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विक्षनरी:भारतीय इतिहास में प्रचलित शब्दावली

विक्षनरी से
  • अमलाक  : धर्म संबंधी कार्यों हेतु दी गयी वंशानुगत भूमि।
  • अमीर-ए-हाजिब या बारबक :  शाही दरबार का सर्वोच्च अधिकारी। सुल्तान बनने से पूर्व बलबन और फिरोज तुगलक ने इस पद पर कार्य किया।
  • आमिल :  राजस्व की बसूली करने वाला।
  • इदरार :  विद्वानों तथा धार्मिक लोगों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता, वृत्ति। 
  • करोड़ी/आमिल  : अकबर द्वारा नियुक्त राजस्व अधिकारी।
  • कुफ्र  : इस्लामी मान्यताओं में विश्वास न रखना।
  • कूरियत  : गांव या देह।
  • कोतवाल  : नगर व किलों के अधिकारी।
  • खराज :  गैर मुस्लिमों से लिया जाने वाला कर।
  • खानजादा  : वे अमीर, जिनके पूर्वज एक पीढ़ी से अधिक मुग़लों की शासकीय सेवा में रहे।
  • खालसा  : शासक के प्रत्यक्ष अधीन रहने वाली भूमि जिसकी आय सुल्तान के व्यक्तिगत खर्च हेतु प्रयोग की जाती है।
  • खालिसा/इमलाक  : सुल्तान की निजी आय।
  • ख़िदमती  : पराजित भारतीय सरदारों द्वारा देय कर।
  • खिलअत  : विशिष्ट सूचक एक विशिष्ट प्रकार के वस्त्र।
  • खुदकाश्त  : रियायती या उच्च वर्गीय किसान।
  • ख़ुम्स :  (लूट का धन) इस्लामिक मान्यता के अनुसार इसका 20% भाग राज्य का और 80% भाग सैनिकों का होगा। लेकिन अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद बिन तुगलक ने स्वयं 80% रखा और सैनिकों को 20% दिया।
  • गज ए सवाई  : औरंगजेब का बड़ी तोप से सज्जित जलपोत।
  • चलनी :  पिछले वर्षों में प्रचलित सिक्के
  • चौथ  : पड़ोसी राज्यों से लिया जाने वाला चौथाई कर जो कि  शिवाजी की आय का प्रमुख साधन था।
  • जबाबित  : राज्य द्वारा निर्मित कानून।
  • जिम्मी/धिम्मी :  इस्लामिक राज्य में रहने वाली संरक्षित गैर मुस्लिम प्रजा
  • जिहात :  निर्धारित करों के अतिरिक्त एक देय।
  • टंका  : इल्तुतमिश द्वारा जारी चाँदी का सिक्का।
  • टप्पा  : छोटी भूसंपदा या गांवों का समूह।
  • तरफ़दार  : बहमनी राज्य के तरफ(प्रांत) का प्रमुख।
  • तलब  : मनसबदार के वेतनमान।
  • तुरुष्कदंड  : तुर्कों से बसूला जाने वाला कर।
  • दस्तूर  : नियम, राजस्व निर्धारण की आर्थिक इकाइयाँ।
  • दाखिल  : मनसबदारों के नेतृत्व में काम करने वाले राज्य द्वारा नियुक्त सैनिक।
  • दादनी  : व्यापारियों द्वारा कारीगरों को दिया जाने वाला अग्रिम धन।
  • दार उल हर्ब  : इस्लामी शासन को स्वीकार न करने वाला राज्य। इससे युद्ध करना न्याय संगत माना जाता था।
  • दीवान ए सादात :  धार्मिक मामलों का विभाग।
  • नवरोज  : 19 दिन तक चलने वाला ईरानी/फारसियों का एक त्यौहार। बलबन और अकबर ने मानना शुरू किया और ओरंगजेब ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • नादिर उल अस्त्र  : ये एक प्रकार की उपाधि थी जिसका अर्थ ‘युग में दुर्लभ’ था।
  • नायब ए ममलिकात :  बहरामशाह द्वारा सृजित एक नया पद।
  • पत्तला :  पाल व प्रतिहार प्रशासन में विषय से नीचे की इकाई।
  • पाए बाकी :  जागीर आंवटन करने के लिए आरक्षित भूमि।
  • पायगार :  शाही घोड़ों का प्रबंध करने वाला विभाग।
  • पोलीगर :  दक्षिण भारत का छोटा मुखिया।
  • फरमान ए सबाती :  सूबेदार की नियुक्ति संबंधी आदेशपत्र।
  • फ़वाजिल  : इक्तादारों द्वारा सरकारी खजाने में जमा की जाने वाली अतिरिक्त राशि।
  • बंजारा :  घुमक्कड़ अनाज व्यापारी।
  • बरावर्दी :  अनियमित वेतन पर काम करने वाला सैनिक।
  • बलाहार  : साधारण किसान।
  • बारात :  मराठा क्षेत्र में प्रचलित राजकीय आदेश।
  • भंडारवाद :  दक्षिण में प्रचलित भूमि जो उत्तर भारत में खालसा भूमि के समरूप थी।
  • महाल  : भूराजस्व संग्रह करने हेतु निर्मित एक इकाई।
  • माल  : मुगलकाल में भूराजस्व से सम्बंधित शब्दावली।
  • मावास  : किले बंद गाँव या उपद्रवी क्षेत्र।
  • मुकद्दम  : ग्राम अधिकारी या जमींदार/चौधरी या देशमुख भी कहा जाता था। सर्वप्रथम अमीर खुसरो ने जमींदार शब्द का प्रयोग किया।
  • मुक्ताई :  लगान निर्धारण की मिश्रित प्रणाली।
  • मुजद्दीद  : इस्लाम का सुधारक।
  • मुसद्दी :  बंदरगाह का प्रमुख मुग़ल अधिकारी।
  • मोहतसिब  : लोक आचरण का अधिकारी और वाट-माप का भी नियंत्रक।
  • मौल्लिम :  मुग़ल जहाजों पर नियुक्त कर्मचारी जो दिशाबोध कराता था।
  • रैयत  : प्रजा।
  • रैयती  : वह क्षेत्र जिसका कोई जमींदार न हो या जहाँ से राजस्व बसूलना अधिक आसान व लाभप्रद हो।
  • लाल वस्त्र  : न्याय की माँग का प्रतीक।
  • वकील ए दर  : राजपरिवार के प्रबंध हेतु नियुक्त सबसे बड़ा अधिकारी।
  • वकील ए दर  : शाही महल और सुल्तान के विशेष कर्मचारियों का प्रबंध करने वाला सबसे बड़ा अधिकारी। यही पद मुगलकाल में सामा कहलाया।
  • वजह  : भूराजस्व अनुदानों द्वारा देय वेतन।
  • वजीफा  : राजस्व मुक्त जमीन।
  • वजीर ए मुतकल :  सर्वप्रमुख वजीर जो सम्राट के हस्तक्षेप के बगैर कार्य कर सकता था।
  • वालाशाही  : बादशाह के निजी अंगरक्षक।
  • विलायत  : चिस्तीयों द्वारा प्रचलित राज्य नियंत्रण से मुक्त आध्यात्मिक क्षेत्र।
  • शशगानी  : 6 जीतल के मूल्य की मुद्रा।
  • शाहबंदर :  बंदरगाह का प्रभारी अधिकारी।
  • शिष्ट :  विजयनगर साम्राज्य में भू-कर।
  • सदका  : एक प्रकार का दान।
  • समयाचार्य  : विजयनगर राज्य में न्यायाधीशों को समयाचार्य कहा जाता था।
  • हजरत ए आला  : सुल्तान का व्यक्तिगत कोष।
  • हरम  : यह राज्यमहल का वह वर्जित स्थान होता था जहाँ केवल स्त्रियाँ  रहती थीं। ये फ़ारसी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है “पवित्र स्थान”।
  • हुकमनामा  : नये उत्तराधिकारी से राजपूतों द्वारा बसूला जाने वाला कर।