विधेय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विधेय वि॰ [सं॰]

१. विधान के योग्य । जिसका विधान या अनुष्ठान उचित हो । जिसका करना उचित हो । कर्तव्य ।

२. जिसका विधान हो या होनेवाला हो । जो किया जाय या किया जानेवाला हो ।

३. जो नियम या विधि द्वारा जाना जाय । जिसके करने का नियम या विधि हो ।

४. वचन या आज्ञा के वशीभूत । अधीन ।

५. वह (शब्द या वाक्य) जिसके द्वारा किसी के संबंध में कुछ कहा जाय । जैसे,—'गोपाल सज्जन है' इस वाक्य में 'सज्जन है' विधेय है; क्योंकि वह गोपाल के संबंध में कुछ विधान करता है, अर्थात् उसकी कोई विशेषता बताता है । विशेष—न्याय और व्याकरण में वाक्य के दो मुख्य भाग माने जाते हैं—उद्देश्य और विधेय । जिसके संबंध में कुछ कहा जाता है (अर्थात् कर्ता), वह उद्देश्य कहलाता है; और जो कुछ कहा जाता है, वह 'विघेय' कहलाता है ।

६. आश्रित । निर्भर (को॰) ।

७. प्राप्य (को॰) ।

८. प्रज्वलित करने योग्य (को॰) ।

विधेय संज्ञा पुं॰

१. वह जो किया जाना चाहिए । कर्तव्य कर्म । प्रतिज्ञा या प्रस्थापन की उक्ति ।

३. सेवक । भृत्य [को॰] ।