शब्द |
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चंगुल |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पशु-पक्षियों का ढेढ़ा पंजा जिससे वे किसी पर प्रहार करते अथवा कोई चीज पकड़ते हैं; |
किसी व्यक्ति के प्रभाव या वश में होने की वह स्थिति जिसमें से निकलना सहज न हो। |
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चंचल |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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अस्थिर; |
नटखट, शरारती; |
जो शांत न हो, विकल, उद्विग्न। |
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चंदन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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एक प्रसिद्ध पेड़ जिसकी लकड़ी बहुत सुगंधित होती है; |
उक्त लकड़ी को जल में घिस या रगंड़ कर बनाया हुआ गाढ़े घोल या लेप जिसका टीका आदि लगाया जाता है। |
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चंदा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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चंद्रमा; |
किसी परोपकारी अथवा सार्वजनिक कार्य के लिए दी या ली जाने वाली व्यक्तिगत आर्थिक सहायता; |
किसी संस्था, पत्रिका आदि को उसके सदस्य, ग्राहक आदि बने रहने के लिए दिया जाने वाला धन। |
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चंद्रमा |
पुंलिंग |
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पृथ्वी का एक प्रसिद्ध उपग्रह, चांद। |
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चकबंदी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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बहुत बड़े भूमि खंड को छोटे-छोटे चकों या भागों में बांटने की क्रिया या भाव; |
छोटे-छोटे खेतों को एक में मिलाकर उनके बड़े-बड़े चक या विभाग बनाने की क्रिया या भाव। |
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चकराना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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चकित होना; |
सिर घूमना। |
किसी को चक्कर या फेर में डालना, चकित करना। |
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चकित |
विशेषण |
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आश्चर्य में आया या पड़ा हुआ। |
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चक्की |
स्त्रीलिंग |
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आटा पीसने, दाल दलने आदि का प्रसिद्ध यंत्र या मशीन, जाँता। |
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चक्र |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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गाड़ी आदि का पहिया; |
पहिए के आकार का एक अस्त्र; |
देश भक्ति या वीरता आदि के लिए सरकार की ओर से दिया जाने वाला पदक या तमगा। |
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चखना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी खाद्य-वस्तु का स्वाद जानने के लिए उसका थोड़ा अंश मुंह में रखना या खाना। |
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चटपटा |
विशेषण |
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मिर्च-मसालेदार, तीक्ष्ण स्वाद का। |
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चटाई |
स्त्रीलिंग |
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फूस, सींक, पतली फटियों आदि का बिछावन। |
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चट्टान |
स्त्रीलिंग |
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पत्थर का बहुत बड़ा और विशाल खंड। |
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चढ़ना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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ऊपर की ओर बढ़ना; |
सवार होना; |
उन्नति करना; |
बही खाते आदि में नामों, रकमों आदि का अंकित होना। |
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चढ़ाई |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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ऊंचाई की ओर जाने वाली भूमि; |
आक्रमण। |
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चतुर |
विशेषण |
विशेषण |
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कार्य और व्यवहार में कुशल, प्रखर; |
चालाक, धूर्त। |
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चपरासी |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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कार्यालय के कागज-पत्र आदि लाने या ले जाने वाला कर्मचारी; |
अरदली। |
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चपल |
विशेषण |
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स्थिर न रहने वाला। |
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चबाना |
सकारात्मक क्रिया |
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दांतों से कुचलना। |
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चबूतरा |
पुंलिंग |
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मकान के अगले भाग में बैठने के लिए बनाई गई खुली चौकोर और चौरस जगह। |
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चमक |
स्त्रीलिंग |
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प्रकाश, कांति। |
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चमकना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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प्रकाश या ज्योति से युक्त होना; |
कांति या आभा से युक्त होना; |
उन्नति करना। |
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चमड़ा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पशुओं की खाल का औद्योगिक कार्यों के लिए तैयार किया हुआ रूप (लैदर); |
त्वचा। |
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चमत्कार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अलौकिक-सा जान पड़ने वाला काम या बात, करामात; |
आश्चर्य, विस्मय। |
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चरण |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी पूज्यव्यक्ति के पांव के लिए आदर-सूचक शब्द; |
किसी छंद, श्लोक आदि की पूरी पंक्ति अथवा चौथाई भाग। |
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चरना |
सकारात्मक क्रिया |
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पशुओं का खेतों आदि में उगी हुई घास, पौधे आदि खाना। |
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चरबी (चर्बी) |
स्त्रीलिंग |
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प्राणियों के शरीर में होने वाला सफेद या हल्के पीले रंग का गाढ़ा, चिकना तथा लसीला पदार्थ (फैट)। |
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चरवाहा |
पुंलिंग |
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वह व्यक्ति जो दूसरों के पशुओं को चराकर अपनी जीविका चलाता हो। |
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चरस |
स्त्रीलिंग |
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गांजे के पौधों के डंठलों पर से उतारा हुआ एक प्रकार का हरा या हल्का पीला गोंद या चेप जिसे लोग गांजे या तंमाकू की तरह पीते हैं। |
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चरागाह |
पुंलिंग |
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पशुओं के चरने का स्थान, जहां प्राय: घास आदि उगी रहती है। |
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चरित्र |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वे सब बातें जो आचरण या व्यवहार आदि के रूप में की जायें, आचरण; |
कहानी, नाटक आदि का कोई पात्र। |
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चर्चा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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बातचीत, वार्तालाप; |
अफवाह। |
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चलचित्र |
पुंलिंग |
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सिनेमा (फिल्म, मूवी) |
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चलना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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पैरो, पहियों आदि की सहायता से अथवा किसी प्रकार की गति से युक्त होकर आगे बढ़ना; |
किसी चीज का ठीक तरह से उपयोग या व्यवहार में आते रहना; |
बराबर काम देते रहना; |
प्रहार के उद्देश्य से अस्त्र-शस्त्र आदि का प्रयोग या व्यवहार होना। |
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चलनी (छलनी) |
स्त्रीलिंग |
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आटा, चाय आदि छानने का उपकरण। |
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चश्मा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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ऐनक; |
जल-स्रोत, सोता। |
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चसका |
पुंलिंग |
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किसी वस्तु या कार्य से होने वाली तृप्ति को बार-बार पाने की लालसापूर्ण प्रवृत्ति, चाट, लत। |
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चहकना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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पक्षियों का आनंदित होकर कूजना, चहचहाना; |
उमंग या प्रसन्नता से बढ़ चढ़ कर बोलना। |
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चांटा |
पुंलिंग |
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हथेली तथा हाथ की उंगलियों से किसी के गाल पर किया जाने वाला प्रहार, थप्पड़, तमाचा, झापड़। |
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चांदनी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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चांद का प्रकाश; |
छत पर या ऊपर की ओर तानने का कपड़ा; |
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चांदी |
स्त्रीलिंग |
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सफेद रंग की एक नरम चमकीली धातु जो गहने, सिक्के आदि गढ़ने के काम आती है। |
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चाकू |
पुंलिंग |
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फल-तरकारी आदि काटने या कलम बनाने का छोटा औजार, छुरी। |
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चाटना |
सकारात्मक क्रिया |
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जीभ लगाकर या जीभ से पोंछ कर खाना। |
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चापलूस |
विशेषण |
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खुशामदी, चाटुकार। |
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चाबी |
स्त्रीलिंग |
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ताली, कुंजी |
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चाबुक |
पुंलिंग |
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कोड़ा। |
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चारपाई |
स्त्रीलिंग |
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खाट, छोटा पलंग। |
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चारा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पशुओं के खाने की घास, पत्ती, डंठल आदि; |
चिड़ियों, मछलियों आदि को फंसाने अथवा जीवित रखने के लिए खिलाई जाने वाली वस्तु; |
उपाय, इलाज, युक्ति। |
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चाल |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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चलने की क्रिया या भाव; |
गति; |
धूर्तता; |
शतरंज, ताश आदि के खेल में अपनी बारी आने पर गोटी, पत्ता आदि आगे बढ़ाने या सामने लाने की क्रिया। |
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चालक |
विशेषण |
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चलाने वाला (ड्राइवर।) |
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चालाक |
विशेषण |
विशेषण |
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होशियार, व्यवहार-कुशल; |
धूर्त। |
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चालान (चलान) |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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रवन्ना। |
अभियोगारंभ |
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चाहना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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इच्छा करना |
प्रेम करना। |
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चिंघाड़ना |
अकारात्मक क्रिया |
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हाथी का बोलना या जोर से चिल्लाना। |
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चिंतन |
पुंलिंग |
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कोई बात समझने या सोचने के लिए मन में बार-बार किया जाने वाला उसका ध्यान या विचार, मनन। |
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चिंता |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सोच, फिक्र |
परवाह। |
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चिकना |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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जो छूने में खुरदरा न हो; |
जिस पर पैर आदि फिसलें; |
जिसमें तेल आदि कोई चिकना पदार्थ लगा हो। |
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चिकित्सा |
स्त्रीलिंग |
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रोग-निवारण का उपाय, इलाज। |
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चिट्ठी |
स्त्रीलिंग |
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पत्र, ख़त। |
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चिड़ियाघर |
पुंलिंग |
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वह स्थान जहाँ अनेक प्रकार के पशु-पक्षी आदि जन-साधारण को प्रदर्शित करने के लिये एकत्र करके रखे जाते हैं। |
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चिढ़ाना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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नाराज करना; |
नकल उतारना। |
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चितकबरा |
विशेषण |
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सफेद रंग पर काले, लाल या पीले दागों वाला। |
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चिता |
स्त्रीलिंग |
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चुनकर रखी हुई लकड़ियों का ढेर जिस पर मुर्दा जलाया जाता है, चिति। |
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चित्त |
पुंलिंग |
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मन की एक अवस्था, अन्त: करण। |
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चित्र |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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तस्वीर (फोटो); |
पेंटिंग। |
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चित्रकार |
पुंलिंग |
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चित्र बनाने वाला। |
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चिनगारी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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आग का छोटा कण; |
कोई ऐसी छोटी बात जिसका आगे चल कर बहुत उग्र या भीषण प्रभाव हो सकता है (लाक्षणिक)। |
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चिपकना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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किसी लसीली वस्तु के कारण दो वस्तुओं का परस्पर जुड़ना; |
व्यक्तियों या वस्तुओं का पास-पास सटना। |
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चिमनी |
स्त्रीलिंग |
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मकान या कारखाने आदि का धुआं बाहर निकालने वाली विशेष नली, लैंप या लालटेन की शीशे की नली। |
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चिल्लाना |
अकारात्मक क्रिया |
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जोर से बोलना, शोर करना, हल्ला करना। |
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चिह्न |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह शब्द, बात या छाप जिससे किसी चीज की पहचान हो; |
दाग़ धब्बा, निशानी। |
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चीखना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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भय अथवा पीड़ा के कारण जोर से चिल्लाना; |
बहुत जोर से बोलना या कर्णकटु शब्द निकालना। |
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चीरना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी चीज को धारदार उपकरण द्वारा काट या फाड़ कर अलग या टुकड़े करना। |
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चुंगी |
स्त्रीलिंग |
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स्थानीय शासन द्वारा बाहर से आने वाले माल पर वसूल किया जाने वाला कर। |
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चुंबक |
पुंलिंग |
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एक प्रकार का पत्थर या धातु जिसमें लोहे को अपनी ओर आकर्षित करने की शक्ति होती है। |
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चुगना |
सकारात्मक क्रिया |
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पक्षियों आदि का अपनी चोंच से अनाज के कण, कीड़े-मकोड़े आदि उठा-उठा कर खाना। |
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चुगलखोर |
विशेषण |
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किसी की हानि करने के उद्देश्य से पीठ पीछे उसकी बुराई करने वाला। |
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चुटकुला |
पुंलिंग |
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चमत्कारपूर्ण और विलक्षण करवुं उक्ति अथवा बात जिसको सुन कर हंसी आए। |
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चुनना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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बहुत में से कुछ को पंसद करके लेना; |
छोटी वस्तुओं को हाथ, चोंच आदि से एक-एक करके उठाना। |
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चुनरी |
स्त्रीलिंग |
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वह रंगीन विशेषत: लाल कपड़ा जिसके बीच-बीच में बुंदकियां होती हैं। |
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चुनाव |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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चुनने की क्रिया या भाव; |
निर्वाचन। |
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चुनौती |
स्त्रीलिंग |
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- |
अपनी बात मनवाने के लिए किसी को उत्तेजित करते हुए सामना करने के लिए कहना, ललकार। |
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चुप |
विशेषण |
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मौन, खामोश। |
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चुपड़ना |
सकारात्मक क्रिया |
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- |
किसी गीली या चिपचिपी वस्तु का लेप करना। |
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चुभन |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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किसी नुकीली वस्तु का दबाव पाकर किसी नरम वस्तु में धंसने की क्रिया या भाव; |
उक्त क्रिया के कारण होने वाली टीस या पीड़ा। |
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चुभाना |
सकारात्मक क्रिया |
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कोई नुकीली चीज गड़ाना या धंसाना। |
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चुराना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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छल-पूर्वक पराई वस्तु हरण करना; |
भय, संकोच आदि के कारण कोई चीज या बात दबा रखना या दूसरों के सम्मुख न लाना। |
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चुस्त |
विशेषण |
विशेषण |
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फुर्तीला; |
खूब कसा हुआ। |
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चूकना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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भूल करना; |
सुअवसर खो देना। |
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चूड़ी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सोने, चाँदी, काँच, हाथीदांत आदि का स्त्रियों का हाथ में पहनने का एक वृत्ताकार गहना; |
किसी पेंच के वृताकार खांचे (थ्रेड्स)। |
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चूना |
पुंलिंग |
अकारात्मक क्रिया |
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कुछ विशिष्ट प्रकार के कंकड़-पत्थरों, शंख, सीप आदि को फूंक कर बनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध तीक्ष्ण और वाहक क्षार जिसका उपयोग दीवारों पर सफेदी करने और पान आदि के साथ खाने के लिए किया जाता है। |
किसी तरल पदार्थ का किसी छेद या संधि में से टपकना या बाहर निकलना। |
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चूमना |
सकारात्मक क्रिया |
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होठों से होंठ, हाथ, गाल, मस्तक आदि अंगों का अथवा किसी पदार्थ का स्पर्श करना। |
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चूरन (चूर्ण) |
पुंलिंग |
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खूब महीन पीसी हुई बुकनी (पाउडर।) |
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चूल्हा |
पुंलिंग |
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मिट्टी, लोह आदि का वह उपकरण जिसमें चीजें पकाने या गरम करने के लिए कोयले, लकड़ियां आदि जलाई जाती हैं। |
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चूसना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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जीभ और होंठ के संयोग से किसी वस्तु (विशेषत: फल) का रस अंदर खींचना; |
किसी गीली वस्तु की आर्द्रता सोख लेना; |
किसी का सत्व या सर्वस्व बल-पूर्वक या अनुचित रूप से हड़प लेना। |
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चेहरा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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गरदन के ऊपर का अगला भाग जिसमें मुंह, आंख, नाक, कान, मस्तक आदि होते हैं, मुखड़ा; |
मुखौटा। |
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चोंच |
स्त्रीलिंग |
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- |
पक्षियों के मुंह का नुकीला और आगे की ओर निकला हुआ भाग। |
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चोट |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
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- |
किसी वस्तु के आधात से शरीर पर होने वाला घाव; |
वार। |
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चोटी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सबसे ऊपर का भाग; |
स्त्रियों के गुंथे हुए सिर के बाल, वेणी; |
हिन्दू पुरुषों के सिर के पिछले भाग के मध्य के थोड़े से लंबे बाल जिन्हें कटवाया नहीं जाता। |
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चोर-बाज़ार |
पुंलिंग |
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व्यापार का वह क्षेत्र जहाँ चीजें चोरी से और, या अधिक ऊंचे दाम पर खरीदी या बेची जाती हैं (ब्लैक मार्केट)। |
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चोरी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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चुराने की क्रिया या भाव; |
दूसरों से कोई बात छिपाने की क्रिया या भाव। |
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चौंकना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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एकाएक किसी प्रकार की आहट, ध्वनि या शब्द सुनकर कुछ उत्तेजित अथवा विकल हो उठना; |
चकित होना। |
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चौक |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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आंगन, सहन; |
चबूतरा; |
चौराहा। |
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चौकड़ी |
स्त्रीलिंग |
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हिरन की वह दौड़ जिसमें वह चारों पैर एक साथ उठा कर छलांग मारता हुआ आगे बढ़ता है। |
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चौकस |
विशेषण |
विशेषण |
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जो अपनी अथवा किसी की रक्षा के लिए पूर्णत: सचेत हो; |
ठीक, दुरुस्त, संपूर्ण। |
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चौकीदार |
पुंलिंग |
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किसी स्थान पर पहरे का काम करने वाला कर्मचारी। |
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चौखटा |
पुंलिंग |
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चौखट के आकार का ढांचा जिस में शीशा या तस्वीर आदि को मढ़ा जाता है। |
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चौड़ा |
विशेषण |
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जिसके दोनों पार्श्वें के बीच में अधिक विस्तार हो, जो संकरा न हो। |
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चौराहा |
पुंलिंग |
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वह स्थान जहाँ चारों दिशाओं से आने वाले मार्ग मिलते हों, चौरस्ता। |
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छंटनी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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छांटने की क्रिया; |
आवश्यकता से अधिक कर्मचारियों को सेवा से हटाने का काम (रिट्रेंचमेंट)। |
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छड़ी |
स्त्रीलिंग |
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बांस, बेंत, लकड़ी आदि की पतली लाठी। |
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छत |
स्त्रीलिंग |
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कमरा ढंकने वाली वास्तु-रचना का ऊपरी या निचला तल। |
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छतरी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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लोहे की तीलियों पर कपड़ा चढ़ा-कर धूप, वर्षा आदि से बचाव के लिए बनाया हुआ आच्छादन, छाता; |
चारों ओर से खुले हुए स्थान के ऊपर का मंडप; |
किसी की समाधि के स्थान पर बना हुआ मंडप; |
पैराशूट। |
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छल |
पुंलिंग |
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कपट, धोखेबाजी |
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छलकाना |
सकारात्मक क्रिया |
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बरतन में भरे हुए जल आदि को हिलाकर गिराना। |
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छलना |
सकारात्मक क्रिया |
स्त्रीलिंग |
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धोखा देना, ठगना, भुलावे में डालना। |
धोखा, वंचना। |
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छल्ला |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सोने चाँदी आदि के तार को मोड़ कर बनाई हुई अंगूठी; |
उक्त प्रकार की कोई गोलाकार आकृति। |
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छांटना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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अनावश्यक अंश अलग करना; |
चुनना। |
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छाज |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सरकंडों, सींकों आदि का बना हुआ वह उपकरण जिससे अनाज फटका जाता है, सूप; |
छप्पर। |
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छात्र |
पुंलिंग |
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विद्यार्थी। |
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छात्रवृति |
स्त्रीलिंग |
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विद्यार्थी को विद्याभ्यास के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता। |
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छात्रावास |
पुंलिंग |
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किसी स्कूल, कॉलेज के अंर्तगत वह स्थान जहां विद्यार्थी रहते हैं। |
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छानना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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आटे आदि को या तरल पदार्थ को चलनी या कपड़े से इस प्रकार निकालना जिसमें मोटा अंश रह जाए और महीन अंश नीचे गिर जाए; |
खोज, जांचना। |
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छान-बीन |
स्त्रीलिंग |
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जांच-पड़ताल, खोजबीन। |
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छाप |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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वह ठप्पा या सांचा जिससे कोई चीज छापी जाए, ठप्पा; |
प्रभाव, असर। |
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छापना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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यंत्रों, ठप्पों आदि की सहायता से अक्षर, चित्र आदि की छपाई करना; |
पुस्तक, लेख, समाचार पत्र आदि प्रकाशित करना। |
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छापा (मारना) |
पुंलिंग |
क्रिया |
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ठप्पा। |
कुछ विशिष्ट वस्तुएं पकड़ने के लिए पुलिस का अचानक या अप्रत्यशित रूप से कहीं पहुंच कर तलाशी लेने के लिए सब चीजों को देखना-भालना (रेड)। |
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छाया |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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प्रकाश के अवरोध में उत्पन्न हलका अंधेरा; |
परछाई, प्रतिबिम्ब; |
सादृश्य, प्रतिकृति। |
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छाल |
स्त्रीलिंग |
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वृक्षों आदि के तने पर का कड़ा, खुरदरा और मोटा छिलका। |
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छाला |
पुंलिंग |
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शरीर के किसी अंग पर गरम पानी आदि पड़ने अथवा लगातार रगड़ के कारण होनेवाला मांस का कोमल और नरम उभार, फफोला। |
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छावनी |
स्त्रीलिंग |
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वह स्थान जहां सेना रहती हो, सैनिकों की बस्ती (केंटोंमेंट) |
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छिड़कना |
सकारात्मक क्रिया |
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जल या कोई तरल पदार्थ इस प्रकार फेंकना कि उसके छींट बिखर कर चारों ओर पड़ें। |
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छिड़काव |
पुंलिंग |
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छिड़कने की क्रिया या भाव। |
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छिपाना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी प्राणी या वस्तु को ऐसी जगह या स्थिति में रखना जहां कोई देख न सके, आवरण या ओट में रखना, ढांकना; |
किसी को किसी बात की जानकारी न कराना या न होने देना। |
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छींकना |
अकारात्मक क्रिया |
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नाक और मुंह से इस प्रकार सहसा जोर से सांस फेंकना कि जोर का शब्द हो, छींक लेना, छींक आना। |
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छीनना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी से कोई वस्तु आदि जबर्दस्ती ले लेना। |
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छीलना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी चीज के ऊपर जमे या सटे हुए आवरण, तह अथवा परत को खींच कर उससे अलग करना; |
उगी या जमी हुई चीज को काटकर या खुरचकर अलग करना। |
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छुट्टी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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काम बंद रहने का दिन; |
जाने की अनुमति; |
छुटकारा। |
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छुरा |
पुंलिंग |
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लंबे फलवाला बड़ा चाकू। |
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छूट |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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बंधन आदि से मुक्ति, छुटकारा; |
रियायत, सुविधा; |
कुछ करने की आजादी। |
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छूत |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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गंदी, अशुचि या रोग संवाहक वस्तु का स्पर्श या संसर्ग; |
अपवित्र वस्तु को छूने से होने वाला दोष। |
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छूना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी वस्तु का शरीर के किसी अंग अथवा पहने हुए वस्त्र से लगना या स्पर्श होना। |
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छेड़ना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी को उत्तेजित करने के लिए कुछ कहना या करना, चिढ़ाना; |
किसी वस्तु को इस प्रकार छूना या स्पर्श करना कि उसके फलस्वरूप कोई क्रिया या व्यापार घटित हो। |
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छेदना |
सकारात्मक क्रिया |
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छेद अथवा सुराख करना। |
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छोटा |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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मान, विस्तार आदि में अपेक्षाकृत या थोड़ा। |
उम्र में कम। |
तुच्छ, हीन। |
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छोड़ना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
बंधन से मुक्त करना, स्वतन्त्र करना; |
माफ करना; |
त्याण देना; |
चलाना, फेंकना। |
किसी कार्य या उसके अंग को न करना या भूल से छोड़ देना।
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छोर |
पुंलिंग |
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अंतिम सिरा, किनारा। |
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