विवध
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
विवध संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह लकड़ी जो बैलो के कंधों पर उस समय रखी जाती है, जब उन्हें कोई वस्तु खींचकर ले जानी होती है । जुआठा ।
२. भूसे या अनाज की राशि ।
३. चौड़ी सड़क । राजमार्ग ।
४. बोझ । भार (को॰) ।
५. घट । घड़ा (को॰) ।
६. वह आय जो शासक को प्रजा या विषय से प्राप्त होता हो । राजकर (को॰) ।