शब्द |
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अर्थ-५
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कंगाल |
पुंलिंग |
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अभाव से पीड़ित, अति निर्धन। |
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कंघा |
पुंलिंग |
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बाल झाड़ने या संवारने का एक उपकरण। |
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कंजूस |
विशेषण |
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धन संग्रह के लालच में कष्ट सहकर हीन अवस्था में रहने वाला व्यक्ति, कृपण। |
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कंठ |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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गला; |
गले से निकला हुआ स्वर। |
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कंधा |
पुंलिंग |
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मनुष्य के शरीर की बांह का वह ऊपरी भाग या जोड़, जो गले के नीचे धड़ से जुड़ा रहता है। |
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कंपकंपी |
स्त्रीलिंग |
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भय, शीत आदि के कारण शरीर में होने वाली थर्राहट, जिसमें एक प्रकार की स्वरता होती है, कंपन। |
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कंबल |
पुंलिंग |
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बहुत मोटी ऊनी चादर जो प्राय: ओढने के काम आती है। |
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कई |
विशेषण |
विशेषण |
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एकाधिक लोग; |
कुछ। |
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कक्ष |
पुंलिंग |
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किसी इमारत या भवन का कोई भीतरी भाग, कमरा या खंड। |
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कक्षा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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विद्यार्थियों का वर्ग या श्रेणी जिसमें उन्हें एक साथ एक ही प्रकार की शिक्षा दी जाती है, दर्जा; |
आकाश में ग्रहों के भ्रमण का गोलाकार मार्ग (ऑर्बिट)। |
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कचहरी |
स्त्रीलिंग |
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न्यायालय, अदालत। |
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कचोटना |
अकारात्मक क्रिया |
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किसी दु:खद बात से बार-बार मन में पीड़ा या वेदना होना, गड़ना। |
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कच्चा |
विशेषण |
विशेषण |
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(खाद्य पदार्थ) अधपका; |
(फल, फसल आदि) जो परिपक्व न हुआ हो। |
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कटघरा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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काठ का जंगलेदार घेरा जिसमें जानवरों को रखते हैं; |
कचहरी में वह स्थान जिसमें अभियुक्त खड़े होते है। |
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कटार |
स्त्रीलिंग |
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छोटी, छुरी। |
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कटु |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसके स्वाद में कड़वापन हो; |
अप्रिय, बुरा लगने वाला। |
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कट्टर |
विशेषण |
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पक्का, दृढ़ निश्चयी, सिद्धांतवादी। |
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कठपुतली |
स्त्रीलिंग |
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काठ (लकड़ी) की बनी हुई पुतली जिसे धागे या तार की सहायता से नचाया जाता है। |
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कठिन |
विशेषण |
विशेषण |
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जो सरलता से न हो सके, मुश्किल; |
कठोर, सख्त। |
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कठोर |
विशेषण |
विशेषण |
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कड़ा, सख्त; |
निर्दयी, निष्ठुर। |
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कड़कना |
अकारात्मक क्रिया |
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कड़कड़ का शब्द होना। |
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कड़वा |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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स्वाद में कसैला या कटु; |
कटु प्रकृति का; |
अप्रिय। |
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कड़ा |
पुंलिंग |
विशेषण |
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धातु का बड़ा छल्ला। |
सख्त, कठोर। |
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कढ़ाई |
स्त्रीलिंग |
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बेलबूटे निकालने का या बनाने का काम। |
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कतरन |
स्त्रीलिंग |
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कपड़े, कागज, धातु आदि के छोटे-छोटे रद्दी टुकड़े। |
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कतरना |
सकारात्मक क्रिया |
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कपड़े, कागज या धातु आदि की चादर को कैंची से काट कर दो या अनेक भागों में करना। |
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कतरनी |
स्त्रीलिंग |
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कतरने का उपकरण, कैची। |
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कतराना |
अकारात्मक क्रिया |
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बचना। |
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कतार |
स्त्रीलिंग |
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पंक्ति। |
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कत्था |
पुंलिंग |
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खैर की लकड़ी का सत जो पान में लगा कर खाया जाता है। |
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कथनी |
स्त्रीलिंग |
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कही हुई बात, उक्ति। |
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कथा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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किस्सा, कहानी, उपन्यास आदि; |
पौराणिक आख्यान जो धर्मोपदेश के रूप में लोगों को सुनाया जाए। |
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कथानक |
पुंलिंग |
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किसी रचना (महाकाव्य, उपन्यास, नाटक आदि) की कथा-वस्तु। |
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कद |
पुंलिंग |
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(व्यक्ति की) ऊंचाई। |
स्तर |
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कनक |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सोना, स्वर्ण; |
धतूरा। |
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कन्यादान |
पुंलिंग |
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विवाह में वर को कन्या का दान करने की रस्म। |
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कपट |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
विशेषण |
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छलपूर्ण मिथ्या आचरण, दुराव; |
धोखा। |
छलपूर्ण। |
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कपड़ा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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कपास, ऊन आदि के धागों से बनी हुई वस्तु जो ओढ़ने, बिछाने, पहनने आदि के काम आती है; |
पहनावा, पोशाक। |
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कपाट |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किवाड़, दरवाजे के पल्ले; |
दरवाजा, द्वार। |
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कपास |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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एक प्रसिद्ध पौधा जिसके ढोंढ (फल) में से रुई निकलती है (कॉटन); |
इस पौधे के फलों के तंतु जिससे सूत काता जाता है। |
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कपूत |
पुंलिंग |
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बुरे आचरण वाला पुत्र, नालायक बेटा; |
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कपूर |
पुंलिंग |
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सफेद रंग का एक सुगंधित धन पदार्थ जो हवा में रखने से भाप बन कर उड़ जाता है (कैंफर)। |
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कपोल |
पुंलिंग |
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गाल (चीक)। |
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कफन |
पुंलिंग |
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सिला अथवा बिना सिला कपड़ा जिसमें शव को लपेट कर दफनाया या जलाया जाता है। |
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कब |
क्रिया विशेषण |
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किस समय? किस वक्त? |
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कबाड़ी |
पुंलिंग |
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टूटी-फूटी या पुरानी चीजें खरीदने या बेचने वाला। |
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कबूलना |
सकारात्मक क्रिया |
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मान लेना, स्वीकार करना। |
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कब्जा |
पुंलिंग |
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किसी वस्तु पर होने वाला अधिकार जिसके अनुसार उस वस्तु का उपयोग किया जाता है। |
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कब्रिस्तान |
पुंलिंग |
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शव दफनाने के लिए नियत स्थान। |
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कभी |
क्रिया विशेषण |
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किसी समय, किसी अवसर पर। |
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कमंडल |
पुंलिंग |
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संन्यासियों का जलपात्र जो धातु, मिट्टी, तुपड़ी अथवा नारियल आदि का बना होता हैं। |
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कम |
विशेषण |
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परिमाण, मात्रा, संख्या आदि के विचार से घट कर या थोड़ा। |
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कमज़ोर |
विशेषण |
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दुर्बल, अशक्त, असमर्थ। |
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कमर |
स्त्रीलिंग |
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शरीर का मध्य भाग, कटि। |
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कमरबंद |
पुंलिंग |
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कमर में बांधने का एक दुप्पटा। |
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कमरा |
पुंलिंग |
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कक्ष, कोठरी। |
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कमल |
पुंलिंग |
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जलाशयों में हाने वाला एक पौधा जिसमें चौड़ी पंखुड़ियों वाले हल्के लाल, नीले, पीले या सफेद रंग के फूल होते है (लोटस)। |
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कमान |
स्त्रीलिंग |
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धनुष। |
नियंत्रण |
सेना का एक अंग जिसे कमान या कमांड कहते हैं |
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कमाना |
सकारात्मक क्रिया |
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कोई व्यवसाय करके अर्थिक लाभ पाना, उपार्जन करना। |
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कमी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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कम होने की स्थिति अथवा भाव; |
त्रुटि; |
अभाव। |
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कर |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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हाथ; |
सरकार द्वारा जनता से उगाहा हुआ धन (टैक्स)। |
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करघा |
पुंलिंग |
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कपड़ा बुनने का एक यंत्र, खड्डी। |
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करना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी कार्य का संपादन। |
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करनी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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कार्य, कर्म; |
राजगीरों का एक प्रसिद्ध उपकरण, जिससे गारा या मसाला उठाकर दीवारों आदि पर थोपा, पोता या लगाया जाता है। |
अनुचित या हीन आचरण (बोलचाल में)। |
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करवट |
स्त्रीलिंग |
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बैठने, लेटने आदि में शरीर का वह पार्श्व या बल जिस पर शरीर का सारा भार पड़ता है। |
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करारा |
विशेषण |
विशेषण |
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कुरकुरा; |
तेज, उत्कट, उग्र (कार्य, उत्तर)। |
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कराहना |
अकारात्मक क्रिया |
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पीड़ा या वेदना के समय व्यथा-सूचक शब्द का मुँह से निकलना। |
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करुण |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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दयालु; |
दु:खद; |
साहित्य में एक रस। |
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करोड़पति |
पुंलिंग |
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वह जिसके पास करोड़ों रुपये अथवा करोड़ों की संपत्ति हो। |
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कर्ज़ |
पुंलिंग |
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उधार लिया हुआ धन, ऋण। |
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कर्त्तव्य |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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ऐसा काम जिसे पूरा करना आवश्यक हो, धर्म; |
ऐसा कार्य जिसे संपादित करने के लिए लोग विधान या शासन द्वारा बंधे हों। |
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कर्त्ता |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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करने या बनाने वाला, रचयिता, निर्माता; |
हिंदी व्याकरण में पहला कारक; |
धर या परिवार का स्वामी (धर्मशास्त्र और विधि के क्षेत्र में)। |
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कर्त्ता-धर्त्ता |
पुंलिंग |
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वह व्यक्ति जिसको किसी कार्य या विषय के सभी अधिकार प्राप्त हों। |
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कर्म |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह जो किया जाए, काम कार्य; |
पूर्व जन्म में किए गए कार्य; |
शास्त्रीय विधान से युक्त धार्मिक कार्य; |
व्याकरण में वाक्य का वह पद जिसपर कर्त्ता की क्रिया का प्रभाव पड़ता है, हिंदी व्याकरण में दूसरा कारक। |
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कर्मठ |
विशेषण |
विशेषण |
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काम में कुशल; |
मेहनती। |
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कलंक |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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दाग, धब्बा; |
लांछन, निन्दा। |
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कल |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
आज के दिन से ठीक पहले का बीता हुआ दिन; |
आज के दिन के ठीक बाद में आने वाला दिन; |
चैन, आराम। |
मशीन, यंत्र, पुर्ज़ा। |
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कलई |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सफेद रंग का प्रसिद्ध खनिज पदार्थ, रांगा; |
चूने की पुताई, सफेदी; |
मिथ्या आचरण या दिखावटी रूप। |
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कलफ |
पुंलिंग |
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- |
चावल, अरारोट आदि को पका कर बनाई हुई पतली लेई जिसे धुले कपड़ों पर लगाकर उनकी तह कड़ी की जाती है, मांड। |
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कलम |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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लेखनी; |
चित्र बनाने की कूची; |
पेड़-पौधों की वे टहनियां जो काट कर दूसरी जगह गाड़ी या लगाई जाती हैं कि उन से उसी प्रकार के नए पेड़-पौधे उगें। |
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कलरव |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पक्षियों के चहकने का कोमल और मधुर शब्द; |
मधुर तथा रसीली ध्वनि। |
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कलश |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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धड़ा, कलसा; |
मंदिरों आदि के शिखर पर लगा हुआ घड़े के आकार का कंगूरा। |
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कलह |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
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घरेलू झगड़ा, विवाद; |
युद्ध। |
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कला |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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हुनर (आर्ट); |
चन्द्र या सूर्य का अंश। |
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कलाकार |
पुंलिंग |
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- |
- |
कला की साधना करने वाला (आर्टिस्ट)। |
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कलाबाजी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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- |
- |
सिर नीचा करके उलट जाने की क्रिया या खेल; |
कलापूर्ण ढंग से दिखाए जाने वाले अद्भुत शारीरिक खेल। |
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कलियुग |
पुंलिंग |
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पुराणानुसार चार युगों में से चौथा युग जो आजकल चल रहा है। |
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कली |
स्त्रीलिंग |
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फूल का वह आरंभिक रूप जिसमें पंखुड़ियां खिली या खुली न हो। |
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कलुष |
पुंलिंग |
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पातक, पाप। |
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कलेजा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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यकृत, जिगर, दिल; |
जीवट, साहस। |
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कल्पना |
स्त्रीलिंग |
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- |
वह क्रियात्मक मानसिक शक्ति जो अन्त:करण में अवास्तविक वस्तुओं के स्वरूप को उपस्थित करके काव्य, चित्र आदि के रूप में अभिव्यक्त होती है। |
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कल्प-वृक्ष |
पुंलिंग |
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पुराणानुसार देवलोक का एक वृक्ष जो सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला होता है। |
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कल्याण |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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हित, भलाई, समृद्धि; |
मंगल, शुभ। |
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कवि |
पुंलिंग |
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वह जो कविता या काव्य की रचना करता हो। |
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कविता |
स्त्रीलिंग |
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लय प्रधान तथा शब्द-बद्ध साहित्यिक रचना जो प्राय: छंदों में होती है, काव्य। |
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कष्ट |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
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पीड़ा; |
मुसीबत, आपत्ति; |
मेहनत, श्रम। |
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कसना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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- |
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बन्धन कड़ा करना; |
सोने की जाँच के लिए उसकी परीक्षा करना। |
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कसबा (कस्बा) |
पुंलिंग |
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- |
- |
छोटा शहर। |
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कसम |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
धर्म ईश्वर आदि को साक्षी मान कर कही जाने वाली बात, शपथ। |
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- |
- |
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कसर |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
कमी, न्यूनता; |
दोष, विकार। |
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कसरत |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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- |
स्वास्थ्य की रक्षा तथा सुधार के लिए की जाने वाली आंगिक अथवा शरीरिक क्रियाएँ, व्यायाम; |
परिश्रम, आयास। |
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कसाई |
पुंलिंग |
- |
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पशुओं आदि की हत्या करके उनके मांस को बेचने का व्यवसाय करने वाला, बूचड़। |
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- |
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कसूर (कुसूर) |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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दोष, अपराध; |
त्रुटि, भूल। |
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कसैला |
विशेषण |
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जिसके स्वाद से जीभ में हल्की ऐंठन या कुछ तनाव हो। आंवले, फिटकरी, सुपारी आदि के स्वाद-का सा, कषाय। |
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कसौटी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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एक प्रकार का काला पत्थर जिस पर रगड़ कर सोने की परख की जाती है; |
महत्व या मूल्य आंकने का कोई मानक आधार। |
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- |
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कस्तूरी |
स्त्रीलिंग |
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- |
एक प्रसिद्ध सुगंधित पदार्थ जो एक विशेष मृग की नाभि के पास थैली में पाया जाता है, (मस्क)। |
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कहकहा |
पुंलिंग |
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जोर की हंसी, ठहाका। |
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कहना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
शब्द द्वारा भाव व्यक्त करना; |
सूचना देना अथवा घोषणा करना; |
समझाना-बुझाना। |
कथन, बात; |
आदेश।
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कहाँ |
क्रिया विशेषण |
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किस स्थान पर? किस स्थिति में? किस अवसर पर? |
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कहानी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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कथा, किस्सा; |
मनगढंत बात। |
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कहावत |
स्त्रीलिंग |
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ऐसा बंधा हुआ लोक-प्रचलित कथन या वाक्य जिसमें कोई तथ्य या अनुभव की बात संक्षेप में चामत्कारिक ढंग से कही गई हो (प्रोवर्ब)। |
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काँखना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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मल-त्याग के समय आँतों या पेट को इस प्रकार कुछ जोर से दबाना कि मुँह से 'आह' या 'ऊँह' शब्द निकले; |
कठिन या विशेष परिश्रम का काम करते समय उक्त प्रकार की चेष्टा या शब्द करना। |
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कांच |
पुंलिंग |
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शीशा। |
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कांटा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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विशिष्ट प्रकार के पेड़-पौधों की डालियों आदि पर निकले हुए सुई की तरह नुकीले और कड़े अंकुर, कंटक; |
तराजू; |
धातु का एक उपकरण जिससे खाने की चीज़ें उठाकर खाई जाती हैं। |
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कांति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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चमक, आभा; |
शोभा, सौन्दर्य। |
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कांपना |
अकारात्मक क्रिया |
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क्रोध, भय, शीत आदि के कारण शरीर का रह-रह कर हिलना, थरथराना। |
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कागज |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सन, बाँस चीथड़े आदि की लुगदी से बनाया गया पत्र जो लिखने-छापने आदि के काम आता है (पेपर); |
ऐसा आवश्यक पत्र, प्रलेख आदि जिसका विधिक महत्व हो। |
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काजल |
पुंलिंग |
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तेल, घी आदि के जलने से होने वाले धुँए की कालिख जो सुरमे की तरह लाभ या सुन्दरता के लिए आँख में लगाई जाती है; अंजन। |
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काट-छांट |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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किसी वस्तु का फालतू अंश काट कर अलग कर देने अथवा निकाल देने की क्रिया या भाव; |
कमी-बेशी, घटाव, बढ़ाव। |
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काटना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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औज़ार या शस्त्र आदि की धार से किसी वस्तु के दो या अधिक टुकड़े करना; |
डंक मारना या दांत गड़ा कर घाव कर देना; |
कलम की लकीर से किसी लिखावट को रद्द करना; |
खंडन करना, अमान्य ठहराना। |
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काठ |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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लकड़ी, काष्ठ; |
जलाने की लकड़ी, ईंधन। |
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काढ़ना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी वस्तु के भीतर से कोई चीज बाहर निकालना, निकालना; |
पत्थर, लकड़ी या कपड़े आदि पर बेल-बूटे बनाना। |
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कातना |
सकारात्मक क्रिया |
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रूई, ऊन, रेशम आदि बट कर धागा बनाना। |
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काना |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसकी एक आंख खराब या विकृत हो गई हो या फूट गई हो; |
वे फल आदि जिनका कुछ भाग कीड़ों आदि ने खा लिया हो। |
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कानून |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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राज्य नियम, विधि; |
किसी वर्ग या समाज में प्रचलित सर्वमान्य नियम या रूढ़ियाँ। |
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काफी |
विशेषण |
स्त्रीलिंग |
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पर्याप्त, यथेष्ट। |
एक प्रकार का पेय, कहवा। |
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काम |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
अपने-अपने विषयों के भोग की ओर होने वाली इंद्रियों की स्वाभाविक प्रवृति; |
इच्छा, अभिलाषा, कामना; |
कार्य, कृत्य; |
धंधा, व्यापार, नौकरी; |
वास्ता, मतलब।
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कामधेनु |
स्त्रीलिंग |
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पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध गौ जो सब प्रकार की कामनाएँ पूरी करने वाली मानी गई है, सुरभी (सुरभि)। |
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कामना |
स्त्रीलिंग |
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अभीष्ट, हार्दिक इच्छा। |
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कामयाब |
विशेषण |
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जिसे सफलता प्राप्त हुई हो, सफल। |
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कायम |
विशेषण |
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स्थिर, पक्का, दृढ़। |
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कायर |
विशेषण |
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उत्साह, बल या साहस से रहित, भीरू, डरपोक। |
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कायाकल्प |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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जिस क्रिया या व्यवस्था से काया की पूरी तरह शुद्धि हो जाए और वह अपना काम ठीक तरह से करने लगे; |
औषध के प्रभाव से वृद्ध शरीर को पुन: तरुण और सबल करने की क्रिया या चिकित्सा। |
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कारखाना |
पुंलिंग |
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- |
वह स्थान जहाँ यंत्रों आदि की सहायता से किसी वस्तु का वांछित परिमाण में उत्पादन किया जाता है। |
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कारण |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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प्रेरक घटना या परिस्थिति; |
हेतु, उद्देश्य, प्रयोजन, वजह। |
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- |
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कारतूस |
पुंलिंग |
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बंदूक, रिवाल्वर आदि में रखकर चलाई जाने वाली धातु, दफ्ती आदि की बनी हुई खोली, जिसमें धातु की गोली और बारूद भरा होता है। |
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कारस्तानी (करिस्तानी) |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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किसी को हानि पहुँचाने के उद्देश्य से गुप्त रूप से की हुई कोई युक्ति, चालबाजी; |
अनुचित काम, करतूत। |
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कारावास |
पुंलिंग |
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बंदीगृह में रहने का दंड। |
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कारीगर |
पुंलिंग |
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छोटे-मोटे उपकरणों की सहायता से वस्तुओं की रचना या मरम्मत करने वाला (आर्टीजन)। |
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कार्य |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह जो किया जाए या किया गया हो, काम; |
व्यवसाय, धंधा, नौकरी। |
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कार्यकर्त्ता |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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काम करने वाला व्यक्ति; |
कर्मचारी। |
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कार्यकारिणी |
स्त्रीलिंग |
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- |
किसी संस्था आदि का कार्य चलाने वाली समिति। |
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कार्यक्रम |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी उद्देश्य से किए जाने वाले कार्यें की पहले से तैयार की गई क्रम-सूची; |
उक्त सूचि के अनुसार होने वाला कार्य। |
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कार्यपालिका |
स्त्रीलिंग |
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शासन का वह विभाग जो संसद द्वारा पारित विधियों को कार्य रूप में परिणत करता तथा उनका निष्पादन करता हो (एक्जेक्टिव)। |
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कार्यवाही (कार्रवाई) |
स्त्रीलिंग |
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किसी कार्य के संपादन के समय होने वाली या की जाने वाली आवश्यक क्रियाएँ; |
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कार्यालय |
पुंलिंग |
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- |
वह स्थान या भवन जहाँ कार्य विशेष के निर्वाह के लिए कुछ लोग नियमित रूप से काम करते हैं, दफ्तर। |
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काल |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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समय; |
मौत, मृत्यु; |
क्रियाओं से सूचित वह तत्व जिससे किसी घटना या बात के घटित होने के समय ज्ञान होता है। |
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काला |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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- |
जो काले रंग का हो, कृष्ण, श्याम; |
जिसमें प्रकाश न हो, अंधकार पूर्ण; |
अनुचित, कलंकित, लांछित। |
- |
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काला बाजार |
पुंलिंग |
- |
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- |
- |
कानून-विरोधी व्यापार (ब्लैक मार्किट) |
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कालीन |
पुंलिंग |
विशेषण |
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- |
- |
ऊन, सूत आदि का बना हुआ एक प्रकार का मोटा बिछावन जिस पर रंग-बिरंगे बेल-बूटे आदि होते हैं, गलीचा। |
काल विशेष से संबधित या उसमें होने वाला। |
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काल्पनिक |
विशेषण |
विशेषण |
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मनगढ़ंत; |
कल्पित, कल्पनाप्रसूत। |
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काव्य |
पुंलिंग |
- |
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- |
- |
पद्यात्मक साहित्यिक रचना, कविता आदि। |
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काश्तकार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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- |
- |
किसान, खेतिहर; |
वह व्यक्ति जिसने जमींदार को लगान देकर उसकी जमीन पर खेती करने का स्वत्व प्राप्त किया हो। |
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काष्ट |
पुंलिंग |
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लकड़ी, काठ। |
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किताब |
स्त्रीलिंग |
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- |
पुस्तक, ग्रंथ। |
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किनारा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी वस्तु का अंतिम छोर, सिंरा; |
नदी या समुद्र का छोर, तट। |
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किफायत |
स्त्रीलिंग |
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किसी चीज के उपयोग में या व्यय में की जाने वाली कमी, बचत। |
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किरकिरा |
विशेषण |
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वह वस्तु जिसमें महीन और कड़े कंकड, बालू आदि के कण मिले हों। |
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किराना |
पुंलिंग |
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पंसारी या बनिए की दुकान में मिलने वाला समान-दाल, मसालें आदि। |
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किराया |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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भाड़ा; |
किसी की अचल संपत्ति का उपयोग करने के बदले में उसे दिया जाने वाला धन। |
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किरायेदार |
पुंलिंग |
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किसी की अचल संपत्ति किराये पर लेने वाला व्यक्ति। |
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किलकारी |
स्त्रीलिंग |
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- |
बच्चे की हर्ष ध्वनि। |
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किला |
पुंलिंग |
- |
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दुर्ग, गढ़। |
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किवाड़ |
पुंलिंग |
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दरवाजे का पल्ला, कपाट। |
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किशोर |
विशेषण |
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बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का अर्थात् ग्यारह से पंद्रह वर्ष तक की अवस्था का बालक। |
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किसान |
पुंलिंग |
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- |
खेती करने वाला, कृषक। |
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किस्त |
स्त्रीलिंग |
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- |
किसी ऋण या देनदारी का वह भाग जो किसी निश्चित समय पर दिया जाय (इनस्टालमैंट)। |
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किस्म |
स्त्रीलिंग |
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प्रकार, गुण, धर्म। |
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किस्सा |
पुंलिंग |
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विवरणात्मक रूप में लिखी या कही गई घटना, कहानी, वृत्तांत। |
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कीचड़ |
पुंलिंग |
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पानी मिली धूल या मिट्टी, पंक, कर्दम। |
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कीट |
पुंलिंग |
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रेंगने या उड़ने वाला छोटा जीव, कीड़ा। |
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कीटाणु |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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- |
बहुत छोटे कीड़े; |
ऐसे बहुत छोटे कीड़े जो कई प्रकार के रोगों के मूल कारण माने जाते हैं। |
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- |
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कीडा |
पुंलिंग |
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- |
उड़ने या रेंगने वाला छोटा जंतु, कीट। |
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कीमत |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
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दाम, मूल्य; |
महत्व। |
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कीमती |
विशेषण |
विशेषण |
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- |
- |
अधिक कीमत या मूल्य का, मूल्यवान; |
महत्त्वपूर्ण। |
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कीर्ति |
स्त्रीलिंग |
- |
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यश, ख्याति। |
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कुंज |
पुंलिंग |
- |
- |
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- |
झाड़ियों, लताओं आदि से घिरा हुआ, प्राय: गोलाकार स्थान। |
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कुंजी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
वह उपकरण जिससे ताला खोला और बंद किया जाता है, चाबी, ताली; |
ऐसी सहायक पुस्तक जिसमें किसी दूसरी कठिन पुस्तक के अर्थ स्पष्ट किए गए हों; |
ऐसा सरल साधन जिससे कोई उद्देश्य सहज में सिद्ध हो। |
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कुंभ |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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धातु, मिट्टी आदि का बना पानी रखने का एक पात्र, घड़ा, कलश; |
ज्योतिष में ग्यारहवीं राशि; |
प्रति बारहवें वर्ष मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध पर्व जो सूर्य और बृहस्पति की कुछ विशेष राशियों में प्रविष्ट होने के समय आता है। |
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कुकर्म |
पुंलिंग |
- |
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- |
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बुरा काम, निंदनीय कर्म। |
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कुचक्र |
पुंलिंग |
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- |
- |
- |
किसी को हानि पहुंचाने के लिए बनाई गई छलपूर्ण योजना। |
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कुचलना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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- |
किसी पदार्थ को इस प्रकार पीसना कि वह बिलकुल महीन हो जाए; |
आघात, प्रहार आदि से दबा कर घायल या बेकार कर देना; |
रौंदना। |
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कुछ |
विशेषण |
क्रिया विशेषण |
सर्वनाम |
सर्वनाम |
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थोड़ी संख्या या मात्रा का, अल्प, कम जरा-सा, थोड़ा-सा। |
अज्ञात, अनिर्दिष्ट या अनिश्चित परिणाम, मात्रा या रूप में। |
कोई अज्ञात अनिर्दिष्ट या अनिश्चित वस्तु या बात; |
कोई हानिकारक चीज या बात। |
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कुटिया |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
घास-फूस का बना छोटा मकान या घर, झोंपड़ी, कुटी; |
साधु-संतों आदि के रहने की झोंपड़ी। |
- |
- |
-
|
कुटिल |
विशेषण |
विशेषण |
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टेढ़ा; |
मन में छल, कपट, द्वेष आदि रखने और छिपकर बदला लेने वाला, कपटी, दुष्ट। |
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- |
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कुटीर-उद्योग |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
ऐसे छोटे-मोटे काम जिन्हें लोग घर में ही करके जीविका निर्वाह के लिए धन कमा सकते हैं, घरेलू-उद्योग। |
- |
- |
- |
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कुटुंब |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
परिवार। |
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- |
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कुढ़ना |
अकारात्मक क्रिया |
- |
- |
- |
- |
मन ही मन दुखी और विकल होना। |
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कुतरना |
सकारात्मक क्रिया |
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- |
दांत से छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में काटना। |
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- |
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|
कुतूहल |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
किसी नई और अनोखी चीज को जानने के लिए मन में होने वाली प्रबल इच्छा, जिज्ञासा; |
आश्चर्य। |
- |
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कुप्पी |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
तेल, चिकनाई आदि रखने या डालने के लिए छोटा पात्र। |
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-
|
कुबड़ा |
पुंलिंग |
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- |
ऐसा व्यक्ति जिसकी पीठ टेढ़ी हो गई हो या झुकी हुई हो (हंच बैक)। |
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कुमकुम |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
केसर; |
रोली। |
- |
- |
-
|
कुमुदिनी |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
एक प्रकार का पौधा जिसमें कमल की तरह के सफेद पर छोटे-छोटे फूल लगते हैं तथा जो रात में खिलते हैं, कुई। |
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कुम्हलाना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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- |
- |
मुरझाना; |
चेहरे का रंग फीका पड़ना। |
- |
- |
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कुल |
पुंलिंग |
विशेषण |
- |
- |
- |
खानदान, घराना, वंश। |
पूरा सारा। |
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- |
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|
कुल देवता |
पुंलिंग |
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- |
वह देवता जिसकी पूजा किसी कुल में परम्परा से होती आई हो। |
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कुलीन |
विशेषण |
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उच्च कुल में उत्पन्न, ख़ानदानी। |
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- |
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कुल्हड़ |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
मिट्टि का बना हुआ छोटा पात्र। |
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- |
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कुशल |
विशेषण |
विशेषण |
पुंलिंग |
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- |
चतुर, होशियार; |
जिसने कोई काम अच्छी तरह करने की शिक्षा पाई हो, प्रशिक्षित (स्किल्ड)। |
खैरियत, राजी-खुशी। |
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कुश्ती |
स्त्रीलिंग |
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- |
एक प्रसिद्ध भारतीय खेल जिसमें दो व्यक्ति अपने शारीरिक बल तथा दांव-पेच से एक दूसरे को चित करने का पयत्न करते हैं (रैस्लिंग)। |
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कुष्ठ |
पुंलिंग |
- |
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- |
एक संक्रामक रोग जिसमें शरीर की त्वचा, नसें आदि सड़ने-गलने लगती है; कोढ़। |
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कुसुम |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
पुष्प, फूल। |
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कूंची (कूची) |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
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- |
चित्रकार की वह कलम जिससे वह चित्रों में रंग आदि भरता है, तूलिका; |
मूंज आदि का बनाया हुआ एक प्रकार का ब्रुश जिससे दीवारों पर पुताई की जाती है। |
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कूंआ (कुआं, कुवां) |
पुंलिंग |
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- |
पानी निकालने के लिए जमीन में खोदा हुआ गहरा तथा गोल गड्ढा, कूप। |
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कूटना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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- |
किसी चीज को महीन करने के लिए उस पर भारी वस्तु से बार-बार मार करना; |
ठोंकना, पीटना; |
भूसी अलग करने के लिए धान को ऊखल (ओखली) में रख कर मूसल आदि से उस पर बार-बार आघात करना। |
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कूटनीति |
स्त्रीलिंग |
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- |
व्यक्तियों या राष्ट्रों के पारस्परिक व्यवहार में दांव-पेच की नीति, छिपी हुई चाल। |
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कूदना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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किसी ऊँचे स्थान से नीचे स्थान की ओर बिना किसी सहारे के छलांग लगाना; |
किसी काम या बात के बीच झट आ पहुंचना या दखल देना। |
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कृतघ्न |
विशेषण |
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- |
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उपकार को न मानने वाला |
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कृतज्ञ |
विशेषण |
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- |
उपकार को मानने वाला |
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कृतार्थ |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसका उद्देश्य सिद्ध हो गया हो; |
जो अपने उद्देश्य के सिद्ध हो जाने के कारण संतुष्ट हो। |
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कृत्रिम |
विशेषण |
विशेषण |
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जो प्राकृतिक न हो, मानव निर्मित; |
बनावटी, दिखावटी। |
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कृपा |
स्त्रीलिंग |
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अनुग्रह, दया। |
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कृषि |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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खेतों को जोतने-बोने और उनमें अन्न आदि उपजाने का काम, खेती-बारी; |
फसल। |
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केंद्र |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी गोले या वृत के बीच का वह बिंदु जिससे उस गोले या वृत की परिधि का प्रत्येक बिंदु बराबर दूरी पर पड़ता है (सेंटर); |
मध्य भाग; |
वह मूल या मुख्य स्थान जहाँ से चारों ओर दूर-दूर तक फैले हुए कार्यों की व्यवस्था तथा संचालन होता है। |
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केवल |
विशेषण |
क्रिया विशेषण |
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जिसका या जितने का उल्लेख किया जाए वही या उतना ही। |
मात्र, सिर्फ |
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केश |
पुंलिंग |
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सिर के बाल। |
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कै |
स्त्रीलिंग |
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उलटी, वमन। |
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कैद |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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अपराधियों को दंड देने के लिए बंद स्थान में रखना, कारावास; |
बंधन। |
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कैदी |
पुंलिंग |
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वह जिसे कैद अर्थात् बंधन में रखा गया हो, बंदी। |
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कोंपल |
स्त्रीलिंग |
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पेड़-पौधों आदि में से निकलने वाली नई मुलायम पत्तियाँ, कल्ला। |
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कोई |
सर्वनाम |
विशेषण |
क्रिया विशेषण |
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दो या दो से अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों आदि में से ऐसी वस्तु या व्यक्ति, जिसका निश्चित उल्लेख या परिज्ञान हो। |
न जाने कौन एक, बहुतों में से चाहे जो एक |
लगभग। |
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कोठरी |
स्त्रीलिंग |
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छोटा कमरा। |
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कोठी |
स्त्रीलिंग |
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बहुत बड़ा, ऊँचा और पक्का मकान। |
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कोतवाल |
पुंलिंग |
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पुलिस का वह प्रधान कर्मचारी जिसके अधीन कई थाने और बहुत-से सिपाही होते हैं। |
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कोतवाली |
स्त्रीलिंग |
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कोतवाल का मुख्यालय। |
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कोमल |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसके देखने, सुनने अथवा स्पर्श से प्रिय अनुभूति तथा सुखद संवेदन होता हो; |
जो सहज में काटा, तोड़ा या मोड़ा जा सके। |
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कोरा |
विशेषण |
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जो अभी तक उपयोग या व्यवहार में न लाया गया हो, बिलकुल ताजा और नया। |
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कोलाहल |
पुंलिंग |
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बहुत से लोगों के बोलने अथवा चीखने-चिल्लाने से होने वाला घोर शब्द, शोर। |
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कोल्हू |
पुंलिंग |
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बीजों आदि को पैर कर उनका तेल और गन्ने आदि पेर कर रस निकालने का एक यंत्र। |
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कोश (कोष) |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह ग्रंथ जिसमें किसी विशेष क्रम से शब्द और उनके अर्थ दिए हों, शब्द कोश; |
इकट्ठा किया हुआ धन आदि। |
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कोशकार |
पुंलिंग |
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शब्द कोश के लिए शब्दों का संग्रह तथा उनका संपादन करने वाला। |
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कोशिश |
स्त्रीलिंग |
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प्रयत्न, चेष्टा। |
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कोषाध्यक्ष |
पुंलिंग |
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वह कर्मचारी जिसके पास कोष रहता है, खजांची। |
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कोष्ठक |
पुंलिंग |
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(), [ ] और { } चिह्नो में से कोई एक जिसमें अंक शब्द, पद आदि विशेष स्पष्टीकरण के लिए संकेत रूप में अथवा ऐसे ही किसी और उद्देश्य से रखे जाते हैं। |
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कोसना |
अकारात्मक क्रिया |
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सताये जाने पर किसी की अशुभ कामना करना। |
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कौंधना |
अकारात्मक क्रिया |
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कुछ क्षणों के लिए (बिजली का) चमकना। |
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कौतुक |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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ऐसी अद्भुत या विलक्षण बात जिसे देखकर आश्चर्य भी हो और जिसे जानने की उत्सुकता भी हो; |
मनोविनोद, दिल्लगी। |
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कौन |
सर्वनाम |
सर्वनाम |
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एक प्रश्नवाचक सर्वनाम जो किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त होता है; |
कोई व्यक्ति। |
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क्या |
सर्वनाम |
क्रिया विशेषण, अव्यय |
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एक प्रश्नवाचक सर्वनाम जो उद्दिष्ट या अभिप्रेत वस्तु, किसी तथ्य, स्थिति आदि के संबंध में जिज्ञासा का भाव व्यक्त करता है या उसकी ओर संकेत करता है; |
आश्चर्यजनक प्रसंगों में किसी प्रकार का आधिक्य या श्रेष्ठता सूचित करने वाला तथा उपेक्षासूचक प्रसंगों में तुच्छता या हीनता का बोध कराने वाला। |
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क्यों |
क्रिया विशेषण |
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किसी उद्देश्य, अधिकार अथवा कारण से, किसलिए। |
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क्योंकि |
अव्यय |
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कारण यह है कि, इसलिए कि। |
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क्रम |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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कोई नियत या निश्चित पद्धति, तरतीब, सिलसिला; |
उचित रूप या ठीक तरह से काम करने का ढंग। |
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क्रमश: |
क्रिया विशेषण |
क्रिया विशेषण |
क्रिया विशेषण |
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नियत क्रम के अनुसार, सिलसिलेवार; |
एक-एक करके, बारी-बारी से (रेस्पेक्टिवली); |
थोड़ा-थोड़ा करके। |
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क्रय |
पुंलिंग |
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मोल लेने या खरीदने की क्रिया या भाव, खरीद। |
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क्रांति |
स्त्रीलिंग |
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एक दशा से दूसरी दशा में भारी परिवर्त्तन। |
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क्रांतिकारी |
पुंलिंग, विशेषण |
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क्रांति का प्रयत्न करने वाला। |
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क्रिया |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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कोई कार्य चलते या होते रहने की अवस्था या भाव; |
कोई काम करने का ढंग या विधि; |
व्याकरण में वे शब्द जो किसी कार्य, घटना आदि के होने या किये जाने के वाचक होते हैं। |
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क्रीड़ा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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आमोद-प्रमोद; |
खेलकूद। |
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क्रूर |
विशेषण |
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निर्मम तथा हिंसक कार्य करने वाला, निर्दय। |
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क्रोध |
पुंलिंग |
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किसी के अनुचित या अन्यायपूर्ण काम के फलस्वरूप मन में उत्पन्न होने वाला उग्र तथा तीक्ष्ण मनोविकार, कोप, गुस्सा। |
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क्लेश |
पुंलिंग |
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कष्ट पूर्ण मानसिक स्थिति, मनोव्यथा। |
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क्षण |
पुंलिंग |
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काल का एक बहुत छोटा परिमाण। |
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क्षति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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आघात या चोट लगने से होने वाला घाव; |
हानि, घाटा। |
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क्षतिपूर्ति |
स्त्रीलिंग |
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हानि या घाटे का पूरा होना। |
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क्षत्रिय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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हिन्दुओं के चार वर्णों में से दूसरा वर्ण; |
उक्त वर्ण का पुरुष। |
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क्षमता |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सामर्थ्य; |
कोई काम करने का गुण या पात्रता; |
ग्रहण या धारण करने की पात्रता (कैपेसिटी)। |
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क्षमा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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मन की वह भावना या वृत्ति जिससे मनुष्य दूसरे के द्वारा पहुँचाया हुआ कष्ट चुपचाप सहन कर लेता है और कष्ट पहुँचाने वाले के प्रति मन में कोई विकार नहीं आने देता; |
किसी दोषी या अपराधी को बिना किसी प्रतिकार के छोड़ देने का भाव, माफ़ी। |
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क्षय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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क्रमश: तथा प्रकृतिश: होने वाला ह्रास; |
नाश; |
यक्ष्मा नामक रोग। |
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क्षितिज |
पुंलिंग |
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पृथ्वी तल के चारों ओर की वह कल्पित रेखा या स्थान जहाँ पर पृथ्वी और आकाश एक दूसरे से मिलते हुए जान पड़ते हैं (होराइजन)। |
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क्षुधा |
स्त्रीलिंग |
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भोजन करने की इच्छा, भूख। |
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क्षेत्र |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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जोता-बोया जाने वाला भूमि-खंड़, खेत; |
प्राकृतिक, भौगोलिक, राजनीतीक आदि दृष्टियों से निर्दिष्ट भूभाग। |
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क्षेत्रफल |
पुंलिंग |
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किसी क्षेत्र की लम्बाई और चौड़ाई को गुणन करने से निकलने वाला वर्गात्मक परिमाण, रकबा (एरिया।) |
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