विच्छिन्न

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विच्छिन्न ^१ वि॰ [सं॰]

१. जो काट या छेदकर अलग कर दिया गया हो । जिसका अपने मूल अंग के साथ कोई संबंध न रह गया हो । विभक्त ।

२. जुदा । अलग । उ॰—बंगनिवासी इससे विच्छिन्न नहीं हुए वरच और युक्त हो गए ।—शिवशंभु (शब्द॰) ।

३. जिसका विच्छेद हुआ हो ।

४. जिसका अंत हा गया हो ।

५. कुटिल ।

६. विभिन्न रंगों से युक्त (को॰) ।

७. लुप्त । तिरोहित (को॰) ।

८. उबटन आदि से लेपित (को॰) ।

९. जिसका निवारण किया गया हो । यौ॰—विच्छिन्नप्रसार=जिसकी प्रगति का प्रसार निरुद्ध हो गया हो । विच्छिनमद्य= वह जिसने बहुत दिनों से मदिरापान बंद कर दिया हो ।

विच्छिन्न ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] योग में अस्मिता' राग, द्वेष और अभिनि- वेश इन चारों क्लेशों की वह अवस्था जिसमें बीच में उनका विच्छेद हो जाता है । वह बीच की अवस्था जिसमें कोई क्लेश वर्तमान नहीं रहता,पर जिससे कुछ पहले और कुछ बाद वह वर्तमान रहता है ।