विभूति
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विभूति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. बहुतायत । वृद्धि । बढ़ती ।
२. विभव । ऐश्वर्य ।
३. संपत्ति । धन ।
४. दिव्य या अलौकिक शक्ति जिसके अंतर्गत अणिमा, महिमा, गरिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियाँ हैं । विशेष—योगदर्शन के विभूतिपाद में इसका वर्णन है कि किन किन साधनाओं से कौन कौन सी विभूतियाँ प्राप्त होती हैं ।
५. शिव के अंग में चढ़ाने की राख या भस्म । विशेष—देवी भागवत, शिवपुराण आदि में भस्म या विभूति धारण करने का माहत्म्य विस्तार से वर्णित है ।
६. भगवान् विष्णु का वह ऐश्वर्य जो नित्य और स्थायी माना जाता है ।
७. लक्ष्मी ।
८. विविध सृष्टि ।
९. एक दिव्यास्त्र जो विश्वामित्र ने राम को दिया था ।
१०. प्रभुत्व । बड़ाई ।
११. सृष्टि ।
१२. ताकत । शक्ति । महत्ता (को॰) ।
१३. प्रतिष्ठा । उच्च पद (को॰) ।
१४. विस्तार । प्रसार (को॰) ।
१५. प्रवृत्ति । प्रकृति । स्वभाव (को॰) ।