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विबोध

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विबोध संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जागरण । जागना ।

२. एक संचारी भाव । उ॰—चिंता मोह सुपन विबोध स्मृति अमर्ष गर्व उतसुक तासु अवहित्थ ठानिस ।—पद्याकर (शब्द॰) । विशेष—दे॰ साहित्यदर्पण के अनुसार 'विबोधः कार्य मार्गणम्' अर्थात् कार्य का अन्वेषण विबोध कहा जाता है । साहित्य के रसविधान में विबोध संचारी या व्यभिचारी भावों में से एक है ।

२. सम्यक् बोध । अच्छा ज्ञान ।

३. सचेत होना । जागना । सावधान होना ।

४. होश में आना ।

५. विकास । प्रफुल्लता ।

६. बुद्धि । प्रतिभा (को॰) ।

७. प्रमाद । अनवधानता (को॰) ।

८. एक पक्षी का नाम (को॰) ।