शब्द |
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डंक |
पुंलिंग |
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बिच्छू, मधुमक्खी आदि में पीछे का जहरीला कांटा। |
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डंडा |
पुंलिंग |
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लकड़ी का मोटा सीधा लंबा टुकड़ा जिसका मुख्य प्रयोग मारने या बांधने के लिए होता है, दंड। |
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डकार |
स्त्रीलिंग |
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भोजन करने के पश्चात पेट में भरी वायु का कंठ से शब्द के साथ निकल पड़ने का शारीरिक व्यापार। |
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डकैती |
स्त्रीलिंग |
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डाका, लूट-मार। |
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डग |
पुंलिंग |
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कदम। |
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डगमगाना |
अकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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लड़खड़ाना, डिंगना, हिलना; |
विचलित होना या करना। |
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डरना |
अकारात्मक क्रिया |
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भयभीत होना। |
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डरपोक |
विशेषण |
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कायर, भीरु |
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डराना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी के मन में डर उत्पन्न करना, धमकाना। |
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डरावना |
विशेषण |
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भयानक। |
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डसना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी जहरीले कीड़े का किसी को इस प्रकार काटना कि उसके शरीर में जहर प्रवेश हो जाए। |
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डांट |
स्त्रीलिंग |
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किसी को सचेत करने के लिए कड़ी बात कहना। |
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डांवाडोल |
विशेषण |
विशेषण |
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जो सहसा किसी आघात से हिलने-डुलने लगे; |
(व्यक्ति अथवा स्थिति) अनिश्चित। |
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डाक |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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पत्रों, बंडलों आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने की सरकारी व्यवस्था; |
उक्त व्यवस्था द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जाने वाला पत्र या सामग्री। |
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डाकघर |
पुंलिंग |
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डाकखाना। |
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डाका |
पुंलिंग |
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डकैती, लूट-मार। |
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डाकू |
पुंलिंग |
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डाका डालने वाला। |
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डाल |
स्त्रीलिंग |
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पेड़-पौधे आदि की टहनी या शाखा। |
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डालना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी आधान या पात्र में कोई चीज कुछ ऊंचाई से गिराना, छोड़ना या रखना। |
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डाह |
स्त्रीलिंग |
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ईर्ष्या, जलन, कुढ़न। |
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डिबिया |
स्त्रीलिंग |
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किसी वस्तु को रखने का ढक्कनदार बहुत छोटा आधान, बहुत छोटा डिब्बा। |
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डिब्बा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सामान रखने का बड़ा ढक्कनदार आधान जो पीतल, लकड़ी आदि का बना होता है; |
रेलगाड़ी का एक घटक, माल या सवारी गाड़ी का डिब्बा। |
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डींग |
स्त्रीलिंग |
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अपने बल, योग्यता या साहस के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बात करना, शेखी। |
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डुबाना |
सकारात्मक क्रिया |
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ऐसा काम करना जिससे कोई चीज डूब जाए। |
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डेढ़ |
विशेषण |
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मान, मात्रा, संख्या आदि की किसी एक इकाई और उसकी आधी इकाई के योग का सूचक विशेषण। |
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डेरा |
पुंलिंग |
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पैदल यात्रा आदि के समय अस्थायी रूप से बीच में ठहरने का स्थान, पड़ाव। |
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डोंगी |
स्त्रीलिंग |
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एक प्रकार की छोटी खुली नाव। |
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डोर |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सूत आदि का बटा हुआ पतला मजबूत धागा; |
पतंग आदि उड़ाने के लिए वह धागा जिस पर मांझा लगा होता है। |
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डोल |
पुंलिंग |
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कुएं से पानी खींचने का बरतन; |
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डोली |
स्त्रीलिंग |
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पालकी की तरह की एक प्रसिद्ध चौकोर छाई हुई सवारी जिसे दो कहार कंधे पर उठाकर चलते हैं और जिस पर प्राय: वधू बैठकर पहले-पहल ससुराल जाती है। |
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ड्योढ़ी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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किसी भवन या मकान के मुख्य प्रवेश द्वार के आसपास की भूमि या स्थान; |
घर के मुख्य द्वार के अंदर का वह भाग जिसमें से होकर घर के कमरों, आंगन आदि में जाया जाता है। |
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ढंग |
पुंलिंग |
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कोई काम करने की रीति। |
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ढकना |
सकारात्मक क्रिया |
पुंलिंग |
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किसी पर आवरण डालना ताकि वह दिखाई न पड़े। |
वह चीज या रचना जिससे कोई चीज ढकी जाती है, ढक्कन। |
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ढकेलना |
सकारात्मक क्रिया |
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धक्का देकर आगे बढ़ाना। |
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ढकोसला |
पुंलिंग |
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स्वार्थ-सिद्धि के लिए अपनाया हुआ झूठा रूप, दिखावा। |
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ढक्कन |
पुंलिंग |
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ढकना। |
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ढलाई |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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ढालने की क्रिया या भाव; |
पिघली हुई धातु को सांचे में ढालकर बरतन, मूर्त्तियां आदि बनाने की क्रिया, भाव और मजदूरी। |
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ढलान |
स्त्रीलिंग |
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कोई ऐसा भूखंड जो चपटा और समतल न हो, बल्कि तिरछा हो जिसमें नीचे की ओर ढाल हो। |
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ढांचा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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कोई वस्तु या रचना बनाते समय उसके विभिन्न मुख्य अंगों को जोड़ या वांध कर खड़ा किया हुआ आरंभिक रूप (फ्रेम); |
ठठरी या पंजर। |
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ढाई |
विशेषण |
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(इकाई या मान) जिसमें पूरे दो के साथ आधा और मिला हुआ हो। |
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ढाढ़स |
पुंलिंग |
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तसल्ली, सांत्वना, धीरज। |
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ढाबा |
पुंलिंग |
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वह स्थान जहां पकी हुई कच्ची रसोई बिकती या दाम लेकर लोगों को खिलाई जाती है। |
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ढाल |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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चमड़े, धातु आदि का बना हुआ वह गोलाकार उपकरण जिसे युद्ध क्षेत्र में सैनिक लोग तलवार, भाले आदि का वार रोकने के लिए अपने बाएं हाथ में रखते थे; |
किसी भूखंड का ऐसा तल जो क्षितिज के समतल न हो बल्कि तिरछा या नीचे की ओर झुका हो, ढलान। |
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ढिंढोरा (ढंढोरा) |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह डुग्गी या ढोल जिसे बजा कर किसी बात की सार्वजनिक घोषणा की जाती है; |
उक्त प्रकार से की हुई घोषणा। |
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ढीठ |
विशेषण |
विशेषण |
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जो जल्दी किसी से डरता न हो और जो भय या संकट के समय भी अपने हठ पर अड़ा रहता हो, धृष्ट; |
जो प्राय: ऐसे अवसरों पर भी संकोच न करता हो जहां बड़ों की मान-मर्यादा का ध्यान रखना आवश्यक हो। |
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ढीला |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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शिथिल; |
जिसमें उचित कसाव-खिंचाव या तनाव का अभाव हो; |
जो नाप में आवश्यकता से अधिक गहरा, लंबा या चौड़ा हो। |
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ढुलाई |
स्त्रीलिंग |
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ढोने की क्रिया, भाव या मजदूरी। |
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ढूंढना |
सकारात्मक क्रिया |
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कोई छिपी या इधर-उधर पड़ी हुई वस्तु या आंख से ओझल व्यक्ति का पता लगाना, खोजना। |
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ढेर |
पुंलिंग |
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एक स्थान पर विशेषत: एक दूसरे पर रखी हुई बहुत सी वस्तुओं का ऊंचा समूह। |
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ढेला |
पुंलिंग |
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मिट्टी या पत्थर का कड़ा टुकड़ा। |
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ढोंगी |
विशेषण |
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झूठा आडंबर खड़ा करने वाला धोखेबाज, पाखंडी। |
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ढोना |
सकारात्मक क्रिया |
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पीठ या सिर पर रखकर कोई भारी चीज एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। |
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