विचारना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विचारना क्रि॰ अ॰ [सं॰ विचार + हिं॰ ना (प्रत्य॰)]

१. विचार करना । सोचना । समझना । गौर करना । उ॰—(क) कृष्णदेव द्वारावति अहैं । मन में बहुत विचारत रहैं ।—सबल (शब्द॰) । (ख) फिर मैंने यह बात विचारी की लिखने में तो कुछ अधिक अनर्थ नहीं होता ।—श्रद्धाराम । (शब्द॰) । (ग) आजु ही अजादवी धरा करौं विचारि कै ।—गोपाल (शब्द॰) (घ) रचो विरंचि विचार तहँ, नृपमणि मधुकर शाहि ।—केशव (शब्द॰) ।

२. पूछना ।

३. ढूँढ़ना । पता लगाना । उ॰—तुलसी तेहि अवसर लावनता दस चारि नव तीनि एकीस सबै । मति भारति पंगु भई जो निहारि विचारि फिरी उपमा न पवै ।—तुलसी (शब्द॰) ।