता है तथा इस अवस्था के दौरान सेक्स-क्रोमेटिन स्पष्ट दिखाई देती है और क्रोमोमियर बिल्कुल लुप्त हो जाता है। यह पैकीटीन के पहले और लेप्टोटीन के बाद की अवस्था है।
  • Zygotic meiosis -- युग्मज अर्धसूत्रण
अगुणित प्रावस्था प्रधान जीवन चक्र में अगुणित कायिक कोशिकाओं के बनने से पहले युग्मज में होने वाला अर्धसूत्री विभाजन।
  • Zymodeme -- ज़ाइमोडीम
किसी वर्गक की उपसमष्टि।
  • Zymogen -- जाइमोजन
किसी एन्जाइम का निष्क्रिय पूर्वागामी (विशेष रुप से अग्न्याशयी कोशिकाओं में पाया जाने वाला पाचक एन्जाइम) जिसकी पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला के सीमित अपघटन से सक्रिय एन्जाइम बनता है।

स्रोत

[सम्पादन]