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विक्षनरी:हिंदी–हिंदी शब्दकोश/क

विक्षनरी से
शब्द व्याकरण-१ व्या-२ व्या-३ व्या-४ व्या-५ अर्थ-१ अर्थ-२ अर्थ-३ अर्थ-४ अर्थ-५
कंगाल पुंलिंग - - - - अभाव से पीड़ित, अति निर्धन। - - - -
कंघा पुंलिंग - - - - बाल झाड़ने या संवारने का एक उपकरण। - - - -
कंजूस विशेषण - - - - धन संग्रह के लालच में कष्ट सहकर हीन अवस्था में रहने वाला व्यक्ति, कृपण। - - - -
कंठ पुंलिंग पुंलिंग - - - गला; गले से निकला हुआ स्वर। - - -
कंधा पुंलिंग - - - - मनुष्य के शरीर की बांह का वह ऊपरी भाग या जोड़, जो गले के नीचे धड़ से जुड़ा रहता है। - - - -
कंपकंपी स्त्रीलिंग - - - - भय, शीत आदि के कारण शरीर में होने वाली थर्राहट, जिसमें एक प्रकार की स्वरता होती है, कंपन। - - - -
कंबल पुंलिंग - - - - बहुत मोटी ऊनी चादर जो प्राय: ओढने के काम आती है। - - - -
कई विशेषण विशेषण - - - एकाधिक लोग; कुछ। - - -
कक्ष पुंलिंग - - - - किसी इमारत या भवन का कोई भीतरी भाग, कमरा या खंड। - - - -
कक्षा स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - विद्यार्थियों का वर्ग या श्रेणी जिसमें उन्हें एक साथ एक ही प्रकार की शिक्षा दी जाती है, दर्जा; आकाश में ग्रहों के भ्रमण का गोलाकार मार्ग (ऑर्बिट)। - - -
कचहरी स्त्रीलिंग - - - - न्यायालय, अदालत। - - - -
कचोटना अकारात्मक क्रिया - - - - किसी दु:खद बात से बार-बार मन में पीड़ा या वेदना होना, गड़ना। - - - -
कच्चा विशेषण विशेषण - - - (खाद्य पदार्थ) अधपका; (फल, फसल आदि) जो परिपक्व न हुआ हो। - - -
कटघरा पुंलिंग पुंलिंग - - - काठ का जंगलेदार घेरा जिसमें जानवरों को रखते हैं; कचहरी में वह स्थान जिसमें अभियुक्त खड़े होते है। - - -
कटार स्त्रीलिंग - - - - छोटी, छुरी। - - - -
कटु विशेषण विशेषण - - - जिसके स्वाद में कड़वापन हो; अप्रिय, बुरा लगने वाला। - - -
कट्टर विशेषण - - - - पक्का, दृढ़ निश्चयी, सिद्धांतवादी। - - - -
कठपुतली स्त्रीलिंग - - - - काठ (लकड़ी) की बनी हुई पुतली जिसे धागे या तार की सहायता से नचाया जाता है। - - - -
कठिन विशेषण विशेषण - - - जो सरलता से न हो सके, मुश्किल; कठोर, सख्त। - - -
कठोर विशेषण विशेषण - - - कड़ा, सख्त; निर्दयी, निष्ठुर। - - -
कड़कना अकारात्मक क्रिया - - - - कड़कड़ का शब्द होना। - - - -
कड़वा विशेषण विशेषण विशेषण - - स्वाद में कसैला या कटु; कटु प्रकृति का; अप्रिय। - -
कड़ा पुंलिंग विशेषण - - - धातु का बड़ा छल्ला। सख्त, कठोर। - - -
कढ़ाई स्त्रीलिंग - - - - बेलबूटे निकालने का या बनाने का काम। - - - -
कतरन स्त्रीलिंग - - - - कपड़े, कागज, धातु आदि के छोटे-छोटे रद्दी टुकड़े। - - - -
कतरना सकारात्मक क्रिया - - - - कपड़े, कागज या धातु आदि की चादर को कैंची से काट कर दो या अनेक भागों में करना। - - - -
कतरनी स्त्रीलिंग - - - - कतरने का उपकरण, कैची। - - - -
कतराना अकारात्मक क्रिया - - - - बचना। - - - -
कतार स्त्रीलिंग - - - - पंक्ति। - - - -
कत्था पुंलिंग - - - - खैर की लकड़ी का सत जो पान में लगा कर खाया जाता है। - - - -
कथनी स्त्रीलिंग - - - - कही हुई बात, उक्ति। - - - -
कथा स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - किस्सा, कहानी, उपन्यास आदि; पौराणिक आख्यान जो धर्मोपदेश के रूप में लोगों को सुनाया जाए। - - -
कथानक पुंलिंग - - - - किसी रचना (महाकाव्य, उपन्यास, नाटक आदि) की कथा-वस्तु। - - - -
कद पुंलिंग - - - - (व्यक्ति की) ऊंचाई। स्तर - - -
कनक पुंलिंग पुंलिंग - - - सोना, स्वर्ण; धतूरा। - - -
कन्यादान पुंलिंग - - - - विवाह में वर को कन्या का दान करने की रस्म। - - - -
कपट पुंलिंग पुंलिंग विशेषण - - छलपूर्ण मिथ्या आचरण, दुराव; धोखा। छलपूर्ण। - -
कपड़ा पुंलिंग पुंलिंग - - - कपास, ऊन आदि के धागों से बनी हुई वस्तु जो ओढ़ने, बिछाने, पहनने आदि के काम आती है; पहनावा, पोशाक। - - -
कपाट पुंलिंग पुंलिंग - - - किवाड़, दरवाजे के पल्ले; दरवाजा, द्वार। - - -
कपास स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - एक प्रसिद्ध पौधा जिसके ढोंढ (फल) में से रुई निकलती है (कॉटन); इस पौधे के फलों के तंतु जिससे सूत काता जाता है। - - -
कपूत पुंलिंग - - - - बुरे आचरण वाला पुत्र, नालायक बेटा; - - - -
कपूर पुंलिंग - - - - सफेद रंग का एक सुगंधित धन पदार्थ जो हवा में रखने से भाप बन कर उड़ जाता है (कैंफर)। - - - -
कपोल पुंलिंग - - - - गाल (चीक)। - - - -
कफन पुंलिंग - - - - सिला अथवा बिना सिला कपड़ा जिसमें शव को लपेट कर दफनाया या जलाया जाता है। - - - -
कब क्रिया विशेषण - - - - किस समय? किस वक्त? - - - -
कबाड़ी पुंलिंग - - - - टूटी-फूटी या पुरानी चीजें खरीदने या बेचने वाला। - - - -
कबूलना सकारात्मक क्रिया - - - - मान लेना, स्वीकार करना। - - - -
कब्जा पुंलिंग - - - - किसी वस्तु पर होने वाला अधिकार जिसके अनुसार उस वस्तु का उपयोग किया जाता है। - - - -
कब्रिस्तान पुंलिंग - - - - शव दफनाने के लिए नियत स्थान। - - - -
कभी क्रिया विशेषण - - - - किसी समय, किसी अवसर पर। - - - -
कमंडल पुंलिंग - - - - संन्यासियों का जलपात्र जो धातु, मिट्टी, तुपड़ी अथवा नारियल आदि का बना होता हैं। - - - -
कम विशेषण - - - - परिमाण, मात्रा, संख्या आदि के विचार से घट कर या थोड़ा। - - - -
कमज़ोर विशेषण - - - - दुर्बल, अशक्त, असमर्थ। - - - -
कमर स्त्रीलिंग - - - - शरीर का मध्य भाग, कटि। - - - -
कमरबंद पुंलिंग - - - - कमर में बांधने का एक दुप्पटा। - - - -
कमरा पुंलिंग - - - - कक्ष, कोठरी। - - - -
कमल पुंलिंग - - - - जलाशयों में हाने वाला एक पौधा जिसमें चौड़ी पंखुड़ियों वाले हल्के लाल, नीले, पीले या सफेद रंग के फूल होते है (लोटस)। - - - -
कमान स्त्रीलिंग - - - - धनुष। नियंत्रण सेना का एक अंग जिसे कमान या कमांड कहते हैं - -
कमाना सकारात्मक क्रिया - - - - कोई व्यवसाय करके अर्थिक लाभ पाना, उपार्जन करना। - - - -
कमी स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - कम होने की स्थिति अथवा भाव; त्रुटि; अभाव। - -
कर पुंलिंग पुंलिंग - - - हाथ; सरकार द्वारा जनता से उगाहा हुआ धन (टैक्स)। - - -
करघा पुंलिंग - - - - कपड़ा बुनने का एक यंत्र, खड्डी। - - - -
करना सकारात्मक क्रिया - - - - किसी कार्य का संपादन। - - - -
करनी स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - कार्य, कर्म; राजगीरों का एक प्रसिद्ध उपकरण, जिससे गारा या मसाला उठाकर दीवारों आदि पर थोपा, पोता या लगाया जाता है। अनुचित या हीन आचरण (बोलचाल में)। - -
करवट स्त्रीलिंग - - - - बैठने, लेटने आदि में शरीर का वह पार्श्व या बल जिस पर शरीर का सारा भार पड़ता है। - - - -
करारा विशेषण विशेषण - - - कुरकुरा; तेज, उत्कट, उग्र (कार्य, उत्तर)। - - -
कराहना अकारात्मक क्रिया - - - - पीड़ा या वेदना के समय व्यथा-सूचक शब्द का मुँह से निकलना। - - - -
करुण विशेषण विशेषण विशेषण - - दयालु; दु:खद; साहित्य में एक रस। - -
करोड़पति पुंलिंग - - - - वह जिसके पास करोड़ों रुपये अथवा करोड़ों की संपत्ति हो। - - - -
कर्ज़ पुंलिंग - - - - उधार लिया हुआ धन, ऋण। - - - -
कर्त्तव्य पुंलिंग पुंलिंग - - - ऐसा काम जिसे पूरा करना आवश्यक हो, धर्म; ऐसा कार्य जिसे संपादित करने के लिए लोग विधान या शासन द्वारा बंधे हों। - - -
कर्त्ता पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - करने या बनाने वाला, रचयिता, निर्माता; हिंदी व्याकरण में पहला कारक; धर या परिवार का स्वामी (धर्मशास्त्र और विधि के क्षेत्र में)। - -
कर्त्ता-धर्त्ता पुंलिंग - - - - वह व्यक्ति जिसको किसी कार्य या विषय के सभी अधिकार प्राप्त हों। - - - -
कर्म पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - वह जो किया जाए, काम कार्य; पूर्व जन्म में किए गए कार्य; शास्त्रीय विधान से युक्त धार्मिक कार्य; व्याकरण में वाक्य का वह पद जिसपर कर्त्ता की क्रिया का प्रभाव पड़ता है, हिंदी व्याकरण में दूसरा कारक। -
कर्मठ विशेषण विशेषण - - - काम में कुशल; मेहनती। - - -
कलंक पुंलिंग पुंलिंग - - - दाग, धब्बा; लांछन, निन्दा। - - -
कल पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग स्त्रीलिंग - आज के दिन से ठीक पहले का बीता हुआ दिन; आज के दिन के ठीक बाद में आने वाला दिन; चैन, आराम। मशीन, यंत्र, पुर्ज़ा। -
कलई स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - सफेद रंग का प्रसिद्ध खनिज पदार्थ, रांगा; चूने की पुताई, सफेदी; मिथ्या आचरण या दिखावटी रूप। - -
कलफ पुंलिंग - - - - चावल, अरारोट आदि को पका कर बनाई हुई पतली लेई जिसे धुले कपड़ों पर लगाकर उनकी तह कड़ी की जाती है, मांड। - - - -
कलम स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - लेखनी; चित्र बनाने की कूची; पेड़-पौधों की वे टहनियां जो काट कर दूसरी जगह गाड़ी या लगाई जाती हैं कि उन से उसी प्रकार के नए पेड़-पौधे उगें। - -
कलरव पुंलिंग पुंलिंग - - - पक्षियों के चहकने का कोमल और मधुर शब्द; मधुर तथा रसीली ध्वनि। - - -
कलश पुंलिंग पुंलिंग - - - धड़ा, कलसा; मंदिरों आदि के शिखर पर लगा हुआ घड़े के आकार का कंगूरा। - - -
कलह पुंलिंग पुंलिंग - - - घरेलू झगड़ा, विवाद; युद्ध। - - -
कला स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - हुनर (आर्ट); चन्द्र या सूर्य का अंश। - - -
कलाकार पुंलिंग - - - - कला की साधना करने वाला (आर्टिस्ट)। - - - -
कलाबाजी स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - सिर नीचा करके उलट जाने की क्रिया या खेल; कलापूर्ण ढंग से दिखाए जाने वाले अद्भुत शारीरिक खेल। - - -
कलियुग पुंलिंग - - - - पुराणानुसार चार युगों में से चौथा युग जो आजकल चल रहा है। - - - -
कली स्त्रीलिंग - - - - फूल का वह आरंभिक रूप जिसमें पंखुड़ियां खिली या खुली न हो। - - - -
कलुष पुंलिंग - - - - पातक, पाप। - - - -
कलेजा पुंलिंग पुंलिंग - - - यकृत, जिगर, दिल; जीवट, साहस। - - -
कल्पना स्त्रीलिंग - - - - वह क्रियात्मक मानसिक शक्ति जो अन्त:करण में अवास्तविक वस्तुओं के स्वरूप को उपस्थित करके काव्य, चित्र आदि के रूप में अभिव्यक्त होती है। - - - -
कल्प-वृक्ष पुंलिंग - - - - पुराणानुसार देवलोक का एक वृक्ष जो सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला होता है। - - - -
कल्याण पुंलिंग पुंलिंग - - - हित, भलाई, समृद्धि; मंगल, शुभ। - - -
कवि पुंलिंग - - - - वह जो कविता या काव्य की रचना करता हो। - - -
कविता स्त्रीलिंग - - - - लय प्रधान तथा शब्द-बद्ध साहित्यिक रचना जो प्राय: छंदों में होती है, काव्य। - - - -
कष्ट पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - पीड़ा; मुसीबत, आपत्ति; मेहनत, श्रम। - -
कसना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया - - - बन्धन कड़ा करना; सोने की जाँच के लिए उसकी परीक्षा करना। - - -
कसबा (कस्बा) पुंलिंग - - - - छोटा शहर। - - - -
कसम स्त्रीलिंग - - - - धर्म ईश्वर आदि को साक्षी मान कर कही जाने वाली बात, शपथ। - - - -
कसर स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - कमी, न्यूनता; दोष, विकार। - - -
कसरत स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - स्वास्थ्य की रक्षा तथा सुधार के लिए की जाने वाली आंगिक अथवा शरीरिक क्रियाएँ, व्यायाम; परिश्रम, आयास। - - -
कसाई पुंलिंग - - - - पशुओं आदि की हत्या करके उनके मांस को बेचने का व्यवसाय करने वाला, बूचड़। - - - -
कसूर (कुसूर) पुंलिंग पुंलिंग - - - दोष, अपराध; त्रुटि, भूल। - - -
कसैला विशेषण - - - - जिसके स्वाद से जीभ में हल्की ऐंठन या कुछ तनाव हो। आंवले, फिटकरी, सुपारी आदि के स्वाद-का सा, कषाय। - - - -
कसौटी स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - एक प्रकार का काला पत्थर जिस पर रगड़ कर सोने की परख की जाती है; महत्व या मूल्य आंकने का कोई मानक आधार। - - -
कस्तूरी स्त्रीलिंग - - - - एक प्रसिद्ध सुगंधित पदार्थ जो एक विशेष मृग की नाभि के पास थैली में पाया जाता है, (मस्क)। - - - -
कहकहा पुंलिंग - - - - जोर की हंसी, ठहाका। - - - -
कहना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया पुंलिंग पुंलिंग शब्द द्वारा भाव व्यक्त करना; सूचना देना अथवा घोषणा करना; समझाना-बुझाना। कथन, बात; आदेश।
कहाँ क्रिया विशेषण - - - - किस स्थान पर? किस स्थिति में? किस अवसर पर? - - - -
कहानी स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - कथा, किस्सा; मनगढंत बात। - - -
कहावत स्त्रीलिंग - - - - ऐसा बंधा हुआ लोक-प्रचलित कथन या वाक्य जिसमें कोई तथ्य या अनुभव की बात संक्षेप में चामत्कारिक ढंग से कही गई हो (प्रोवर्ब)। - - - -
काँखना अकारात्मक क्रिया अकारात्मक क्रिया - - - मल-त्याग के समय आँतों या पेट को इस प्रकार कुछ जोर से दबाना कि मुँह से 'आह' या 'ऊँह' शब्द निकले; कठिन या विशेष परिश्रम का काम करते समय उक्त प्रकार की चेष्टा या शब्द करना। - - -
कांच पुंलिंग - - - - शीशा। - - - -
कांटा पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - विशिष्ट प्रकार के पेड़-पौधों की डालियों आदि पर निकले हुए सुई की तरह नुकीले और कड़े अंकुर, कंटक; तराजू; धातु का एक उपकरण जिससे खाने की चीज़ें उठाकर खाई जाती हैं। - -
कांति स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - चमक, आभा; शोभा, सौन्दर्य। - - -
कांपना अकारात्मक क्रिया - - - - क्रोध, भय, शीत आदि के कारण शरीर का रह-रह कर हिलना, थरथराना। - - - -
कागज पुंलिंग पुंलिंग - - - सन, बाँस चीथड़े आदि की लुगदी से बनाया गया पत्र जो लिखने-छापने आदि के काम आता है (पेपर); ऐसा आवश्यक पत्र, प्रलेख आदि जिसका विधिक महत्व हो। - - -
काजल पुंलिंग - - - - तेल, घी आदि के जलने से होने वाले धुँए की कालिख जो सुरमे की तरह लाभ या सुन्दरता के लिए आँख में लगाई जाती है; अंजन। - - - -
काट-छांट स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - किसी वस्तु का फालतू अंश काट कर अलग कर देने अथवा निकाल देने की क्रिया या भाव; कमी-बेशी, घटाव, बढ़ाव। - - -
काटना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया - औज़ार या शस्त्र आदि की धार से किसी वस्तु के दो या अधिक टुकड़े करना; डंक मारना या दांत गड़ा कर घाव कर देना; कलम की लकीर से किसी लिखावट को रद्द करना; खंडन करना, अमान्य ठहराना। -
काठ पुंलिंग पुंलिंग - - - लकड़ी, काष्ठ; जलाने की लकड़ी, ईंधन। - - -
काढ़ना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया - - - किसी वस्तु के भीतर से कोई चीज बाहर निकालना, निकालना; पत्थर, लकड़ी या कपड़े आदि पर बेल-बूटे बनाना। - - -
कातना सकारात्मक क्रिया - - - - रूई, ऊन, रेशम आदि बट कर धागा बनाना। - - - -
काना विशेषण विशेषण - - - जिसकी एक आंख खराब या विकृत हो गई हो या फूट गई हो; वे फल आदि जिनका कुछ भाग कीड़ों आदि ने खा लिया हो। - - -
कानून पुंलिंग पुंलिंग - - - राज्य नियम, विधि; किसी वर्ग या समाज में प्रचलित सर्वमान्य नियम या रूढ़ियाँ। - - -
काफी विशेषण स्त्रीलिंग - - - पर्याप्त, यथेष्ट। एक प्रकार का पेय, कहवा। - - -
काम पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग अपने-अपने विषयों के भोग की ओर होने वाली इंद्रियों की स्वाभाविक प्रवृति; इच्छा, अभिलाषा, कामना; कार्य, कृत्य; धंधा, व्यापार, नौकरी; वास्ता, मतलब।
कामधेनु स्त्रीलिंग - - - - पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध गौ जो सब प्रकार की कामनाएँ पूरी करने वाली मानी गई है, सुरभी (सुरभि)। - - - -
कामना स्त्रीलिंग - - - - अभीष्ट, हार्दिक इच्छा। - - - -
कामयाब विशेषण - - - - जिसे सफलता प्राप्त हुई हो, सफल। - - - -
कायम विशेषण - - - - स्थिर, पक्का, दृढ़। - - - -
कायर विशेषण - - - - उत्साह, बल या साहस से रहित, भीरू, डरपोक। - - - -
कायाकल्प पुंलिंग पुंलिंग - - - जिस क्रिया या व्यवस्था से काया की पूरी तरह शुद्धि हो जाए और वह अपना काम ठीक तरह से करने लगे; औषध के प्रभाव से वृद्ध शरीर को पुन: तरुण और सबल करने की क्रिया या चिकित्सा। - - -
कारखाना पुंलिंग - - - - वह स्थान जहाँ यंत्रों आदि की सहायता से किसी वस्तु का वांछित परिमाण में उत्पादन किया जाता है। - - - -
कारण पुंलिंग पुंलिंग - - - प्रेरक घटना या परिस्थिति; हेतु, उद्देश्य, प्रयोजन, वजह। - - -
कारतूस पुंलिंग - - - - बंदूक, रिवाल्वर आदि में रखकर चलाई जाने वाली धातु, दफ्ती आदि की बनी हुई खोली, जिसमें धातु की गोली और बारूद भरा होता है। - - - -
कारस्तानी (करिस्तानी) स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - किसी को हानि पहुँचाने के उद्देश्य से गुप्त रूप से की हुई कोई युक्ति, चालबाजी; अनुचित काम, करतूत। - - -
कारावास पुंलिंग - - - - बंदीगृह में रहने का दंड। - - - -
कारीगर पुंलिंग - - - - छोटे-मोटे उपकरणों की सहायता से वस्तुओं की रचना या मरम्मत करने वाला (आर्टीजन)। - - - -
कार्य पुंलिंग पुंलिंग - - - वह जो किया जाए या किया गया हो, काम; व्यवसाय, धंधा, नौकरी। - - -
कार्यकर्त्ता पुंलिंग पुंलिंग - - - काम करने वाला व्यक्ति; कर्मचारी। - - -
कार्यकारिणी स्त्रीलिंग - - - - किसी संस्था आदि का कार्य चलाने वाली समिति। - - - -
कार्यक्रम पुंलिंग पुंलिंग - - - किसी उद्देश्य से किए जाने वाले कार्यें की पहले से तैयार की गई क्रम-सूची; उक्त सूचि के अनुसार होने वाला कार्य। - - -
कार्यपालिका स्त्रीलिंग - - - - शासन का वह विभाग जो संसद द्वारा पारित विधियों को कार्य रूप में परिणत करता तथा उनका निष्पादन करता हो (एक्जेक्टिव)। - - - -
कार्यवाही (कार्रवाई) स्त्रीलिंग - - - - किसी कार्य के संपादन के समय होने वाली या की जाने वाली आवश्यक क्रियाएँ; - - - -
कार्यालय पुंलिंग - - - - वह स्थान या भवन जहाँ कार्य विशेष के निर्वाह के लिए कुछ लोग नियमित रूप से काम करते हैं, दफ्तर। - - - -
काल पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - समय; मौत, मृत्यु; क्रियाओं से सूचित वह तत्व जिससे किसी घटना या बात के घटित होने के समय ज्ञान होता है। - -
काला विशेषण विशेषण विशेषण - - जो काले रंग का हो, कृष्ण, श्याम; जिसमें प्रकाश न हो, अंधकार पूर्ण; अनुचित, कलंकित, लांछित। - -
काला बाजार पुंलिंग - - - - कानून-विरोधी व्यापार (ब्लैक मार्किट) - - - -
कालीन पुंलिंग विशेषण - - - ऊन, सूत आदि का बना हुआ एक प्रकार का मोटा बिछावन जिस पर रंग-बिरंगे बेल-बूटे आदि होते हैं, गलीचा। काल विशेष से संबधित या उसमें होने वाला। - - -
काल्पनिक विशेषण विशेषण - - - मनगढ़ंत; कल्पित, कल्पनाप्रसूत। - - -
काव्य पुंलिंग - - - - पद्यात्मक साहित्यिक रचना, कविता आदि। - - - -
काश्तकार पुंलिंग पुंलिंग - - - किसान, खेतिहर; वह व्यक्ति जिसने जमींदार को लगान देकर उसकी जमीन पर खेती करने का स्वत्व प्राप्त किया हो। - - -
काष्ट पुंलिंग - - - - लकड़ी, काठ। - - - -
किताब स्त्रीलिंग - - - - पुस्तक, ग्रंथ। - - - -
किनारा पुंलिंग पुंलिंग - - - किसी वस्तु का अंतिम छोर, सिंरा; नदी या समुद्र का छोर, तट। - - -
किफायत स्त्रीलिंग - - - - किसी चीज के उपयोग में या व्यय में की जाने वाली कमी, बचत। - - - -
किरकिरा विशेषण - - - - वह वस्तु जिसमें महीन और कड़े कंकड, बालू आदि के कण मिले हों। - - - -
किराना पुंलिंग - - - - पंसारी या बनिए की दुकान में मिलने वाला समान-दाल, मसालें आदि। - - - -
किराया पुंलिंग पुंलिंग - - - भाड़ा; किसी की अचल संपत्ति का उपयोग करने के बदले में उसे दिया जाने वाला धन। - - -
किरायेदार पुंलिंग - - - - किसी की अचल संपत्ति किराये पर लेने वाला व्यक्ति। - - - -
किलकारी स्त्रीलिंग - - - - बच्चे की हर्ष ध्वनि। - - - -
किला पुंलिंग - - - - दुर्ग, गढ़। - - - -
किवाड़ पुंलिंग - - - - दरवाजे का पल्ला, कपाट। - - - -
किशोर विशेषण - - - - बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का अर्थात् ग्यारह से पंद्रह वर्ष तक की अवस्था का बालक। - - - -
किसान पुंलिंग - - - - खेती करने वाला, कृषक। - - - -
किस्त स्त्रीलिंग - - - - किसी ऋण या देनदारी का वह भाग जो किसी निश्चित समय पर दिया जाय (इनस्टालमैंट)। - - - -
किस्म स्त्रीलिंग - - - - प्रकार, गुण, धर्म। - - - -
किस्सा पुंलिंग - - - - विवरणात्मक रूप में लिखी या कही गई घटना, कहानी, वृत्तांत। - - - -
कीचड़ पुंलिंग - - - - पानी मिली धूल या मिट्टी, पंक, कर्दम। - - - -
कीट पुंलिंग - - - - रेंगने या उड़ने वाला छोटा जीव, कीड़ा। - - - -
कीटाणु पुंलिंग पुंलिंग - - - बहुत छोटे कीड़े; ऐसे बहुत छोटे कीड़े जो कई प्रकार के रोगों के मूल कारण माने जाते हैं। - - -
कीडा पुंलिंग - - - - उड़ने या रेंगने वाला छोटा जंतु, कीट। - - - -
कीमत स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - दाम, मूल्य; महत्व। - - -
कीमती विशेषण विशेषण - - - अधिक कीमत या मूल्य का, मूल्यवान; महत्त्वपूर्ण। - - -
कीर्ति स्त्रीलिंग - - - - यश, ख्याति। - - - -
कुंज पुंलिंग - - - - झाड़ियों, लताओं आदि से घिरा हुआ, प्राय: गोलाकार स्थान। - - - -
कुंजी स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - वह उपकरण जिससे ताला खोला और बंद किया जाता है, चाबी, ताली; ऐसी सहायक पुस्तक जिसमें किसी दूसरी कठिन पुस्तक के अर्थ स्पष्ट किए गए हों; ऐसा सरल साधन जिससे कोई उद्देश्य सहज में सिद्ध हो। - -
कुंभ पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - धातु, मिट्टी आदि का बना पानी रखने का एक पात्र, घड़ा, कलश; ज्योतिष में ग्यारहवीं राशि; प्रति बारहवें वर्ष मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध पर्व जो सूर्य और बृहस्पति की कुछ विशेष राशियों में प्रविष्ट होने के समय आता है। - -
कुकर्म पुंलिंग - - - - बुरा काम, निंदनीय कर्म। - - - -
कुचक्र पुंलिंग - - - - किसी को हानि पहुंचाने के लिए बनाई गई छलपूर्ण योजना। - - - -
कुचलना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया - - किसी पदार्थ को इस प्रकार पीसना कि वह बिलकुल महीन हो जाए; आघात, प्रहार आदि से दबा कर घायल या बेकार कर देना; रौंदना। - -
कुछ विशेषण क्रिया विशेषण सर्वनाम सर्वनाम - थोड़ी संख्या या मात्रा का, अल्प, कम जरा-सा, थोड़ा-सा। अज्ञात, अनिर्दिष्ट या अनिश्चित परिणाम, मात्रा या रूप में। कोई अज्ञात अनिर्दिष्ट या अनिश्चित वस्तु या बात; कोई हानिकारक चीज या बात। -
कुटिया स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - घास-फूस का बना छोटा मकान या घर, झोंपड़ी, कुटी; साधु-संतों आदि के रहने की झोंपड़ी। - - -
कुटिल विशेषण विशेषण - - - टेढ़ा; मन में छल, कपट, द्वेष आदि रखने और छिपकर बदला लेने वाला, कपटी, दुष्ट। - - -
कुटीर-उद्योग पुंलिंग - - - - ऐसे छोटे-मोटे काम जिन्हें लोग घर में ही करके जीविका निर्वाह के लिए धन कमा सकते हैं, घरेलू-उद्योग। - - - -
कुटुंब पुंलिंग - - - - परिवार। - - - -
कुढ़ना अकारात्मक क्रिया - - - - मन ही मन दुखी और विकल होना। - - - -
कुतरना सकारात्मक क्रिया - - - - दांत से छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में काटना। - - - -
कुतूहल पुंलिंग पुंलिंग - - - किसी नई और अनोखी चीज को जानने के लिए मन में होने वाली प्रबल इच्छा, जिज्ञासा; आश्चर्य। - - -
कुप्पी स्त्रीलिंग - - - - तेल, चिकनाई आदि रखने या डालने के लिए छोटा पात्र। - - - -
कुबड़ा पुंलिंग - - - - ऐसा व्यक्ति जिसकी पीठ टेढ़ी हो गई हो या झुकी हुई हो (हंच बैक)। - - - -
कुमकुम पुंलिंग पुंलिंग - - - केसर; रोली। - - -
कुमुदिनी स्त्रीलिंग - - - - एक प्रकार का पौधा जिसमें कमल की तरह के सफेद पर छोटे-छोटे फूल लगते हैं तथा जो रात में खिलते हैं, कुई। - - - -
कुम्हलाना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया - - - मुरझाना; चेहरे का रंग फीका पड़ना। - - -
कुल पुंलिंग विशेषण - - - खानदान, घराना, वंश। पूरा सारा। - - -
कुल देवता पुंलिंग - - - - वह देवता जिसकी पूजा किसी कुल में परम्परा से होती आई हो। - - - -
कुलीन विशेषण - - - - उच्च कुल में उत्पन्न, ख़ानदानी। - - - -
कुल्हड़ पुंलिंग - - - - मिट्टि का बना हुआ छोटा पात्र। - - - -
कुशल विशेषण विशेषण पुंलिंग - - चतुर, होशियार; जिसने कोई काम अच्छी तरह करने की शिक्षा पाई हो, प्रशिक्षित (स्किल्ड)। खैरियत, राजी-खुशी। - -
कुश्ती स्त्रीलिंग - - - - एक प्रसिद्ध भारतीय खेल जिसमें दो व्यक्ति अपने शारीरिक बल तथा दांव-पेच से एक दूसरे को चित करने का पयत्न करते हैं (रैस्लिंग)। - - - -
कुष्ठ पुंलिंग - - - - एक संक्रामक रोग जिसमें शरीर की त्वचा, नसें आदि सड़ने-गलने लगती है; कोढ़। - - - -
कुसुम पुंलिंग - - - - पुष्प, फूल। - - - -
कूंची (कूची) स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - चित्रकार की वह कलम जिससे वह चित्रों में रंग आदि भरता है, तूलिका; मूंज आदि का बनाया हुआ एक प्रकार का ब्रुश जिससे दीवारों पर पुताई की जाती है। - - -
कूंआ (कुआं, कुवां) पुंलिंग - - - - पानी निकालने के लिए जमीन में खोदा हुआ गहरा तथा गोल गड्ढा, कूप। - - - -
कूटना सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया सकारात्मक क्रिया - - किसी चीज को महीन करने के लिए उस पर भारी वस्तु से बार-बार मार करना; ठोंकना, पीटना; भूसी अलग करने के लिए धान को ऊखल (ओखली) में रख कर मूसल आदि से उस पर बार-बार आघात करना। - -
कूटनीति स्त्रीलिंग - - - - व्यक्तियों या राष्ट्रों के पारस्परिक व्यवहार में दांव-पेच की नीति, छिपी हुई चाल। - - - -
कूदना अकारात्मक क्रिया अकारात्मक क्रिया - - - किसी ऊँचे स्थान से नीचे स्थान की ओर बिना किसी सहारे के छलांग लगाना; किसी काम या बात के बीच झट आ पहुंचना या दखल देना। - - -
कृतघ्न विशेषण - - - - उपकार को न मानने वाला - - - -
कृतज्ञ विशेषण - - - - उपकार को मानने वाला - - - -
कृतार्थ विशेषण विशेषण - - - जिसका उद्देश्य सिद्ध हो गया हो; जो अपने उद्देश्य के सिद्ध हो जाने के कारण संतुष्ट हो। - - -
कृत्रिम विशेषण विशेषण - - - जो प्राकृतिक न हो, मानव निर्मित; बनावटी, दिखावटी। - - -
कृपा स्त्रीलिंग - - - - अनुग्रह, दया। - - - -
कृषि स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - खेतों को जोतने-बोने और उनमें अन्न आदि उपजाने का काम, खेती-बारी; फसल। - - -
केंद्र पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - किसी गोले या वृत के बीच का वह बिंदु जिससे उस गोले या वृत की परिधि का प्रत्येक बिंदु बराबर दूरी पर पड़ता है (सेंटर); मध्य भाग; वह मूल या मुख्य स्थान जहाँ से चारों ओर दूर-दूर तक फैले हुए कार्यों की व्यवस्था तथा संचालन होता है। - -
केवल विशेषण क्रिया विशेषण - - - जिसका या जितने का उल्लेख किया जाए वही या उतना ही। मात्र, सिर्फ - - -
केश पुंलिंग - - - - सिर के बाल। - - - -
कै स्त्रीलिंग - - - - उलटी, वमन। - - - -
कैद स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - अपराधियों को दंड देने के लिए बंद स्थान में रखना, कारावास; बंधन। - - -
कैदी पुंलिंग - - - - वह जिसे कैद अर्थात् बंधन में रखा गया हो, बंदी। - - - -
कोंपल स्त्रीलिंग - - - - पेड़-पौधों आदि में से निकलने वाली नई मुलायम पत्तियाँ, कल्ला। - - - -
कोई सर्वनाम विशेषण क्रिया विशेषण - - दो या दो से अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों आदि में से ऐसी वस्तु या व्यक्ति, जिसका निश्चित उल्लेख या परिज्ञान हो। न जाने कौन एक, बहुतों में से चाहे जो एक लगभग। - -
कोठरी स्त्रीलिंग - - - - छोटा कमरा। - - - -
कोठी स्त्रीलिंग - - - - बहुत बड़ा, ऊँचा और पक्का मकान। - - - -
कोतवाल पुंलिंग - - - - पुलिस का वह प्रधान कर्मचारी जिसके अधीन कई थाने और बहुत-से सिपाही होते हैं। - - - -
कोतवाली स्त्रीलिंग - - - - कोतवाल का मुख्यालय। - - - -
कोमल विशेषण विशेषण - - - जिसके देखने, सुनने अथवा स्पर्श से प्रिय अनुभूति तथा सुखद संवेदन होता हो; जो सहज में काटा, तोड़ा या मोड़ा जा सके। - - -
कोरा विशेषण - - - - जो अभी तक उपयोग या व्यवहार में न लाया गया हो, बिलकुल ताजा और नया। - - - -
कोलाहल पुंलिंग - - - - बहुत से लोगों के बोलने अथवा चीखने-चिल्लाने से होने वाला घोर शब्द, शोर। - - - -
कोल्हू पुंलिंग - - - - बीजों आदि को पैर कर उनका तेल और गन्ने आदि पेर कर रस निकालने का एक यंत्र। - - - -
कोश (कोष) पुंलिंग पुंलिंग - - - वह ग्रंथ जिसमें किसी विशेष क्रम से शब्द और उनके अर्थ दिए हों, शब्द कोश; इकट्ठा किया हुआ धन आदि। - - -
कोशकार पुंलिंग - - - - शब्द कोश के लिए शब्दों का संग्रह तथा उनका संपादन करने वाला। - - - -
कोशिश स्त्रीलिंग - - - - प्रयत्न, चेष्टा। - - - -
कोषाध्यक्ष पुंलिंग - - - - वह कर्मचारी जिसके पास कोष रहता है, खजांची। - - - -
कोष्ठक पुंलिंग - - - - (), [ ] और { } चिह्नो में से कोई एक जिसमें अंक शब्द, पद आदि विशेष स्पष्टीकरण के लिए संकेत रूप में अथवा ऐसे ही किसी और उद्देश्य से रखे जाते हैं। - - - -
कोसना अकारात्मक क्रिया - - - - सताये जाने पर किसी की अशुभ कामना करना। - - - -
कौंधना अकारात्मक क्रिया - - - - कुछ क्षणों के लिए (बिजली का) चमकना। - - - -
कौतुक पुंलिंग पुंलिंग - - - ऐसी अद्भुत या विलक्षण बात जिसे देखकर आश्चर्य भी हो और जिसे जानने की उत्सुकता भी हो; मनोविनोद, दिल्लगी। - - -
कौन सर्वनाम सर्वनाम - - - एक प्रश्नवाचक सर्वनाम जो किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त होता है; कोई व्यक्ति। - - -
क्या सर्वनाम क्रिया विशेषण, अव्यय - - - एक प्रश्नवाचक सर्वनाम जो उद्दिष्ट या अभिप्रेत वस्तु, किसी तथ्य, स्थिति आदि के संबंध में जिज्ञासा का भाव व्यक्त करता है या उसकी ओर संकेत करता है; आश्चर्यजनक प्रसंगों में किसी प्रकार का आधिक्य या श्रेष्ठता सूचित करने वाला तथा उपेक्षासूचक प्रसंगों में तुच्छता या हीनता का बोध कराने वाला। - - -
क्यों क्रिया विशेषण - - - - किसी उद्देश्य, अधिकार अथवा कारण से, किसलिए। - - - -
क्योंकि अव्यय - - - - कारण यह है कि, इसलिए कि। - - - -
क्रम पुंलिंग पुंलिंग - - - कोई नियत या निश्चित पद्धति, तरतीब, सिलसिला; उचित रूप या ठीक तरह से काम करने का ढंग। - - -
क्रमश: क्रिया विशेषण क्रिया विशेषण क्रिया विशेषण - - नियत क्रम के अनुसार, सिलसिलेवार; एक-एक करके, बारी-बारी से (रेस्पेक्टिवली); थोड़ा-थोड़ा करके। - -
क्रय पुंलिंग - - - - मोल लेने या खरीदने की क्रिया या भाव, खरीद। - - - -
क्रांति स्त्रीलिंग - - - - एक दशा से दूसरी दशा में भारी परिवर्त्तन। - - - -
क्रांतिकारी पुंलिंग, विशेषण - - - - क्रांति का प्रयत्न करने वाला। - - - -
क्रिया स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - कोई कार्य चलते या होते रहने की अवस्था या भाव; कोई काम करने का ढंग या विधि; व्याकरण में वे शब्द जो किसी कार्य, घटना आदि के होने या किये जाने के वाचक होते हैं। - -
क्रीड़ा स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - आमोद-प्रमोद; खेलकूद। - - -
क्रूर विशेषण - - - - निर्मम तथा हिंसक कार्य करने वाला, निर्दय। - - - -
क्रोध पुंलिंग - - - - किसी के अनुचित या अन्यायपूर्ण काम के फलस्वरूप मन में उत्पन्न होने वाला उग्र तथा तीक्ष्ण मनोविकार, कोप, गुस्सा। - - - -
क्लेश पुंलिंग - - - - कष्ट पूर्ण मानसिक स्थिति, मनोव्यथा। - - - -
क्षण पुंलिंग - - - - काल का एक बहुत छोटा परिमाण। - - - -
क्षति स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - आघात या चोट लगने से होने वाला घाव; हानि, घाटा। - - -
क्षतिपूर्ति स्त्रीलिंग - - - - हानि या घाटे का पूरा होना। - - - -
क्षत्रिय पुंलिंग पुंलिंग - - - हिन्दुओं के चार वर्णों में से दूसरा वर्ण; उक्त वर्ण का पुरुष। - - -
क्षमता स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - सामर्थ्य; कोई काम करने का गुण या पात्रता; ग्रहण या धारण करने की पात्रता (कैपेसिटी)। - -
क्षमा स्त्रीलिंग स्त्रीलिंग - - - मन की वह भावना या वृत्ति जिससे मनुष्य दूसरे के द्वारा पहुँचाया हुआ कष्ट चुपचाप सहन कर लेता है और कष्ट पहुँचाने वाले के प्रति मन में कोई विकार नहीं आने देता; किसी दोषी या अपराधी को बिना किसी प्रतिकार के छोड़ देने का भाव, माफ़ी। - - -
क्षय पुंलिंग पुंलिंग पुंलिंग - - क्रमश: तथा प्रकृतिश: होने वाला ह्रास; नाश; यक्ष्मा नामक रोग। - -
क्षितिज पुंलिंग - - - - पृथ्वी तल के चारों ओर की वह कल्पित रेखा या स्थान जहाँ पर पृथ्वी और आकाश एक दूसरे से मिलते हुए जान पड़ते हैं (होराइजन)। - - - -
क्षुधा स्त्रीलिंग - - - - भोजन करने की इच्छा, भूख। - - - -
क्षेत्र पुंलिंग पुंलिंग - - - जोता-बोया जाने वाला भूमि-खंड़, खेत; प्राकृतिक, भौगोलिक, राजनीतीक आदि दृष्टियों से निर्दिष्ट भूभाग। - - -
क्षेत्रफल पुंलिंग - - - - किसी क्षेत्र की लम्बाई और चौड़ाई को गुणन करने से निकलने वाला वर्गात्मक परिमाण, रकबा (एरिया।) - - - -