विदेह
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विदेह ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह जो शरीर से रहित हो ।
२. वह जिसकी उत्पत्ति माता पिता से न हो । जैसे,—देवता आदि ।
३. ज्ञानी एवं देहवाद को अधिक महत्व न देनेवाले राजा जनक का एक नाम । विशेष दे॰ 'जनक' ।
४. राजा निमि का एक नाम । विशेष दे॰ 'निमि' ।
५. प्राचीन मिथिला का एक नाम ।
६. इस देश के निवासी ।
विदेह ^२ वि॰ [सं॰] ज्ञानशून्य । संज्ञारहित । बेसुध । अचेत । उ॰— (क) मूरति मधुर मनोहर देखी । भयउ विदेह विदेहु बिसेखी ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) देखि भरत कर सोच सनेहु । भा निषाद तेहि समध बिदेहू ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) कौन ले आई कौने चरन चलाई, कौने बहियाँ गही सो धौ केही री । सूरदास प्रभु देखे सुधि रही नहिं, अति विदेह भई अब मैं बूझनि तोही री ।—सूर (शब्द॰) ।
२. मृत (को॰) ।
३. विरागी । उदासीन (को॰) ।
४. शरीररहित । कामशून्य ।