विल्व
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
विल्व संज्ञा पुं॰ [सं॰] बेल वृक्ष । बेल का पेड़ ।
विल्व तैल संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैद्यक में एक प्रकार का तेल । विशेष—इसे बनाने के लिये बेल की जड़ का रस, सोंठ, मिर्च, पीपल, पीपलामूल, अपामार्ग का क्षार और जवाखार को कूटकर गोमूत्र के साथ तेल में ड़ालकर मंद आँच पर पकाते हैं । रस जलने और तेल मात्र रहने पर इसे उतार लेते हैं । कहते हैं कि इससे कान से वधिरता, कर्णस्राव, आदि रोग अच्छे हो जाते हैं ।