विचित्तर † वि॰ [सं॰ विचित्र, प्रा॰ विचित्त] दे॰ 'विचित्र' । उ॰—कभी नागा नहीं करती थी अक्सर । चतुर सब औरताँ में थी विचित्तर ।—दक्खिनी॰, पृ॰ २४६ ।