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विमान

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विमान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. आकाशमार्ग से गमन करनेवाला रथ जो देवताओं आदि के पास होता है । देवयान । जैसे, पुष्पक विमान ।

२. हवाई जहाज । वायुयान । उड़न खटोला (अँ॰ एयरोप्लेन) ।

३. मरे हुए वृद्ध मनुष्य की अर्थी जो सजधज के साथ निकाली जाती है ।

४. रथ । गाड़ी ।

५. अश्व । घोड़ा ।

६. सात खंड का मकान । सात मंजिल का घर ।

७. अपमान । अनादर ।

८. जलपोत । जहाज (को॰) ।

९. परिमाण । माप ।

१०. रामलीला आदि में सजाई हुई एक सवारी ।

११. राज- प्रासाद (को॰) ।

१२. एक प्रकार का बुर्ज या मीनार (को॰) ।

१३. उपवन । वृक्षवाटिका (को॰) ।

१४. विस्तार । फैलाव । वितति (को॰) ।

१५. सभाभवन या कक्ष (को॰) ।

१६. प्राचीन वास्तु विद्या के अनुसार वह देवमंदिर जो ऊपर की ओर गावदुम या पतला होता हुआ चला जाय । विशेष—'मानसार' नामक प्राचीन ग्रंथ के अनुसार विमान गोल, चौपहला और अठपहला होता है । गोल को 'बेसर', चौपहले को 'नागर' और अठपहले को 'द्राविड़' कहते हैं ।