विक्षनरी:सहमति

विक्षनरी से
यह एक विक्षनरी नीति, दिशानिर्देश अथवा आम विक्षनरी परंपरा जानकारी पृष्ठ है। यह एक मसौदा (ड्राफ़्ट) प्रस्ताव है। यह आधिकारिक नहीं है, यह ज्ञात नहीं कि यह विक्षनरी संपादकों द्वारा व्यापक रूप से स्वीकृत है अथवा नहीं; हालाँकि, यह संबंधित विषय पर मददगार साबित हो सकता है।

विक्षनरी एक शब्दकोश होने के साथ ही एक समुदाय भी है, जहाँ महत्वपूर्ण चीज़ों और व्यापक प्रभाव के विषयों पर निर्णय के लिए साथी संपादकों के बीच आम सहमति होनी आवश्यक है। नीतियाँ एवं परंपराएँ आम सहमति से ही स्थापित हैं और विक्षनरी के हित-संवर्द्धन के लिए कार्यशील हैं।

विक्षनरी प्रविष्टियाँ जोड़ने, उनके संवर्द्धन एवं सुधार तथा अन्य विक्षनरी पृष्ठों एवं व्यवस्थाओं में छोटे मामूली सुधार करने के लिए आपको किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, यदि आप विक्षनरी की किसी व्यवस्था में व्यापक बदलाव करना चाहें - तो इसके लिए - पहले आम सहमति स्थापित होनी आवश्यक है।

ऐसे बदलाव जिनमें आम सहमति आवश्यक है, निम्नवत हैं:

(1) विक्षनरी नीतियों, दिशानिर्देशों एवं आम परंपराओं में बदलाव,
(2) बहुत सारे पृष्ठों में मशीनी (बॉट या बॉट-तुल्य संपादन) वाले बदलाव जिनके लिए पहले से बॉट (या सदस्य) को अनुमति न मिली हो,
(3) साँचों, मॉड्यूल एवं श्रेणियों इत्यादि अन्य सहायक पृष्ठों एवं इनकी व्यवस्था में ऐसे बदलाव जिनसे बहुत से पृष्ठ प्रभावित होने वाले हों,
(4) सदस्य अधिकार व्यवस्थापन, एवं अन्य ऐसे कार्यों के लिए प्रस्ताव जो मेटा अथवा फैब्रिकेटर इत्यादि जगहों कराए जाने हों, और
(5) मुखपृष्ठ संवर्द्धन।

इन मुद्दों पर नीचे बताई प्रक्रिया द्वारा सहमति स्थापित होनी आवश्यक है।

आम सहमति क्या नहीं है[सम्पादन]

  1. आम सहमति सर्वसम्मति नहीं है। किसी मुद्दे पर सभी संपादकों का सहमत होना आवश्यक नहीं। किसी प्रस्ताव पर सभी समर्थन ही करें ऐसा अनिवार्य नहीं है। लक्ष्य यह है कि अधिकाधिक संपादक किसी मुद्दे पर सहमत हो सकें और जो सहमत नहीं हैं उनकी चिंताओं का उचित समाधन किया जा सके। अतः मोटे तौर पर किसी मुद्दे पर आम सहमति स्थापित मानी जाती है यदि 80% या उससे अधिक सदस्य प्रस्ताव से सहमति व्यक्त करें। साथ ही असहमति व्यक्त करने वाले सदस्यों के उठाये गए मुद्दों का उचित समाधान प्रस्तुत करके यथासंभव उन्हें भी सहमति कि प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। इस प्रकार स्थापित आम सहमति का अनुपालन और सम्मान उन्हें भी करना होता जो चर्चा में प्रस्ताव से सहमत नहीं थे। यदि आप अंतिम रूप से समुदाय की सहमति के साथ अपने को सुसंगत नहीं पाते तो ऐसी दशा में आपको कहीं अन्यत्र योगदान करने के बारे में सोचना चाहिए, यहाँ नहीं।
  2. आम सहमति मतदान अथवा मतविभाजन नहीं है। आम सहमती स्थापित करते समय तार्किक एवं सकारात्मक चर्चा और उचित राय का महत्व है न कि मतों की संख्या मात्र का। अतः, किसी प्रस्ताव के समर्थन में लगभग 80% या इससे अधिक मत होने की गणना में, मतों की गिनती मात्र पर्याप्त नहीं। बिना कारण अथवा तर्क लिखे समर्थन अथवा विरोध व्यक्त करने वाले मतों को नहीं भी गिना जा सकता। इसी प्रकार दुर्भावनापूर्ण विरोध अथवा विषय की समझ न रखते हुए केवल मतदान के रूप में की गयी टिप्पणी को भी चर्चा में नहीं गिना जा सकता।
  3. आम सहमति विक्षनरी पर सक्रिय रूप से संपादन करने वालों और इसकी समझ रखने वालों संपादकों के बीच किसी मुद्दे पर सहमति बनाने की प्रक्रिया है। अतः बिलकुल नए सदस्यों के मत गिनती से बाहर रखे जाते। चर्चा में गणनीय मत माने जाने के लिए सदस्य का कम से कम 6 माह पुराना खाता और न्यूनतम 200 संपादन (मशीनी अथवा मशीन-तुल्य नहीं) होने आवश्यक हैं। बिल्कुल नए सदस्यों अथवा आईपी संपादकों के भी उचित तर्क अथवा सकारात्मक राय और समालोचना का स्वागत है, उनकी टिप्पणियाँ - यदि उचित तर्क प्रस्तुत करती हों - उपेक्षित नहीं की जानी चाहिएँ और उनके प्रश्नों और चिंताओं का उचित उत्तर दिया जाना चाहिए - भले ही अंतिम रूप से निर्णय करते समय उनके मत को गिनती से बाहर रखा जाय।
  4. यदि कोई बिल्कुल नया प्रयोगकर्ता भी किसी प्रस्ताव पर उचित तर्कों के साथ आपत्ति प्रकट करता है और प्रस्तावक उनका उचित समाधान या उत्तर नहीं प्रस्तुत कर पाता और अन्य अनुभवी सदस्यों के द्वारा प्रस्ताव को पर्याप्त समर्थन नहीं है, तो प्रस्ताव पर आम सहमति नहीं स्थापित मानी जा सकती।
  5. आम सहमति कोई स्थाई चीज नहीं है। यह बदल सकती है, यदि नए मुद्दे सामने आएँ, या नए बेहतर विकल्प सुझाए जाएँ जिनसे विक्षनरी का हित जुड़ा हुआ हो। हाँ, पूर्व-में-स्थापित सहमति में बदलाव के लिए यह आवश्यक है कि तत्-काल में हुई चर्चा से बेहतर चर्चा हो।

प्रक्रिया[सम्पादन]

प्रस्ताव करना[सम्पादन]

सदस्यों की सहमति प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव विक्षनरी:चौपाल पर रखे जाने चाहिएँ - यदि उनके लिए पहले से कोई स्थान निर्धारित नहीं है। सहमति से निर्धारित अन्य स्थानों पर भी चर्चा शुरू करने पर चर्चा की सूचना चौपाल पर देना एक बेहतर विकल्प है और ऐसा करने का सुझाव दिया जाता है।

चर्चा के विषय का मसौदा (ड्राफ़्ट) या मज़मून, यदि बहुत बड़ा न हो, सीधे चर्चा में भी लिखा जा सकता। बड़े मसौदे, जैसे कि कोई अलग नीति प्रस्ताव इत्यादि अलग से पृष्ठ बना कर लिखे जा सकते और चर्चा में उनकी कड़ी दी जा सकती। इसी प्रकार यदि पहले से बने किसी नीति अथवा दिशानिर्देश पृष्ठ पर बदलाव करने हों तो संबंधित वार्ता पृष्ठ पर बदलाव का विवरण और मसौदा रखा जा सकता और चर्चा चौपाल पर आयोजित की जा सकती है।

प्रस्ताव यथासंभव सहज और स्पष्ट लिखा होना चाहिए। चर्चा में अन्य भागीदार प्रश्न पूछ सकते और व्याख्या की माँग कर सकते हैं।

चर्चा के दौरान, सदस्यों की राय और सुझावित सुधारों के अनुरूप मसौदे के मज़मून में सुधार और बदलाव किये जा सकते हैं।

चर्चा के दौरान[सम्पादन]

चर्चा के दौरान समर्थन अथवा विरोध अथवा तटस्थ के रूप में मत व्यक्त किये जा सकते, प्रश्न पूछे जा सकते और टिप्पणियाँ की जा सकतीं। केवल प्रश्न पूछने और टिप्पणी करने वाले प्रयोगकर्ताओं का मत तटस्थ माना जाता जब तक वे स्पष्ट रूप से समर्थन अथवा विरोध न व्यक्त करें। मत प्रतिशत की गणना में टिप्पणी/प्रश्न/समर्थन/तटस्थ/विरोध करने वाले ऐसे सभी भागीदार प्रयोगकर्ता शामिल किये जाते अगर वे 6 माह पुराना खाता और 200 न्यूनतम संपादन (मशीनी अथवा मशीन-तुल्य नहीं) रखते हैं और उचित कारण और तर्क प्रस्तुत करके अपनी राय व्यक्त कर रहे हों।

यदि चर्चा में पर्याप्त भागीदार न हों और चर्चा को अनुभवी एवं उपरोक्त रीति से अर्ह सदस्यों का पर्याप्त समर्थन न प्राप्त हो - और किसी बिलकुल नये अथवा आईपी प्रयोगकर्ता द्वारा उचित चिंता प्रकट की जा रही हो उसका समाधान प्रस्तुत करना वांछित है। भागीदारों अथवा पर्याप्त समर्थन का अभाव हो -और- उचित तर्को के साथ किसी भी संपादक द्वारा विरोध हो, तो ऐसी दशा में चर्चा को निर्विरोध नहीं माना जा सकता और सहमति स्थापित नहीं मानी जा सकती।

अवधि और समापन तथा निर्णयन[सम्पादन]

सहमति स्थापित करने के लिए चर्चा का न्यूनतम एक सप्ताह (7 दिन) चलना अनिवार्य है। इसे अधिकतम दो बार एक-एक हप्ते के लिए बढ़ाया जा सकता है, यदि सहमति का स्तर अधिक बेहतर होने कि उम्मीद हो।

मतों की गणना व्यक्त करने, निर्णय घोषित करने और चर्चा को समाप्त घोषित करने, एवं तदनुसार प्रस्ताव मेटा इत्यादि पर ले जाने का कार्य तटस्थ विक्षनरी:प्रबंधक का है।

सक्रिय तटस्थ प्रबंधक अनुपलब्ध होने की दशा में कोई भी प्रबंधक (भले ही वह चर्चा में भागीदार हो) निर्णय कर सकता है। प्रबंधकों की अनुपलब्धता की स्थिति में कोई अन्य अनुभवी तटस्थ सदस्य चर्चा का समापन एवं निर्णयन कर सकता। कुछ दशाओं में, जैसे कि सदस्य अधिकार व्यवस्थापन में, प्रस्ताव का कोई विरोध न होने की दशा में प्रस्तावक स्वयं भी एक बार बढ़ाई गई अवधि के साथ (14 दिनों बाद) प्रस्ताव को स्वीकृत घोषित कर सकता और यहाँ लागू कर सकता (या अगर आवश्यक हो मेटा पर ले जा सकता)। इसके विपरीत, पूर्व में सहमति की प्रक्रिया द्वारा स्थापित नीतियों अथवा अन्य प्रावधानों की दशा में यह कार्य नहीं किया जा सकता। ऐसी नीतिगत चर्चाओं में न्यूनतम उतने भागीदार सदस्य अवश्य होने चाहिएँ जितने पूर्व-काल में हुई चर्चा में भागीदार थे, तभी ऐसी नीतियों या प्रावधानों में बदलाव किया जा सकता।

चर्चा में भाग लेना[सम्पादन]

अर्हता
कम से कम 6 माह पुराना खाता और न्यूनतम 200 संपादन (मशीनी अथवा मशीन-तुल्य नहीं)

करणीय[सम्पादन]

यदि आप अर्ह हैं, चर्चा में अवश्य भाग लें। अपनी टिप्पणी संक्षिप्त एवं स्पष्ट रखें और समर्थन अथवा विरोध के साथ संक्षिप्त टिप्पणी अवश्य लिखें कि क्यों आप सहमत अथवा असहमत हैं। यदि आपकी टिप्पणी पर कोई प्रश्न पूछा जाता है तो उसका उचित तरीके से उत्तर दें।

सामान्य विकि शिष्टाचार का अवश्य पालन करें।

क्या न करें[सम्पादन]

  1. बिना समझे टिप्पणी न करें।
  2. बिना टिप्पणी अथवा स्पष्टीकरण के, केवल समर्थन अथवा विरोध न दर्ज करें।
  3. दुर्भावना-पूर्ण टिप्पणी अथवा व्यक्तिगत हमले और अशिष्ट आचरण न करें। टिप्पणी मुद्दे पर होनी चाहिए किसी संपादक पर नहीं। हाँ, यदि किसी संपादक सदस्य के सदस्य अधिकार संबंधी चर्चा अथवा उसके कार्यों के मूल्यांकन संबंधी चर्चा (जैसे किसी को प्रतिबंधित करने हेतु चर्चा) है तो उसके कार्यों का सहज एवं संतुलित मूल्यांकन करना हमला नहीं है। ऐसे में भी, गलतियाँ उजागर करते समय औपचारिक और सहज रहें; उपहासपूर्ण अथवा हतोत्साहित करने वाली टिप्पणियाँ न करें।
  4. मत व्यक्त करते समय एक से अधिक खातों का प्रयोग कभी न करें। मत प्रति-व्यक्ति होता है, प्रति-खाता नहीं। अपने पक्ष की प्रबलता के लिए ही अन्य समान-मत वाले सदस्यों को (चयनित रूप से) चर्चा में आमंत्रित करना अथवा किसी प्रकार से अपने पक्ष का प्रचार करना उचित नहीं है। यदि आप अधिकाधिक भागीदारी चाहते हैं तो चौपाल पर सूचना पर्याप्त है; यदि वार्ता पृष्ठ पर व्यक्तिगत संदेश देकर चर्चा में आमंत्रित करना चाहते हैं तो फिर सभी सक्रिय अर्ह सदस्यों को तटस्थ भाव से आमंत्रित करें।
  5. सहमति स्थापित करने की चर्चा युद्ध-का-मैदान नहीं है। संतुलित एवं सकारात्मक व्यवहार करें। अपनी बात तर्क के साथ रखें और तर्कों से ही अपने पक्ष की प्रबलता साबित करें ज़िद से नहीं।
  6. चर्चा में व्यर्थ भटकाव या विचलन न पैदा करें। टिप्पणियाँ यथा-संभव उपस्थित मुद्दे से संबंधित ही रखें।
  7. यदि असहमत हैं, बेहतर है यथासंभव सुधार सुझाएँ। चीजों को बेहतर बनाने हेतु सकारत्मक रहें। ध्यान दें, किसी मुद्दे पर उचित विरोध व्यक्त करना नकारात्मक व्यवहार नहीं है; यदि किसी प्रस्ताव से विक्षनरी को हानि हो सकती है तो उस प्रस्ताव का विरोध करना भी एक सकारात्मक कार्य ही है। वहीं किसी ऐसे विघटनकारी प्रस्ताव का समर्थन करना भी नकारात्मक कार्य ही होगा।

यह भी देखें[सम्पादन]