विमत्सर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] अधिक अहंकार ।उ॰—तजि काम क्रोध विमत्सरालस लोभ मोह निवारि कै । छल मल कुसंगति त्यागि मद दुरवासना सनमानि कै ।—विश्राम (शब्द॰) ।
विमत्सर ^२ वि॰ १. मत्सररहित । २. अहंकारशून्य ।