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विपत्ति

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विपत्ति और कठिनाई में धीरचित्त । जैसे—यह कड़ए जी के आदमी का काम है ।

२. तीक्ष्ण । झालदार । जैसे, कड़आ तमाकु, कड़आ तेल ।

३. तीखी प्रकृति का । गुस्सैल । तुदमिजाज । झल्ला । अक्खड़ । जैसे, —कडुआ आदमी । उ॰—कड़ुए से मिलिए, मीठे से डरिए । मुहा॰—कड़ुआ होना=नाराजा होना । बिगड़ना । जैसे, —इतनी ही बात पर वे मुझसे कड़ुए हो गए ।

४. क्रोध से भरा । जैसे कड़ुआ मिजाज, कड़ुई निगाह । क्रि॰ प्र॰—होना=नाराज होना । बिगड़ना ।

५. अप्रिय । जो भला न मालूम हो । जो न भावे । जैसे, — कड़ई बात । मुहा॰—कड़ुआ करना=(१) धन बिगाड़ना । रुपए लगाना । जैसे, —जहाँ इतना खर्च किया वहाँ दो रुपए और कड़ुए करेंगे । (२) कुछ दाम खड़ा करना । औने पौने करना । जैसे, — माल बहुत दिनों से पड़ा था, (५) कड़ुए किए । कड़ुवा मुँह= वह मुँह जिससे कटु शब्द निकले । कटुभाषी मुख । उ॰— खीरा को मुँख काटि कै मलियत लोन लगाय । रहिमन कड़ुए मुखन को चहिए यही उपाय ।—रहीम (शब्द॰) । कड़ुआ होना=बुरा बनना । जैसे,—तुम क्यों सबसे कड़ुए होते हो?

६. विकटय़ टेढ़ा । कठिन । जैसे,—उस पार जाना जरा कड़ुआ काम है । मुहा॰—कड़ुए कसैले दिन=(१) बुरे दिन । कष्ट के दिन । (२) दोरसे दिन जिनमें रोग फैलता है ।—जैसे, —क्वार, कातिक या फागुन, चैत । (३) गर्भ का आठवाँ महीना जिसमें गर्भ गिरने का भय रहता है । कड़ुआ घूँट=कठिन काम ।

विपत्ति ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. कष्ट, दुःख या शोक की प्राप्ति । भारी रंज या तक्लीफ का आ पड़ना । आफत ।

२. क्लेश या शोक की स्थिति । रंज या तकलीफ की हालत । संकट की अवस्था । बुरे दिन । जैसे,—विपत्ति में कोई साथी नहीं होता । क्रि॰ प्र॰—आना ।—पड़ना । मुहा॰—विपत्ति उठाना=संकट या कष्ट सहना । रंज या तकलीफ बरदाश्त करना । विपत्ति काटना=संकट या कष्ट के दिन बिताना । रंज या तकलीफ में रहना । विपत्ति झेलना=कष्ट या शोक सहना । (किसी पर) विपत्ति डालना=(किसी को) शोक या दुःख पहुँचाना । किसी को रंज या तकलीफ में डालना । (किसी पर) विपत्ति ढहना=सहसा कोई दुःख या शोक उपस्थित होना । एक बारगी आफत आना । विपत्ति में डालना=संकट या दुःख की अवस्था में करना । विपत्ति में पड़ना=शोक, दुःख या संकट की दशा को प्राप्त होना । विपत्ति भुगतना या भोगना=शोक, दुःख या संकट सहना ।

३. कठिनाई । झंझट । बखेड़ा । मुहा॰—विपत्ति मोल लेना=व्यर्थ अपने ऊपर झंझट लेना । बखेड़े में पड़ना । विपत्ति सिर पर लेना=व्यर्थ झंझट में पड़ना । दिक्कत में पड़ना ।

४. मुत्यु । नाश । विध्वंस (को॰) ।

५. समाप्ति ।

विपत्ति ^२ संज्ञा पुं॰ श्रेष्ठ पदाति । पैदल सिपाही । प्यादा [को॰] ।