विलोम

विक्षनरी से

उद्योग

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विलोम ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰विलोमी]

१. विपरीत । उलटा । प्रतिकूल । उ॰—तुम सन कही बचन कटु बागी । अपने हाथ मीच्रु वहि माँगी । कहेसि । विलोम वचन तजि ज्ञाना । यहिकर काल आय नियराना ।—सबल (शब्द॰) ।

२. प्रतिकूल या विपरीत क्रम में उत्पन्न (को॰) । ३पिछ़डा हुआ (को॰) ।

४. नियम वा रीति के विरूद्ध ।

५. केशविहीन । रोम- रहित (को॰) ।

विलोम ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सर्प ।

२. वरुण ।

३. कुत्ता ।

४. रहट ।

५. क्रमविपर्यय । उलटा क्रम (को॰) ।

६. संगीत में ऊंचे स्वर से नीचे स्वर की ओर आना । स्वर का अवरोह । उतार ।

७. ऊँचे की ओर से नीचे की ओर आना ।

विलोम काव्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह काव्य या कविता जिसके अक्षरों के उल़टकर भी पढ़ जा सके और जो पहले से भिन्न एक विशेष अर्थ दे । संस्कृत में इस प्रकार के कई काव्य प्राप्त होते हैं ।

विलोम क्रिया संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह क्रिया जो अंत्त से आदि की ओर को जाय । उलटी ओर से होनेवाली क्रिया ।